बहुत शानदार तार्किक बात आपके द्वारा बताकर समाज को नवीन दिशा दी जा रही है।यह आपका कार्य बहुत ही तर्कपूर्ण है।लेकिन समाज बाबाओ के चक्कर में है।यह जनहित को जागृत करने की अनुकरणीय पहल है।
Swami विश्वास ji .....ज्ञान से प्रज्ञा की ओर लेकर जा रहे hai !ध्यान एक प्रक्रिया hai ...खुद ko जानो ....धर्म समझ आएगा ...चलना हैं ,भीतर ki यात्रा शुरू kro .अपने ही भीतर शांत होकर अपने विचारों को देखे .खुद ke साथ ही समय बिताये
आर्य समाज ही वह संगठन है जहाँ पक्षपात नहीं है राष्ट्र और समाज की रक्षा करना आर्य समाज का उद्देश्य हैं आईये आर्य पुत्र हिन्दू भाईयों सत्य को समझने का प्रयास करैं। धन्यवाद।। ओउम् शान्ति शान्ति शान्ति।
@@sujitkumarsaurava9207 तुम जिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और योगिराज श्री कृष्ण का नाम ले रहे हो वो भी आर्य ही थे और उसका प्रमाण वाल्मीक रामायण और महाभारत में मिल जाएगा भगवान शिव भी आर्य थे तुम इतने बड़े मूर्ख हो तुम श्री कृष्ण को मानते हो लेकिन श्री कृष्ण की नही मानते इतना दोगलापन कहां से लाते हो भाई और तुम जिस अल्लाह कुल्ला का नाम ले रहे हो तुम ईश्वर को मूर्ति में समझते हो और मुस्लिम काबा में जिसे वो चूमते हैं इसलिए कहते हैं सत्यार्थ प्रकाश पढ़ो और सनातन धर्म का प्रचार करो
Arya namaji ek number darpoak hain dusre dharm walo ko jawab dene ke liye inke paas kuch nahi hain isliye apne hi devi devta ko purans ko fake kah diya shree Krishna ko bhagwan se mahapurush bana diya usi writer ke Geeta mahabharata manage magar unhi ke likha purans nahi kyaa logic hain shivji ke avatar adishankracharya ji ne radhe rani Gopi purans etc sabko mana unpe bhasya likha jinki wajah se hum sab hindu hain unki baat bhi nahi manege aur swam us apahich nirakar ko mante hain jo kuch kar hi nahi sakta bechara aur indirectly kab khud Muslim ban Gaye Pata hi nahi chala
बिल्कुल सही बात है और मै बिल्कुल सही बात का समर्थन इसलिये करता हु जो सोच आपकी है वही सोच मेरी है मेरा जन्म १९६२ मे हुवा १९७२ मे १० वर्ष की आयु मे ही समझ गया था हमारा सनातनी हिन्दु समाज राह भटक गये थे और राह भटकने मे इतने आगे निकल चुके थे की इनको सत्य के मार्ग पर लाना नामुमकिन था
Desh ko sudharne ke liye Jo yah bolate Hain vah bahut acchi baten karte ho Swami ji aap lekin please aap Aniruddh Aacharya ji Devkinandan Thakur Ji Kishori ji chitrlekha ji Bageshwar Dham ji unke liye Kripa Karke aap Aise galat chijen Na Bole vah Itna Kuchh Sanatan Dharm ke liye kar rahe hain Din Raat mehnat kar rahe ho fir bhi aap Unki photo laga Kaise bol rahe ho yah bahut
#वेदों_में_मूर्तिपूजा अभी जाकिर नायक और आर्य समाजी मूर्तिपुजा का विरोध् वेद के मात्र एक श्लोक से करते है। न तस्य प्रतिमा अस्ति यस्य नाम महद्यश:" अर्थात् उस महान यश वाले ईश्वर की कोई प्रतिमा ( मूर्ति ) नहीं होती है । परन्तु वेदों में अनेकों श्लोक है जो प्रतिमा का समर्थन करते है, देखिये..... वेद स्वयं मूर्तिपूजा के समर्थक हैं । वेद-मंत्र इसकी साक्षी देते है। अथर्ववेद 3/10/3 में उल्लेख है- “संवत्सरस्य प्रतिमा याँ त्वा रात्र्युपास्महे। सा न आयुश्मतीं प्रजाँ रायस्पोशेण सं सृज॥” अर्थात् “ हे रात्रे ! संवत्सर की प्रतिमा ! हम तुम्हारी उपासना करते हैं। तुम हमारे पुत्र-पौत्रादि को चिर आयुष्य बनाओ और पशुओं से हमको सम्पन्न करो।” अथर्ववेद 2/13/4 में प्रार्थना है- एह्याश्मा तिष्ठाश्मा भवतु ते तनूः ० “हे भगवान! आइये और इस पत्थर की बनी मूर्ति में अधिष्ठित होइये। आपका यह शरीर पत्थर की बनी मूर्ति हो जाये।” मा असि प्रमा असि प्रतिमा असि | [तैत्तीरिय प्रपा० अनु ० ५ ] हे महावीर तुम इश्वर की प्रतिमा हो | सह्स्त्रस्य प्रतिमा असि | [यजुर्वेद १५.६५] हे परमेश्वर , आप सहस्त्रो की प्रतिमा [मूर्ति ] हैं | अर्चत प्रार्चत प्रिय्मेधासो अर्चत | (अथर्ववेद-20.92.5) हे बुद्धिमान मनुष्यों उस प्रतिमा का पूजन करो,भली भांति पूजन करो | ऋषि नाम प्रस्त्रोअसि नमो अस्तु देव्याय प्रस्तराय| [अथर्व ० १६.