खूप छान आणि अतिसुंदर असा संदेश देणारे तुमच्या भाषणातून एक वैभवशाली तोफा मिळाल्यात ऐकायला त्याबद्दल मी मनापासून तुमचं धन्यवाद तुमचं स्वागत करतो जय भीम जय भारत जय बुद्ध नमो बुद्धाय सलाम तुम्हाला मटकी कर साहेब माझा
मी बौद्ध आहे आपले विचार अप्रतिम आहेत मिटकरी सर बेस्ट आपन खरे बोलत आहत मनाने बौद्ध झाले पाहिजे आमचे बौद्ध लोक अजून ही मनाने बौद्ध झाले नाही त्या पेक्षा तुम्ही बरे आहत बाबासाहेब हे फक्त बौद्धाचे च नाहीत सम्पुर्ण देशाचे आहेत कारन बाबासाहेबानी देशावर प्रेम केले ते देश प्रेमी होते आनी आता आमचे बाबा म्हनत आहेत तेच खरे बौद्ध नाहीत बाबासाहेब समजुन घेनारे कौणतेही जाती धर्म समजा तिल मानूस पुढे येऊ शक्तो याला कोनी रोकू शकत नाही जो कोणीय विरुद्ध बोलला तर तोच बौद्ध नाही असे समजावे लागेल 🙏🙏🙏🌹🌹🌹जय भीम जय सविधान जय किसान जय मुल निवासी मिटकरी सर माझा मनापासूण जय भीम आपल्या सम्पुर्ण कार्य कर्त्याला आपन खरच मनाने बौद्धा आहत सर जय भीम namo बुद्धाय 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
भाषणं खुप ऐकले पण असं मुद्देसुद व मन हेलावून टाकणारे प्रबोधनशील भाषण मी कधीच ऐकलं नाही .मा. अमोल मीटकरी साहेबांना खुप खुप धन्यवाद.जयभीम जय शिवराय ,जय संविधान.
अमोल मिटकरी आपण चांगले व्याख्यान करता एवढंच की शाहू फुले आंबेडकर हे महापुरुष आहेत त्यांचे कोणत्याही पक्षात गेले तरी आपण यांना विसरू नका ही चळवळ शाहू-फुले-आंबेडकर पासून सुरुवात झालेली आहे आपण चांगले व्याख्यान केल्याबद्दल तुमचा मी आभारी आहोत पुढील कार्यक्रमासाठी व्याख्यानासाठी तुम्हाला शुभेच्छा
अमोल मिटकारी साहेब तुम्ही आमचे प्रभोदन करत आहे असंच करत जा... तुम्हाला बघून आम्हाला स्फूर्ति भेटते... अणि आम्ही हेच विचार समाजात रुजवण्यासाठी सातत्याने प्रयत्न करत आहोत..... आणि यश सुद्धा मिळवत आहोत..... ^तुमच्या पुढच्या वाटचाली साठी शुभेच्छा^
Hum Mahabali Samrat Asok Mahan Ke Bachhe hai Kisi Maha Nich, Maha Dalit ke kahe Shudra, Achhut, Dalit, Nich jaati ke log nahi hai Gulami ke pahale Sabhi SC ST OBC Buddhist the. Buddhism ke baad Ramayana Mahabharata Krushna Rhrugved Laxmi Ganesha Durga Vishnu likhe Gaye. Sangh Mangal Sadhu Samyak Pandit Dev Devi Bhagwat Sanatan Sabhi Buddhist Pali Bhasha ke words hai. Swastika Kamal ka Phool Haathi Lion Peacock Bull sab Buddhist symbols hai.
OBC बांधवामंध्ये बाबासाहेबा सारखा मार्गदर्शक निर्मान झाला नाही हे दुर्दैव आहे, परंतु वेळ गेली नाही, अमोल दादा तुमच्या प्रयत्नाला यश प्राप्त होईल अशी सदिच्छा.
