Sab beteyan aise nahi hoti Jab usko pareshan karte hai tab samaj nahi aataa uske paas uska dukh dur karne me....or wo suside karle us se achha to alag he hona uchet hota hai ... Bahu agar sahte hai to sirf apne bachon or samaj ke leye he sahte hai .....or maa baap ki ejjat ke leye lekin jab sahte sahte sabr ka bandh Tut jaaye to wo es duniya se chali jaate hai ... Guru ji main aapki baat se sahmat nahi hun
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है: 1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी। 2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है। 3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है। 4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है। 6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है। 7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं। 8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
Right jiske sath hota usi ko pta he wo subke bare me soch soch kr khudke bare me sochna hi bhul jati he ese hi khtm ho jati he usko koi nhi samjhta jbtk jrurt hoti he tb tk bus fir 😢
Bhut dukh hua aisa dekhkrr... Ek din un ldkiyo ki zindagi zii kr dekhiye... Jo sbko khush krne k chakker me roj apni bali deti h... Phier bhi wo kharab h... "जाके पैर न फटी बिवाई सो का जाने पीर पराई"
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है: 1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी। 2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है। 3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है। 4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है। 6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है। 7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं। 8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है: 1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी। 2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है। 3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है। 4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है। 6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है। 7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं। 8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
Bahu ko bahu hi samjha jay to achchha hai kyoki bahu ko yadi beti samjhenge to bahu ko bhi paraya karna padhega jis tarah beti ko parai samjha jata hai . Betiyo ko bhi ma bap ke ghar me koi man samman nahi milta , kyoki use vivah ke bad doosre ke ghar jana hai , isi prakar bahu bhi doosre ke ghar se aai hai use kaise man samman diya ja sakta hai. Aakhir beti- bahu ki sthiti ak si hi hoti hai. Man samman to sirf beta ke liye hai . Beti -bahu ke liye nahi.
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है: 1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी। 2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है। 3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है। 4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है। 6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है। 7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं। 8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
Aise logo k karan society mai problem hote hai.... Logo aise baba logo ko blindly follow karte hai.... N baad mai aise baba jail mai dikhi dete hai.... Girls aise logo ko kabhi mat suuna.... Jo human apni tone... Apni baat pyaar se aaram sr nahi rakh shakta.... Uski baat kya suuni???
Ye khud ak mard h, definitely mard jaat ko hi support krega, ye orato ko bta rha h ki mard ka ghr or uska sath kbi ni chhodna, kyuki ye khud ak mard h,........... Isiliye asa bol rha h.............. Isme isi ka fayeda h hmara nahi girls.......... Isiliye kisi bi mard ki bt ko follow ni krna kbi
Sach toh ye hai koi bhi ladki khud ka behaviour badalna hi nahi chahta bas dusro ko ungli karna hai, arey ek bar guruji ne jo kaha usey karke toh dekho , kosis karoge tabhi toh result milega, aor agar fir v paristhiti na badle fir haq se kehna ki ha main toh sahi hu but baki log galat... isme aurat mard ki baat nahi hai soft behaviour sach me kaam karti hai, but ofcourse aise bohot se ghar hai jaha pati aor uske parivar k log mindless hote hai wo nahi sudharte toh unko 6orna hi behtar hai, but kuch riste aise hai jo bas apne ego and narcissist mindset ki bajah se khatam ho jate hai, aor aaj pati log wife ki tulna me 2guna se bhi jyada suicide kar rahe hai domestic violence ki bajah se kuch toh dikkat ho rahi hai patniyo k behaviour me...
