आध्यात्म मतलब खुद को जानना होता है। धर्म और आध्यात्म अलग अलग है। ईश्वर को मानना और पत्थर को पुजना आध्यात्म नहीं है। और मानवीय व्यवहार ही धर्म है सब अंधभक्ति और पाखंड है इससे कभी मोक्ष नहीं मिलता। बाकी विज्ञान का ही चमत्कार हैं।
अंधश्रद्धासे, श्रद्धा और विश्वास किसीपे मत रखिये, चाहे ओ किसी ग्रंथ या किताबमे लिखा हो, चाहे किसी महापंडीत या महाग्यानीकी बाते हो। जबतक अपनी बुद्धी और विग्यान की कसोटीपर खरा न ऊतरे।
अध्यात्म का अर्थ है आत्म का अध्याय खुद को जानना तो इसमें जादू टोना अंधविश्वास नहीं आ सकता अध्यात्म को गहराई से समझने के लिए हमें स्वामी विवेकानंद, बुद्ध, महावीर और greek philosopher को पढ़ना जानना होगा गीता के भाव को समझना होगा और आज के समय के इनका किरदार आचार्य प्रशांत जी अच्छे से निभा रहे है 🙌
Par unaki kuchh kuchh batein samaj me nahi ATI kya ap samaj sakte ho to please mujhe vah kahana kya chahate usaki summary bata dijiye na please because main abhi ek student hu aur unhe jitana samajh ne ki koshish karati hu utana hi fas jati hu to please meri madat kijiye na sir because I am so depressed 😢😢😢😢
देवकी नंदन "रिबेल प्रकाशन पूना" से निकली ओशो की बुक्स /आडियो/वीडियो पढ़ें,सुनें,देखें,लगभग 450हिंदी +425 अंग्रेजी बुक्स में से कुछ बुक नीचे हैं 1 अनहद में बिसराम 2 जीवन ही है प्रभु और न खोजना कहीं 3 ध्यान सूत्र 4 पंडित पुरोहित और राज नेता--मानव आत्मा के शोषक 5 स्वर्ण पाँखी थि जो कभी अब है भिखारी जगत का 6 नए समाज की खोज 7 समाजवाद से सावधान 8 मेरा स्वर्णिम भारत 9 दिया तले अंधेरा 10 प्रेम पंथ ऐसो कठिन 11 एस धम्मो सनंतनो
adhyatma = adhi (adhik) + atma (Self) 😀😀😀 that's it to know more about yourlself to march ahead in life attaining mukti mukti from everything that gives you dukha.. what our rishis have wrote on adhyatma is highly thoughtful practical oriented assessment of human mind Science deals with physicality adhyatma and science are mutually exhaustive yet surprisingly there are many conceptual similarites between advait philosophy and quantum physics ...(maybe co -incidence).. well lets not go there satya in adhyatma is the "one" which is unaffected wrt time, space... so to know more about it one must first read the scriptures what they want to say READ ABOUT IT GO TO SCIENCE GO TOWARDS ADHYATMA Go in the depth to know the highest whenever you talk about something don't scrath the surface , reach the deepest😉😉😉😉
One eye must be always towards the truth told by Buddha. Humanity can sustain without spirituality, But Human progress is impossible without scientific attitude. Brandings Humanity with particular ideologies and spirituality leads to Religion.
मांस खाता है तो मानव राक्षस है.वो क्या जाने भगवान.इसका सूने तो दुनिया बिघड जायेगी.विश्व ज्ञान किसीको नही हो सकता.तो इस श्याम मानव को भी मत सुनो.सिरप गीता ज्ञान सुनो कल्याण होगा.
ठिक आहे अंधश्रद्धा आहे श्रध्दा काय आहे? एखादी गोष्ट वैज्ञानिक पातळीवर सीद्ध नाही झाली( आज) वैज्ञानिक पातळी ही शेवटची? दोन रसायने एकत्र पात्रात करने एक प्रयोग माध्यम शरीरं असणं हे साधना असु शकेल?
