Our judiciary is confused between feminism and patriarchy. On one side, it is extremely feminist and on another side, they are using patriarchal idea of women being responsibility of men if there is question of financial maintenance. But they completely ignore the fact that if maintenance is right of women, then 1st to protect mentally and morally husband and his family is the primary responsibility of wife. If she is not performing that responsibility, hurting husband and his family, then she automatically loses the right of financial maintenance. Courts are not extortion fraud approving centres in the name of maintenance and alimony. The litigants and also the judges themselves should keep this thing in their minds while dealing in matrimonial cases. Courts are there for justice and not to give maintenance to all litigants in General. Courts must not promote narcissistic tendencies and paracytic attitude of women in that way. Today’s society is different from earlier times. Today there are more employment opportunities for women than men, and men Women are considered equal. So Courts must change their habit of giving maintenance in general to women just because they are women. Neither the language nor the spirit of the law says that maintenance should be based on the lifestyle of the spouse. But it has been made so by the pseudo-feminists so-called legal experts crept in the law ministry and Courts. Because if lifestyle is made base of maintenance, then the marriage institution will be started to be seen as source of wealth mine only by the greedy people. How can the legal system of a benevolent enlightened democracy can promote the fraudulent tendency of the greedy people? So only and only the reasonable basic need should be granted to the spouse for maintenance of life or leave the relation with adjustment or start earning on her own. Equal status, equal status, equal status is nothing but illegitimate fraudulent greed of the greedy people. In today’s society, the self centricity or narcissistic tendency or love to live independently in full comfort zone has increased enormously. In this situation, female tendency to leave the partner and leave independently in her own comfort zone without any adjustment upon exploited income from husband is also increasing. Courts and lawmakers/legal system and women commission must not promote these tendencies among women. Courts must get read of the jurisprudence. Which says wife is the responsibility of husband. For young ladies, there is no dearth of job in modern time. If at all any maintenance is to be given to unemployed spouse, it should be based on the primary reasonable need of the spouse and not greed of the spouse. Long story cut. Lopsided law or lopsided approach of legal system kills the justice and environment of trust in the society. This has to be understood and stopped by Courts and lawmakers. Bahot ho gaya ek tarfa kanun. Bahot ho gaya. Enough is enough now we want justice for men.. Women, please stop missuse of law, courts, please stop cruelty by adopting one sided false jurisprudence
Strong punishment for missuse of law must be there. If Government don’t pass law Against missuse of law very soon. I will vote for any independent candidate in next election. No BJP no Congress, independent candidate. This is my protest.
Orat bs suicide hi nahi krti, vrna jitna torture vo jhelti h uska 2% mard jhel le to vo sucide kr lete h............ Atul was a very mentally unstable weak person,................ Stree ka pura jivan narag ho jta h saadi k bd, but patriarchy use bolta h ki koi bt nahi its normal...........................
Orat bs suicide hi nahi krti, vrna jitna torture vo jhelti h uska 2% mard jhel le to vo sucide kr lete h............ Atul was a very mentally unstable weak person,................ Stree ka pura jivan narag ho jta h saadi k bd, but patriarchy use bolta h ki koi bt nahi its normal...........................