Babasahebach sarvanchee margadata aahe obc general che pan aani anayatun sc st obc aani sarvya women na mukt karnare muktidata aani tyanchya sanvidhanamule hai bharat ek banu shakle babasaheb bhartache nirmataa aahe bharat kadhe ek desh navta ashok samrat nantar fakt prantha hote babasaheb naste tar aaj bharatat jevde rajya aahe tee sarve barke barke desh aaste kivva jammu kashmir sarkhe special state aaste
बाबा साहेब सर्वाचा आहे. बाबा साहेबांनी या देशात जन्म घेवून विषम परिस्थितीत शिक्षण घेवून , मनात व दिमागत द्वेष न ठेवता सर्वांच्या कल्याणासाठी संवीधान लिहल . म्हणून जो मानवतावादी , भारतवासी आहे त्या सर्वाचा बाबा साहेब आहे. पण, आपण असे समजत नाही म्हणून असे आपले चुकीचे विधान निर्माण झाले. ज्यांनी, ज्यांनी बाबासाहेबाला आपल मानल त्या ब्राम्हणांनी (मनातून मानणारे व त्यांच्या विचारांचा फक्त स्वत: च्या कल्याणासाठी वापर करणारे पण, दुसर्यांना न सांगणारे), एससी, एसटी, ओबीसी, इबीसी, व इतर गैर ब्राम्हीण मनानी व दिमाकाने स्वतंत्र झाले आहेत, आणि आपल्या सारखे विधान बाळगणारे मानसीक गुलामीत राहून दिखावटी, ठगी व भ्रमीत स्वातंत्र्यांत राहतात. ब्राम्हणांना किंवा ब्राम्हणवादी लोकांना (मग तो कोणत्याही वर्गाचा, पंथाचा, जातीचा, धर्माचा असोत). दोष देण्यापेक्षा पक्ष-विपक्ष विचार किंवा चर्चा करून वास्तवीक निर्णय व सोच ठेवने जास्त आवश्यक आहे. असे कृत्यच मानसिक विकास व मानवता- कल्याणकारी आहेत व राहतीत.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म नाहोनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
माझी औकात नाही तुमचं नाव घेण्याची माननीय अमोल दादा कारण मी बौद्ध धर्माचा आहे आणि मला काही च माहिती नाही बौद्ध धर्माची मला खरंच आता समजायला लागलय आणि मला याची खंत व्यक्त करत असतांना मला खूप आदर वाटतो की तुमही ओबीसी असल्यावर सुद्धा तूम्हाला एवढी माहिती आहे बौद्ध धर्माची खरचं तूम्हाला क्रांतीकारी जय भिम जय शिवाजी
निर्भिड वाणीचा , निधड्या छातीचा, कनखर बाण्याचा मरनाला कधीही न घाबरणारा असा लाभला एक स्वातंत्र्य , आणि समतेचा पुरस्करता ज्याचे नाव एक आदर्श भारतीय तरूण वक्ता मा.....अमोलजी मिटकरी साहेब ....... यांना विनम्र अभिवादन..... जूण्या अंधश्रध्दा, थोतांड- लबाड ढोंगी ,भाकड कथा की,ज्याला प्रमाण नाही, .अस्तित्व नाही.... ज्याला शास्त्रीय आधार नाही.. आणि जे कुठेचं सत्य मानवाच्या धर्मात बसत नाही....!!! हे बुध्दिमान विचारप्रणालीने समजले पाहिजे.....जयभिम.....!!! जय जवान.... !! जय किसान...!!! जय भारत.....!!!
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
,अमोल मिटकर साहेब विद्वान् आहे आणि देश एक असावा अशी त्याची भूमिका आहे सत्ये लोकांना सांगते माझ्या मराठा कुनबी बाधवानी तुकडोजी बाबा प्रमाणे अमोल दादाचे प्रवचन आत्मसात करावे,
OBC बांधवामंध्ये बाबासाहेबा सारखा मार्गदर्शक निर्मान झाला नाही हे दुर्दैव आहे, परंतु वेळ गेली नाही, अमोल दादा तुमच्या प्रयत्नाला यश प्राप्त होईल अशी सदिच्छा. JAY BHIM
murkha sarkhe kahi bolu naka ...obc madhe bhagwan buddha mahatma jyotiba fule ..... chhatrapati shivaji maharaj .....chhatrapati shahuji maharaj itke mahapurush ahet ani tumhi kay hi chutiya sarkhe bolta? obc madhe sc loka peksha jast mahapurush zale ......chuk karu naka ....jai shivray jai shahuji jai fuleji jai shri ram jai bhole
@@powerking6379 Buddha Kala made jat dharma navta and smart ashokacha Kalat pan casteism navta ani dharma casteism he 12bc natar kela ahe gela Bharat made brhaman lokani,
Mi OBC aahe aata tumachya Side var yeto fakt Reservation sampavanalya manyata dya ani amachya devancha apaman band kara. Aahe manjur??? Nahi tar rah reservation chi bhik mangat.