हा श्याम मानव बदमाश माणूस आहे. म्हणूनच त्याला डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर यांनी दूर केले. आता सध्या काय तो बोलतोय ते त्यालाच समजत नाही. जगात अध्यात्म वगैरे काही नाही. विज्ञानाची त्याला मान्यता नाही. हा माणूस सध्या त्याच्या पोटासाठी लोकांना बनवतोय. अध्यात्म हा विषय अति महत्त्वाचा असता तर त्यासाठी नोबेल पारितोषिक दिले गेले असते. 😢
✍️मोक्ष प्राप्त कर सकते है ये बात गलत है.कोही भी मनुष्यात्मा को मोक्ष नहीं मिलता है,हा ये सच है के हर मनुष्य आत्मको मुक्ति और जीवनमुक्ति मिलती है और उसका आधार है हर मनुष्य आत्मा का कर्म ✍️ धर्म,जाती ये सब इंसान ने बनाए है और जिसमे बहुत त्रुटिया होने कारण बहुतोमे मतमतांतर है,इसीलिए अनेक धर्म और जातियों का निर्माण हुवा है✍️
Why psychological problem are increasing n young gal's become pregnant. Sir you don't think that science has it's limits. Yet not beyond Bing bong theory n Lord Natraj idol placed at that site. Yet not all aspects of universe are discovered by science.
जगत् मिथ्या!!!! Only death is truth on this earth... It's difficult pill to swallow and people only consider less difficult to understand swallow that is dharma, gos
Are murkhwa sari bewastha adhyatma se hi chala hai jeese alaukik pawar kahate eis jagat me jo bhi moment chal raha ye adhyatmhi chala raha hai wah enarjee alaukik hai jeen dhudha tin paiya gahare pani paith tu murakh duban dara raha kinare baith
आप ज्यादातर स्वयंभू धर्मगुरुओं, बाबाओं आदि के छद्मआचरण का पर्दाफाश करते रहते हैं। अगर कोई ढोंगी है व नकली है तथा वह अपने जाल में भोले-भाले लोगों को फंसाकर अपना छुद्र स्वार्थ सिद्ध कर रहा है, और आपके पास इस बात के पक्के सबूत हैं, तो आप यदि उसकी असलियत सामान्य लोगों की जानकारी में लाकर लोगों को उनके मायाजाल से बचाने का कार्य करते हैं तो वह सराहनीय कार्य है। ऐसा प्रतीत होता है कि आपने अपने जीवन का अधिकांश समय कुछ लोगों की कमियां ढूंढने में ही व्यतीत कर दिया है। अध्यात्म ज्ञान के लिए आपके पास लगता है कि हमेशा समयाभाव रहा होगा। वैसे भी यदि कोई व्यक्ति हमेशा दूसरों की कमियां ही ढूंढने में लगा रहा हो तो आध्यात्मिक ज्ञान से उसकी दूरी बढ़ती ही रहेगी। चाहे कोई भी व्यक्ति हो, जितना वह भौतिक जगत में अपने मन को लगाए रहेगा उतना ही वह आध्यात्मिक क्षेत्र से दूर रहेगा। जितना जितना कोई व्यक्ति भौतिक जगत से अपने मन को हटायेगा उतना ही वह आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश कर पाएगा वह भी तब जबकि वह तत्संबंधी शास्त्रों में वर्णित ज्ञान तथा ब्रह्मनिष्ठ तथा तत्वज्ञ महापुरुष द्वारा बताए गए मार्ग पर मन से अग्रसर हो। एक बात यहां पर और ध्यान देने की है कि उक्त वर्णित ऐसे महापुरुष यानी संत जिसे गुर ( सद्गुरु ) कहा गया है उनकी कृपा के बिना आध्यात्मिक ज्ञान संभव ही नहीं है। पहले तो उनकी कृपा प्राप्ति के लिए प्रयत्न करना पड़ेगा। उसके लिए अपने में शिष्यत्व लाना होगा। गुरु कृपा के पश्चात साधना करनी होगी। फिर न जाने कितने समय पश्चात यहां तक कि कई जन्मों की साधना के बाद ज्ञान यानी