विरोध करने वाले भाइयों को ये समझना पड़ेगा कि अब समय आ गया है कि सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यो का सहयोग करें, क्युकी ये उनके बेहतरी के लिए है! नक्शल के बहकावे में आकर अपना नुकसान नहीं करें! ये देश, ये सरकार आपकी है! देश के विकास में भागी बनें
पुल निर्माण में परेशानी नहीं,, बल्कि कैंप वाले से परेशानी होती है,, पुलिस प्रशासन को सरल आदिवासी समाज से सरल भाषा में बात करनी चाहिए,, हल निकालने के लिए जमीनी स्तर पर पहुंच कर राज नेताओं को हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए 👍
जय जोहार जय छत्तीसगढ़ तिवारी जी को हृदय स्पर्श नमन पहुंचे तिवारी जी आपके काम को सराहनीय है कहना यह बहुत कम है सराहनीय से बहुत-बहुत ऊपर है असाधारण काम को साधारण करना यह तिवारी जी से ही सीखे ग्रामीण और सरकार दोनों अपने-अपने जगह सही हैं लेकिन जब तक विकास नहीं होगा लोग शिक्षित कैसे होंगे सरकार को सोचना चाहिए ग्रामीणों को सरकारी योजना का लाभ मिले और रोजगार मिले मेरे ख्याल से ग्रामीणों को सरकारी योजना का लाभ मिलता तो सरकार के काम में दखल अंदाजी नहीं करते तिवारी जी मैंने बहुत से गांव में देखा सरकार की योजना तो पहुंच गई परंतु गांव वालों को इसका कुछ फायदा नहीं हुआ
जोहार सभी भाइयों को मैं झारखंड का रहने वाला हूं और ऐसे ही गांव मे पला बढ़ा हूँ। मैंने engeenier की डिग्री भी प्राप्त की है। जो स्थिति अभी छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में है करीब-करीब यह स्थिति हमारे झारखंड के बहुत सारे सुदूर इलाकों में भी और जो यह ग्रामीण बोल रहे हैं, यह सत् प्रतिशत सही बोल रहे हैं। उनकी आजादी छीनी जा रही है। उनसे उनका हक छीना जा रहा है। सड़क दिखाकर ग्रामीणों का उत्थान होगा। यह सिर्फ कहने की बात है। दरअसल बात यह है कि उस सड़क से आए दिनों में बनने वाले या फिर बोले कि खुदाई होने वाले खनिजों का आदान-प्रदान होगा। इसके लिए चाहिए कि उस क्षेत्र को खाली करना पड़ता है क्योंकि वहां के आदिवासी ग्रामीण नहीं चाहेंगे कि जिस क्षेत्र में वह पले बढ़े हैं उस क्षेत्र को वह छोड़ कर, यूं ही चले जाए। बात दूसरी है कि सरकार बड़े-बड़े वायदे करते हैं। अगर आप इस जगह को छोड़कर जाएंगे तो हम आपको एक नया घर देंगे। एक नई जगह देंगे और बहुत सारी सुख सुविधाएं देंगे। अगर यह सुख सुविधाएं उनको देना रहता तो वह बहुत पहले ही उनको शिक्षित बना चुके होते। आप और हम सभी जान रहे हैं कि शिक्षा के मामले में हमारे भारतीय सरकार छत्तीसगढ़, झारखंड को क्या दी है। तो पहले शिक्षा और मेडिकल की सुविधाएं उपलब्ध कराएं। सरकार उनका दिल जीते , सरकार फिर यह बात बोले कि हम आपके हित के लिए सोच रहे है। और तो और यह सीआरपीएफ के जवान नक्सलियों को मारने के नाम पर ग्रामीणों को मारते हैं। महिलाओं से बदसलूकी करते हैं। उनका बलात्कार करते हैं ताकि ग्रामीणों मे भय पैदा हो वह जगह छोड़ने के लिए और यह सब कार्य करके सरकार सोचती है कि सरकार ग्रामीणों का भलाई चाहती हैं तो यह कैसा भलाई?