अतुल सुभाष ने अपने अतिम वीडियो में देश को यह बताया है कि जिस सिस्टम को tax देते हैं वही सिस्टम आज हमे न्याय देने के बहाने 5 लाख रुपये की घूस मांग रहा है और कह रहा है हम तुम्हारा केस settle कर देगे वह जाते- जाते देश के युवाओं को यह बता गया कि अगर यह सिस्टम तुम्हारी नहीं सुन रहा है तो तुम्हें खुद आगे आ करके इस भर्ष्ट सिस्टम को बदलना होगा
मैं उसी दिन से उस महान आत्मा अतुल सुभाष की वीडियो काफी बार देख रहा हूं और मेरी नज़र में उसे अपने पुत्र की झलक दिखाई देती है 😢😢😢 हे महात्मना आपकी आत्मा को प्रभु गौलोक प्रदान करें और सभी दोषियों को कठोर सजा। जो कि हमारे न्यायशील समाज में मुझे संभव नहीं दिखता 😢😢😢
न्याय पालिका से भरोसा उठ गया है। क्या अब एक पति को अपनी वाइफ ओर उसके परिवार वालो के सामने सर्रेंडर करना होगा, चाहे वो उसका कितना भी शोषण करे? 😢 क्या भारत में सारे कानून महिलाओं के लिए ही है, फिर तो पुरुषो को यहाँ से पलायन कर देना चाहिए?? बहुत ही शर्मनाक बात है की एक पुरुष को विवाह करने की इतनी बड़ी सजा
Dahej abhi bhi zaroori nhi h dena agar koi mang rha hai to shadi se mana kar do lekin maintenance zaroori hai dena isliye mard ki halat zada kharab hai aurton se aaj
Dahej ke liye koi jabardasti nahi hai mt do or uske liye kanun hai or jo ladki ko diya jaata hai wo stree dhan kyu ho jaata hai wo bhi dahej hai usko bhi illigal kro
मेरे साथ हो चुका है पर मैं सम्भल गया कानून पुरूष विरोधी है अगर महिला कुछ भी बोल दे तो पुरुष और उसका परिवार न्याय सिस्टम से , पुलिस से और उस महिला से हमेशा प्रताड़ित होते रहता है । मैं 3 साल से अपने बेटे से न बात और न मिल पाया हुं
ऐसे कई मामले है देश में, आज कल शादी जैसा पवित्र रिश्ता एक वेस्यावृति बन गई है जिसमे न्याय व्यस्था भी उतना ही जिम्मेदार जितना सिनेमा, सिनेमा ने तो भारत को गटर से भी ज्यादा बदबूदार और गंदा बना दिया है,
यह हमारे देश के कानून की विफलता है।भारत के लोग भारतीय कानून पर विश्वास नहीं करते। अच्छे लोग पीड़ित हैं। सभी मामलों में पुरुष और महिला दोनों के लिए समानता है लेकिन तलाक में महिलाएं कमजोर हैं? क्यों
कुछ नहीं होना है साहब । जब तक महिलाओं का संरक्षण बंद नहीं होगा ये काम बंद नहीं होना । खासकर लड़किया ये रास्ता अपनाकर अपने माता पिता औऱ भाई को बहुत जल्द लखपति बनाती है । धन प्राप्ति का इससे बढ़कर कोई अन्य तरीका नहीं है । मैं इस दौर से गुजर रहा हूँ । वकीलों औऱ जजों की सांठगांठ रहती है । ये तो आज सब जान गए हैं ।
इस संबंध में सरकारी सिस्टम और न्याय व्यवस्था जिम्मेदार है, मै बस यही अपील करना चाहूंगा कि इन मामलों में अगर कोई महिला लड़के पर झूठा केस फाइल करती है और अदालत में अगर महिला झूठी साबित हो जाती है, तो उसको जो सजा हमारे कानून में लिखी है, उसकी चार गुना सजा और जुर्माना महिला को दिया जाए, ताकि कोई महिला झूठा केस फाइल करने से पहले 100 बार सोचे, जिससे अतुल जैसे कितने निर्दोषों को भविष्य मे एकतरफा महिलावादी कानूनों से बचाया जा सकेगा। क्योंकि विडम्बना यही है कि हमारे इन कानूनों में झूठी महिला के लिए सजा का प्रावधान ना के बराबर है। सहमत हो तो लाइक करे।
एकदम सही बात है कि पेशकर को घुस देना पड़ता है डेट लेने के लिए 50 ₹ नहीं भाई 20 ₹- 20 ₹ लेते हैं रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का इस देश में ये स्तर हो गया है। 😂😂😂
❤इस देश में संवेदना केवल पत्नी या लड़की के साथ ही रखी जाती ,बेगुनाह पति या लड़के के साथ कोई संवेदना नहीं रखता,,चाहे वो महिला या पुरुष पुलिस हो,चाहे वो महिला या पुरुष जज हो,या आम पुरुष या महिला हो,अब कोई कैंडल मार्च नहीं होगा,कोई धरना नहीं होगा क्योंकि ये केवल पत्नियों और लड़कियों के लिए ही है, पति तो एक पुरुष होता है ना ❤
Completely agree 👍 shridhar ji 15:25 samaj badalna aur dharmik hona aur galat kyou nahi karoge ,Ghasitne wala samaj ho gaya hai jo paise wala hai usko plan karke target karte hai greed to become rich & get money power in own hands should be reduced in society.
