एक समय की बात है, एक राजा था। उसकी चार पत्नियां थीं, जो एक से बढ़कर एक सुन्दर एवं गुणों से युक्त थीं। राजा उन चारों से अनुराग रखता था परंतु उसे चौथी पत्नी सर्वाधिक प्रिय थी फिर तीसरी, दूसरी और पहली। पहली पत्नी उनमें सर्वाधिक वयस्क थी। एक दिन राजा वन में आखेट के लिए गया। वहाँ उसे एक अज्ञात कीट ने काट लिया और वह एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित हो गया। वैद्य एवं तांत्रिकों ने अपनी सारी विद्या का प्रयोग किया परंतु उसकी अवस्था को सुधार नहीं पाए। अंतत: उन्होंने यह कहा कि राजा की मृत्यु निकट है और अब वह कुछ ही दिनों के अतिथि हैं। राजा ने अपनी संपत्ति को रानियों में विभाजित करने का निर्णय किया, क्योंकि उसका कोई उत्तराधिकारी नहीं था। परंतु सामान्य रूप से विभाजन करने की जगह कौन-सी रानी उसे कितना प्रेम करती है इस आधार पर संपत्ति को बांटने का निर्णय किया। उसने एक चतुर योजना बनाई और सभी रानियों को एक-एक कर के बुलाया। उसने कहा- “मेरे जीवन के केवल तीन दिन शेष हैं" मैं तुम्हें एक रहस्य बताता हूँ। बहुत पहले मुझे एक साधू ने एक शक्तिशाली यंत्र दिया था जिससे मुझे स्वर्ग की प्राप्ति होगी। यदि मैं साथ में एक और व्यक्ति को ले जाऊं। परंतु इससे पहले की स्वर्ग में प्रवेश करें हमे दारुण यंत्रणा सहन करनी होगी और नर्क में सात वर्ष व्यतीत करने होंगे। क्योंकि हम एक दूसरों से सर्वाधिक प्रेम करते हैं इसलिए मैंने यह निश्चय किया है कि मैं तुम्हें अपने साथ आने का यह अवसर प्रदान करूँगा।” उसने चौथी रानी से आरम्भ किया जो सब से छोटी थी और जिससे वह सबसे अधिक प्रेम करता था। उन्होंने उससे पूछा, “क्या तुम मरने के बाद, मेरे साथ चलोगी ? रानी को राजा की आसन्न मृत्यु पर पूर्ण विश्वास था, और उसने भावना रहित स्वर में कहा “इसमें संदेह नहीं कि मैं आपसे प्रेम करती हूं परंतु प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मृत्यु का स्वयं ही सामना करना होता है। "मैं यहां ही रानी के रूप में रहना पसंद करूंगी। मुझे तो प्रेम एवं सत्कार की आदत है।” मतलब चौथी पत्नी ने साफ़ मना कर दिया और चली गई। राजा को अपनी तीसरी पत्नी भी बहुत प्यारी थी और उसपर उन्हें गर्व था। उन्होंने उसे बुलाया और साथ में मरने का पूछा। तीसरी पत्नी बोली, “मैं आपको यह सिद्ध करूँगी कि मैंने आपसे सबसे अधिक प्रेम किया है। पर मै आपके साथ नहीं चल सकती, मुझे अपनी ज़िन्दगी बहुत प्यारी है। राजा की दूसरी पत्नी, हर मुश्किल समय में उनका साथ देती आ रही थी। राजा ने उससे भी साथ चलने का पूछा। दूसरी पत्नी ने कहा, “माफ़ कीजिये महाराज" ! मैं इसमें आपकी कोई मदद नहीं कर सकती। मैं आपका अंतिम संस्कार ज़रूर करवा सकती हूँ और मैं उस वक़्त तक आपके साथ रहूंगी। तभी एक आवाज़ आती है, “मैं आपके साथ चलूंगी और जहाँ भी जाएंगे वहां जाऊँगी। भले ही वो मौत के बाद का सफर हो।” राजा ने देखा, ये उनकी पहली पत्नी की आवाज़ थी। राजा अब शांति अनुभव करता है कि कोई तो है जो उसे बिना किसी अपेक्षा के प्रेम करता है। पर उन्होंने उस पर सबसे कम ध्यान