बिलकुल सही बात है भाई यहीं सच्चाई है। अगर सरकार और अपने आप को मुख्य धारा में मानने वाले और मीडिया एक रट लगाए हुए है कि विकास का विरोध गलत है आप नक्सलियों द्वारा दिग्भ्रमित है! तो सबको धरातल पर जा कर वास्तविक सच्चाई से अवगत होना चाहिए। अगर कोई सरकार से नाराज़ है तो वो सदियों की सरकारी नाकामी है इसके पीछे और इन जल जंगल पहाड़ के रक्षक प्रकृति प्रेमी आदिवासियों का दमन और विस्थापन का दंश। अगर ये जल जंगल जमीन को नहीं बचाते तो आज शायद बचा खुचा वन जंगल समाप्त हो गया होता इन्होंने सारी समस्याएं गरीबी झेलने का बावजूद संरक्षित रखा। और रही बात नक्सलियों को गलत समझने वाले की तो ऐसे लोग तो किसी भी एक लोकतांत्रिक दल को छोड़ कर अन्य को गलत ही समझते हैं 😀😙 और इन दलों के लोकतांत्रिक सरकार को भी इसके साथ ही ये सरकारें भी तो अपने समर्थकों के लिए अच्छी और विरोधियों के लिए दमनकारी रवैया अपनाया करती हैं। इसलिए कौन सही कौन गलत है इस बहस में आधी अधूरी जानकारी लेकर कूदना बेवकूफी के अलावा कुछ भी नहीं। बेहतर यहीं होगा सरकार अपनी जो भी जन हितकारी योजना है उसको इन आदिवासियों तक समुचित रूप से इनके मनोभाव को ध्यान में रखते हुए पहुचाए और उन्हे जल जंगल जमीन और पहाड़ को संरक्षित रखने हेतु प्रोत्साहित करे।
पहले आदिवासी का विश्वास जितना चाहिए,और उनको पुलिया बनने पर क्या क्या फायदा है,ये समझाया जाना चाहिये, इनके सांथ कोई अत्यचार नही होगा। इस बात पर विश्वास जितना चाहिए।
सवाल शिक्षा और विकास की नही है सवाल है उन आदिवासियों के दीन चरिया का है मै बस्तर के हर गांव कोना कोना घूमता हूं अंदरूनी इलाके मे ग्रामीण सही बोल रहा है
ॻमीऺणी लोग का भी कहना सही जब पुल का निर्माण हो तो रोड़ भी बनेगा शहरी लोग ठेकेदार या फिर उघोगपति अबूझमाड़ क्षेत्रों जो भी खनिज संपदा है आपने फायदे के लिए सरकारी संपत्ति का हवाला देकर खनन करेंगे इससे वहां लोगों कहां से विकास होगा
तिवारी जी भगवान भोलेनाथ आपको दिनरात चौगुनी सफलता प्रदान करें। आप बस्तर को जितना जानते हो उतना कोई नहीं जानता है, आपके माध्यम से हमें बस्तर के आदिवासियों की तकलीफों, पीड़ाओं के बारे में जानकारी मिलती है। इंद्रावती नदी का पुल हो या जंगल की सड़कें बनाना इन सबके पीछे सरकार की घिनोनी मानसिकता है जंगल को पूर्णतः अपने कब्जे में लेने की जिससे वनोपज व खनन कॉरपोरेट घरानों को देकर पैसा कमाना। पुल व सड़क बनते ही लाखों की तादाद में CRPF की तैनाती हो जाएगी जगह जगह कैंप लगाकर फिर होगा बड़ा तांडव जिसे सलवा जुडूम का बाप समझ लो। दिल्ली में बैठी कोई गोदी मीडिया TV पर खबर नही बताएगी नरसंहार होगा आदिवासी जेल जाएंगे या सीधे ऊपर।
मेरे प्यारे आदिवासी भाइयों अाप विश्वास रखें विकास होने से दैनिक जीवन सुगम हो जाता है। मेरे कोई भी आदिवासी भाई को इलाज, शिक्षा और भी मूलभूत सुविधाओं के लिए शहरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
तुम समाजसेवक हो या पॉलिटिशन तुम जिस जगह से ताल्लुक रखते हो उस जगह के हालात कैसे है को दूर वाले नहीं जान सकते हो तुम शहर में बैठकर उस जमीनी हालात को क्या समझ पाओगे
@@amitqudiam7090 मैं तो बस्तर का ही हूं पर आप वहां के नहीं है ये मैं जानता हूं। आप बस कम्युनिस्ट सोच से प्रभावित है ये भी जानता हूं। गुमराह तुम्हीं लोगों ने कर रखा है गरीबों को।
तिवारी सर नमस्कार मै आपका हर विडियो देखता हूं आपका रिपोर्टिंग बहुत ही सुन्दर लगता है आज आप बोल रहे हैं कि पुल बनने से नुकसान होगा जब बारिश होगी तो आप ही रिपोर्टिंग करोगे कि सरकार इन गांव वालों के यहां पुल होना चाहिए गांव का विकास होना चाहिए अब बताओ मनलो गांव में नल नहीं है गाड़ी जाने के लिए रास्ता होना भी जरूरी है ना जब रास्ता ही नहीं रहेगा तो इनका क्या विकास होगा करने दो आन्दोलन सरकार को जो करना है वो करेगी
आज हम लोग 21वी सदी के दौर मे जी रहे हैं, आज समस्या कम नही हैं, इतना ज्ञान इतना समझ सब सरकार मे हैं, की जानता की भलाई कैसे होना चाहीए, फेर भी सरकार कुच्छ खास जानता के जीवन को सुरक्छित करने के लिए कुच्छ नही कर रही हैं
