Udi udi/ Navratri special /mahira khan,shahrukan khan/

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  • Опубліковано 10 жов 2024
  • Udi udi/ Navratri special /mahira khan,shahrukan khan/ @udi_ud
    *उड़ी उड़ी जाए (नवरात्रि स्पेशल)*
    (इंट्रो म्यूजिक)
    *(कविता)*
    जब माँ की कृपा बरसे,
    धरा पे छा जाए रंग,
    गरबा की थापों में,
    बज उठे हर दिल के संग।
    *(कंटेंट)*
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    गरबा में झूमे हर इक रंग।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    डांडिया संग नाचे ये अंबर।
    (धुन)
    *(मुखड़ा)*
    रंग बिरंगे लेहरिया,
    माँ दुर्गा के चरणों में,
    हर दिल में उमंग सी छाई,
    झूमे झूमे नवरातों में।
    ऊँचे नील गगन पे देखो,
    जगमग करती आस जगी।
    माँ की भक्ति, माँ की शक्ति,
    धरती पर आशीष बही।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    गरबा में झूमे हर इक रंग।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    डांडिया संग नाचे ये अंबर।
    *(अंतरा 1)*
    रास रचाए रास गरबा,
    जगमग-सी ज्योति हर दिल में।
    धुन उठे माँ की महिमा में,
    हम सजे हैं माँ के रंग में।
    ओ माँ! शक्ति दे, ममता की ज्योति से भर दे।
    हर दिल की अंधेरी रातों को,
    सपनों के चिराग से कर दे रोशन।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    गरबा में झूमे हर इक रंग।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    डांडिया संग नाचे ये अंबर।
    *(अंतरा 2)*
    तू ही तो हैं माँ, जग की आशा,
    तेरे चरणों में हर खुशी समाई।
    तेरी मूरत देख के हम,
    मधुर जीवन की राह पाए।
    गरबा में नाचे हर इक दिल,
    तेरी भक्ति में हर कोई खो जाए।
    सजधज के हम आए हैं माँ,
    तेरे नाम की ज्योत जलाए।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    गरबा में झूमे हर इक रंग।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    डांडिया संग नाचे ये अंबर।
    *(कविता समाप्ति)*
    माँ दुर्गा का आशीर्वाद,
    हर घर में आए, हर मन मुस्काए,
    नवरात्रि की इस जगमग में,
    हर दिल माँ से जुड़ जाए।
    (संगीत समाप्ति)
    For a Navratri special song in Hindi based on "Udi Udi Jaye" that lasts around 4 minutes, here's a creative rendition. The lyrics incorporate the festive spirit of Navratri, invoking the joy of garba, dandiya, and devotion to Goddess Durga. The rhythm and flow can match the original song’s vibe but celebrate the essence of Navratri.
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    *उड़ी उड़ी जाए (नवरात्रि स्पेशल)*
    (इंट्रो म्यूजिक)
    *(कविता)*
    जब माँ की कृपा बरसे,
    धरा पे छा जाए रंग,
    गरबा की थापों में,
    बज उठे हर दिल के संग।
    *(कंटेंट)*
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    गरबा में झूमे हर इक रंग।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    डांडिया संग नाचे ये अंबर।
    (धुन)
    *(मुखड़ा)*
    रंग बिरंगे लेहरिया,
    माँ दुर्गा के चरणों में,
    हर दिल में उमंग सी छाई,
    झूमे झूमे नवरातों में।
    ऊँचे नील गगन पे देखो,
    जगमग करती आस जगी।
    माँ की भक्ति, माँ की शक्ति,
    धरती पर आशीष बही।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    गरबा में झूमे हर इक रंग।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    डांडिया संग नाचे ये अंबर।
    *(अंतरा 1)*
    रास रचाए रास गरबा,
    जगमग-सी ज्योति हर दिल में।
    धुन उठे माँ की महिमा में,
    हम सजे हैं माँ के रंग में।
    ओ माँ! शक्ति दे, ममता की ज्योति से भर दे।
    हर दिल की अंधेरी रातों को,
    सपनों के चिराग से कर दे रोशन।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    गरबा में झूमे हर इक रंग।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    डांडिया संग नाचे ये अंबर।
    *(अंतरा 2)*
    तू ही तो हैं माँ, जग की आशा,
    तेरे चरणों में हर खुशी समाई।
    तेरी मूरत देख के हम,
    मधुर जीवन की राह पाए।
    गरबा में नाचे हर इक दिल,
    तेरी भक्ति में हर कोई खो जाए।
    सजधज के हम आए हैं माँ,
    तेरे नाम की ज्योत जलाए।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    गरबा में झूमे हर इक रंग।
    उड़ी उड़ी जाए, दिल की पतंग,
    डांडिया संग नाचे ये अंबर।
    *(कविता समाप्ति)*
    माँ दुर्गा का आशीर्वाद,
    हर घर में आए, हर मन मुस्काए,
    नवरात्रि की इस जगमग में,
    हर दिल माँ से जुड़ जाए।
    (संगीत समाप्ति)
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    #Navratri_special
    #mahira_khan,shahrukan khan/
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