तोले न आवे एक ने मुख श्रीकृष्ण कहनत। 14 भवन ते जीतयो धन धन ए कुलवंत।। क्या 14 भवन में ब्रह्म सृष्टि यो से बड़ा कोई हो सकता है? इसलिए किशन नामभीराज जी का है। राधे-राधे करने से गोलोक धाम ही प्राप्त होगा। क्योंकि परमधाम में राधे नहीं है। श्यामा जी हैं।
तीन श्री कृष्ण जी। कृष्ण रुक्मणी विष्णु लक्ष्मी वैकुंठनाथ हैं दूसरे श्री कृष्ण ने राधा गोलोक धाम। तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा 25 पक्ष मूल मिलावा परम धाम। श्री महेश्वर तंत्र।। परम धाम के बारे में कहीं भी सिंहासन पर श्री कृष्ण राधे नहीं आया। क्योंकि श्री कृष्ण राधा गोलोक धाम में अखंड है। परमधाम में श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा मूल मिलावा सिंहासन पर विराजमान हैं।
छोटी मत बड़ी मत प्रकाश ग्रंथ में वर्णन है। जो मोह माया में फंसा पड़ा है छोटी मत है। जो कृष्ण तत्व को जानकर उस से प्रेम करता है वह बड़ी मत का मालिक है। कृष्ण तत्व का मतलब तीन श्री कृष्ण जी के भेद को जाना ना।
🙏🙏❤🙏🙏💐
Raj Shyama ji k charno m koti koti parem parnam 🌷🌷🍁🍁🙏🙏🙏🙏🙏
Prem pranam ji🙏 💐🌹🙏
🌹🙏🌹shri swami ji ke noori charnkamlome kotikoti prem pranamji
❤parnam ji❤
Pranamji🙏
❤❤❤ pranam ji ❤❤❤
🙏सप्रेम प्रणामजी🙏
🎉❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹
🌹 प्रेम प्रणामजी 🌹
Pranamji
Prem pranam ji
Babbli sharma prem pranam ji
महामति श्री प्राणनाथ प्यारे की जय
सप्रेम प्रणाम जी।
तोले न आवे एक ने मुख श्रीकृष्ण कहनत। 14 भवन ते जीतयो धन धन ए कुलवंत।।
क्या 14 भवन में ब्रह्म सृष्टि यो से बड़ा कोई हो सकता है? इसलिए किशन नामभीराज जी का है।
राधे-राधे करने से गोलोक धाम ही प्राप्त होगा। क्योंकि परमधाम में राधे नहीं है। श्यामा जी हैं।
तीन श्री कृष्ण जी।
कृष्ण रुक्मणी विष्णु लक्ष्मी वैकुंठनाथ हैं
दूसरे श्री कृष्ण ने राधा गोलोक धाम।
तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा 25 पक्ष मूल मिलावा परम धाम। श्री महेश्वर तंत्र।।
परम धाम के बारे में कहीं भी सिंहासन पर श्री कृष्ण राधे नहीं आया। क्योंकि श्री कृष्ण राधा गोलोक धाम में अखंड है। परमधाम में श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा मूल मिलावा सिंहासन पर विराजमान हैं।
Pranam ji
छोटी मत बड़ी मत प्रकाश ग्रंथ में वर्णन है।
जो मोह माया में फंसा पड़ा है छोटी मत है।
जो कृष्ण तत्व को जानकर उस से प्रेम करता है वह बड़ी मत का मालिक है। कृष्ण तत्व का मतलब तीन श्री कृष्ण जी के भेद को जाना ना।
Pranamji 🌷 🙏 🌷 🙏 🌷