आत्मसाक्षात्कार होगा। तब जाके समझ में बात आएगी। फिर वही समझाने का वास्तविक अधिकारी होगा। उसी की कही गई बात सही सही समझ में आ भी पाएगी। वह भी उसकी कृपा होने पर ही। ज्यादा न लिखकर मैं आपसे यही प्रार्थना करता हूं कि जिस विषय की जानकारी न हो उस बारे में अपना मत रखना जरूरी नहीं है। आपने तो वेद, उपनिषद, पुराण, गीता, रामायण आदि आदि ग्रंथ व नारद, वशिष्ठ, विस्वामित्र, भरद्वाज, पाराशर, पतंजलि, जगद्गुरु आदि शंकराचार्य आदि आदि ऋषियों द्वारा वर्णित ज्ञान को गलत साबित करने का कार्य किया है। अंत में यही कहना चाहूंगा कि आपकी उक्त बातों से ऐसे लोग जो पहले से ही भ्रमित हैं वे और भी ज्यादा भ्रमित हो जाएंगे। कृपया अन्यथा न लीजिएगा। धन्यवाद।
King the.. Bhagwan was synonym for king /raja in sanskrit.. All rajas had arti, their fan followers, people who used write poem on their greatness, which was necessary to keep a superiority over the praja and other states (outside his own region). He has to portrait himself superior like God in front of praja to impose his own image in praja brain.. To rule some people this is leadership rule which you will find even in today's life with politicians, so called spiritual leaders.. Etc.. They were simple humana being but kings and had to promote themselves as greatest that's it
Kya dr naresh ki book kasture kundal base jo aatma k bare m batate h,aapkoa matlb h bh b andhvishvas ko bda rhe h?,or kundli jagrn m jo hota h use b aap jhut khenge?
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं, न मन्त्रो न तीर्थो न वेदा न यज्ञः, अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता, चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम
आध्यात्म मतलब खुद को जानना होता है। धर्म और आध्यात्म अलग अलग है।
ईश्वर को मानना और पत्थर को पुजना आध्यात्म नहीं है। और मानवीय व्यवहार ही धर्म है सब अंधभक्ति और पाखंड है इससे कभी मोक्ष नहीं मिलता। बाकी विज्ञान का ही चमत्कार हैं।
अंधश्रद्धासे, श्रद्धा और विश्वास किसीपे मत रखिये, चाहे ओ किसी ग्रंथ या किताबमे लिखा हो, चाहे किसी महापंडीत या महाग्यानीकी बाते हो। जबतक अपनी बुद्धी और विग्यान की कसोटीपर खरा न ऊतरे।
बुद्धि और ज्ञान में इतना ही भेद है बुद्धि छोड़नी पड़ेगी ज्ञान के लिए नहीं तो बुद्धि में अटके रहोगे ओर हाथ कुछ नही लगेगा और चिंता में डूबे हुए मरोगे
@@esylife950जय अंनिस
अनिस
मोक्ष का मतलब किसी विषय वस्तु के प्रति लगाव (मोह ) खत्म हो जाना । किसी वस्तु या व्यक्ति की आसक्ति ना होना ।
वासना हाची भवसागर/ आसक्ती हाची संसार/ज्ञाने त्यासी पावणे पार/हाची मोक्ष//*संत तुकडोजी महाराज*
अध्यात्म का अर्थ है आत्म का अध्याय खुद को जानना तो इसमें जादू टोना अंधविश्वास नहीं आ सकता अध्यात्म को गहराई से समझने के लिए हमें स्वामी विवेकानंद, बुद्ध, महावीर और greek philosopher को पढ़ना जानना होगा गीता के भाव को समझना होगा और आज के समय के इनका किरदार आचार्य प्रशांत जी अच्छे से निभा रहे है 🙌
