इस वीडियो ने आंखें खोल दीं और दिल छू लिया। दीपिका नारायण भारद्वाज और ऋचा अनिरुद्ध जी का प्रयास सचमुच सराहनीय है। अतुल सुभाष जैसे कई निर्दोष लोगों की कहानी को आवाज देना समाज में जागरूकता फैलाने का एक बड़ा कदम है। हमें ऐसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए और न्याय की आवाज़ बुलंद करनी चाहिए। धन्यवाद इस सशक्त वीडियो के लिए। 🙏
Thank you so much Richa and Deepika Narayan Bhardwaj for addressing such a serious issue. I think now it's high time that the Indian judiciary must have a law with serious repercussions for those proven, to file false cases and prevent these false cases.
ऋचा दी,दीपिका जी, मैं आप लोगों की तरह किसी बड़े प्लेटफॉर्म पर तो नहीं हूँ,पर एक महिला होने के नाते मैं आप दोनों को हृदय तल की गहराईयों से शुभकामनाएँ देती हूँ कि आपके प्रयास सफ़ल हों और दीपिका जी आपकी आशा बहुत ही जल्दी एक सकारात्मक बदलाव का रूप ले,मैं ईश्वर से प्रार्थना करती रहूँगी।अतुल की आत्महत्या 😢अन्तिम हो,इसके लिए महिलाएँ ही जिम्मेदारी लें, क्योंकि हमारे समाज में बेशक महिलाओं पर बीते लम्बे समय से अत्याचार हुए हैं,पर इसका पूरा-पूरा दोष पुरुष समाज पर थोपकर महिलाएँ मुक्त नहीं हो सकती हैं,अपनी जिम्मेदारी से। मैं तो समाज की सुदृढ़ता और सुघड़ता के लिए जितना महिलाओं को अनिवार्य रूप से जिम्मेदार मानती हूँ, उससे कहीं अधिक समाज में न केवल पसरने वाली, बल्कि स्थापित होती जा रही विकृतियों के लिए ज़िम्मेदार मानती हूँ।हमारा भारतीय समाज,एक सुसंस्कृत, स्वस्थ सामाजिक परम्पराओं का धनी समाज अगर आज इस भयावह स्थिति में पहुँच गया है तो निश्चित रूप से महिलाओं को अपना कर्त्तव्य निभाना होगा और आगे आकर इन विकृतियों से लड़ने और इन्हें समाप्त करने के लिए समाज के प्रारम्भिक रूप यानि कि अपने-अपने परिवारों से शुरूआत करनी होगी। मैं दृढ़ता से ये मानती हूँ कि किसी परिवार में एक माँ अपने दोनों बच्चों, बेटे-बेटियों को यदि बाल्यकाल से ही परिवार और समाज के प्रति स्वस्थ मानसिक भावों के साथ सभी प्रकार के सामाजिक सम्बन्धों को समझने और उनका सम्मान करने की शिक्षा दे तो ये हो ही नहीं सकता कि एक व्यक्ति, विशेष रूप से एक महिला जो कि एक पुरुष(अपने पति)के साथ इस तरह का व्यवहार करले। मैं अधिक तो कुछ कह नहीं सकती,पर अपने लेखन में ये प्रयास अवश्य करूँगी,जो कि मैं करती भी हूँ कि महिला सशक्तिकरण का भौंडा और झूठा रोना रोने की बजाय वास्तविकता को लोग समझें, विशेष रूप से महिलाएँ।
कुछ नहीं होगा। समाज 70% खराब हो चुका है। होता ही जाएगा। हिंदू आदमियों को इतना नपुंसक नाकारा बना दिया जाएगा कि वे महिलाओं को डिफेंड करने लायक ही नहीं बचेंगे। आर्मी भी कमजोर होगी। हम अब जो गुलाम हुए तो यह अंतिम। गुलामी होगी। क्योंकि उसके बाद हम होंगे ही नहीं।
Ab desh ka kanoon dono pakshon ke liye braber hona chahiye sunvai dono ki honi chahiye itna sb sunkr bda dukh hua aap dono ka is vartalap ke liye dhanyawad
आप दोनो लोग हमारी गर्व हैं। हमें ऐसी बेटियों पर बहुत गर्व है। आप लोग बेटियों और बेटों को सर्वोत्तम विकास की बात कर रहीं हैं। सभी की उनके अनुसार उन्हें न्याय मिले। यही हम चाहते हैं।
