ना कुछ साथ आया ना कुछ् साथ जायेगा, सुमरन कर प्यारे बस यही काम आयेगा..!! माटी का शरीर तेरा एक दिन माटी में ही मिल जायेगा, ले शरण सतगुरू देव की तेरा जीवन सफ़ल हो जायेगा..
कबीर परमेश्वर जी ए स्वामी सृष्टा मैं, सृष्टि हमारे तीर। दास गरीब अधर बसूं, अविगत सत्य कबीर।। सोलह संत पर हमारा तकिया, गगन मण्डल के जिन्दा। हुक्म हिसाबी हम चल आये,कटान यम के फंदा।। हम हैसत्यलोक के वासी,दास कहाये प्रगट भये काशी। नहीं बाप ना माता जाये, अब गतिही से हम चल आये।।
पाथर पूजे हरि मिले, तो मैं पूजू पहाड़ । घर की चाकी कोई ना पूजे, जाको पीस खाए संसार ॥ अर्थ : कबीर कहते हैं कि अगर पत्थर की मूर्ती की पूजा करने से भगवान् मिल जाते तो वे पहाड़ कि पूजा कर लेते। लेकिन मूर्तियों से महत्वपूर्ण वो चक्की है, जिसमे पिसा हुआ अन्न लोगों का पेट भरता है। अर्थात परम्पराओं और प्रथाओं के साथ-साथ अपने काम का भी ध्यान रखना चाहिए।
तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय, कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय। अर्थ : कबीर कहते हैं कि एक छोटे से तिनके की भी कभी निंदा न करो जो तुम्हारे पांवों के नीचे दब जाता है. यदि कभी वह तिनका उड़कर आँख में आ गिरे तो कितनी गहरी पीड़ा होती है !
[5/4, 2:35 pm] Papaji: जागो भक्तो जागो परमात्मा स्वम इस धरती पर संत रामपाल जी महाराज के चोले मे आये है उनसे नाम उपदेश लै कर अपना कल्याण कराओ जी [5/4, 2:35 pm] Papaji: सतगुरु से सजदा करूं जितने कर्म छुटाए कोट । ऐसे सद्गुरु की जो निंदा करे उसके जम तोडेंगे होठ। Spicel for अनुपदेशी [5/4, 2:35 pm] Papaji: अगम निगम को खोज ले, बुद्धि विवेक विचार। उदय -अस्त का राज मिले , तो बिन नाम बेगार।। [5/4, 2:35 pm] Papaji: सतगुरू आये दया करी ऐसे दीनदयाल बन्दीछोड वृज तास का जठराग्नि पृतिपाल [5/4, 2:35 pm] Papaji: सुख के माथे पत्थर पड़े जो नाम हृदय से जाये ।बलिहारी उस दुख नू जो पल पल राम रटाये सतसाहेबजी
पांच सहस अरू पांच सौ जब☀️☀️☀️ कलियुग बीत जाय ☀️☀️☀️ महापुरूष फरमान तब ,जग तारन को आए 👏👏👏👏👏👏👏 हिन्दु तुर्क आदिक सबै ,जेते जीव जहान 💓💓💓💓💓💓💓 सत्य नाम की साख गहि ,पावैं पद निर्बान 👏👏👏👏👏👏👏👏
परमपिता रामपाल जी साहेब की दया से 2020 के बाद सतयुग जैसा वातावरण होगा पूरा विश्व भक्ति करेगा सर्व प्राणी सुखी होंगे Must watch : Sadhna Tv 07:30 To 08:30PM
#गीतासार #salmanbailorjail संत रामपालजी माराज कहते है कि प्रमात्मा कि चरण मै आने से आई टले बला जो भाग मै फासी होतो ,काटे मे टाल देते है । परमात्मा कि चरण मे आने से बडी से बडी कठीनाई को छोटा करके टाल देते हैं,
चलती चकी देख कर दिया कबीरा रोय । दो पाटन के बिच में साबुत बचा ना कोई । जै किले से लागारहै बाका नास ना होई । पृथ्वी पर किला पुर्ण परमात्मा सन्त रामपालजी महाराज।
कबीरसागर में अद्भुत रहस्य " पांच सहस्त्र अरु पाँच सौ (5500) वर्ष जब कलियुग बीत जाये ,महापुरुष फरमान तब जग तारण को आय।।" अब वो महापुरुष संत रामपाल जी महाराज हैं।
दर्द भक्तों को परमात्मा सतलोक से चलकर आकर मिलता है यह प्रमाण वेदों में दिया गया है इसीलिए पर यह भगवान हमें सुधारने के लिए देश को सुधारने के लिए समाज को सुधारने के लिए आए हुए हैं परमात्मा को पहचानने के लिए शाम को 7:40 से साधना चैनल देखें
पांच पहर धंधा किया , तीन पहर गया सोय | एक पहर भी नाम बिन , मुक्ति कैसे होय || अर्थ : दिन के आठ पहर में, आप पाँच पहर काम करते हैं, और तीन पहर सोते हैं। अगर ईश्वर को याद करने के लिए आपके पास समय ही नहीं है, तो आपको मोक्ष कैसे मिल सकता है ?
