अर्जुन अपने अज्ञान के वशीभूत होकर युद्ध भूमि से विमुख होना चाहता था फिर भगवान ने उचित उपदेश देकर अर्जुन को सही मार्ग दिखाया उन्होंने अर्जुन को बताया कि तुम क्षत्रीय हो और युद्ध करना तुम्हारा कर्तव्य है अगर तुम अपनी इंद्रियों के वशीभूत होकर युद्दभूमि से पलायन करोगे तो यह अधर्म होगा भगवान ने अर्जुन को युद्ध करने के लिए इसीलिए कहा था क्युकी अर्जुन एक महारथी योद्धा था और एक योद्धा के लिए युद्ध करना ही कर्तव्य है और युद्ध से आशय यही है की कर्तव्य पालन करना और गीता में ये बात स्पष्ट वर्णित है की व्यर्थ में किसकी हिंसा करना अधर्म है लेकिन अर्जुन जो युद्ध भूमि में खड़ा था वहा हिंसा की जरूरत थी और अगर युद्ध भूमि में अर्जुन शास्त्र नही धारण करता तो दुर्योधन के वंशज आज भी भारत में राज कर रहे होते इसलिए हर समय केवल अहिंसा की बात करना उचित नहीं महाराज जी की यह बात पूर्णतः गलत है (अहिंसा परमो धर्मः, धर्म हिंसा तथैव च)
मुनि महाराज जी मेरे जीवन में लंबे समय से दुखों ने डेरा डाल रखा है। आशावादी हूं लेकिन अब मेरी आशा भी जवाब दे रही है। कृपया मेरे घर परिवार के लोगो के लिए, मेरे लिए प्रार्थना कीजिए, आसिरवाद दीजिए । आपके श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम।
लोग कहते की युद्ध के विना शांति नहीं हो सकती जैन धर्म कहता कि शांति के लिएं युद्ध रोकना पड़ेगा दुनिया में आज तक ऐसा नहीं हुआ कि युद्ध चलता रहा और शांति हुईं हो
Me, being a PROUD *JAIN* Myself, I must say that: I *Very RESPECTFULLY* have to disagree here, because, *"JAINISM"* does allow violence and war *in DEFENSE,* but, Not in Offence *!* There were times long ago in the past, when Jain Monks became soldiers and fought wars against foreign invaders, who Tried to attack Jain Temples *!!* And, Jain Kings such as; Raja Kumarpal, Raja Kharavel, Raja Chandragupta Maurya, have all fought wars and defeated enemy Kingdoms, who tried to attack our country, and our people !! So, we as TRUE *JAINS,* should Never start a fight / war / conflict from our end, but, if we are being attacked first, then, we as Jain Shraawakhs, and especially Jain Warriors, should fight back and defeat our enemies *!!* *"JAI JINENDRA"* 🙏 *"JAI SIDDHAATMA"* 🙏🕉️🙏 *"MAHAVEER BHAGAVAAN KI JAI"* 🙏🙏🕉️🕉️🙏🙏🕉️🕉️🙏🙏
जय जिनेन्द्र! मुनि भगवंत ने रहस्य बताया संक्षिप्तमे! श्रीमद् भगवद गीताजी और ऐसे अनेक ग्रंध ऐसे ज्ञानी भगवंतो की चरणमे बैठकर समझा जा सकता है। अन्यथा खुद पढ़कर परमार्थ के बदले अर्थका अनर्थ निकालेगा।
किस युग मे धरती पर शांती थी? जब धरती ही शांत नही है तो धरती अहिंसा कहां से पैदा होगी. इसलिए तो कृष्ण को बार बाब धर्म स्थापना के लिए अवतारीत होना पडा फिर भी धर्म की स्थापना नही हुई. आज धर्म स्थापना के लिए युद्ध जारी है. महाभारत का युद्ध धर्म स्थापना के लिए नही लढा गया. धर्म वस्तु का स्वभाव है उसकी क्या स्थापना करना है वह तो शास्वत है. उस के लिए कोही युद्ध करने की अवश्यकता नही. युद्ध के कारण तिन है. धन सत्ता और स्त्री. धरती के किसी धर्म का इतिहास देखो उस धर्म के युद्ध यही तिन कारणो से लढे गये है और कोही चोथा कारण नही है. ब्रह्म पुराण विष्ण पुराण शिवपुराण रामायण महाभारत इन सब मे जो युद्ध हुआ यही तिन कारणो से लढे गये है. इसलिए धरती पर कभी सत्ययुग जन्मा ही नही. क्योकि जब धरती पर मनुष्य पैदा हुआ तत्क्षण धरती पर सत्य का अस्त हुआ. इसलिए तो तीर्थंकरो का निर्वाण धरती के लिए महत्वपूर्ण बन गया.