काजल की कोठरी में कैसो सयानों जाय। काजल की दाग़ लागि हैं पै लागि हैं । आप दोनों को कैसे धन्यबाद दूँ । आप नारी ही नहीं ।विशुद्ध मातृत्व की मिशाल प्रस्तुत कर रहीं हैँ। धन्यबाद।
आजादी का कोई अंत नहीं हैं, पुरुष हो या महिला दोनों को संयमित रहना होगा। शादी नेचुरल रिलेशन नहीं है,यह एक कॉन्टेक्ट हैं जो दोनों की सहमति से होता है,और इसे धैर्य और संयम से निभाना चाहिए।
जाग जाइए, माँ और बहनों इसलिए कि यदि अतुल आपका बेटा या आपका भाई होता तो कैसा लगता, मैं भी बेटी, बहन, पत्नी और माँ भी हूँ इस लिए अपने बेटे के लिए चिन्तित हूँ क्यों कि 30 या 35 साल पालने के बाद किसी 2 या 3 सालों से ही (पत्नी) के रूप में आई महिला उसे मरने पर मजबूर कर दें। नियम बनाएं पर किसी को नुकसान न हो ये ज्यादा जरूरी है। बाकी तो महाकाल है सबका हिसाब करने के लिए। 🙏🙏भगवान् करे यदि यही निकिता का भाई मरता तो वो क्या करती 😞😞😞🕉🕉🕉🕉
अपने अनुसार अपनी सोच के अनुसार जीने की तमन्ना सभी को होती है लेकिन विवाह के बाद पुरुष और महिलाओं के जो जिम्मेदारी होती है उसे दोनों को मिलकर पूरा करना चाहिए। आज के समय में महिलाओं को पढ़ना या सशक्त होना अच्छी बात है, पढ़ी लिखी होना या सशक्त होने का मतलब कतई नहीं कि किसी पर अत्याचार करना या किसी का अपमान करना। सशक्त का मतलब होता है पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना और सुख दुख में साथ निभाना। शर्म की बात है सुख दुख का सहभागी होने के बजाय हम पुरुष पर अत्याचार करने लगते हैं पुरुष का शोषण करने लगते हैं तो ऐसी शिक्षा और ऐसी कानून व्यवस्था पर शर्म आती है। मैंने देखा है आज के समय में पुरुषों की तुलना में घरेलू हिंसा या अत्याचार या मानसिक शोषण महिला पुरुष पर करती हैं।
ऋचा अनिरुद्ध जी आपने झूठे मुकदमों से पीड़ित ऐसे लोगों की भी आवाज बनने का प्रयास किये जिसके लिए इंसान के साथ-साथ कानूनी प्रक्रिया भी उतना ही बड़ा दोषी है जो एक इंसान को मरने के लिए प्रेरित करता है। इस घटना ने आपको भी "Zindagi with Live" पर लंबे समय तक विडियो बनाने के लिए मजबूर कर दिया।
Such a sorry state of affairs in India. Hope the people in power make some important changes in law for a more fair law for men. Thank you Richa and Deepika for an informative session.
अब आप ही ये काला धंधा बंद करा सकते हो आप भी देश की बेटियां हैं कितनी मांओं की कोख उजड़ गई बहिन का साथ उजड़ गया बेटियों अब इसका बंदोबस्त आप ही करो निर्दोष पुरुष बच सके
After listening to the interview, I find it deeply troubling that men can be accused of crimes they didn’t commit based solely on unproven claims. Such situations, if allowed to continue, set a dangerous precedent and push society in a perilous direction. Justice must be served for Atul Subhash, and the laws must be reformed to ensure fairness rather than favoring one side. A heartfelt thanks to Deepika ji for standing up and advocating for justice for men.