जय शिवराय जय संभाजी राजे जय ज्योती जय शाहु जय भिम जय आण्णा भाऊ साठे जय बसवेश्वर जय संत तुकाराम महाराज संत गाडगेबाबा. माता जिजाऊ माता सावित्रीबाई फुले माता रमाई माता अहिल्याबाई होळकर. प्रबुद्ध भारत
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म नाहोनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
अमोल मिटकरी ,जबरदस्त , तूमच्या सारखे तूम्हीच लाखात नाही तर कोटीत एखादा पैदा होतो . अद्वितीय,आष्टपैलू ,नेत्रदीपक,नेत्रत्व म्हणजे अमोल दादा मिटकरी . जयशिवराय जय भिमराय
मिटकरी यांनी धम्म पिठावर बुध्द धम्म संघ सम्राट अशोक विश्वरत्न बाबासाहेब यांच्या वर अधिक प्रखर माहिती दिली . शिवाजी फुले शाहू आम्हा प्रियच म्हणून त्यांच्या विषयी शुदधा धम्म पोठीवर बोलणे समतेचा धागा गुंफण्या सारखेच आहे .
ambedkari vicharch ka? chhatrapati shivrayanche vichar amha obc che mahapurush mahatma Jyotiba fule yanche vichar kay kami ahet? jai obc jai shahuji jai shri ram
Amol dada aap jaise log is bharat bhomi me or or or janam le ye dil se dua hai q ke ye rss vichardhara ke log hamare bharat ko sirf gulam bana rahe hai. Or jo 350-400 saal pahle chatrapati shivaji maharaj ke kalakhnd me jo mohabbat jo imaan pyar hum maratha-muslim bhaiyo me tha oh khatam kar rahe hai.jike liye jo aap avaaj utha rahe ho.oski jitni tarif ki jaye o kam hai aap ko dil se salam aap ke liye dua karte hai allah aap ko lambi umar de hamesha kamiyabi de..or ha ane vali nasle aap ko jarur yaad rakhegi ke ye sacha shivaji maharaaj ka mavla tha jisne samaz ko jodne ka kaam kiya or shivaji maharaaj ki sachi vichardhara ko samaz me bata tha. Or ha is desh me fir se rayat raj aye jo shivaji maharaj ke jamane me tha. Jay hind.Jay shivji.jay bhim.inkalab jindabaad..
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
खूप छान आणि अतिसुंदर असा संदेश देणारे तुमच्या भाषणातून एक वैभवशाली तोफा मिळाल्यात ऐकायला त्याबद्दल मी मनापासून तुमचं धन्यवाद तुमचं स्वागत करतो जय भीम जय भारत जय बुद्ध नमो बुद्धाय सलाम तुम्हाला मटकी कर साहेब माझा
अमोल मिटकरी साहेब यांचभाषण अभ्यासपूर्ण व प्रेरक आहे. या भाषणा पासून
बोध घ्याव असे मुद्दे आहेत. जयभीम साहेब.
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W@@BabaPagare-hx9vv
समाज जागृत करण्याचं काम जे कोणी करू शकतील ते तुम्हीचं साहेब. तुम्हाला मनातून सप्रेम जयभीम
एकदम परखडपणे विचार मांडणारे प्रभावी वक्ते मिटकरी साहेब यांना मनाचा जयभीम
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मी बौद्ध आहे आपले विचार अप्रतिम आहेत मिटकरी सर बेस्ट आपन खरे बोलत आहत मनाने बौद्ध झाले पाहिजे आमचे बौद्ध लोक अजून ही मनाने बौद्ध झाले नाही त्या पेक्षा तुम्ही बरे आहत बाबासाहेब हे फक्त बौद्धाचे च नाहीत सम्पुर्ण देशाचे आहेत कारन बाबासाहेबानी देशावर प्रेम केले ते देश प्रेमी होते आनी आता आमचे बाबा म्हनत आहेत तेच खरे बौद्ध नाहीत बाबासाहेब समजुन घेनारे कौणतेही जाती धर्म समजा तिल मानूस पुढे येऊ शक्तो याला कोनी रोकू शकत नाही जो कोणीय विरुद्ध बोलला तर तोच बौद्ध नाही असे समजावे लागेल 🙏🙏🙏🌹🌹🌹जय भीम जय सविधान जय किसान जय मुल निवासी मिटकरी सर माझा मनापासूण जय भीम आपल्या सम्पुर्ण कार्य कर्त्याला आपन खरच मनाने बौद्धा आहत सर जय भीम namo बुद्धाय 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
खूपच छान सर सर्वाना या गोष्टी समजायला पाहिजे खरंच 👌👌🙏🙏
खरा पुरुषार्थ आहे हा खूप मंगल कामना आपणास उदंड आयुष्य लाभो हीच कामना 🙏💐
साहेब नमो बुध्दाय जयभीम आपण खुप खुप छान speech दिले मी मना पासुन धन्यवाद करतो
भाषणं खुप ऐकले पण असं मुद्देसुद व मन हेलावून टाकणारे प्रबोधनशील भाषण मी कधीच ऐकलं नाही .मा. अमोल मीटकरी साहेबांना खुप खुप धन्यवाद.जयभीम जय शिवराय ,जय संविधान.