जो मांगे सो भरवा कहिए, दर दर फिरे अज्ञानी। योगी योग संपूर्ण जिसका, जो मांग ना पीवे पानी।। ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय।औरन को शीतल करे,आपहु सीतल होय।।
धरती पर अवतार है संत रामपाल जी बोले वेद शास्त्रों का ज्ञान है सच्चाई क्यों नहीं शिकार करते यह दुनिया है हे संत रामपाल जी महाराज आपके चरणों में मेरा दंडवत प्रणाम सत साहेब जी आपके सभी भक्तों को सत साहेब जी
गीतासार गीता अध्याय 15 के श्लोक 4 मे बताया है तत्व ज्ञान प्राप्ति के पश्चात परमेश्वर के उस परम पद की खोज करनी चाहिए जहां जाने के पश्चात साधक फिर कभी लौट कर इस संसार मे जन्म नही लेता तो वह विधि कौन सी है जानने के लिए देखिए साधना चैनल 7:30 pm
#सतभक्ति_से_आईं_खुशियाँ सतगुरु पुरुष कबीर है चारों युग प्रमाण झूठे गुरुवा मर गए हो गए भूत मसान इस पूरी पृथ्वी पर संतरामपालजी महाराज के सिवा दूसरा कोई भी संत नहीं है जो शास्त्र अनुकूल साधना बताते हो इसीलिए आपसब से अनुरोध है सतगुरु की शरणमें आकर नाम उपदेश लें और अपना कल्याण कराएं
#गीतासार गीता अध्याय16 श्लोक 23,24 के अनुसार शास्त्र विधि को त्याग कर जो मनमाना आचरण करते है उनको कोई लाभ नही मिलता इसलिए अर्जुन कर्तव्य और अकर्तव्य की व्यवस्था में शास्त्र ही प्रमाण है।
ईश्वर कण-कण में व्यापक है परमात्मा साकार है ऊपर सतलोक में रहता है आप उन्हें निराकार क्यों बताते हो जब कि ईश्वर साकार है तो ?? Must Watch Sadhna TV 7:30 to 8:30
कबीर गुर सो ज्ञान लीजिये शीश दीजिये दान बहुतक भोंदू बहे राखि जीव अभिमान । मैं रोऊँ इस सृष्टि को, ये सृष्टि रॉय मोहे। कह कबीर इस वियोग को, समझ नही सकता कोय।
कबीर,पिछले पाप से,हरि चर्चा ना सुहावे जैसे ज्वर के वेग से,भूख विदा हो जावे ।।
बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो।
पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जगत के तारणहार संत है
बन्दी छोड परमेश्वर कबीर साहेब जी ओर संत रामपाल जी महाराज के चरणो मे कोटी कोटी दण्डवत प्रणाम जी
अनन्त कोटि ब्रहाण्ड का एक रति नही भार।
सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सृजनहार।।
सतयुग में सत सुकृत कह तेरा ,त्रेता नाम मुनींद्र मेरा।
द्वापर मे करुणामय कहाया, कलयुग नाम कबीर धराया।
पूर्ण संत रामपाल जी महाराज के चरणो में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम
बिन उपदेश अचम्भ है,क्यो जीवत हैं प्राण।
भक्ति बिना कहा ठौर है,ये नर नाहीं पाषाण।।
रामपाल जी महाराज का ज्ञान सब ग्रंथों से प्रमाणित है और किसी धर्म गुरु का नहीं
सतयुग में सतसुकृत कह टेरा, त्रेता नाम मुनींद्र मेरा। द्वापर में करुणामय कहाया, कलयुग नाम कबीर धराया।।
कबीर, सात समूद्र की मसि करूं, लेखनी करूं बनराय ।
धरती का कागज करुं, गुरु गुण लिखा न जाए ॥
चार दाग से सतगुरु न्यारा अजर अमर शरीर।
दास मलूक सलूक कहत है खोजो खसम कबीर।
साध मिले साढे सादी होंदी, बिछड़जा दिल गिरिवे।
अखदे नानक सुनो जिहाना, मुश्किल हाल फकीरी वे।।
कबीर राम कबीरा एक है, कहन सुनन कूं दोय।
दो करि सोई जानिए, सतगुरू मिला ना होय।
नौ मन सूत उलझिया, ये ऋषि रहे जख मार।।
सतगुरु ऐसा सुलझा दे, उलझे न दूजी बार।।
ना कुछ साथ आया ना कुछ् साथ जायेगा,
सुमरन कर प्यारे बस यही काम आयेगा..!!