दिया था। राजा को बहुत शर्मिंदा महसूस हुआ। उन्होंने कहा, “जब तक मैं जीवित था, तुम्हारा ध्यान रखना इस कहानी का भावार्थ हमें क्या सिखाती है?? वास्तव में यह कथा आपकी, हमारी और प्रत्येक मनुष्य की है। हर व्यक्ति की चार निम्नलिखित पत्नियां होती हैं- चौथी पत्नी है, हमारा (शरीर) हम इसे खूब सजाते हैं, गहने पहनाते हैं, अच्छे कपडे पहनाते हैं पर आखिर में ये हमारा साथ छोड़ देती है। हमारी तीसरी पत्नी होती है (धन- संपत्ति) हम जीवन का बहुत सारा समय, घर को साजो सामान से भरने में लगा देते हैं। वो भी हमारे साथ नहीं चल सकती। दूसरी पत्नी है हमारा (परिवार और दोस्त) वो हमारा हर सुख दुःख में साथ देते हैं, लेकिन ज़्यादा से ज़्यादा, वो हमारे आखरी समय में हमें अलविदा कहने आ सकते हैं। पर साथ में नहीं चल सकते। पहली पत्नी होती है हमारा (कर्म और चरित्र व संस्कार) जिस पर हम ज़्यादा ध्यान नहीं देते। पर ये ही वो पत्नी है जो मरने के बाद भी हमारा साथ नहीं छोड़ती, सदा साथ जुड़ी रहती है। हममें से अधिकतर लोग इस प्रसंग के राजा की तरह ही जीवन जीते हैं। ऊपर लिखे क्रमानुसार ही अपनी पत्नियों से प्रेम करते हैं। हालांकि यह जीवन का आधार भी हैं और आवश्यक भी है कि साजो सामान के साथ आरामदायक जीवन जियें। परिवार और दोस्तों को, प्यार से संजो कर रखें। अपने शरीर का ध्यान रखें, इसे स्वस्थ रखें।
❤❤❤❤❤ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम जय श्री राधे कृष्णा राधे कृष्णा जय पितामह भीष्म जी जय कुल गुरू कृपा चार्य जी जय गुरू द्रोड़ा चार्य जी जय भक्त विदुर जी की जय हो जय पांडु पुत्रो की जय हो अर्जुन की जन्म भूमि इंद्रप्रस्थ की जय होअर्जुन ब सुवद्रा जी के विवाह की हार्दिक शुभकामनाएं बधाई हो
महाभारत देखने के बाद ऐसा लगता है जैसे मैं द्वापरयुग में चला गया हूँ और उन देव पुरुष के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है जो रास्ता मोछ के द्वार को जाता है जय श्री कृष्णा
आज से 35 साल पहले बनी महाभारत इतनी अच्छी और असलियत लगती है तो सोचो आज से साढ़े पांच हज़ार साल पहले हकीकत में इस धरती पर वो युग सच में था तब समाज का माहौल कैसा रहा होगा कितने धन्य थे वो लोग जो उस युग में पैदा हुए थे
उपकार भी मन के द्वोर से निकलते हैं और ये उपकार सबसे उत्तम उपकार बन कर जगत को इंसान के रूप में पेस किया ताकि जगत में मन में ये उपकार सदैव वाश करे भगवान भी इंसान का रूप हैं और उस रूप में जैसा काम वैसा ही रूप विराज मान रहता है पकड़ बड़ा गहरा है और शब्द भी गहरा है और रस भी बहुत गहरा है तो पिने के वास्ते गहराईयों में तो जाना ही पड़ेगा और लोभी इस रस तक पहुंच नहीं पाता तो ये काम जरूरत को सौंपा गया और वो महाभारत के रस का आनन्द उसे प्राप्त हुआ शायद इसी का नाम महाभारत रखा गया जयसियारामजय
अर्जुन एक मात्र ऐसे योद्धा थे, जो अपनी शिक्षा से कभी संतुष्ट नहीं हुए, वो जीवन भर कुछ ना कुछ सीखते रहे, इसी बात के कारण वो सर्वश्रेष्ठ रहे। सबसे अलग रहे ।🙏
