तुम क्या हो? "ब्रह्मसाक्षात्कार" साधना शिविर में दिए गए दुर्लभ प्रवचनों का (भाग-6)

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  • Опубліковано 3 лют 2025

КОМЕНТАРІ • 9

  • @DharmeshAgrawal-i7i
    @DharmeshAgrawal-i7i 4 дні тому +1

    Jay shiri ram

  • @DharmeshAgrawal-i7i
    @DharmeshAgrawal-i7i 4 дні тому +1

    अगर तुम न होते तो हमको ज्ञान का सहारा न मिलता

  • @krishakumar-v9t
    @krishakumar-v9t 4 дні тому +1

    Har har Mahadev

  • @govindagrawal-u7h
    @govindagrawal-u7h 9 годин тому

    निराकार में ही आकार है आकार ही साकार है साकार में निराकार की हस्ती निराकार न होता तो उसका ये जग साकार न होता हम मान भी लेते की वो दृष्टि से परे है आखों से यदि ड्रग बिंदू की बरसात न होती जय श्री गुरुदेव जी

  • @AkhsayKumarrai
    @AkhsayKumarrai 4 дні тому

    Ram ram ram ram ram 6

  • @YuvarajKharpude
    @YuvarajKharpude 4 дні тому +1

    जय श्रीराम जय राम जय राम 🎉🎉

  • @ramchanderrao8329
    @ramchanderrao8329 4 дні тому +1

    Pujya Gurudev bhagwan ko naman Naman Naman

  • @jitendrasinghshishodia874
    @jitendrasinghshishodia874 4 дні тому

    🇮🇳 🔱 🪷 ❣️🀄❣️ 🪷 🔱 🇮🇳

  • @BhawarJangid-f8o
    @BhawarJangid-f8o 4 дні тому

    ऐसे निश्चय आई सन्ताऐसेनिश्चय आईं हो अष्ट कमल दलचरखा चाले चारो खान उपाई हो सब मे व्यापक ब्रम्हआत्मा सन्तों ने दर्शाई हो कर्म उपासना वेद शास्त्र यही एक धृडाई हो होया सन्त साख सब ही चित रमण लय लाई होवे निर्मला आपा जोवे तीनो ताप हटाई हो फेर कदापि व्याधि नहि सहज मुक्त फल पाई हो निर्भय दाता निर्भय रहता यु मेरे मन भाया हो मोह ममता नहि उपजे भंवर भवसागर तरजाईहो