Good 💯 saheb Jay bhim Jay Jay mulnivasi
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Share prabodhanatmak mature bhashan, abhinandan mitkari saheb
.
अमोल मिटकरी साहेब खरच तुम्ही खरे बोलणारे हिम्मत दाखवणारा सच्चा माणुस माणसाशी एकमेव निष्ठावंत तुम्हाला मानाचा मुजरा मनपूर्वक धन्यवाद व अभिनंदन ऊदड आयुष्य लाभो जयहिंद जयभिम जयमहाराष्ट्र ✌👌👍⭐🌹
खूप छान बोलता सर बहुजन समाज कब तक एक हो जाएगा मनुवादी मानसिकता के लोगों को कब भगाए
Thank you much...bcz of you
Remove all the misunderstanding in OBC and OPEN categories peoples.......once again thanks..
छान विवेचन केले आहे दादा, जय जिजाऊ जय शिवराय जय शाहू फुले आंबेडकर,
क्रांतिकारी जय भिम जय शंभुराजे जय शिवाजी जय भिम साहेब फारच उत्तम प्रबोधन आहे
अमोल मिटकरी आपण चांगले व्याख्यान करता एवढंच की शाहू फुले आंबेडकर हे महापुरुष आहेत त्यांचे कोणत्याही पक्षात गेले तरी आपण यांना विसरू नका ही चळवळ शाहू-फुले-आंबेडकर पासून सुरुवात झालेली आहे आपण चांगले व्याख्यान केल्याबद्दल तुमचा मी आभारी आहोत पुढील कार्यक्रमासाठी व्याख्यानासाठी तुम्हाला शुभेच्छा
आपण. खुपचं छान असं भाषण केलं तुमचं. अभिनदन.साहेब
खूपचं छान अतिशय अभ्यास पूर्वक भाषण दादा
खुप छान अमोल साहेब
तुमच्या सारखी वैचारिक मानस भेटली
आणि आम्ही धन्य झालो ।
नमो बुद्धाय जय शिवराय जय भीम
खूप छान अमोल दादा तुमच्या सारखी माणसे तयार झाली पाहिजे आम्ही खरच ध न्य झालो नमो बुद्ध जय शिवराय जय भीम
@@chhayadive4529 QqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqQqqqqqqqqqqqqqqqqqqqQqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqQqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqq
jay bhim saheb khup chan itihaas sangitae aapn .. manapsun. khup khup aabhaar. 💙jay 🙏bhim. 💙nmo 🙏budhaay💙. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
मिटकरी साहेबांसारखे लोक समाज प्रबोधन करणारे आणि त्यांना स्वीकारणारे लोक झाले पाहिजे।
at tha samudrapur
uccha prathamik school post girad pimpalgaon
atwa
@@shuddhodhanpatil95 l
Llp
अहो महोदयहो,
येथै देव-दैत्य अशी विभागणी कोणी केला हे विस्तृत सिंगणे हि विननती.!!!.
अमोल मिटकारी साहेब तुम्ही आमचे प्रभोदन करत आहे असंच करत जा...
तुम्हाला बघून आम्हाला स्फूर्ति भेटते...
अणि आम्ही हेच विचार समाजात रुजवण्यासाठी सातत्याने प्रयत्न करत आहोत..... आणि यश सुद्धा मिळवत आहोत.....
^तुमच्या पुढच्या वाटचाली साठी शुभेच्छा^
Jay bhim, Namo Buddhay Jay savidhan, khup khup chan prarna dile .....
खूप खूप छान भाषण अमोल दादा ....खुप काही शिकायला मिळाले तुमच्या भाषणा तून...... जयभीम जय भारत धन्यवाद
Hum Mahabali Samrat Asok Mahan Ke Bachhe hai
Kisi Maha Nich, Maha Dalit ke kahe Shudra, Achhut, Dalit, Nich jaati ke log nahi hai
Gulami ke pahale Sabhi SC ST OBC Buddhist the.
Buddhism ke baad Ramayana Mahabharata Krushna Rhrugved Laxmi Ganesha Durga Vishnu likhe Gaye.
Sangh Mangal Sadhu Samyak Pandit Dev Devi Bhagwat Sanatan Sabhi Buddhist Pali Bhasha ke words hai.
Swastika Kamal ka Phool Haathi Lion Peacock Bull sab Buddhist symbols hai.