बस्तर के हमारे भाईयों से निवेदन है कि अपने क्षेत्र की विकास के लिए आगे आना चाहिए, लेकिन पांचवीं अनुसूची को पलान करते हुए विश्वास के साथ विकास की जरूरत है। हमारे चुने हुए प्रतिनिधियों इस ओर ध्यान नहीं देते है।
Ye लोग खुद अपना विकास नहीं चाहते तो कहा से होगा । पुल सड़क बनने ही नहीं देते । इन लोग खुद नहीं चाहते कि हमारा विकास हो ।पुल सड़क बनेगा तभी तो आप लोगो को सुविधाएं उपलब्ध होगी । हम भी तो आदिवासी है । हम भी जंगलों में निवास करते h । Fir bhi हमारे गांव में तो पुल भी बन गया और सड़क भी बन गया है ।हम खुद सरकार से लड़ाई लड़े की हमारे गांव में सड़क बने पुल बने । हमको आने जाने में दिक्कत होती है । और बन भी गया । फोर्स वाले भी समझदार h । Hmare गांव से भी 2 km dur pe कैम्प h । पर उन लोग तो अत्याचार नहीं करते ।
छत्तीसगढ़ शासन अपने तरफ से बहुत अच्छा कार्य कर रही है लेकिन दिक्कत यह है वँहा की पुलिस इन भाइयों से सही से बात नही कर रही है हमेशा इन्हे नीच समझा जाता है। पुलिस को इनके प्रति व्यहवार सही करने की अलग से ट्रेनिंग की जरूरत है ।
Baabu, Dhyan se dekho iss interview ko kaise frontline Warrier jisme 4 log include hai Scripted Lecture diye jaa rahe hai, Baato me koi jabardasti bulwa raha hai inse ye bechare inko bhi pata hai
Sir Inka kahna h ki force' wale electronic माध्यम से अश्लील हरकते करते तो फिर पूरे बस्तर संभाग में फोर्स की आवश्यकता नहीं है I request to cg govt. for all force remove from bastar division 📍 मैं भी एक गांव मर्दापाल लखापुर (जो पिछले कुछ साल से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गिनती होती थीं) रहने वाला 21 साल का छात्र हूं और गांव वाले की परेशानी समझ सकता हु । लेकीन इस तरह फोर्स वाले को बदनाम नहीं करना चाहिए , हालाकि कुछ होते जो पूरे फोर्स को बदनाम करते है उनके खिलाफ़ कार्यवाही भी होती है । लेकिन ये इलेक्ट्रॉनिक (ड्रोन) माध्यम से अश्लील हरकते इसे मानना संभव नहीं
दादा जिस जगह घटना या रिपोर्टिंग कर रहे है उस जगह की लोकेशन जरूर डाले तो हम मेप मे उस जगह को समझ और जन सके, और समस्याओं के होने की वजह को खोज सके। थाम्सप जरूर कर दे की हम समझ जाये की आप ने मेरा मसेज देख लिया है।
Markam भाई जरा विरोध करने वाले भाइयों की स्थिति bhi देखिए, सड़क जैसी बुनियादी सुविधा के अभाव में इनको कितनी समस्या होती होगी, लेकिन naxaliyon के दबाव में और उनके डर के कारण ये विरोध करने को मजबूर हैं! इनको ये समझना चाहिए कि ये उनकी बेहतरी के लिए है
Sarkari kam mein koi Vada nahin hona chahie kintu aadivasiyon ko Vishwas mein Lena bahut jaruri hai duty per tainat karmchari sena ke Jawan sunapan ka fayda uthakar UN per atyachar na Karen iski Puri nigrani honi chahie
Bhole bhale aadiwasi logo ka tark unke hisaab se bilkul sahi hai, jab shahro me rahne wale logo se aate jaate pucha jaaye tb unhe is baat ka pata chalega
Patta ki bat hy jal gye karke to sarkari ricord me to hoga na sadak nirman me agar kisi ka jamin aajata hy to us jamin ke malik ko sarkar se pyesaa mangna ni padta sarkar list nikal ke khud pyese deti hy
Sabhi log bahut achhe h inka to bs istemal kr rhe h koi dusre log bachav manch k nam se Sath hi kuch bde log inka galat tarike se shoshn kr rhe h mujhe lgta h ye sb system ko sudharne ki jarurat h in hamare desh k pyare prakriti rakshak logo ko vishvas me lena chahiye
Villagers should be issued ID card by the concerned Authorities for their hassle free movement . It is observed that there is trust deficit among locals and government Authorities , it should be addressed immediately . And locals should be involved in development works in the area. Some of the apprehension of locals genuine, such as , non availability of land records which will create problems while distribution of land compensation .
