बेवर खेती- दादी नाती संवाद

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  • Опубліковано 13 жов 2022
  • बैगाओं के पारंपरिक मिश्रित खेती जिसे बैगा अपनी परंपरा के अनुसार बेवर कहते हैं। बेवर एग्रो ईकोलॉजी का जागता म्यूजियम है। इस प्रकार के खेती में बैगा जनजाति पहले लगभग 52 प्रकार के बीज बोते थे। उसमें विविध प्रकार के अनाज होते थे, तो कई प्रकार के दालें भी होती थी। साथ में अनेकों किस्म के सब्जी-भाजियाँ होते थे। इसीलिए बैगा बुजुर्ग कहते हैं कि "पहले हम बारह जात के खाना खाते थे आज एक ही अनाज खाने को मिलता है।" बेवर खेती बंद होने से इनमें से कई बीज लुप्त हो चुका है। उसके साथ पारंपरिक ज्ञान भी खतम हो रहा है। इससे बैगा लोग चिंतित है। एक बैगा बुजुर्ग अपने तीसरी पीढ़ी के थाली विविध प्रकार के पौष्टिक भोजन मिल सके इसके लिए अपने नाती को बेवर खेती कैसे किया जाता है सीखा रहा है। बेवर खेती जैव विविधता का प्रबंधन ही नहीं भोजन विविधता और पौष्टिक भोजन का अहम स्रोत है। जिन अनाजों को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट (पोषक अनाज) वर्ष घोषित किया है वह सब पोषक अनाज बैगाओं के एक ही खेत के बेवर में होता हैं।

КОМЕНТАРІ • 7

  • @ruralvillageofbastar750
    @ruralvillageofbastar750 Рік тому +3

    बहुत बढ़िया
    सर्

  • @pradeeppatel-dh3rc
    @pradeeppatel-dh3rc Місяць тому +1

    छत्तीसगढिया, सबले बढिया

  • @lahki.dadriya.
    @lahki.dadriya. Місяць тому

    Balaghat se hai

  • @kailashmeravi3726
    @kailashmeravi3726 Рік тому +1

    👏👏🙌

  • @jashavantsinghparaste1876
    @jashavantsinghparaste1876 Рік тому +1

    dada ji ke dwara bahaut achchi jankari diya gaya.

  • @pateljipatel5881
    @pateljipatel5881 Рік тому

    Bahut Sundar hai bhai kuch bana ke dalna bhi

  • @santoshisinghrathour2955
    @santoshisinghrathour2955 Рік тому +1

    Naresh sir, mujhe apke video se bahut jankari mili hai mai ek researcher hun, jo tribes ke bachchon ko kis vidhi se padhaya jaye jisse unka paramparik jyan bhi bcha rhe aur bachha vijyan bhi badhe par kam kar rhi hun, mujhe apse kuch aur jankari leni hai, kya apse bat ho payegi ?