Tathagat Gautam Buddha ko Rohini Nadi per se Yuddha na karne ke wajah se Gruh Tyag karna pada tha
Mitkari साहेब, तुम्ही असेच चालत रहा.एक दिवस समजा मध्ये बदल होईल. संजय भालेराव ,ताम्हिणी मुळशी ,पुणे.
तुमचया विचाराचे जर लोक तयार झाले तर भारत बुधद मय होण्यास वेळ लागणार नाही खूप छान भाषण आहे धन्य वाद दादा जय भिम जय शिवराय 🙏🏻
👌👌🌷🌷
आमोल दादा🙏🙏👌👌 जयभीम नमो बुध्दाय जय शिव राय 👍👍👍🇦🇩🙏🇦🇩🚩🚩🇪🇺🇪🇺खूप छान
आपल्या सारख्या नेत्याची देशाला गरज आहे. i hear your every speech. i like your every speech.
Jy bhim
मीr
😊😊
@@VijayShinde-gn6gh9 पल😊😊
खुप खुप छान अत्यंत अभ्यासपूर्ण अमोल मेटकरी साहेब आपणास प्रेमपुर्वक जय भीम नमो बुद्धाय जय शिवराय जय शाहु जय फुले
OBC बांधवामंध्ये बाबासाहेबा सारखा मार्गदर्शक निर्मान झाला नाही हे दुर्दैव आहे,
परंतु वेळ गेली नाही, अमोल दादा तुमच्या प्रयत्नाला यश प्राप्त होईल अशी सदिच्छा.
Obc bandhav jagrut vayala ankhi kiti divas lagatil
@@gautamkhandare8587 हे तर माहित नाही परंतु आशावादी असायला पाहिजे.
Babasahebach sarvanchee margadata aahe obc general che pan aani anayatun sc st obc aani sarvya women na mukt karnare muktidata aani tyanchya sanvidhanamule hai bharat ek banu shakle babasaheb bhartache nirmataa aahe bharat kadhe ek desh navta ashok samrat nantar fakt prantha hote babasaheb naste tar aaj bharatat jevde rajya aahe tee sarve barke barke desh aaste kivva jammu kashmir sarkhe special state aaste
@@watchvlogstunner1423 अगदी बरोबर,
OBC ने बाबासाहेबांना मार्गदर्शक मानले असते तर बरेचसे OBCबांधव अमोल मिटकरी ...............!
बाबा साहेब सर्वाचा आहे. बाबा साहेबांनी या देशात जन्म घेवून विषम परिस्थितीत शिक्षण घेवून , मनात व दिमागत द्वेष न ठेवता सर्वांच्या कल्याणासाठी संवीधान लिहल . म्हणून जो मानवतावादी , भारतवासी आहे त्या सर्वाचा बाबा साहेब आहे. पण, आपण असे समजत नाही म्हणून असे आपले चुकीचे विधान निर्माण झाले. ज्यांनी, ज्यांनी बाबासाहेबाला आपल मानल त्या ब्राम्हणांनी (मनातून मानणारे व त्यांच्या विचारांचा फक्त स्वत: च्या कल्याणासाठी वापर करणारे पण, दुसर्यांना न सांगणारे), एससी, एसटी, ओबीसी, इबीसी, व इतर गैर ब्राम्हीण मनानी व दिमाकाने स्वतंत्र झाले आहेत, आणि आपल्या सारखे विधान बाळगणारे मानसीक गुलामीत राहून दिखावटी, ठगी व भ्रमीत स्वातंत्र्यांत राहतात. ब्राम्हणांना किंवा ब्राम्हणवादी लोकांना (मग तो कोणत्याही वर्गाचा, पंथाचा, जातीचा, धर्माचा असोत). दोष देण्यापेक्षा पक्ष-विपक्ष विचार किंवा चर्चा करून वास्तवीक निर्णय व सोच ठेवने जास्त आवश्यक आहे. असे कृत्यच मानसिक विकास व मानवता- कल्याणकारी आहेत व राहतीत.
अप्रतिम भाषण अमोल मिटकरी यांचे.
Very Nice speech Amol Mitkari Saheb.....Buddha Community is Always with You...Dont worry......Carry On Amberkarite Mission......
AA p.jh.nj h.hn mm mm mm mmmjuh😊😊😊
जबरदस्त भाषण.. आजच्या पिढीने अमोल दादा या॑च्याकडून खूप काही शिकावे ...
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म नाहोनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
अमोलजी तुमचा मला सार्थ अभिमान आहे ओबीसी असताना देखील इतका गाढ अभ्यास तुमचे जितके कौतुक करावे तितके कमीच.