Gurudev im not Jain but aapka pravchan sare bate touch kr deti.. Me jain dharm me ek ladke ko pasnd krti hu pr hamari shadi asmbhav he.kyu gurudev aaisa?
Vyakti ke apne khud ki aatmonnati ke liye Jain dharm best hai,lekin samuhik roop se dekhe toh Jo hame marna chahe usko marne me koi paap nhi hai,har jagah ahinsha possible nhi...
Maharajsaheb ji 🙏 with respect to u. I think aap atmagynaan ki baat ker rahe hain.. Actually bhagwan neminath ne atmagynaan bhagwan Krishna ko de diya tha. Aur wohi atmagynaan Krishna ne arjun lo diya isliye arjun ne yudh kiya crores ko mata lekin ek bin Bure karma Bandhan nahi hua. Arjun Moksh main gaye.
Acha to geeta me to Krishna ji kehte h ki me hi sarvartra hu dhanurdharo me ram nadiyon me ganga vraksho me vat pitro me aryama tumhare yaha to inme se kisi ko nhi mana jata kuch bhi kahi bhi jod dete ho tum log baudho ki Tarah 😂😂😂😂
Main jaini hi hoon. Aur main agree nahin karta. Ye to hum hinduon ke beech india mein hain isliye hamara dharm surakshit raha warna musalman kabke dar aur talwar ki nok par humein mulla bana chuke hote ya maar chuke hote. Ye hinduon ne hamesha yuddha kiya aur hum bhi surakshit rahe . Isliye please shanti shanti ka ye updesh tabhi lagu hota hai jab dono paksha iske liye raazi hon . Aape hisaab se to nirbhya ke rapists ko maut ki saza nahin deni chahiye thi. Aur jab mughalon ne bharat ko islam dharm apnane ki koshish ki tab humein bhi mulla ban jaana chahuye tha. Main ek jaini ke roop mein geeta ke saar ko maanta hoon jo sirf adharm ke virudh , apne adhikaar ke liye , shanti ke saare maarg band hone ke pashchaat athwa aatmrakshya mein yudh karna sahi hai. Zara afghanistan mein taliban ko thoda sikha ke dikhayen.
guru dev, khoon bahan snatan ko bhi nahi pasand par desh ki raksha k liye bahana pada kashtriyon ko jisse aaj jain, budh, sikh, parsi, yahudi or swayam snatani,. bharat me safe hain, nahi to egypt jaise 20 saal me sab convert ho jata talwar k dr se and aaj na koi jain bacha hota na koi parsi, yahudi, na koi hindu. Parmatma ne hath per karm krne ko hi diye hain, dharm yah isikhata hai ki 100 ki raksha k liye 1 kakhoon bahan pade to woh jaruri hai. ram ram, jai rishabh dev
Maharaj apki baate manavo ke liye thik hai magar samne danav ho aur o shastra dhari ho aur o apko bus mardena chahta o tab kya kare maaf karna maharaj agar aisa hai to phir border pr hamare jawano ke hath me hatiyar nahi rakhna padta
Bhai maharaj maaf kardegay agar koie unko marna bhi chaiye jain muni me itni Samata hoti hai aur kitne logo ne jain muni par Pahara kiya hai parantu unhone musrukar maaf kiya hai aur shirt maharaj nahi thirtankar par bhi Khub upsaarg hoyeee jiske Tum Kalpana bhi nahi kar skate …aur bhai jawan ko Chuth hai unko kam paap lagta bhai kuch bolnese phele jain dharma ko jaan le
