. कबीरजी ही भगवान हैं।। ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 17 ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 18 ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 19 ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 20 ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 3 ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 4 ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 5 ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 15 ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 16 यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 26 यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 30 यजुर्वेद अध्याय 29 मंत्र 25 सामवेद संख्या नं 359 अध्याय 4 खण्ड 25 श्लोक 8 सामवेद संख्या नं1400 अध्याय 12 खण्ड 3 श्लोक 5 अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 1 अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 2 अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 3 अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 4 अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 5,6,7 श्रीमद्भागवतगीता में प्रमाण अध्याय 8 श्लोक 9 अध्याय 15 श्लोक 17 अध्याय 18 श्लोक 62,66 क़ुरान शरीफ में प्रमाण सूरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 गुरुग्रंथ साहिब मेंप्रमाण गुरुग्रंथ साहिब पृष्ठ नं 721 महला 1 गुरुग्रंथ साहिब के राग "सिरी"महला 1 पृष्ठ नं 24 गुरुग्रंथ साहिब राग आसावरी,महला 1 पृष्ठ नं 350,352,353,41 कबीर परमेश्वर जी ए स्वामी सृष्टा मैं, सृष्टि हमारे तीर। दास गरीब अधर बसूं, अविगत सत्य कबीर।। सोलह संत पर हमारा तकिया, गगन मण्डल के जिन्दा। हुक्म हिसाबी हम चल आये,कटान यम के फंदा।। हम हैसत्यलोक के वासी,दास कहाये प्रगट भये काशी। नहीं बाप ना माता जाये, अब गतिही से हम चल आये।। गुरु नानक जी यक्अर्ज गुफ्तम् पेस तो दर गोस कून करतार्। हक्काकबीर करीम तू बेएब परवर दीगार संत दादू दास जी कबीर कर्ता आपहैं,दूजा नाहिं कोए। दादू पूरण जगत को ,भक्ति दृढावत सोए।। अबही तेरी सब मिटे, जन्म मरण की पीर। स्वांस उस्वांस सुमिर ले, दादू नाम कबीर।। संत गरीबदास जी अनंत कोटि ब्रह्मण्ड का,एक रति नहीं भार। सतगुरु पुरुष कबीर हैं,कुल के सृजनहार।। अनंत कोटि ब्रह्माण्ड में बंदी छोड़ कहाये। सो तो एक कबीर हैं जननी जने न माये।। सत् साहेब जी,,,
दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त, अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत। अर्थ : यह मनुष्य का स्वभाव है कि जब वह दूसरों के दोष देख कर हंसता है, तब उसे अपने दोष याद नहीं आते जिनका न आदि है न अंत.
God is kabir God is kabir भगवद गीता अध्याय: 16 श्लोक 23 यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य वर्तते कामकारतः। न स सिद्धिमवाप्नोति न सुखं न परां गतिम्॥ भावार्थ: जो पुरुष शास्त्र विधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है, वह न सिद्धि को प्राप्त होता है, न परमगति को और न सुख को ही ये तो गलत नही है मूर्खों
Do everything in happiness . Suffering in happiness is a pain. Everyone remembers God in grief, but no one in happiness . If you remember God in happiness also, you will not feel sad .