Dowary aur Domestic violence ke Allegations prove nahi hone pe penalty lagani chahiye. Aur online court hona chahiye out of city rahne walo aur physically disable logo ke liye.
बिना वजह तारीख देने क्या मतलब है लोग मानसिक और आर्थिक तथा समय का नुक़सान होता है। तारीख जिन लोगों का उस पर चर्चा होना चाहिए न कि तारीख सिर्फ तारीख देने के लिए हो
पूरे देश में कोई एक प्रदेश/मण्डल/जिला/तहसील/ब्लॉक/थाना/दफ्तर आदि जिसमें कोई भी भ्रष्टाचारी,घूसखोर,घोटालेबाज आदि न हो। अपने आस पास खोजे बताएं,,,जिससे पता चल सके कि देश में कहां कहां शुद्धता है।
वकील जो इस प्रकार के धंधे का प्रमुख आरोपी है उस पर बहस क्यों नहीं? केस पर केस लादने वाले वकील न्याय नहीं न्यायपालिका को वेश्यालय बना देने के जवाबदार है
पढ़-लिखकर कर वकील या जज बने और एक केस पकड़े लाइफ टाइम इनकमिंग केस लड़ने वालो को तरीक पर तरीक मिलती रहेगी मरते दम तक कियु की किसी केस की कोई सीमा नहीं ना जज खत्म होने देगा ना वकील इन को सिर्फ पैसा हर महीने मिलना चाहिए
सर यह बात बिल्कुल सत्य है मैं पिछले डेढ़ साल से इन चीजों को फेस कर रहा हूं और कोर्ट में पैसे का खेल बहुत तगड़ा चलता है लड़कों को कहीं भी किसी भी तरीके का न्याय नहीं मिलता... जबकि मेरी पत्नी एक स्कूल में टीचर है मैं इसका एविडेंस कोर्ट को सबमिट किया है 340 सीआरपीसी लेकिन माननीय न्यायालय का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है.... यह हमारे न्याय व्यवस्था का एक बहुत बड़ा फैलियर्स है कि सिर्फ एक पक्ष को सुना जाता है
We want Law Against willfull missuse of law. Law should be like - Judges must take self cognizance agaist the compaints when its clear that the case is filed for extortion. The punishment must be very harsher then what the compaint wished for the accused. This way the number of cases in the courts will reduced too..
बहुत अचरज हो रहा है के नामी वकील भी बता रहे है कानून मे बदलाव की जरूरत नही है, फिर तो यह कानून बनाने वाले ही बदलने पड़ेगे, इस भ्रष्ट सिस्टीम कोभी बदलना पडेगा अगर समय पर बदलाव नही हुआ तो इसका बहुत बडा मोल सबको चुकाना पडेगा और समाज की विवाह संस्था ही नष्ट हो जायेगी
Swindhan=समान विधान...पर ऐसा है नहीं....पुरुष और स्त्री ...के अधिकार...एक बराबर नहीं। अतुल सुभाष जी ...को रीता कौशिक, जज, पेशक।र माधव ने... सुसाइड करने के लिए मजबूर किया है। पर इन अपराधियों पर कोई कारवाही नहीं हुई।
Iss duniya me evil logo ki kami nhi… sanskaar aur sikhacha pe chorne se kuch nhi hoga.. sidhi baat hai rule ko gender equality pe lao.. aur jo bhi ksi law ka miss use kre uss pe by default ulta panfished kiya jaye
Nice discussion..
Need men's commission
Justice for Atul Subhash
Support gender morality equality neutrality by support PIL online for men commission support
1. Kahan Ho Nikita?
2. Kahan Ho Ld. Judge Reeta?
3. Kahan Ho Ghus Khor Peshkar?
4. Justice is due.
5. I am with Atul.
Kaha hai Nikita ka Vakil?
Mob Lynching karo RANDS ka koi kanoon nahi hain
Go to the street do protest march.
Our judiciary is confused between feminism and patriarchy. On one side, it is extremely feminist and on another side, they are using patriarchal idea of women being responsibility of men if there is question of financial maintenance. But they completely ignore the fact that if maintenance is right of women, then 1st to protect mentally and morally husband and his family is the primary responsibility of wife. If she is not performing that responsibility, hurting husband and his family, then she automatically loses the right of financial maintenance.
