सरकार विभाजन इसलिए चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा नेताओं को मंत्रीपद दिए जा सके ताकि उन नेताओं का पार्टी के प्रति असंतोष उत्पन्न न हो और पार्टी की एकता बनी रहे, इनको विकास से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि अब तक जितने भी छोटे राज्य देश में हैं या बाद में बने हैं उनका विकास क्यों नहीं हुआ है आज तक।
उत्तर प्रदेश का बंटवारा एक सोची समझी रणनीति है, इस प्रदेश की औरयहां के मुख्य मंत्री की पावर काम करने की। अभी देश के प्रधानमंत्री का रास्ता यूपी से होकर जाता है। विभाजन के बाद हमारा वजन देश की राजनीति कम हो जायेगा।
उत्तर प्रदेश का विभाजन होने से सबसे ज्यादा पूर्वी उत्तर प्रदेश तबाह होगा यहां बेरोजगारी पहले से ही चरम पर है और बढ़ जाएगी क्योंकि यहां कोई कलकरखाने नहीं है और व्यवसायिक ढांचा भी कमजोर है आबादी भी ज्यादा है।
@@Take_a_knowledge वही बोल रहा.. बुंदेलखंड मै न खेती है न पानी बस कुछ सीमेंट फैक्टरी और गिट्टी की mines है उनका पैसा कुछ businessman को जाता... जनता के पास कुछ नहीं... शासन चलाने तक का पैसा lucknow से जाता और हर साल मोटा पैसा पिछड़े क्षेत्र के नाम से जाता.. सारा वेस्ट up का पैसा है... बिहार से ज्यादा बुरी हालत है बुंदेलखंड और पूर्वांचल की...
@AkbarKhan-fh5ei भाई जान कुम्भ मै सरकार की कमाई से ज्यादा खर्च होता है.. काशी विश्वनाथ है तो मथुरा Vrindavan की कमाई बहुत ज्यादा है, और सोनभद्र dam Central govt का है राज्य का नहीं.. और सबसे ज्यादा उद्योग और ऑफिस नोएडा ग़ाज़ियाबाद मै है.. और वेस्ट up की जमीन की पैदावार 70% ज्यादा है... इसलिए पूर्वांचल और बुंदेलखंड को बहुत नुक्सान होगा बटवारे से..
छोटे राज्य होने नुकसान यह भी है कि चार राजधानी बनेगी जिससे बहुत सी कृषि भूमि रिहायशी हो जायेगी कृषि उत्पाद कम होगा खाद्यान संकट बढेगा प्रशासनिक अमला विधायक मंत्री की भरमार होगी उनका व्यय भार भी बढेगा
Yes, if UP is divided, it should be divided on the lines of constitutional questions of Jati Race, Tribe, Sect and Creed. Otherwise, majority holding dominant Jati races and sects will continue to persecute and eliminate minority races tribes and creeds. Now dominant Bhiwadis and Mandalwadis etc should be given separate States. Otherwise, these quota creeds will always continue to demand more and more and to blame innocent minority Jati races even after proposed division of larger States. It is a very practical way out for the impasse and deadlock caused by this %age framework. SriHanuman.