२.६ ] हे प्रतिमा,, तू ऋषियों का पाषण है तुझ दिव्य पाषण के लिए नमस्कार है | गणपति अथर्व शीर्षम् की फलश्रुती है- “सूर्यग्रहे महानद्यां प्रतिमासन्निधौ वा जप्त्वा सिद्धमनत्रो भवति ।।” - सूर्यग्रहणके समय महानदीमें अथवा ***प्रतिमाके*** निकट इस उपनिषद्का जप करके साधक सिद्धमन्त्र हो जाता है । इसी प्रकार देवी अथर्वशीर्षम् की फलश्रुती है - निशीथे तुरीयसन्ध्यायां जप्त्वा वाक्सिद्धिर्भवति । नूतनायां प्रतिमायां जप्त्वा देवतासान्निध्यं भवति । प्र्ाणप्रतिष्ठायां जप्त्वा प्राणानां प्रतिष्ठा भवति ।। प्रतिमा में शक्ति का अधिष्ठान किया जाता है, प्राणप्रतिष्ठा की जाती है। सामवेद के 36 वें ब्राह्मण में उल्लेख है- “देवतायतनानि कम्पन्ते दैवतप्रतिमा हसन्ति। रुदान्त नृत्यान्त स्फुटान्त स्विद्यन्त्युन्मालान्त निमीलन्ति॥ अर्थात्- देवस्थान काँपते हैं, देवमूर्ति हँसती, रोती और नृत्य करती हैं, किसी अंग में स्फुटित हो जाती है, वह पसीजती है, अपनी आँखों को खोलती और बन्द भी करती है। “कपिल तंत्र” में इस भाव की पुष्टि करते हुए कहा गया है-”जिस तरह गाय के सारे शरीर में उत्पन्न होने वाला दुग्ध केवल उसके स्तनों के द्वारा ही बाहर निकलता है, इसी तरह परमात्मा की सर्वव्यापक शक्ति का अधिष्ठान मूर्ति में होता है। इस तरह से साधक यह विचार करता है कि वह उस पत्थर निर्मित मूर्ति की उपासना नहीं कर रहा है, वरन् वह उस अनन्त शक्ति की पूजा कर रहा है जो उस मूर्ति में विद्यमान है। बाह्य दृष्टि से दिखाई देता है कि वह प्रतिमा की पूजा कर रहा है परन्तु वास्तव में तो वह उस सर्वव्यापी शक्ति की उपासना कर रहा होता है।
स्वामी जी आपकी एक एक बार सही है लेकिन जो यह अभियान है यह आपके बड़े लेवल पर चलनापड़ेगा क्योंकि अंधविश्वास इतना फैल गया है हम उससे हम बाहर नहीं निकल सकते
Swami Ji Maine aapki Ek Aur video Dekhi jo ki aapane Mahatma Gandhi ke upar boli uske liye to bahut bahut dhanyvad aapane bahut Achcha bola bahut sahi bola to aap Aisi Baton ka prachar kar rahe ho bahut acchi baat hai bhagwan
समाज भीड़ ko सत्य समझती hai .क्युकि अपना अपना ज्ञान दे रहे hai .कोई ध्यान की नहीं ...धर्म भीतर ki और चलना hai !धर्म की शिक्षा जीवन मे उतरने के लिए ...खुद को जानो
ईश्वर का नाम जप करने से आत्मा पवित्र होती है मन पवित्र होता है गंदी वस्तु मांस मदिरा तथा केमिकल्स से मिलावटी द्रव्य खाने से मन दूषित होगा फिर नाम जप मे लगना मुश्किल होगा । लेकिन ईश्वर नाम जप करने से अवश्य जीवन सफल होता है ।।
श्रीमान आप और आप के समान विचार वाले के प्रवचनों को मैं बराबर सुनता हूं। मुझे कुछ बातें, जैसे;-- नैतिकता, राष्ट्रीयता,, निर्भीकता आदि बिल्कुल सही एवं सत्य लगे।
कुछ बातें, जैसे;--- कुछ कथावाचकों की अज्ञता, फूहड़ता, टोना - टोटके पर प्रहार में आंशिक सत्यता है। कुछ लोग इस नाम पर ठगी करते हैं। परंतु सभी ऐसे नहीं होते।जो जितने अच्छे गणित एवं फलित ज्योतिष के जितने बड़े ज्ञाता/जानकार हैं। उनकी बातों में उतने दम हैं। ठीक उसी तरह जो जितने बड़े अच्छे डाक्टर हैं; वे उतने बड़े रोगों का उतना बड़ा इलाज/ चिकित्सा कर देते हैं,। इसलिए इनमें भी श्रेणियां हैं; जिस तरह आप सभी आर्यसमाजी भी एक समान विद्वान नहीं हैं; उनमें श्रेणियां हैं।
इस धरती पर एक से एक वीर,एक से एक विद्वान,एक सेएक योगी और एक से एक भक्त हो चुके हैं। इनमें से किन्हीं के प्रति समर्पित होना बुरा नहीं है, अच्छा ही है। परंतु एक के प्रति समर्पित होकर अन्य सबका तिरस्कार करना, उनके महत्त्व को नकारना और जो जानते हैं हम या हमारे महापुरुष।बस, उतना ही सत्य है और सब झूठे --- यह निरी हठता है और इस हठता रूपी मूर्खता से हम जितना जोड़ते नहीं; उससे अधिक तोड़ने का काम करते हैं।
फिर आर्यसमाजी के वक्तव्यों में जितने प्रहार अपने ही सनातनियों में मूर्त्ति पूजकों एवं कथाकारों पर की जाती है; उतना प्रहार इस्लाम, ईसाई एवं वामपंथियों या भीम- नीम वादियों की भ्रामकता और अंवेदकर तथा महात्मा बुद्ध के मार्ग से भटककर विधर्मियों के हाथ खिलौना बनने वाले पर प्रहार क्यों नहीं देखते - सुनते?