Mg ky obc abhyas karu shakt nhi ka 😂😂😂
Thank you Amol Mitakarji Well come to Belgaum
@@sys9208 obc pakhandat adaklele ahet satya samjaila tayyar nahit
Ek number dada
Dada khup bhari
खुपखुप चागले माहीती धिली धंन्यावाद
माझी औकात नाही तुमचं नाव घेण्याची माननीय अमोल दादा कारण मी बौद्ध धर्माचा आहे आणि मला काही च माहिती नाही बौद्ध धर्माची मला खरंच आता समजायला लागलय आणि मला याची खंत व्यक्त करत असतांना मला खूप आदर वाटतो की तुमही ओबीसी असल्यावर सुद्धा तूम्हाला एवढी माहिती आहे बौद्ध धर्माची खरचं तूम्हाला क्रांतीकारी जय भिम जय शिवाजी
Subhash Dhadse, my bro, pl. Read Dr. Babasaheb Ambedkar.
जय महार जय भंगी
Asta tari sudhar yek houaya
आता विधान परिषदेत च आमदार बनवल्या नंतर च भाषणं ऐका अन् मग...
निर्भिड वाणीचा , निधड्या छातीचा, कनखर बाण्याचा मरनाला कधीही न घाबरणारा असा लाभला एक स्वातंत्र्य , आणि समतेचा पुरस्करता ज्याचे नाव एक आदर्श भारतीय तरूण वक्ता मा.....अमोलजी मिटकरी साहेब ....... यांना विनम्र अभिवादन..... जूण्या अंधश्रध्दा, थोतांड- लबाड ढोंगी ,भाकड कथा की,ज्याला प्रमाण नाही, .अस्तित्व नाही.... ज्याला शास्त्रीय आधार नाही.. आणि जे कुठेचं सत्य मानवाच्या धर्मात बसत नाही....!!! हे बुध्दिमान विचारप्रणालीने समजले पाहिजे.....जयभिम.....!!! जय जवान.... !! जय किसान...!!! जय भारत.....!!!
बुध्दा च्या विचाराणे मी प्रभावित आहे आणि शुद्ध शाकाहारी आहे प्रज्ञा शील करुणा
दलाई लामा यांचं पुस्तक तुम्ही वाचा
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
अमोल मिटकरी साहेब आपण खुप खूप खरे अभ्यासू आहेत मी आपल्या पुढे धन्य आहे.आणि साहेब आपण सच्चे डॉ बाबासाहेब आंबेडकरांचे अनुयायी आहेत.जयभिम💐💐💐🙏🙏🙏👌👌👌
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खूप छान विचार समाजापर्यंत पोचणे गरजेचे आहे मिटकरी साहेब 🙏🙏
खरचं शेवटी डोळयात पाणी आले 😢😢😢😢😢
तुमच्या सारखे अनेक लोकांना तूम्ही तयार करा तेव्हा परीवरतन होईलच खूप छान माहिती दिली सर
Karuna Bhoyar op
pL hu hu hu hu try Thu
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
Wa wa! Khupach Chan Bhashan zale. Jai Bhim Jay , Jay Sanvidhan
,अमोल मिटकर साहेब विद्वान् आहे आणि देश एक असावा अशी त्याची भूमिका आहे सत्ये लोकांना सांगते माझ्या मराठा कुनबी बाधवानी तुकडोजी बाबा प्रमाणे अमोल दादाचे प्रवचन आत्मसात करावे,
खूपच छान भाषण.भारावून गेलो मी.
OBC बांधवामंध्ये बाबासाहेबा सारखा मार्गदर्शक निर्मान झाला नाही हे दुर्दैव आहे, परंतु वेळ गेली नाही, अमोल दादा तुमच्या प्रयत्नाला यश प्राप्त होईल अशी सदिच्छा. JAY BHIM
murkha sarkhe kahi bolu naka ...obc madhe bhagwan buddha mahatma jyotiba fule ..... chhatrapati shivaji maharaj .....chhatrapati shahuji maharaj itke mahapurush ahet ani tumhi kay hi chutiya sarkhe bolta? obc madhe sc loka peksha jast mahapurush zale ......chuk karu naka ....jai shivray jai shahuji jai fuleji jai shri ram jai bhole
@@powerking6379 Buddha Kala made jat dharma navta and smart ashokacha Kalat pan casteism navta ani dharma casteism he 12bc natar kela ahe gela Bharat made brhaman lokani,
Mi OBC aahe aata tumachya Side var yeto fakt Reservation sampavanalya manyata dya ani amachya devancha apaman band kara.
Aahe manjur???
Nahi tar rah reservation chi bhik mangat.
