डिप्रेशन की दवाएं: कितने मददगार हैं एंटी-डिप्रेसेंट [Tablets for Depression] | DW Documentary हिन्दी
Вставка
- Опубліковано 30 бер 2023
- अवसाद के बढ़ते लक्षणों के लिए एंटी-डिप्रेसेंट दवाओं को इलाज के तौर पर दिया जाता है. लेकिन वे कितनी कारगर हैं, यह अब भी बहस का विषय है. यह हम जानते हैं कि हल्के से मध्यम डिप्रेशन के मामलों में प्लेसीबो उतना ही प्रभावी हो सकता है, जितनी ये दवाएं. फिर भी 1990 के दशक की तुलना में, जर्मनी में अवसाद के लिए दवा दिए जाने की संभावना आठ गुना बढ़ चुकी है.
2008 में बड़े पैमाने पर हुए एक अध्ययन से पता चला कि हल्के और मध्यम अवसाद के मामलों में प्लेसीबो एंटी-डिप्रेसेंट दवाओं जितना ही प्रभावी था. लेकिन फिर भी, हर साल डॉक्टर इतनी एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं लिखते हैं कि जर्मनी के 8 करोड़ लोगों को दो हफ्ते तक दवा देने का कोटा पूरा हो जाए.
तो, मरीजों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है? ऐसी विवादास्पद दवाएं इतनी सफल कैसे हैं?
“कई सालों से, अवसाद से निपटने की प्रक्रिया में दवाएं मेरी वफादार साथी रही हैं." 52 साल की क्रिस्टीने ने अवसाद के कारण अपनी नौकरी खो दी, सात बार मनोरोग क्लीनिक गईं और आज कहती हैं, "मुझे परवाह नहीं है कि अध्ययन क्या कहते हैं, मुझे लगता है कि मेरी दवा काम कर रही है.”
ज्यादातर एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं दिमाग के कुछ न्यूरोट्रांसमीटरों के स्तर को बदल देती हैं, खास तौर पर सेरोटोनिन को. हालांकि, लंबे समय तक यह माना जाता था कि अवसाद सेरोटोनिन के कम हो जाने के कारण होता है. यह सिद्धांत अब गलत साबित हो गया है. डॉक्टर और वैज्ञानिक अभी भी यह नहीं समझ पाए हैं कि अवसाद के दौरान मस्तिष्क में क्या होता है लेकिन इससे एंटी-डिप्रेसेंट दवाओं की बढ़ती बिक्री में कोई कमी नहीं आई.
42 वर्षीय मैरी उस दिन को कोसती हैं जब उन्होंने एंटी-डिप्रेसेंट लेना शुरू किया. वह कहती हैं, "उन्होंने मेरे जीवन को बेहतर नहीं किया बल्कि इसे और खराब कर दिया है.” मैरी चार सालों में धीरे-धीरे अपनी खुराक कम कर रही हैं, लेकिन उसका शरीर साथ नहीं दे रहा है. जर्मनी में एंटी-डिप्रेसेंट के प्रमुख विशेषज्ञों में से एक, प्रोफेसर टॉम बशॉर कहते हैं, "अब तक, इन समस्याओं को पूरी तरह से कम करके आंका गया है."
#DWDocumentaryहिन्दी #DWहिन्दी #depression #antidepressants
----------------------------------------------
अगर आपको वीडियो पसंद आया और आगे भी ऐसी दिलचस्प वीडियो देखना चाहते हैं तो हमें सब्सक्राइब करना मत भूलिए.
