आपको सादर चरण स्पर्ष. मेने किसी भी स्त्री कवयित्री आदि को ek भी अभद्र शब्द नहीं कहा . N ही कह सकता hu,,ab मेरे चेहरे और मेरे shbdon ko तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत कर के मुझे hi कोई विद्रोही बता दें to मेरा क्या कसूर मेरे कारण किसी को भी दुःख पहुँचा हो to मुझे अज्ञानी समझ कर माफ़ करना ....योगेश चन्द्र दवे.... जालोर राजस्थान
चरण स्पर्श बहन जी बहुत ही मार्मिक गीत आपको हार्दिक बधाई
दिल में स्थान कर दिया है आपकि कविता और जिनके बेटीयाँ नहीं है उनको ऐसी कविता सुनने का दिल करता है
Dil ko Chu Lene wali Kavita ...sach me bitiya ki vidaai MAA or pitaa ke kaleje ko cheer ke Rakh deti hai...
बहुत ही मार्मिक चित्रण
शानदार प्रस्तुति
Dr, saheb. Aapke Geet,
Ghar aangan se Parivar tak ka
Manmohak paridrasy sunne ke sath dikhai bhi dene lagata he mera
Pranam,,,,
Girish Dave,,,,,,,, Ratlam,,,,, MP,,,
अद्भुत मर्मस्पर्शी भावनात्मक सरस रचना
ज़बरदस्त विदाई गीत
वाह वाह बहुत सुंदर 🙏🏻🙏🏻
हृदय स्पर्शी गीत 💐💐
दिल को छूने वाला गीत, बहुत सुंदर.......
आप बहुत अच्छा लिखती भी सुनाती भी हो मधुर वाणी में शुक्रिया
Nadiya k 2 teer hai 👍bitiya ka sansar.... 😢😢thanx 👍
जबरदस्त विदाई गीत ' आपने तो रुला ही दिया ।
बहुत ही मार्मिक चित्रण
शानदार प्रस्तुति आपकी
Excellent, I remembered my daughters who are for away in their sasural.
Bhar Bhar aye Naina Bitiya Chali sasural Madam ji dard bhari kavita
आपकी किन शब्दों में प्रशंसा करें, समझ नहीं आता है। ईश्वर आपकी लेखनी को अमर करे। बहुत बहुत शुभकामनाएं, बहुत बहुत आर्शीवाद, बहुत बहुत स्नेह!
Bahut hi bhavuk prastuti.Many many thanks Kale madam.
Bahut sundar geet mene aapke sath kavi sammelan pada he anupriya anu sailana
Thank you ,aapka geet sunkar khoob roya hoo
अद्भुत जी , अति मार्मिक 🕉🚩🧘🧘♀️🪷
Pranam hai apko kirti didi meri ankh ke ansu ruk nahi paye
लाजवाब प्रस्तुति ।
सादर प्रणाम आशु रुक नहीं रकते
बहुत ही मार्मिक चित्रण
Bahot umda
Nice creation 👍👍
बहुत ही अच्छा है
Hme apni Mummy ki yad aaa gai
आप ने तो रूला दिया ।
बहुत ही मार्मिक गीत
Salute off you 😊😊😊
Very nice 🎉🎉
Very nice.
❤❤❤❤❤
Nice 😍
आपको सादर चरण स्पर्ष. मेने किसी भी स्त्री कवयित्री आदि को ek भी अभद्र शब्द नहीं कहा . N ही कह सकता hu,,ab मेरे चेहरे और मेरे shbdon ko तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत कर के मुझे hi कोई विद्रोही बता दें to मेरा क्या कसूर
मेरे कारण किसी को भी दुःख पहुँचा हो to मुझे अज्ञानी समझ कर माफ़ करना
....योगेश चन्द्र दवे....
जालोर राजस्थान
❤️❤️
Subhanallah
BEST
जिंदाबाद कीर्ति काले जी
Awesome poem ..sach me aankhe bhar aayi..Aap kanha se h..
kya Mam Rula Diya
Kya aane sirf yahi kavita likhi h?
Bahut sundar
Ayese sunaya kare
Bahut sundar didi anupriya anu sailana se mene aapkè sath kavi sammelan pada he
Bus kro Mam