जय हिंद जय भारत इस आर्थिक भुज कितना पड़ेगा एक मुख्यमंत्री को चार लोग मिलकर के देते थे चार लोगों का वाला गला खर्च हो जाएगा एक मुख्यमंत्री गवर्नर बढ़ जाएंगे कर का वर्णन बढ़ जाएंगे कर मुख्यमंत्री बन जाए चारों का खर्चा तो जनता देती है ना एक जगह से क्यों नहीं कंट्रोल होता जब से ना का एक जगह से कंट्रोल होता है एयर फोर्स का एक जगह भाई बंदी करने के कारण भाई बंदी करने के कारण यह सब व्यवस्था गड़बड़ होती है
उत्तर प्रदेश का विभाजन प्रशासनिक सुविधा के आधार पर ही होना चाहिए ।। पूर्वांचल के जनता की अलग अलग समस्या है और पश्चिमी प्रदेश के लोगों की समस्या अलग है वहीं बुंदेलखंड में अलग परिस्थितियां है ऐसे में कोई एक नीति बनाए जाने पर निश्चित ही इन तीनों में किसी एक का फायदा तो किसी का नुकसान होता है जैसे पूर्वांचल में अधिक बारिश वहीं बुंदेलखंड में सूखा ।। मृदा के प्रकार में भिन्नता आदि इसलिए यह सर्वथा गलत बोल रहे कि विभाजन नही होना चाहिए ।। विभाजन जनता के हित में होगा और इसलिए विभाजन अवश्य होना चाहिए ।। छोटे राज्य होने पर भी विकास होता है गोवा और सिक्किम में विकास तो हुआ ही है ।। सिक्किम पहाड़ी क्षेत्र है इसलिए वहां विकास दुर्लभ है लेकिन आपकी यह बात भी गलत है कि छोटा होने पर विकास नही होगा
U. P. का बंटवारा तीन या चार राज्यों में करने का प्रस्ताव एक सोची समझी साजिश /रणनीति मात्र प्रतीत होता है l इससे विकास होगा या नहीं यह तो भविष्य के गर्त में है l हाँ राजनीतिक और प्रशासनिक पदों का काफ़ी सृजन जरूर हो जायेगा l जिससे मुख्य मंत्री की दौड़ में शामिल लोगों क़ो खुश करने का भी मौका तथा उच्च प्रशासनिक पदों का सृजन होने पर तमाम I.A. S /I. P. S. एवं PCS /PPS क़ो भी उच्च पदों पर प्रोन्नति का मौका भी प्राप्त होगा l बाकी अन्य पदों पर तो पहले से ही संविदा (ठेके) पर आम जनता के लोग काम कर ही रहें हैं, वैसे करते रहेंगे l क्षेत्र व जनता का विकास ईमानदारी एवं दृढ़ इक्षाशक्ति से ही होगा l बंटवारे से एक फायदा और यह भी होगा कि योगी बाबा की शक्ति /कद कम करने में जरूर विरोधियों क़ो सफलता मिल जाएगी l सभी माननीय की जय 🙏l
उप्र का विभाजन नही होना चाहिए।पश्चिम भाग में एक विशेष समाज का दबदबा व वोट बैंक के लोंगों को राहुल जैसा लालच देकर के सत्ता लेना चाहते हैं।समाज व देश उनके लिए कोई मायने नही रखता है।जैसा कि अभी WB व कर्नाटक में हमें देखने को मिल रहा है। आपका विभाजन न होने का तर्क बहुत ही सटीक है।
ऐसा है सभी स्टेट ही खत्म करके इंडिया बस बना दो। आपके शब्द ही है जादे विकास नही हो पायेगा चलो ठीक है जादे नही तो कम होगा ना बटवारा बहुत ही सही फैसला है।
अभी उप्र का विकास तेजी से हो रहा है क्योंकि एक देशभक्त मुख्यमंत्री है।गुजरात का अब विकास दर वो नही रहा जो 10 वर्ष पहले था।उप्र का आर्थिक विकास में तीसरा स्थान हो गया है।आने वाले समय में दूसरे स्थान पर आ जायेगा।
विभाजन से विकास नहीं होता है l ईमानदारी, दृढ इक्षाशक्ति, आम जनता के प्रति जनता के सेवक के रूप मे जवाबदेही का भय यदि हो तो विकास होने क़ो कोई नहीं रोक पायेगा l यदि विभाजन से ही विकास होता तो तमाम रियासतों, रजवाड़ों क़ो समाप्त करने व जमींदारी उन्मूलन करने की क्या जरूरत थी? नियत और सोच बदले तो विकास क्यों नहीं होगा?