Par unaki kuchh kuchh batein samaj me nahi ATI kya ap samaj sakte ho to please mujhe vah kahana kya chahate usaki summary bata dijiye na please because main abhi ek student hu aur unhe jitana samajh ne ki koshish karati hu utana hi fas jati hu to please meri madat kijiye na sir because I am so depressed 😢😢😢😢
I fool agree with you 💯 👌
आपके ना रहने पर,,, कैसे होगा ,,ये अंधश्रद्धा का विनाश,, आजकल तो नए नए बाबा लोग और राजनेता इनको बढ़वा दे रहे हैं,, खासकर bjp, rss
अगर अम्बेडकर जी अकेले मनुवाद की नींव हिला सकते थे फिर आजकल का इतना पढ़ालिखा और धनवान दलित क्यों नहीं,,, अंधविश्वास और मनुवाद को ,,,उखाड़ फेंकना चाहता
देवकी नंदन
"रिबेल प्रकाशन पूना" से निकली ओशो की बुक्स /आडियो/वीडियो पढ़ें,सुनें,देखें,लगभग 450हिंदी +425 अंग्रेजी बुक्स में से कुछ बुक नीचे हैं
1 अनहद में बिसराम
2 जीवन ही है प्रभु और न खोजना कहीं
3 ध्यान सूत्र
4 पंडित पुरोहित और राज नेता--मानव आत्मा के शोषक
5 स्वर्ण पाँखी थि जो कभी अब है भिखारी जगत का
6 नए समाज की खोज
7 समाजवाद से सावधान
8 मेरा स्वर्णिम भारत
9 दिया तले अंधेरा
10 प्रेम पंथ ऐसो कठिन
11 एस धम्मो सनंतनो
शानदार प्रस्तुति
सब अध्यात्म सत्य है ये बोलने वाले का अपना तर्क है बस इनकी बुद्धि अभी इसी लायक है जितना समझे है
adhyatma = adhi (adhik) + atma (Self) 😀😀😀
that's it
to know more about yourlself to march ahead in life attaining mukti
mukti from everything that gives you dukha..
what our rishis have wrote on adhyatma is
highly thoughtful practical oriented assessment of human mind
Science deals with physicality
adhyatma and science are mutually exhaustive
yet surprisingly there are many conceptual similarites between
advait philosophy and quantum physics ...(maybe co -incidence).. well lets not go there
satya in adhyatma is the "one" which is unaffected wrt time, space...
so to know more about it
one must first read the scriptures
what they want to say
READ ABOUT IT
GO TO SCIENCE GO TOWARDS ADHYATMA
Go in the depth to know the highest
whenever you talk about something
don't scrath the surface , reach the deepest😉😉😉😉
Nice explanation
One eye must be always towards the truth told by Buddha.
Humanity can sustain without spirituality,
But Human progress is impossible without scientific attitude. Brandings Humanity with particular ideologies and spirituality leads to Religion.
Shyam manav ji right ... Ye batey Logo ko agey aney Waley semey me semej ayegi
Kya p l r (past life regrretion)sahi hai ?
s👍 राईट
मांस खाता है तो मानव राक्षस है.वो क्या जाने भगवान.इसका सूने तो दुनिया बिघड जायेगी.विश्व ज्ञान किसीको नही हो सकता.तो इस श्याम मानव को भी मत सुनो.सिरप गीता ज्ञान सुनो कल्याण होगा.
हार्दिक आभार.
Good not possible, very better video please share and listen 💞
Beautiful sir
Real and right
Sir gajnan maharaj yancha video pahila jara swami samrth yancha var video banva
❤ aatam Gyan win part Sab kam Nepal Karen❤ Ashutosh Maharaj ki Jay
Sir aap zakir naik pe vedio kyu nhi banate.