Sir inki main problem ye hai agar area mai vikas ho gya to ek bda shashak varg inki zmeen chheen lega aur inko naxali samajhkar heen bhawna ka samna krna pdega aur government inki income ke jo main shrot hai vo hthya liye jayege bs ek dar baith gya hai inke dilo dimag mai
Zameen khone ka bhi dar hai inko Inko bs pyar se smjhane ki jrurat hai aur suraksha ki gurantee dene ke saath saath inke mind jo dar hai us dar ko.nikalne ki jrurat hai
Agr aisa virodh hote rhega to baster me vikas ki bat kaise kr skte hai... Logo ko smjhna pdega ki jarurt ki chijo ko pane ke liye vikas phuchne ke liye virodh krna thik nhi hai.. Aur bad me bola jayega ki baster me vikas nhi ho Raha hai
Ye log ko chhod do usi halt me rasan pani sb bnd krdo Jb pul puliya rod chahiye nhi taki mnmani trike se jangal ko ujad ske Sb jagah ek kanun hona chahiye ye log alg thodi hai agr hai to edhr ka tax paisa waha mt kharcha
विरोध करने वाले भाइयों को ये समझना पड़ेगा कि अब समय आ गया है कि सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यो का सहयोग करें, क्युकी ये उनके बेहतरी के लिए है! नक्शल के बहकावे में आकर अपना नुकसान नहीं करें! ये देश, ये सरकार आपकी है! देश के विकास में भागी बनें
Bhai mental ho kya tum 😂
वास्तविक में विरोध किनके इशारों पर किया जा रहा है ये सरकार को भी पता है, पुलिस को पता है और मिडिया के मित्रों को तो और अच्छे से पता है।
मैं पहली बार सुन रहा हूं। रोड बनने से नुकसान है।
पुल निर्माण में परेशानी नहीं,, बल्कि कैंप वाले से परेशानी होती है,,
पुलिस प्रशासन को सरल आदिवासी समाज से सरल भाषा में बात करनी चाहिए,,
हल निकालने के लिए जमीनी स्तर पर पहुंच कर राज नेताओं को हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए 👍
ये लोग मासूम है इन्हें प्यार की भाषा मे समझाया जा सकता है ये अपने जगह सही है लेकिन सरकार का काम भी बहुत सराहनीय है
घंटा मासूम हैं गद्दार है पीट पीछे से वार करने वाले, ये लोग एक आदमी को 100 लोग मिल कर मारने वाले में से हैं, डर फोक लोग हैं
जय जोहार जय छत्तीसगढ़ तिवारी जी को हृदय स्पर्श नमन पहुंचे तिवारी जी आपके काम को सराहनीय है कहना यह बहुत कम है सराहनीय से बहुत-बहुत ऊपर है असाधारण काम को साधारण करना यह तिवारी जी से ही सीखे ग्रामीण और सरकार दोनों अपने-अपने जगह सही हैं लेकिन जब तक विकास नहीं होगा लोग शिक्षित कैसे होंगे सरकार को सोचना चाहिए ग्रामीणों को सरकारी योजना का लाभ मिले और रोजगार मिले मेरे ख्याल से ग्रामीणों को सरकारी योजना का लाभ मिलता तो सरकार के काम में दखल अंदाजी नहीं करते तिवारी जी मैंने बहुत से गांव में देखा सरकार की योजना तो पहुंच गई परंतु गांव वालों को इसका कुछ फायदा नहीं हुआ
शहर के तीर में हवाय ते गांव के विकास नही होता है तो जंगल में रहने वाले भोले भाले गांव वालो का विकास कैसे होगा
नेता और कर्मचारी केवल शोषण करेंगे
जोहार सभी भाइयों को मैं झारखंड का रहने वाला हूं और ऐसे ही गांव मे पला बढ़ा हूँ। मैंने engeenier की डिग्री भी प्राप्त की है। जो स्थिति अभी छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में है करीब-करीब यह स्थिति हमारे झारखंड के बहुत सारे सुदूर इलाकों में भी और जो यह ग्रामीण बोल रहे हैं, यह सत् प्रतिशत सही बोल रहे हैं।
उनकी आजादी छीनी जा रही है। उनसे उनका हक छीना जा रहा है। सड़क दिखाकर ग्रामीणों का उत्थान होगा। यह सिर्फ कहने की बात है। दरअसल बात यह है कि उस सड़क से आए दिनों में बनने वाले या फिर बोले कि खुदाई होने वाले खनिजों का आदान-प्रदान होगा। इसके लिए चाहिए कि उस क्षेत्र को खाली करना पड़ता है क्योंकि वहां के आदिवासी ग्रामीण नहीं चाहेंगे कि जिस क्षेत्र में वह पले बढ़े हैं उस क्षेत्र को वह छोड़ कर, यूं ही चले जाए।
बात दूसरी है कि सरकार बड़े-बड़े वायदे करते हैं। अगर आप इस जगह को छोड़कर जाएंगे तो हम आपको एक नया घर देंगे। एक नई जगह देंगे और बहुत सारी सुख सुविधाएं देंगे। अगर यह सुख सुविधाएं उनको देना रहता तो वह बहुत पहले ही उनको शिक्षित बना चुके होते। आप और हम सभी जान रहे हैं कि शिक्षा के मामले में हमारे भारतीय सरकार छत्तीसगढ़, झारखंड को क्या दी है।
तो पहले शिक्षा और मेडिकल की सुविधाएं उपलब्ध कराएं। सरकार उनका दिल जीते , सरकार फिर यह बात बोले कि हम आपके हित के लिए सोच रहे है।
और तो और यह सीआरपीएफ के जवान नक्सलियों को मारने के नाम पर ग्रामीणों को मारते हैं। महिलाओं से बदसलूकी करते हैं। उनका बलात्कार करते हैं ताकि ग्रामीणों मे भय पैदा हो वह जगह छोड़ने के लिए और यह सब कार्य करके सरकार सोचती है कि सरकार ग्रामीणों का भलाई चाहती हैं तो यह कैसा भलाई?
