मुझे लगता है रमाशंकर साहब क्रांतिकारी नहीं श्रोताकारी और कैंचीकारी है श्रोता सुपारी को काटता है और कैंची कपड़ा हर वस्तु को काटकर अलग करता है लेकिन सुई जोड़ता है रमाशंकर साहब अभी तक जितना भी प्रवचन हम सुने हैं सिर्फ काटने वाला ही सुने हैं जोड़ने वाला कहीं पर नहीं सुने हैं कबीर साहेब हिंदू मुसलमान सिख इसाई सब को फटकारा सबका बुराई काटा और अच्छाई को जोड़ा भी
यह बाबा जी को तो अपना खुद ज्ञान नहीं है दूसरे को बुराई करनेपर लगा है आप किस जेल में फंसे हो वह आपको पता नहीं है आगे रामपाल जी परउंगली उठाने समझा है तो श्रीधर पाव बहुरी नहीं लगता है ऐसा दाब यह बाबा जी को दिमाग ठीक नहींहै दूसरे कोबुराई करता है कबीर साहब कहते हैं बड़े गए बड़ाई में रोम रोम अहंकार सतगुरु से परिचय नहीं चारु वर्णनचमार
🙏🏻🙏🏻👍 कबीर जी ने यह भी तो कहा है 🙏🏻🙏🏻 सांस उसांस में नाम जपो वृथा सांस मत खोओ ना जाने इस सांस का आवंन हो कि ना हो। 🙏🏻🙏🏻। और फिर कहा👍 जब ही सतनाम हृदय धरो भइयों पाप को नाश जैसे चिंगारी अग्नि की पड़ी पुराने घास। 🙏🏻🙏🏻👍 रामचरितमानस में तुलसीदास ने उत्तर कांड में 🙏🏻👍राम से बड़ा नाम
@@piyush_pal_730सत्य कहा। जी लेख पूरा अवस्य पढियेगा कबीर जी कहते थे :- 👉🏻जिसको जितना ज्ञान है, उतना देत बताये, उसका बुरा न मानियो, और कहाँ से लाये। दादू जी भी समर्थन में लिखवा गए कि, दादू दयाल जी कहते हैं:- 👉🏻जिन पहुंचे ते पूछिये, तिन की एकै बात, सब साधों का एक मत, ये बिच के बारह बाट। आप दादू जी, नानक जी, मलूक दास जी, गरीबदास जी, धर्मदास जी, घीसा दास जी, रविदास जी को पढ़िये सबने एक लोक सतलोक, सचखंड की बात की, सभी ने एक ईस्वर सत्यपुरुष जी को माना। सबका मंत्र एक था। 1.👉🏻 कबीर साहेब :- अवतरण 1398 से सतलोक गमन 1518 सबसे ज्यादा फेमस ग्रंथ :- #बीजक 2👉🏻 श्री नानक देव जी (जन्म 1469) (कबीर साहेब जी के 70 बर्ष बाद जन्म) ग्रंथ :- #भाई_बाले_वाली_जन्म_साखी #_गुरु_ग्रंथ_साहेब :- धानक रूप रहा करतार 3👉🏻 संत दादू दयाल जी (जन्म सन् 1544 ) को हुआ था उनका ग्रंथ #दादू_ग्रंथावली है। 4👉🏻 संत गरीब दास जी ( विकिपिडिया) संत-कवि (जन्म 1717- निर्वाण 1778 ) (कबीर साहेब से 250 बर्ष बाद जन्म) संत गरीब दास (1717-1778) भक्ति और काव्य के लिए जाने जाते हैं। गरीब दास ने एक विशाल संग्रह की रचना की जो #सदग्रंथ_साहिब के नाम से प्रसिद्ध है। 6. धर्मदास जी, 7. रविदास जी, 8. मलूक दास जी, 9. घीसा दास जी, 10. बाबा फरीद जी, 11. संत रामपाल जी ( 1951) ये सभी ऐसे संत हैं जो सद्गुरु कबीर जी को पूरी तरह फॉलो कर चुके थे। इनकी वाणी कबीर जी के अनुसार ही रहीं। 🦋एक ईश्वर :- सत्यपुरुष या अलख निरंजन या ( कबीर जी ) 🦋 एक स्थान:- सतलोक या अमरापुर/सनातन धाम सचखंड 🦋 एक मंत्र :- सतनाम ( गुप्त होता है ) 🦋 एक ज्ञान:- ज्ञान सभी का कबीर जी से मिलने के कारण एक ही है। 👉🏻👉🏻ला जबाब पुस्तक 📘📘📘📘📘📘📘📘 पढ़िए नि शुल्क फ्री पुस्तक ज्ञान गंगा 📘📘📘 आप को 15/से 30 दिन मे होम डिलेवर कर दी जाबेगी आप अपनी ये जानकार हमें दे 👇 1) मोबाइल नंबर :-.......... 2) नाम :-.......... s/o ....... 4) गांव/शहर :-.......... 5) जिला :-.......... 6) राज्य :-.......... 7) पिन कोड :-.......... 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹😘 दादू दयाल जी की वाणी :- दादू, मूल गहै सो निहचल बैठा, सुख में रह्या समाई। डाल पात भरमत फिरै, वेदों दिया बहाई। दादू, जोगी जंगम सेवड़े, बौद्ध सन्यासी शेख। षट दर्शन दादू राम बिन, सबै कपट के भेख। दादू, माया बैठी राम हवे, कहे मैं ही मोहन राये। बृह्मा, विष्णु, महेश लौं, जोनी आवे जाए। दादू पहली आप उपाई कर, न्यारा पद निर्वान, बृह्मा, विष्णु, महेश मिल, बाँध्या सकल बंधान। दादू सोई मारग मन गह्या, जिनी मारग मिलिए जाए। वेद कुरानों न कह्या, सो गुरु दिया दिखाये। दादू, माया कारण मूँड़ मुंडाया, यह तो योग न होई, पारब्रह्म सौं परिचय नाहीं, कपट न सीझे कोई। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 बुक अवस्य पढियेगा, नास्तिकता या अंधभक्ति से मानव जीवन खराब मत कीजियेगा। इतने महापुरुष यूँ ही भगवान की गवाही नहीं दे गए। अंधभक्तों और नास्तिकों के मायाजाल को समझियेगा। संत कबीर जी और रविदास जी जैसे तत्व ज्ञानियों पर अध्ययन अवश्य कीजिये। क्या जाता है आपका यदि 3 घंटे से लेकर एक हफ्ते भी सच को जानने अध्ययन कर लिया तब। निष्कर्ष निकालने के लिए संत वाणियों का अध्ययन आवश्यक है।
पहले भगवान की परिभाषा और प्रक्रिया समझो फिर भगवान को मानो। जिसने भगवा धारण कर रखा है वह भगवान है। भगवा अर्थात शरीर, भगवा अर्थात धरती, भगवा अर्थात पहचान। इस प्रकार भगवान अर्थात जिसमें वह (चैतन्य तत्व) समाहित है, समावेश है जो प्रतीत होता है किन्तु प्रदर्शित नहीं करता है, प्रदर्शित होता है। तादात्म्य स्वरूप से जो स्थित है वही भगवान है।
जो तुलसीदास जी ने कहा वही कबिर साहब ने कहा वोह सनातन धर्म का ज्ञान हे ...फिर कोई स्पेशियल लोगो को ब्राह्मण के विरुद्ध करने हेतू ऐसी वाणी बोले यह अत्यंत दुख की बात हे.. रमाशंकर जी आप ने कहा कि स्वभाव धर्म हे यह भी वेदो का ग्यान हे..ऐक बात बतादू वेद कहता हे कि सत हि धर्म हे सत हि ईश्वर हे और सत हि सनातन शाश्वत हे ,जो धारण कर ने योग्य हे और जो धारण कर ने योग्य हो वही धर्म हे..तो धारण कर ने योग्य क्या हे..? जो सत सनातन हे वही ...फिर आप ईश्वर की सत्ता को जूटला नही सकते..ईश्वर कि पहचान वेदो ने बताई हे 👇सत-चित और आनंद यह तीन ईश्वर के स्वरूप हे... ईश्वर की परिभाषा (डेफिनिशन ओफ गोड)वेदो से..👇 सृष्टि की रचना करके उसको स्थिती मे लाना और फिर प्रलय कर देना, जीवात्मा को कर्मो के अनुसार फल देना ..👈यह ईश्वर की पूर्ण परिभाषा हे..जो सिर्फ और सिर्फ वेदमुकद्ददस से हि इंसान को मिलता हे कयोकि वही ऐक मात्र ईश्वर का ज्ञान हे...बाकि किसी भी मजहब, संप्रदाय,पंथ को यह मालूम हि नही हे कि ईश्वर कि कवोलिटी और परिभाषा क्या हे...कयो कि वोह सब धर्म नही धंधा-दुकान हे..इसलिऐ रिषियो ने दुनिया वालो को कहा हे कि वेदो कि तरफ लौटो इसके बिना उद्धार नही हे..🕉🙏👈👌🤔