🍁🍁बंदी छोड़ कबीर परमेश्वर स्वरुप पूर्ण ब्रह्म परमात्मा सतपुरुष सत्यनारायण सतगुरुदेव तत्वदर्शी संत शिरोमणि गोविंद गुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो सत साहिब जी।🍁🍁👏👏👏👏👏👏👏
[3/27, 2:31 PM] Prdeep Bhgk T: जगत में जीवन दिन-चार का, कोई सदा नही रहे। यह विचार पति संग चाली, कोई कुछ कहै।।22 [3/27, 2:31 PM] Prdeep Bhgk T: बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख।माँगन से मरना भला, यह सतगुरु की सीख।।23 [3/27, 2:31 PM] Prdeep Bhgk T: एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाए।माली सींचे मूल को, फले फूले अघाय।।24
सत साहेब 🙏 🙏 😌जो मेरे पास है वो आपके पास नहीं ☺और जो आपके पास है (धन, दौलत, शौहरत)वो मुझे चाहिए नहीं | 😌🙏🏻 🤔मुझे ऐसा क्या मिला ?🤔 उत्तर-> ☺मुझे वो मिला जिसके आगे हीरे की कोई किमत नही| २. 😃मुझे वो मिला जिसको पाने के लिए 88 हजार रीषी 18लाख बराहमण 33करोड़ देवी देवते भी तरसते है|🤓 ३.😱मुझे वो मिला जो बृहमा जी , विशणु जी , और शिव जी को भी नहीं मिला|🤗 ४.😳मुझे वो मिला जिसका कभी अंत नही| ५ . 😇🙂मुझे वो मिला जिसकी तारीफ में सात समुंन्दृ जितनी स्याही और धरती को कागज धरू तो भी कम पड़े । ६. 😼मुझे वो मिला जिसके लिए तीन लोक का राज भी मैं ठुकरा दूं। 1.मुझे वो #अल्लाह मिला।😃 2.मुझे वो #रब मिला ।😌 3.मुझे वो #परमात्मा मिला☺ 4.मुझे वो #ईश्वर मिला🙂 5.मुझे वो #वाह-ए-गुरू मिला🤗 6.मुझे वो #गॉड मिला 😊 7.मुझे वो # साकार भगवान मिला 🙂 8.मुझे वो मिला #पीर।😌 9.िजसका नाम है #कबीर 10.यही है वो #कबीर जी जिनका कोई वार न पार यही है सृष्टी के रचनहार🌍 11.यही है वो पीर जिसके लिए झुके यह 🙇🏻♀शीस। 12.यही है वो परमात्मा जिसके लिए तड़पती है आत्मा 😭। 13.इन्होने ही बहामण्ड🌍 रचाया काल बृहम से हमें बचाया 😔। 14.इनके है यह लोक 🌇🏞सारे हम है इनके बच्चे प्यारे समझ🙏🏻 लो जगत वाले सारे यही है असली पिता हमारे ।✅ A.यही है वो कुरान शरीफ🇵🇰📗 के अल्लाह जिसके बारे में पुकारे🕌 मुल्लाह B.यही है गीता 📚🕉जी का सकेंत पूरण बृहम परमात्मा एक । C.बाईबल ✝📚ने है हमें बताया सृषटी को इन्होने रचाया । D.वेदों 📚में परमाण है #कबीर जी भगवान।💯 E.नानक देव जी ने सानूं दसिया गुरू गृन्थ साहिब जी दा इक रहस्या 😳....हक्का #कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार नानक बुगेयाद जन तेरे चाकरा पाखाक। 15.यही है वो परमात्मा एक✅❣ जिसको पाने के लिए बंटे धरम अनेक ।🤦🏻♀👨🏻⚕👨🏻🎓👳🏻👥 मुझे तो यह मिल गए परमात्मा 🤗😌इनको पाने के लिए कब पुकार करेगी आपकी आत्मा 🤔🤷♀🗣। धन , दौलत ,💸 🏘🏦शरीर यहीं रह जाऐंगे सत्गुरू वचन ही साथ जाऐंगे ।🙏🏻😳 कर ले गुरू वकील मुकदद्मा भारी है।😣😔 तुने उस दरगाह का महल नी देखिया 👀जहाँ तिल तिल का लेखा ।😥 वो तत्वदरशी संत इस धरती🌍 पर अवतार ले चुका है जो हमें शास्तरों के अनुसार भकति करवाकर पूरण मोक्ष दिलाऐगा।😌 और उस एक परमात्मा से मिलाएगा। Must watch 👀-sandhna tv.7:40-8:40pm
जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जय हो। बन्दी छोड़ कबीर साहेब जी की जय हो। राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण। कबहु तो दीन दयाल के भनक पड़ेगी कान।।
जय हो बंदी छोड़ जी की सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के चरण कमलों में इस दासी का दंडवत प्रणाम || अजब नगर में ले गए, हमको सतगुरु आन | झिलके बिम्ब अगाध गति, सूते चादर तान ||
वेदों में प्रमाण है कबीर साहब ही पुर्ण परमात्मा है
पूर्ण परमात्मा बन्दीछोड तत्वदर्शी सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के पावन चरण कमलों मे कोटि कोटि कोटि दण्डवत प्रणाम