Es hisab se to Desh ko 542 bhago me bat diya jai taki har elake ka ak swghosit raja ho or 3 ya 4 partiyon ak ak raja ho jay.taki kam se kam 1000 CM 1000 governer tatha kam se kam 3, 4 hazar mantri ,sachiv bad jayege.sarkar desh todane ka kam shuru kar diya hai
विभाजन से निःसंदेह विकाश होता है और जो नेगेटिव प्वाइंट आपने गिनाएं है वो ज्यादा मायने नहीं रखता है उदाहरण- उत्तराखंड , तेलंगाना , झारखंड , छत्तीसगढ़ सबमें विभाजन के बाद विकाश हुआ
सत्य बात कही है आप ने यैसा नेक कार्य मोदी जी ही कर सकते है नोएडा और ग्रेटर नोयडा up की कमाऊ स्थान है उसको दिल्ली में मिलाकर और धन प्रदान करना बाकी up को कंकाल करने के लिए उचित होगा क्योंकि मोदी जी आज तक यही करते आये है पूजीपतियों का कर्ज माफ बदले मे चंदा और जनता के लिए महँगाई की मार अंधभक्त की सोच देश को ले डूबेगा
विभाजन सिर्फ नेता नगरी का विकास करता है,,,,, अगर विभाजन से विकास तो नेतानगरी देश सेवा के नाम पर मोटी तनख्वाह क्यों लेते हैँ,,,,,?? बंटवारे मे चलो 1 मुख्यमंत्री व उनके कैबिनेट को हम पैसा दें, फिर चार कैबिनेट होने पर हम और ज्यादा टैक्स क्यों झेलें??
Han vibhajn hone par rajneeti me rojgar arthath employmen bad jayega jaya log mukyamantri aur anymantri ka alocation bad jayega jisse rajnetao aur unke parivar valo ke liye rojgar ka srajan bhi to krna hai.
Jab jansankhya jyada hogi to Chhota rajya hona chahie jansankhya kam hogi to bada rajya hoga to Vikas hoga lekin yahan per 10 bacche paida karenge aur FIR kahenge develop nahin ho raha hai to Chhota rajya hi hona chahie
मास्टरजी तुम बड़ी बात भूल गए उत्तर प्रदेश में लोगो को कोर्ट से इंसाफ नहीं मिल पाता क्योंकि एक ही हाई कोर्ट है जिला अदालत से जब इंसाफ नहीं मिलता तब पीड़ित इंसान हाई कोर्ट की ओर जाता है किन्तु सहारनपुर, मेरठ आदि से इलाहबाद बहुत दूर है बहुत मुश्किल होता है इस प्रदेश में करोडो केस पेंडिंग पड़े है अगर विभाजन हुआ तो 100% विकास ही होगा फालतू के विचारों से कुछ नहीं होता
Itni population ke rajya nahi hone chahie ,5,6 cr ka rajya ho bas satta ki nirankusta se bacha ja sakta hai nyaya sulabh ho sakta hai .prasasan ko bhee bojh nahi hoga .
UP ka vibhajan Nahi hona chahiye... Agar huwa Tou UP ke Logo ki Bad kishmati Hogi... UP ko Baat kr UP aur Logo ko Tor Diyaa Jaye ga... UP aur UP ke Logo ki values ZERO hogi .....
Bhot sunder vichr hai ye kam bhot phyle ho jana chhiya tha istrh nokri bhi adil janta ko mile gi
देश के नेताओं की चांदी नहीं सोना हो जाएगा उनके बीबी बच्चे सभी मंत्री मुख्यमंत्री हो जायेगे। देश का धन संपत्तियां लूटने के लिए जगह जगह फ़ौज खड़ी होगी।
Abe gadhe anpadh 😂
भगवान शिव की काशी, भगवान श्री राम की अयोध्या और भगवान श्री कृष्ण जी की मथुरा उत्तर प्रदेश में ही रहनी चाहिए।
विभाजन होना चाहिए। नहीं तो यहां कभी बिकास नहीं होगा। सरकार आएगी जाएगी। विकास नहीं होगा।
Logical explanation..Very convincing.