Shree bhagwant Geeta me ,..bhagwant sri krishna dharma updesh me apne Priya shishya arjun ko dharma Sandesh me jo batate hai ., vo dharma double mining me tha. Ek to dharm ki raksha , jo dharma se tumhara moksha marg ka khulna ,jo jainio me keval gyan ko prapt karne se pahele, apne karmo ki nirjara karni hot hai., baki bache apne karma ka upsurge jo Jenna hota hai., mahabharat ke yudh me pandvo to , jivit rahe ,...vijahi huhe lekin apane santano ki yudha me veer gati ka vihog ka upsurge jelne ke bad, .....bad me sahyam jivan dikhsha lekar , unhone moksh paya, apna Maha nirvana Kiya., " nirvana" kevalgayan parpti ke paschyat hotahai .bhagvan sri kishna pandvo ka moksha karvaya., jai jinendra ....matthen vandami gurudev 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
N pride of Jainism n Bharat n heart touching hish highness houner n salute n jai krishna the grate
अर्जुन अपने अज्ञान के वशीभूत होकर युद्ध भूमि से विमुख होना चाहता था फिर भगवान ने उचित उपदेश देकर अर्जुन को सही मार्ग दिखाया उन्होंने अर्जुन को बताया कि तुम क्षत्रीय हो और युद्ध करना तुम्हारा कर्तव्य है अगर तुम अपनी इंद्रियों के वशीभूत होकर युद्दभूमि से पलायन करोगे तो यह अधर्म होगा भगवान ने अर्जुन को युद्ध करने के लिए इसीलिए कहा था क्युकी अर्जुन एक महारथी योद्धा था और एक योद्धा के लिए युद्ध करना ही कर्तव्य है और युद्ध से आशय यही है की कर्तव्य पालन करना और गीता में ये बात स्पष्ट वर्णित है की व्यर्थ में किसकी हिंसा करना अधर्म है लेकिन अर्जुन जो युद्ध भूमि में खड़ा था वहा हिंसा की जरूरत थी और अगर युद्ध भूमि में अर्जुन शास्त्र नही धारण करता तो दुर्योधन के वंशज आज भी भारत में राज कर रहे होते इसलिए हर समय केवल अहिंसा की बात करना उचित नहीं महाराज जी की यह बात पूर्णतः गलत है (अहिंसा परमो धर्मः, धर्म हिंसा तथैव च)
Namostu Namostu Namostu Gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
मुनि महाराज जी मेरे जीवन में लंबे समय से दुखों ने डेरा डाल रखा है। आशावादी हूं लेकिन अब मेरी आशा भी जवाब दे रही है। कृपया मेरे घर परिवार के लोगो के लिए, मेरे लिए प्रार्थना कीजिए, आसिरवाद दीजिए । आपके श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम।
नमोस्तु गुरु देव
Wow! It's really amazing! Guruvar aap ka Bhagavad-Gita ka gyan bhi kitna vyapak hai! Namostu Bhagwan 🙏🙏🙏🙏🙏
नमोस्तु गुरुदेव🙏🙏🙏🙏🙏
Kya gajab baat kahi hai "chitt ke kurukshetra me likhi gyi hai"❤
लोग कहते की युद्ध के विना शांति नहीं हो सकती जैन धर्म कहता कि शांति के लिएं युद्ध रोकना पड़ेगा दुनिया में आज तक ऐसा नहीं हुआ कि युद्ध चलता रहा और शांति हुईं हो
Me, being a PROUD *JAIN* Myself, I must say that: I *Very RESPECTFULLY* have to disagree here, because, *"JAINISM"* does allow violence and war *in DEFENSE,* but, Not in Offence *!* There were times long ago in the past, when Jain Monks became soldiers and fought wars against foreign invaders, who Tried to attack Jain Temples *!!* And, Jain Kings such as; Raja Kumarpal, Raja Kharavel, Raja Chandragupta Maurya, have all fought wars and defeated enemy Kingdoms, who tried to attack our country, and our people !! So, we as TRUE *JAINS,* should Never start a fight / war / conflict from our end, but, if we are being attacked first, then, we as Jain Shraawakhs, and especially Jain Warriors, should fight back and defeat our enemies *!!*
*"JAI JINENDRA"* 🙏
*"JAI SIDDHAATMA"* 🙏🕉️🙏
*"MAHAVEER BHAGAVAAN KI JAI"* 🙏🙏🕉️🕉️🙏🙏🕉️🕉️🙏🙏
Bhut sundar
जय जिनेन्द्र!
मुनि भगवंत ने रहस्य बताया संक्षिप्तमे!