भाग (२)जारी है। आपके शरीर का जीव इस शरीर को छोड़कर कहां रहेगा?आपक़ो इन प्रश्नों के सटीक उत्तर देने की जरुरत है परन्तु आप इन प्रश्नों को देखें नही क्योंकि आपक़ स्वयं का पता ही नही है।आपका शरीर और इस शरीर में रहने वाला जीव किस की देख रेख में इस अवस्था में आया? आप नही बतायेंगे।आपने बीजक को उसके मूल वाणी वचनों से बिल्कुल बदल दिया है। आपके अनुसार क्या आपकी मुक्ति हो गई है? या आपकी मुक्ति होनी अभी शेष है? आपका जीव की मुक्ति से क्या तात्पर्य है। आप छः महीने तक पानी या पानी के समतुल्य पेयपदार्थ ना ले तब आपको पता चलेगा कि जल या कोई भी जल तुल्य पेयपदार्थ भगवान है या नही। आपके शरीर के बिमार होने पर आप अपने शरीर को बचाने केलिए किसी डाक्टर साहब के पास क्यों जाते है ? क्यों इस शरीर को मरने नहीं देते। परन्तु आप ऐसा नही करते। तुरन्त आप आपने शरीरको लेकर डाक्टर के पास जाते है और डाक्टर आपके शरीर में पानी की कमी होने की बात कहकर आपके शरीर में डीप क्यों लगाते है? आप कहते ही नही कि जल रुप में कोई भी दवाई या डीप मैं नही लगवाऊंगा क्यों कि जल भगवान है और जल रुपी भगवान को में नहीं मानता हूं।आप ऐसा बिल्कुल भी नही कहते और जान बचाने के लिए अनेकानेक उपाय करते है।आपका पूरा भाषण अनुभवहीन और कहने सुनाने के लिए दूसरों का मस्तिष्क प्रभावित करने के लिए केवल कागजी ज्ञान व जानकारी पर आधारित है। आपकी यह जानकारी बिल्कुल बकवास है। दूसरों को भ्रमित करने वाली है यदि आप ज्ञानी महापुरुष है तब आप बताइए कि बिना नाम का इस सृष्टि में कौन है?सदगुरु कबीर साहेब समझा रहे है कि* *नाम बिना बेकाम है छप्पन भोग विलास। क्या इन्द्रासन बैठना, क्या बैकुंठ निवास।।* *आप कह रहे है कि शब्द जीव से आ रहा है यह बिल्कुल उचित है, फिर आप कह रहे है कि शब्द समुद्रसे भी आ रहा है समुद्र न हो तो शब्द कहां से आयेगा? क्या आपके अनुसार समुद्र में अर्थात जल में भी चेतन सत्ता जीव है जो शब्द प्रकट कर रहा है। आप इसका जवाब नही देगे क्योंकि जल जड है और जल में शब्द प्रकट करने शक्ति है पवन - जड़ में शब्द प्रकट करने की शक्ति है अर्थात जल में पवन में, अग्नि में पृथ्वी में तथा आकाश में भी बिना जीव चेतन सत्त के शब्द उपस्थित है और नभ,वायु, अग्नि,जल, पृथ्वी ये जड है फिर इन में शब्द प्रकट करने की शक्ति कहां से आई? आप बता नहीं पायेंगे? क्योंकि आपका पारख सिध्दांत झूठा हो जाये गा।यदि यह सत्य है फिर आपका पारख झूठ हो जायेगा भी झूठ है।सत्य है कि समुद्र की आवाज भी झूठ है , समुद्र भी झूठ है, नभ, वायु, अग्नि,जल, पृथ्वी ये सब झूठ है इनसे प्रकट शब्द भी झूठ है क्योंकि समुद्र में कोई चेतन सत्ता जीव नही है।ये सभी तत्व अपनी भौतिक स्थिति के कारण शब्द को प्रकट कर रहे है जैसे बादल की गरजना ,बादल में बीजली की चमक ,ये सब भौतिक क्रम है।आपको नाम की जानकारी व नाम के विषय में बिल्कुल कोई भी ज्ञान नही है।जिसनाम की बात सदगुरु कबीर साहेब कर रहे है वह नाम शब्द या आवाज या मंत्र या पढ़ाई लिखाई वाला नाम नहीं है।आप और सभी पारखी अभी तक बावन अक्षरों में ही फंसे और संपूर्ण बीजक के ज्ञान को आपने बिल्कुल कपोल कल्पित बना दिया है।आप कह रहे है कि शब्द जीव से प्रकट हो रहा है आपकी यह बात भी बिल्कुल अनुभवहीन है क्योंकि बिना साधन के जीव शब्द प्रकट नही कर सकता।जिस शरीर में बैठकर आप इतना लंबा चौड़ा भाषण दे रहे है क्या आप बिना शरीर के भी शब्द प्रकट कर सकते है। बिना श्वास प्रश्वास के आपके शरीर का जीव शब्द प्रकट कर सकता है जबकि जीव को आप सर्वशक्तिमान थाप लहे है इस स्थिति में जीव बडा या शरीर बडा जिसमें बैठकर जीव शब्द प्रकट करने के साथ साथ सभी कर्म कर रहा है।आप जैसे लोग सीधे-सीधे लोगो को अपने शब्दों के जाल में फंसाकर भवसागर में ले जा रहे है आपको जीवों के साथ ऐसा धोखा करते हुए बिल्कुल भी शर्म नही आ रही है।आप एक बात बताये कि रमाशंकर नाम के शरीर में रहने वाला जीव इस शरीर को छोड़कर कर कहां जायेगा?आप इस प्रश्न कि उत्तर अवश्य देना अन्यथा आपका यह पूरा भाषण बिल्कुल बकवास हो जायेगा।* *आपके पावन चरण कमलों में सप्रेम कोटि-कोटि प्रणाम।* *सप्रेम सादर नमन साहेब जी।* आगे भाग (३)में जारी है
संत रामपाल जी महाराज हमारे धर्मशास्त्र के अनुकूल ज्ञान बताते हैं उनके द्वारा बताया हुआ ज्ञान सभीशास्त्र से प्रमाणित है जबकि सारे बाबा शास्त्रों के विरुद्ध भक्तिकरवा रहे हैं
परमात्मा की प्यारी आत्मा आपके और हमारे आने से भी पहले शब्द था और आप और हम जब चले जाएंगे तब भी शब्द रहेगा शब्द ही शब्द रहा है यह शब्द की ही व्यवस्था है और शब्द ही इसे चला रहा है ईसे सूक्ष्मता में जाकर समझना होगा भौतिकता अपने आप में ही भ्रम है 🎉
असली संत वही है जो किसी भी वेद शास्त्र धर्म इत्यादि का खंडन नहीं करता संत तो बो है जो किसी को अपना परिचय तक नहीं देता और बो अपने आप तक ही सीमित रहता है उसे दुनियादारी से कोई मतलब नहीं होता आजकल के संत दुनिया को इकठ्ठे करके चलते है ताकि उनका जीवन vip ढंग से चले
@@hematchavda2701sahi bol Raha he baba ji Muglo Goro ke Julm ki baat nahi Gotr Se Sab pandit thakur Muglo ne Julm ne mansh mansh khila Gyan Se Duur kar kar Gulami Rajniti baba Kisi jati ke guru' ka Gyan diya hota to Aaj Gulami Nahi
Tum log galat jagah fas rahe ho ye log mind wash Wale log jiv he bakwas karne do pese mat do fir dekho do din me hati band ho jayegi kabi tum log khud sahib Kabir ji ki vani pado or in logo ke munh par tamacha Lage ga
कबीर, राम कृष्ण से कौन बड़ा, तिन हूं भी गुरु कीन। तीन लोक के वे धनी, गुरु आगे आधीन।। राम और कृष्ण की निंदा कोई नहीं करता लेकिन उन्होंने भी अपने जीवन काल में गुरु बनाए थे इसका मतलब यह है कि गुरु के बगैर यहां से किसी प्रकार से मोक्ष संभव नहीं है।
