आपके द्वारा जिस प्रकार कवि भूषण जी की रचनाएं और शिवा जी महाराज की वीरता का वर्णन किया है, यह अत्यन्त ही सराहनीय है। अपके चलचित्र के माध्यम से मेरा ज्ञानवर्धन होता है। आप ऐसे ही हम दर्शकों को सार्थक जानकारी देते रहें 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपको बारम्बार धन्यवाद, विश्वजीत जी 🙏जब छत्रपति शिवाजी महाराज का और उस समय का इतिहास पढ़ते हैं तो आमूलचूल सिहर उठते हैं मन-प्राण 🙂क्या व्यक्तित्व ! क्या अप्रतिम, अविस्मरणीय उपक्रम था शिवाजी महाराज एवम् उनके साथियों का 🚩! हमारी उर्वरा माँ भारती ने किन-किन महाप्राणों को जन्म दिया है 🙏🙏
आपका अनेकोनेक प्रकार से धन्यवाद राज करण जी 🙏ऊर्जा तो कवि भूषण के महान कवित्त से एवम् आपके प्रोत्साहन से अपने आप ही भर जाती है। जय राधेश्याम 🙏जय सियाराम 🙏
यह इतिहास रोचक है। शिवाजी राजे का network मुग़लिया राज्य में भी इतना फैला हुआ था की क्या कहने । जैसा कि आपने कहा - कुछ लोग राजगढ़ तक उनके साथ रहे और फिर मराठा राज्य में ही बस गए। और आगरा से राजगढ़ तक के इस सफ़र में, स्थान-स्थान पर उनके छोटे से दल की मदद हेतु बहुत लोगों ने बड़ा महत्वपूर्ण कार्य किया।
बिलकुल, प्रमोद जी। और फिर वहाँ से रीवा के दरबार में पहुँचे थे। रीवा उस समय अत्यंत प्रतिष्ठित राज्य हुआ करता था। रीवा के राजा श्री रामचंद्र सिंह ने अकबर के बारम्बार पूछने पर इन श्री रामतनु पाण्डे (संगीत सम्राट तानसेन) को आगरा जाने का आग्रह किया। तानसेन जी का मन नहीं था परंतु उदार राजा रामचंद्र जी की बात वह न टाल पाए।
निःसंदेह , प्रमोद जी। छत्रपति संभाजी राजे कुछ काल तक मथुरा में सुरक्षित राखे गए थे। वहाँ पर आज भी लोग उस स्थान को इंगित करते हैं, जहां पर बालक संभाजीराजे रहे थे।
प्रयास करते हैं, विवेक जी ।आरम्भ करने के लिए, खड़ी बोली में लिखी भारतेंदु हरीशचंद्र जी, मैथिली शरण गुप्त जी, एवम् रामधारी सिंह 'दिनकर' जी की कविताएँ पढ़ना शुरू कीजिए । मैथिली शरण गुप्त जी की "पंचवटी" पढ़िए । सरल भाषा और दिल को छू जाने वाला कवित्त है। नित्य-प्रति पंद्रह मिनिट इस कार्य को दीजिए और फिर चाय-कॉफ़ी पर अपने मित्रों, स्वजनों, परिजनों से इसकी हल्की-फुलकि चर्चा कर लीजिए । कुछ समय में यह आपकी विचारधारा का अभिन्न अंग हो जाएगा और कविता एवम् अन्य साहित्य की रचना सुगम हो जाएगी। अध्ययन आवश्यक है । कवि भूषण, अपनी युवावस्था में, बहुत समय तक लगभग अनपढ़ थे । फिर उन्होंने अध्ययन प्रारम्भ किया - और देखिए परिणाम ! और हाँ - संस्कृत सीखना भी लाभप्रद होता है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏
आदरणीय जयंत जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏 क्या बात कही आपने, वाह ! शब्दों के इसी अति उत्तम खेल ने पीढ़ियों के हृदयों में ऊर्जा का संचार किया है और यह संचार आगे भी होता रहेगा। छत्रपति शिवाजी महाराज की जय 🙏
आपके द्वारा जिस प्रकार कवि भूषण जी की रचनाएं और शिवा जी महाराज की वीरता का वर्णन किया है, यह अत्यन्त ही सराहनीय है। अपके चलचित्र के माध्यम से मेरा ज्ञानवर्धन होता है। आप ऐसे ही हम दर्शकों को सार्थक जानकारी देते रहें 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपको बारम्बार धन्यवाद, विश्वजीत जी 🙏जब छत्रपति शिवाजी महाराज का और उस समय का इतिहास पढ़ते हैं तो आमूलचूल सिहर उठते हैं मन-प्राण 🙂क्या व्यक्तित्व ! क्या अप्रतिम, अविस्मरणीय उपक्रम था शिवाजी महाराज एवम् उनके साथियों का 🚩! हमारी उर्वरा माँ भारती ने किन-किन महाप्राणों को जन्म दिया है 🙏🙏
हर हर महादेव, जय सियाराम 🙏🏻
जय राजा शिवछत्रपति 🙏🙏 जय भोलेनाथ 🙏🙏 हर हर महादेव 🚩🚩
ईश्वर आपके अंदर ऐसे ही ऊर्जा और शक्ति सदैव बनी रहें जिससे हम दर्शकों को सदैव ऐसी ही मनोहर जानकारी मिलती रहें। हर हर महादेव जय सियाराम 🙏🙏🙏🚩🚩
आपका अनेकोनेक प्रकार से धन्यवाद राज करण जी 🙏ऊर्जा तो कवि भूषण के महान कवित्त से एवम् आपके प्रोत्साहन से अपने आप ही भर जाती है। जय राधेश्याम 🙏जय सियाराम 🙏
Bahut anoothe tareeke se samjhaya. 👏👏 Aur bahut accha laga sabhi jagah ki photographs dekh kar.
