ईश्वर का वैज्ञानिक स्वरूप जिसके बारे में आपने कभी नहीं सुना| वैज्ञानिक तर्कों द्वारा ईश्वर सिद्धि|
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- Опубліковано 20 кві 2022
- ईश्वर का वैज्ञानिक स्वरूप जिसके बारे में आपने कभी नहीं सुना।सृष्टि के जरिए ईश्वर तक कैसे पहुंचे?
ईश्वर का वैज्ञानिक स्वरूप जिसके बारे में आपने कभी नहीं सुना| वैज्ञानिक तर्कों द्वारा ईश्वर सिद्धि|
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अगर आपकी रूचि सृष्टि विज्ञान में है और (विज्ञान+ आध्यात्म) दोनों का अध्ययन करना चाहते हैं, तो मुझे लगता है कि आप उचित स्थान पर हैं। नीचे दिए गए प्लेलिस्ट पर जाकर वीडियो को देख सकते हैं, धन्यवाद।
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उम्मीद करता हूं कि आप सभी स्वस्थ होंगे!
आप सभी को प्रणाम 🚩
हमारा लक्ष्य है, सनातन धर्म की स्थापना करना, अनुसंधान प्रयोगशाला के माध्यम से वैदिक विज्ञान और अस्त्र शस्त्रों, तकनीकों पर अनुसंधान करना, साथ ही ऋषियों- महर्षियों और महापुरुषों की वास्तविकता संसार के सामने लाना (जो कि युग के सबसे बड़े वैज्ञानिक, योगी और महान योद्धा हुआ करते थे)।
मेरा विश्वास कीजिए अपने महान पूर्वजों के पास वो समृद्ध विज्ञान है जो विश्व में सुख शांति ला सकता है।
मैं आप लोगों को वचन देता हूं, आपके पास अपना ज्ञान विज्ञान होगा, इस धरती के सभी मनुष्यों को एक क्षत्र के नीचे लाया जायेगा, सभी दूसरे जीवों (पशु, पक्षी आदि) की रक्षा होगी और फिर से दुनिया पर सनातन धर्म का ध्वज लहराएगा।
अगर आप हमसे सहमत हो और सहायता करना चाहे तो कर सकते हैं। ये संघर्ष बिना आपके सहयोग के पूरा नहीं हो सकता, क्योंकि ये लक्ष्य है। 🚩अद्वैत (शनि सिंह) 🚩
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धन्यवाद 🙏
।। ॐ सम ।।
परम आदरणीय श्री ज्ञानेश्वर महाराज आप की वाणी ब्रम्ह वाणी प्रतीत होती है
परिपूर्ण सत्य,ईश्वर ही परिपूर्ण अनंत है।🗯💥
जी वो Jesus Christ hai परिपूर्ण सत्य
@@deeprana5785 esha purv se hamara Etihas hai
ब्रम्हांड और ईश्वर इंसान की सोच से परे है,इंसान ईश्वर के बारे में न तो जान पाया है ना जान पाएगा ।
Jay ho
सभी बातें आपकी सही है। ईश्वर है इसमें कोई दो मत नहीं। लेकिन उनका अपना कोई सेंस नहीं। वह सिर्फ पावर है। इस बार को मैं सिद्ध कर सकता हूं।
ईश्वर सर्वत्र व्यापक एक शुद्ध चेतन पदार्थ है, केवल चेतन। चाहे जहां पर मुझसे डिबेट कर सकते हो।
शक्ति है सर्व व्यापक , ईश्वर उसके शरीर का नाम है । शक्ति दिखती नही , जो दिखती नही इन्सान उस पर विश्वास केसे कर सकता है । इस लिए शक्ति पुर्ण नही है । जब शक्ति अपनी इच्छा से इंसानों के बिच अपना एक रुप बनाती हैं वह रुप चाहे स्वयंभू हो , चाहे वह गर्व धारण करे। ईश्वर को एक बात कही गई है कि सब का सच्चा गुरु ईश्वर है । इसको आप गलत ठहरा सकते हैं । यह बात सत्य है ज्व ईश्वर इन्सान बन कर धरा पर आते हैं । उस समय जो इन्सान उसके नजदीक आते हैं उस समय वह अपने गुण, नियम और शक्तियों का प्रदर्शन दिखते हैं । यह देख कर ही इन्सान उसके बारे मे जान पाया है ।
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 : परमात्मा साकार है तथा उसका मानव जैसा शरीर है
"अगने तनुः असि | विश्नवे त्व सोमस्य तनूर' असि || ”
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 : परमात्मा साकार है तथा उसका मानव जैसा शरीर है
"अगने तनुः असि | विश्नवे त्व सोमस्य तनूर' असि || ”
पावर वगैरह कुछ नही है ,हम पैदा हुवे है और आखिर में मर जायेंगे
Aapke. Mdhyahyam se Ishwar ji ke gun itane Vistar se sun kar , meri atma gad gad ho gayi, aapko koti koti parinaam.