Courts are not extortion fraud approving centres in the name of maintenance and alimony. The litigants and also the judges themselves should keep this thing in their minds while dealing in matrimonial cases. Courts are there for justice and not to give maintenance to all litigants in General. Courts must not promote narcissistic tendencies and paracytic attitude of women in that way. Today’s society is different from earlier times. Today there are more employment opportunities for women than men, and men Women are considered equal. So Courts must change their habit of giving maintenance in general to women just because they are women. Neither the language nor the spirit of the law says that maintenance should be based on the lifestyle of the spouse. But it has been made so by the pseudo-feminists so-called legal experts crept in the law ministry and Courts. Because if lifestyle is made base of maintenance, then the marriage institution will be started to be seen as source of wealth mine only by the greedy people. How can the legal system of a benevolent enlightened democracy can promote the fraudulent tendency of the greedy people? So only and only the reasonable basic need should be granted to the spouse for maintenance of life or leave the relation with adjustment or start earning on her own. Equal status, equal status, equal status is nothing but illegitimate fraudulent greed of the greedy people. In today’s society, the self centricity or narcissistic tendency or love to live independently in full comfort zone has increased enormously. In this situation, female tendency to leave the partner and leave independently in her own comfort zone without any adjustment upon exploited income from husband is also increasing. Courts and lawmakers/legal system and women commission must not promote these tendencies among women. Courts must get read of the jurisprudence. Which says wife is the responsibility of husband. For young ladies, there is no dearth of job in modern time. If at all any maintenance is to be given to unemployed spouse, it should be based on the primary reasonable need of the spouse and not greed of the spouse. Long story cut. Lopsided law or lopsided approach of legal system kills the justice and environment of trust in the society. This has to be understood and stopped by Courts and lawmakers.
Bahot ho gaya ek tarfa kanun. Bahot ho gaya. Enough is enough now we want justice for men.. Women, please stop missuse of law, courts, please stop cruelty by adopting one sided false jurisprudence
Strong punishment for missuse of law must be there.
If Government don’t pass law Against missuse of law very soon. I will vote for any independent candidate in next election. No BJP no Congress, independent candidate. This is my protest.
आदमी खत्म, केस खत्म
जय हो न्यायालय की 😢😢😢
Modi needs women's votes only.... Men should go to hell....
2paise ki Judge h
No आदमी खत्म , लेकिन केस चलेगा
आपका परिवार भुगतेगा , पूरा परिवार खत्म फिर भी केस खत्म नहीं होता इसी बात का लड़कियां फायदा उठती हैं।
Case karne wala khatm to case khatam
रिश्तों मे भावनात्मक जुड़ाव खत्म होते जा रहे हैं,
अहम का योगदान जयादा है
Atul ji murdered by our ghatiya judiciary system
100%correct
भारत में जो भी पार्टी पुरुष आयोग की बात करेगी हम उसे ही वोट देंगे
सारे पुरुष अब जाग जाओ
आज अतुल भाई गया कल तुम्हारी बारी
Koi party aisa nahi karegi,mardo ko khud aandolan karana hoga nahi toh bano Atul Subhash koi awaaz nahi uthayega
100% सही कहा आपने
I support.
100% agree
Mai suicide ke najdik hu bhai....plz save me
एक दिन भारत की न्यायपालिका भारत की बर्बादी का सबब बनेगी ।
Ban rhi hai
India law hi yesa hai , जज क्या करेगा
नेताओं से सवाल पूछे पहले😢
Sahi bol rhe ho
Orat bs suicide hi nahi krti, vrna jitna torture vo jhelti h uska 2% mard jhel le to vo sucide kr lete h............ Atul was a very mentally unstable weak person,................ Stree ka pura jivan narag ho jta h saadi k bd, but patriarchy use bolta h ki koi bt nahi its normal...........................
जब से कपिल सिब्बल और
अभिषेक मनु सिंघवी जैसे दलाल न्यायपालिका में जज नियुक्त करवाने लगे न्यायपालिका शर्मिन्दा है
न्यायालय नाही ❌ वेशालय हे ✅
Yeah, aur do hindu muslim party ko vote😅😅
Right
Sahi
Orat bs suicide hi nahi krti, vrna jitna torture vo jhelti h uska 2% mard jhel le to vo sucide kr lete h............ Atul was a very mentally unstable weak person,................ Stree ka pura jivan narag ho jta h saadi k bd, but patriarchy use bolta h ki koi bt nahi its normal...........................