आपकी मुस्कान बहुत ही प्यारी है सर्💗💗 हमेशा ऐसे ही मुस्कुराते रहिये🙏🏻🙏🏻❤️❤️
The. Political four😮CM will enjoy
सरकार विभाजन इसलिए चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा नेताओं को मंत्रीपद दिए जा सके ताकि उन नेताओं का पार्टी के प्रति असंतोष उत्पन्न न हो और पार्टी की एकता बनी रहे, इनको विकास से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि अब तक जितने भी छोटे राज्य देश में हैं या बाद में बने हैं उनका विकास क्यों नहीं हुआ है आज तक।
उत्तर प्रदेश का बंटवारा एक सोची समझी रणनीति है, इस प्रदेश की औरयहां के मुख्य मंत्री की पावर काम करने की। अभी देश के प्रधानमंत्री का रास्ता यूपी से होकर जाता है। विभाजन के बाद हमारा वजन देश की राजनीति कम हो जायेगा।
Sahibate comred
Right
100%सत्य
Gaand m dele vajan ,hme to apna alg west up chahiye
भारत सरकार चाहती नहीं कि उत्तर प्रदेश का बिकास हो।
Vibhajan hona chahiye up ka 75 district hai
बहराइच को अवध प्रदेश में लखनऊ के साथ ही होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश का विभाजन होने से सबसे ज्यादा पूर्वी उत्तर प्रदेश तबाह होगा यहां बेरोजगारी पहले से ही चरम पर है और बढ़ जाएगी क्योंकि यहां कोई कलकरखाने नहीं है और व्यवसायिक ढांचा भी कमजोर है आबादी भी ज्यादा है।
बुंदेलखंड और पूर्वी प्रदेश बर्बाद हो जायेंगे.. सब पश्चिमी प्रदेश के टैक्स और खेती से मजे लूट रहे थे..
@@JewarKaSultanAfrojhamre West up ka Sara Paisa purv me jata h kamate hm h jata purv me h
@@Take_a_knowledge वही बोल रहा.. बुंदेलखंड मै न खेती है न पानी बस कुछ सीमेंट फैक्टरी और गिट्टी की mines है उनका पैसा कुछ businessman को जाता... जनता के पास कुछ नहीं... शासन चलाने तक का पैसा lucknow से जाता और हर साल मोटा पैसा पिछड़े क्षेत्र के नाम से जाता.. सारा वेस्ट up का पैसा है... बिहार से ज्यादा बुरी हालत है बुंदेलखंड और पूर्वांचल की...
@AkbarKhan-fh5ei भाई जान कुम्भ मै सरकार की कमाई से ज्यादा खर्च होता है.. काशी विश्वनाथ है तो मथुरा Vrindavan की कमाई बहुत ज्यादा है, और सोनभद्र dam Central govt का है राज्य का नहीं.. और सबसे ज्यादा उद्योग और ऑफिस नोएडा ग़ाज़ियाबाद मै है.. और वेस्ट up की जमीन की पैदावार 70% ज्यादा है... इसलिए पूर्वांचल और बुंदेलखंड को बहुत नुक्सान होगा बटवारे से..
पच्छिम उत्तरप्रदेश वाले मेहनत करते है और पुरे प्रदेश का पेट पालते है और पूर्व भाग केवल राजनीती में ही लगा रहता है काम पर नहीं
विभाजन होना इसलिए जरूरी है क्यों कि इसके बिना समस्या का अंत नहीं
दो राज्य बनने चाहिए ।
पश्चिम यूपी और बुंदेलखंड क्षेत्र को एक राज्य बनाना चाहिए । अवध और पूर्वांचल को दूसरा राज्य ।
Nhi 4 km se km bne
छोटे राज्य होने नुकसान यह भी है कि चार राजधानी बनेगी जिससे बहुत सी कृषि भूमि रिहायशी हो जायेगी कृषि उत्पाद कम होगा खाद्यान संकट बढेगा प्रशासनिक अमला विधायक मंत्री की भरमार होगी उनका व्यय भार भी बढेगा
Yes, if UP is divided, it should be divided on the lines of constitutional questions of Jati Race, Tribe, Sect and Creed.