@@Vivekdhar2000 tum bhi thodi kosis to Karo orto ke sath achhe rehne ki tali ek hath se nahi bajti tum ne paise diye kya guruji ko ek tarfa bolne ke liye
गणेश शिव पार्वती जी राधे कृष्णा जी गौ माता जी गुरू भगवान माता पिता जी सच्चे लोगों की मदद रक्षा करते रहिए सही गलत का ज्ञान कराते रहिए और पापियों को खत्म करते रहिए
Bilkul shi Kaha jiske upr bit-ti Hai use hi pta hota h ye sb baate kuch maayne nhi rkhti: Mai aj 11 Saal baad bhi ro rokr bita rhi hu ye baate sunkr gussa bahut aata hai
Jiski saas bahu ko ghar sey nikaal dey aur beti damaad ko ghar jamai bana ley to o bahu kaha jaygi maikey na jay to kisi key sath vaag jay ya socide ker ley mai os chiz ko jhelum rahi hu baba ji humesa ladki hi galat nahi hoti hai jiska pati thik nahi osko kahi ezzat nahi milta hai e baat 100 % sahi hai aap oisi sasuraal waley key barey mey v kuch boley jab pati sahi mil gaya to swarag ban jata hai pati sahi nahi to zindgi narak ban jata hai es chiz ko mai jhelum rahi hu
अब समझा की कई लड़कियां मायके में आकर क्यों आत्महत्या करती है , यही महराज असली पापी है, अपराधी है इन सबका ।मतलब इन महान पुलक सागर वैज्ञानिक मनोवैज्ञानिक धिक्कार है महराज आप पर, जो आप समाज के लोगो को इस लड़की को ताना मारने के लिए प्रेरित कर रहे हो, आप जैसे पापियों की वजह से कई लड़कियां आत्महत्या करती है, शर्म नहीं आती आपको, सिर्फ पति नाम का होने के लिए सिर्फ पति से शरीरी की हवस बुझाने का ही अंदरूनी दिमाग में गंदगी भरी हुई है आप जैसे लोगो के मन में। जरा सोच कर देखो की स्त्री हो या पुरुष यदि उनके बीच प्रेम नही, सम्मान नही, रिश्ता मन से नही माने, तो केवल साथ में रहकर शारीरिक बलात्कार करवाना ही आपके मन में है, लेकिन सीधा सीधा नहीं बोलते, सिर्फ साथ में रही, घुसो एक कमरे में बिस्तर में, ये असली मतलब रहता है इन लोगो का। बिना मन मिले, बिना रिश्ते के तो कोठे में भी वैश्याओ के साथ बियाताय जाता है। जब सबसे पहले प्रेम हो, फिर सम्मान हो, फिर मन से स्वीकार हो, फिर पति पत्नी का नाता मन से माने, उसके बाद ही सास ससुर ननद, सब रिश्ते आते है। पति का रिश्ता बनेगा तभी तो पति के सारे रिश्ते भी अपने होंगे। मैं पुरुष होकर सबसे ये विनती करूंगा की ऐसे मानसिक रोगी की सारी बाते नही मानो। बाबा का कहना है कि लड़की की शादी हुई तो वो ससुराल में मर जाए,और लोग समाज मोहल्ले वाले तो सावधान इंडिया क्राइम पेट्रोल और अश्लीलता देख देखकर दिमाग में यही सब घूमता है।
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है: 1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी। 2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है। 3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है। 4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है। क्यू सी 6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है। 7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं। 8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है: 1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी। 2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है। 3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है। 4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है। 6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है। 7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं। 8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
आप खुद छे महीने तक मौन व्रत धारण कर के देखिए क्योंकि क्या है खुद अनुभव लिए बिना समझ में नहीं आता हम हमेशा दुसरो को बदल ने की कोशिश में रहते याद रखिए हमसे कोई नहीं बदलेगा हमें खुद बदलना होगा तभी संसार में बदल होगा यह आप स्वयं अनुभव करके देखिए किसिके पास जाने की जरूरत नहीं आप खुद अपने अनुभवों से सीख जाओगे
Bahut bahut achchi baat kahi aapne . Pahli baar itni achchi video dekhi . Mun khush ho gaya .