माटी का शरीर तेरा एक दिन माटी में ही मिल जायेगा,
ले शरण सतगुरू देव की तेरा जीवन सफ़ल हो जायेगा..
कबीर जीवन तो थोड़ा भला जो सत्य सुमरण हो लाख बरस का जीवना लेके धरे ना को
Sat sahab
परम् परमेश्वर सन्त रामपाल जी भगवान जी की जय
हम सुल्तानी नानक तारे,दादू को उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद नही पाया,काशी मे कबीर हुआ।
,👍, सत गुरु रामपाल जी महाराज जी ने नखली गुरुओं की जड़ दिखा दी, 🙏,
कबीर गुरुवां गाम बिगाड़े संतो, गुरुवां गाम बिगाड़े।
ऐसे कर्म जीव के ला दिए, इब झड़े नही झाड़े।।
माया के द्वारा जिनका ज्ञान हरा जा जा चुका है ऐसे आसुर स्वाभावको धारण किये हुए मनुष्य नीच दुषित कर्म करने वाले मूर्ख मुझको नहीं भजते.
कबीर परमेश्वर जी
ए स्वामी सृष्टा मैं, सृष्टि हमारे तीर।
दास गरीब अधर बसूं, अविगत सत्य कबीर।।
सोलह संत पर हमारा तकिया, गगन मण्डल के जिन्दा।
हुक्म हिसाबी हम चल आये,कटान यम के फंदा।।
हम हैसत्यलोक के वासी,दास कहाये प्रगट भये काशी।
नहीं बाप ना माता जाये, अब गतिही से हम चल आये।।
पाथर पूजे हरि मिले, तो मैं पूजू पहाड़ ।
घर की चाकी कोई ना पूजे, जाको पीस खाए संसार ॥
अर्थ : कबीर कहते हैं कि अगर पत्थर की मूर्ती की पूजा करने से भगवान् मिल जाते तो वे पहाड़ कि पूजा कर लेते। लेकिन मूर्तियों से महत्वपूर्ण वो चक्की है, जिसमे पिसा हुआ अन्न लोगों का पेट भरता है। अर्थात परम्पराओं और प्रथाओं के साथ-साथ अपने काम का भी ध्यान रखना चाहिए।
सत साहिब बंदगी छोड़ गुरु महाराज की जय हो संत रामपाल महाराज की जय हो। कबीर दास की जय हो
सतगुरु मिले तो इच्छा मेटें, पद मिले पदै समाना।
चल हंसा परलोक पठाऊँ, जोहै आदि अमर अस्थाना।।
देहि को सतगुरु कहे ये सब दुन्दर ज्ञान।
चार दाग आवे नही ताको सतगुरु जान।
परमात्मा के गुण जो होते हैं वो सभी संत रामपाल जी महाराज मे हैं इसलिये संत रामपल जी महाराज ही पूर्ण परमात्मा हैं।
सत्संग की आधी घडी तप के वर्ष हजार!!
तो भी बराबर है नहीं कहे कबीर विचार!!
कबीर, सन्त मिलन को चालिये, तज माया अभिमान।
ज्यों ज्यों कदम आगे रखे, वो है यज्ञ समान।।
तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय,
कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।
अर्थ : कबीर कहते हैं कि एक छोटे से तिनके की भी कभी निंदा न करो जो तुम्हारे पांवों के नीचे दब जाता है. यदि कभी वह तिनका उड़कर आँख में आ गिरे तो कितनी गहरी पीड़ा होती है !