Otherwise, majority holding dominant Jati races and sects will continue to persecute and eliminate minority races tribes and creeds.
Now dominant Bhiwadis and Mandalwadis etc should be given separate States.
Otherwise, these quota creeds will always continue to demand more and more and to blame innocent minority Jati races even after proposed division of larger States.
It is a very practical way out for the impasse and deadlock caused by this %age framework.
SriHanuman.
जय हिंद जय भारत इस आर्थिक भुज कितना पड़ेगा एक मुख्यमंत्री को चार लोग मिलकर के देते थे चार लोगों का वाला गला खर्च हो जाएगा एक मुख्यमंत्री गवर्नर बढ़ जाएंगे कर का वर्णन बढ़ जाएंगे कर मुख्यमंत्री बन जाए चारों का खर्चा तो जनता देती है ना एक जगह से क्यों नहीं कंट्रोल होता जब से ना का एक जगह से कंट्रोल होता है एयर फोर्स का एक जगह भाई बंदी करने के कारण भाई बंदी करने के कारण यह सब व्यवस्था गड़बड़ होती है
Great Session Sir 🙏🏻
Thanks a lot for this 🙏🏻🥰
उत्तर प्रदेश का विभाजन प्रशासनिक सुविधा के आधार पर ही होना चाहिए ।। पूर्वांचल के जनता की अलग अलग समस्या है और पश्चिमी प्रदेश के लोगों की समस्या अलग है वहीं बुंदेलखंड में अलग परिस्थितियां है ऐसे में कोई एक नीति बनाए जाने पर निश्चित ही इन तीनों में किसी एक का फायदा तो किसी का नुकसान होता है जैसे पूर्वांचल में अधिक बारिश वहीं बुंदेलखंड में सूखा ।। मृदा के प्रकार में भिन्नता आदि इसलिए यह सर्वथा गलत बोल रहे कि विभाजन नही होना चाहिए ।। विभाजन जनता के हित में होगा और इसलिए विभाजन अवश्य होना चाहिए ।। छोटे राज्य होने पर भी विकास होता है गोवा और सिक्किम में विकास तो हुआ ही है ।। सिक्किम पहाड़ी क्षेत्र है इसलिए वहां विकास दुर्लभ है लेकिन आपकी यह बात भी गलत है कि छोटा होने पर विकास नही होगा
Sahee
U. P. का बंटवारा तीन या चार राज्यों में करने का प्रस्ताव एक सोची समझी साजिश /रणनीति मात्र प्रतीत होता है l इससे विकास होगा या नहीं यह तो भविष्य के गर्त में है l हाँ राजनीतिक और प्रशासनिक पदों का काफ़ी सृजन जरूर हो जायेगा l जिससे मुख्य मंत्री की दौड़ में शामिल लोगों क़ो खुश करने का भी मौका तथा उच्च प्रशासनिक पदों का सृजन होने पर तमाम I.A. S /I. P. S. एवं PCS /PPS क़ो भी उच्च पदों पर प्रोन्नति का मौका भी प्राप्त होगा l बाकी अन्य पदों पर तो पहले से ही संविदा (ठेके) पर आम जनता के लोग काम कर ही रहें हैं, वैसे करते रहेंगे l क्षेत्र व जनता का विकास ईमानदारी एवं दृढ़ इक्षाशक्ति से ही होगा l बंटवारे से एक फायदा और यह भी होगा कि योगी बाबा की शक्ति /कद कम करने में जरूर विरोधियों क़ो सफलता मिल जाएगी l सभी माननीय की जय 🙏l
😊
Division is must.
छोटे राज्य विकास के लिए सर्वोत्तम होते हैं ।
We support west up ❤
Vibhajan se netao ki mauj ho jaegi.
Pariwarwad badh jaega.