Sab beteyan aise nahi hoti
Jab usko pareshan karte hai tab samaj nahi aataa uske paas uska dukh dur karne me....or wo suside karle us se achha to alag he hona uchet hota hai ... Bahu agar sahte hai to sirf apne bachon or samaj ke leye he sahte hai .....or maa baap ki ejjat ke leye lekin jab sahte sahte sabr ka bandh Tut jaaye to wo es duniya se chali jaate hai ... Guru ji main aapki baat se sahmat nahi hun
Double soch
ये कलयुग की सांस और मां कभी सुधरने वाली नहीं है।
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
Right jiske sath hota usi ko pta he wo subke bare me soch soch kr khudke bare me sochna hi bhul jati he ese hi khtm ho jati he usko koi nhi samjhta jbtk jrurt hoti he tb tk bus fir 😢
Kisika kuch nhi jata.bhabhi or Bhai life kharab ho jati hai.maa baap bhi mar jate dure ki beti fas jati hai.
Bhut dukh hua aisa dekhkrr... Ek din un ldkiyo ki zindagi zii kr dekhiye... Jo sbko khush krne k chakker me roj apni bali deti h... Phier bhi wo kharab h...
"जाके पैर न फटी बिवाई सो का जाने पीर
पराई"
😂😂
यह स्वार्थ सोच हे
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
Exactly
यह वीडियो समझदार लोगों के लिए हे,ना समजे उसके लिए 0है,हमे बोत अछा लगा
Acha jaan de do lekin maa baap ke ghar mt jai wah re mera smaj
Hypocrite hai wo
बहुत ही बढीया सतसंग वचन।
Ye satsang nhi hai nich buddhi hai chugli duniya dari hai aatma prmatma ki bat ho
🙏🙏जय सियाराम जय गौमाता 👏जय गोपाल 🙏🙏साहिब बंदगी साहिब🙏🙏🙏🙏जय सियाराम जय गौमाता 👏जय गोपाल 🙏🙏साहिब बंदगी साहिब🙏🙏🙏🙏जय सियाराम जय गौमाता 👏जय गोपाल 🙏🙏साहिब बंदगी साहिब🙏🙏
Appne bhout acha kha ha
बहुत ही अच्छा कथन है बेटियों के लिऐ सुधारने के लिऐ
Or baki log kya sudhr k hi duniya m aaye h kya?kya insaniyat kuch nhi😢
अति उत्तम
Wah guru ji kya bat hy
Dhnya ho gurudev koti koti naman
Bahut badiya bat kahi gayi hai
Bahut sundar jai ho
Ek dum sach..
गुरु जी आपको शत शत प्रणाम है
Very.GoodGuru.g
Bahut sunder gurudev
Guruji bht sahi bola apne. Salam at raho ap.
Jai humara staya sanatan dharm aur humare guru inki baat koi mane to kuch barbad na ho 🚩🙏
Bhot aacha
बाबा जी आजकल बहुत ही कम मां बाप है जो सही अकल सीखाते है सीधा कहते है ससुराल छोङ के आ जाओ कीतनो के घर उजाङ दीये है
आजकल शादी करके लङकीयां अपने मां बाप का घर भर देती लङको के घर को उजाङ बना देती है 😭मेरी बहु ने भी ऐसा ही कीया है 😭
Kitni glt bat kahi sb esi nhi goti
गुरु जी को प्रणाम 🙏🙏🙏
Betiyo k baare me aisi gandi soch, kabhi jindgi jindgi jike dekho unn orto ki jo sasural walo k torture sahti h
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
Lakho betiya garbh me maar di gayi kai jai dahej ki bali chadh gai tab iss jaise ahinsak mahatmao ke muh se ek shabd bhi nahi nikla
आप के घर में भी दुर्गति हो चुकी है क्या
आप महान है आपकी आज्ञा की पालन करना चाहूंगा!
Bahu ko bahu hi samjha jay to achchha hai kyoki bahu ko yadi beti samjhenge to bahu ko bhi paraya karna padhega jis tarah beti ko parai samjha jata hai . Betiyo ko bhi ma bap ke ghar me koi man samman nahi milta , kyoki use vivah ke bad doosre ke ghar jana hai , isi prakar bahu bhi doosre ke ghar se aai hai use kaise man samman diya ja sakta hai. Aakhir beti- bahu ki sthiti ak si hi hoti hai. Man samman to sirf beta ke liye hai . Beti -bahu ke liye nahi.