श्रीमद् भगवद गीताजी और ऐसे अनेक ग्रंध ऐसे ज्ञानी भगवंतो की चरणमे बैठकर समझा जा सकता है। अन्यथा खुद पढ़कर परमार्थ के बदले अर्थका अनर्थ निकालेगा।
Jai shri muni maharaj ji 🙏
Namostu Namostu Namostu Gurudev Ji 🙏
Namostu gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai baba JI 🙏🌹
Jai Gurudev
युद्ध के बिना शांती स्थापित नही हो सकती।
किस युग मे धरती पर शांती थी? जब धरती ही शांत नही है तो धरती अहिंसा कहां से पैदा होगी. इसलिए तो कृष्ण को बार बाब धर्म स्थापना के लिए अवतारीत होना पडा फिर भी धर्म की स्थापना नही हुई. आज धर्म स्थापना के लिए युद्ध जारी है.
महाभारत का युद्ध धर्म स्थापना के लिए नही लढा गया. धर्म वस्तु का स्वभाव है उसकी क्या स्थापना करना है वह तो शास्वत है. उस के लिए कोही युद्ध करने की अवश्यकता नही. युद्ध के कारण तिन है. धन सत्ता और स्त्री. धरती के किसी धर्म का इतिहास देखो उस धर्म के युद्ध यही तिन कारणो से लढे गये है और कोही चोथा कारण नही है. ब्रह्म पुराण विष्ण पुराण शिवपुराण रामायण महाभारत इन सब मे जो युद्ध हुआ यही तिन कारणो से लढे गये है.
इसलिए धरती पर कभी सत्ययुग जन्मा ही नही. क्योकि जब धरती पर मनुष्य पैदा हुआ तत्क्षण धरती पर सत्य का अस्त हुआ. इसलिए तो तीर्थंकरो का निर्वाण धरती के लिए महत्वपूर्ण बन गया.
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरु देव 🙏🙏🙏
Gurudev im not Jain but aapka pravchan sare bate touch kr deti.. Me jain dharm me ek ladke ko pasnd krti hu pr hamari shadi asmbhav he.kyu gurudev aaisa?
Ab kya aapki shaadi ho gyi?
Jai sree ram
Namoastu gurudevji
namostu gurudev
Jay shree ram...
येषांखलुभरतश्रेष्टभारत:
महाराज जी कुछ समय ही हुआ है कलियुग को सुरू हुए जो हाल है आपको भी पता है आनें वाले समय में क्या होगा इसका भी ज्ञात होगा आपको
Vyakti ke apne khud ki aatmonnati ke liye Jain dharm best hai,lekin samuhik roop se dekhe toh Jo hame marna chahe usko marne me koi paap nhi hai,har jagah ahinsha possible nhi...
Sir koi insan jab mujhe Marne aae to kya tab bhi me usse nhi yudh karu tab to khud ko bachane ke liye ladna hoga
🙏
आतंकी संगठनों का प्रतिकार न करे सेना ?? धर्म वही है जो सत्य हो सनातन हो और हर परिस्थिति काल में उपयोगी हो. अहिंसा परमो धर्म धर्म हिंसा तदेवच.
Maharajsaheb ji 🙏 with respect to u. I think aap atmagynaan ki baat ker rahe hain..
Actually bhagwan neminath ne atmagynaan bhagwan Krishna ko de diya tha. Aur wohi atmagynaan Krishna ne arjun lo diya isliye arjun ne yudh kiya crores ko mata lekin ek bin Bure karma Bandhan nahi hua. Arjun Moksh main gaye.
Acha to geeta me to Krishna ji kehte h ki me hi sarvartra hu dhanurdharo me ram nadiyon me ganga vraksho me vat pitro me aryama tumhare yaha to inme se kisi ko nhi mana jata kuch bhi kahi bhi jod dete ho tum log baudho ki Tarah 😂😂😂😂
🙏🙏🙏
Jai jinshashan jai mahaveer ❤️🙏
Dharm k khatir agr ladna pade to ladna padega jain muni,, abb santi ko tabhi la payenge jab ap usko protect karneke leavii tayar honge
Mujhe lagta hai Hinsha prakruti ka ek atut aang hai... isko Maan na chaiye..
Animsha paramo dharma.
Dharmo hinsha tathevacha..