Ek hi pariwar ke log satta pe kabij rahegi
बदायू और मैनपुरी वेस्ट यूपी से बाहर होना चाहिए, बरेली तक ही ठीक है बस
राम कृष्ण की धरती को बांटने की इच्छा रखने वाला कहीं का नहीं रहेगा ।
Only one pradesh Uttar Pradesh i ❤Akhand Uttar Pradesh
Please sir puri up se related gs ko pura kara dena
Ram avdha me kashi me shiv kanha vrindavan me ham us pradesh ke vashi hai jis pradesh me ganga baheti hai jai utter pradesh
Jitna vibhajan hoga utni aapsi phoot hogi aur desh kabilon wali stage mein pahunch jayega . Bharat ki majbooti ke liye Kendra ka sarv shaktiman hona jaruri hai . Nahin to algav waad badhega Bengal , Kerala , J & K ki tarah .
U,p ki paschim valon ki leyi high court bahut door hi,so u,p ka vibhajan aavasyak hi.
For better administration and development it is good to devide in three parts
विभाजन नहीं कर सकते तो अलग देश बना दे। ताकि विकास हो
बहुत सही.. हम नोएडा वालो को टोंटी जैसे लुटेरे नहीं चाहिए..... मैनपुरी से लेकर नोएडा merrut सब develop एरिया है पश्चिम प्रदेश मै होगा..
Bareilly tk hi shi h aage to बिहारी h sale
विभाजन खतरनाक कूटनीति का हिस्सा है🪀 उतर प्रदेश को राजनीति से बाहर करने🪀 का कूटनीति चल रहा है🪀।।
उप्र का विभाजन नही होना चाहिए।पश्चिम भाग में एक विशेष समाज का दबदबा व वोट बैंक के लोंगों को राहुल जैसा लालच देकर के सत्ता लेना चाहते हैं।समाज व देश उनके लिए कोई मायने नही रखता है।जैसा कि अभी WB व कर्नाटक में हमें देखने को मिल रहा है।
आपका विभाजन न होने का तर्क बहुत ही सटीक है।
We support our west up, koi hme ni rok skta ,tere jse jatiwadi kide hmesa ulti baate krte h
Division is not needed.....we love United Uttar Pradesh
Dovlapment ke liye bahut jaruri hai ki up ko three or four part mei ker diya jasye.
Achha laga
"मेरे जीवन के सबसे अच्छे मार्गदर्शक "
प्रणाम सर्
Explain division of andhra pradesh .... Big request 🙏🙏🙏
ऐसा है सभी स्टेट ही खत्म करके इंडिया बस बना दो।
आपके शब्द ही है जादे विकास नही हो पायेगा चलो ठीक है जादे नही तो कम होगा ना
बटवारा बहुत ही सही फैसला है।
pakistan banado achh hoga tum logko bhi achha lagyega
Right
जनसंख्या नियंत्रण योजना प्रथम स्थान पर होना चाहिए, उसके बाद ही कोई योजना ठीक होगी,
Small state ke favour me jada chije achi h
अभी उप्र का विकास तेजी से हो रहा है क्योंकि एक देशभक्त मुख्यमंत्री है।गुजरात का अब विकास दर वो नही रहा जो 10 वर्ष पहले था।उप्र का आर्थिक विकास में तीसरा स्थान हो गया है।आने वाले समय में दूसरे स्थान पर आ जायेगा।
good ji😢😢😢😢ji😢ji😢😢😢😢😢
Vibhajan se vikas hoga
East up or west up 2 part hoga to sabse accha h
पश्चिमांचल प्रदेश उत्तर प्रदेश से अलग कर दिया जाय।
यु पी को आठ राज्यों में बांटे बुंदेलखंड अवध पुर्वांचल भोजपुर वृज प्रदेश जाटलैंड सचखंड काशी विश्वनाथ राज्य होना चाहिए
4 में बांट करके बहुत अच्छा होगा और हर प्रदेश के बीच केंद्र को राजधानी बनाया जाएगा सबसे बेहतर है
Uttar Pradesh ka vibhajan prashasnik Aadhar per hi hona chahie
Akhand bharat ho jayega
आप ने जितने भी बड़े राज्यो के उदाहरण दिए वह पुर्ण विकसित नहीं है उनके कुछ एरिया या शहर विकसित है
विभाजन से विकास नहीं होता है l ईमानदारी, दृढ इक्षाशक्ति, आम जनता के प्रति जनता के सेवक के रूप मे जवाबदेही का भय यदि हो तो विकास होने क़ो कोई नहीं रोक पायेगा l यदि विभाजन से ही विकास होता तो तमाम रियासतों, रजवाड़ों क़ो समाप्त करने व जमींदारी उन्मूलन करने की क्या जरूरत थी? नियत और सोच बदले तो विकास क्यों नहीं होगा?