Bhot sundar trikey say aapney khaa anubhav jinko hogyaa vo shabd vihin hojata hai ,tbb bhi aapney bhot sundet trikey khaa aapney ,mujhey iswer ney apney sabhi swaroop kaa drshan diyaa hai
बहुत सुंदर ज्ञान दिया आपने , धन्यवाद आपका 🙏
परमात्मा साकार है व सहशरीर है - यजुर्वेद
बहुत ही सरलतम व्याख्या की है मित्र आपने जो औसत मानव बुद्धि समझ सकती है मैंने आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक जी को सुना है आचार्य महेंद्र पाल को भी सुना है परन्तु उनकी व्याख्या बहुत गूढ़ होती है परन्तु आपने उसे अघोर रूप में समझाया आप को कोटि कोटि साधुवाद
ईश्वर ही सत्य है 🙏🙏
Thanks
Ap ne saty (God)ki satik jankari ka varnan kiya hai. Is gyaan ka byavaharik roop par video banane ka nivedan karate hai.aapke message ka 99% bhaag Bible vichaar se sambandhit hai.❤❤❤thank ❤❤❤
जितना खराब सृष्टि को मानव ने किया है शायद किसी जीव ने किया हो इसलिए आज कलयुग के मानव को सजा मिल रही है आपदाओं की
वो सत् है, वो अकाल है, वो अनहद नाद है, वो अनादि है तो उसका आदि क्या होगा, वंहा सब अवधारणा ए शून्य है, वो बुद्धि तर्क से नही समझ आ सकता,
Ye toh gaagar mei sagar hai. Excellent❤
Ye bilkul sahi hy. Jo kuch bhi .hy ya nahi hy ...vo ..alag .bhi hy ..kiuki sab kuch
.iswar hi hy ji !
बहुत सुन्दर और सहज ज्ञान धन्यवाद
Mujhe to aap me hi Prabhu ke darshan ho gaye.
जो सब कुछ कर सकता वह शरीर भी धारण कर सकता ।
Isme bahut saari baaten virodhabhashi hein kyounki jab bah sarvsaktimaan h to bah roop bhi dharam kar sakta h
Absolutely 100 percent correct
lshwar ke sandarbh mein anant explanations hai...
Hey Prabhu!
Ye kaisi aapki Maya hai!
Mind blowing ❤
Sunkar bahut badhiya laga
Hey sachidanand
Aapki Jay ho
Adbhut hai hamari soch se pare
Yeh sarvada Satya hai isko aap swayam par mahsoos kiya ja sakta hu
आपने बहुत अच्छी व्याख्या बताई लेकिन आपकी व्याख्या से एक बात तो साबित होती है कि ईश्वर का मन है तभी तो उनके मन में ब्रह्मांड सृष्टि बनाने की बात आई
ध्यान से देखें
ईश्वर वाकई मे अनंत है जिसका ना तो जन्म होता है ना ही कभी उसका अंत हो सकता है इसलिए वह अनंत है भले ही हम सभी उसे किसी भी रुप का नाम दे परंतु वह वाकई अनंत है,,,,,,,, 🙏
hamara brahamand hi hum sab ka esver hai.
esvar =brahand hai.