आप इसके लीये तपस्या करके देखो जिससे अध्यात्म हैं ये साबित कर सके
He is a great person
Sir, what is your explanation for the flag of Jagannath puri temple which flies against wind and other mysteries of that temple
A flag made of cloth (light material) cannot fly against the wind direction. Simple.
Sir, me apla fan ahe. Me apli sagli books wachali ahe.
14:21 13:19
Parlokik vichar mind me kahan se generate hote hai,yeh rahasya kya abhi tak khula hai
मानव सर आप मांस खा रहै यही एक गलत गुन आपमे है
True 😊
Ye khud danav hai
Ye non vegetarian h kya sch m
@@humansinghmarkam312manav danav 😅
मैं भी vegeterian हुं,but non veg खाने के लिए मानव जी ने जो साइंटिफिक तर्क दिए हैं,उससे मैं सहमत हूं
This man is like a half baked bread.
भौतिक सायन्सने इसका ब्रेन वाॅश कर दिया है।
साहब जी, यदि आप अंधश्रद्धा पर बात करते हो, तो श्रद्धा के विषय हेतु आप क्या कहते हो ❓
Mere vichar se to shraddha apne aap par rakhna chahiye our Vishwa bhi our insan ko insaniyat banaye rakhna chahiye manvata hi sabse bada dharam hai
ये छोटी बुद्धि वाला मानव नही दानव है जो सबको भ्रमित कर रहा है लोकप्रिय होने के लिए
शाम मानव सच बोल रहा है.आपकी खुदकी बुध्दी बहोत छोटी है.
Very good
सर मीरा बाई के ऊपर वीडियो बनाये....क्या है वास्तविकता कृपया इस पर एक वीडियो बनाये
पहले अपने खुदकी माई और लुगाई और फिर काम करने वाली बाई की पोल खुल गई तो तुम्हे सच्चाई जान कर कही दिल का दौरा ना पड़ जाए दानव जी
Aadhyatm mtlb aatma ka adhyn .Chuki aatma hoti hi n to aadhyatm word ka koi mtlb n bacha .Achi bate ko morality kh skte h.moral duties . Awareness.etc
Sanatan dharm hi satya hay
Pahle aap ye batao ki mind ki versatility kitne hai.
ठिक आहे अंधश्रद्धा आहे
श्रध्दा काय आहे?
एखादी गोष्ट वैज्ञानिक पातळीवर
सीद्ध नाही झाली( आज)
वैज्ञानिक पातळी ही शेवटची?
दोन रसायने एकत्र पात्रात करने
एक प्रयोग
माध्यम शरीरं असणं हे साधना
असु शकेल?
हा श्याम मानव बदमाश माणूस आहे.
म्हणूनच त्याला डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर यांनी दूर केले.
आता सध्या काय तो बोलतोय ते त्यालाच समजत नाही. जगात अध्यात्म वगैरे काही नाही. विज्ञानाची त्याला मान्यता नाही. हा माणूस सध्या त्याच्या पोटासाठी लोकांना बनवतोय. अध्यात्म हा विषय अति महत्त्वाचा असता तर त्यासाठी नोबेल पारितोषिक दिले गेले असते. 😢
✍️मोक्ष प्राप्त कर सकते है ये बात गलत है.कोही भी मनुष्यात्मा को मोक्ष नहीं मिलता है,हा ये सच है के हर मनुष्य आत्मको मुक्ति और जीवनमुक्ति मिलती है और उसका आधार है हर मनुष्य आत्मा का कर्म ✍️
धर्म,जाती ये सब इंसान ने बनाए है और जिसमे बहुत त्रुटिया होने कारण बहुतोमे मतमतांतर है,इसीलिए अनेक धर्म और जातियों का निर्माण हुवा है✍️
तुझे कैसे पता है लोडू
सर सर्व लोक आपल्या जाती धर्म आणि देवा बदल सांगतात तर खरा देव कोणता
Aap ishe shawal me ulach gaye ho
धन्यवाद सर माझ्या प्रश्नाचे उत्तर दिल्याबद्दल
धर्म और अध्यात्म वही हें ,
जो एक समाज और संसार का
नाता हें l
किताबों में देखकर बोलता है
Kya galat hai usme
Why psychological problem are increasing n young gal's become pregnant. Sir you don't think that science has it's limits. Yet not beyond Bing bong theory n Lord Natraj idol placed at that site. Yet not all aspects of universe are discovered by science.