खंर आहे भाऊ जय शिवराय जय शंभूराजे की जय जय भिम
जय शिवराय जय संभाजी राजे जय ज्योती जय शाहु जय भिम जय आण्णा भाऊ साठे जय बसवेश्वर जय संत तुकाराम महाराज संत गाडगेबाबा. माता जिजाऊ माता सावित्रीबाई फुले माता रमाई माता अहिल्याबाई होळकर. प्रबुद्ध भारत
जय महार जय भंगी
धम्म चक्र परिवर्तनला६७ वर्ष पूर्ण झाली आहेत जयभीम धन्यवाद
भाऊ खूप छान भाषण मी तुमचे सगळेच भाषण ऐकतो ...जय भीम जय शिवराय जय मल्हार
Ankush tayde छान
MATK
ललितपल
लालूलपल्ल प्पल लल लल ललल ललप लप लप लल लल लोलपल्लल्ल लूकपलप्पल परतिबंधात्मकलपल्प परतिबंधात्मक ली लू लोप्पल्पल्पल्पप्पल्पल लोकपल्पल्पप्प पलप्पल लल लोळू 0लप्पल्लपप्पल्ल0ल परतिबंधात्मकलप
पोप लल 0प लूक 00प्प्लपल्प00प्पल प्पाप्पल्पप्प परतिबंधात्मकप लोप्प प्पाप परतिबंधात्मक परतिबंधात्मक पा 0प्प0 परतिबंधात्मकप परतिबंधात्मक परतिबंधात्मकएलएलएलएलएलएलएलएलएल
tumhi khup aabhyas Karun bolta khup mahatvacha bolata great exilent supebbb mala tumcha Garv aahe jaybhim namo shivray namo buddhay namo jotiba
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म नाहोनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
मी जवलजवल सर्व भाषण युट्यबवर बघितले सर्व भाषने सारखीच आहे मात्रचांगला वक्ता आहे
Amul Saheb, bhaujan samajala aapli nitanta garaj hai. Apple karya nitanta chalu raho ani Bharat varsh satya cha Surya paho hich bhagwan ta charni prarthana. Amcha thumala lakhs lakhs subhechha.
Ky Toofan Bhasahn aahe ...🔥
Namo buddhay jai bhim from jharkhand 🙏🏻
9j
अमोल मिटकरी ,जबरदस्त ,
तूमच्या सारखे तूम्हीच लाखात नाही तर कोटीत एखादा पैदा होतो .
अद्वितीय,आष्टपैलू ,नेत्रदीपक,नेत्रत्व म्हणजे अमोल दादा मिटकरी .
जयशिवराय जय भिमराय
खूप छान माहिती दिलीत सर जेव्हा तुमचं भाषण ऐकतो तेव्हा खूप काही त्यातून शिकायला मिळतं.
मिटकरी यांनी धम्म पिठावर बुध्द धम्म संघ सम्राट अशोक विश्वरत्न बाबासाहेब यांच्या वर अधिक प्रखर माहिती दिली . शिवाजी फुले शाहू आम्हा प्रियच म्हणून त्यांच्या विषयी शुदधा धम्म पोठीवर बोलणे समतेचा धागा गुंफण्या सारखेच आहे .
चझणत
great ahat tumhi mitkari saheb
Tumcha abhyas
Khupch apratim sirr, aamhala pn tumchya sanghatanet yaychh aahe sir
भारतीय संविधान आज काळाची गरज आहे हे खरे आहे.
बरोबर आहे
मी फक्त शिवाजी महाराजांनाच मानतो.
Ok
बौद्ध धम्माचा प्रचारक सुद्धा एवढं मार्मिक भाषन देवु शकत नाही खरोखरच तुम्हाला मानायलाच पाहिजे ,मी तुम्हाला तीनदा जयभीम करतो.
Universe yhvvccbnhhnbf gyyh h😢😅😅😊dsagz,
😮
Great work ❤️🥰 mala personal avdnare neta
अभिमान आहे मला आंबडकरांचे विचार आहेत अजून Jay bhim
खूप ज्ञान मिळाले मिटकरी सर
जय भीम अमोल दा दा असेच बोलत रहा आणी समाजाचा oB c माहीती सागा
Mop
सत्य हे उगवत्या सुर्यासारख आहे.....आणि ते अमोल दादाला कळाल आणि ते तेच सत्य सांगत आहे💯
जय लहूजी जय भिम जय शिवराय जय मल्हार
🚩
9Krushna pakhare Krushna जय भिम
खूपच खूपच छान अमोलराव साहेब
you are great Amol sir. तुम्ही माणस jodnyach काम करत आहात. म्हणुन तुम्ही great आहात.