13:01
सतगुरूदेव कि जय हो
मात पिता मिल जायेगे लक चौरासी माई ।।
सतगुरू सेवा बन्दगी अब फेर मिलगी नाई ।।
चिडिया चोंच भर ले गई नदी ना घट्यो नीर दान दिये धन घटे नहीं कह रहे साहेब कबीर
बंदी छोड़ तत्वदर्शी संत जगत गुरु रामपाल जी महाराज जी के चरणो में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
गुरु भाक्ति अति कठिन है ज्यो खाडे की धार |
बिना साच पहुचे नही महा कठिन व्यवहार |
सत साहिब जी
सिद्ध तारे पिंड आफ्ना, साधू तारे खंड।
उसको सतगुरु जनियों, जो तार देवे ब्रह्मण्ड। सतगुरु संत रामपाल जी महाराज है जो ब्रह्मांड को तार सकते हैं
Sadguru Dev ki jai ho Bandi chhor Satguru Rampal Ji Maharaj ki jai ho
जीवन तो थोड़ा भला जो सत सुमरण हो लाख बरस का जीवन आ लेके धरे ना कोई
कबीर, झ्ष्ट मिलै और मन मिलै, मिलै सकल रस रीति।
कहै कबीर तहाँ जाइये, रह सन्तन की प्रीति।।
Rewantram Nayak +सत साहेबजी भक्तजी
कबीर,उस समर्थ की रीझ भुलाई, अब कुल कुटुंब से नाता
गर्भ के अन्दर वचन भरे थे, कहां गयी वे बाता।
सतगुरु के उपदेश का लाया एक विचार जो सतगुरु मिलते नहीं जाते नर्क-द्वार
सतयुग में सतसुकृत कह टेरा,त्रेता नाम मुनींद्र मेरा ।द्वापर में करुणामय कहाया, कलयुग नाम कबीर धराया।।
मात-पिता मिल जाएंगे, लख चौरासी माय।
सतगुरु सेवा और बन्दगी, फिर मिलेगी नाय।।
सतगुरु मेरे बानिया वणज करे व्योपार बिना डांडी बिन पालडे तोल लिया संसार
राम नाम जपते रहो ,जब तक घट में प्राण
कबहुँ तो दीन दयाल के ,भनक पड़ेगी कान
कबीर + मानुष जन्म दुर्लभ है,मिले ना बारं-बार। तरवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लागे डार।।
चारों खानी में भ्रमता कबहुँ ना लगता पार सब फेरा सब मिट गया मेरे सतगुरु के उपकार
Ģivan to thoda bhala jay sat sumrin hoy lakh bars ka givana lakha dhara na koy
भक्ति बीज बिनसै नहीं, आय पड़ै जो चोल ।
कंचन जो बिष्टा पड़ै, घटै न ता को मोल
सतगुरु आए दया करी ऐसे दीनदयाल।
बंदी छोड़ दे ताश का जठराग्नि प्रतिपाल।।
कबीर मांगन मरन समान है मत कोई मांगो भीक ।
मांगन से तो मरना भला यह सत गुरु की सीख ।।
Jai ho bandi chhood ki
सदगुरु आये दया करी ऐसे दिन दयाल। बंदी छोड़ बृतास का जठरग्नी प्रत्पाल।।
कबीर करता आप हैं दुजा नहीं कोई। दादू पुरण जगतको भक्ति द्रढावत सोई।।
तुम करदो पल में पार होजा रजा तेरी महाराज
यही भक्ति सतगुरु की कर ही आदि नाम हृदय दर ही
परमात्मा के चरणों में दास का कोटि कोटि प्रणाम
. कबीरजी ही भगवान हैं।।
ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 17
ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 18
ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 19
ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 20
ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 3
ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 4
ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 5
ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 15
ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 16
यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 26
यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 30
यजुर्वेद अध्याय 29 मंत्र 25
सामवेद संख्या नं 359 अध्याय 4 खण्ड 25 श्लोक 8
सामवेद संख्या नं1400 अध्याय 12 खण्ड 3 श्लोक 5
अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 1
अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 2
अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 3
अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 4
अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 5,6,7
श्रीमद्भागवतगीता में प्रमाण
अध्याय 8 श्लोक 9
अध्याय 15 श्लोक 17
अध्याय 18 श्लोक 62,66
क़ुरान शरीफ में प्रमाण
सूरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 गुरुग्रंथ साहिब मेंप्रमाण
गुरुग्रंथ साहिब पृष्ठ नं 721 महला 1
गुरुग्रंथ साहिब के राग "सिरी"महला 1 पृष्ठ नं 24
गुरुग्रंथ साहिब राग आसावरी,महला 1 पृष्ठ नं 350,352,353,41
कबीर परमेश्वर जी
ए स्वामी सृष्टा मैं, सृष्टि हमारे तीर।
दास गरीब अधर बसूं, अविगत सत्य कबीर।।
सोलह संत पर हमारा तकिया, गगन मण्डल के जिन्दा।
हुक्म हिसाबी हम चल आये,कटान यम के फंदा।।
हम हैसत्यलोक के वासी,दास कहाये प्रगट भये काशी।
नहीं बाप ना माता जाये, अब गतिही से हम चल आये।।
गुरु नानक जी
यक्अर्ज गुफ्तम् पेस तो दर गोस कून करतार्।
हक्काकबीर करीम तू बेएब परवर दीगार
संत दादू दास जी
कबीर कर्ता आपहैं,दूजा नाहिं कोए।
दादू पूरण जगत को ,भक्ति दृढावत सोए।।
अबही तेरी सब मिटे, जन्म मरण की पीर।
स्वांस उस्वांस सुमिर ले, दादू नाम कबीर।।
संत गरीबदास जी
अनंत कोटि ब्रह्मण्ड का,एक रति नहीं भार।
सतगुरु पुरुष कबीर हैं,कुल के सृजनहार।।
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड में बंदी छोड़ कहाये।
सो तो एक कबीर हैं जननी जने न माये।।
सत् साहेब जी,,,
Pannada Pannadas
Pannada Pannadas sat sahen ji
चर्चा करो तो चौहटे, ज्ञान करो तो दोय
।
ध्यान धरो तब एकला, और न दूजा कोय ॥
कबीर ये माया अटपटी सब गल आन अड़ी।
किस किस को समझाऊ यहां कुँए भांग पडी़।
भगति बिना क्या होत भटकत प्राण फिरन्दा
उस साहिब के हुक्म बिना नही तरवर पात हिलन्दा
कबीर, जिव्हा तो वोहे भली, जो रटे हरि नाम, ना तो काट के फैक दियो, मुख में भलो ना चाम
Jai Bandi chord ki
सत्संग की आधी घड़ी तबके वर्ष हजार तो भी बराबर है नहीं कहे कबीर विचार
राम नाम कड़वा लागे मीठे लागे दाम दुविधा में दोनों गए माया मिली ना राम
Sat Saheb Ji
कबीर राम नाम के पटतरे देवे को कछु नाही।
क्या ले गुरू सन्तोषीय होश रहे मन माहि।
कबीर, निर्गुण सगुण एक है दूजा भर्म विचार।
निर्गुण साहेब आप है सगुण संत विचार।।
कबीर, उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम फिरता दने, दने नू ।
सर्व काला सतगुरु साहेब की हरी आए हरियाणा नू ।।
कबीर, साधक के लक्षण कहूँ , रहै ज्यो पतिव्रता नारी ।कह कबीर परमात्मा को, लगै आत्मा प्यारी सी ।।
संत मिलन को चालिए तज माया अभिमान जियो जियो जियो जियो पग आगे धरे त्याे त्याे यज्ञ समान
कबीर, सात द्वीप नौ खण्ड मे गुरू से बडा न कोय।
कर्ता करे न कर सके गुरू करे सो होय।।
माला फिरे ना कर फिरे जीव्यहा कहे ना राम।
सुमिरण मेरा हरि करे और में पाऊ विश्राम।।
फाही सूरत मलूकी वेस ऐ ठग वाडा ठग्गी देश ।
खरा सयाना बहुता भार धानक रूप रहा करतार ।
राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट
अंतकाल पछताओगे ,प्राण ज्यांगे छूट
The true satguru complete in all respect
गुरु बिन वेद पढ़े जो प्राणी समझे नहीं सारे अज्ञानी
नीर पिलावत क्या फिरै, सायर घर घर बारि।
जो त्रिषावंत होइगा, तो पीवेगा झष मारि॥
जा -दिन -सतगुरु- भेंटिये- ता -दिन- लेख - जान
बाकी -के -दिन -गवा -दिए- बिना -गुरु -के -नाम्
चिंता से चतुराई घटे दुख से घटे शरीर पाप से लक्ष्मी घटे कह गए दास कबीर
Mritunjay das ...guru bina mukti nahi chahai yug ho anant anant guru sarna lag kai mukti pauw aant.