I love Jainism
Agar koi desh hamare desh pr hamle karde tu fir Hume Jain dharam ke hisab se kya karna chaiye
गीता और जैन समुदाय में जमीन आसमान का फ़र्क है महावीर स्वामी करूणा दया प्रेम ज्ञान विज्ञान आत्मानुभूति का धर्म है
Main jaini hi hoon. Aur main agree nahin karta. Ye to hum hinduon ke beech india mein hain isliye hamara dharm surakshit raha warna musalman kabke dar aur talwar ki nok par humein mulla bana chuke hote ya maar chuke hote. Ye hinduon ne hamesha yuddha kiya aur hum bhi surakshit rahe . Isliye please shanti shanti ka ye updesh tabhi lagu hota hai jab dono paksha iske liye raazi hon . Aape hisaab se to nirbhya ke rapists ko maut ki saza nahin deni chahiye thi. Aur jab mughalon ne bharat ko islam dharm apnane ki koshish ki tab humein bhi mulla ban jaana chahuye tha.
Main ek jaini ke roop mein geeta ke saar ko maanta hoon jo sirf adharm ke virudh , apne adhikaar ke liye , shanti ke saare maarg band hone ke pashchaat athwa aatmrakshya mein yudh karna sahi hai.
Zara afghanistan mein taliban ko thoda sikha ke dikhayen.
guru dev, khoon bahan snatan ko bhi nahi pasand par desh ki raksha k liye bahana pada kashtriyon ko jisse aaj jain, budh, sikh, parsi, yahudi or swayam snatani,. bharat me safe hain, nahi to egypt jaise 20 saal me sab convert ho jata talwar k dr se and aaj na koi jain bacha hota na koi parsi, yahudi, na koi hindu. Parmatma ne hath per karm krne ko hi diye hain, dharm yah isikhata hai ki 100 ki raksha k liye 1 kakhoon bahan pade to woh jaruri hai. ram ram, jai rishabh dev
Radha krishna
Good
Maharaj apki baate manavo ke liye thik hai magar samne danav ho aur o shastra dhari ho aur o apko bus mardena chahta o tab kya kare maaf karna maharaj agar aisa hai to phir border pr hamare jawano ke hath me hatiyar nahi rakhna padta
Bhai maharaj maaf kardegay agar koie unko marna bhi chaiye jain muni me itni Samata hoti hai aur kitne logo ne jain muni par Pahara kiya hai parantu unhone musrukar maaf kiya hai aur shirt maharaj nahi thirtankar par bhi Khub upsaarg hoyeee jiske Tum Kalpana bhi nahi kar skate …aur bhai jawan ko Chuth hai unko kam paap lagta bhai kuch bolnese phele jain dharma ko jaan le
@@samyakjain4044isiliye tum log minority me aagy ho 😂😂
Jain>Hindus
Bharat bhumi par dharm janme aur bahar mahjab Bane
1400 sal gulam rahe hai ladae to ladni padti hai mahraj ji
Shree bhagwant Geeta me ,..bhagwant sri krishna dharma updesh me apne Priya shishya arjun ko dharma Sandesh me jo batate hai ., vo dharma double mining me tha. Ek to dharm ki raksha , jo dharma se tumhara moksha marg ka khulna ,jo jainio me keval gyan ko prapt karne se pahele, apne karmo ki nirjara karni hot hai., baki bache apne karma ka upsurge jo Jenna hota hai., mahabharat ke yudh me pandvo to , jivit rahe ,...vijahi huhe lekin apane santano ki yudha me veer gati ka vihog ka upsurge jelne ke bad, .....bad me sahyam jivan dikhsha lekar , unhone moksh paya, apna Maha nirvana Kiya., " nirvana" kevalgayan parpti ke paschyat hotahai .bhagvan sri kishna pandvo ka moksha karvaya., jai jinendra ....matthen vandami gurudev 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Agar Sri krishna pandavo ko moksh bhej sakte hai to khud pa sake ya nahi moksh?
@@priyakavathe3401ishwar moksh prapt nhi krte moksh jeev atma ke liye h parmatma ke liye nhi kuch bhi bakte rehte ho😂😂
Jesus loves you
Krishna loves you
GAUTAM BUDDHA LOVES YOU
Jainism + Buddhism hi sirf Non-violence, Prem, Karuna ki baat krta hai...
Jaina dharma well
Namostu gurudev
🙏🙏🙏