साधक प्रश्नोत्तर १ (प्रचारक में गुरु भाव) | Sadhak Q&A #1 (Worshipping a Preacher as Guru)

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 28 сер 2024
  • Shri Maharaj Ji answering two questions of a devotee on the topic of a Guru. (Mangarh, 1994)

КОМЕНТАРІ • 376

  • @sushilashrivastava7758
    @sushilashrivastava7758 4 роки тому +49

    महाराज जी जगतगुरु की उपाधि से विभूषित हैं इतनी बड़ी महान विभूति से अलंकृत होने के पश्चात भी इतने सरल व सहज है कि अपने प्रचारकों के लिए इतनी सहजता से कह देते हैं कि इन्हें भगवत प्राप्ति नहीं हुई है ,विश्व में शायद ही ऐसे कुछ ही महापुरुष हैं जो इतना बड़ा सच जग जाहिर करते हैं वरना तो झुठे बाबाजीयो की कमी नहीं है
    जय हो महाराज जी की जय हो राधे राधे

    • @AjitSingh-yl5wd
      @AjitSingh-yl5wd 3 роки тому +4

      दीदी - श्री महाराज जी ने इस प्रवचन के बाद एक आदरणीय दीदी /प्रचारिका को जिनसे मै परिचित हूं को नित्य सिद्ध महापुरुष बताया है जिसका जिक्र श्री महाराज जी ने अपने पत्र में किया है। राधे-राधे

    • @sushilashrivastava7758
      @sushilashrivastava7758 3 роки тому +1

      @@AjitSingh-yl5wd राधे राधे मुझे पता नहीं था
      क्षमा करें ।

    • @Agyaatr108
      @Agyaatr108 2 роки тому

      @@AjitSingh-yl5wd kon hai vo

    • @Agyaatr108
      @Agyaatr108 2 роки тому

      @@JKDivineBliss vo patr please dijiye
      Radhe Radhe

    • @sr-gg4gc
      @sr-gg4gc 2 роки тому

      @@JKDivineBliss
      धोखे में हो।
      वो पत्र का वास्तविक भावार्थ केवल महाराज जी बताएगें बाकी अपनी बुद्धि से नही समझ सकते।

  • @shiwanimishra6456
    @shiwanimishra6456 4 роки тому +23

    Jaanki prasad channel is really...a Treat for all sadhaks!!....bhot bhot dhanyavad🙏

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому +2

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

    • @nikita6995
      @nikita6995 Рік тому +1

      God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
      It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @yogeshbhatt9190
    @yogeshbhatt9190 5 років тому +37

    Shri Maharaj Ji is divine. Thank you SMJ for providing us (the fallen souls) with true spiritual knowledge. Please grace me so that I always remember you. Jay Shri radhe

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @rinkuvijaywargiya3857
    @rinkuvijaywargiya3857 5 років тому +18

    Thanku Shri Guruvar pyaare for every everything...
    Radhe Radhe Shri Maharajji 🙏🙏🙏

  • @user-ut3gc6vt3v
    @user-ut3gc6vt3v 2 роки тому +5

    बहुत सुंदर आखें खोल देने वाला सतसंग जय श्री राधे कृष्णा 🌺🌸🌺🌸🌸🌺🌸🙏

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому +1

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @debalinanath7620
    @debalinanath7620 5 років тому +17

    Guruji this truth is God .Lots of thanks to you.

  • @learner4584
    @learner4584 5 років тому +21

    Thank you Bhaiya ji. This is a very important lecture, especially much relevant in the current scenario when we cannot see Maharaji Ji with material eyes.

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

    • @nikita6995
      @nikita6995 Рік тому

      God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
      It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @jayshyamshastri7821
    @jayshyamshastri7821 5 років тому +51

    श्रीमत्पदवाक्यप्रमाणपारावारीण ,
    वेदमार्गप्रतिष्ठापनाचार्य ,
    निखिलदर्शनसमन्वयाचार्य ,
    सनातनवैदिकधर्मप्रतिष्ठापनसत्संप्रदायपरमाचार्या,
    भक्तियोगरसावतार ,
    भागवदनन्तश्रीविभूषित
    जगद्गुरु १००८ स्वामी श्री कृपालु जी महाराज की जय हो

  • @GovindKumar-cg2xm
    @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому +3

    इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
    2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
    3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
    इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
    ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
    4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
    आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
    5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
    6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

    • @rajnikantsingh5764
      @rajnikantsingh5764 5 місяців тому

      Bilkul sahi kaha bhaiya. Radhey radhey.