जय श्री कृष्णा जय श्री श्याम प्रभु दूसरी बार देख रहा हूं सारे कलाकारों को बहुत बहुत धन्यवाद बहुत अच्छा ज्ञान मिलता हैइसमें इसका ज्ञान जीवन को बदल देता है जयश्री कृष्णा
कर्त्तव्य के प्रति महारथी कर्ण की निष्ठा संधि का प्रस्ताव असफल होने पर जब क्षीकृष्ण हस्तिनापुर लौट चले, तब, महारथी कर्ण उन्हें सीमा तक विदा करने आए। मार्ग में कर्ण को समझाते हुए क्षीकृष्ण ने कहा - 'कर्ण, तुम सूतपुत्र नहीं हो। तुम तो महाराजा पांडु और देवी कुंती के सबसे बड़े पुत्र हो। यदि दुर्योधन का साथ छोड़कर पांडवों के पक्ष में आ जाओं तो तत्काल तम्हारा राज्याभिषेक कर दिया जाएगा।'यह सुनकर कर्ण ने उत्तर दिया- 'वासुदेव, मैं जानता हूँ कि मैं माता कुंती का पुत्र हूँ, किन्तु जब सभी लोग सूतपुत्र कहकर मेरा तिरस्कार कर रहे थे, तब केवल दुर्योधन ने मुझे सम्मान दिया। मेरे भरोसे ही उसने पांडवों को चुनौती दी है। क्या अब उसके उपकारों को भूलकर मैं उसके साथ विश्वघात करूं? ऐसा करके क्या मैं अधर्म का भागी नहीं बनूंगा? मैं यह जानता हूँ कि युद्ध में विजय पांडवों की होगी, लेकिन आप मुझे अपने कर्त्तव्य से क्यों विमुख करना चाहते हैं?' कर्त्तव्य के प्रति कर्ण की निष्ठा ने क्षीकृष्ण को निरूत्तर कर दिया।इस प्रसंग में कर्त्तव्य के प्रति निष्ठा व्यक्ति के चरित्र को दृढ़ता प्रदान करती है और उस दृढ़ता को बड़े-से-बड़ा प्रलोभन भी शिथील नहीं कर पाता, यानि वह चरित्रवान व्यक्ति 'सेलेबिल' नहीं बन पाता। इसके अतिरिक्त इसमें धर्म के प्रति आस्था और निर्भीकता तथा आत्म सम्मान का परिचय मिलता है, जो चरित्र की विशेषताएं मानी जाती हैं। *“The sincere alone can recognize sincerity.”*
Overseas me Jab bhi me Akela aur physical world me pareshan feel karata hu tub Mahabharat dekhte hu....aur Mera mind relax ho jata....radhey radhey....🕉️
श्री कृष्ण भगवान अपने भक्त तो पे एसी ही कर्पा बनाये रखे जेसे अर्जुन पर बनाई रखी है जय श्री कृष्ण भगवान की 🙏🙏🙏
मैं आज भी महाभारत देख रहा हूं। अच्छे लोग कलाकार हैं।
महाभारत कितनी बार देख लो लेकिन बार-बार देखने का मन करता है।
वसुदेव कृष्ण की माया अप्रतिम है 🙏🏼🚩 जय श्री कृष्णा 👌🏼
.😅
🌺🌺 jay Shree Krishna 🙏🙏♥️♥️radhe radhe ♥️♥️
🌻ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः❤🙏🙏
हे केशव कभी मेरे मन में अंहकार नाम का शब्द ना आए। राधे राधे
Man hi nhi bhrta
@@gyanchandyadav142 ⁸
@@gyanchandyadav142you
सत्य कभी झुकता नहीं मात देता है जय श्री कृष्णा
Satty ki jai Ho
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ❤🙏 जय श्रीकृष्णा 🙏
ऐसे महान टीवी सीरियल जो हमे हमारे महान इतिहास से अवगत कराते हैं, उसके लिए चोपड़ा साब और आपका बहुत बहुत आभार 🚩🙏
😊😊
@@kalubhaidholariya3602⁰⁰⁰⁰😊😊6⁶5⁶⁶
गर्व से कहो हम हिन्दू है और हिन्दुस्तान हमारा देश है जहा ऐसी ऐसी गाथाएं हुई है 🙏🙏
लीलाधर भगवान श्री कृष्ण की जय हो।
जय श्री कृष्ण 🙏🙏
ये धर्मीक इतना अच्छा लगता है कि मैं इसे बार बार देखता हूं
और जो भी महापुरुष इस धर्मीक कि रचना किए है
उनको मै सत सत नमन करता हूं
onl
@@रितासिहं-घ6प #vvv.