भावना प्रधान प्रत्यक्ष के अभाव में अनुमान से गुण और विशेषताओं के आधार पर श्रेष्ठ देव ईश वर की कल्पना और विवरण बहुत अच्छी तरहसे अच्छी भाषा में अभिव्यक्ति की गई।आप धाराप्रवाह तर्क़ संगत ज्ञान दे रहे हैं। धन्यवाद
Thank you God❤❤❤🎉🎉🎉
Wah
Aap hi bolney Wale
Aap hi Sunney Wale.
You all in one
ओमसम😢
Sahi kaha aapne bahut sunder varnan hai ishwar nirvikar niramai hai ho akilanda koti brammhanda nayakaya anu renu thranakasta vyapth hai na adi na anth ho anath hai 🙏 Hare krishna prabhu 🙏🙏🙏
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो आर्यावर्त की जय हो महर्षि दयानंद की जय हो श्रृंगी ऋषि की आत्मा ब्रह्मचारी कृष्णदत्त जी महाराज की जय हो
ISWAR is EXISTENCE ALONE , FULL OF PURE CONSCIOUSNESS.......
Bahut bahut sundar jaankari mili uske liye Bhai Ji aapko bahut bahut dhanyawad 🙏🌺
❤God is great believe in God pray for bless ❤️
Namaste Satya Sanatan Dharm jindabad Bhartiya Vaidik Darshan jindabad aapane Ved ki dharna ko explain Kiya Ishwar Chaitanya Anant aur Mukt padarth hai not visible quantum physics ke Siddhant ke tahat dual behaviour wala sarvatra hai I like your explain thank u Bhartiya Vaidik Darshan jindabad Jay Hind Jay Bharat
Absolute knowledge, thank you.
Kooshish kiya Shukreya
एक सर्वज्ञानी और सर्वशक्तिमान ईश्वर अवतार भी ले सकता है, यही भारतीय शास्त्र सम्मत अवधारणा है । वह निर्गुण और सगुण एक ही साथ हो सकता है । भारतीय षड् दर्शन सिद्धांत इस निष्कर्ष तक पहुंचाता है ।
इसीलिए तो आज सनातन धर्म समाप्त होता चला जा रहा है, आधुनिक विज्ञान पूरी दुनिया पर राज कर रहा है। हमारी और आपकी आने वाली पीढ़ी इन्हीं सब सोच के कारण अंग्रेजी शिक्षा पढ़ रही हैं। कम से कम अब तो सुधर जाइए। अन्यथा कुछ ही दिन में सनातन धर्म समाप्त हो जाएगा।
Har Har Mahadev 🙏🙏🌹🌹🌺🌺🌹
❤ishwar hamari kalpna aur samajh se pare hai.❤
Ishvar (SRI KALKI AVATAR Ji) vartmaan me Prithvi pr hi manav roop me maujud hain aur nikat bhavishy me apni yogmaya se prakat hona hai 🕐
The video is showing news exciting. We pray for the safety and success of this valuable yarn. We pray for the safety from astroids ids also. Many astroids pass near L1.
.
hum sab ke sab brahmand ke nirmand ka kccha maal hai.
esvar=brahmand.
Allah hu baqi minkul fhanni. Sab barbad hoga qayamat k day allah baqi rahei ga
Aap ne sath kaha❤
वह ,,,,, बेटा बहुत बहुत धन्यवाद आगे बढ़ो 😮🎉🎉🎉🎉🎉 ❤
आपकी बातो मे ही कुछ और ज्ञान छुपा है
जैसे आपने कहा के मनुष्य क्या सिर्फ कान,या नाक या चक्षु है?क्या वह अस्थिया है? क्या वह हृदय है? क्या वह हात पैर है? मनुष्य का शरीर साकार स्वरूप मे यह सब मिलकर बना है। उसके बाह्य अवयवों को वह स्वयं देख सकता है,हममे से विरले ही होंगे जिन्होने स्वयं के भितरी अवयव कभी देखे हो और हमारी जीवात्मा का साक्षात्कार होने मे भी हमे वेदो के असीम ज्ञान की आवश्यकता पडेगी और कई जन्म भी ।
तो इश्वर तो यह सृष्टी भी है, अंतरिक्ष भी है,अनेकानेक ग्रह तारे सुरज चांद भी है,इन सब का छोर आदी और अंत मनुष्य के परे है इसिलिये वह हमारे लिये निराकार हो गया...
