Yaksha | What is Yaksha | जानिए यक्ष के बारे में | यक्ष क्या होते हैं ?
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- Опубліковано 2 жов 2024
- Hello friends,
This is a video on Yaksha and at the end i have explained the difference between Pret and yaksha. How ancient kings used to create yakshas.
Thanks
#Oonchelog
#Yaksha
#Mythology
Can you describe their physical appearance?
U voice is similar to Mukesh Khanna (he played Shaktimaan role)
Jai yaksh gandarv kinner
Nice video
थाईलैंड यक्ष अति सुंदर मैं यक्ष से प्यार करता हूॅं❤️❤️🥰🥰🥰🥰
Bhai 🌲 per Inka niwas hota jai mere ghar ke pass hai or bo khajana bhi nikal sakta hai or satta bhi details hai
प्रमुख आर्य जातियाँ :-
दैत्य ( सूर्यवंशी क्षत्रिय और सूर्यवंशी गौड़ ब्राह्मण )
देवता ( चंद्रवंश)
नाग ( नागवंश)
शिवगण
सूर्य चंद्र नाग और शिवगण मूल रूप से क्षत्रिय जातियाँ हैं और आर्यवर्त ( उत्तर भारत) में वर्ण व्यवस्था का विकास इन्हीं ( देवता दैत्य नाग शिवगण चार जातियों ) से हुआ था, अलैक्जैंडर से गजनवी तक के आक्रमणों से वर्ण व्यवस्था और अलौकिक आर्य जातियों में जबरदस्त मिक्सिंग होकर जाति व्यवस्था बन गई , आर्य मुख्य रूप से योद्धा ( मार्शल ) लोग थे . जिन्होंने दिव्यास्त्रों, श्रेष्ठ आचरण से यूरोप अरब चीन के बीच बसे जम्बूद्वीप को आदि सृष्टि से महाभारत काल तक अपने अधीन किए रखा था और आर्यवर्त से सारे जम्बूद्वीप की धार्मिक राजनैतिक आर्थिक व्यवस्थाओं को चलाते थे .
पिशाचभूत ( नेपाल भूटानवासी गोरखे वगैरह शिव के भूत हैं )
गंधर्व ( अफगानिस्तान की एक जाति थी , पठानों के गुणस्वभाव गंधर्वों से मिलते हैं लेकिन इनमें असुरअरब और मलेच्छ यूरोप के दस्युदुष्ट लुटेरे खून मिक्स हो गए इसलिए ये हिन्दूत्व से बाहर हो गए और आज ज्यादातर मुस्लिम हैं )
यक्ष ( आधुनिक द्रविड़ ,आर्यों की यक्ष जाति है )
राक्षस ( हब्शी, जो पहले पवित्र नील नदी के साथ साथ बसे थे बौद्धधर्म की शुरुआत के बाद से ब्रिटिश काल तक लिखे गए पुराणों में राक्षसों के कालकेय आदि अनेक वंशों का वर्णन हुआ है और नीलनदी के उद्गम का भी वर्णन है )
पणिनामीअसुर ( पणि - बनिए जातियाँ जो बौद्ध काल में जिन्होंने बौद्ध धर्म की शाखा जैन धर्म की शुरुआत की , नास्तिक जैन संप्रदाय की शुरुआत और बाकी भारतीय देवता जातियों से बहुत ज्यादा कुटिल खोपर स्वभाव के कारण इनके साथ असुर भी जोड़ दिया गया लेकिन ये वास्तविक असुर नहीं हैं नागवंशी क्षत्रियों के समान व्यापारी जातियाँ हैं नागवंशी क्षत्रिय और बनिए दोनों के मध्यकालीन इतिहास पर गर्व है अंधकारयुगीन भारशिव वंश से लेकर सम्राट हर्षवर्धन तक नागवंशी राज्य रहा बीच में हूणगुजर और बाद में मुस्लिम तुर्कमुगल आदि जातियों की घुसपैठ से नागवंशी राज्य कमजोर और छिन्न भिन्न हो गया , मध्यकाल में जब सूर्यचंद्र वंश राज्य क्षीण हो गए तब वैदिक सनातन धर्म की रक्षा करने के कारण इनको नाग देवता भी कहा जाता है )
दस्यु जातियाँ :-
मलेच्छ यूरोप ( मलेच्छ)
असुर अरब ( असुर)
दुष्ट चीन ( दस्यु)
मलेच्छ, असुर, दस्यु तीनों ही दस्यु जातियाँ हैं . महाभारत युद्ध से पहले तीनों ही जंगली थे बाकी दुनिया से अलग थलग थे, दूनियादारी या कोई ज्ञान विज्ञान इनको कभी भी नहीं था. मलेच्छ यूरोपीय ऊटपटांग अतिशूद्राशय अतिअनाड़ी स्वभाव के खानाबदोश जंगली थे कामधाम करना पसंद नहीं करते थे आपस में लूटपाट हरामखोरपने से खाते कमाते थे लेकिन आज इन्होंने काफी तरक्की की हुई है , असुर अरब विद्याद्वेषी खानाबदोश लुटेरी जंगली जाति थे इस्लाम से पहले भी आपस में मारकाट मचाते थे, दस्यु चीन बहुत बहुत ज्यादा दुष्ट (मादरचोद) , अतिशूद्राशय अतिअनाड़ी खानाबदोश जाति है कीड़े मकौड़े वगैरह भी खाते हैं .
अरविंद यक्ष है या पिशाच
Nice
यक्ष राज कुबेर है। यह सभी शांत है है
नाम चिन्ह यक्ष शिव हैं बस