ब्रह्म ज्ञान किसी को नहीं है सब अपने अपने बात बताने में लगे है,सच तो ये है जिसे ब्रह्मज्ञान हो जाए वो इस प्रकार भाषण देगा नहीं और न निंदा करेगा क्योंकि ये समस्त चराचर जगत ब्रह्म की मायाशक्ति के अंदर है और जिसे माया से पार पाना हैं वो पहले आदिशक्ति की शरणागति लेनी होगी वहीं कल्याणमई बुद्धि प्रदान कर तत्व का उजागर करती है ऐसा सभी हमारे सनातन शास्त्र में लिखा है,और यही गुरु नानक भी कह रहे है कि "प्रथम भगौती सिमर के गुर नानक लिया ध्येय"। ब्रह्म और शक्ति दिनों अभिन्न है जैसे दूध और उसकी धवलता।
नाम जपना एक बच्चों की पहली कक्षा का काम है उसे नाम जब पर उसी में अटकना नहीं है हमें तो प्रकृति के कारण की व्यवस्था के नियम को जानना है यदि इस नियम को जान लेगा वह नाम रूप से छूट जाएगा अपने आप में शांत रहेगा इसलिए रमाशंकर साहिब जी इसी उद्देश्य से बात कर रहे हैं धन्यवाद
बिल्कुल गलत नाम जप से तौ सृष्टि उत्पन हुआ है नाम तौ नामी से भी बड़ा है नाम जप कभी न छोड़िए यह तौ कबीर जी ने भी कहा है आठ पहर नाम लो भ्रमित मत करो लोगो को
पारख सिद्धान्त कबीर जी का है,जो उस युगके वैज्ञानिक थे जब आडम्बरों वह अंधविश्वास का चारोंतरफ बोलबालाथा ऐसे समय मे सत्य बोलनेवालेको मौत दी जातीथी,कबीर उस युग की उत्तपत्ति सारे भर्म को मिटाने केलिए प्रकटहुएथे
साहेब जी, अगर जाप, मंत्र या सारनाम कुछ नहीं है तो ध्यान कैसे करें? ध्यान क्रिया को कैसे करें? और ध्यान क्यों करें, ध्यान करने से क्या होगा? जवाब जरूर दें
ये क्रांतिकारी संत नही सीधे नरक में ले जाने वाले काल के दूत है ।कबीर सागर का ज्ञान नही । कोई समाधान नही । सतनाम का मालूम नही । सारनाम का पता नही । कबीर साहेब जी के दिये गए प्रथम मंतर जो कि pramadit है उसका आज्ञानताबस मजाक उड़ा रहा है । ज्ञान चर्चा में कभी गया नही । फिर ये कैसा संत है ।
शब्दी को जानें नहिं शब्द मांहीं उरझान शब्द मात्र है देवी देवा ईश ब्रह्म और ज्ञान❤, जय कबीर पारख सिद्धांत ❤❤🎉🎉 बहुत महाज्ञानवान महा क्रांतिकारी सद्गुरु संत श्री रमाशंकर साहेब जी की हम सादर प्रणाम त्रयबार साहेब बंहगी करते हैं,जय कबीर ❤🎉 रमेश
गुरु जी मंत्र की रचना किसने किया? इस देश में मंत्र कितने प्रकार से होते है ? मंत्र से आदमी भी मर जाते है न,गुरुजी ? हमे कोई भी आदमियों ने इन प्रश्नों के उत्तर नही दिया है साहेब ,देना क्यों नहीं चाहते हो साहेब जी बड़ी दुख की बात है यतींद्र साहेब जी
आगम ,निगम दो पंथ है आगम का अर्थ वेध पुराण निगम का अर्थ है तंत्र विज्ञान जो आदि सनातन है जो आदि गुरु शिव से गोरख योगी गोरख योगी ही मंत्र के जन्म दाता हैं।
मेरा में और सरकस में भी माताएं और पुरुष लोग रहते हैं तो वहां क्या तीरथ हो जाता हैं। सिर्फ कल्याण पुर के बेसिक स्कूल में माताओं और पुरुषों के आने तो तीर्थ नहीं हुआ --- सत्संग ह़ोने से जरुर हुआ। वैसे आप 🌹 रमाशंकर साहेब 🌹 सभी कबीर साहेबों में अभिलाष साहेब के समान श्रेष्ठ हैं ।
@@dalusarware1569तो फिर इतने दिनों तक कहा चल गये थे ये तुम्हारे धर्म गुरु। मुझे तो बस ईसके शब्दों से ही पता चल गया है कि ये कुछ नहीं जानते। ईसको पुछीए कि भगवान कैसा है और कहा पर है। और वहां जाने के लिए कौन सी भक्ति विधी होनी चाहिए।और कितने प्रकार की भक्ति से परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं।
@@P.n.p-r6sरामपाल जेल में क्यों गया क्यों ढोंग फैलाया,और ज्ञान तो दूर की बात है हिंदी बोलने आती नहीं संस्कृत को उल्टा सीधा अर्थ करके बकवास करता रहता है और उसके चेले भी आज कर रहे है।
आज तक रमा शंकर जी को सत्यनाम को नहीं पता है ए क्या है सत्यनाम। कबीर साहेब जी अपनी बानी मे बताते हैं, कबीर, जब ही सत्यनाम हृदय धरो भया पाप का नास जैसे चीन्गारी अगनी का पङी पुरानी घास।
सत साहेब जी गुरु राम पालजजी भगवान् तिन बार में दिक्षा पूरी करते है जी 1,मंश्र देवी देवताओं के देते हैं जी 2, सत नाम, जो उपदेशी को ही मालूम है जी 3मंश्र , सारनाम देते हैं जी ये पंडित जी को कोई ज्ञान नहीं है ईन को साहिए कि ज्ञान गंगा बुक पडना साहिए जब जाकर ये पंडित की आखों से पटी हट जाएगा जी सत साहेब जी😢😢😢😢😢
कहते हैं लोहे को लोहा काटता है इसी प्रकार यह संत सनातन धर्म की बुराई करने पर तुला हुआ है अपने अपने मत है सभी लोगों की अपनी विचारधारा है जिसको जो नाम प्यार हो उसी का भजन करो इससे मन निर्मल और सच होगा हृदय में दया के भाव उत्पन्न होंगे और मनुष्य बुरे कर्म से बचेगा इसलिए किसी भी धर्म या पंथ की निंदा नहीं करनी चाहिए मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन उसके अंतर्निहित aalasya और क्रोध ही होता है और भजन से इनका नाश होता है संत कबीर साहब ने किसी भी धर्म को बुरा नहीं बताया कबीर साहब ने दया को सबसे बड़ा धर्म और अभिमlन् घमंड को सबसे बड़ा पाप बताया है कबीर सlब को समझना हर किसी के बस की बात नहीं हैji
पहले शब्द आया भाई, इसी शब्द को पकड़ सारी आत्माये निचे उतारी गई । आप मुँह से निकले आवाज को शब्द कहते है ।शब्द तो सतपुरुष द्वारा निकला जिसे पकड़ कर सभी आत्मये नीचे आई।
आजकल ऐसे ही तथाकथित संतों की भरमार है सब अपनी अपनी ढपली बजा रहे हैं।
सत्य बोलने वाले आप लोगो को तथाकथित कहते हैं और जो लोगो को मूर्ख बनाते हैं वे आप के लिए संत हैं।। गजब का दिमाग है भाई आप लोगों का।
Jo ख़ुद बंधन में हे वो दूसरो को क्या छुड़ाए गा,,मूर्ख मत बनो
मुझे लगता है रमाशंकर साहब क्रांतिकारी नहीं श्रोताकारी और कैंचीकारी है श्रोता सुपारी को काटता है और कैंची कपड़ा हर वस्तु को काटकर अलग करता है लेकिन सुई जोड़ता है रमाशंकर साहब अभी तक जितना भी प्रवचन हम सुने हैं सिर्फ काटने वाला ही सुने हैं जोड़ने वाला कहीं पर नहीं सुने हैं कबीर साहेब हिंदू मुसलमान सिख इसाई सब को फटकारा सबका बुराई काटा और अच्छाई को जोड़ा भी
वे बातों को कहते नहीं हैं, वह स्पष्ट रूप से अनुभव की जाती हैं....