[5/4, 2:35 pm] Papaji: जागो भक्तो जागो परमात्मा स्वम इस धरती पर संत रामपाल जी महाराज के चोले मे आये है उनसे नाम उपदेश लै कर अपना कल्याण कराओ जी
[5/4, 2:35 pm] Papaji: सतगुरु से सजदा करूं जितने कर्म छुटाए कोट ।
ऐसे सद्गुरु की जो निंदा करे उसके जम तोडेंगे होठ।
Spicel for अनुपदेशी
[5/4, 2:35 pm] Papaji: अगम निगम को खोज ले, बुद्धि विवेक विचार।
उदय -अस्त का राज मिले , तो बिन नाम बेगार।।
[5/4, 2:35 pm] Papaji: सतगुरू आये दया करी ऐसे दीनदयाल बन्दीछोड वृज तास का जठराग्नि पृतिपाल
[5/4, 2:35 pm] Papaji: सुख के माथे पत्थर पड़े जो नाम हृदय से जाये ।बलिहारी उस दुख नू जो पल पल राम रटाये सतसाहेबजी
जाके जिव्या बन्धन नहीं, ह्र्दय में नहीं साँच ।
वाके संग न लागिये, खाले वटिया काँच ॥
कबीर गुरु सो ज्ञान लिजिये शिश दीजिए दान बहुतक भोंदू बहे गये राखे जीव अभिमान है
पूर्ण परमात्मा कबीर जी ही भगवान है
सतगुरु पुरुष कबीर है चारों युग प्रमाण झूठे गुरुवा मर गए हो गए भूत मसान
ब्रह्मा विष्णु शिव नहीं बचाये।सकल खाय पुन धूर उड़ाये ।।तिनके सुत है तीनों देवा ।आधर जीव करत है सेवा ।।
कबीरदेव. जी.हि.पूर्ण. परमैश्वर. है.ये.शास्त्रो. मै.उल्लेख. है.
पांच सहस अरू पांच सौ जब☀️☀️☀️ कलियुग बीत जाय ☀️☀️☀️
महापुरूष फरमान तब ,जग तारन को आए 👏👏👏👏👏👏👏
हिन्दु तुर्क आदिक सबै ,जेते जीव जहान 💓💓💓💓💓💓💓
सत्य नाम की साख गहि ,पावैं पद निर्बान 👏👏👏👏👏👏👏👏
जिन मोकूँ निज नाम दिया, सोए सतगुरु हमार।
दादू दूसरा कोई नहीं, वो कबीर सिरजनहार।।
परमपिता रामपाल जी साहेब की दया से 2020 के बाद सतयुग जैसा वातावरण होगा पूरा विश्व भक्ति करेगा सर्व प्राणी सुखी होंगे
Must watch : Sadhna Tv 07:30 To 08:30PM
#गीतासार
#salmanbailorjail
संत रामपालजी माराज कहते है कि प्रमात्मा कि चरण मै आने से आई टले बला जो भाग मै फासी होतो ,काटे मे टाल देते है । परमात्मा कि चरण मे आने से बडी से बडी कठीनाई को छोटा करके टाल देते हैं,
चलती चकी देख कर दिया कबीरा रोय ।
दो पाटन के बिच में साबुत बचा ना कोई ।
जै किले से लागारहै बाका नास ना होई ।
पृथ्वी पर किला पुर्ण परमात्मा सन्त रामपालजी महाराज।
गरीब,तीनो देवा दिल में बसे, ब्रह्मा विष्णु महेश प्रथम इनकी वंदना फिर सुन सतगुरु उपदेश
कबीर, साधक के लक्षण कहूँ , रहै ज्यो पतिव्रता नारी ।
कह कबीर परमात्मा को, लगै आत्मा प्यारी सी ।।
कुष्ठी हो संत बंदगी दीजिए हो वेषया के विश्वास चरण चित दीजिए
कबीरसागर में अद्भुत रहस्य " पांच सहस्त्र अरु पाँच सौ (5500) वर्ष जब कलियुग बीत जाये ,महापुरुष फरमान तब जग तारण को आय।।" अब वो महापुरुष संत रामपाल जी महाराज हैं।
जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा।
संत मिले तो ichcha Mithe पद मिले पद समान जय संत रामपाल जी महाराज की जय सत साहेब
दर्द भक्तों को परमात्मा सतलोक से चलकर आकर मिलता है यह प्रमाण वेदों में दिया गया है इसीलिए पर यह भगवान हमें सुधारने के लिए देश को सुधारने के लिए समाज को सुधारने के लिए आए हुए हैं परमात्मा को पहचानने के लिए शाम को 7:40 से साधना चैनल देखें
उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम क्यों फिरता दाने-दाने न्यू सर्व कला सतगुरु साहिब हरी आए हरियाणवी न्यू
ना सतगुरु जननी जने, जिनके मां ना बाप पिंड ब्रह्मांड से रहित है ,जहां नहीं तीनू ताप।
nirnjn dhan tera darbar jahapar tanik nahi nayay vichar