बिल्कुल अपने सिवा सबको झुठला कर केवल स्वयं को सबके ऊपर थोपने का कार्य ही तो इस्लाम, ईसाई और वामपंथी करते हैं। हां, इतना सत्य है कि सनातनियों के शिकार करने हेतु सभी परस्पर दुश्मनी के भाव रखने वाले मजहब, रिलीजन,मत,पंथ भारत में एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। हां,एक सत्य और कि पूरे यजुर्वेद और आंशिक रूप से ऋग्वेद के आंशिक भाष्य करते हुए अवस्था में ही महापुरुष दयानंद सरस्वती जी के दिवंगत होने के उपरांत क्यों नहीं आपमें से कोई उस अधूरे कार्य को पूरा करने हेतु सत्प्रयास करते हैं?
अभी सबसे बड़ी समस्या है कि विधर्मियों और वामपंथियों को पूर्णतया वैचारिकी स्तर पर समाप्त करना और बिल्कुल सामान्य ज्ञान के विरुद्ध स्पष्टतः प्रमाणित पाखंडियों पर भी प्रहार। परंतु इसी नाम पर सगुणोपासक, मूर्तिपूजकों की आलोचना या निंदा करना एवं ज्योतिष विद्या को असत्य कहना वैदिक वांग्मय की अज्ञता है। आज भारत में ही नहीं; संसार के हरेक विकसित एवं शिक्षित देशों में सर्वकालिक वेद के अतिरिक्त इतिहास,पुराण,वेदांग, वेदांत ( इनकी सभी प्रमुख धाराओं), भगवद्गीता,अन्य आस्तिक दर्शनों, नास्तिक दर्शनों में भी कुछ की, रामचरितमानस आदि की धूम मची हुई है।
सच्चिदानंद जी महाराज जैसा हिंदू प्रचारक भाजपा के सभी हिंदू हैं हिंदू समाज को आजीवन भाजपा को वोट देना चाहिए जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव हर हर महादेव
Hinduo ko ek hona chahiye, chahe wo Arya ho, chahe wo Jain , budhha, ya koyi aur. Sabko sanatani bnkr, aur ek saath hokar desh ke liye aage aana chahiye. Jai Shree Ram 🙏🙏🚩
देखो देखो अपने मूर्ख है और मौज मौज करने की बात करते है देखो दूसरे के लिए सनातन संस्कृति सभ्यता और शास्वत जो सदियों से चले आ रहा है इसे सबको स्वीकार करना चाहिए जिसकी जैसी विचार
@kamlaupreti9567 आर्य नमाज़ी जिसको सनातन वैदिक धर्म बताते है वो न तो कोई धर्म है न सनातन है और न ही वैदिक है वो तो अठारहवीं सदी में पैगंबर दयानंद के द्वारा स्थापित नव वैदिक कल्ट है जो इस्लामिक मान्यताओं और परम्पराओं पर आधारित है उसमे नव वैदिक हलाला "नियोग" भी है |
@@MarotiDalpuse महोदय वैसे तो वेद के कई अर्थ होते है जैसे विष्णु, ज्ञान और बोलना इत्यादि और आप जिसको वेद कह रहे है वे वेद नहीं चतुर्वेद है और वे किसी निराकार परमात्मा की बात नहीं करते और न ही वे कोई ईश्वरीय ज्ञान है बल्कि वे तो ऋषियों के द्वारा अपने इष्ट की स्तुति,उपासना और महिमा का बखान करने के लिए रचे गए ऋचाओं का संग्रह मात्र है जिसमे अट्ठारहवीं सदी में अपने मत को स्थापित करने के लिए कई ऋचाओं को हटा दिया गया और कई नयी ऋचाओं को जोड़ दिया गया है
श्रीमान जी आप सभी को राम राम जी कितने एसे हैं जो सत्य को जानते है एक ईश्वर है रहेगा आप भी बोलो ईश्वर के सभी पुत्र हैं सनातन भी एक ईश्वर का चिंतन ही है कर्म धर्म सनातन कोई भी व्यक्ति हो एक ईश्वर का उपासक नहीं है बो किसी का नहीं हो सक्ता है राम राम जी