@@khushhalzindagitv रमा शंकर साहेब जी सत्य वचन बोलता है,
@@oshanshatnami1501
मूर्ख बना दिया है अंध भक्ति को ।
नाम कबीर का लेकर । ठग रहा है । ज्ञान 2 आना का नही है ।
Right
यह बाबा जी को तो अपना खुद ज्ञान नहीं है दूसरे को बुराई करनेपर लगा है आप किस जेल में फंसे हो वह आपको पता नहीं है आगे रामपाल जी परउंगली उठाने समझा है तो श्रीधर पाव बहुरी नहीं लगता है ऐसा दाब
यह बाबा जी को दिमाग ठीक नहींहै दूसरे कोबुराई करता है कबीर साहब कहते हैं बड़े गए बड़ाई में रोम रोम अहंकार सतगुरु से परिचय नहीं चारु वर्णनचमार
🙏🏻🙏🏻👍 कबीर जी ने यह भी तो कहा है 🙏🏻🙏🏻 सांस उसांस में नाम जपो वृथा सांस मत खोओ ना जाने इस सांस का आवंन हो कि ना हो। 🙏🏻🙏🏻। और फिर कहा👍 जब ही सतनाम हृदय धरो भइयों पाप को नाश जैसे चिंगारी अग्नि की पड़ी पुराने घास। 🙏🏻🙏🏻👍 रामचरितमानस में तुलसीदास ने उत्तर कांड में 🙏🏻👍राम से बड़ा नाम
हर हंमेश आत्मा मे लीन रहना इनका मतलब होता हे।
😢😢😢
संत रमाशंकर साहब का सारे वीडियो चाहिए हमें , आपके हर वाक्य में सच्चाई और ज्ञान विज्ञान की बातें होती है हमें आपकी हर नई वीडियो की इंतजार रहता है
Sant Rama Shankar Ji ko ek website search karni chahie Ramlal ji siyag ki
कबीर साहेब समझाते है। नाम मिला नकसा नही हाथ नही खतयाण ता घर जमुआ बास करे साझे लगे ध्यान
🎉
अगर कोई संत जेल में हैं तो अपने कुर्म के कारण।
❤
@@piyush_pal_730सत्य कहा।
जी
लेख पूरा अवस्य पढियेगा
कबीर जी कहते थे :-
👉🏻जिसको जितना ज्ञान है,
उतना देत बताये,
उसका बुरा न मानियो,
और कहाँ से लाये।
दादू जी भी समर्थन में लिखवा गए कि,
दादू दयाल जी कहते हैं:-
👉🏻जिन पहुंचे ते पूछिये,
तिन की एकै बात,
सब साधों का एक मत,
ये बिच के बारह बाट।
आप दादू जी, नानक जी, मलूक दास जी, गरीबदास जी, धर्मदास जी, घीसा दास जी, रविदास जी को पढ़िये सबने एक लोक सतलोक, सचखंड की बात की, सभी ने एक ईस्वर सत्यपुरुष जी को माना। सबका मंत्र एक था।
1.👉🏻 कबीर साहेब :-
अवतरण 1398 से सतलोक गमन 1518
सबसे ज्यादा फेमस ग्रंथ :- #बीजक
2👉🏻 श्री नानक देव जी (जन्म 1469)
(कबीर साहेब जी के 70 बर्ष बाद जन्म)
ग्रंथ :- #भाई_बाले_वाली_जन्म_साखी
#_गुरु_ग्रंथ_साहेब :- धानक रूप रहा करतार
3👉🏻 संत दादू दयाल जी (जन्म सन् 1544 ) को हुआ था
उनका ग्रंथ #दादू_ग्रंथावली है।
4👉🏻 संत गरीब दास जी ( विकिपिडिया)
संत-कवि (जन्म 1717- निर्वाण 1778 )
(कबीर साहेब से 250 बर्ष बाद जन्म)
संत गरीब दास (1717-1778) भक्ति और काव्य के लिए जाने जाते हैं। गरीब दास ने एक विशाल संग्रह की रचना की जो #सदग्रंथ_साहिब के नाम से प्रसिद्ध है।
6. धर्मदास जी, 7. रविदास जी, 8. मलूक दास जी, 9. घीसा दास जी, 10. बाबा फरीद जी, 11. संत रामपाल जी ( 1951)
ये सभी ऐसे संत हैं जो सद्गुरु कबीर जी को पूरी तरह फॉलो कर चुके थे। इनकी वाणी कबीर जी के अनुसार ही रहीं।
🦋एक ईश्वर :- सत्यपुरुष या अलख निरंजन या ( कबीर जी )
🦋 एक स्थान:- सतलोक या अमरापुर/सनातन धाम सचखंड
🦋 एक मंत्र :- सतनाम ( गुप्त होता है )
🦋 एक ज्ञान:- ज्ञान सभी का कबीर जी से मिलने के कारण
एक ही है।
👉🏻👉🏻ला जबाब पुस्तक 📘📘📘📘📘📘📘📘
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1) मोबाइल नंबर :-..........
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s/o .......
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5) जिला :-..........
6) राज्य :-..........
7) पिन कोड :-..........
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दादू दयाल जी की वाणी :-
दादू, मूल गहै सो निहचल बैठा,
सुख में रह्या समाई।
डाल पात भरमत फिरै,
वेदों दिया बहाई।
दादू, जोगी जंगम सेवड़े,
बौद्ध सन्यासी शेख।
षट दर्शन दादू राम बिन,
सबै कपट के भेख।
दादू, माया बैठी राम हवे,
कहे मैं ही मोहन राये।
बृह्मा, विष्णु, महेश लौं,
जोनी आवे जाए।
दादू पहली आप उपाई कर,
न्यारा पद निर्वान,
बृह्मा, विष्णु, महेश मिल,
बाँध्या सकल बंधान।
दादू सोई मारग मन गह्या,
जिनी मारग मिलिए जाए।
वेद कुरानों न कह्या,
सो गुरु दिया दिखाये।
दादू, माया कारण मूँड़ मुंडाया,
यह तो योग न होई,
पारब्रह्म सौं परिचय नाहीं,
कपट न सीझे कोई।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
बुक अवस्य पढियेगा, नास्तिकता या अंधभक्ति से मानव जीवन खराब मत कीजियेगा। इतने महापुरुष यूँ ही भगवान की गवाही नहीं दे गए। अंधभक्तों और नास्तिकों के मायाजाल को समझियेगा। संत कबीर जी और रविदास जी जैसे तत्व ज्ञानियों पर अध्ययन अवश्य कीजिये।
क्या जाता है आपका यदि 3 घंटे से लेकर एक हफ्ते भी सच को जानने अध्ययन कर लिया तब।
निष्कर्ष निकालने के लिए संत वाणियों का अध्ययन आवश्यक है।
Shikari khud Shikari ho gaya ? Bandichhod ki baat karnewala khud bandi ho gaya ?