बिलकुल सही बात है भाई यहीं सच्चाई है।
अगर सरकार और अपने आप को मुख्य धारा में मानने वाले और मीडिया एक रट लगाए हुए है कि विकास का विरोध गलत है आप नक्सलियों द्वारा दिग्भ्रमित है! तो सबको धरातल पर जा कर वास्तविक सच्चाई से अवगत होना चाहिए। अगर कोई सरकार से नाराज़ है तो वो सदियों की सरकारी नाकामी है इसके पीछे और इन जल जंगल पहाड़ के रक्षक प्रकृति प्रेमी आदिवासियों का दमन और विस्थापन का दंश। अगर ये जल जंगल जमीन को नहीं बचाते तो आज शायद बचा खुचा वन जंगल समाप्त हो गया होता इन्होंने सारी समस्याएं गरीबी झेलने का बावजूद संरक्षित रखा। और रही बात नक्सलियों को गलत समझने वाले की तो ऐसे लोग तो किसी भी एक लोकतांत्रिक दल को छोड़ कर अन्य को गलत ही समझते हैं 😀😙 और इन दलों के लोकतांत्रिक सरकार को भी इसके साथ ही ये सरकारें भी तो अपने समर्थकों के लिए अच्छी और विरोधियों के लिए दमनकारी रवैया अपनाया करती हैं। इसलिए कौन सही कौन गलत है इस बहस में आधी अधूरी जानकारी लेकर कूदना बेवकूफी के अलावा कुछ भी नहीं। बेहतर यहीं होगा सरकार अपनी जो भी जन हितकारी योजना है उसको इन आदिवासियों तक समुचित रूप से इनके मनोभाव को ध्यान में रखते हुए पहुचाए और उन्हे जल जंगल जमीन और पहाड़ को संरक्षित रखने हेतु प्रोत्साहित करे।
महिलाओं के साथ छेड़ छाड़ nhi hota hai ye to glt bat bol rhe hai ग्रामीण लोग ।
बस्तर को छोड़ शेष हिस्से में सड़क पुल पुलिया बनने के लिए धरने देते हैं,,, यहां सब उल्टा हो रहा,,
अपकी पत्रकारिता को सलाम है सर🙏
पहले आदिवासी का विश्वास जितना चाहिए,और उनको पुलिया बनने पर क्या क्या फायदा है,ये समझाया जाना चाहिये, इनके सांथ कोई अत्यचार नही होगा। इस बात पर विश्वास जितना चाहिए।
बिल्कुल सही सुझाव
सवाल शिक्षा और विकास की नही है
सवाल है उन आदिवासियों के दीन चरिया का है
मै बस्तर के हर गांव कोना कोना घूमता हूं अंदरूनी इलाके मे ग्रामीण सही बोल रहा है
पुल निर्माण में क्या क्या लाभदायक होता हैं इन्हें समझना चाहिए बारिश के दिनों में समझ नहीं आता है इनको
वहीं बात है गांव वाले खुद हि विकास नहीं चाहते है फिर जब लोग मरते है तो कहते है कि सरकार कुछ नहीं कर रही है
तुम तो बड़े ज्ञानी निकले
2 दिन गांव में रहा कर देखो फिर बोलना
Mao badi ka dar......
Ak tarp Police or Dusra tarp Maobadi ka Pressure hi
पूलिया निमार्ण होने से वहां का जंगल साफ हो जायेगा , बाद में जंगल रहेगा ही नहीं सड़क बन जायेगा तो गाड़ी ले के जायेगे ओर लकड़ी खाट खाट ले जायेगे।
इसके स्टेटमेंट से समझा जा सकता है,,, फोर्स के प्रति, सरकार के विरोध में इनका ब्रेन वाश किया गया है,, ये सिखाए गए भाषा बोल रहा है
ॻमीऺणी लोग का भी कहना सही जब पुल का निर्माण हो तो रोड़ भी बनेगा शहरी लोग ठेकेदार या फिर उघोगपति अबूझमाड़ क्षेत्रों जो भी खनिज संपदा है आपने फायदे के लिए सरकारी संपत्ति का हवाला देकर खनन करेंगे इससे वहां लोगों कहां से विकास होगा
Right
अरे देश के रक्षक हैं,, कैसे इनको भरोसा नही है,,
शिक्षा सबसे बड़ा htiyaar है, इसे आदिवासियों को दो , समस्या अपने आप समाप्त हो जाएगा
शिक्षा kaise degi government,jab b andar ki trf school,roads bnai jati h to worker pe hmla hota h ,Tod Diya jata h
बहुत सुंदर जानकारी महाराज जी
सही बात बोल रहा है दादा
तिवारी जी भगवान भोलेनाथ आपको दिनरात चौगुनी सफलता प्रदान करें।
आप बस्तर को जितना जानते हो उतना कोई नहीं जानता है, आपके माध्यम से हमें बस्तर के आदिवासियों की तकलीफों, पीड़ाओं के बारे में जानकारी मिलती है।
इंद्रावती नदी का पुल हो या जंगल की सड़कें बनाना इन सबके पीछे सरकार की घिनोनी मानसिकता है जंगल को पूर्णतः अपने कब्जे में लेने की जिससे वनोपज व खनन कॉरपोरेट घरानों को देकर पैसा कमाना। पुल व सड़क बनते ही लाखों की तादाद में CRPF की तैनाती हो जाएगी जगह जगह कैंप लगाकर फिर होगा बड़ा तांडव जिसे सलवा जुडूम का बाप समझ लो। दिल्ली में बैठी कोई गोदी मीडिया TV पर खबर नही बताएगी नरसंहार होगा आदिवासी जेल जाएंगे या सीधे ऊपर।
You are totally wrong.