आचार्य को सत् सत् नमन
स्वामी जी सादर नमस्कार परम पूज्य स्वामीजी महर्षि दयानंद सरस्वती जी के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम
ॐ ॐ ॐ
बहुत शानदार तार्किक बात आपके द्वारा बताकर समाज को नवीन दिशा दी जा रही है।यह आपका कार्य बहुत ही तर्कपूर्ण है।लेकिन समाज बाबाओ के चक्कर में है।यह जनहित को जागृत करने की अनुकरणीय पहल है।
कर्णवंतो विश्वआर्यम ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
समाज को मार्गदर्शन करने का स्वामी जी का तरीका अति उत्तम है वास्तव में समाज का सबसे बड़ा दुश्मन पाखंड है यदि पाखंड हट गया तो समझ में प्रकाश आ जाएगा
Badi Khushi Hui bahut dinon bad koi aary samaji sant samaj ko jagane aaye han
आपका कथन 100% सत्य है मूर्ख बना मौज उड़ाओ
स्वामी जी आप जो कार्य कर रहे है उसके लिए हम हमेशा आपके ऋणी रहेंगे।
आप के द्वारा जो ज्ञान हमें प्राप्त हो रहा है उसके लिए हम आभारी हैं
I am sikh from punjab but yeh Guru ji hmesa sach bolte hai main apki respect krta hu sir
जो सर्बदा सत्य बोलने का साहस करते हैं , उनके साथ ही रहना चाहिए। 🎉🎉🎉
Swami विश्वास ji .....ज्ञान से प्रज्ञा की ओर लेकर जा रहे hai !ध्यान एक प्रक्रिया hai ...खुद ko जानो ....धर्म समझ आएगा ...चलना हैं ,भीतर ki यात्रा शुरू kro .अपने ही भीतर शांत होकर अपने विचारों को देखे .खुद ke साथ ही समय बिताये
स्वामी जी को शत शत नमन आप समाज के लिए बहुत कुछ कर रहे है हम आपके ऋणी है 🙏🙏🙏ॐ
Jai Arya samaj dayanand saraswati
अति उत्तम प्रवचन स्वामी जी का उनका बार बार धन्यवाद नमस्ते जी ऐसे ही आगे बढ़ते रहो
प्रणाम प्रणाम प्रणाम गुरुदेव जी प्रणाम प्रणाम गुरुदेव बहुत बहुत शानदार बाते ।
आजकल कथावाचक झूठी कहानियां गढकर समाज को गुमराह करते है
सही कह रहे हो स्वामी जी भागवत कथा वालों ने नष्ट की है और कररहे हैं।
समाजवादी और अंबेडकरवादियों ने ठाना है पाखंड मुक्त भारत बनाना है ।।।
Samaj badi ab namajbadi ban chuke
With the help of jai bheem jai meem
Dalit + muslim = broken india
Be hindu 🕉️
#हिन्दु
#स्वार्थ #अंहकार पाखंड से ना जुडे ।
#ज्ञान से जुडे ।
मालिक हमे सद्बुद्धि दे ।
हरिॐ
आर्य समाज ही वह संगठन है जहाँ पक्षपात नहीं है राष्ट्र और समाज की रक्षा करना आर्य समाज का उद्देश्य हैं आईये आर्य पुत्र हिन्दू भाईयों सत्य को समझने का प्रयास करैं। धन्यवाद।। ओउम् शान्ति शान्ति शान्ति।
Lekin ishwar sakaar bhi hai 😂😂😂
साकार ईश्वर नही पर बहुत सारे पाखण्डी साकार के चक्कर में स्वयं ईश्वर बन जाते हैं@@SagarGupta-bt4xo
Arya samaj ek mlechchha sangathan hai. Hamare bhagwan Rama- Krishna- SHiva- Shakti hain. Arya namajiyon ka khuda allah hai jiski koi murti nahin hoti.