ईश्वर का जिस रूप में ध्यान करोगे उसी रूप में साकार हो जाएगे
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 : परमात्मा साकार है तथा उसका मानव जैसा शरीर है
"अगने तनुः असि | विश्नवे त्व सोमस्य तनूर' असि || ”
गलत translation
ईश्वर सर्वव्यापी है, निराकार स्वरूप है, अजन्मा है, अजर अमर है और श्रृष्टि प्रलय के बाद भी रहेगा।🙏
सही है,
Sharir ma bap auasi karke bache ko payda karte
Pap to barhmane kiya apni beti sarosati ke sath baltkar kiya us sambhogse payda huva manu
N look
Pp0 BM cc b😢 in
😢yj😢y you nhtnnhn5úoo9ooík5kk5kktkktkk
ईश्वर के लिए निराकार अपशब्द है गाली है अशोभनीय व ऊसके गरिमा के खिलाफ है
Atyant durlabh Gyan Diya aapne aap ka bahut bahut dhanyawad
अति सुन्दर सत्संग । बहुत-बहुत शुक्रिया जी 🌹🙏🌹
जी धन्यवाद
कठोपनिषद पढे , या सभी वेदो को पढें , यही तो वेदिक ज्ञान है।
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 : परमात्मा साकार है तथा उसका मानव जैसा शरीर है
"अगने तनुः असि | विश्नवे त्व सोमस्य तनूर' असि || ”
Bahut badia samjaya brother❤
Ji dhanyavaad
Srishti ki Rachna ek shaktiyon se nahin balki Kai shaktiyon Se Milkar banaa hai❤❤❤❤
very good, bahut badhiya video banaya aapne
महात्मन प्रणाम कितनी अद्भुत बात है के अलक्ष्णा के आपने लक्षण बता कर हमें धन्य कर दिया
Bhut sunder dhanyawad apka 🙏🙏👍
Om Namah Shivay..❤🙏🙏🙏
प्रणाम गुरु वर।कोटि कोटि वंदन आपका।
Nature apna santulan khud banati h.
बहुत बढ़िया जानकारी प्रस्तुत की है।
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 : परमात्मा साकार है तथा उसका मानव जैसा शरीर है
"अगने तनुः असि | विश्नवे त्व सोमस्य तनूर' असि || ”
Exactly !
The video is throwing real light on omnipresent Almighty..
A logical, scientific and spiritually supported video the existence of very infinite Supernatural Power governing the universe and it's creatures...
हिंदी में
ईश्वर सत्य है आदि अनंत सब उनकी की हाथ में आपका बात बिल्कुल सटीक है ईश्वर कभी ना जन्म लेते हैं ना कभी मरते हैं उनका आदि अंत कोई भी मनुष्य जीव मनी ऋषि पार नहीं लगा सकती मनुष्य मात्र ब्रह्मांड के सामने एक बालू से भी हजारे लाखों गुना छोटे हैं और ईश्वर के सामने तो हमारा कोई अस्तित्व हां या नहीं यह हम लोग नहीं जानते खाली ईश्वरी जानते हैं यह हम क्या है क्योंकि जब ब्रह्मांड के अंदर हमारा पृथ्वी एक सरसों बराबर है अब हम पृथ्वी की भीतर एक सरसों बराबर है तो एक कल्पना करके सोच कर देखें हमारा ब्रह्मांड की भीतर कोई असतित्व नहीं है ईश्वर सबसे बड़े हैं इससे आगे कुछ भी नहीं है बस ईश्वर का नाम है जय जय श्री राम जय श्री कृष्णा
Koi khuda nahi h. ❤
Bahut sunder vyakhya
इस ज्ञान की कोई सीमा नहीं जितना जाने की कोशिश होगी उतनी ओर गहराई में जाते जाओगे पर यह इतना आसानन
नहीं इसके लिया सब से पहली सीढ़ी है आप ध्यान लगाओगे तो ही समझ पाओगे या फिर श्रीषियो पर विश्वास का होना बहुत जरूरी है
બહોત અચ્છા. ભાઇ. યે સબ કુછ. કુરાન. સરીફ. મે. મોજૂદ. હે. આપ ખુદ. જાનલો
।।🚩🚩🚩🇮🇳🙏ॐ नमः शिवाय🙏🇮🇳🚩🚩🚩।।
यदि में वचन था और वचन परमेश्वर के साथ था
बहुत ही सुन्दर विषय पर सुग्राह्य व्याख्यान!हर हर महादेव।।
जो शाँत घोर और जड़ रूपप्रकट होते तीनो गुण धर्म धार ।उनसौम्य ज्ञानघन निर्बिशेष को नमस्कार हैनमस्कार।।।।।।।
Amazing brother, it seems you have complete knowledge.