एक सफर के दौरान एक सेना के अधिकारी ने आपबीती सुनाई थी वह परेशान था की पहाड के गांव में माता पिता देखे या सीमा पर ड्यूटी दे या अदालत और थाने में हाजिरी दे।
सही मायने में जिन महिलाओं पर घरेलू हिंसा या अत्याचार होता है,तो वो सहन करके परिवार में रह जाती है, लेकिन जिस पर अत्याचार नहीं होता है वही कानून का पाठ पढ़ाने लगती है फिर पुरुषों के साथ खेलने लगती पैसा पैसा, पैसा दो नहीं तो जेल में जाओ पैसा लेकर ऐस करने लगती है ऐसा बिजनेस का ट्रेंड चलाने लगती है समाज में।
Thanks Richa for your support indeed greedy and cunning people are present in every gender, we should abstain from gross generalisation against any gender. To all the males out there who go full rampant on mysogyny on all social media, please don't generalise
सबसे पहले तो मेंटेनेंस बंद किया जाए जो अपने पति और पर ससुराल वालों fake dowry case और बाकी झूठे केस करती है । जब fake case जीत जाए तब उसे मेंटेनेंस दिया जाए उसके पहले एक फोटी कौड़ी नहीं दिया जाए, फिर देखो सब झूठे dowry domestic violence case कैसे अपने आप बंद हो जाएंगे 😢😢
maintenance nahin band honi chahiye. Agar ye band ho gaya to purush samaj uska kahin adhik fayda uthayenge jin ke liye ye muhim suru hua hai. Tab samj fir se wahi purane samay me laut jayegi jab ladkiyon ko dowry ke liye jala diye jate the. Ye ab bhi ho rahi hai. maintenance band karne ki jagah law me kuchh aur Amendment laya jaye, taki fake dv case karne wali mahilaaon ko convict kiya ja sake
It's not gender vs gender, it's not male vs female...it's about the innocent and the culprits..it's about how the greed in human beings are tearing up the society, it's about how evil people are torturing the innocent ones. It's high time that the justice system in our country awakes and works for the needy and not them who warms their pockets. #justiceforAtulji #Justiceforallthevictims May you be at a better place Atul ji.... We pray for you...and my heartfelt condolences to your Mom, Dad and Brother.
Atul bhai sahid huye desh ke judiciary ko jagane ke liye or satta wale jo kanoon banate hai ye aane wale sare purusho ko bachane ke liye Atul bhai ne pure system ko jagane ke liye ye kiya ki kal ko koi or Atul naa mare aise. jaago bhart ke yuva .
ऋचा जी , कुछ होने से तो रहा, मुश्किल से बीस (20) दिन रूकिए; सब भूल जाएंगे कि कुछ हुआ था और ये ब्लेम तो कोर्ट और सिस्टम पर भी तो लगाया गया है तो इस आवाज को वो लोग तो दबा कर ही रहेंगे । आप और मीडिया वाले भी दो चार आंसु बहा कर चुप हो जाएंगे, लडना तो खुद परिवार वालों को पड़ेगा अगर कोई वकील, अफसर इत्यादि कोई उनकी मदद कर दें तो जैसे निर्भया केस में हुआ था। और हां गौर करने वाली बात! जज साहिबा के विरुद्ध कोई कुछ बोल ही नहीं रहा है!!! Alimony का सिस्टम और एक तरफ पूरी तरह से झुका हुआ कानून जो कि सिर्फ और सिर्फ औरतों की मदद करता है लालच में क्योंकि की कानून सीधा नहीं है बहुत होच पौच है यहां।
Now Judiciary is not for justice. So good people must have to understand don't depend upon Judiciary but understand muscle power becomes mighty power. here.
In today's world.. life is full of stress, tension, depression, anxiety and unwanted problems 😞best thing is to be quiet and respect a woman. Richa just wanted to share one thing with you. I work in a government department on a good position where most of my colleagues are women and trust me they are really helpful and nice people. Its my personal experience😊. I maybe wrong... But one thing...a person has to respect a woman and be good to her😊👍 or else he can't survive in this world.
False charges and absence of Time Bound disposal of Divorce petitions in Family courts, few advocates and investigating teams and Most Important High Pressure of Social Organisation working in Favour of Women are to be blamed.
बहुत ही अत्याचार होता है पुरुषों के लिए खा नहीं खा कर एक माता पिता बेटे को पाल पोस बड़ा करते हैं एक सपना उनकी आंखों में रहता है बेटा हमारा सहारा बनेगा ,इन डायनों के खातिर क्या मिलता है सिर्फ अशांति, आशू,😢 अच्छी लड़की भी बदनाम हो जाती है ,कहीं भी देखो बिना बात के ,,तुझे पता नहीं है ,,लड़की हूँ मै,,हर जगह,चाहे बस के सफर में चाहे होटल में कहो कहीं भी,मैने यह भी देखा है गरीब ऑटो वाले को भी यही धमकाया जाता है ,तू जनता नहीं मैं महिला हूँ बिल्कुल इसकी तहकीकात होनी चाहिए 😢😢😢😢
This is brutal, some of the ladies if not taking any legal actions are ruining the families in other ways.. Their insecurities are taking another dirty and dangerous form.😞
There should be video recording of every family court proceeding and suo motu case on the women and their lawyers if the charges are fake or if they try to take back their case...