Sabse badhiya veshyaaly hi chale jaao maintenance alimony bachao family ko false cases se bachaao
सर हृदय विदारक घटना और जब उन्होंने कहा कि मेरी अस्थियां गटर में बहा देना उसके बाद तो मेरी आंखों से 😭😭😭😭आंसू नहीं रुक रहे थे
अतुल सुभाष ने अपने अतिम वीडियो में देश को यह बताया है कि जिस सिस्टम को tax देते हैं वही सिस्टम आज हमे न्याय देने के बहाने 5 लाख रुपये की घूस मांग रहा है और कह रहा है हम तुम्हारा केस settle कर देगे वह जाते- जाते देश के युवाओं को यह बता गया कि अगर यह सिस्टम तुम्हारी नहीं सुन रहा है तो तुम्हें खुद आगे आ करके इस भर्ष्ट सिस्टम को बदलना होगा
न्यायपालिका अभी भी अंग्रेजो के हाथ।।
विदेशी जज जिनके बच्चे विदेशो में टूल किट वालो के द्वारा पाले जाते है।
वे बाद में न्यायाधीश बनते है
जब न्यायालय ही भ्रष्टाचार में लिप्त है तो इनसे न्याय की उम्मीद कैसे लगाए जा सके
Right 👍
correct
मैं उसी दिन से उस महान आत्मा अतुल सुभाष की वीडियो काफी बार देख रहा हूं और मेरी नज़र में उसे अपने पुत्र की झलक दिखाई देती है 😢😢😢
हे महात्मना आपकी आत्मा को प्रभु गौलोक प्रदान करें और सभी दोषियों को कठोर सजा।
जो कि हमारे न्यायशील समाज में मुझे संभव नहीं दिखता 😢😢😢
न्याय पालिका से भरोसा उठ गया है। क्या अब एक पति को अपनी वाइफ ओर उसके परिवार वालो के सामने सर्रेंडर करना होगा, चाहे वो उसका कितना भी शोषण करे? 😢
क्या भारत में सारे कानून महिलाओं के लिए ही है, फिर तो पुरुषो को यहाँ से पलायन कर देना चाहिए?? बहुत ही शर्मनाक बात है की एक पुरुष को विवाह करने की इतनी बड़ी सजा
Apne 💯 right bole hae 🙏
Agar koi aurat jhutta case kare uska chehera jala do
very good discussion thanks to danik jagran
Standup comedy ❌ Indian Judiciary ✅
It's not comedy anymore. It's standup Tragedy. Boycott courts 😢
दहेज के असली कैस एक प्रतिशत से भी काम
Dahej abhi bhi zaroori nhi h dena agar koi mang rha hai to shadi se mana kar do lekin maintenance zaroori hai dena isliye mard ki halat zada kharab hai aurton se aaj
Ha issi liye hr saal 1L se jayeda men suside kar rhe jo ki women se ×2 se bhi jayada hai
Dahej ke liye koi jabardasti nahi hai mt do or uske liye kanun hai or jo ladki ko diya jaata hai wo stree dhan kyu ho jaata hai wo bhi dahej hai usko bhi illigal kro
जज बर्खास्त हो, मुकदमा चले।
Adhiktar mahila judge ghuskhor hai
मेरे साथ हो चुका है पर मैं सम्भल गया कानून पुरूष विरोधी है अगर महिला कुछ भी बोल दे तो पुरुष और उसका परिवार न्याय सिस्टम से , पुलिस से और उस महिला से हमेशा प्रताड़ित होते रहता है । मैं 3 साल से अपने बेटे से न बात और न मिल पाया हुं
Thanks Dainik Jagran
Bahut achche se dono lawyers ne baatein rakhin .. thanks!!