😂😂
@@sujitkumarsaurava9207 तुम जिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और योगिराज श्री कृष्ण का नाम ले रहे हो वो भी आर्य ही थे और उसका प्रमाण वाल्मीक रामायण और महाभारत में मिल जाएगा भगवान शिव भी आर्य थे तुम इतने बड़े मूर्ख हो तुम श्री कृष्ण को मानते हो लेकिन श्री कृष्ण की नही मानते इतना दोगलापन कहां से लाते हो भाई और तुम जिस अल्लाह कुल्ला का नाम ले रहे हो तुम ईश्वर को मूर्ति में समझते हो और मुस्लिम काबा में जिसे वो चूमते हैं इसलिए कहते हैं सत्यार्थ प्रकाश पढ़ो और सनातन धर्म का प्रचार करो
Arya namaji ek number darpoak hain dusre dharm walo ko jawab dene ke liye inke paas kuch nahi hain isliye apne hi devi devta ko purans ko fake kah diya shree Krishna ko bhagwan se mahapurush bana diya usi writer ke Geeta mahabharata manage magar unhi ke likha purans nahi kyaa logic hain shivji ke avatar adishankracharya ji ne radhe rani Gopi purans etc sabko mana unpe bhasya likha jinki wajah se hum sab hindu hain unki baat bhi nahi manege aur swam us apahich nirakar ko mante hain jo kuch kar hi nahi sakta bechara aur indirectly kab khud Muslim ban Gaye Pata hi nahi chala
बिल्कुल सही बात है और मै बिल्कुल सही बात का समर्थन इसलिये करता हु जो सोच आपकी है वही सोच मेरी है मेरा जन्म १९६२ मे हुवा १९७२ मे १० वर्ष की आयु मे ही समझ गया था हमारा सनातनी हिन्दु समाज राह भटक गये थे और राह भटकने मे इतने आगे निकल चुके थे की इनको सत्य के मार्ग पर लाना नामुमकिन था
हाँहाँ जी मूर्ख बनारहेहै ,,
ओर मोजमस्ती कररहाहै।🎅🎅🎅🎅🎅🎅🎅🎅🎅🎅🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤ स्वामी जी को नमस्ते
Desh ko sudharne ke liye Jo yah bolate Hain vah bahut acchi baten karte ho Swami ji aap lekin please aap Aniruddh Aacharya ji Devkinandan Thakur Ji Kishori ji chitrlekha ji Bageshwar Dham ji unke liye Kripa Karke aap Aise galat chijen Na Bole vah Itna Kuchh Sanatan Dharm ke liye kar rahe hain Din Raat mehnat kar rahe ho fir bhi aap Unki photo laga Kaise bol rahe ho yah bahut
#वेदों_में_मूर्तिपूजा
अभी जाकिर नायक और आर्य समाजी मूर्तिपुजा का विरोध् वेद के मात्र एक श्लोक से करते है।
न तस्य प्रतिमा अस्ति यस्य नाम महद्यश:" अर्थात् उस महान यश वाले ईश्वर की कोई प्रतिमा ( मूर्ति ) नहीं होती है ।
परन्तु वेदों में अनेकों श्लोक है जो प्रतिमा का समर्थन करते है, देखिये.....
वेद स्वयं मूर्तिपूजा के समर्थक हैं । वेद-मंत्र इसकी साक्षी देते है।
अथर्ववेद 3/10/3 में उल्लेख है-
“संवत्सरस्य प्रतिमा याँ त्वा रात्र्युपास्महे। सा न आयुश्मतीं प्रजाँ रायस्पोशेण सं सृज॥”
अर्थात् “ हे रात्रे ! संवत्सर की प्रतिमा ! हम तुम्हारी उपासना करते हैं। तुम हमारे पुत्र-पौत्रादि को चिर आयुष्य बनाओ और पशुओं से हमको सम्पन्न करो।”
अथर्ववेद 2/13/4 में प्रार्थना है- एह्याश्मा तिष्ठाश्मा भवतु ते तनूः ० “हे भगवान! आइये और इस पत्थर की बनी मूर्ति में अधिष्ठित होइये। आपका यह शरीर पत्थर की बनी मूर्ति हो जाये।”
मा असि प्रमा असि प्रतिमा असि | [तैत्तीरिय प्रपा० अनु ० ५ ]
हे महावीर तुम इश्वर की प्रतिमा हो |
सह्स्त्रस्य प्रतिमा असि | [यजुर्वेद १५.६५]
हे परमेश्वर , आप सहस्त्रो की प्रतिमा [मूर्ति ] हैं |
अर्चत प्रार्चत प्रिय्मेधासो अर्चत | (अथर्ववेद-20.92.5)
हे बुद्धिमान मनुष्यों उस प्रतिमा का पूजन करो,भली भांति पूजन करो |
ऋषि नाम प्रस्त्रोअसि नमो अस्तु देव्याय प्रस्तराय| [अथर्व ० १६.२.६ ]
हे प्रतिमा,, तू ऋषियों का पाषण है तुझ दिव्य पाषण के लिए नमस्कार है |
गणपति अथर्व शीर्षम् की फलश्रुती है-
“सूर्यग्रहे महानद्यां प्रतिमासन्निधौ वा जप्त्वा सिद्धमनत्रो भवति ।।”
- सूर्यग्रहणके समय महानदीमें अथवा ***प्रतिमाके*** निकट इस उपनिषद्का जप करके साधक सिद्धमन्त्र हो जाता है ।
इसी प्रकार देवी अथर्वशीर्षम् की फलश्रुती है -
निशीथे तुरीयसन्ध्यायां जप्त्वा वाक्सिद्धिर्भवति । नूतनायां प्रतिमायां जप्त्वा देवतासान्निध्यं भवति । प्र्ाणप्रतिष्ठायां जप्त्वा प्राणानां प्रतिष्ठा भवति ।।
प्रतिमा में शक्ति का अधिष्ठान किया जाता है, प्राणप्रतिष्ठा की जाती है। सामवेद के 36 वें ब्राह्मण में उल्लेख है-
“देवतायतनानि कम्पन्ते दैवतप्रतिमा हसन्ति। रुदान्त नृत्यान्त स्फुटान्त स्विद्यन्त्युन्मालान्त निमीलन्ति॥
अर्थात्- देवस्थान काँपते हैं, देवमूर्ति हँसती, रोती और नृत्य करती हैं, किसी अंग में स्फुटित हो जाती है, वह पसीजती है, अपनी आँखों को खोलती और बन्द भी करती है।
“कपिल तंत्र” में इस भाव की पुष्टि करते हुए कहा गया है-”जिस तरह गाय के सारे शरीर में उत्पन्न होने वाला दुग्ध केवल उसके स्तनों के द्वारा ही बाहर निकलता है, इसी तरह परमात्मा की सर्वव्यापक शक्ति का अधिष्ठान मूर्ति में होता है। इस तरह से साधक यह विचार करता है कि वह उस पत्थर निर्मित मूर्ति की उपासना नहीं कर रहा है, वरन् वह उस अनन्त शक्ति की पूजा कर रहा है जो उस मूर्ति में विद्यमान है। बाह्य दृष्टि से दिखाई देता है कि वह प्रतिमा की पूजा कर रहा है परन्तु वास्तव में तो वह उस सर्वव्यापी शक्ति की उपासना कर रहा होता है।
स्वामी सच्चिदानंद जी आप जैसा सत्यवक्ता आज तो आर्य समाज में भी विरल है।
सत्यार्थ प्रकाश को सावधानी से पढ़ाना चाहिए ❤, समझ आ जाएगा
Arya smaj amar rahe ved ki jyoti jalti rahe🎉🎉
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
❤❤ अति उत्तम सत्य वचन❤❤पाखंडवाद चरम पर है ❤❤
सत्य वचन गुरुदेव
Baat me dam hai ❤
Hindu Dharm hai kahan jaativaad hai.