Ye koi story'ny h Ye Real Hai 🙏❤️
मुझे महाभारत बहुत अच्छा लगता है इस रचना करने वाले बीएस चोपड़ा को
@@kalpanasharma551p
🎉
जिनके साथ साक्षात भगवान परमात्मा हो उनका कोई बुरा नही कर सकता।
।।जय श्री ✨* कृष्ण ।।
Jay Shri Krishna Jay
Hare krishna❤
b.r.chopra ji thank you..,.
एक समय की बात है, एक राजा था। उसकी चार पत्नियां थीं, जो एक से बढ़कर एक सुन्दर एवं गुणों से युक्त थीं। राजा उन चारों से अनुराग रखता था परंतु उसे चौथी पत्नी सर्वाधिक प्रिय थी फिर तीसरी, दूसरी और पहली। पहली पत्नी उनमें सर्वाधिक वयस्क थी।
एक दिन राजा वन में आखेट के लिए गया। वहाँ उसे एक अज्ञात कीट ने काट लिया और वह एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित हो गया। वैद्य एवं तांत्रिकों ने अपनी सारी विद्या का प्रयोग किया परंतु उसकी अवस्था को सुधार नहीं पाए। अंतत: उन्होंने यह कहा कि राजा की मृत्यु निकट है और अब वह कुछ ही दिनों के अतिथि हैं।
राजा ने अपनी संपत्ति को रानियों में विभाजित करने का निर्णय किया, क्योंकि उसका कोई उत्तराधिकारी नहीं था। परंतु सामान्य रूप से विभाजन करने की जगह कौन-सी रानी उसे कितना प्रेम करती है इस आधार पर संपत्ति को बांटने का निर्णय किया। उसने एक चतुर योजना बनाई और सभी रानियों को एक-एक कर के बुलाया।
उसने कहा- “मेरे जीवन के केवल तीन दिन शेष हैं" मैं तुम्हें एक रहस्य बताता हूँ। बहुत पहले मुझे एक साधू ने एक शक्तिशाली यंत्र दिया था जिससे मुझे स्वर्ग की प्राप्ति होगी। यदि मैं साथ में एक और व्यक्ति को ले जाऊं। परंतु इससे पहले की स्वर्ग में प्रवेश करें हमे दारुण यंत्रणा सहन करनी होगी और नर्क में सात वर्ष व्यतीत करने होंगे। क्योंकि हम एक दूसरों से सर्वाधिक प्रेम करते हैं इसलिए मैंने यह निश्चय किया है कि मैं तुम्हें अपने साथ आने का यह अवसर प्रदान करूँगा।”
उसने चौथी रानी से आरम्भ किया जो सब से छोटी थी और जिससे वह सबसे अधिक प्रेम करता था। उन्होंने उससे पूछा, “क्या तुम मरने के बाद, मेरे साथ चलोगी ? रानी को राजा की आसन्न मृत्यु पर पूर्ण विश्वास था, और उसने भावना रहित स्वर में कहा “इसमें संदेह नहीं कि मैं आपसे प्रेम करती हूं परंतु प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मृत्यु का स्वयं ही सामना करना होता है। "मैं यहां ही रानी के रूप में रहना पसंद करूंगी। मुझे तो प्रेम एवं सत्कार की आदत है।” मतलब चौथी पत्नी ने साफ़ मना कर दिया और चली गई।
राजा को अपनी तीसरी पत्नी भी बहुत प्यारी थी और उसपर उन्हें गर्व था। उन्होंने उसे बुलाया और साथ में मरने का पूछा। तीसरी पत्नी बोली, “मैं आपको यह सिद्ध करूँगी कि मैंने आपसे सबसे अधिक प्रेम किया है। पर मै आपके साथ नहीं चल सकती, मुझे अपनी ज़िन्दगी बहुत प्यारी है।