Aapka bahut-bahut dhanyawaad 🙏Aap hi ke feedback se aur protsaahan se yeh sambhav hua hai 🙏🙏
महाराज को महाराष्ट्र तक चतुर्वेदी लें कर गए थे, लें जाने वाले चतुर्वेदीयों के वंशज आज भी महाराष्ट्र में रहते हैं.
यह इतिहास रोचक है। शिवाजी राजे का network मुग़लिया राज्य में भी इतना फैला हुआ था की क्या कहने । जैसा कि आपने कहा - कुछ लोग राजगढ़ तक उनके साथ रहे और फिर मराठा राज्य में ही बस गए। और आगरा से राजगढ़ तक के इस सफ़र में, स्थान-स्थान पर उनके छोटे से दल की मदद हेतु बहुत लोगों ने बड़ा महत्वपूर्ण कार्य किया।
Brilliant sir.
Thank you very much, Kuldeep Ji 🙏🏻🙏🏻
तानसेन का जन्म ग्वालियर में हुआ था, उनका नाम रामतनु पांडे था, उन्होंने अपना गायन ग्वालियर से शुरू किया था.
बिलकुल, प्रमोद जी। और फिर वहाँ से रीवा के दरबार में पहुँचे थे। रीवा उस समय अत्यंत प्रतिष्ठित राज्य हुआ करता था। रीवा के राजा श्री रामचंद्र सिंह ने अकबर के बारम्बार पूछने पर इन श्री रामतनु पाण्डे (संगीत सम्राट तानसेन) को आगरा जाने का आग्रह किया। तानसेन जी का मन नहीं था परंतु उदार राजा रामचंद्र जी की बात वह न टाल पाए।
संभाजी, मथुरा में चतुर्वेफियों के पास रखे गए थे.
निःसंदेह , प्रमोद जी। छत्रपति संभाजी राजे कुछ काल तक मथुरा में सुरक्षित राखे गए थे। वहाँ पर आज भी लोग उस स्थान को इंगित करते हैं, जहां पर बालक संभाजीराजे रहे थे।
कविता लिखना सिखा दीजिए , पूरा एक सीजन चालू कर , और हिंदी के अनेक कवियों की प्रसिद्ध कविताओं के बारे में वीडियो बनाओ , 🙏🙏 , आपकी वीडियो बहुत अच्छी है ,
प्रयास करते हैं, विवेक जी ।आरम्भ करने के लिए, खड़ी बोली में लिखी भारतेंदु हरीशचंद्र जी, मैथिली शरण गुप्त जी, एवम् रामधारी सिंह 'दिनकर' जी की कविताएँ पढ़ना शुरू कीजिए । मैथिली शरण गुप्त जी की "पंचवटी" पढ़िए । सरल भाषा और दिल को छू जाने वाला कवित्त है। नित्य-प्रति पंद्रह मिनिट इस कार्य को दीजिए और फिर चाय-कॉफ़ी पर अपने मित्रों, स्वजनों, परिजनों से इसकी हल्की-फुलकि चर्चा कर लीजिए । कुछ समय में यह आपकी विचारधारा का अभिन्न अंग हो जाएगा और कविता एवम् अन्य साहित्य की रचना सुगम हो जाएगी।
अध्ययन आवश्यक है । कवि भूषण, अपनी युवावस्था में, बहुत समय तक लगभग अनपढ़ थे । फिर उन्होंने अध्ययन प्रारम्भ किया - और देखिए परिणाम ! और हाँ - संस्कृत सीखना भी लाभप्रद होता है।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏
बहुतही सुंदर
शब्दोसे खेलना तो कोई कविराजसे सिखे
आदरणीय जयंत जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏 क्या बात कही आपने, वाह ! शब्दों के इसी अति उत्तम खेल ने पीढ़ियों के हृदयों में ऊर्जा का संचार किया है और यह संचार आगे भी होता रहेगा। छत्रपति शिवाजी महाराज की जय 🙏
Jai Guru Har har Mahadev jai Shivaji jai maharana jai Guru Govind Singh jai 4 sahibjade jai Sambhaji maharanjancha jai Banda bahadur
Jai Ma Bhaarati 🙏🚩Mahodaya, aapke to naam mein hi "Shivaji" Maharaj ka naam hai 🙂
Chhatrapati Shivaji Maharaj ki Jai 🚩🙏
Jai Ma Bhawani 🚩🙏🙏
हर हर महादेव, जय सियाराम 🙏🙏🙏🙏🚩🚩
छत्रपति शिवाजी महाराज की जय 🚩 जय माँ भवानी 🙏🙏
हर हर महादेव, जय सियाराम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🚩
हर हर महादेव 🚩🚩🚩 जय सियाराम 🙏🏻🙏🏻 राधे-राधे 🙏🏻🙏🏻