असं कोणीही म्हणत नाही असं मला वाटतं
To charwark ko he Satya mantey hai 😅😅😅😅😅😅😅 peo,, pilao,,, aur dono ko ludka do
Very true sir
Kahase aate hai ye log😢
Maniyatta moorkho ke neshani
अध्यात्म वगैरह सब झूठ फैलाया गया है और किसी को साक्षात्कार भी नहीं हुआ कभी। ये सब झूठी कहानी है।
Best
ये कौन है ?
सर तुम्ही उच्छेदवादी आहात का?
Gyan to tum me bohot hai . phirbhee tum parammurkh ho aur tang bhee ho. Tumhe shant hone ki aawashyakta hai
Sir 3 अंक बहुत अशुभ मानते हैं कहते तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा इस इस अंधविश्वास खिलाफ वीडियो बनाइए sir ji please
Aap vi osho ki tarha uljhe sabdoo ko bolte ho
ધર્મ અધશ્રધ્ધા છે ?
जगत् मिथ्या!!!! Only death is truth on this earth... It's difficult pill to swallow and people only consider less difficult to understand swallow that is dharma, gos
बरोबर आहे
You are a PYGMI before HINDUISM.PREACH MUSLIMS THEY NEED REFORM
Abe tu he kon ,kuch bhi bakta. He😅😅😅😅
You are not capable of speaking on religion
Better if you do your job which you are doing well
Are murkhwa sari bewastha adhyatma se hi chala hai jeese alaukik pawar kahate eis jagat me jo bhi moment chal raha ye adhyatmhi chala raha hai wah enarjee alaukik hai jeen dhudha tin paiya gahare pani paith tu murakh duban dara raha kinare baith
श्रद्धा को अंधश्रद्धा कहना ये भी अंधश्रद्धा हैं, समाज के सर्व स्वभाव का फायदा उठाना गलत. आपना दूकान के ये लोग कुछ भी कर सकते हैं.
सभी देशों या विशव के विभिन कार्यो में अशुभ अंकों की संख्या अलग अलग है । सभी जानकारी सभीको नहीं है।
आप ज्यादातर स्वयंभू धर्मगुरुओं, बाबाओं आदि के छद्मआचरण का पर्दाफाश करते रहते हैं। अगर कोई ढोंगी है व नकली है तथा वह अपने जाल में भोले-भाले लोगों को फंसाकर अपना छुद्र स्वार्थ सिद्ध कर रहा है, और आपके पास इस बात के पक्के सबूत हैं, तो आप यदि उसकी असलियत सामान्य लोगों की जानकारी में लाकर लोगों को उनके मायाजाल से बचाने का कार्य करते हैं तो वह सराहनीय कार्य है। ऐसा प्रतीत होता है कि आपने अपने जीवन का अधिकांश समय कुछ लोगों की कमियां ढूंढने में ही व्यतीत कर दिया है। अध्यात्म ज्ञान के लिए आपके पास लगता है कि हमेशा समयाभाव रहा होगा। वैसे भी यदि कोई व्यक्ति हमेशा दूसरों की कमियां ही ढूंढने में लगा रहा हो तो आध्यात्मिक ज्ञान से उसकी दूरी बढ़ती ही रहेगी। चाहे कोई भी व्यक्ति हो, जितना वह भौतिक जगत में अपने मन को लगाए रहेगा उतना ही वह आध्यात्मिक क्षेत्र से दूर रहेगा। जितना जितना कोई व्यक्ति भौतिक जगत से अपने मन को हटायेगा उतना ही