Jai shree Ram. Bhut Sundar acha gayan .katar bano
बहुत बहुत धन्यवाद गुरु जी नमस्ते
Satya vachan
Jai Sri ram Jai Shri Krishna 🙏
स्वामी जी को कोटिकोटि प्रणाम हिंदू संस्कृति और हिंदुओं को जगाने के लिए बहुत बहुतधन्यवाद
सच कहा आपने गुरु जी ❤🚩
राम शिव कृष्ण को भगवान मानता हूं, क्यूंकि मैंने अनुभव se जाना है, बाकी हर बात से आर्य समाज से सहमत हूं 🙏
महाराज जी सत्य कह रहे हैं न तो कोई किसी का बना सकता है और ना ही कोई किसी का बिगाड़ सकता है सब अपने अच्छे बुरे कर्मों का फल है
Swami ji 100% Sahi kaha hai apne om namesty
Jai sanatan Jai guru ji
Swami aapki har ek baat bilkul sahi hai !Very good video!
स्वामी जी की बात सौ प्रतिशत सही और सटीक है सनातनियों को इनका अनुसरण करना चाहिए
@khubendrajha897 हिंदू नाम से फेक आईडी बना कर कमेंट करने से कुछ नहीं होने वाला मुर्ख
सादर नमस्ते स्वामी जी 🙏🙏
देशद्रोही
अरे सादर नमस्ते नहीं सादर प्रणाम
स्वामी जी आपकी एक एक बार सही है लेकिन जो यह अभियान है यह आपके बड़े लेवल पर चलनापड़ेगा क्योंकि अंधविश्वास इतना फैल गया है हम उससे हम बाहर नहीं निकल सकते
Swami Ji Maine aapki Ek Aur video Dekhi jo ki aapane Mahatma Gandhi ke upar boli uske liye to bahut bahut dhanyvad aapane bahut Achcha bola bahut sahi bola to aap Aisi Baton ka prachar kar rahe ho bahut acchi baat hai bhagwan
जय हो गुरूजी कोटि कोटि नमन
समाज भीड़ ko सत्य समझती hai .क्युकि अपना अपना ज्ञान दे रहे hai .कोई ध्यान की नहीं ...धर्म भीतर ki और चलना hai !धर्म की शिक्षा जीवन मे उतरने के लिए ...खुद को जानो
जय हो गुरुजी
सादर नमस्ते स्वामी जी🕉🙏
100%satya.karm hi Pooja hai
आर्य समाज की सबसे सत्य और सटीक जानकारी वेदों की देता है इसलिए वैदिक सत्य सनातन धर्म ही सच्चा धर्म है
ईश्वर का नाम जप करने से आत्मा पवित्र होती है मन पवित्र होता है गंदी वस्तु मांस मदिरा तथा केमिकल्स से मिलावटी द्रव्य खाने से मन दूषित होगा फिर नाम जप मे लगना मुश्किल होगा । लेकिन ईश्वर नाम जप करने से अवश्य जीवन सफल होता है ।।
बागेश्वर धाम वाले गुरु जी सनातन धर्म के लिए आवाज उठा रहे हैं
जय श्री राम 🕉️🕉️🚩🚩🙏
Hari om aap jaise asli santo ki wajha se hi hamari ankhen khul gai jai ho
श्रीमान आप और आप के समान विचार वाले के प्रवचनों को मैं बराबर सुनता हूं।
मुझे कुछ बातें, जैसे;-- नैतिकता, राष्ट्रीयता,, निर्भीकता आदि बिल्कुल सही एवं सत्य लगे।
कुछ बातें, जैसे;--- कुछ कथावाचकों की अज्ञता, फूहड़ता, टोना - टोटके पर प्रहार में आंशिक सत्यता है। कुछ लोग इस नाम पर ठगी करते हैं।
परंतु सभी ऐसे नहीं होते।जो जितने अच्छे गणित एवं फलित ज्योतिष के जितने बड़े ज्ञाता/जानकार हैं। उनकी बातों में उतने दम हैं। ठीक उसी तरह जो जितने बड़े अच्छे डाक्टर हैं; वे उतने बड़े रोगों का उतना बड़ा इलाज/ चिकित्सा कर देते हैं,।
इसलिए इनमें भी श्रेणियां हैं; जिस तरह आप सभी आर्यसमाजी भी एक समान विद्वान नहीं हैं; उनमें श्रेणियां हैं।
इस धरती पर एक से एक वीर,एक से एक विद्वान,एक सेएक योगी और एक से एक भक्त हो चुके हैं।
इनमें से किन्हीं के प्रति समर्पित होना बुरा नहीं है, अच्छा ही है। परंतु एक के प्रति समर्पित होकर अन्य सबका तिरस्कार करना, उनके महत्त्व को नकारना और जो जानते हैं हम या हमारे महापुरुष।बस, उतना ही सत्य है और सब झूठे --- यह निरी हठता है और इस हठता रूपी मूर्खता से हम जितना जोड़ते नहीं; उससे अधिक तोड़ने का काम करते हैं।
फिर आर्यसमाजी के वक्तव्यों में जितने प्रहार अपने ही सनातनियों में मूर्त्ति पूजकों एवं कथाकारों पर की जाती है; उतना प्रहार इस्लाम, ईसाई एवं वामपंथियों या भीम- नीम वादियों की भ्रामकता और अंवेदकर तथा महात्मा बुद्ध के मार्ग से भटककर विधर्मियों के हाथ खिलौना बनने वाले पर प्रहार क्यों नहीं देखते - सुनते?
