So Sorry: Yogi Ka Darr | CM Yogi | UP Police | Atiq ahmad | Umesh Pal Murder Case | UP Government
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- Опубліковано 13 бер 2023
- In this episode of So Sorry, the celebration of Holi by political parties is shown in a funny way.
#pmmodi #cbi #sosorry #indiatoday
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So Sorry is an exclusive Politoons series by India Today Group. It is India's first politoons series and an initiative by India Today Group which focuses exclusively on the most trending and controversial news from all over India.
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Wish he was CM of West Bengal too !!
vote doooo
No man, West Bengalies don't deserve him, Let leftism, over education, oversmartness and love towards muslim suffer them.
@@karank6097kisko vote de be bengali kahi ke
@@pipipupu5104 I'm not bengali... bjp ko vote do
Sorry boss hum apne yogi ji aditya nath ji kisi ko nhi dhe ge
Jai shree Ram
Yogi ji jo bolte hai woh karte hai, miti me mila diya finally 😅😅😅. Every state of India need a CM like Yogiji ❤🙏🙏🙏
After getting cm like Yogi adityanath proud to be an uttar pradesian
Be an Indian or Bhaaratiya bhai. It's okay :)
☺️🙏🙏🙏🙏🙏❤️💛💜💚🧡❤️💛💜💜💚💚🧡❤️❤️💛💜💚🧡🧡💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕
आदरणीय Jaagteraho2656🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
Akhilesh yadav zindabad 🎉
@@sarthak___007__ we don't need mafia
Yogi Ji rocks 😎🤏
Atique shock 🔥
Modiji cleaning scammers 😌
Yogiji cleaning mafias 👿
आदरणीय UWadityaji🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
modi himself a scammer
Adani 😂😂😂
@@sohu_atif5672 Adani 10% tax deta h 100000 + job deta h , 23k se jyda employees h , sabse bada project Rajasthan mai chal rha h OR chamche adani adani kr rha h
@@avadhutjoshi796tf
Received from a senior retired banker:
Experience of a Banker (IDBI) in UP- Atiq Ahmed, a notorious mafia don has been shot dead in UP. It was a very fascinating news for me. I heard Atiq’s name for the first time in 2005 when we were planning to auction the assets of Rajinder Steels Ltd., one of 634 cases in SASF portfolio. Atiq was an M.P. of Samajwadi Party and was in jail at that time for some serious criminal activity. He came out on parole during the auction time, perhaps only to “participate” in the auction. Rajinder Steels Ltd was in liquidation and in possession of Official Liquidator of Allahabad High Court. The auction was to take place in Allahabad. SASF was represented by our colleague Mr A.K. Mishra. There was good interest in the assets and 11 bidders, (a few of them very reputed) participated with sealed bids. At the scheduled time of auction, Atiq Ahmed along with 15 of his aides armed with AK 47 guns forced themselves in and proceedings were taken over by Atiq. He asked the bidders to open the sealed covers and forced them to correct their bid amounts as dictated by him. No bidder was allowed to withdraw or move out of Allahabad before conclusion of the auction. Mr Mishra gave me a ring and told me that things are not going well in the Auction.
Mr Mishra before leaving Allahabad explained to me what happened at the Auction site. I also got a call from one of the bidders who explained the same thing that Mr Mishra narrated. He additionally informed me that Atiq had summoned all the bidders to meet him at a hotel in the evening, with a strict warning that nobody will leave Allahabad before the meeting.
On our side, we were wondering what to do. As per the advise of Harish Chander, we sent a Fax to Hon. Judge Mr Ambavani of Allahabad High Court requesting him to cancel the Bids and to allow SASF to hold the auction anywhere in India except in Uttar Pradesh. Harish was very confident about the uprightness and honesty of this Judge.
The process of bidding directed by Atiq was narrated to me by a bidder, (CMD of a large Steel company). All the 11 bidders were present at the specified hotel and Atiq told the bidders that one steel company (as decided by him) will finally bid for an amount of Rs 23 cr and nobody will bid above that. The said company will have to pay Rs 16 crore to him out of which Rs 8 crore or 50% will go to himself and Rs 8 crore will be divided equally among the bidders.
