हाव कुड़ी कोणी बनाई है रूपले ऊ तो जालोर री जनता और पुलिस दोनो आई दुखी हा लोगो रा धान ऊ भरिया खेत धराव ने चरा देतो मिनख रूपले ऊ काटा काया हुन ठाकर कने गीया था पुलिस तो रूपले ने मारण सारू इनाम राखियो हो पण कोई नेडा इ को गईया नी जादू रो दर लागतों सब ने ठाकर हिमत करी और नाई री मदद सु रूपले री दिन चरिया जान ने रूपले ने मार गिरायो और जालोर में शांति स्थापित करी
ये आज कल के ठाकुर और जागीरदार सिर्फ पशुपालक गरीब निर्बल और निहत्तो पर अपना रुआब झाड़ने मे लगे है जबकि पुराने जमाने मे सुरवीर सिर्फ इन्ही पशुपालक गरीब निर्बल और निहत्तो के लिए अमर हो गए। लगता है अब वो ठाकुर बचे ही नही वरना ना कन्हैया लाल पैदा होता और ना सनातन पर खतरा आता।
गरीबो पशुपलको निर्बलो महिलाओ की रक्षा करने वाले क्षत्रिय कहलाते थे। और वो कभी भी ना तो निहत्थे पर वार करते थे और ना ही पीठ पीछे। ये आज कल ठीक इसका उल्टा करने वाले खुद को क्षत्रिय बताते फिर रहे है😂😂😂
रुपलो रबारी 🙏🙏🙏📿📿📿📿📿📿👏👏💪💪💪💪
मेरे मन में एक सवाल है। कि कामरू देश भी विधा कैसे सीखी जाती है।
असम जाओ वहां आपको विधा मिलेगी
@@dwarkaram3512 आसाम में कहा पर
@@manjuchoodhary2438 असम का mayong गांव
❤
हमेशा, धोखा दिया गया, ठाकुर, ने
Raight
Jai jadugarji ki
Good work bhai jiiiii
Kiyaa baat hea dhaniyvad thhankiyoo
हाव कुड़ी कोणी बनाई है
रूपले ऊ तो जालोर री जनता और पुलिस दोनो आई दुखी हा लोगो रा धान ऊ भरिया खेत धराव ने चरा देतो मिनख रूपले ऊ काटा काया हुन ठाकर कने गीया था पुलिस तो रूपले ने मारण सारू इनाम राखियो हो पण कोई नेडा इ को गईया नी जादू रो दर लागतों सब ने ठाकर हिमत करी और नाई री मदद सु रूपले री दिन चरिया जान ने रूपले ने मार गिरायो और जालोर में शांति स्थापित करी
ये आज कल के ठाकुर और जागीरदार सिर्फ पशुपालक गरीब निर्बल और निहत्तो पर अपना रुआब झाड़ने मे लगे है जबकि पुराने जमाने मे सुरवीर सिर्फ इन्ही पशुपालक गरीब निर्बल और निहत्तो के लिए अमर हो गए।
लगता है अब वो ठाकुर बचे ही नही वरना ना कन्हैया लाल पैदा होता और ना सनातन पर खतरा आता।
एक पशुप्रेमि और माताजी के भक्त को मारा वो भी सामने आकर नही पीठ पीछे चिपकर दूसरे को जरिया बनाकर।
Jay Ho 🎉
मे भी कामरू देस हू जो वीधीया सीखने गया हू 12 साल
कमरू देश से विधा सीखी थी ऐसा सुना है
तालाब निंबज रो इज हो। बड़वच तो तालाब ने जोड़ तो ठाकुर साब रा इज हा।
❤❤❤
गरीबो पशुपलको निर्बलो महिलाओ की रक्षा करने वाले क्षत्रिय कहलाते थे। और वो कभी भी ना तो निहत्थे पर वार करते थे और ना ही पीठ पीछे।
ये आज कल ठीक इसका उल्टा करने वाले खुद को क्षत्रिय बताते फिर रहे है😂😂😂
❤️🙌
और उन उनके गांव का नाम वाडोल था आल रबारी
👌👌👌
Aaj भी रूपाजी का मन्दिर ह और पूरा गांव पूजता ह
Ompury Ka ant I'm sanskar falodee me he kiya gaya that.
रूपले रबारी री पूरी कहानी नहीं सुनाई। रूपले तो मरें सूं पैलां जादू था कैसी घणां कारनामा कीन्हां होता ।
🌄अंतर मन से 🧑🤝🧑धन्यवाद प्रभु..🌹
Veery.nuce
आप के अनुसार तंत्र विधा मालवाडा मे जैन साधुओ से सिखा, तो क्या वे तान्तरीक होते थे
Kalkata
❤❤❤❤❤
मेने सुना है। कि रूपले र बारी कामरू देश से विधा सीखी है। ऐसा मैंने सुना है। आप को तो ज्यादा ध्यान है।
पाल गावका नहे वाडोल गाव का था
कामरु।देश।कहां।हं
असम राज्य को ही कमरूदेश कहते थे
असम में कामरू देश है जहा पर कामश्यादेवी का मंदिर है
Shree nama mata ji desuri ka itihas mate video bnavo sa🤍
राजपूत कभी सुपते नही हे 😂😊