बिल्कुल अपने सिवा सबको झुठला कर केवल स्वयं को सबके ऊपर थोपने का कार्य ही तो इस्लाम, ईसाई और वामपंथी करते हैं।
हां, इतना सत्य है कि सनातनियों के शिकार करने हेतु सभी परस्पर दुश्मनी के भाव रखने वाले मजहब, रिलीजन,मत,पंथ भारत में एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। हां,एक सत्य और कि पूरे यजुर्वेद और आंशिक रूप से ऋग्वेद के आंशिक भाष्य करते हुए अवस्था में ही महापुरुष दयानंद सरस्वती जी के दिवंगत होने के उपरांत क्यों नहीं आपमें से कोई उस अधूरे कार्य को पूरा करने हेतु सत्प्रयास करते हैं?
अभी सबसे बड़ी समस्या है कि विधर्मियों और वामपंथियों को पूर्णतया वैचारिकी स्तर पर समाप्त करना और बिल्कुल सामान्य ज्ञान के विरुद्ध स्पष्टतः प्रमाणित पाखंडियों पर भी प्रहार।
परंतु इसी नाम पर सगुणोपासक, मूर्तिपूजकों की आलोचना या निंदा करना एवं ज्योतिष विद्या को असत्य कहना वैदिक वांग्मय की अज्ञता है।
आज भारत में ही नहीं; संसार के हरेक विकसित एवं शिक्षित देशों में सर्वकालिक वेद के अतिरिक्त इतिहास,पुराण,वेदांग, वेदांत ( इनकी सभी प्रमुख धाराओं), भगवद्गीता,अन्य आस्तिक दर्शनों, नास्तिक दर्शनों में भी कुछ की, रामचरितमानस आदि की धूम मची हुई है।
आर्य समाज की वैदिक सस्कृति ही देश दुनियाँ मे सत्य का मानदण्ड स्थापित कर सकता है।इसमें कोई दो राय नहीं है
आर्य समाज का वास्तविक नाम वेदिक धर्म ही है जो कि अब हिंदू धर्म है.. 🙏
स्वामी दयानंद सरस्वती जी और कबीर वाणी में कोई फर्क नहीं हैं एक जैसी हैं
Satya bat
Bilkul sahi
श्रीमन नारायण नारायण नारायण बिल्कुल राइट 101% मेरा भी यही मानना है मेरा अनुभव है
आर्य समाज अमर रहे🚩
Mhrshi dayanand saraswati ki jai ho
जय सत्य सनातन वैदिक धर्म ❤
राम और कृष्ण जी ने हमेशा कहा है कि ब्राह्मण के वचन हमारे वचन❤
Ja ki rahi bhavna jaisi
Prabhu murat dekhi tinh taisi
नमस्ते स्वामी सच्चिदानन्दजी महाराज की जय
सच्चिदानंद जी महाराज जैसा हिंदू प्रचारक भाजपा के सभी हिंदू हैं हिंदू समाज को आजीवन भाजपा को वोट देना चाहिए जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव हर हर महादेव
BJP hinduon ki Sabse badi Dushman party hai
Jai Ho aar samaj ji
आचार्य जी आपके पीछे बैठे तथाकथित महानुभावों के कारण ही देश की ये हालत हुई है ये पूर्ण ज्ञानी है इन्हें किसी को सुनने की जरूरत ही नहीं है
Aapki. Charcha. Dhyaan. Se. Suna. Hn. ,. Dhanyawaad. 🙏🙏⛳💐🙋
Hinduo ko ek hona chahiye, chahe wo Arya ho, chahe wo Jain , budhha, ya koyi aur. Sabko sanatani bnkr, aur ek saath hokar desh ke liye aage aana chahiye. Jai Shree Ram 🙏🙏🚩
ॐ नमस्ते❤❤
राम जी ने सदा ही गुरु वसिष्ठ जी की आज्ञा पालन करके, ये संदेश दिया है कि ब्राह्मण को समझें उनकी रक्षा करें, धर्म संस्कृति हमेशा बचा रहेगा
Aapka kathan bilkul sahi hai.......Aaj ke kathabachak sb ke sb baharupiyaa evm Phoohad Chand hain......
