स्त्री की आसक्ति कैसे छूटे? || How to leave a woman's attachment? || संत श्री रमाशंकर साहेब
Вставка
- Опубліковано 1 жов 2024
- #yatindrasaheb
#khushhalzindagitv
स्त्री की आसक्ति कैसे छूटे?
How to leave a woman's attachment?
स्त्री आपकी आसक्ति है की शक्ति है!
क्या स्त्री वासना की देवी है?
कुदरती तौर पर देखा जाए तो मनुष्य प्रजाति में स्त्री को सुंदर होने का खिताब मिला हुआ है बनिस्बत पुरुष के। आवाज से लेकर शरीर का रंग-रूप, सांचा-ढांचा, चाल-चलन, हाव-भाव कुछ इस कदर के होते हैं कि विपरीत लिंगी पुरुष सहज ही आकर्षित हो जाता है और यह एकदम कुदरती है। और ऐसा नहीं है कि केवल पुरुष ही स्त्री में आसक्त होते हैं बल्कि इसका उल्टा भी जबरदस्त होता है। अब 100 टके का सवाल खड़ा होता है क्या स्त्री और पुरुष परस्पर शरीर में आकर्षित होकर क्या सताही तल पर ही नहीं जी रहे हैं, जिन्हें गहरे में उतरकर परम शांति और परम आनंद का अनुभव करना चाहिए, वह केवल शरीर के तल पर ही खेल-खिलवाड़ करते रह जाते हैं। शरीर चाहे स्त्री का हो या पुरुष का सबसे पहले समझना है कि शरीर और शरीर से जुड़े संसार की आसक्ति से विरक्ति होकर स्वयं की आत्म शक्ति को कैसे जगाएं ताकि अपना मनुष्य जन्म सार्थक कर सकें। इन्हीं सब बातों के मद्देनजर तमाम बातें पूरी वीडियो में आई हुई हैं। आपको बहुत बारीकी से, समझदारी पूर्वक शुरू से लेकर आखिरी तक इस वीडियो को देखना है और उसके बाद अपने अपनों को ज्यादा से ज्यादा शेयर करना है ताकि दुनिया भर की खुराफात बंद हो सके और आदमी अपने आप से मुलाकात कर सके। वीडियो देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को टच करें और फिर ज्यादा से ज्यादा शेयर करना हरगिज ना भूलें।👇
👉
गुरु जी सादर प्रणाम आपको बहुत बहुत धन्यवाद मैं आपके सभी सत्संग सुनते हैं लेकिन ऐ बताये आप कहां से सत्संग प्रवचन भेजते हैं
पंचान्वे साल वाले साधु संत मछली खाए कि नहीं उसका जिक्र नहीं किये बाबा ।
यों तो जो अपनी इच्छा को मन को दबाकर रखता है वह मरन काल में भोग कर मरता है।
जिसका मन लालसा किसी खाश वस्तु पर नहीं रहता मरन काल में वह नहीं भोगता है ।
अस्तु मन को दबाकर नहीं रखना चाहिए!!!
सत्य मेव जयते ऊँ गुरु वे नमः वन्दे मातरम् सत्यम शिवम सुंदरम् ।
सतगुरु की वाणी है की
मांस मछरिया खात हैं सुरापान समेंत वह नर नरक ही जाएंगे माता-पिता समेत l
किसी भी प्राणियों का मांस खाना माहापाप है l वैसे लोग कभी भी मुक्त नहीं हो सकते मांसाहार का त्याग करके गुरु से युक्ति ग्रहण करें तो यथासंभव समस्त मानव प्राणी मुक्त हो सकते हैं l
यहां मन को मारना अनिवार्य है क्योंकि मन बुरे कर्मों की ओर आसक्त होता है l हमेशा मन की बात को मानने से मन बुराई की ओर लेकर जाता है और मनुष्य बहुत सारे पाप कर्म की गठरी अपने ऊपर लाद लेता है l
अतः नशीले पदार्थ और मांसाहार पदार्थ का सेवन बंद करें, तभी मानव जीवन की सार्थकता है l 14:08
Manoj Kumar kakrauli pagare Basti
आप ज्ञान की बात करते हो परंतु राम और हनुमान के प्रति आप का मत गलत है आप ज्ञानी होकर मूर्ख की तरह भेड़ भाव की दृष्टि है
महाराज सब बराबर है लेकिन सुंदर ता कि आसक्ती बनाने वाले कि कमाल है संत कबिर सभी नहि हो सकता :
नमस्ते,अगर हम ही परमात्मा है मां के पेट में हमें कौन बनाया है?
Kya yeh pravachan sun lene se aatmtal men aa jayenge?
हां बेसरते हृदय से सुन लेते हैं....
केवल दिमाग से सुनेंगे तो बहुत कम संभावना है!
साहिब बादिग्गी
Sahab Bandagi
Jagannath
Saheb bandgi
साहेब बादगी साहेब गुरुदेव के पवन चरणो मे
साहब बंदगी ❤❤❤🙏🙏🙏⚘⚘⚘
इस मानव तन की यही विशेषता है की स्वाध्याय आत्म चिंतन करता हुआ गुरु के ज्ञान के द्वारा भवसागर से मुक्त होने का प्रयास करें यही हमारे जीवन की सार्थकता है l मानव तन में आए हुए समस्त प्राणियों से मेरी विनती है, आप सभी स्व चिंतन मनन करें गुरु से युक्ति (तरीका) जान ले l
तभी आपके जीवन की विशेषता है l अन्यथा
आया कबीरा फिर गया, झूठा है हंकार l
जीवन को यूं ही व्यर्थ में बर्बाद ना करें यह मानव शरीर बहुत ही कीमती है इसका कोई कीमत चुकाना किसी के संभव या बस की बात नहीं है यह प्रकृति हम सभी मानव तन में आए प्राणियों को यह सौभाग्य प्रदान की है l🙏🙏🙏❤❤❤
.
साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी
साहेब बंदगी ।कबीर साहेब को बारम्बार प्रणाम ।
Saty hai ji
Aapke charanon mein Sahib bandagi
રમા..શંકર...મહારાજ..જયહો..
જયહો
साहेब बन्दंगी साहेब बन्दंगी साहेब बन्दंगी देवराज गुर्जर टोंक राजस्थान
u
t
Achha. hai,parantu
Kabir Saheb ka updesh bahut
Achha hai,parantu
Charbak aur Gautam
Budha ke updesh
bhi samjhaiye.
Sukriya saheb bndgi
💐 Saheb Bandagi 💐
सकल संत को साहेब बंदगी साहेब 🙏🙏🙏
Saheb bandagi Saheb
SAcha,gyan
Sahebji.try.bar.bandgi