Itna sab kuch ho chuka hai injustice k naam per bas ab aage na ho kuch aise amendments ho jaaye ki Kisi ko bhi nyay ki bheekh na mangni pade..Poora conversation bahut hi mahatvapoorna tha.. Deepika ji ne jis tarah k cases bataye pata to tha but log us Hadd tak vikrit hai sun k hairani hui..ek aur baat boli unhone ki Richa ma'am ki following bahut hai..aur jaise maine bhi likha tha ki aap jaise sashakt log agar awaaz uthayenge to sahi darwaze tak sunai degi..Bas umeed ye hai ki Atul ji ka suicide vyarth na jaaye..jaise Sushant k suicide ne ek bahut bada badlav laya usi tarah yaha bhi changes dekhne ko mile jald hi🙏
My wife put false 498a case i lost my job i was jobless for 4 years later came to know she was having an affair with a boy before my marriage and she was still dating when i was married my wife lawyer also came to know abt my wife she was still having boyfriend and was cheating on me. Thats where i won the case but it took me 4 years with no Job i was struggling for money as i was the only earner in my house. NOW I AM FREE AND I NEVER MARRIED AGAIN.
आप जैसी महिलाएं ही समाज में बढ़ रहे अपराधों को रोक सकती हैं, आप लोगों की वार्ता सुनकर उम्मीद की एक किरण नजर आई।🙏🙏
इस वीडियो ने आंखें खोल दीं और दिल छू लिया। दीपिका नारायण भारद्वाज और ऋचा अनिरुद्ध जी का प्रयास सचमुच सराहनीय है। अतुल सुभाष जैसे कई निर्दोष लोगों की कहानी को आवाज देना समाज में जागरूकता फैलाने का एक बड़ा कदम है। हमें ऐसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए और न्याय की आवाज़ बुलंद करनी चाहिए। धन्यवाद इस सशक्त वीडियो के लिए। 🙏
# justice for Atul Subhash
शुरू में जो कहा कि बेटी पढ़ें और नाम रोशन करे, यह बात ही तों सारी समस्याओं का जड़ हे
to tu kya chahta hai 50% abadi anpad rahe
Thank you so much Richa and Deepika Narayan Bhardwaj for addressing such a serious issue.
I think now it's high time that the Indian judiciary must have a law with serious repercussions for those proven, to file false cases and prevent these false cases.
God bless you my sister Dipika ,, हनुमान जी से प्रार्थना है कि वो तुम्हे डायन और राक्षसों की दुष्ट नजर से हमेशा रक्षा करें ।।।
ऋचा दी,दीपिका जी, मैं आप लोगों की तरह किसी बड़े प्लेटफॉर्म पर तो नहीं हूँ,पर एक महिला होने के नाते मैं आप दोनों को हृदय तल की गहराईयों से शुभकामनाएँ देती हूँ कि आपके प्रयास सफ़ल हों और दीपिका जी आपकी आशा बहुत ही जल्दी एक सकारात्मक बदलाव का रूप ले,मैं ईश्वर से प्रार्थना करती रहूँगी।अतुल की आत्महत्या 😢अन्तिम हो,इसके लिए महिलाएँ ही जिम्मेदारी लें, क्योंकि हमारे समाज में बेशक महिलाओं पर बीते लम्बे समय से अत्याचार हुए हैं,पर इसका पूरा-पूरा दोष पुरुष समाज पर थोपकर महिलाएँ मुक्त नहीं हो सकती हैं,अपनी जिम्मेदारी से। मैं तो समाज की सुदृढ़ता और सुघड़ता के लिए जितना महिलाओं को अनिवार्य रूप से जिम्मेदार मानती हूँ, उससे कहीं अधिक समाज में न केवल पसरने वाली, बल्कि स्थापित होती जा रही विकृतियों के लिए ज़िम्मेदार मानती हूँ।