It was a pleasant surprise for us in SASF when we received a message from Allahabad High Court the very next day that Rajinder Steel bid has been cancelled and that SASF was free to hold the auction anywhere in India. The Judge also ordered for a CBI enquiry into the issue. Mr Mishra and Harish Chander had to appear before CBI even in 2018-19 in this case. As I learn from Harish and Mishra, Justice Ambawani was monitoring the CBI case and it is pending for decision.
The auction of the assets was held in IDBI Tower and the assets were sold to Jayswal NECO Ltd at around Rs 75 crore.
It is nice to learn that UP is a much better place for investment now and that CM Yogi has done good by putting goondas in jail or eliminating them. Thought of sharing this interesting experience when I saw the news about the death of Atiq. There was threat on our lives, but the grit and courage shown by Mishra and Harish Chander who were my Legal stalwarts at that time was exemplary.
Such real incidents should be come forward so that people can understand the significance of current up leadership..... lifting themselves above politically influenced narrative based on caste, religion etc projected by so called opposition and politicians who are actually not interested in common man's welfare
honestly saying, u r portraying the plot well with a good humour 😂😂.
thanks for all u r efforts 💕💕
Modi Ji - Did Progress in Economy
Yogi Ji - Abolished Terrorism
Modi Ji -- literally every program he did failed. Roads and Railways were done by individual ministers.
@@archigoel the people who didnt got home and food , were gifted by modiji by his programs
Our next loved prime minister....I always pray for his safety....
Majak matt kiya kro goli marr kar pehnk de ge Salle koa 😂😂😂
@OSM SHORTS
*“Similarities between Islam & Hinduism”*
"Ma chidanyadvi shansata"
*O friends, do not worship anybody but Him, the Divine One.*
[Rigveda Book 8 :1:1]10
Similar message is in the Qur'an which is Final revelation from God almighty.
Allah our Lord says,
*Surely this religion(Islam) of yours is ˹only˺ one, and I am your Lord(Allah), so fear Me ˹alone˺.*
Qur'an (23:52)
Brahma Sutra of Hindu Vedanta:
"Ekam Brahm, dvitiya naste neh na naste kinchan"
*"There is only one God, not the second; not at all, not at all, not in the least bit".*
Allah almighty our Lord says
*Your real Deity is but One. He Who is Lord of the earth and the heavens and of all that is between them, and Lord of all Easts.*
Qur'an (37:5)
"Na tasya Pratima asti"
*There is no image of Him.*
[Yajur Ved 32 : 3]
So its not allowed for you all to make idols of God. Because Idol worshiping is prohibited in your scripture.
"Ekam evaditiyam"
"He is One only without a second."
[Chandogya Upanishad 6:2:1]
Its clear from above verse that there was a messanger sent by Allah to the people who are worshipping idols meaning Hindus.
In Qur’an Allah Almighty says,
Accordingly, we sent to every community a Messenger, saying,
*"Worship Allah and keep away from the taghut(False Gods)."*
I invite you to Islam, and if you become a Muslim you will be safe, and Allah will double your reward, and if you reject this invitation of Islam you will be committing a sin.
(And I recite to you Allah's Statement:)
Allah almighty our creator says,
*Say, "O people of the Book! Come to what is common between us and you, that we worship none but Allah; that we associate nothing with Him and that none of us shall make as our Lord any other than Allah."*
Qur'an (3:64)
@GamingwithRico010 Behave properly with our sisters , otherwise tumhe mitti mai mila denge
Ha jaagh tabliki
chalo Ghar wapsi karlo
Or Al lat, uzzat, or AL MANNAT
Ki Pooja karo@@Iamthewarner557
@@Iamthewarner557yes both are same , you are most welcome to leave it and come to your roots ,the truth, get shiva's grace and leave the cult you're in today. Be mature thankyou namaste
Akhir kaar mitti me lila hi diya !! 😅😅
2029- PM of India Yogi Baba❤
Aisa he hona chahiye,,wahh Yogi ji you are the best 👍👍🇮🇳🇮🇳
Wow, superb video,
We are proud of INDIA and YOGIJI.. BEST TOONS 😂😂😂
आदरणीय Sunita Gandhiji🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
Bhag bhogi...
Inhe or aatahi kya he. Intake bare main bolo to sajja or ye log dusaron pe update Hai majja
@@stanfacts4249
Disgusting people, negative 🤢🤢🤢
We kon tu tera baap aur teri ma?