@@aks_p हमें न बताओ सही और गलत। हमसे ज्यादा नही जानते हो तुम देश के राज्यों की परिस्थिति
@@Harendra480 अपनी मानसिकता बदलो
@@aks_p हमारी मानसिकता जनहितकारी है सच को सच बोलता हूँ समझे। इसलिए दोबारा कमेंट करके बहस मत करना
आदिवासियों के बारे में आपका राय सही है भैया मैं भी मानता हूं 100% पुलिया बनेगा तो देखना आदिवासियों का स्थानांतरण होगा
मेरे प्यारे आदिवासी भाइयों अाप विश्वास रखें विकास होने से दैनिक जीवन सुगम हो जाता है। मेरे कोई भी आदिवासी भाई को इलाज, शिक्षा और भी मूलभूत सुविधाओं के लिए शहरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
तुम समाजसेवक हो या पॉलिटिशन
तुम जिस जगह से ताल्लुक रखते हो उस जगह के हालात कैसे है को दूर वाले नहीं जान सकते हो तुम शहर में बैठकर उस जमीनी हालात को क्या समझ पाओगे
@@amitqudiam7090 मैं तो बस्तर का ही हूं पर आप वहां के नहीं है ये मैं जानता हूं।
आप बस कम्युनिस्ट सोच से प्रभावित है ये भी जानता हूं।
गुमराह तुम्हीं लोगों ने कर रखा है गरीबों को।
@@viratsingh6847 तुम्हारे द्वारा हम पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है सारे आरोपों को खारिज करता हूं
Bo to sahi hai Magar Baad main Baki Haal kon Samjhe ga
इनका विरोध निराधार है और राजनीति से पेररित है
Tiwari bhaiya aapke sawal puchhne ka andaj jabardast hai,sare sachhai samne la dete ho,dhire dhire,
Bahut achcha coverage tivari ji
तिवारी सर नमस्कार मै आपका हर विडियो देखता हूं आपका रिपोर्टिंग बहुत ही सुन्दर लगता है आज आप बोल रहे हैं कि पुल बनने से नुकसान होगा जब बारिश होगी तो आप ही रिपोर्टिंग करोगे कि सरकार इन गांव वालों के यहां पुल होना चाहिए गांव का विकास होना चाहिए अब बताओ मनलो गांव में नल नहीं है गाड़ी जाने के लिए रास्ता होना भी जरूरी है ना जब रास्ता ही नहीं रहेगा तो इनका क्या विकास होगा करने दो आन्दोलन सरकार को जो करना है वो करेगी
शिक्षा और विश्वास ही विकास का madyam ho सकता हैं,
Nice news.thanq
Sir ji Mai aapki puri video dekhta hu sir aap bhut ache patrkar hai
Great sir ji,
जय जोहार जय आदिवासी ❤🎉😢😮 जिंदाबाद आदिवासी
आज हम लोग 21वी सदी के दौर मे जी रहे हैं, आज समस्या कम नही हैं, इतना ज्ञान इतना समझ सब सरकार मे हैं, की जानता की भलाई कैसे होना चाहीए, फेर भी सरकार कुच्छ खास जानता के जीवन को सुरक्छित करने के लिए कुच्छ नही कर रही हैं
वहा के शिक्षक भी बोलते हैं कि गांव वाले सही बोलते हैं बहुत गलत तरीके से ग्रामीणों को परेशान करते हैं
Jitna hai utne main khus hai , ise badi baat aor kiya ho sakta hai, yaha bhag daod bhari jindagi main Kiya sukoon dhundna padta hai,
बस्तर के हमारे भाईयों से निवेदन है कि अपने क्षेत्र की विकास के लिए आगे
आना चाहिए, लेकिन पांचवीं अनुसूची को पलान करते हुए विश्वास के साथ विकास की जरूरत है। हमारे चुने हुए प्रतिनिधियों इस ओर ध्यान नहीं देते है।
इतना भी मुर्ख न बने मेरे प्यारे भाई और बहनो 🙏🙏🙏
शानदार Enterweo
नमस्ते विकास भाई भाई जी जो भी बता रहे है उसमे 99 % सच्चाई लग रही ह
पुलिया निर्माण होगा तो ठीक है,तभी तो विकास और सुविधाऐं भी होगी
बेहतरीन 🌹
छोड़ो यार उनको कुछ नहीं चाहिये।।। हमको चाहिये पुल पुलियाँ।।।
विकास होगा तो केवल नेताओ का अधिकारीयोका ओर ठेकेदारों का आदिवासियों का भला नहि होगा देशके दूसरे राज्य मे आके देखो जय झोहार जय आदिवासी गुजरातसे
Ye लोग खुद अपना विकास नहीं चाहते तो कहा से होगा । पुल सड़क बनने ही नहीं देते । इन लोग खुद नहीं चाहते कि हमारा विकास हो ।पुल सड़क बनेगा तभी तो आप लोगो को सुविधाएं उपलब्ध होगी । हम भी तो आदिवासी है । हम भी जंगलों में निवास करते h । Fir bhi हमारे गांव में तो पुल भी बन गया और सड़क भी बन गया है ।हम खुद सरकार से लड़ाई लड़े की हमारे गांव में सड़क बने पुल बने । हमको आने जाने में दिक्कत होती है । और बन भी गया । फोर्स वाले भी समझदार h । Hmare गांव से भी 2 km dur pe कैम्प h । पर उन लोग तो अत्याचार नहीं करते ।
Belnaar ja ke aaya hu 1week pahle... Bahut Sundar Gao hai... Log bhi bahut Simple aur Saral hain.
दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है।
Tiwari ji kripya kr ke ek mudda or uthaye jo 1000 student ki berojgari se juda h vacancy ka saal bhar se na anaa
छत्तीसगढ़ शासन अपने तरफ से बहुत अच्छा कार्य कर रही है लेकिन दिक्कत यह है वँहा की पुलिस इन भाइयों से सही से बात नही कर रही है हमेशा इन्हे नीच समझा जाता है।
पुलिस को इनके प्रति व्यहवार सही करने की अलग से ट्रेनिंग की जरूरत है ।
सही कहा आपने
Baabu, Dhyan se dekho iss interview ko kaise frontline Warrier jisme 4 log include hai Scripted Lecture diye jaa rahe hai, Baato me koi jabardasti bulwa raha hai inse ye bechare inko bhi pata hai
Nice bhaiya ji
राम राम तिवारी भैया जी बहुत बढ़िया
Bhut badya
यह आदिवासी शिक्षा के अभाव में कुछ भी करने को तैयार है यही कारण है कि बस्तर का विकास हाथ अलग ढंग का नहीं हो 🙏
Pool Sadak Banegi tabhi to gaon ke Vikas Hogi Sar Pool Puliya banne dijiye
Sir Inka kahna h ki force' wale electronic माध्यम से अश्लील हरकते करते
तो फिर पूरे बस्तर संभाग में फोर्स की आवश्यकता नहीं है
I request to cg govt. for all force remove from bastar division 📍
मैं भी एक गांव मर्दापाल लखापुर (जो पिछले कुछ साल से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गिनती होती थीं) रहने वाला 21 साल का छात्र हूं और गांव वाले की परेशानी समझ सकता हु । लेकीन इस तरह फोर्स वाले को बदनाम नहीं करना चाहिए , हालाकि कुछ होते जो पूरे फोर्स को बदनाम करते है उनके खिलाफ़ कार्यवाही भी होती है ।
लेकिन ये इलेक्ट्रॉनिक (ड्रोन) माध्यम से अश्लील हरकते इसे मानना संभव नहीं
दादा जिस जगह घटना या रिपोर्टिंग कर रहे है उस जगह की लोकेशन जरूर डाले तो हम मेप मे उस जगह को समझ और जन सके, और समस्याओं के होने की वजह को खोज सके।
थाम्सप जरूर कर दे की हम समझ जाये की आप ने मेरा मसेज देख लिया है।
यह सब मजबूर है । कारण आप सब जानते है । अगर पुलिया नही बन पाती है तो ।समझ जाओ की पुलिस इन्हे समझाने मे नाकामी साबित होगी ।
सर नमस्ते बहुत अच्छा वीडियो बनाये हो
ऐकत दिन हमको भी ऐसा जगह मे ले चलो
Ye log sahi keh rhe hai
असल मे आने जाने के लिए सुविधा तो होगा लेकिन प्रकृति का भारी मात्र मे नुकसान और दोहन भी होगा
Markam भाई जरा विरोध करने वाले भाइयों की स्थिति bhi देखिए, सड़क जैसी बुनियादी सुविधा के अभाव में इनको कितनी समस्या होती होगी, लेकिन naxaliyon के दबाव में और उनके डर के कारण ये विरोध करने को मजबूर हैं! इनको ये समझना चाहिए कि ये उनकी बेहतरी के लिए है
इसलिए शिक्षा जरूरी है।।
भैया आप भी समझे हो ....और भगवान की कृपा से मैं भी समझ गया ...👍 बस बस्तर वासियों को समझने की जरूरत है ...🙏
बहुत ही अच्छा है सर। सर इंद्रावती नेशनल पार्क बीजापुर तहसील भोपालपटनम sandra क्षेत्र का भी कवरेज कीजिए।
एक बार आगमन होना चाहिए
Jai johar
❤
Development hona chahi
वीडियो देख कर जमीनी हकीकत का अंदाजा नही लगाया जा सकता
Adivasi ko cahiye unki parampara
Aur govt. Ko cahiye development
But dono ka solution kyu nhi ho Raha hei meeting ke zariye se ,,... 👏
रिपोर्टिंग बेस्ट
Sarkari kam mein koi Vada nahin hona chahie kintu aadivasiyon ko Vishwas mein Lena bahut jaruri hai duty per tainat karmchari sena ke Jawan sunapan ka fayda uthakar UN per atyachar na Karen iski Puri nigrani honi chahie
Bahut dukh huaa 😌😌😌😌
Bhole bhale aadiwasi logo ka tark unke hisaab se bilkul sahi hai, jab shahro me rahne wale logo se aate jaate pucha jaaye tb unhe is baat ka pata chalega
बहुत अच्छा न्यूज
Maa dantevri ki kripa se sab acha ho
Mere andaj me ye dharna kisi ke dabav ho rha hai sayd sir