Sat saheb ji bandi chhod sat guru rampal ji maharaj ki jai ho
शरण पङे को गुरु संभाले, जान के बालक भोला रे।कह कबीर चरण चित राखो, ज्यो सुई मे डोरा रे।
Must know watch sadhna channel
07.30 to .08.30 pm evening daily
राम नाम की लूट है ,लूट सके तो लूट
पीछे फिर पछताओगे ,प्राण जायेंगे छूट
जा पल दरसन साधु का, ता पल की बलिहारी ।
राम नाम रसना बसे, लीजै जनम सुधारि ॥
लिखो न जाय लिखा मैं नाही गुरू बिन भैंट न होवै ताही | लिखो न जाय कहे को पारा है अक्षर में जो पावै निरबारा ||
कबीर कि भगति है, दुहेली नाही कायर का काम।
निष् प्रेमी निष् भावना, आठों पहर संग्राम।।
रामपाल जी महाराज ही तत्वदर्शी संत है देखिए ईश्वर चैनल 8:30 से 9:30 तक शाम को रोजाना
Sat sahib ji
बन्दी छोड सतगुरू रामपालजी महाराजजी की जय हो. ।।🙏🙏
जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा हिंदू मुस्लिम सिख इसाई धर्म नहीं कोई न्यारा
satgurudev rampal maharaj ji ki jai ho parmatma mujh neech ko apne pavan charno me rakhiyo data
पांच पहर धंधा किया , तीन पहर गया सोय |
एक पहर भी नाम बिन , मुक्ति कैसे होय ||
अर्थ : दिन के आठ पहर में, आप पाँच पहर काम करते हैं, और तीन पहर सोते हैं। अगर ईश्वर को याद करने के लिए आपके पास समय ही नहीं है, तो आपको मोक्ष कैसे मिल सकता है ?
कबीर, तीन लोक पिंजरा भया, पाप पुण्य दो जाल।
सभी जीव भोजन भये, एक खाने वाला काल।।
में रोवत हूं सृष्टि को सृष्टि रोवे मोहे
कहे कबीर इस वियोग को समझ न सकता कोय
कबीर, चार खान में ब्रह्मता, कबू ना लगता पार।
सो फेरा सब मिट गया, मेरे सतगुरु के उपकार।।
कबीर जम जाय पुकारीया धर्म राय दरबार
हंस मेवासी होय रहा लगे नही फांस हमार
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब संत रामपाल जी रूप में भगवान हैं
मैं रोऊँ इस सृष्टि को, ये सृष्टि रॉय मोहे।
कह कबीर इस वियोग को, समझ नही सकता कोय।।
جیون تو تہوڑا ھی بلا جے ست سمرن ھو
لاکھ ورش کا جیونا لی
मोती मुक्ता दर्शत नाही यह जग है सब अंध रे
दीखत के तो नयन चिशम है फिरा मोतिया बिंद रे
चारो युग मेरे सन्त पुकारे,कूक कहा हम हेल रे।
हीरे मोती माणिक बरसे ये जग चुगता ढेल रे
बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल महाराज की जय हो।।
जो मांगे सो भरवा कहिए, दर दर फिरे अज्ञानी। योगी योग संपूर्ण जिसका, जो मांग ना पीवे पानी।।
ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय।औरन को शीतल करे,आपहु सीतल होय।।
कबीर जब लग नाता जगत का, तब लग भक्ति न होय ।
नाता तोड़ हरी को भजै, भक्त कहावै सोय ।8
सात दीप नौ खंड में गुरु से बड़ा ना कोई करता करे न कर सके गुरु करे सो होय बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो
कबीर माई मसानी शेड शीतला भैरव भूत हनुमंत परमात्मा उनसे दूर हैं जो इनको पूजंत।
sat saheb ji
धरती पर अवतार है संत रामपाल जी बोले वेद शास्त्रों का ज्ञान है सच्चाई क्यों नहीं शिकार करते यह दुनिया है हे संत रामपाल जी महाराज आपके चरणों में मेरा दंडवत प्रणाम सत साहेब जी आपके सभी भक्तों को सत साहेब जी
अनंत कोटि ब्रह्मांड का एक रत्ती नहीं भार सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सिरजनहार
अंधे गुंगे गुरु घणे, लगंड़े लोभी लाख।
साहिब से परचे नही, कॉव बणावे साख।।
Sat saheb ji
बालू की भीत पवन का खंभा,कब लग खेर मनायेगा। आजा बंदे शरण राम की , फिर पाछे पछतायेगा!!