विज्ञान, तकनीक, सेहत और पर्यावरण से जुड़े वीडियो देखने के लिए हमारे चैनल DW हिन्दी को फॉलो करे: @dwhindi
और डॉयचे वेले की सोशल मीडिया नेटिकेट नीतियों को यहां पढ़ें: p.dw.com/p/MF1G
तनाव में बस मन में बुरे ख्याल आते हैं , जी मचलने लगता हैं 😭😭 , फिर आंखों से आंसू निकलने लगता हैं 😭😓, फिर बहुत ज़्यादा ख़ुद पर गुस्सा आने लगता हैं ...😓😭
डिप्रेशन कि दवाई सिर्फ कुछ मामलों में कारगर है लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स बहोत है डिप्रेशन में योग और ध्यान से बहुत अच्छा प्रभाव देखा है यह आपके मन को शांत करता है और आपको मन को खुशहाल रखता है बिना किसी साइड इफेक्ट्स के
Ajh me puri tarah se thik hun...Maine 1 year tak anti depressive medicine liya fir Sari medicine ko jala diya 🔥...
हर इंसान सिर्फ इसलिए अवसाद मे पहुंच जाता है कोई काम जो वह करना चाहता है न कर पाए और हो जैसा वह चाहे, हमे किसी भी परिस्थित मे धीरे धीरे कोई भी काम करना है खुद पर भरोसा रखना है गुस्सा करना और ज़्यादा भीड़ से दूर रहते हुए अपने काम को धीरे धीरे पूरा करने की बस कोशिश करनी है देखना अवसाद बहुत जल्द ठीक होगा।
Me bhi 24 ghnte depression me jita hu har time aatm hataya karne ka man Karta h tej aawaj se bhi bahut dar lagta hai bahut tej sir dard rahta hai dawayo se thodi der aaram rahta hai fir suru ho jata h PTA nhi ish depression se kase niklu 😔😔
Meditation बहुत कारगर है अगर दवाई के साथ इसे जारी रखे तो बेहतर परिणाम मिलेंगे
जो इससे गुजर रहे है एक बार विपश्यना ध्यान केंद्र 10 day course join करे। और daily 60 days 2hr practice कर के देखे शायद ये आपकी कुछ मदद कर सके।
Please do bharamri pranayam, Bhastrika, anulom - vilom, ujjayi.... It's works alot than any anti- depression peels.
Maine antidepressants aik saal tak li hen aur boht he mushkil se thori thori kar ke chori hen. Aik mahena hua chore huye lekin abi b inki wja se boht taklef me hu. Ye boht bra nasha ha sb niklo in se aur dosron ko b bachao jo lena chahte hen.
❤इसका एक ही इलाज है प्यार अपने दोस्तो से प्यार और अपने दुश्मनों से भी प्यार!!जो भी जैसा भी उसको स्वीकार करना यानी जीवन मे स्वीकारिता!!हर पल आनंद महसूस करना!!प्रेम!!और डायनामिक पर्सनाल्टी,दरिया बन जाओ।
मेरी तरह जितने भी लोग इससे पीड़ित है ,वो लोग यहां पर वोट कर सकते है 😶😶😶😶😶
I am taking antidepressant med from last 25 years and still going on....
Maine bi 2 Saal Sey Dipression Main Tha. Dwaiyo sey Kuch bi nhi Huwa.
Only a dipressed man can understand value of antidipression tablets 😭😭😭
Important documentary... Thank you DW Hindi...👌❤️
मानसिक बीमारियां विटामिन, मिनरल्स और अमीनो एसिड के कमी से भी होते है। लेकिन मानसोपचार विशेषज्ञ वो पहले Dr हैं जो आपको जिंदगीभर दवा पर रखना चाहते है। बादमे डायबिटीज, bp, और अन्य बीमारियों में यह चलन चालू हुआ। समुपदेशन और विटामिन और आयुर्वेदिक दवाएं भी इस्तेमाल करके आप कायम स्वरूप में दुरुस्त हो सकते है।
Thank you DW aapke sabhi documentaries lajawab hote hain 👏👏👏👍🙏💐,Ukrain yuddh se related thodi aur jankari dilwa sakte hain kya ...please 🙏🙏
Thank you DW
Cognitive behavioural therapy and squats really helps and helped me in leaving my anti depressants
Thanks is video ke liye