हमारा भारतीय समाज,एक सुसंस्कृत, स्वस्थ सामाजिक परम्पराओं का धनी समाज अगर आज इस भयावह स्थिति में पहुँच गया है तो निश्चित रूप से महिलाओं को अपना कर्त्तव्य निभाना होगा और आगे आकर इन विकृतियों से लड़ने और इन्हें समाप्त करने के लिए समाज के प्रारम्भिक रूप यानि कि अपने-अपने परिवारों से शुरूआत करनी होगी। मैं दृढ़ता से ये मानती हूँ कि किसी परिवार में एक माँ अपने दोनों बच्चों, बेटे-बेटियों को यदि बाल्यकाल से ही परिवार और समाज के प्रति स्वस्थ मानसिक भावों के साथ सभी प्रकार के सामाजिक सम्बन्धों को समझने और उनका सम्मान करने की शिक्षा दे तो ये हो ही नहीं सकता कि एक व्यक्ति, विशेष रूप से एक महिला जो कि एक पुरुष(अपने पति)के साथ इस तरह का व्यवहार करले। मैं अधिक तो कुछ कह नहीं सकती,पर अपने लेखन में ये प्रयास अवश्य करूँगी,जो कि मैं करती भी हूँ कि महिला सशक्तिकरण का भौंडा और झूठा रोना रोने की बजाय वास्तविकता को लोग समझें, विशेष रूप से महिलाएँ।
कुछ नहीं होगा। समाज 70% खराब हो चुका है। होता ही जाएगा। हिंदू आदमियों को इतना नपुंसक नाकारा बना दिया जाएगा कि वे महिलाओं को डिफेंड करने लायक ही नहीं बचेंगे। आर्मी भी कमजोर होगी।
हम अब जो गुलाम हुए तो यह अंतिम। गुलामी होगी। क्योंकि उसके बाद हम होंगे ही नहीं।
Ab desh ka kanoon dono pakshon ke liye braber hona chahiye sunvai dono ki honi chahiye itna sb sunkr bda dukh hua aap dono ka is vartalap ke liye dhanyawad
आप दोनो लोग हमारी गर्व हैं। हमें ऐसी बेटियों पर बहुत गर्व है। आप लोग बेटियों और बेटों को सर्वोत्तम विकास की बात कर रहीं हैं। सभी की उनके अनुसार उन्हें न्याय मिले। यही हम चाहते हैं।
Thank you Richa Ji & Deepika Ji’s work is Fabulous since the time I am following.
Well said mam
आपने सही कहा Mam
आज मे आपको थोड़ा गुस्से मे baat krte देखा मेने
काजल की कोठरी में कैसो सयानों जाय।
काजल की दाग़ लागि हैं पै लागि हैं ।
आप दोनों को कैसे धन्यबाद दूँ ।
आप नारी ही नहीं ।विशुद्ध मातृत्व की मिशाल प्रस्तुत कर रहीं हैँ।
धन्यबाद।
Thanks didi aap dono ko,humara dard samajhna k liye....A lot of thanks...🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आजादी का कोई अंत नहीं हैं, पुरुष हो या महिला दोनों को संयमित रहना होगा। शादी नेचुरल रिलेशन नहीं है,यह एक कॉन्टेक्ट हैं जो दोनों की सहमति से होता है,और इसे धैर्य और संयम से निभाना चाहिए।
Justice for Atul : He was a Righteous person . He deserves Justice
I am also working in IT Industry, i have watched 1.5 hrs videos full cried.
I am strong men because my father's & brother in defence.
It is very difficult to understand what you want to say. I have even read about some armed soldiers committing suicide.