राजा की दूसरी पत्नी, हर मुश्किल समय में उनका साथ देती आ रही थी। राजा ने उससे भी साथ चलने का पूछा। दूसरी पत्नी ने कहा, “माफ़ कीजिये महाराज" ! मैं इसमें आपकी कोई मदद नहीं कर सकती। मैं आपका अंतिम संस्कार ज़रूर करवा सकती हूँ और मैं उस वक़्त तक आपके साथ रहूंगी।
तभी एक आवाज़ आती है, “मैं आपके साथ चलूंगी और जहाँ भी जाएंगे वहां जाऊँगी। भले ही वो मौत के बाद का सफर हो।” राजा ने देखा, ये उनकी पहली पत्नी की आवाज़ थी। राजा अब शांति अनुभव करता है कि कोई तो है जो उसे बिना किसी अपेक्षा के प्रेम करता है। पर उन्होंने उस पर सबसे कम ध्यान दिया था।
राजा को बहुत शर्मिंदा महसूस हुआ। उन्होंने कहा, “जब तक मैं जीवित था, तुम्हारा ध्यान रखना
इस कहानी का भावार्थ हमें क्या सिखाती है?? वास्तव में यह कथा आपकी, हमारी और प्रत्येक मनुष्य की है।
हर व्यक्ति की चार निम्नलिखित पत्नियां होती हैं-
चौथी पत्नी है, हमारा (शरीर) हम इसे खूब सजाते हैं, गहने पहनाते हैं, अच्छे कपडे पहनाते हैं पर आखिर में ये हमारा साथ छोड़ देती है।
हमारी तीसरी पत्नी होती है (धन- संपत्ति) हम जीवन का बहुत सारा समय, घर को साजो सामान से भरने में लगा देते हैं। वो भी हमारे साथ नहीं चल सकती।
दूसरी पत्नी है हमारा (परिवार और दोस्त) वो हमारा हर सुख दुःख में साथ देते हैं, लेकिन ज़्यादा से ज़्यादा, वो हमारे आखरी समय में हमें अलविदा कहने आ सकते हैं। पर साथ में नहीं चल सकते।
पहली पत्नी होती है हमारा (कर्म और चरित्र व संस्कार) जिस पर हम ज़्यादा ध्यान नहीं देते। पर ये ही वो पत्नी है जो मरने के बाद भी हमारा साथ नहीं छोड़ती, सदा साथ जुड़ी रहती है।
हममें से अधिकतर लोग इस प्रसंग के राजा की तरह ही जीवन जीते हैं। ऊपर लिखे क्रमानुसार ही अपनी पत्नियों से प्रेम करते हैं। हालांकि यह जीवन का आधार भी हैं और आवश्यक भी है कि साजो सामान के साथ आरामदायक जीवन जियें। परिवार और दोस्तों को, प्यार से संजो कर रखें। अपने शरीर का ध्यान रखें, इसे स्वस्थ रखें।
Great
Aapka bahut bahut dhanyabaad bhai jo aapne isse share kiya
Apne bilkul sahi bat kaha hai
...
Insan ko apna karm pr jyada dhyan dena chahiye kyuki aatma ke sath upar uska karm hi jata hai
Na ki sarir or dhan..
Great sir
Great sir
इतने महान लोगो के हम वंशज है ये सोच कर शरीर का एक एक अंग हिंदुत्व से भर जाता है. जय धर्म की, जय राधेश्याम की 🙏🙏
जय श्री कृष्णा🙏🚩🚩
Kya proof hai
RAJPUT KI KAHANI HAIN MERI JAAN
@@mukeshkumar-bs7sr k
Bhagirath
महाभारत मैं ऐसी क्या चीज़ डाली है कितनी बार भी देखो मन ही नही भरता 👌👌
Yes bro you are right me bhi bahot bar dekhi hu par man nahi bharta
ज्ञान का सागर😊
😇😇😇
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🌸🌷🌹🌺🙏
Chu
बड़े दुःख के साथ कहेता हुं।
महाभारत और गीता संदेश उत्तम है किन्तु सिर्फ,व्यक्तिगत जीवन के लिए ही।
इस से संगठन कभी भी नहीं होगा।
🙏🌹🙏