Patta ki bat hy jal gye karke to sarkari ricord me to hoga na sadak nirman me agar kisi ka jamin aajata hy to us jamin ke malik ko sarkar se pyesaa mangna ni padta sarkar list nikal ke khud pyese deti hy
Sabhi log bahut achhe h inka to bs istemal kr rhe h koi dusre log bachav manch k nam se
Sath hi kuch bde log inka galat tarike se shoshn kr rhe h mujhe lgta h ye sb system ko sudharne ki jarurat h in hamare desh k pyare prakriti rakshak logo ko vishvas me lena chahiye
Mor nam ji Sachin Puri Goswami siltara Raipur Chhattisgarh State Lal salam chhatisgarh tiger
Villagers should be issued ID card by the concerned Authorities for their hassle free movement .
It is observed that there is trust deficit among locals and government Authorities , it should be addressed immediately . And locals should be involved in development works in the area.
Some of the apprehension of locals genuine, such as , non availability of land records which will create problems while distribution of land compensation .
Sir inki main problem ye hai agar area mai vikas ho gya to ek bda shashak varg inki zmeen chheen lega aur inko naxali samajhkar heen bhawna ka samna krna pdega aur government inki income ke jo main shrot hai vo hthya liye jayege bs ek dar baith gya hai inke dilo dimag mai
Zameen khone ka bhi dar hai inko
Inko bs pyar se smjhane ki jrurat hai aur suraksha ki gurantee dene ke saath saath inke mind jo dar hai us dar ko.nikalne ki jrurat hai
Bhaiya plzz kal ke balidan diwas ko cover kijiye 🙏
Jai हिंद
तिवारी सर कभी बात करूंगा आपसे मैं
जी
ये लडका बिलकुल सहि बोल रहा है जय झोहार जय आदिवासी
Naxal ki dabao me hai gaon Wale,
Kisi ke darr me h ye tabhi virodh kar rahe h
Varna andar se ye bhi log khus h
Bai bahut jagah jangal ka bich mai sa sadak bani hai sab kush thik hai ek thraf vikas ki baat karta ho our dusri taraf sadak nahin banane deta
Gown m hospital bana do kahi jane ka jarut nhi hoga road ka v nhi
Adiwashi to dono jagah se pareshan hai police ur naxli
अरे मैं भी भैरमगढ़ में ही पढ़ा हुं यार मैं तो सन् 2020 में 12वीं पास किया हू
Bastar talkies velogger wikastiwari super duper
In logo ko khud hi pata ni kyo andolan kar rahe hy samjh hi ni hy inhen jo sikhaya hy ratta karaya gya hy obhi thik se ni bol pa rahe hy
Agr aisa virodh hote rhega to baster me vikas ki bat kaise kr skte hai...
Logo ko smjhna pdega ki jarurt ki chijo ko pane ke liye vikas phuchne ke liye virodh krna thik nhi hai..
Aur bad me bola jayega ki baster me vikas nhi ho Raha hai
Ye log ko chhod do usi halt me rasan pani sb bnd krdo
Jb pul puliya rod chahiye nhi taki mnmani trike se jangal ko ujad ske
Sb jagah ek kanun hona chahiye ye log alg thodi hai agr hai to edhr ka tax paisa waha mt kharcha
Tiwari Sir .
App ko kyaa laga rahe
In logon ka andulan kabi niyay milega ki nahi milega.sarkar ko virodh karahe
Kya hoga Abhi
Naxel camp mai generoter hota hai .
यह नेता कोई बरगलाया जा रहा है
The villagers are directly or indirectly supporter of the Naxalis....the Naxalis guided the villagers for their own protection.
Not all villagers are naxalis
But all naxalis are villagers
Sab ka jad sikhya ki kami hai
Sir aap hi kyo na sarkar se baat karte Maovadi jal jangal jamin ki raksha kar rahe hai to sarkar ko gramin ke liy sochna chaiye
Ato sir dusare ke vhasa bol rahe he Sir
Ye log ke upar naksali ka dabaav hai isiliye ye log unke dar se aisa kar rhe hai