काल और कबीर परमेश्वर के साथ वचन हुआ है की में कबीर नाम से अनेक पंथ चलाऊंगा जीव को भ्रमित करने के लिए
Rampal gyan mat faila manmana😂😂😂
Bakwaas
रामपाल भी अपने कुकर्म जेल में भोग रहा है 🤣😂🤣 आपका बंदी छोड़ गुरुजी अब खुद जेल में बंद है रामपाल जी कल के रूप में मनगढ़ फैला रहा है
@@MsT20519 आप तो फिर भी फंस गए काल के पंथ में मूर्ख ही होगा जो काल के पंथ में फसेगा
सीधी सी बात है कि-
"मन के लड्डू फीके क्यों।"
संत रामपाल जी महाराज जी सभी धार्मिक सद ग्रंथो से प्रमाण सहित जवाब देते हैं तुम्हारी तरह उवाबाई नही बकते
जो दुनिया रचने वाले हैं वह गुरुजी धनाना वाले बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो
100% shi baat hai👍👌
वो जेल में क्यों हैं@@parmjitkaur2698
Abe andhabhakto rampal ne esha kon sa kam kar diya jo bhagwan bol rahe ho
पहले भगवान की परिभाषा और प्रक्रिया समझो फिर भगवान को मानो।
जिसने भगवा धारण कर रखा है वह भगवान है। भगवा अर्थात शरीर, भगवा अर्थात धरती, भगवा अर्थात पहचान।
इस प्रकार भगवान अर्थात जिसमें वह (चैतन्य तत्व) समाहित है, समावेश है जो प्रतीत होता है किन्तु प्रदर्शित नहीं करता है, प्रदर्शित होता है। तादात्म्य स्वरूप से जो स्थित है वही भगवान है।
Murkh ho tum log uske sath tum bhi jel me chakki pishna chahte ho kya 😂😂😂
जो तुलसीदास जी ने कहा वही कबिर साहब ने कहा वोह सनातन धर्म का ज्ञान हे ...फिर कोई स्पेशियल लोगो को ब्राह्मण के विरुद्ध करने हेतू ऐसी वाणी बोले यह अत्यंत दुख की बात हे..
रमाशंकर जी आप ने कहा कि स्वभाव धर्म हे यह भी वेदो का ग्यान हे..ऐक बात बतादू वेद कहता हे कि सत हि धर्म हे सत हि ईश्वर हे और सत हि सनातन शाश्वत हे ,जो धारण कर ने योग्य हे और जो धारण कर ने योग्य हो वही धर्म हे..तो धारण कर ने योग्य क्या हे..? जो सत सनातन हे वही ...फिर आप ईश्वर की सत्ता को जूटला नही सकते..ईश्वर कि पहचान वेदो ने बताई हे 👇सत-चित और आनंद यह तीन ईश्वर के स्वरूप हे...
ईश्वर की परिभाषा (डेफिनिशन ओफ गोड)वेदो से..👇
सृष्टि की रचना करके उसको स्थिती मे लाना और फिर प्रलय कर देना, जीवात्मा को कर्मो के अनुसार फल देना ..👈यह ईश्वर की पूर्ण परिभाषा हे..जो सिर्फ और सिर्फ वेदमुकद्ददस से हि इंसान को मिलता हे कयोकि वही ऐक मात्र ईश्वर का ज्ञान हे...बाकि किसी भी मजहब, संप्रदाय,पंथ को यह मालूम हि नही हे कि ईश्वर कि कवोलिटी और परिभाषा क्या हे...कयो कि वोह सब धर्म नही धंधा-दुकान हे..इसलिऐ रिषियो ने दुनिया वालो को कहा हे कि वेदो कि तरफ लौटो इसके बिना उद्धार नही हे..🕉🙏👈👌🤔
सतनाम बाबा ने संसार ब्रह्माण्ड बनाया है सतलोक बनाया सतगुरु ने ब्रह्माण्ड कि रचना की है सतगुरु को बार बार प्रणाम
यह भी कबीर बिज़ाक मे बताया ह दो चीज हं कुदरत ओर जीव सारा खेला इन्ही का ह कुदरत ही बना ती ह कुदरत ही मिटाती ह ओर जीव बनता बिगड़ता ह ये दोनों ही हं संसार
जो नकली होगा वही भटक सकेगा, रामशंकर जैसे वहुत एजेंट हैं जो काल के ढिले हैं। सत साहेब
Sat sahab
कबीर साहेब समझाते है। नाम मिलावे रुप को जो जन खोजी होई जब वह रुप हृदय में बसे छुदा रहे नही कोई साहेब बंदगी सत्यनाम जी
वाणी देने वाला ईश्वर है
इस शरीर को चेतना देने वालाईश्वर है
स्वास का आना जाना ईश्वर की कृपा से होता है
शरीर में चेतना है तो स्वर है
नाम दान आय का उत्तम साधन है।गुरु उपदेश वाणी ही मन्त्र है। मुक्ति निर्दोष सुखभोग है। मृत्यु के बाद क्या होता है, सच्चाई किसी को पता नही।
Sant Rampal Ji Maharaj Sabhi Shastra ke Praman se Gyan batate Hain
भाग (२)जारी है।
आपके शरीर का जीव इस शरीर को छोड़कर कहां रहेगा?आपक़ो इन प्रश्नों के सटीक उत्तर देने की जरुरत है परन्तु आप इन प्रश्नों को देखें नही क्योंकि आपक़ स्वयं का पता ही नही है।आपका शरीर और इस शरीर में रहने वाला जीव किस की देख रेख में इस अवस्था में आया? आप नही बतायेंगे।आपने बीजक को उसके मूल वाणी वचनों से बिल्कुल बदल दिया है। आपके अनुसार क्या आपकी मुक्ति हो गई है? या आपकी मुक्ति होनी अभी शेष है? आपका जीव की मुक्ति से क्या तात्पर्य है। आप छः महीने तक पानी या पानी के समतुल्य पेयपदार्थ ना ले तब आपको पता चलेगा कि जल या कोई भी जल तुल्य पेयपदार्थ भगवान है या नही। आपके शरीर के बिमार होने पर आप अपने शरीर को बचाने केलिए किसी डाक्टर साहब के पास क्यों जाते है ? क्यों इस शरीर को मरने नहीं देते। परन्तु आप ऐसा नही करते। तुरन्त आप आपने शरीरको लेकर डाक्टर के पास जाते है और डाक्टर आपके शरीर में पानी की कमी होने की बात कहकर आपके शरीर में डीप क्यों लगाते है? आप कहते ही नही कि जल रुप में कोई भी दवाई या डीप मैं नही लगवाऊंगा क्यों कि जल भगवान है और जल रुपी भगवान को में नहीं मानता हूं।आप ऐसा बिल्कुल भी नही कहते और जान बचाने के लिए अनेकानेक उपाय करते है।आपका पूरा भाषण अनुभवहीन और कहने सुनाने के लिए दूसरों का मस्तिष्क प्रभावित करने के लिए केवल कागजी ज्ञान व जानकारी पर आधारित है। आपकी यह जानकारी बिल्कुल बकवास है। दूसरों को भ्रमित करने वाली है यदि आप ज्ञानी महापुरुष है तब आप बताइए कि बिना नाम का इस सृष्टि में कौन है?सदगुरु कबीर साहेब समझा रहे है कि*
*नाम बिना बेकाम है छप्पन भोग विलास। क्या इन्द्रासन बैठना, क्या बैकुंठ निवास।।*