Hindu hone ka gaurav prapt huwa eske liye bahut bahut sukra guzar huh God kans us golden era me mera bhi janm hota 💅💅💅💅
Hi
Bolo
❤❤❤❤❤ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम जय श्री राधे कृष्णा राधे कृष्णा जय पितामह भीष्म जी जय कुल गुरू कृपा चार्य जी जय गुरू द्रोड़ा चार्य जी जय भक्त विदुर जी की जय हो जय पांडु पुत्रो की जय हो अर्जुन की जन्म भूमि इंद्रप्रस्थ की जय होअर्जुन ब सुवद्रा जी के विवाह की हार्दिक शुभकामनाएं बधाई हो
हरे कृष्णा हरे राम जय हो बलदेव जी भैया की जय हो जय हो सभी ऋषि मुनियों की जय हो सभी आदरणीय जनों की जय हो🙏🙏🚩🥀🥀
माहाभारत जित्ने बार देखो मन नहि भरेगा 🙏जय श्री कृष्ण 🙏
Sahi.bat.hai
😂😂😂😂
मै नीतू रावत देवभूमि उत्तराखंड पौडी गढवाल कैन्यूर अपने सपरिवार कि ओर से भगवान श्री कृष्णा (माधव)जी को प्रणाम🙏🙏🙏🌹🌹🌹
Waah ji
श्री कृष्ण जैसा राजनितिज्ञ इस संसार मे विदुर और भीष्म पितामह ही हैं।
हरे कृष्ण लिला अब याे युगमा भी कृष्ण हि चाहिने जय श्री कृष्ण💕💕🙏🙏🙏🙏
प्रभु सर्व सक्तिमान है, जिससे जो चाहे करवा लेते है🙏🙏
(बिल्कुल सही बोले भाई आप) jay shree krishn ❤️🚩
यदुवंशी भगवान श्री कृष्ण की जय। जय यादव, जय माधव।🙏🙏
महाभारत देखने के बाद ऐसा लगता है जैसे मैं द्वापरयुग में चला गया हूँ और उन देव पुरुष के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है जो रास्ता मोछ के द्वार को जाता है
जय श्री कृष्णा
जहाँ धर्म है वहाँ कृष्ण है और जहाँ कृष्ण है वहाँ विजय है... ( जय श्री कृष्ण )❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Tujhe es baat per yakin h
@@sachinkasana01 11-*¹
++--
@À
@@sachinkasana01
Z SS zargzardzzfzzf🌹
UK jmljhhbn
Drupadi subdra milan beautiful scene of this episode 💗💗🙏🏼 Jai shree krishna🙏🏼🙏🏼
Sahi kaha mitra 🚩🙏
A
A
@@rambabupaswan2834 Qa❤😢
1¹11
³❤
@@rambabupaswan28347😊70Q
😅
Jay Shri Krishna jii ki jai ho 🙏🙏🙏❤️❤️❤️😍😍😍
Jai shree krishn
सत्य कबी जूकता नाही मात देता है ......🚩जय श्री राम 🚩
अति सुंदर अति सुंदर अति सुंदर अति सुंदर अति सुंदर अति सुंदर अति सुंदर अति सुंदर
महाभारत दुनिया का सर्वश्रेष्ठ सीरियल है बी आर चोपड़ा अमर रहे 🙌💪
🚩🕉️💓
हे माधव हे मेरे राघव आप सदा सदा के लिए हर सनातनी हिंदू के लिए आप सदा साथ रहे
Radhey Radhey
Radhey Radhey
Sanatani tere baap ka hai
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Kya chati sach he tera sirp hindu kelie
Jai shree krishna 🙏❤️
आज से 35 साल पहले बनी महाभारत इतनी अच्छी और असलियत लगती है तो सोचो आज से साढ़े पांच हज़ार साल पहले हकीकत में इस धरती पर वो युग सच में था तब समाज का माहौल कैसा रहा होगा कितने धन्य थे वो लोग जो उस युग में पैदा हुए थे
Bahoot sunder baat kahi dost
7500 pahle hua tha Mahabharat 5561 bc me
2 nd November 5525 bc me dwarka dubi thi.