Sat saheb ji
आसा तृष्णा नदी में डुबे तीनों लोक।
मनसा माया विशतरी आत्म-आत्म दोष।।
दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त,
अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत।
अर्थ : यह मनुष्य का स्वभाव है कि जब वह दूसरों के दोष देख कर हंसता है, तब उसे अपने दोष याद नहीं आते जिनका न आदि है न अंत.
Sat Sahib baght ji
Satsaheb kobir maharajki joy ho
सद्गुरु के लक्षण कहु ,मदुरै बैन विनोद ।
चार वेद षट शास्त्र, वो कहे अठारा बोध ।।
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणो में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम
सुरती समावे राम में, जग से रहे उदास।
कहैं कबीर गुरु चरण में, दृढ राखो विश्वास।।
कबीर राम नाम कड़वा लागे मीठे लागे दाम दुविधा में दोनों गए माया मिली ना राम
God is kabir God is kabir भगवद गीता अध्याय: 16
श्लोक 23
यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य वर्तते कामकारतः।
न स सिद्धिमवाप्नोति न सुखं न परां गतिम्॥
भावार्थ:
जो पुरुष शास्त्र विधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है, वह न सिद्धि को प्राप्त होता है, न परमगति को और न सुख को ही
ये तो गलत नही है मूर्खों
Do everything in happiness
.
Suffering in happiness is a pain.
Everyone remembers God in grief, but no one in happiness
. If you remember God in happiness also, you will not feel sad
.
SatGuru Dev Ki Jay
कबीर, मानुष जन्म पाय कर, नहीं रैठ हरीनाम ।जैस कोऔ जल बिन बनवाए गए काम आव।।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है अधिक जानकारी के लिए देखें साधना चैनल 7:30 से 8:30 बजे तक रात को
जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराजजी की जय हो ।।👏👏
राम नाम कड़वा लागे मिठा लागे दाम
म
राम बुलावा भेजीया दिया कबीरा रोए।
जो सुख है सत्संग में वो बेकूंठ मे ना होए ।।
कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारंबार ।जैसे पत्ता तरवर गिरे बहुर ना लगता डार ।।
चन्दन जैसा साधु है, सर्पहि सम संसार
।
वाके अग्ङ लपटा रहे, मन मे नाहिं विकार ॥
Sant Rampalji maharaj is complete God who fulfils our all the wishes
जगत में जीवन दिन चार का कोई सदा नहीं रहे।
यह विचार पति संग चालि, कोई कुछ कहै।।
क्या मांगू कुछ थिर न रहाई देखत नैन चला जग जाई एक लाख पूत सवा लख नाती उस रावण के दिया ना बाती
यह तन विष की बेलरी गुरु अमृत की खान शीश दिए जो गुरु मिले तो भी सस्ता जान
कबीर जब सत्यनाम र्हदय धरो, भयो पाप को नाश।जैसे चिंगारी अग्नि की, पड़ै पुराने घास ।।
संत शरण में आने से आई टली बला जो मस्तक में सूली हो वह कांटे में टल जाए
🍁🍁बंदी छोड़ कबीर परमेश्वर स्वरुप पूर्ण ब्रह्म परमात्मा सतपुरुष सत्यनारायण सतगुरुदेव तत्वदर्शी संत शिरोमणि गोविंद गुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो सत साहिब जी।🍁🍁👏👏👏👏👏👏👏
Sat guru dev ki jai
200% right knowledge
गरीब, दास भाव जो ह्रदय होई, ता वज्र परे नहीं कोई |
दास भाव है अगम अगाहा, दास भाव सा और न लाहा ||
कबीर,या तो माता भक्त जनै,या दाता या शूर | या फिर रहै बांझड़ी,क्यों व्यर्थ गंवावै नूर ||
Kabir is God
चित चेतनि मैं गरक ह्नै, चेत्य न देखैं मंत।
कत कत की सालि पाड़िये, गल बल सहर अनंत॥
sat sahib ji
ब्रह्मा विष्णु महेश अजर-अमर नहीं है प्रमाण के लिए देखिए देवी महापुराण तीसरा स्कंध रोज शाम को 7:40 से 8:40 तक
The most precious knowledge of this whole world is that of saint.