मानसिकता बदलणे कठीण आहे, पण न्याय व्यवस्था आणि कायदे तर बदलू चं शकतो
Atul shubha ko insaaf mile or yhe dua kro ki unka janm Bharat jese desh mai na ho jahan purus pr atyachaar hota hai
Maintenance band karo,adhi problem solve ho jayegi
Very good discussion sir plz
Well said sir
Business है शादी करो, करोड़ों रुपयों की डिमांड करो, धमकी दो I will see you in the court
ऐसे कई मामले है देश में, आज कल शादी जैसा पवित्र रिश्ता एक वेस्यावृति बन गई है जिसमे न्याय व्यस्था भी उतना ही जिम्मेदार जितना सिनेमा, सिनेमा ने तो भारत को गटर से भी ज्यादा बदबूदार और गंदा बना दिया है,
न्यायलय भ्रष्टाचार के अड्डा बने
जब शादी वेश्यावृत्ति है तो पुरुष शादी करके इस वेश्यावृत्ति मे क्यो शामिल हो रहा है। शादी से दूर रहो
Supreme court ko dhyan dena chahiye vrna aise hi log fake case lagate rhenge
यह हमारे देश के कानून की विफलता है।भारत के लोग भारतीय कानून पर विश्वास नहीं करते। अच्छे लोग पीड़ित हैं। सभी मामलों में पुरुष और महिला दोनों के लिए समानता है लेकिन तलाक में महिलाएं कमजोर हैं? क्यों
महिलाएं नहीं पुरुष कमजोर हैं समझी
Jhoot mat bolo talaak mein dono ko equal rights hai lekin baaki jagah aurton ko zada rights hai. Pura ulta bol rahi ho sharam kar lo
Mahila jab kamzor hai 😂😂😂 joke of the day
तलाक में समान अधिकार नहीं हैं
क्या बात करते हो सर, किस दुनिया में हो बोल रहे लोग शादी से भागने लगेगे
लोग भाग रहे है मैं खुद शादी नहीं करना चाहता हु
Need justice for him 😭😭🙏
कुछ नहीं होना है साहब । जब तक महिलाओं का संरक्षण बंद नहीं होगा ये काम बंद नहीं होना । खासकर लड़किया ये रास्ता अपनाकर अपने माता पिता औऱ भाई को बहुत जल्द लखपति बनाती है । धन प्राप्ति का इससे बढ़कर कोई अन्य तरीका नहीं है । मैं इस दौर से गुजर रहा हूँ । वकीलों औऱ जजों की सांठगांठ रहती है । ये तो आज सब जान गए हैं ।
एक अपमानजक सत्य है कि अपने देश के कानून में जहां पैसे ज्यादा होते हैं वहां धाराएं अधिक होती हैं।
सड़े गले कानून जिनकी जवाबदारी होनी चाहिए थी ।वे मौज मस्ती के लिए न्यायालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया
Kya bat hai sir
बहुत सुंदर चर्चा,इसमे भ्रष्ट बक़ीलों के चरित्र पर भी चर्चा होनी चाहिए थी
Very good discussion.
Very good point i listen here" jab job ki salary ki baat aati h hum equal hai...par maintenance ke time hum weak hai" double standard
पति पत्नी का रिश्ता टूटने की असली वजह एक तरफा कानून और न्यायपालिका इसका मुख्य कारण है अतुल सुभाष अमर रहे
👌👍 thanks
Very good 👍👌🙏 thanks
Justice Due
justice
इस संबंध में सरकारी सिस्टम और न्याय व्यवस्था जिम्मेदार है, मै बस यही अपील करना चाहूंगा कि इन मामलों में अगर कोई महिला लड़के पर झूठा केस फाइल करती है और अदालत में अगर महिला झूठी साबित हो जाती है, तो उसको जो सजा हमारे कानून में लिखी है, उसकी चार गुना सजा और जुर्माना महिला को दिया जाए, ताकि कोई महिला झूठा केस फाइल करने से पहले 100 बार सोचे, जिससे अतुल जैसे कितने निर्दोषों को भविष्य मे एकतरफा महिलावादी कानूनों से बचाया जा सकेगा। क्योंकि विडम्बना यही है कि हमारे इन कानूनों में झूठी महिला के लिए सजा का प्रावधान ना के बराबर है। सहमत हो तो लाइक करे।
Very good👍
कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट..न्यायलय नहीं...कोठा बन चुके है
Judiciary should immediately come out with laws to punish those filing false 498A.....focus on core issues first.