जाग जाइए, माँ और बहनों इसलिए कि यदि अतुल आपका बेटा या आपका भाई होता तो कैसा लगता, मैं भी बेटी, बहन, पत्नी और माँ भी हूँ इस लिए अपने बेटे के लिए चिन्तित हूँ क्यों कि 30 या 35 साल पालने के बाद किसी 2 या 3 सालों से ही (पत्नी) के रूप में आई महिला उसे मरने पर मजबूर कर दें। नियम बनाएं पर किसी को नुकसान न हो ये ज्यादा जरूरी है। बाकी तो महाकाल है सबका हिसाब करने के लिए। 🙏🙏भगवान् करे यदि यही निकिता का भाई मरता तो वो क्या करती 😞😞😞🕉🕉🕉🕉
Salute you 👏
Salute hai aisi anchor jin hone transparently truth ko samne rakha hai 🙏🙏🙏indian justice court totally blind
अपने अनुसार अपनी सोच के अनुसार जीने की तमन्ना सभी को होती है लेकिन विवाह के बाद पुरुष और महिलाओं के जो जिम्मेदारी होती है उसे दोनों को मिलकर पूरा करना चाहिए। आज के समय में महिलाओं को पढ़ना या सशक्त होना अच्छी बात है, पढ़ी लिखी होना या सशक्त होने का मतलब कतई नहीं कि किसी पर अत्याचार करना या किसी का अपमान करना। सशक्त का मतलब होता है पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना और सुख दुख में साथ निभाना। शर्म की बात है सुख दुख का सहभागी होने के बजाय हम पुरुष पर अत्याचार करने लगते हैं पुरुष का शोषण करने लगते हैं तो ऐसी शिक्षा और ऐसी कानून
व्यवस्था पर शर्म आती है। मैंने देखा है आज के समय में पुरुषों की तुलना में घरेलू हिंसा या अत्याचार या मानसिक शोषण महिला पुरुष पर करती हैं।
बिल्कुल दीदी बहुत सारे अतुल है
बहुत सही वोल रही है दीदी आप 👌
Great Dipika ji, Narayan bhartdwaj and richa ji all are mahan hai
I request you go a head not to stop you are all head in India
I salute both madam very great shoul have change in society and court
You are great dipika ji
आप जैसी महिलाएं ही समाज को बचा सकते हैं।
एसी घटनाओं से मैं भी परिचित हूं
ऋचा अनिरुद्ध जी आपने झूठे मुकदमों से पीड़ित ऐसे लोगों की भी आवाज बनने का प्रयास किये जिसके लिए इंसान के साथ-साथ कानूनी प्रक्रिया भी उतना ही बड़ा दोषी है जो एक इंसान को मरने के लिए प्रेरित करता है। इस घटना ने आपको भी "Zindagi with Live" पर लंबे समय तक विडियो बनाने के लिए मजबूर कर दिया।
Salute to Richa ji and Deepika for raising this genuine issue.
Such a sorry state of affairs in India.
Hope the people in power make some important changes in law for a more fair law for men.
Thank you Richa and Deepika for an informative session.
अब आप ही ये काला धंधा बंद करा सकते हो आप भी देश की बेटियां हैं कितनी मांओं की कोख उजड़ गई बहिन का साथ उजड़ गया बेटियों अब इसका बंदोबस्त आप ही करो निर्दोष पुरुष बच सके
Yah पढ़े-लिखे bacchon Ki Duniya Hai 😢😢
Justice for Atul Subhash!!
🙏ऋचाजी अपने सही कहाँ समाज खत्म होने जा रहा है😢
मैं भी अतुल सुभाष के रास्ते पर हूं दीदी
Thanks deepika you are great
Same condition mam
Salute to you Deepika Mam!
After listening to the interview, I find it deeply troubling that men can be accused of crimes they didn’t commit based solely on unproven claims. Such situations, if allowed to continue, set a dangerous precedent and push society in a perilous direction. Justice must be served for Atul Subhash, and the laws must be reformed to ensure fairness rather than favoring one side. A heartfelt thanks to Deepika ji for standing up and advocating for justice for men.
इन सब के खिलाफ जल्द जाँच शुरू हो बहुत सी सच्चाई सामने आएंगी
खरंच मीडियाला लाख लाख सलाम
Bahut hi badhiya ho
Justice for Atul
एक सफर के दौरान एक सेना के अधिकारी ने आपबीती सुनाई थी वह परेशान था की पहाड के गांव में माता पिता देखे या सीमा पर ड्यूटी दे या अदालत और थाने में हाजिरी दे।
जब संसद मे ही असभ्यता से पेश आते है ।उनको कोई सजा नही दी जाती।हमारी जनता उनको सहयोग करते है ।उसको रोकने का उपाय बताए
सही मायने में जिन महिलाओं पर घरेलू हिंसा या अत्याचार होता है,तो वो सहन करके परिवार में रह जाती है, लेकिन जिस पर अत्याचार नहीं होता है वही कानून का पाठ पढ़ाने लगती है फिर पुरुषों के साथ खेलने लगती पैसा पैसा, पैसा दो नहीं तो जेल में जाओ पैसा लेकर ऐस करने लगती है ऐसा बिजनेस का ट्रेंड चलाने लगती है समाज में।
Thanks Richa for your support indeed greedy and cunning people are present in every gender, we should abstain from gross generalisation against any gender.
To all the males out there who go full rampant on mysogyny on all social media, please don't generalise
हमारे समाज में पुरुषों के साथ अत्याचार हो रहा है कोर्ट में और थानों में भी हो रहा है
Good morning di🙏🙏
Same thing is happening with my friend. From past 8 years her didn’t see his daughter.