Okay @@awarapan1141
@@awarapan1141wo is Show ki baat kar raha h
@@anilkali5907for ll ❤
Jai shree shyam ji jai shree krishna ❤❤
Hr madhav mughe abki भांति जन्म जन्म में प्रेम भक्ति mile
Mata subhadra nd draupadi ❤❤
Ilove you so much
सत्य की जय🚩🚩🚩🚩🚩🚩 हिंदू धर्म की जय हिंदू समाज की जय 🚩🚩🚩🚩🚩 सनातन धर्म की जय❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🚩🚩🤗🤗🤗🤗🤗🤗
जय शिव शम्भू, ओम नमः शिवाय
Muje bhoht hi tionson thi par aab mahabharat dekhti hu sukun milta hai jay shree krishna 🙏🥰
Bahut He Khoobsurat Song
Prany Ke Pratham Milan Ki Raat 💞🙏
Radhe Radhe🙏🙏🙏🙏🙏
ॐ नमः शिवाय ❤️🙏
उपकार भी मन के द्वोर से निकलते हैं और ये उपकार सबसे उत्तम उपकार बन कर जगत को इंसान के रूप में पेस किया ताकि जगत में मन में ये उपकार सदैव वाश करे भगवान भी इंसान का रूप हैं और उस रूप में जैसा काम वैसा ही रूप विराज मान रहता है पकड़ बड़ा गहरा है और शब्द भी गहरा है और रस भी बहुत गहरा है तो पिने के वास्ते गहराईयों में तो जाना ही पड़ेगा और लोभी इस रस तक पहुंच नहीं पाता तो ये काम जरूरत को सौंपा गया और वो महाभारत के रस का आनन्द उसे प्राप्त हुआ शायद इसी का नाम महाभारत रखा गया जयसियारामजय
Jay shree krishna... 🙏🙏
महाभारत पर आदिपुरुष के निर्माता जैसे लोगों की नजर ना पड़े
krishna plays a vital role....🙏😊
❤Love u Gopal ji❤
Jay shree krishna
Sri Krishna ko dekhte hi man me itne Khushi jag jati hai hai keshav apne charno me sthaan dena ❤️🙏🏻🙏🏻🙏🏻💞
अर्जुन एक मात्र ऐसे योद्धा थे, जो अपनी शिक्षा से कभी संतुष्ट नहीं हुए, वो जीवन भर कुछ ना कुछ सीखते रहे, इसी बात के कारण वो सर्वश्रेष्ठ रहे। सबसे अलग रहे ।🙏
Or bhai kabhi abhiman bhi nahi kiya karn ki tarha 👍
Right
@@सिंगरधर्मराजमहरकुपावास❤❤
Yadi sath mein Krishna ho to Arjun Banna bahot asaan haii
@@govindbhatiya18537:12 37:12
गीता से गियान मिला 📚
🕉️ रामायण से मिला राम 🕉️
⚛️भाग्य से हिंदू धर्म मिला⚛️
🇮🇳 किस्मत से हिंदूतन।
Jai Shri Krishna radhe radhe radhe radhe radhe radhe 🌷🌷🌷🌷🌱🌷🌱
ૐ નમો ભગવતે વાસુદેવાય નમઃ❤
हे मेरे कान्हा सबको अपने चरणों में स्थान देना
Sabko nahi de sakte Bhai, shrishti ka santulan bhi aavashyak he
सर झुकाना भी एक प्रेम है और ये काम उसके लिए मुश्किल हो जाता है जो अहंम और मोह के बन्दी है जयसियारामजय
Mahabharat Dekhne se jiban sant hojata hai.....🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Shree Krishna Jai Radhe Radhe 🙏🙏🌸🌷🏵️💮🌻💮🌼🌸🌺🥀🌹🙏🙏🕉️🕉️🕉️
Jay Shree Krishna 😊
जय श्री कृष्णा जय श्री श्याम प्रभु दूसरी बार देख रहा हूं सारे कलाकारों को बहुत बहुत धन्यवाद बहुत अच्छा ज्ञान मिलता हैइसमें इसका ज्ञान जीवन को बदल देता है जयश्री कृष्णा
राधे राधे जयश्री कृष्णा🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
Anand ka anubhav kar raha hun jay shree radhe Krishna ❤❤ भीष्म द्रोण और करण है जो अर्जुन को हरा सकते
The song pratam prahar ki raat really awesome and sooo amazing voice of the singer slatue to the female singer's voice❤❤❤❤
Hare Krishna Radhe Radhe ✨
Radhe Radhe
Jai, shree, krishna, jai, shree, radhe, radhe
Br Chopra ki jitni tareef ki jaye kam hai itna accha महाभारत बनाया ❤
ओम नमः शिवाय जय शिव शंभू हर हर महादेव
कर्त्तव्य के प्रति महारथी कर्ण की निष्ठा