Bebhajan hona चाहिए
10जिले 10लोक सभा सीटों का राज्य होना चाहिए
Es hisab se to Desh ko 542 bhago me bat diya jai taki har elake ka ak swghosit raja ho or 3 ya 4 partiyon ak ak raja ho jay.taki kam se kam 1000 CM 1000 governer tatha kam se kam 3, 4 hazar mantri ,sachiv bad jayege.sarkar desh todane ka kam shuru kar diya hai
विभाजन से निःसंदेह विकाश होता है और जो नेगेटिव प्वाइंट आपने गिनाएं है वो ज्यादा मायने नहीं रखता है उदाहरण- उत्तराखंड , तेलंगाना , झारखंड , छत्तीसगढ़ सबमें विभाजन के बाद विकाश हुआ
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सर्🙏🏻🙏🏻❤️❤️
उत्तर प्रदेश को तीन हिस्सो मे बाट कर इसकी तरक्की हो सकती है एक हिस्से को दिल्ली मे मिला कर बडा किया जा सकता है ये काम मोदी जी ही कर सकते है ।
सत्य बात कही है आप ने यैसा नेक कार्य मोदी जी ही कर सकते है नोएडा और ग्रेटर नोयडा up की कमाऊ स्थान है उसको दिल्ली में मिलाकर और धन प्रदान करना बाकी up को कंकाल करने के लिए उचित होगा क्योंकि मोदी जी आज तक यही करते आये है पूजीपतियों का कर्ज माफ बदले मे चंदा और जनता के लिए महँगाई की मार अंधभक्त की सोच देश को ले डूबेगा
Banaras
Purvanchal ki rajdhni
बिल्कुल अगर up का विकास होना है तो उसके विभाजन होना जरूरी है
और नेगेटिव और पॉजिटिव हर चीजमें होता है
फिर तो सभी राज्यों को कैंसिल कर दो
1 ही इंडिया होना चाहिए
Sabse badhiya idea
ऊँ यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था जी
विभाजन कभी भी उचित नहीं है,,पर यदि बिना विभाजन के कार्यक्रम सुचारू नहीं हो रहा तो तीन राज्य ही उचित है।
Pashchim pradesh+bundelkhand milakar ek pradesh & awadh+purwanchal milakar ek pradesh banaya jaye toh best ho sakta hai
Four CMs and most important Four High-Court for urgent justice facilities
me.merut se.hu.up.k.4hise.hona.chai
Haa yehi hoga kisi din.... Uttrakhand ki tarah
Is tarah to up sey badey 3 rajye hain pehley unko banto mp maharashtra rajasthan
विभाजन उत्तर प्रदेश का नहीं होना चाहिए बहुत मोटा नुकसान है गरीब आदमी को
Gud aftrnun sr
Vibhajan nahi hona chahiye choro ki ginti badhegi
And good vedio sir
जब उत्तराखंड नहीं बना था तब ये प्रदेश किस.....
Akhand Uttar Pradesh ❤
Up ke 2 part hona chahiye
सबसे पहले NCR को दिल्ली प्रदेश में मिलाना चाहिए
विभाजन नहीं होना चाहिए। अयोध्या और लखनऊ दोनों ही अवध क्षेत्र हैं। मगर इस नक्शे में अयोध्या और लखनऊ मंडल को अलग अलग रखा गया है। यह अनुचित है।
जनसँख्या और राज्यसभा और लोकसभा की सीटों की वजह से ही थोड़ी वैल्यू है देश में यूपी का बाट दो ओ भी वैल्यू ख़त्म..