@@737e7dhs4 Ja na anti nationalist
Better than pathan movie 😆
"Jali Ko Aag Kahte Hain, Bhuji Ko Raakh Kahte Hain, Jis Raakh Se Barood Bane, Usse Yogi Adityanath Kehte Hain"
Yogi 🚩🚩🚩
Respect from odisha 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Power of Yogi ji 😎😎😎😎
आदरणीय Lakhsinghindaji🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
Powerful MODIJI N YOGIJI TRUELY GENIUNE TEAM ROXX 🇮🇳🇮🇳🐯🐯🐯🕉️🕉️🌷🌷🙏🙏
Next target cm yogi
@@AbuHurairaKing 😎😎
@@sunitagandhi9291 🚩🚩😎😎
Modern Parshuram hai Yogiji.
जय श्रीराम! जय जय श्रीराम!🚩🚩🚩🇮🇳🇮🇳🇮🇳
आदरणीय Yadv.m2173🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
Nice video 📸 Yogi ji ka
This cartoon turned out to be somewhat true. He came out of prison and he was killed. Yeh darr hona chahiye inn so-called mafia gangsters ko!
😂😂😂 kya mast अॅनिमेशन hai...😂😂😂
Modi ji or yogi ji deadly duo 🥵🔥
Wohi kanoon, wohi officer, wohi police, wohi adalat
Pharak sirf Immandar rajneta.
Give vote wisely keeping" Desh sarvopari ".
आदरणीय 🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
😂😂👏👏👏 excellent ausa hi hona chahiye Shasak! Yogiji Ki yug yug lambi aayu karey Waheguruji
Up mein ka ba?
:- Yogi ka dar ba
🤣🤣😎😎🚩
Yogi as a PM
Super! Future of कानून- व्यवस्था।
बहुत बुरी अवस्था हो चुकी थी
आदरणीय AnuragShuklaji🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
hmm mafia mar raha hai toh aapko buri avastha lag rahi hai kya baat hai
Best creation ever I seen 😂😂💯👍
I love Yogi ji so much ❤️🙏🙏🙏
भारत को ऐसे ही गृह मंत्री की जरूरत है उसके बाद प्रधानमंत्री बने यह मेरी आशा है
आदरणीय RTS982🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
Pm
News dekha?
Abhi bhi chahiye?
Pm Yogi ka intezar hai🚩🚩
👍😀😃😫 India needs Such Powerful and honest Chief Minister in every State! His picture is only enough to scare Hard core criminals.
आदरणीय JHDesai802🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
Nasir junaid Sidhu moose wala ko bhi insaaf dilaao 😭😭ab nahi bolega koi bhi andbhakt
@@shabanrangrezz9409 punjab mei bjp govt aane do..abhi to tumhare pappa log hai wha
@@shabanrangrezz9409 tum log itna religion religion kuu krte hooooo Don vikas bhi ka bhi toh encounter hua tha.
Ese mat kiya karo, isliye tumhara religion bhut peeche hai india mai baaki religion ke comparison mai.
@@fire6915 woh toh sirf tum karte ho aur politicians
बुल्डोजर बाबाजी का यह डर आगे भी कायम रहना चाहिए।
आदरणीय SudhanshuKumarji🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
बहुत बढ़िया. आज अतीक को वाकई मिट्टी में मिला दिया.
😊One video gives such mind blowing messages for nation ❤
CM Yogi is the man!! May God bless him with a very long and happy life. Very entertaining presentation 😁😁
Yes 😁😁
Baba 🚩😎👊🔥
Maja aa gaya bhai
Pagal logo ko dekh kar
🤣🤣🤣🤣🤣😁😁😁😁😁
आदरणीय SahrameshKumarji🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
"पूरी दुनिया जीत सकते हैं संस्कार से"
और जीता हुआ भी हार जाते हैं
अहंकार से...!!🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀
आदरणीय GKplus2877🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
कहना क्या चाहते हो😂
Please make part 2 after atiq Ahmad shooting 😜
1:26 T h i c k E Y E S!!!!
Our next PM
Sach ho gaya
Khatam tata good bye gaya
😂😂😂😂👍👍👍👍👍.. Yogi ji ki jai💪
आदरणीय Zinjinpingji🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
Awesome 👍👍👍👍....Yogi Ji next PM....