Rajasthan मे फलौदी कैस ही सही रास्ता हे पुरूष के लिए
मेरे केस मैं भी ऐसे ही हुआ है 20:11 टू 21:15 बीना किसी सुबूत के fir दर्ज की 😡😡
सबसे पहले तो मेंटेनेंस बंद किया जाए जो अपने पति और पर ससुराल वालों fake dowry case और बाकी झूठे केस करती है । जब fake case जीत जाए तब उसे मेंटेनेंस दिया जाए उसके पहले एक फोटी कौड़ी नहीं दिया जाए, फिर देखो सब झूठे dowry domestic violence case कैसे अपने आप बंद हो जाएंगे 😢😢
maintenance nahin band honi chahiye. Agar ye band ho gaya to purush samaj uska kahin adhik fayda uthayenge jin ke liye ye muhim suru hua hai. Tab samj fir se wahi purane samay me laut jayegi jab ladkiyon ko dowry ke liye jala diye jate the. Ye ab bhi ho rahi hai. maintenance band karne ki jagah law me kuchh aur Amendment laya jaye, taki fake dv case karne wali mahilaaon ko convict kiya ja sake
Aa gayi sacchi baat dimag main paisa babbu bhaiya paisa 😅😅@@laxmi7926
Mahilayen aage badhe itna nhi kisi ki kokh ujaad de
It is failure of courts and law.
मोदी आणि शहा यांनी आता यामध्ये लक्ष घातले पाहिजे काय चालले आहे देश समाज कुठे जाणार आहे ?
Ma'am kindly invite Acharya Prashant
It's not gender vs gender, it's not male vs female...it's about the innocent and the culprits..it's about how the greed in human beings are tearing up the society, it's about how evil people are torturing the innocent ones. It's high time that the justice system in our country awakes and works for the needy and not them who warms their pockets. #justiceforAtulji
#Justiceforallthevictims
May you be at a better place Atul ji.... We pray for you...and my heartfelt condolences to your Mom, Dad and Brother.
Atul bhai sahid huye desh ke judiciary ko jagane ke liye or satta wale jo kanoon banate hai ye aane wale sare purusho ko bachane ke liye Atul bhai ne pure system ko jagane ke liye ye kiya ki kal ko koi or Atul naa mare aise. jaago bhart ke yuva .
हमारे देश मे जस्टिस मिलता ही नही है,,यहां तक कि अगर जज के सामने कत्ल हो जाय क्योकि उनको गवाह चाहिए। समझ नही आता क्या होना चाहिए। सच की कोई कीमत नही
😢😢😢😢😢
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
This is Epidemic of Public health in India
ऋचा जी , कुछ होने से तो रहा, मुश्किल से बीस (20) दिन रूकिए; सब भूल जाएंगे कि कुछ हुआ था और ये ब्लेम तो कोर्ट और सिस्टम पर भी तो लगाया गया है तो इस आवाज को वो लोग तो दबा कर ही रहेंगे । आप और मीडिया वाले भी दो चार आंसु बहा कर चुप हो जाएंगे, लडना तो खुद परिवार वालों को पड़ेगा अगर कोई वकील, अफसर इत्यादि कोई उनकी मदद कर दें तो जैसे निर्भया केस में हुआ था।
और हां गौर करने वाली बात! जज साहिबा के विरुद्ध कोई कुछ बोल ही नहीं रहा है!!!
Alimony का सिस्टम और एक तरफ पूरी तरह से झुका हुआ कानून जो कि सिर्फ और सिर्फ औरतों की मदद करता है लालच में क्योंकि की कानून सीधा नहीं है बहुत होच पौच है यहां।
Change the corrupt system of judiciary....money seeking is main problem
Mam Delhi head chef girl ka pura interview upload kar diiye
Lawyer who advised her to do so should be made culprit as well
Now Judiciary is not for justice. So good people must have to understand don't depend upon Judiciary but understand muscle power becomes mighty power. here.
मध्य प्रदेश का एक जज़ आजमगढ़ बुढ़न पुर तहसील के s d को फोन करके सरकारी स्कूल के रास्ते को बनने नहीं दे रहा है।
हल्का लेख पाल प्रधान दोनों मजबूर हैं ।
Ladke ke Pride aur self respect ko crush kar diya jata hai
Madam, I would like to talk to miss deepika mam , showing them actual case where wife not filing any case, and getting no justice
Purush ayog banaiye tabhi ourte sudhrengi please
In today's world.. life is full of stress, tension, depression, anxiety and unwanted problems 😞best thing is to be quiet and respect a woman. Richa just wanted to share one thing with you. I work in a government department on a good position where most of my colleagues are women and trust me they are really helpful and nice people. Its my personal experience😊. I maybe wrong... But one thing...a person has to respect a woman and be good to her😊👍 or else he can't survive in this world.