Up ko Bihar me Mila lo value bdha lo but west up ka pind chodo
@@diveshtomar9044 pani k liye Taras jaoge
Jai hind🇮🇳sir
विभाजन सिर्फ नेता नगरी का विकास करता है,,,,,
अगर विभाजन से विकास तो नेतानगरी देश सेवा के नाम पर मोटी तनख्वाह क्यों लेते हैँ,,,,,?? बंटवारे मे चलो 1 मुख्यमंत्री व उनके कैबिनेट को हम पैसा दें, फिर चार कैबिनेट होने पर हम और ज्यादा टैक्स क्यों झेलें??
Han vibhajn hone par rajneeti me rojgar arthath employmen bad jayega jaya log mukyamantri aur anymantri ka alocation bad jayega jisse rajnetao aur unke parivar valo ke liye rojgar ka srajan bhi to krna hai.
PUVANACHAL KA VIBHAJAN VIKAS KE LIYE JARURI HAI.
मुख्य नकारात्मक बिन्दु तो छोड़ है। कि खर्च बहुत बढ़ जाएगा। 😊
Thank you sir 🙏🙏🙏
इससे वैमनस्यता बढ़ती है मैं अबध का हूं तू पूर्वांचल का है और जैसे देश बांटना अच्छा नहीं 😅 वैसे राज्य बांटना अच्छा नहीं लगता।
West up ka pura paisa east up me lagata h government west up ka koi vikash nahi hota
उ.पृ.का विभाजन बिलकुल नही होना चाहिये जाति व्यवस्था आधारित सामन्ती पृदेश हो जायेगे लोक तन्तृ खत्म बलशाली धनी जातियाॅ हावी होगी
kon kon si jatiya havi ho jayengi bhai
एक प्रदेश। नेक प्रदेश
👍👍👍👍
Jab jansankhya jyada hogi to Chhota rajya hona chahie jansankhya kam hogi to bada rajya hoga to Vikas hoga lekin yahan per 10 bacche paida karenge aur FIR kahenge develop nahin ho raha hai to Chhota rajya hi hona chahie
Needs reorganization of state once the country.
यूपी को चार राज्य में बांट देना चाहिए
मास्टरजी तुम बड़ी बात भूल गए उत्तर प्रदेश में लोगो को कोर्ट से इंसाफ नहीं मिल पाता क्योंकि एक ही हाई कोर्ट है जिला अदालत से जब इंसाफ नहीं मिलता तब पीड़ित इंसान हाई कोर्ट की ओर जाता है किन्तु सहारनपुर, मेरठ आदि से इलाहबाद बहुत दूर है बहुत मुश्किल होता है
इस प्रदेश में करोडो केस पेंडिंग पड़े है
अगर विभाजन हुआ तो 100% विकास ही होगा
फालतू के विचारों से कुछ नहीं होता
उधर का हायकोर्ट तो लखनऊ खंडपीठ है
Itni population ke rajya nahi hone chahie ,5,6 cr ka rajya ho bas satta ki nirankusta se bacha ja sakta hai nyaya sulabh ho sakta hai .prasasan ko bhee bojh nahi hoga .
UP ka vibhajan Nahi hona chahiye...
Agar huwa Tou UP ke Logo ki Bad kishmati Hogi...
UP ko Baat kr UP aur Logo ko Tor Diyaa Jaye ga...
UP aur UP ke Logo ki values ZERO hogi .....
विभाजन कर देना जरूरी है। विकास होगी।
Not to be devided . It's a wrong decision. As you describe, I think devide as district wise. Make Every district a individual state.
Faizabad aur bahraich mein awadhi bhasha boli jati to fir ye dono jila purwanchal mein kaise rakhe ja sakte hain