*आप कह रहे है कि शब्द जीव से आ रहा है यह बिल्कुल उचित है, फिर आप कह रहे है कि शब्द समुद्रसे भी आ रहा है समुद्र न हो तो शब्द कहां से आयेगा? क्या आपके अनुसार समुद्र में अर्थात जल में भी चेतन सत्ता जीव है जो शब्द प्रकट कर रहा है। आप इसका जवाब नही देगे क्योंकि जल जड है और जल में शब्द प्रकट करने शक्ति है पवन - जड़ में शब्द प्रकट करने की शक्ति है अर्थात जल में पवन में, अग्नि में पृथ्वी में तथा आकाश में भी बिना जीव चेतन सत्त के शब्द उपस्थित है और नभ,वायु, अग्नि,जल, पृथ्वी ये जड है फिर इन में शब्द प्रकट करने की शक्ति कहां से आई? आप बता नहीं पायेंगे? क्योंकि आपका पारख सिध्दांत झूठा हो जाये गा।यदि यह सत्य है फिर आपका पारख झूठ हो जायेगा भी झूठ है।सत्य है कि समुद्र की आवाज भी झूठ है , समुद्र भी झूठ है, नभ, वायु, अग्नि,जल, पृथ्वी ये सब झूठ है इनसे प्रकट शब्द भी झूठ है क्योंकि समुद्र में कोई चेतन सत्ता जीव नही है।ये सभी तत्व अपनी भौतिक स्थिति के कारण शब्द को प्रकट कर रहे है जैसे बादल की गरजना ,बादल में बीजली की चमक ,ये सब भौतिक क्रम है।आपको नाम की जानकारी व नाम के विषय में बिल्कुल कोई भी ज्ञान नही है।जिसनाम की बात सदगुरु कबीर साहेब कर रहे है वह नाम शब्द या आवाज या मंत्र या पढ़ाई लिखाई वाला नाम नहीं है।आप और सभी पारखी अभी तक बावन अक्षरों में ही फंसे और संपूर्ण बीजक के ज्ञान को आपने बिल्कुल कपोल कल्पित बना दिया है।आप कह रहे है कि शब्द जीव से प्रकट हो रहा है आपकी यह बात भी बिल्कुल अनुभवहीन है क्योंकि बिना साधन के जीव शब्द प्रकट नही कर सकता।जिस शरीर में बैठकर आप इतना लंबा चौड़ा भाषण दे रहे है क्या आप बिना शरीर के भी शब्द प्रकट कर सकते है। बिना श्वास प्रश्वास के आपके शरीर का जीव शब्द प्रकट कर सकता है जबकि जीव को आप सर्वशक्तिमान थाप लहे है इस स्थिति में जीव बडा या शरीर बडा जिसमें बैठकर जीव शब्द प्रकट करने के साथ साथ सभी कर्म कर रहा है।आप जैसे लोग सीधे-सीधे लोगो को अपने शब्दों के जाल में फंसाकर भवसागर में ले जा रहे है आपको जीवों के साथ ऐसा धोखा करते हुए बिल्कुल भी शर्म नही आ रही है।आप एक बात बताये कि रमाशंकर नाम के शरीर में रहने वाला जीव इस शरीर को छोड़कर कर कहां जायेगा?आप इस प्रश्न कि उत्तर अवश्य देना अन्यथा आपका यह पूरा भाषण बिल्कुल बकवास हो जायेगा।*
*आपके पावन चरण कमलों में सप्रेम कोटि-कोटि प्रणाम।*
*सप्रेम सादर नमन साहेब जी।*
आगे भाग (३)में जारी है
संत रामपाल जी महाराज हमारे धर्मशास्त्र के अनुकूल ज्ञान बताते हैं उनके द्वारा बताया हुआ ज्ञान सभीशास्त्र से प्रमाणित है जबकि सारे बाबा शास्त्रों के विरुद्ध भक्तिकरवा रहे हैं
Apna sharaabi baap bhi ho tao bi beta ko Aasha lagta hai.
Rampal name me ram ko badname karne ka kam kiya neech ne
कुछ भी ?
नाम बढाइ केलीये नीकले थे।
सब कबीर साहेब के ज्ञान विरुध्ध सब ज्ञान दे रहा हे।
@@dkd2k-b4z सत्य।
सरल और संक्षेप शब्दों में कह सकते कि ''अंधों में काणा राजा।"
परमात्मा की प्यारी आत्मा आपके और हमारे आने से भी पहले शब्द था और आप और हम जब चले जाएंगे तब भी शब्द रहेगा शब्द ही शब्द रहा है यह शब्द की ही व्यवस्था है और शब्द ही इसे चला रहा है ईसे सूक्ष्मता में जाकर समझना होगा भौतिकता अपने आप में ही भ्रम है 🎉
😊
कविर साहव ने कहा-नाम उठत नाम बैठत नाम सोवत जाग वे नाम खाते नाम पिते नाम सेती लाग वे।।
Only one on this earth सिर्फ़ और सिर्फ एक संत रामपाल जी महाराज बाकी सभी पाखंडी हैं
❤🎉जय जय सत साहिब कबीर साहब की🎉❤
असली संत वही है जो किसी भी वेद शास्त्र धर्म इत्यादि का खंडन नहीं करता संत तो बो है जो किसी को अपना परिचय तक नहीं देता और बो अपने आप तक ही सीमित रहता है उसे दुनियादारी से कोई मतलब नहीं होता आजकल के संत दुनिया को इकठ्ठे करके चलते है ताकि उनका जीवन vip ढंग से चले
संत रमाशंकर साहब जी का परवचन तार्किक है।भगवान बुद्ध भी तार्किक बाते ही बताये है ।मनुष्य अपने आप ही तर्क करके सत्य से परिचित हो जायेगा।
ये साला नया वाइरस कहां से आया है इसमें ?
एक, दो, तीन, एक। 🥱❤
😅😊
Gotr pata kar Lo Jo kiya Muglo Ne kiye Rajniti Baba Muglo Ne mansh madira bhensh murga murgi
Rajniti ke Lalchi babao ne guru' ka Gyan diya hi Nahi Sirf Banta hai Gotr pata kar Lo
@@hematchavda2701sahi bol Raha he baba ji Muglo Goro ke Julm ki baat nahi Gotr Se Sab pandit thakur Muglo ne Julm ne mansh mansh khila Gyan Se Duur kar kar Gulami Rajniti baba Kisi jati ke guru' ka Gyan diya hota to Aaj Gulami Nahi
Koti koti Naman 🎉.
Sat Saheb bandagi Saheb ji 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
संत श्री रामाशंकर साहेब के पावन चरणों में कोटि कोटि प्रणाम साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब
आप कबीर साहेब की वाणी से प्रमाणित करके दिखा दीजिए कि मंत्र का जाप नहीं करना है
मै पायो विश्राम
Tum log galat jagah fas rahe ho ye log mind wash Wale log jiv he bakwas karne do pese mat do fir dekho do din me hati band ho jayegi kabi tum log khud sahib Kabir ji ki vani pado or in logo ke munh par tamacha Lage ga
😮@@maheshsanghani3623
साहेब जी वही बात रहे हैं जो कबीर ने कहा है
कबीर सागर पड़ी है कभी ओम सोहन हम जग में लाए सार शब्द हम गुप्त छुपाए@@dharamdas356
Sat saheb prabhu ❤
कई लोग कुतर्क का सहारा लेकर संत महात्मा परमात्मा राम कृष्ण की निंदा करते है ।
कबीर, राम कृष्ण से कौन बड़ा, तिन हूं भी गुरु कीन।
तीन लोक के वे धनी, गुरु आगे आधीन।।
राम और कृष्ण की निंदा कोई नहीं करता लेकिन उन्होंने भी अपने जीवन काल में गुरु बनाए थे इसका मतलब यह है कि गुरु के बगैर यहां से किसी प्रकार से मोक्ष संभव नहीं है।
Gru.brahmma.grur.vishnu.grusakchhat.parbrahm.tasmai.srigruve.namah.
