m.m.p.731धर्मात्मा की पहचान हम कैसे करते हैं

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  • Опубліковано 7 січ 2025

КОМЕНТАРІ •

  • @achalajain7821
    @achalajain7821 4 дні тому +1

    बहुत ही मार्मिक प्रवचन🙏🙏

  • @reenajain6006
    @reenajain6006 5 днів тому +1

    Thank you very very much Dr. VIVEK JI . Aap ke Gyaan ki bahut bahut anumodna . 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 .

  • @pallavishah4691
    @pallavishah4691 4 дні тому +1

    👌🙏🙏🙏

  • @vijayashah8856
    @vijayashah8856 4 дні тому +1

    Jai jinendra dahod

  • @drvinodjain3186
    @drvinodjain3186 5 днів тому +2

    Jai jinendra

  • @raginishah9992
    @raginishah9992 3 дні тому +1

    🙏🙏🙏

  • @sadhanajain7527
    @sadhanajain7527 4 дні тому +1

    Jai jinendra bhai 🙏🙏🙏

  • @ztengaming9626
    @ztengaming9626 4 дні тому +2

    🙏🙏🙏🙏

  • @IconicAnime352
    @IconicAnime352 5 днів тому +1

    सभी परम पावन आत्माओं को सादर अभिवादन जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏

  • @NilamKothari-v6u
    @NilamKothari-v6u День тому

    Jay jinendre Dolly kothari dahod namaste

  • @BaljitSingh084
    @BaljitSingh084 5 днів тому +1

    Sardar Baljit Singh Punjab Jai Jinendra All of you

  • @sanjayjain-xl6ce
    @sanjayjain-xl6ce 4 дні тому

    6 to 30.
    Don't miss it.
    Important ❓
    Excellent explanation with example

  • @shwetajain6933
    @shwetajain6933 5 днів тому +1

    Jai Jinendra 🙏🏼

  • @sadhanajain4513
    @sadhanajain4513 5 днів тому +3

    साधना जैन, अपने स्वयं के विचारों को, व्यक्त करते हुए, विशेष महत्वपूर्ण बातें गुरुजी नेबताई कहां की,, सम्यक दर्शन यदि कठिन होता तो, चारों गतियों में नहींहोता ,, सम्यक दर्शन चारित्र में प्रकट करना कठिन है,, और कहां की,, हम क्या करते हैं,, हमें दर्शन का तो ठिकाना नहीं,, सम्यक की खबर नहीं है,, परिणति में धर्म लाना चाहते हैं,, वह आता नहीं है,, हमसमझ लेते हैं सम्यक दर्शनकठिन है,, गुरुजी कह रहे हैं,, सम्यक दर्शन कठिन होता तो,, क्षण भर में नहीं होता,, चिड़िया को नहीं होता,,😂,, नारकी को नहीं होता,, अंजन चोर को 1 मिनट में सम्यक दर्शन हो गया,, गुरुजी ने कहा,, हमें समझना चाहिए,, सम्यक दर्शन चरित्र की परिणिति में प्रकट करना कठिन है,,🙏🙏🙏

  • @sanjayjain-xl6ce
    @sanjayjain-xl6ce 4 дні тому +1

    श्रद्धा का अर्थ अपनापन

  • @sanjayjain-xl6ce
    @sanjayjain-xl6ce 4 дні тому +1

    उल्टा चलना असंभव है
    सीधा क्यों नहीं चलता
    किसने मना किया है

  • @SurajJain-ed2bv
    @SurajJain-ed2bv 2 дні тому

    ग्रहस्थ तो मात्र भ्रष्ट हैं? क्यों कि साधु संत, बिना त्याग के, पापी और कषाय वाले ही मानते हैं?