Judiciary ki family jhoothey cases ke basis pe hi roti kha rahi hai 😂
मेरे साथ भी इसी प्रकार हो रहा है मेरी पत्नी जीजा के साथ मिलकर मेरे को परेशान कर रहे है
सही समय उठाने का न्यायालय के बाहर बोरी बिछा कर बैठ जाओ
Bhai jija aur patni ka affair karwa ke case kar do 😂
@@ug1880 सब कुछ कर लिया
Very informative discussion. Eye opener.
Atul Subhash ko justice milna chahiye justice for men
To assume that Women cannot lie or cannot do any evil by Indian courts is mind blowing 🤯
Nice discussion...
Legislative action is needed 😒😒
एकदम सही बात है कि पेशकर को घुस देना पड़ता है डेट लेने के लिए 50 ₹ नहीं भाई 20 ₹- 20 ₹ लेते हैं रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का इस देश में ये स्तर हो गया है। 😂😂😂
Best podcast till now on this issue ❤❤
Shadi...se aab dar lag raha hai..😢😢😢
भारत में पुरुष आयोग की बात करेगा मेरा वोट में उसी पार्टी को दूंगा
I appreciate these types advocates
Shame on indian judiciary 😮
"Trial itself is a conviction."
Very well said.
Very very big Truth about Indian judiciary.
Supreme Court high court lower court, vakil, corrupt judge zimmedar 😢😢😢
Indian judiciary system is a dhandaa since ages
❤इस देश में संवेदना केवल पत्नी या लड़की के साथ ही रखी जाती ,बेगुनाह पति या लड़के के साथ कोई संवेदना नहीं रखता,,चाहे वो महिला या पुरुष पुलिस हो,चाहे वो महिला या पुरुष जज हो,या आम पुरुष या महिला हो,अब कोई कैंडल मार्च नहीं होगा,कोई धरना नहीं होगा क्योंकि ये केवल पत्नियों और लड़कियों के लिए ही है, पति तो एक पुरुष होता है ना ❤
Completely agree 👍 shridhar ji 15:25 samaj badalna aur dharmik hona aur galat kyou nahi karoge ,Ghasitne wala samaj ho gaya hai jo paise wala hai usko plan karke target karte hai greed to become rich & get money power in own hands should be reduced in society.
Question
agar ladka SANYAS le leta hai to uss case me law kya kahta hai. Mata pita maintenance denge?
Atul shubhash ji ko nyaye milna chahiye
Yes This is truth cort correct this matter for justice and change mindset
Kitna daravna hai...laws itne baised kaise ho skta hai....ise nyay kaise kah skte hai 😢
Dowary aur Domestic violence ke Allegations prove nahi hone pe penalty lagani chahiye. Aur online court hona chahiye out of city rahne walo aur physically disable logo ke liye.
Men's rights movement is needed. Men need justice and equality
Court me ladko ki koi sunwai nhi hoti kitna bhi wo proof de ladkiyo ki suport hoti hae aajkal ladko ki life ki koi value nhi dete court 😭
Sir aaplogo ne puri pole khol k rakh di
Best analysis of the case.honest conversation. Rather acceptance by merciless lawyers when fighting such cases.what a psychology of lawyers.
Man Commission से मैं को complain का एक Forum मिलेगा
Mmhila ppurush sbke uper ak kanun hona chiye
बिना वजह तारीख देने क्या मतलब है लोग मानसिक और आर्थिक तथा समय का नुक़सान होता है। तारीख जिन लोगों का उस पर चर्चा होना चाहिए न कि तारीख सिर्फ तारीख देने के लिए हो
It shook the nation. Hope people don't forget after a month or so.
पूरे देश में कोई एक प्रदेश/मण्डल/जिला/तहसील/ब्लॉक/थाना/दफ्तर आदि जिसमें कोई भी भ्रष्टाचारी,घूसखोर,घोटालेबाज आदि न हो।
अपने आस पास खोजे बताएं,,,जिससे पता चल सके कि देश में कहां कहां शुद्धता है।
Jhuthe case karnewale wakeel o kadi se kadi saza deni chahiye,taki koi wakeel ladki ka jhutha case na le
वकील जो इस प्रकार के धंधे का प्रमुख आरोपी है उस पर बहस क्यों नहीं?