    • @adityarsharma2383
      @adityarsharma2383 Місяць тому

      महाशय आपके वक्तव्य से ( लेखनी) मैं अत्यधिक प्रभावित हुआ हूँ आपके नाम से तो आप स्वयं ब्रह्म जान पड़ते हो मैं इन बातों से तो भ्रमित हो gaya हूँ कृपया मेरा मार्ग निर्देशित करे

  • @kripalujimaharaj5006
    @kripalujimaharaj5006 5 років тому +14

    JAI SADGURU SARKAR😊😊😊.. Radhey Radhey 😊 😊😊 😊😊 😊😊 😊

  • @jogindermatta6075
    @jogindermatta6075 5 років тому +17

    श्री कृपालु महापप्रभु की जय

  • @neelmanikripalusatsang3319
    @neelmanikripalusatsang3319 6 років тому +15

    Radhey Radhey

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @peacesoultk
    @peacesoultk 5 років тому +18

    Powerful lecture. RadheyRadhey. All the Preachers🌹finally send the new comer to ShreeMaharajji🙏🙏🙏 my experience. Any body can not do this.Feeling blessed lucky and grateful.Radhey Radhey. 💝

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

    • @purnimabakery9839
      @purnimabakery9839 2 роки тому

      @@GovindKumar-cg2xm Buddhi to tum laga rahe ho???

    • @nikita6995
      @nikita6995 Рік тому

      God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
      It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @dipankarmondal8
    @dipankarmondal8 5 років тому +11

    Maharajji Radhe radhe maharajji miss you

  • @rajnishthakur8276
    @rajnishthakur8276 2 роки тому +2

    मेरे ह्रदय सम्राट भगवान श्री कृपालु क्रष्ण महाराज साहब दण्डवत प्रणाम जय जय🙏🌏📿🚩🌹

  • @akhilhils
    @akhilhils 5 років тому +8

    Awesome......Srimad Sadguru Sarkar ki Jai............🤷🏻‍♂️

  • @krishanmohansharma8306
    @krishanmohansharma8306 5 років тому +31

    बहुत गहरी अभिव्यक्ति.. सत्संग. जय श्री कृष्ण

    • @hemant671
      @hemant671 4 роки тому +1

      Radhey radhey...🙏🙏🙏

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

    • @purnimabakery9839
      @purnimabakery9839 2 роки тому +1

      @@GovindKumar-cg2xm Nicely said ,but a gentle reminder Sir, knowingly or unknowingly all so called angrej ke mandir wale sadhaks are Sri Maharaj Ji's Bhakt
      And they themselves are openly welcoming Sri Maharaj Ji and Sri Maharaj Ji's Teachings and Ashrams as sole Guru and sole driving power of Inner Bhakti and spirituality.
      We mayic jeev must not interpret Sri Maharaj Ji's any Leela Or teachings on our scale.
      Guru mero Kripalu Subhaag Hamaro

    • @purnimabakery9839
      @purnimabakery9839 2 роки тому

      Mere Guruwar Bhakti Ras Avataar

    • @nikita6995
      @nikita6995 Рік тому

      God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
      It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @purnimabakery9839
    @purnimabakery9839 2 роки тому +3

    Only Sri Maharaj Ji
    Only Sri Maharaj Ji
    Only Sri Maharaj Ji
    ❤❤❤

  • @theperfectcelibate8669
    @theperfectcelibate8669 5 років тому +8

    Too much valuable video. Invaluable knowledge.🙏

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому +1

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @Jkp5496
    @Jkp5496 5 років тому +5

    Radhe Radhe Jai Ho sadguru sarkar ki jai ho 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @janhvipandey9502
    @janhvipandey9502 5 років тому +10

    Thanks for sharing this video

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @jayshyamshastri7821
    @jayshyamshastri7821 5 років тому +18

    श्रीमद् सद्गुरु सरकार की जय

  • @rajivgavasker9818
    @rajivgavasker9818 5 років тому +7

    Jai gurudev aapke chrno me koti-koti pranam.