Bilkul sahi kaha apne guru g
Vaah guru g g
Very good Bahut hi Acha (Guruji Pranam)
Om shiv hari
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹 कभी किसी का घर ना उजड़ी.. बहुत सुंदर बात कही आपने 👌👌🌹👌🌹
Radhe radhe guruji ye video sunke aacha laga
Right guru ji
Bahut acchi baat hai yah betiyon ko sudharne ke liye Jay Hind Gurudev
Ha apni beti ke sath sath apne beta ko bhi sudhar lijiyega taki apki ghar ki bahu ko koi problem na ho
Guru ji🙏🙏❤
100% correct Muniji,pranam Muniji
Guruji aapne sabki aankhe khol di
Pulak Sagar Ji Maharaj ke Charanon Mein Naman
Namostu Gurudev 🙏
Very good
गजब
जय हो गुरू जी आपने सच कह दिया ।
Jai ho guru ji ki
Aisa maa kaha milti hai kuch log khud hi ghar ujad dete hai 😢😢😢😢
Pura sahmat hun aapki baaton se
Baba ji jo jiye vhi jane jo ghar hi tyag de vo kya gyan baante ghoom rhe h
Sahi he😭🥺🥺🥺🥺
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
Swami ji Akdum Sahi Hai Swami ji ki jai ho
Bhut accha guru ji
Guru ji ke shree charno main koti koti parnam
Very nice 👌 गुरू जी प्रणाम
Abahut achhe🙏🙏🙏🙏
Guru ji aapki baat bilkul Satya hai
Very good sahi baat hi❤
गुरुजी को कोटि कोटि प्रणाम
Guru ji aapki yesi baate sunkar he to bahaut se ladkiya sasural me ja kar susaed kar lati j
buddhe todha soche ke bol takle
Bilkul sahi baat kahi aapne 😥
ये गुरु जादा ही अकाल बंद हैं
तो शादी मत करो
😂😂😂@@trivendragangwar1911
गुरु जी को शत शत नमन
Guru Dev ki Jay
Aise logo k karan society mai problem hote hai.... Logo aise baba logo ko blindly follow karte hai.... N baad mai aise baba jail mai dikhi dete hai....
Girls aise logo ko kabhi mat suuna....
Jo human apni tone... Apni baat pyaar se aaram sr nahi rakh shakta.... Uski baat kya suuni???
Ase baba log unpad hote h, or ye unpad log patriarchy ko hi badhava dte h
Ye khud ak mard h, definitely mard jaat ko hi support krega, ye orato ko bta rha h ki mard ka ghr or uska sath kbi ni chhodna, kyuki ye khud ak mard h,........... Isiliye asa bol rha h.............. Isme isi ka fayeda h hmara nahi girls.......... Isiliye kisi bi mard ki bt ko follow ni krna kbi
Sach toh ye hai koi bhi ladki khud ka behaviour badalna hi nahi chahta bas dusro ko ungli karna hai, arey ek bar guruji ne jo kaha usey karke toh dekho , kosis karoge tabhi toh result milega, aor agar fir v paristhiti na badle fir haq se kehna ki ha main toh sahi hu but baki log galat... isme aurat mard ki baat nahi hai soft behaviour sach me kaam karti hai, but ofcourse aise bohot se ghar hai jaha pati aor uske parivar k log mindless hote hai wo nahi sudharte toh unko 6orna hi behtar hai, but kuch riste aise hai jo bas apne ego and narcissist mindset ki bajah se khatam ho jate hai, aor aaj pati log wife ki tulna me 2guna se bhi jyada suicide kar rahe hai domestic violence ki bajah se kuch toh dikkat ho rahi hai patniyo k behaviour me...
@@Shalini7448anpad nahi hai vo....ek gyani purush hai phle unke samne khde hone ki aukat bana lo fr bat karna....
