भिखारी ठाकुर के जयंती समारोह में नहीं पहुंचा कोई बड़ा कलाकार
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- Опубліковано 8 вер 2024
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#भिखारीठाकुर
#bhojpuri
18 दिसंबर 1887 में, बिहार के सारण जिले के कुतुपुर दियारा में एक ऐसे सक्स का जन्म हुआ, जिन्होने भोजपूरी गीत संगीत को फर्श से अर्श ले जाने का काम किया,आज भले ही कुछ छुछुंदर कलाकार भोजपूरी को अश्लीलता के दलदल में ढकेलने का प्रयास कर रहे हो, लेकिन ओ हमेशा अपनी गीतों और नाटकों के माध्यम से समाजी कुरूतियो पे प्रहार किया करते थे, जिस महिला समाज की उत्थान की बात, आज हम किया करते हैं ,उन महिलाओं की पीरा बयथा और पुरुष रूपी समाजिक परम्परायो में कैद उन महिलाओं के उत्थान की बात ओ बरसो पहले अपने नाटकों और गीतों के माध्यम से उठाया करते थे ,ओ एक बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे, वे अपने अंदर कई प्रतिभा समेटे हुए थे, वे एक साथ गीतकार,गायक, नाटककार एक्टर जैसे कई कलाओं मे माहिर थे यहीं कारण हैं की उन्हें भोजपुरी के सेक्सपियर की उपाधी मिली, उनके जयंती समारोह में आने के लिए बड़े कलाकार पैसे का डिमांड करते हैं, ये बहुत ही तुछ और दुखद बात है भोजपुरी और भिखारी के लिए
#bhikhari
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#kk
Jay ho ❤
Bahut achchha
Jay bihar, Jay bhikhari thakur
बिहार में भी छोटे बड़े का भेद भाव ज्यादा है जबकि भिखारी ठाकुर जी ने बिहार में भोजपुरी को नया आयाम दिया ये उनकी त्याग और बलिदान का जी परिणाम है।
Jay shree ram
bahut bahut dhanyawad bhikari thakur ji pranam
bahut bahut dhanyawad bhikari thakur ji pranam