केस पर केस लादने वाले वकील
न्याय नहीं न्यायपालिका को वेश्यालय बना देने के जवाबदार है
@Country_First-India bilkul sahi kaha aapne bhai
पढ़-लिखकर कर वकील या जज बने और एक केस पकड़े लाइफ टाइम इनकमिंग केस लड़ने वालो को तरीक पर तरीक मिलती रहेगी मरते दम तक कियु की किसी केस की कोई सीमा नहीं ना जज खत्म होने देगा ना वकील इन को सिर्फ पैसा हर महीने मिलना चाहिए
सर यह बात बिल्कुल सत्य है मैं पिछले डेढ़ साल से इन चीजों को फेस कर रहा हूं और कोर्ट में पैसे का खेल बहुत तगड़ा चलता है
लड़कों को कहीं भी किसी भी तरीके का न्याय नहीं मिलता... जबकि मेरी पत्नी एक स्कूल में टीचर है मैं इसका एविडेंस कोर्ट को सबमिट किया है 340 सीआरपीसी लेकिन माननीय न्यायालय का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है.... यह हमारे न्याय व्यवस्था का एक बहुत बड़ा फैलियर्स है कि सिर्फ एक पक्ष को सुना जाता है
where is Laughing Judge?
Where is 3 crores wife?
We want Law Against willfull missuse of law.
Law should be like - Judges must take self cognizance agaist the compaints when its clear that the case is filed for extortion. The punishment must be very harsher then what the compaint wished for the accused. This way the number of cases in the courts will reduced too..
Isalute you advocate sir aapney bilkul sahi kahahai
Pura kanoon ke thekedar lutere h nyay bhi khridna pddta h😢
You know sir
Main problem is family court
Family court have change his/her mind.
भारत देश में एक तरफा कानून है पुरुषों के अधिकार का कानून बनना चाहिए❤❤❤❤
Allegations by wife should be tested by Narcotics test, ,polygrapic test, lie detector test and grapology test.
Time to cap maintenance limit upto some percentage of male income ,it should not be higher that 30%
Maintenance and alimony should be illegal. Any women asking that should be arrested and jailed
बहुत अचरज हो रहा है के नामी वकील भी बता रहे है कानून मे बदलाव की जरूरत नही है, फिर तो यह कानून बनाने वाले ही बदलने पड़ेगे, इस भ्रष्ट सिस्टीम कोभी बदलना पडेगा अगर समय पर बदलाव नही हुआ तो इसका बहुत बडा मोल सबको चुकाना पडेगा और समाज की विवाह संस्था ही नष्ट हो जायेगी
you're right....
Kon badle go
Jo Malai kha rhe hai🤣🤣🤣
परिवार के बिखराव के कारण भी बाल अपराध बढ़ रहे है
Advocate sahab nhe bol rahe h ke court padelekhe or working wife ko bhe judge maintainance de deta h .
Swindhan=समान विधान...पर ऐसा है नहीं....पुरुष और स्त्री ...के अधिकार...एक बराबर नहीं।
अतुल सुभाष जी ...को रीता कौशिक, जज, पेशक।र माधव ने... सुसाइड करने के लिए मजबूर किया है।
पर इन अपराधियों पर कोई कारवाही नहीं हुई।
Justice for मैरिज man
Iss duniya me evil logo ki kami nhi… sanskaar aur sikhacha pe chorne se kuch nhi hoga.. sidhi baat hai rule ko gender equality pe lao.. aur jo bhi ksi law ka miss use kre uss pe by default ulta panfished kiya jaye
Gender Neutral Commission
Sahi kha sir aapne kanun me parivartan ki jarurt hai sir
Saare judges aur wakil k bank accounts transaction ko government & public monitoring me laana chahiye aur public karna chahiye.
Yeh ek nahi bhaut cases he ,crystal clear, Bar bench responsible , money money only ur correct
@arnab from republic TV .. you need these 2 gentlemen in your debate with those 3 ladies who thinks they are right 😊
ये लोग वकील हैं कैसे मान लें कि पेशकार को तारीख का पैसा देना पड़ता है पुकार का दस रुपए लेते हैं सम्मन का पैसा देना पड़ता उसको पैरवी कहते हैं
True samaj me dharmikta..ab to youth itna bhatak raha..western culture live in kyo legal kiya