जब इतने रचनाएं जो हमे पता नही बनाए तो उससे उनमें कुछ कम नहीं हुआ तो बहुत ही अधिक शक्ति वाले भी बनाए हो सकते है भगवान देवता आदि क्यों नही हो सकते विभाग। भी हो सकते हैं। मनुष्य के लिए तो ऋषि मुनि ही बहुत ऊपर लगते तो भगवान आदि में गुण ,और शक्तियां होने के कारण समस्या हल हो सकती अच्छा लगेगा उनके पास। उन्हें पूजने में क्या परेशानी ।लोक भी होंगे मोक्ष भी जहां हो ये तो लोक वहां जाकर ही पता चल सकता। मूल भावना ईश्वर से प्रेम है । पूर्ण भी साकार हो सकते क्योंकि पूर्ण से पूर्ण निकलने पर भी पूर्ण हैं दोनों रूप में हम पूर्ण मानकर पूजते है साकार साकार की रचना कर सकते पर हम तो दोनो रूप में संबोधित कर देते अपने आप प्रार्थना जो रूप होगा वहां जाएगी दोनो रूप में होंगे तो दोनो के पास उनके लिए क्या कठिन अगर मनुष्य साकार को संबोधित कर रहा ईश्वर को पता है उन तक प्रार्थना जाएगी ईश्वर तो वैसे भी भला ही करते ।
खूब अच्छे। वह बात गुरू नानक जी ने भी बताई है।
Dhanya he aap jo is mahan bani se hame sansay ko dur kar diya
Kafi parshnyon ke uttar mile aap ka bahut 2 dhanyavaad
Very good
Amazing,A great scientific evaluation of Brahmand Akalmurt
जय गुरुदेव सतनाम सत्यम शिवम सुंदरम सी योर इंटरनल सब्जेक्टिव साइट सारा खेल भीतर का है आपके अनुभव को हमारा साथ साथ जय गुरुदेव❤❤❤
आप ईश्वर का अस्तित्व स्वीकार करते हुए विज्ञान और अध्यात्म के सहयोग से खोज अनवरत कररहे हैं,इसके लिए आपको कोटिशः धन्यवाद एवं हार्दिक शुभकामनाएं।
वाकई में ईश्वर अवश्य हैं लेकिन अभीतक समर्पित भाव एवं ईमानदारी ने विज्ञान और अध्यात्म के सहारे किसी ने खोजा हीं नहीं,बल्कि कमानेखाने का धंधा बना लिया है। जिससे ईश्वर के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पाया है। कृपया ईश्वर की खोज जारी रखिए।
ydi esavar ka asttitv na bhi ho to hame manna hi parega.
Mai bhi kuchh aisa hi sochta tha lekin aapko sunkar thoda aur jyan me izaffa huaa 😊
अच्छा है, कोई अच्छा प्रवक्ता भी चुन लेते, तो और अच्छा लगता 👍
आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक जी भी समझाया है। 🙏
God is hypothesis of humanity
eg. Honesty. Non violence. Ethics
ज्ञान अज्ञान बिज्ञान अधारा. सर्वाधार कृष्ण संसारा. सब समर्थ आशीम अपारा. केवल कृष्ण सकल संसारा. अज्ञानी जाने नहि जोई. मरि मरि जनम जगत सब कोई. निज पर्याप्त सकल संसारा. आदि मध्य नहि कोई किनारा. निर उपमा सारे संसारा. उपमा नहि कोई कृष्ण अपारा.सब परिपूर्ण सचिदानंदा. परमानंद असीम अखंडा. जय परम् परम् परमेश्वर कृष्ण. 🌹🙏. श्री राम अल्पज्ञ.