संधि का प्रस्ताव असफल होने पर जब क्षीकृष्ण हस्तिनापुर लौट चले, तब, महारथी कर्ण उन्हें सीमा तक विदा करने आए। मार्ग में कर्ण को समझाते हुए क्षीकृष्ण ने कहा - 'कर्ण, तुम सूतपुत्र नहीं हो। तुम तो महाराजा पांडु और देवी कुंती के सबसे बड़े पुत्र हो। यदि दुर्योधन का साथ छोड़कर पांडवों के पक्ष में आ जाओं तो तत्काल तम्हारा राज्याभिषेक कर दिया जाएगा।'यह सुनकर कर्ण ने उत्तर दिया- 'वासुदेव, मैं जानता हूँ कि मैं माता कुंती का पुत्र हूँ, किन्तु जब सभी लोग सूतपुत्र कहकर मेरा तिरस्कार कर रहे थे, तब केवल दुर्योधन ने मुझे सम्मान दिया। मेरे भरोसे ही उसने पांडवों को चुनौती दी है। क्या अब उसके उपकारों को भूलकर मैं उसके साथ विश्वघात करूं? ऐसा करके क्या मैं अधर्म का भागी नहीं बनूंगा? मैं यह जानता हूँ कि युद्ध में विजय पांडवों की होगी, लेकिन आप मुझे अपने कर्त्तव्य से क्यों विमुख करना चाहते हैं?' कर्त्तव्य के प्रति कर्ण की निष्ठा ने क्षीकृष्ण को निरूत्तर कर दिया।इस प्रसंग में कर्त्तव्य के प्रति निष्ठा व्यक्ति के चरित्र को दृढ़ता प्रदान करती है और उस दृढ़ता को बड़े-से-बड़ा प्रलोभन भी शिथील नहीं कर पाता, यानि वह चरित्रवान व्यक्ति 'सेलेबिल' नहीं बन पाता। इसके अतिरिक्त इसमें धर्म के प्रति आस्था और निर्भीकता तथा आत्म सम्मान का परिचय मिलता है, जो चरित्र की विशेषताएं मानी जाती हैं।
*“The sincere alone can recognize sincerity.”*
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जय श्री राधे राधे जय श्री राम जय श्री राधाकृष्ण की जय जय श्री राधे राधे
Jai Shree krishan 🙏
Nerver forgot Krishna is everything ❤
Jay shree krisnah
jay shree ram
jay shree laxmi narayn
जय श्रीकृष्ण जय माँ राधा जय माँ मीरा 🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Jai Shree Krishnan 🙏🙏
🙏🙏
Rade Rade
Overseas me Jab bhi me Akela aur physical world me pareshan feel karata hu tub Mahabharat dekhte hu....aur Mera mind relax ho jata....radhey radhey....🕉️
Same mai bhi khi rhu mahabharat देख कर acha lgta hai
@@devbrat_funny_vlog 99l0
@@devbrat_funny_vlog r hy ni❤
@@tejashmakwana4271
Mi
हरे राम हरे राम राम राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
जय श्री कृष्णा जय श्री राधे राधे
Mere syam savre ki jai ho
Jai sree krishna
Radhe radhe
Om krishn devay namahaa
Jo hari hui bazi jit le wo hai Bhagwan Shri Krishna
CD Ê
महाभारत हमारे जीवन का रहस्य है.. इससे हमें अपने धर्म की गौरव की अनुभूति होती है.. 🙏🏼
राधे राधे 🙏🙏
Jai shree radhe Krishna 🙏🪷🙏 Jai shree Balaram ji 🙏🙏🙏 Jai shree radhe Krishna 🙏🪷🙏 Hare Krishna 🌺🥀🌺🥀🌺💐🥀🙏🙏🙏
JAY Shree Krishna 🙏🙏❤️❤️🔥 ग्रेट इंडियन
Jai shree krishn jai Rade
महाभारत अच्छा लगा लाइक
Jai Shree Krishna Prabhu ❤ Radhe Radhe Maiya Prabhu ❤️
Lord krishna is 16 kala sampooran a complete warrior clever politician great philospher
Jay Shiri krishna ❤❤❤ radhe radhe
Mahabharat gyan ka sorot hai ise sabhiko samaghna chahiye
Jai shree krishna
जय गुरुदेव योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण जी की जय
Maja ajata hai ye episodes dekh kr
31:45 कृष्ण वाणी - अपने जीवन के विसय में आज्ञा पालन नहीं किया जाता सुभद्रा नृणय लिया जाता है ❤😊
Jai shree krishna 🙏
14/09/2022, रात 10:30 बजे, मैंने महाभारत देखना शुरू किया। 🙏🏹⚔️🏹🔱🕉️🇮🇳
Its is the first song which i really love to hear of all the Mahabharata episodes i saw before😍❤❤❤
Jay ho