Atul subash amar rahi.Govt take action against her and change 498A&DVACT also aA
Ŕichaand Deepali aap dono ka tahèdil sè dhanybad indrajeet singh chandapùr goñda up
Police vale and advocates same hi hai even in genuine women case
हिन्दू रिति रिवाज़
False charges and absence of Time Bound disposal of Divorce petitions in Family courts, few advocates and investigating teams and Most Important High Pressure of Social Organisation working in Favour of Women are to be blamed.
If he was a Muslim he could have simply say Talaak Talaq Talaq. Unfortunate Hindu should ' fight to survive ' in court. Jai Samvidhan
Hum mard hai hamare sath aaise hi hota koi nhi hota hai hamare sath ..........
Court jaane se badhiya hai ki apna faisla khud kar lo
बहुत ही अत्याचार होता है पुरुषों के लिए खा नहीं खा कर एक माता पिता बेटे को पाल पोस बड़ा करते हैं एक सपना उनकी आंखों में रहता है बेटा हमारा सहारा बनेगा ,इन डायनों के खातिर क्या मिलता है सिर्फ अशांति, आशू,😢 अच्छी लड़की भी बदनाम हो जाती है ,कहीं भी देखो बिना बात के ,,तुझे पता नहीं है ,,लड़की हूँ मै,,हर जगह,चाहे बस के सफर में चाहे होटल में कहो कहीं भी,मैने यह भी देखा है गरीब ऑटो वाले को भी यही धमकाया जाता है ,तू जनता नहीं मैं महिला हूँ बिल्कुल इसकी तहकीकात होनी चाहिए 😢😢😢😢
Mam kindly invite
Acharya prashant sir
This is brutal, some of the ladies if not taking any legal actions are ruining the families in other ways..
Their insecurities are taking another dirty and dangerous form.😞
Yaha humare system me amendment karne ki jarurt hai..
There should be video recording of every family court proceeding and suo motu case on the women and their lawyers if the charges are fake or if they try to take back their case...
Judiciary. Laghar gay samajh kar case khatam hi nhi honedeta hai
Kanoon ko general neutral hona chahie
Yah Sach Hai hamen chup kara diya jata hai hamari baton ka Vishwas nahin kara jata
मनोज की पत्नी पहले से एमटेक थी और लेक्चरर थी और वह केवल बारहवी पास है
Itna sab kuch ho chuka hai injustice k naam per bas ab aage na ho kuch aise amendments ho jaaye ki Kisi ko bhi nyay ki bheekh na mangni pade..Poora conversation bahut hi mahatvapoorna tha..
Deepika ji ne jis tarah k cases bataye pata to tha but log us Hadd tak vikrit hai sun k hairani hui..ek aur baat boli unhone ki Richa ma'am ki following bahut hai..aur jaise maine bhi likha tha ki aap jaise sashakt log agar awaaz uthayenge to sahi darwaze tak sunai degi..Bas umeed ye hai ki Atul ji ka suicide vyarth na jaaye..jaise Sushant k suicide ne ek bahut bada badlav laya usi tarah yaha bhi changes dekhne ko mile jald hi🙏
Muje nhi lgta di kuch bdlega sb bika h
My wife put false 498a case i lost my job i was jobless for 4 years later came to know she was having an affair with a boy before my marriage and she was still dating when i was married my wife lawyer also came to know abt my wife she was still having boyfriend and was cheating on me. Thats where i won the case but it took me 4 years with no Job i was struggling for money as i was the only earner in my house. NOW I AM FREE AND I NEVER MARRIED AGAIN.
No political party in any of the elections has raised concers of the husbands and family members.
Mamm where is law commissione
Bahut hi dhukhad hai ,samaj kahan ja raha hai😢
मनोज का केश आप गलत बता रही है मैं दोनों पक्ष को अच्छी तरह जानती हूँ उसकी पत्नी बहुत ही अच्छी लड़की है
Good works 🎉😂😂
Laws in India are gender biased. Laws should be made for justice for all gender not to benifit a particular gender 😢
Samaj hi kyu bhardwaj ji us judge ka kya to aese aese faisle turant par turant de rahi thi.. Same on our system 😢😢