ईश्वर और जीव आत्म और ब्रह्माण्ड यह तीनों की सत्ता है तीनो अमर है इनको बनाने वाला कोई नहीं है
पुरुष ( आत्मा) ,प्रकृति, और परमात्मा अनादि है
भारतीय दर्शन से ज्ञान पहले ले लो।❤❤❤❤❤❤❤
ईश्वर को हम किसी तरह से बता सकते है जिसने ईश्वर को समझा वो ईश्वर को नहीं बता सकता क्योंकि ईश्वर को जानना असक्य है और जो ईश्वर को बताते हे वह जूठ है ईश्वर को खोजा नही जा सकता ईश्वर में ईश्वर ही होजाना ही सत्य है हमे हमारा कुछ पता नहीं तो ईश्वर की बात करनाही गलत होगा पहले हमे खुद को जानना होगा जब हम खुद को जान जायेंगे तो हमे ईश्वर को जान ने की जरूरत नहीं रहेगी। ईश्वर को जानने से पहले हमे खुद को जानना जरूरी ही नकी ईश्वर को जब हम खुद को जान जायेंगे कुछ सेस्ठ नही रहे गा जान ने के लिए
Advaita ji 🙏 for a highly Interesting and Informative Video. True God cannot be Defined.
Supper se uper,
All is well,
Gita- यदा यदा हि धर्मस्य---शृजाम्यहम्
क्या ये मिथ्या है?
भाई यह सही लिखा है, यदा यदा ही धर्मस्य.... भगवान कृष्ण मोक्ष से युक्त जीवात्मा थे। समाधि में सदैव रहते थे इसीलिए वे अपने चारों तरफ ईश्वर को अनुभव करते थे, इसीलिए उन्होंने कहा कि मैं ही परब्रह्म हूं। यह सही है लेकिन वह ईश्वर नहीं थे मोक्ष की जीवात्मा ही ऐसा कह सकती हैं। कि मै परब्रह्म हूं या फिर धर्म के रक्षण हेतु बार बार जन्म लेता हूं। धन्यवाद
ईश्वर नर आकार सर्व शक्तिमान है पूर्ण ब्रह्म है परमेश्वर परमात्मा है वह सत्य लोक में रहता है 🙏
ईश्वर का कोई आकार नहीं है, यह सर्वव्यापी, अटूट अमिट असिमित है,
कोटि कोटि नमन है आचार्य अग्निवरत नैस्टिक को जिन्होंने हम सब लोगों को वेद के इन सत्य से अवगत कराया
ઇસવર વ્યાપક હે
धन्य हो आप,,,🙏 ॐ
Bahut sunder vishleshan kiya aap ne.
जो निर्गुण निराकार रूप है और जो निराकार रूप है यह जो खाली आस्थान है आप इस निराकार या निरंकार यह रूप को अपनी आंखों से देख सकते हो अपने कहा था की परमात्मा आदेख हे
भाई निराकार का मतलब होता है वह प्रकृति और प्रकृति से बने सभी पदार्थों जैसा नहीं है। निराकार का मतलब खाली स्थान नहीं होता।ऐसा मत सोचो। वह ईश्वर केवल चेतन है उसे आत्मा से जाना जा सकता है। ना तो उसे देखा जा सकता है ना तो सुना जा सकता है। अब फिर से मैं ईश्वर, आत्मा, प्रकृति आदि पर वीडियो बनाना शुरु कर रहा हूं। तो कोई बात नहीं। धीरे-धीरे अब क्लियर कर दूंगा सब। धन्यवाद।
हम ब्रह्मांड को नही पहचानते और खुदकोही नही पहचानते यही एक ब्रह्मांड जैसा आश्चर्य है
Agar ek jadugar apni jadu se sabko achhamiit karr sakte hai to Iswar Kew nahi jiska jadugari dekh k, ham sab anusandhan karne ko nikal pade hai. Mere paas aisi jadugari nahi hai iss liye I accept and fully trust on superior power, whom I call creator. Jai Sri Krishna🙏
परमात्मा ,आत्मा ,ब्रम्हांड ,स्वर्ग जन्नत, योग ,दिव्य ,चक्षु , भाषा , ग्रह, अंक ,लिपि , देव , यह सभी शब्द उपादि है ! यह उपादि जैविक संस्कृति का विज्ञान ( orgeanic culture of science ) के अभ्यास पर निर्भर है ! भौतिक, भौगोलिक, विकृति , मनो , काल्पनिक विज्ञान की खोज में जैविक विज्ञान के अभ्यास mr आता हैं!