वह आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश कर पाएगा वह भी तब जबकि वह तत्संबंधी शास्त्रों में वर्णित ज्ञान तथा ब्रह्मनिष्ठ तथा तत्वज्ञ महापुरुष द्वारा बताए गए मार्ग पर मन से अग्रसर हो। एक बात यहां पर और ध्यान देने की है कि उक्त वर्णित ऐसे महापुरुष यानी संत जिसे गुर ( सद्गुरु ) कहा गया है उनकी कृपा के बिना आध्यात्मिक ज्ञान संभव ही नहीं है। पहले तो उनकी कृपा प्राप्ति के लिए प्रयत्न करना पड़ेगा। उसके लिए अपने में शिष्यत्व लाना होगा। गुरु कृपा के पश्चात साधना करनी होगी। फिर न जाने कितने समय पश्चात यहां तक कि कई जन्मों की साधना के बाद ज्ञान यानी आत्मसाक्षात्कार होगा। तब जाके समझ में बात आएगी। फिर वही समझाने का वास्तविक अधिकारी होगा। उसी की कही गई बात सही सही समझ में आ भी पाएगी। वह भी उसकी कृपा होने पर ही। ज्यादा न लिखकर मैं आपसे यही प्रार्थना करता हूं कि जिस विषय की जानकारी न हो उस बारे में अपना मत रखना जरूरी नहीं है। आपने तो वेद, उपनिषद, पुराण, गीता, रामायण आदि आदि ग्रंथ व नारद, वशिष्ठ, विस्वामित्र, भरद्वाज, पाराशर, पतंजलि, जगद्गुरु आदि शंकराचार्य आदि आदि ऋषियों द्वारा वर्णित ज्ञान को गलत साबित करने का कार्य किया है। अंत में यही कहना चाहूंगा कि आपकी उक्त बातों से ऐसे लोग जो पहले से ही भ्रमित हैं वे और भी ज्यादा भ्रमित हो जाएंगे। कृपया अन्यथा न लीजिएगा। धन्यवाद।
सर राम और कृष्ण क्या धरती पर आए थे आए थे तो यह कौन थे क्या यह भगवान थे
King the.. Bhagwan was synonym for king /raja in sanskrit.. All rajas had arti, their fan followers, people who used write poem on their greatness, which was necessary to keep a superiority over the praja and other states (outside his own region). He has to portrait himself superior like God in front of praja to impose his own image in praja brain.. To rule some people this is leadership rule which you will find even in today's life with politicians, so called spiritual leaders.. Etc.. They were simple humana being but kings and had to promote themselves as greatest that's it
Kya dr naresh ki book kasture kundal base jo aatma k bare m batate h,aapkoa matlb h bh b andhvishvas ko bda rhe h?,or kundli jagrn m jo hota h use b aap jhut khenge?
Yes
K̺i̺s̺a̺n̺o̺k̺o̺.̺a̺n̺p̺a̺d̺h̺.̺s̺a̺m̺a̺z̺n̺e̺w̺a̺l̺e̺.̺m̺a̺s̺.̺k̺h̺a̺n̺e̺w̺a̺l̺e̺.̺s̺a̺m̺.̺m̺a̺n̺a̺o̺.̺j̺i̺.̺a̺a̺p̺a̺k̺o̺.̺a̺d̺h̺y̺a̺t̺m̺.̺k̺i̺.̺w̺a̺k̺h̺y̺a̺.̺m̺a̺l̺u̺m̺.̺n̺a̺h̺i̺.̺g̺i̺t̺t̺a̺.̺p̺a̺d̺h̺o̺.̺g̺a̺l̺a̺t̺.̺b̺a̺k̺w̺a̺s̺.̺b̺a̺n̺d̺.̺k̺a̺r̺o̺
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