👍👌☺
साहेब तुमच भाषण बघून मनाला खूब छान वाटल जय शिव राय जय भीम
Axpmkjbyft t the day tushar the day tushar the thhe the the t
Tp
मिटकरी साहेब मानूस हा कोनताही असो आंबेडरकरी विच्याराने प्रेरित असेल तर तो खरा मानुस..जयभिम सर.
ambedkari vicharch ka? chhatrapati shivrayanche vichar amha obc che mahapurush mahatma Jyotiba fule yanche vichar kay kami ahet? jai obc jai shahuji jai shri ram
Amol dada aap jaise log is bharat bhomi me or or or janam le ye dil se dua hai q ke ye rss vichardhara ke log hamare bharat ko sirf gulam bana rahe hai. Or jo 350-400 saal pahle chatrapati shivaji maharaj ke kalakhnd me jo mohabbat jo imaan pyar hum maratha-muslim bhaiyo me tha oh khatam kar rahe hai.jike liye jo aap avaaj utha rahe ho.oski jitni tarif ki jaye o kam hai aap ko dil se salam aap ke liye dua karte hai allah aap ko lambi umar de hamesha kamiyabi de..or ha ane vali nasle aap ko jarur yaad rakhegi ke ye sacha shivaji maharaaj ka mavla tha jisne samaz ko jodne ka kaam kiya or shivaji maharaaj ki sachi vichardhara ko samaz me bata tha. Or ha is desh me fir se rayat raj aye jo shivaji maharaj ke jamane me tha. Jay hind.Jay shivji.jay bhim.inkalab jindabaad..
मिटकरी साहेब तुमच्या सारखे व्यक्तिमत्व ह्या जगाला देशाला महाराष्ट्राला मिळाले हे भाग्य आहे जय भिम साहेब
F LBC
Salute Amol mitkariji jay bhim namo buddhay Jay bharat jay samvidhan🙏
दादा जय भिम जय जिजाऊ !
1no amoldada
Jay shivaji pan tak na bhava... jay bhim jay shivaji jay jijau
Jay bhim jay jijau takat se
Shivdharm Ek Thodant Be Savdhan 👍🙏
ज्या हिंदू धर्माला हा नाकारतो ज्या हिंदूत्वाला हा नाकारतो हा विसरतो की शिवकाळी आम्ही सगळे हिंदूच होतो
Great speech, dhnyawad. Jay bhim.
Suresh Kamble जय भिम
तुमच्या विचारसरणीला सलाम ❤
अमोल मिटकरी साहेबांचे आमच्या
परिवाराकडुन हार्दिक अभिनंदन. तथा
सप्रेम जयभिम.
साहेब या आमच्या गडचिरोली जिल्यात , आमचया मागास बांधवाना प्रबोदन करायला.
प्रचंड आब्यास आहे .सर तुमचा
अमोल दादा मिटकरी आता तुम्हीच बाबासाहेबांच्या प्रबुद्ध भारत ही संकल्पना पुढे नेणार
जयभीम मीटकरी साहेब जयभीम जयमहाराष्ट्र जयशिवराय नमो बुध्दाय.
1 million congratulations
Khedegavateel jaati bahut Mithu
you are great sir...
तुमचे भाषण खुप खुप ऐकत राहावं .असे मला वाटतं असते छान. जयराम.
सर आपण odc बांधवाना खऱ्या अर्थाने जागृत करण्याच काम करत आहात।जय प्रबुद्ध भारत जय भीम भाऊ...👍👌
OBC jagega manuwad bhagega!
@@milindborkar2228 Ed rffttf
Dad AND
@@milindborkar2228 g
अमोल दादा साष्टांग जय भीम खरच तुम्ही ग्रेट आहात
जय भीम..! जय प्रबुद्ध भारत...!!
Jay bhim bhavano
Bbq
Enlighten News INDIA sghxfg
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
Masta ahe bhasan amol mitkari saheb😎😎🙏🙏🙏
अतिशय स्तुत्य विचार आहेत!........
"जय जिजाऊ जय शिवराय,
जय ज्योती जय क्रांती,
जय भीम नमो बुद्धाय,
जय संविधान वंदे मातरम्".
Khup Chan vichar aahet sir tumche
your thinking is great....
खूपच छान साहेब 🙏
जे लोक अंधश्रधदेच्या जाळ्यात अडकले आहेत ते नक्कीच जागे होणार.
जय भीम🙏जय संविधान 🙏
🙏 Jai jijau Jai shivray Jai shambu raje 👌👍
Kya baat hai bahut badhiya bhashan Jay Bheem
I like your every speech,carry on Mr Mitakari saheb
Kiti Kadak jordar speech ...sir u r such inspirational..... Baaki lokanche speech tar melelya murdyansarkhe watatat... Jay Maharashtra