देखो देखो अपने मूर्ख है और मौज मौज करने की बात करते है देखो दूसरे के लिए सनातन संस्कृति सभ्यता और शास्वत जो सदियों से चले आ रहा है इसे सबको स्वीकार करना चाहिए जिसकी जैसी विचार
सब सही है बातों में विचारों में सात्विकता लाना है धर्म कर्म सुविधा पूर्ण बनाना है नौ मन तील और घी जला के पूजा नहीं होता
इस दुनिया मे आकर आप जो गंदगी फला रहे है
उसका निराकरण तिल और ghee जलाने से ही होगा
Bahut sahi kha
जिस धर्म। में Och नीच होता है। Bo dharm नहीं धंधा है
जय आर्य 🙏 जय आर्य समाज🙏ओ३म 🙏
बिल्कुल सही परम् पूज्य स्वामी जी महाराज जी, अंधविश्वास और पाखंड चरम पर है। 🕉🕉🙏🙏🌷🌷सत्य सनातन धर्म वैदिक धर्म की जय। 🚩🚩🚩🚩🚩
@kamlaupreti9567 आर्य नमाज़ी जिसको सनातन वैदिक धर्म बताते है वो न तो कोई धर्म है न सनातन है और न ही वैदिक है वो तो अठारहवीं सदी में पैगंबर दयानंद के द्वारा स्थापित नव वैदिक कल्ट है जो इस्लामिक मान्यताओं और परम्पराओं पर आधारित है उसमे नव वैदिक हलाला "नियोग" भी है |
@@rameshverma4461वेद तो निरंकार परमेश्वर की बात करता है,वेद ही पुरातन ग्रंथ है बाकी अवतार वाद को मानते हैं
@@MarotiDalpuse महोदय वैसे तो वेद के कई अर्थ होते है जैसे विष्णु, ज्ञान और बोलना इत्यादि और आप जिसको वेद कह रहे है वे वेद नहीं चतुर्वेद है और वे किसी निराकार परमात्मा की बात नहीं करते और न ही वे कोई ईश्वरीय ज्ञान है बल्कि वे तो ऋषियों के द्वारा अपने इष्ट की स्तुति,उपासना और महिमा का बखान करने के लिए रचे गए ऋचाओं का संग्रह मात्र है जिसमे अट्ठारहवीं सदी में अपने मत को स्थापित करने के लिए कई ऋचाओं को हटा दिया गया और कई नयी ऋचाओं को जोड़ दिया गया है
जितने धर्म गुरू बाबा हैं और ये परवचन देते हैं इन को फिल्ड मे काम करो जो देश मे जिहाद रोको आर्य समाज में आप को गुरू आप का विचार अच्छा हैं
🕉🙏आर्यसमाजकीविचारधारासेमैपूर्णरुपसेसहमतहूंआदरणीयस्वामीजीकोमैसादरनमनकरताहूं
सर ये पाखंड दूर कैसे हो। आपकी पूरी बात सत्य है
हर हर महादेव गुरू देव
ओउम्🙏
Murakhto dekha tha aj maha murak bhi dekha.
आईना dekh लिया क्या
जय हिंद वंदे मातरम् जागो हिंदू जागते रहो सनातनी हिन्दू
आर्य समाज जैसा संगठन पूरे देश में क्या विश्व में कहीं पर भी नहीं है🙏🙏🙏
Bahut sundar maharaj ji
Lord Vishnu/Narayana is supreme God
Arya samaj AMR rahe ❤❤❤❤🎉🎉 great samaj sudharak ko namste
श्रीमान जी आप सभी को राम राम जी कितने एसे हैं जो सत्य को जानते है एक ईश्वर है रहेगा आप भी बोलो ईश्वर के सभी पुत्र हैं सनातन भी एक ईश्वर का चिंतन ही है कर्म धर्म सनातन कोई भी व्यक्ति हो एक ईश्वर का उपासक नहीं है बो किसी का नहीं हो सक्ता है राम राम जी
Tu bhi jihadi hi hai. Jai Shri Krihna! Har har Mahadeva.
ATI Sundar namaste ji
સાદરનમસ્તેજી સ્વામીજી
आदरणीय संत जी पूज्य सदगुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज 30 वर्षों से पाखंड पर आवाज उठा रहे हैं उनकी विचारधारा को आप सुनिए
बिल्कुल सही कहा आपने महाराज जी 🙏
ऐ बात आपके ऊपर ही फिट बैठती है
आपकी बात 100% सत्य है पर मुगलों को संस्कृत आती नहीं थी दलित आदिवासी को पढ़ने लिखने नहीं दिया गया तो फिर में यह मिलावट किया किसने
आपके प्रश्न में जवाब छिपा है p समझने वाले को इशारा काफी है
Though i am a muslim but i love the concept "nirakaar bhagwan" from Arya samaaj as it seems quite logical
आप शांत ना बैठे मुर्दा में परिवर्तन होगा जरूर पर समय लगेगा
😂😂😂
जितने भी ज्ञानी हो रहे हैं उतने पंथ पंथी बना रहे हैं