कथनी के शूरे घने,कथैं अटम्बर ज्ञान।
बाहर जवाब आवै नहीं,लीद करेैं मैदान।।
कबीर ज्ञान से कटे यह अज्ञान की धार।
जिन ज्ञान सुना कबीर का,मिट गया अंधकार।।
Sat saheb ji
शरण पड़े को गुरु संभाले जान के बालक बोला रे कहे कबीर तू चरण चित रखो ज्यो सुई में डोरा रे
[3/27, 2:31 PM] Prdeep Bhgk T: जगत में जीवन दिन-चार का, कोई सदा नही रहे।
यह विचार पति संग चाली, कोई कुछ कहै।।22
[3/27, 2:31 PM] Prdeep Bhgk T: बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख।माँगन से मरना भला, यह सतगुरु की सीख।।23
[3/27, 2:31 PM] Prdeep Bhgk T: एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाए।माली सींचे मूल को, फले फूले अघाय।।24
जीव हमारी जाति है , मानव धर्म हमारा ।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई , धर्म नही कोई न्यारा ।।
सत साहेब 🙏 🙏
😌जो मेरे पास है वो आपके पास नहीं ☺और जो आपके पास है (धन, दौलत, शौहरत)वो मुझे चाहिए नहीं | 😌🙏🏻
🤔मुझे ऐसा क्या मिला ?🤔
उत्तर-> ☺मुझे वो मिला जिसके आगे हीरे की कोई किमत नही|
२. 😃मुझे वो मिला जिसको पाने के लिए 88 हजार रीषी 18लाख बराहमण 33करोड़ देवी देवते भी तरसते है|🤓
३.😱मुझे वो मिला जो बृहमा जी , विशणु जी , और शिव जी को भी
नहीं मिला|🤗
४.😳मुझे वो मिला जिसका कभी अंत नही|
५ . 😇🙂मुझे वो मिला जिसकी तारीफ में सात समुंन्दृ जितनी स्याही और धरती को कागज धरू तो भी कम पड़े ।
६. 😼मुझे वो मिला जिसके लिए तीन लोक का राज भी मैं ठुकरा दूं।
1.मुझे वो #अल्लाह मिला।😃
2.मुझे वो #रब मिला ।😌
3.मुझे वो #परमात्मा मिला☺
4.मुझे वो #ईश्वर मिला🙂
5.मुझे वो #वाह-ए-गुरू मिला🤗
6.मुझे वो #गॉड मिला 😊
7.मुझे वो # साकार भगवान मिला 🙂
8.मुझे वो मिला #पीर।😌
9.िजसका नाम है #कबीर
10.यही है वो #कबीर जी जिनका कोई वार न पार यही है सृष्टी के रचनहार🌍
11.यही है वो पीर जिसके लिए झुके यह 🙇🏻♀शीस।
12.यही है वो परमात्मा जिसके लिए तड़पती है आत्मा 😭।
13.इन्होने ही बहामण्ड🌍 रचाया काल बृहम से हमें बचाया 😔।
14.इनके है यह लोक 🌇🏞सारे हम है इनके बच्चे प्यारे
समझ🙏🏻 लो जगत वाले सारे यही है असली पिता हमारे ।✅
A.यही है वो कुरान शरीफ🇵🇰📗 के अल्लाह जिसके बारे में पुकारे🕌 मुल्लाह
B.यही है गीता 📚🕉जी का सकेंत पूरण बृहम परमात्मा एक ।
C.बाईबल ✝📚ने है हमें बताया सृषटी को इन्होने रचाया ।
D.वेदों 📚में परमाण है #कबीर जी भगवान।💯
E.नानक देव जी ने सानूं दसिया गुरू गृन्थ साहिब जी दा इक रहस्या 😳....हक्का #कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार नानक बुगेयाद जन तेरे चाकरा