@@Vivekdhar2000 tum bhi thodi kosis to Karo orto ke sath achhe rehne ki tali ek hath se nahi bajti tum ne paise diye kya guruji ko ek tarfa bolne ke liye
गणेश शिव पार्वती जी राधे कृष्णा जी गौ माता जी गुरू भगवान माता पिता जी सच्चे लोगों की मदद रक्षा करते रहिए सही गलत का ज्ञान कराते रहिए और पापियों को खत्म करते रहिए
Guruji or logo ne jo bhi sikha aapse lekin mai to sirf aapse chalaki se batein krna sikhi Guruji aap mahan ho badi aasani se sabko buddhu bna dete ho
ये बात सही ह भाई आज कानून चलरही ह
Koti koti pranam
Situation koi nhi dekhta sirf apni society m self respect.
Inahi recpect ki wajah se Ghar barbad ho rahe hai
गुरुजी को सादर प्रणाम,,,गुरुजी आपका कहानी ठीक है अच्छा लगा सुनकर ,,,लेकिन थोड़ा आवाज धीमा कर के बताइए और अच्छा लगेगा सुनने वालों को।
Good 😂😂😂😂
@@BRCNepal mool
Bahut. Sundar maharaj ji
मान गए गुरु जी 🙏
Jay ho Maharaj ji
राई टर राकेश कुमार राजपूत मेरा गीत प्यार करने वाले को मेरा सलाम है
jai guru ji
Sasural me koi help na Mile to kya kare majburi me maike me rahna padta hai
होटल में बर्तन मांजना आजादी लगती है और ससुराल में यही काम गुलामी क्या हाल हो रहा है देश का स्वामी जी बहुत अच्छा लगा भगवन् 🙏
Hotel me kam karne se salary milti he sasural me nehi milti
Or ha kisi ki ghar me bartan dhone se accha hotel me dho le
Ar budhe ho Jane k bad kha p jaogi
@@Neehaa1right
@@Neehaa1wahan rehne ko ghr bhi to nhi milega jab tumhara kaam achha nhi lagega to bhaga di jaogi
🙏🙏🌹🌹🌹🙏🙏
Samaj me aeisi soch me har larki mar jati h ya ghut ghut ke jiti h
Bilkul shi Kaha jiske upr bit-ti Hai use hi pta hota h ye sb baate kuch maayne nhi rkhti: Mai aj 11 Saal baad bhi ro rokr bita rhi hu ye baate sunkr gussa bahut aata hai
@@JyotiYadav-qm7jg aapko apne ley khud ladna padta koi nahi aata sath dene
😢😢😢😢
बहुत बहुत सुन्दर👌🙏🙏
Sab bahu bhi kharab nhi hoti maharaj ji
Jai gurudev ji aap mahan ho
Every woman should be self dependent..isi me woska shaan hai.
Bilkul right 👍👍 guru g
Sahi baat hai apki
प्रणाम गुरु जी सत्य वचन
Jy Shri Ram 🙏🌹🪔 Guru devo bhv Radhe Radhe 🙏🌹
Jai ho
🙏🏻🙏🏻
Guruji Prakash ka pransm 🙏🙏🙏🙏🙏
Jiski saas bahu ko ghar sey nikaal dey aur beti damaad ko ghar jamai bana ley to o bahu kaha jaygi maikey na jay to kisi key sath vaag jay ya socide ker ley mai os chiz ko jhelum rahi hu baba ji humesa ladki hi galat nahi hoti hai jiska pati thik nahi osko kahi ezzat nahi milta hai e baat 100 % sahi hai aap oisi sasuraal waley key barey mey v kuch boley jab pati sahi mil gaya to swarag ban jata hai pati sahi nahi to zindgi narak ban jata hai es chiz ko mai jhelum rahi hu
Bilkul shi bole aap I m wid u as I m also feeling
Mai bhi jhel rhi husband aacha ho to sb thik nhi to kuch nhi
@@PujaKumari-ei7of are koi chiz mei sukh nazar hi nhi aata bs rona aata h subh se raat tk