रमाशंकर का गुरु अभिलास दास है जो कबीर साहेब जी को एक इंसान मानते है जबकि कबीर साहेब सभी संसार की रचियता है
Satnam,budh,kabir,ambedkar,kasiram,samul,prakiriti,hay,jay,bhem,jay,kabir,jaybharat 4:10 ❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉
ना हीं कबीरा झूठ हैं और ना ही झूठ सतनाम।राम नाम के अलख जगावत सर्वत् संत महान ।। 🎉❤🎉 जय हिंद
भाई जिसको ज्ञान नही है । वो धूर्त सतनाम जो झूठा साबित करने पर तुला है ।
Ese agyani hi jivo ko bhramata he sahi Gyan kewal sant rampal ji ke pass he unaka Gyan samje
Sat saheb bandagi saheb ji 🌹🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹
Suna Rampal Nam jhutha h
अंत में कबीर ने कहा~न देखा कुछ ध्यान में न देखा कुछ ज्ञान में न देखा कुछ पुराण पोथी में,कहे कबीर सुन भाई साधु जो देखा सो दो सुखि रोटी में।
Rampal ki Sharan mein tu bhi chala ja tere Bhagya Uday Ho jaenge sat Saheb Bandi chhod satguru Rampal Ji Bhagwan Ji ki Jay Ho
Jail Jane ke bhagya Uday honge😂
सत साहेब जी 🙏
જય સદગુરુ સાહેબ બંદી છોડ સાહેબ
परम पूज्य श्री सद्गुरू साहेब जी के पावन चरणों में सादर सप्रेम त्रय बार साहेब बंदगी साहेब जी जय पारखी संत जी
vedic physics
Sant rampal ji maharaj ki jai ❤
भारत ही ऐसा देश है जहां एक सौ पांच सत्संग चल रहा है लेकिन सभी का उपदेश एक ही है कबीर वाणी।
नहीं।। कबीर वाणी का प्रचार चार या पांच जगह के संत करते हैं, बुरहापुर, प्रयाग राज, बाराबंकी, पूर्णिया, और एक जगह गुजरात में। बाकी जगह नहीं।
ब्रह्म ज्ञान किसी को नहीं है सब अपने अपने बात बताने में लगे है,सच तो ये है जिसे ब्रह्मज्ञान हो जाए वो इस प्रकार भाषण देगा नहीं और न निंदा करेगा क्योंकि ये समस्त चराचर जगत ब्रह्म की मायाशक्ति के अंदर है और जिसे माया से पार पाना हैं वो पहले आदिशक्ति की शरणागति लेनी होगी वहीं कल्याणमई बुद्धि प्रदान कर तत्व का उजागर करती है ऐसा सभी हमारे सनातन शास्त्र में लिखा है,और यही गुरु नानक भी कह रहे है कि "प्रथम भगौती सिमर के गुर नानक लिया ध्येय"।
ब्रह्म और शक्ति दिनों अभिन्न है जैसे दूध और उसकी धवलता।
Guru granth sahib clear bol kabhi pad lo
❤❤❤❤❤
श्रद्धेय रमा शंकर साहेब यतिन्दर साहेब और सभी संतो भक्तों को सप्रेम साहेब बंदगी
Sat saheb ji
साहेब बंदगी जय सतनाम
नाम जपना एक बच्चों की पहली कक्षा का काम है उसे नाम जब पर उसी में अटकना नहीं है हमें तो प्रकृति के कारण की व्यवस्था के नियम को जानना है यदि इस नियम को जान लेगा वह नाम रूप से छूट जाएगा अपने आप में शांत रहेगा इसलिए रमाशंकर साहिब जी इसी उद्देश्य से बात कर रहे हैं धन्यवाद
बिल्कुल गलत नाम जप से तौ सृष्टि उत्पन हुआ है नाम तौ नामी से भी बड़ा है नाम जप कभी न छोड़िए यह तौ कबीर जी ने भी कहा है आठ पहर नाम लो भ्रमित मत करो लोगो को
मूर्ख मत बनो कबीर साहेब जी की वाणी राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण। नाम उठत नाम बैठत नाम सोवत जाग री ।
गूरुदेव आपके बचन अटल सतये कबीर एक संत तो हेही लेकीन उसके नाम पर ठगी चलरही हे😮😮😮😮😮
Aapse achchha Gyan to mai bhi de Sakta hoon
संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत है
श्री मान साहिब संत रमा शंकर जी को बहुत बहुत नमन एवं नमस्कार करता हूँ धन्यवाद 🙏 🙏
पारखी संतों को मेरा कोटि कोटि वंदना
Guruji satsaheb bandagi 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹
R.k2
कबीर साहब के ज्ञान होना जरुरी है
रामपाल जी महाराज के बराबर पूरे विश्व मे कोई संत नही कोई ज्ञान नही
@@surendra_das524 ,,,,super।।।
तूने पूरे विश्व में सर्वे कर लिया।
पारख सिद्धान्त कबीर जी का है,जो उस युगके वैज्ञानिक थे जब आडम्बरों वह अंधविश्वास का चारोंतरफ बोलबालाथा ऐसे समय मे सत्य बोलनेवालेको मौत दी जातीथी,कबीर उस युग की उत्तपत्ति सारे भर्म को मिटाने केलिए प्रकटहुएथे
साहेब जी, अगर जाप, मंत्र या सारनाम कुछ नहीं है तो ध्यान कैसे करें? ध्यान क्रिया को कैसे करें?
और ध्यान क्यों करें, ध्यान करने से क्या होगा?
जवाब जरूर दें
महात्मा जी आपके शब्द का कोई परमान भी है
Nice, thank you, sh Ramashankar ji Sadguru.
भगवान् तो श्री राम🚩 ही है बाकी सब संत है
जय श्री राम🚩🚩🚩
राम ने ही तुम्हें शूद्र जाति में पैदा किया है गुर्जर जी
बहुत सुंदर लग रहे हैं
Saheb bandagi ❤❤❤
Saheb bandagi saheb ji
So many Thanks koti naman
Sahebjibahutaachha
ईश्वर सद्बुद्धि दे आपको
Hari har निंदा sunay जो काना te नर....
ऐसे क्रांतिकारी सन्त के चरणों में बहुत बहुत साधुवाद है जयसतनाम सद्गुरु दया
श नशशशष
ये क्रांतिकारी संत नही सीधे नरक में ले जाने वाले काल के दूत है ।कबीर सागर का ज्ञान नही । कोई समाधान नही । सतनाम का मालूम नही । सारनाम का पता नही । कबीर साहेब जी के दिये गए प्रथम मंतर जो कि pramadit है उसका आज्ञानताबस मजाक उड़ा रहा है ।
ज्ञान चर्चा में कभी गया नही । फिर ये कैसा संत है ।
शब्दी को जानें नहिं शब्द मांहीं उरझान शब्द मात्र है देवी देवा ईश ब्रह्म और ज्ञान❤, जय कबीर पारख सिद्धांत ❤❤🎉🎉
बहुत महाज्ञानवान महा क्रांतिकारी सद्गुरु संत श्री रमाशंकर साहेब जी की हम सादर प्रणाम त्रयबार साहेब बंहगी करते हैं,जय कबीर ❤🎉 रमेश
गुरु जी मंत्र की रचना किसने किया? इस देश में मंत्र कितने प्रकार से होते है ? मंत्र से आदमी भी मर जाते है न,गुरुजी ?