জয় শ্রীরাম 🕉️🚩🚩🚩💖🌹
বুলডোজার বাবা জিন্দাবাদ 🥰😘🥰
If he had been the CM of West Bengal. Maza aa jata.
CM Yogi be like : Jalwa hai hamara
😀😀😆 Yogi baba jindabad 💪🇮🇳
Khoob achcha hua
Lots of respect from ASSAM YOGI JI 🙏🇮🇳🇮🇳
Yogi Ji means respect of law and order, Yogi Ji is the only hope for India 🇮🇳 respect this person .
योगी योगी योगी
Holy nice foreshadowing
Jaai ho yogi ji ❤ 🙏🙏🙏🙏
We need to sequel to its end where the characters on route for Medical examination turns out to a post mortem report.
Jai Sanatan Dharm
ఉత్తరప్రదేశ్ చాలా అదృష్ట రాష్ట్రం ఎందుకంటే ఉత్తర ప్రదేశ్ కి యోగి ముఖ్యమంత్రిగా ఉన్నారు
Sahi kaha
Yes ❤
😂😂iron man yogi sarkar😂😂
Yogiji Sahi kar rahe hein
जय श्री राम
I am praying God to provide Karnataka state CM like Yogiji and Successor of Modiji
Jai ho
सलाह हारे हुए की,
तजुर्बा जीते हुए का
और दिमाग़ खुद का
इंसान को कभी हारने नहीं देता।।।।
🌷🌿🌼🌾🌷🌿🌼🌾🌷🌿🌼
Good 👍
Yogi raj 🚨🚨🚨🚓
Jalwa hai Gorakhpur Zila Ka...
JAI HIND 🇮🇳💯
C.M Aisa hi hona chahiye jisse mafiya log ghabrayein
Please come to West Bengal Yogi ji we need you ..
Haa or Bihar me bhi😭
Very good
Proud Of Yogi Ji
Best Cm yogi aditya nath ❤️❤️🙏🙏🙏jai hind
😂😂😂😂😂😂👍😂👍
Next PM " Yogi BaBa" ki jai ho.... 🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Yogi babab 🐯
Yogi bosss❤
Jai ho Yogi ji 🤘🏻
Bilkul sach hai😅
Maza aya 👌
Who is here after the death of Atiq Ahmad..? 😂
बहुत बढ़िया योगी सरकार
Ye dar hame acha laga 😂😂😂😂😂
Super yogi
0:45 sec of this clip shows various gunshot sounds used in Hindi films like Sholay (1975), Gupt (1997) & Dushman (1998)... amazing animated satire 😄
And all of these sounds are taken from my video 8)
Very nice
Yogi baba is great cm or our next pm after modi ji
आदरणीय YogeshKumarji🙏
मैं अलग विषय पर बात करने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पूरी तरह से संदर्भ से बाहर हूं। हमारे देश में हमारी व्यवस्था बुनियादी तौर पर विरोधाभासी है और यह विरोधाभास हर जगह दिखता है। इसने हमारी राजनीतिक बुद्धिमत्ता/संवेदनशीलता को दूषित किया है और इसलिए देश के सामाजिक और धार्मिक माहौल को बर्बाद कर दिया है।। मेरे विचार से इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के सन्दर्भ में भारत विरोधाभासों, सर्वथा विपरीत विचारों, शून्य तार्किकता वाला विश्व का एक मूर्ख राष्ट्र है।
हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं इन बचकाने विवादों का स्थायी समाधान चाहता हूं। मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
अवधूत जोशी
Really yogi did good wrk, nobody would have imagine, azam khan, atia ahmed, ansari one day they will go to jail, it is only possible because of yogi. Well done
Bahut achche . Lage raho. Kisise Darna nahi. Age bado
Jai hoyogiji
Yogi ji be like :- Jalwa hai hamara 😁😂
Bollywood k dalal who glorify gangsters and prostitutes should be dealt similarly.. Darr Acchha hi
❤
Omg Yogi ji
Yogi Ji Mtlb Sabka BAAP.
Love from Haryana Yogi ji ❤❤❤❤
Like. Those who are resident of uttarpradesh 😍
Ateek &parti ki ..........gai Hindustan zindabad
Yogi baba jindabad
I am from tamilnadu we need Yogi to rule Tamil Nadu