Bahut sundar bahut badhiya hai Bhajan
Bilkul such kaha hai
अभी का लड़की सुसराल से 5 महीने दूर रहा की दूसरे लड़के के साथ भाग जाती है
Om namah Shivay om
गुरू जी श्री चरणों में प्रणाम राधे राधे कृष्णा हरे कृष्णा हरे
अब समझा की कई लड़कियां मायके में आकर क्यों आत्महत्या करती है , यही महराज असली पापी है, अपराधी है इन सबका ।मतलब इन महान पुलक सागर वैज्ञानिक मनोवैज्ञानिक धिक्कार है महराज आप पर, जो आप समाज के लोगो को इस लड़की को ताना मारने के लिए प्रेरित कर रहे हो, आप जैसे पापियों की वजह से कई लड़कियां आत्महत्या करती है, शर्म नहीं आती आपको, सिर्फ पति नाम का होने के लिए सिर्फ पति से शरीरी की हवस बुझाने का ही अंदरूनी दिमाग में गंदगी भरी हुई है आप जैसे लोगो के मन में। जरा सोच कर देखो की स्त्री हो या पुरुष यदि उनके बीच प्रेम नही, सम्मान नही, रिश्ता मन से नही माने, तो केवल साथ में रहकर शारीरिक बलात्कार करवाना ही आपके मन में है, लेकिन सीधा सीधा नहीं बोलते, सिर्फ साथ में रही, घुसो एक कमरे में बिस्तर में, ये असली मतलब रहता है इन लोगो का। बिना मन मिले, बिना रिश्ते के तो कोठे में भी वैश्याओ के साथ बियाताय जाता है। जब सबसे पहले प्रेम हो, फिर सम्मान हो, फिर मन से स्वीकार हो, फिर पति पत्नी का नाता मन से माने, उसके बाद ही सास ससुर ननद, सब रिश्ते आते है। पति का रिश्ता बनेगा तभी तो पति के सारे रिश्ते भी अपने होंगे। मैं पुरुष होकर सबसे ये विनती करूंगा की ऐसे मानसिक रोगी की सारी बाते नही मानो। बाबा का कहना है कि लड़की की शादी हुई तो वो ससुराल में मर जाए,और लोग समाज मोहल्ले वाले तो सावधान इंडिया क्राइम पेट्रोल और अश्लीलता देख देखकर दिमाग में यही सब घूमता है।
सच कहा है
Jai Jai guru dev ji
Aisi soch ke karan he meri didi mari gyi sasural wale ke hath, sadi ke baad sasural he tumhara gher h khker, waha se arthi aayi didi ki😢😢😢😢
Are apko ek ko taklif Hui par ye sab taraf taklif he abhi
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
क्यू
सी
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
😢😢
Oh my god, yhi to ye dukh usi ko samjh mei aata h jiski life Pati sasural walo ne Kharab kr rkhi h
Sabki soch alg alg hoti h aapke hisab se duniya nahi calegi, and har problem Ka solution ek Nani hoto
Shi hai
Har problem ka solution pravachan he
Aap bhi lagta hai myke me ho
आप खुद छे महीने तक मौन व्रत धारण कर के देखिए क्योंकि क्या है खुद अनुभव लिए बिना समझ में नहीं आता हम हमेशा दुसरो को बदल ने की कोशिश में रहते याद रखिए हमसे कोई नहीं बदलेगा हमें खुद बदलना होगा तभी संसार में बदल होगा यह आप स्वयं अनुभव करके देखिए किसिके पास जाने की जरूरत नहीं आप खुद अपने अनुभवों से सीख जाओगे
घगगगग मिलपॉल
Kya baat hai guru ji very good 👍
Great guru g❤❤❤❤❤
Lagta he kisi ladkike susral valo ne paise diye he
Wah kya bat kahi h.mujhe to lgta h guruji k bete ki shadi hogyi hogi or unhone y sb dekha h
Good baba ji
Jaishreeramguruji
प्रणाम गुरु जी
Jay shri krishna radhe radhe