हमे कोई भी आदमियों ने इन प्रश्नों के उत्तर नही दिया है साहेब ,देना क्यों नहीं चाहते हो साहेब जी बड़ी दुख की बात है यतींद्र साहेब जी
आगम ,निगम दो पंथ है आगम का अर्थ वेध पुराण निगम का अर्थ है तंत्र विज्ञान जो आदि सनातन है जो आदि गुरु शिव से गोरख योगी गोरख योगी ही मंत्र के जन्म दाता हैं।
Bbbbbp@@jon3161
@@jon3161 तंत्र मंत्र शक्ति तो देवी देवता के नाम लिए बिना चलती नहीं है उसका नाम लेना जरूरी होता हैं
@@jon3161 आगम पंथ में मंत्र के प्रयोग होता है कि नहीं ? मंत्र पढ़ते वक्त किसकी जाप करते हैं ?
आप भी हवामे बोल रहे है बाबाजी । आपके पास कोई परमाण नही है ।
💯 right kahan
वेद विरुद्ध ज्ञान है
मेरा में और सरकस में भी माताएं और पुरुष लोग रहते हैं तो वहां क्या तीरथ हो जाता हैं। सिर्फ कल्याण पुर के बेसिक स्कूल में माताओं और पुरुषों के आने तो तीर्थ नहीं हुआ --- सत्संग ह़ोने से जरुर हुआ।
वैसे आप 🌹 रमाशंकर साहेब 🌹 सभी कबीर साहेबों में अभिलाष साहेब के समान श्रेष्ठ हैं ।
संत रामपाल जी महाराज वेदों और शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान देते हैं आप जैसे उआबई नहीं बोलते हैं।
आप आपके रामपाल कख नहीं जानते। रमाशंकर साहब सही कह रहे हैं।
@@dalusarware1569तो फिर इतने दिनों तक कहा चल गये थे ये तुम्हारे धर्म गुरु। मुझे तो बस ईसके शब्दों से ही पता चल गया है कि ये कुछ नहीं जानते। ईसको पुछीए कि भगवान कैसा है और कहा पर है। और वहां जाने के लिए कौन सी भक्ति विधी होनी चाहिए।और कितने प्रकार की भक्ति से परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं।
@@P.n.p-r6sरामपाल जेल में क्यों गया क्यों ढोंग फैलाया,और ज्ञान तो दूर की बात है हिंदी बोलने आती नहीं संस्कृत को उल्टा सीधा अर्थ करके बकवास करता रहता है और उसके चेले भी आज कर रहे है।
बिल्कुल सही बोला
@@P.n.p-r6s जेल से जमानत का कोई मंत्र है तो रामपाल को बतायो
द्वादश पथ काल फरमाना भुला जीव न जाए ठिकाना।
सत्य नामझूठाहैतोआपकाहै
अर्थ का अनर्थ हो रहा है। सद्ज्ञान की जरूरत है
जब व्यक्ति को अपने ज्ञान का घमंड आ जाता है तो वह सत्य को भी नकार देता है और भक्ति और शक्ति दोनों सहज रूप से एक है जो जान गया वह परमधाम गया
इस बाबु का दिमाग अनर्गल है कथनी सुगम करनी अपार 😅
आज तक रमा शंकर जी को सत्यनाम को नहीं पता है ए क्या है सत्यनाम। कबीर साहेब जी अपनी बानी मे बताते हैं, कबीर, जब ही सत्यनाम हृदय धरो भया पाप का नास जैसे चीन्गारी अगनी का पङी पुरानी घास।
साहेब भ्रम नाशक ज्ञान का संदेश दे रहे हैं
साहब बंदगी सरकार
सत साहेब जी गुरु राम पालजजी भगवान् तिन बार में दिक्षा पूरी करते है जी
1,मंश्र देवी देवताओं के देते हैं जी
2, सत नाम, जो उपदेशी को ही मालूम है जी
3मंश्र , सारनाम देते हैं जी
ये पंडित जी को कोई ज्ञान नहीं है
ईन को साहिए कि ज्ञान गंगा बुक पडना साहिए जब जाकर ये पंडित की आखों से पटी हट जाएगा जी
सत साहेब जी😢😢😢😢😢
राम,और शंकर को गाली देने वाले तू उसी रामेश्वर का बंशज है,,,,जय भोलेशंकर
सत्य तो यह है कि कबीर पंथी वाले लोगों को सत्य और धर्म का ज्ञान नहीं है, और कबीर दास को परमात्मा और भगवान बनाने का साजिश करना बंद कर दें।
Saheb ji bandagi Saheb ko bahut bahut sadhuwad 🙏🌹🙏
कहते हैं लोहे को लोहा काटता है इसी प्रकार यह संत सनातन धर्म की बुराई करने पर तुला हुआ है अपने अपने मत है सभी लोगों की अपनी विचारधारा है जिसको जो नाम प्यार हो उसी का भजन करो इससे मन निर्मल और सच होगा हृदय में दया के भाव उत्पन्न होंगे और मनुष्य बुरे कर्म से बचेगा इसलिए किसी भी धर्म या पंथ की निंदा नहीं करनी चाहिए मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन उसके अंतर्निहित aalasya और क्रोध ही होता है और भजन से इनका नाश होता है संत कबीर साहब ने किसी भी धर्म को बुरा नहीं बताया कबीर साहब ने दया को सबसे बड़ा धर्म और अभिमlन् घमंड को सबसे बड़ा पाप बताया है कबीर सlब को समझना हर किसी के बस की बात नहीं हैji
❤ Super Satya sahib
सत कर्म करो
आप भी
धन कमा रहे हो
कबीर जी को मोहरा बनाकर
सप्रेम साहेब बंदगी गुरुदेव 🤲🤲
सतनाम सतधाम सतरूप सत्संग स्वर्ग।
बाबा जी जीव कहां से आया जरा बताइएगा और कहां जाता है वह भी बताइएगा बाबा जी
Right😂😂😂
ये सब योनि की माया है लेकिन कोई पापी लोग स्विकार नहीं कर सकते।
😮 10:19 10:19 10:19 10:19 10:19 10:19 10:19 😅😅😢😢
इसके 70 करोड़ बाप एक साथ भी आ जाए तो नही बता पायेगा की । जीब कहा से आया है और कहा को जायगा ।
Hindu ka Guru, Musalman ka Pir,
Sat Dwip Nav Khand Me, Sohang Satya Kabir.
इस बारे में जो कुछ भी ओशो जी ने कहा है वो ही अंतिम सत्य प्रतीत होता है। सुनिए ओशो जी का ओम पर प्रवचन।
Saheb.bandagi
रमाशंकर से रामपाल बड़ा जाकर पड़ा है जेल😂 भगवान करे इन दोनों का हो जाए वहां मेल😂😂😂 मैं भी एक कवि हूं लेखक हूं
Jab bhi Satya Naam hriday dhariye bhayo paap Ko nath Jaisi chin Jay Bandi chhod kegari Agni ki padi purane ghas 🙏🙏
Satguru rampal ji maharaj ki jay❤❤❤
सत साहेब भगतजी 🙏🙏🙏
@@P.n.p-r6sdhanya ho dhongiyon...
3 bar me satnam 😅😅😅
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
पहले शब्द आया भाई, इसी शब्द को पकड़ सारी आत्माये निचे उतारी गई । आप मुँह से निकले आवाज को शब्द कहते है ।शब्द तो सतपुरुष द्वारा निकला जिसे पकड़ कर सभी आत्मये नीचे आई।
जीव को दुखी नहीं करना है किसी जीव को दुखी नहीं करना चाहिए तब हमें सत लोक की प्राप्ति होगी
दो अक्षर का भेद बताओ शुभ पूरा गुरु कहावे एक छुड़ाने एक लगावे तब प्राणी मेरे घर को जाओगे
सतनाम दो अक्षर का नाम है वह इनको नहीं पता सात सतनाम सतनाम कोई jap नहीं है
Soo hum matlab sawas se hai sawas lena shodna soo hum waheguru ji
कैसे बता।