पाखाक।
15.यही है वो परमात्मा एक✅❣ जिसको पाने के लिए बंटे धरम अनेक ।🤦🏻♀👨🏻⚕👨🏻🎓👳🏻👥
मुझे तो यह मिल गए परमात्मा 🤗😌इनको पाने के लिए कब पुकार करेगी आपकी आत्मा 🤔🤷♀🗣।
धन , दौलत ,💸 🏘🏦शरीर यहीं रह जाऐंगे सत्गुरू वचन ही साथ जाऐंगे ।🙏🏻😳
कर ले गुरू वकील मुकदद्मा भारी है।😣😔
तुने उस दरगाह का महल नी देखिया 👀जहाँ तिल तिल का लेखा ।😥
वो तत्वदरशी संत इस धरती🌍 पर अवतार ले चुका है जो हमें शास्तरों के अनुसार भकति करवाकर पूरण मोक्ष दिलाऐगा।😌 और उस एक परमात्मा से मिलाएगा।
Must watch 👀-sandhna tv.7:40-8:40pm
Kya baat khi hai bhai 👍👍👌👌sat saheb🙏🙏
Brahma, Vishnu,Mahesh Are in birth and death. Proof- Shrimad Devi Bhagwat Puran Skant 3 Page 123.
. सत साहिब बंदी चोर सतगुरु कबीर साहिब की जय हो रामदेव नंद जी महाराज की जय हरिदास जी महाराज
राम नाम की लूट है लुटी जाए तो लूट फिर पाछे पछताओगे प्राण जाएंगे छूट नहीं भरोसा देवी का भी लग जाए शासन शासन नाम जपो
सभी भक्तों आत्माओं से दास का इनवाइट है सदगुरुदेव कुल मालिक पूर्ण परमेश्वर बंदी छोड़ रामपाल भगवान जी के सत्संग का अमृतपान करें
कबीर गुरु गोविंद दोनों खडे काक लागू पाए बलिहारी गुरु आपकी गोविंद दिया मिला य।।
जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जय हो।
बन्दी छोड़ कबीर साहेब जी की जय हो।
राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण।
कबहु तो दीन दयाल के भनक पड़ेगी कान।।
ये ज्योति स्वरूप कहे निरंजन मैं ही करता भाई ,फिर एक न करता दो न करता ,नो ठहराय भाई ,इसका दस्वा भी धुन्दर मैं मिल जा ।।
पुर्ण ब्रम्ह कबीर साहेब सतगूरु रामपाल जी की जय।।
जय हो बंदी छोड़ जी की
सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के चरण कमलों में इस दासी का दंडवत प्रणाम ||
अजब नगर में ले गए, हमको सतगुरु आन |
झिलके बिम्ब अगाध गति, सूते चादर तान ||
Jai ho sant rampal ji maharaj ji ki
सतगुरू आए दया करी ऐसे दीन दयाल | बंदी छोड़ ब्रज दास का जठर अग्नि प्रति पाल ||
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान है
जिसने एक बार भी संत रामपाल जी महाराज के प्रवचन सुन लिये उनका जीवन सफल हो जाता है
🙏sat saheb ji🙏
सांचा शब्द कबीर का सुनकर लागे आग, अज्ञानी जल जल मरे ज्ञानी जाए जाग !
🙏 सत साहिब जी 🙏
Sat guru mere baniya, krte bnj viyapar!
Bin dandi bin palne, tol diya sansar! !
पुर्ण सतं के चरणो मे जाने से पुर्ण मोक्ष होता है ।