मोनोकल्चर पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं है। पक्षी शाखाओं पर घोंसला नहीं बना सकते और न ही उन पर छेद करके घोंसला बना सकते हैं। इसलिए बीच-बीच में सॉफ्टवुड भी लगाना चाहिए। इसके फलों को पक्षी या जानवर नहीं खा सकते इसलिए बीच-बीच में फलों के पेड़ होने चाहिए। पक्षियों और तितलियों के बिना दुनिया में पैसे का क्या उपयोग। महोगनी के पेड़ पर पक्षी घोंसला नहीं बनाते और न ही पक्षी इस पर छेद करके घोंसला बना सकते हैं। तितलियाँ महोगनी में नहीं आतीं। इसलिए बीच-बीच में कुछ नरम लकड़ी, फल देने वाले पेड़ और फूल वाले पौधे लगाएं।
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मोनोकल्चर पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं है। पक्षी शाखाओं पर घोंसला नहीं बना सकते और न ही उन पर छेद करके घोंसला बना सकते हैं। इसलिए बीच-बीच में सॉफ्टवुड भी लगाना चाहिए। इसके फलों को पक्षी या जानवर नहीं खा सकते इसलिए बीच-बीच में फलों के पेड़ होने चाहिए। पक्षियों और तितलियों के बिना दुनिया में पैसे का क्या उपयोग। महोगनी के पेड़ पर पक्षी घोंसला नहीं बनाते और न ही पक्षी इस पर छेद करके घोंसला बना सकते हैं। तितलियाँ महोगनी में नहीं आतीं। इसलिए बीच-बीच में कुछ नरम लकड़ी, फल देने वाले पेड़ और फूल वाले पौधे लगाएं।