माया आदि निरंजन भाई, अपने जाऐ आपै खाई।
ब्रह्मा विष्णु महेश्वर चेला, ऊँ सोहं का है खेला।।
राम कृष्ण से कौन बड़ा तीनों भी गुरु किन तीन लोक के वे धनी गुरु आगे आधीन
नही भरोसा देह का विनश जाय शिन मे श्वास उशवास नाम जपो ओर यत्न कुछ नही
गीतासार
गीता अध्याय 15 के श्लोक 4 मे बताया है तत्व ज्ञान प्राप्ति के पश्चात परमेश्वर के उस परम पद की खोज करनी चाहिए जहां जाने के पश्चात साधक फिर कभी लौट कर इस संसार मे जन्म नही लेता
तो वह विधि कौन सी है
जानने के लिए देखिए
साधना चैनल 7:30 pm
ऊँचे कुल क्या जनमियां, जे करनी ऊँच न होइ ।
सोवरन कलस सुरै भर्या, साधू निंदा सोइ ॥
हम सुल्तानी नानक तारे,दादू को उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद नही पाया,काशी मे कबीर हुआ। sadhna channel 7:30 शाम
www.jagatgururamlji.org
09786205407
गुरु गोविंद दोनों खड़े किसके लागूं पाय बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए
सतगुरु बिन माला फेरते,सतगुरु बिन देते दान।
सतगुरु बिन दोनों निष्फल है, चाहे पूछो वेद पुराण।।
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दु मुस्लिम सिक्ख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा
कबीर मानुष जन्म पाए कर खोवे सतगुरु विमुख का युग युग रोवे कबीर गुरु विमुख जीव कितना बच्चे अग्निकुंड में जरवल नाचे
पत्थर का जल मे क्या भीजे, चाहे करोड़ वर्ष रहे
चंदन वन मे रंग ला दे, इक बासं विटंबी ना सीजे
#सतभक्ति_से_आईं_खुशियाँ
सतगुरु पुरुष कबीर है चारों युग प्रमाण
झूठे गुरुवा मर गए हो गए भूत मसान
इस पूरी पृथ्वी पर संतरामपालजी महाराज के सिवा दूसरा कोई भी संत नहीं है जो शास्त्र अनुकूल साधना बताते हो इसीलिए आपसब से अनुरोध है सतगुरु की शरणमें आकर नाम उपदेश लें और अपना कल्याण कराएं
#गीतासार
गीता अध्याय16 श्लोक 23,24 के अनुसार शास्त्र विधि को त्याग कर जो मनमाना आचरण करते है उनको कोई लाभ नही मिलता इसलिए अर्जुन कर्तव्य और अकर्तव्य की व्यवस्था में शास्त्र ही प्रमाण है।
सच्चा नाम कबीर का सुनकर लागे आग। अज्ञानी सौ जल मरे ज्ञानी जाए जाग।।
ईश्वर कण-कण में व्यापक है परमात्मा साकार है ऊपर सतलोक में रहता है आप उन्हें निराकार क्यों बताते हो जब कि ईश्वर साकार है तो ??
Must Watch Sadhna TV 7:30 to 8:30
कबीर, तारामंडल बैठकर, चांद बढ़ाई खाए ।
उदय हुआ जब सूर्य का, यों तारो छिप जाए ।।
Jiv hmari jati hai manv dhrm hmara hindu muslim sik esae dhrm nahi koy nyara
कबीर गुर सो ज्ञान लीजिये शीश दीजिये दान बहुतक भोंदू बहे राखि जीव अभिमान ।
मैं रोऊँ इस सृष्टि को, ये सृष्टि रॉय मोहे।
कह कबीर इस वियोग को, समझ नही सकता कोय।
ये ज्योति स्वरूप कहे निरंजन मैं ही करता भाई ,फिर एक न करता दो न करता ,नो ठहराय भाई ,इसका दसवां भी धुन्दर मैं मिल जा ।।