निराकार का अर्थ है नीर अर्थात पानी लिक्विड , आकार का अर्थ चिन्ह आकृति ! पानी जैसे लिक्विड के आकार को निराकार है ! ईश्वर का अर्थ ई - इंद्रिय ( organ ) , श - शरीर ( body ) , व - वर्तमान ( prejant) , र - रसायन ( liquid ) = ईश्वर !
पूर्णार्थ - इंद्रिय शरीर के वर्तमान में संचालन होनेवाले रसायन है , रसायन की पांच प्रकार की ऊर्जा है जिसे ईश्वर है ! यही ईश्वर को व्याख्या है ! ईश्वर का प्रमाण है, बगैर प्रमाण का प्रमाण की निर्मिति नही होता ! काल्पनिक सनातन में ईश्वर सबसे परी है ! जैविक विज्ञान में परम ईश्वर से परी कोई नही है परम ईश्वर की एक आकृति पांच प्रकार के ईश्वर को निर्माण करता है जिसे ब्रम्हांड के छ विभाग को ब्रेन कहते है ! ब्रम्हांड में परम ईश्वर पांच प्रकार के ईश्वर को निर्माण करके मार्ग को ईश्वर के पांच गुण निर्माण करते है !
Dr Donikar
Constitution orgeanic North culture science
7769014407
Yah Baat Jo aapane Kahe vah bahut Hamare liye bahut Achcha hai Jo bolate Hain yah Bhagwan Hai vah Bhagwan Hai Eid ka yah Naam aur Unka Ho Naam thankyou Aisa Gyan dene ke liye good
Apke sunder vichar ant m satya hai
Jay shree Krishna shiv bholenath Ram Durga jay❤
आत्मा अमर,अनादि और अनंत है जो परमात्मा के सापेक्ष गुणों जैसा कैसे हो सकता है। परमात्मा के निरपेक्षता पर सवाल खड़े किए हैं
Bahut vagyanik aur bishwasniy
ये ब्रह्मांड अत्यंत विशाल है अनन्त है और इसके द्वारा बनाई प्रत्येक रचना अपने आप में अदभुद हैं अविश्वसनीय है। मानव जीवन का इसके सामने कोई वजूद नहीं है। मनुष्य लाखो जन्म भी लेले पर इस अनंत ब्रह्मांड के रहस्य को शायद कभी नहीं जान सकता। इसलिए ही हम इसको ईश्वर कहते हैं। जो सर्वव्यापी है, जो निराकार है, जो आंनद स्वरूपा है, जो सर्वशक्तिशाली है, उनकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती।। भारतीय पुराणों के माध्यम से ही ईश्वर के बारे में समझा जा सकता है।।।
Sahi h
Ek din brahmand ka ant jarur hoga.
SAT SHRI AKAL Jisko NANAK Na PANCH DIN LAGATAR JALL SAMADHI La Ker Anuvhab Kieya Aur Ke JAPJEE SAHAEV Ke RACHNA🙏🌺
मान्यवर ईश्वर की उत्कृष्ट व्याख्या करने के लिए धन्यवाद 😊 इसके साथ ही अहम ब्रह्मास्मी, अयमात्मा ब्रह्म तथा तत्वम्सी जैसे वाक्यों की भी व्याख्या करने की कृपा करें।
बिल्कुल करेंगे किसी विडीयो में।
आपको बहुत बहुत साधुवाद।
योग से सब ज्ञान हो जाता है
Thanks guru ji🙏🙏