  • @apratimdwivedi1772
    @apratimdwivedi1772 6 років тому +18

    राधे राधे जय श्री राधे हार्दिक आभार

    • @SurajYadav-tl4rk
      @SurajYadav-tl4rk 5 років тому +1

      Radhe Radhe maharaj ji you are great Anirudh Yadav Siddharth Nagar up I have no word for praise of you Radhe Radhe maharaj ji

  • @Sanjanak6643
    @Sanjanak6643 6 років тому +16

    Thank you for sharing. Radhe Radhe

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @hiteshbhardwaj1980
    @hiteshbhardwaj1980 5 років тому +5

    ParnAam hey divya gyaan ka bhandaar jai jai shri radhe

  • @prakharshukla1135
    @prakharshukla1135 5 років тому +14

    Maharaj ji us time jyada tej bolte the ☺️☺️☺️ maja a gya awaj sunke

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому +1

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @SantoshKrYadav
    @SantoshKrYadav 5 років тому +13

    Thanks you for sharing , jai guru dev

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому +1

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

    • @SantoshKrYadav
      @SantoshKrYadav 2 роки тому

      @@GovindKumar-cg2xm जय जय श्री राधे,
      आप बहुत आहत लगते है,
      दूसरो के ऊपर बहुत विश्लेषण कर रहें है
      अशा है आप साधना भी करते होंगे,
      क्षमा करे आप को दूसरो में दोष दिख रहे हैं, क्या इसका मतलब आप सिद्ध अवस्था मे है,
      जीसे जो मतलब निकालना हो इस वीडियो से ये उसकी प्रकृति या स्वभाव पर छोड़ दे,
      शांत रहें और भजन करे,
      जय जय श्री राधे 📿

    • @nikita6995
      @nikita6995 Рік тому +1

      Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
      It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @hlagarwal9508
    @hlagarwal9508 5 років тому +15

    Radhey ! Radhey !

  • @keepitsimple9466
    @keepitsimple9466 5 років тому +5

    Shri Maharajji has made it crystal clear here...love and serve Hari Guru only. But, respect and help Pracharaks to spread the teachings of Hari Guru. Not to forget, these pracharaks were handpicked by Jagadguruttam Himself to propagate his philosophies, which they are doing diligently to this day and will continue to do. They are Shri Maharajji's children to, for and about whom Sadgurudev has a right to say anything. However, we as striving sadhaks cannot and mustn't ever disrespect them. For sure that will not please Shri Maharajji

    • @JaankiPrasad
      @JaankiPrasad  5 років тому +8

      Of course. Shri Maharajji had chosen only them for a certain reason. Because of their selfless seva, so many fortunate souls are able to reach Shri Maharajji. What to say of Shri Maharajji's preachers, but even an atheist who curses God must not be treated disrespectfully. Our Shyamsunder resides within everyone.

    • @keepitsimple9466
      @keepitsimple9466 5 років тому +3

      @@JaankiPrasad Absolutely! I consider myself fortunate that I get the association of Pracharaks like Braj Banchary didiji, Siddheshvari didiji, Maheshvaranand bhaiya time and again. They help keep me on track when it is very easy to get distracted specially in this part of the globe

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      @@JaankiPrasad इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @balarammugicadhikari7820
    @balarammugicadhikari7820 4 роки тому +4

    He manuse Bhagawan ke antim tatto batane wala pancham mul jagadguru he kripalu jee maharaj radhey radhey gurudev

    • @nikita6995
      @nikita6995 Рік тому

      Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
      It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @devashishsonowal1505
    @devashishsonowal1505 5 років тому +8

    Maharaj is ultimate and funny too😂
    Radhe Radhe

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @basubaishnabbasubaishnab5026
    @basubaishnabbasubaishnab5026 5 років тому +7

    Rini Radhey.....
    Sashtang Dandwat pronam.....

  • @nareshaggarwal7804
    @nareshaggarwal7804 5 років тому +3

    Kirpalu ji ke shri charno me koti koti parnam

  • @krupalusevak2765
    @krupalusevak2765 5 років тому +4

    Radhey Radhey pranam mahaprabhu koti koti pranam prabhu

  • @beu6336
    @beu6336 6 років тому +13

    Radhe Radhe

  • @DharmPalJangra
    @DharmPalJangra 6 років тому +12

    Radhey Radhey aadarniya Bhaiya ji...
    Haardik Aabhaar...

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому +1

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

    • @nikita6995
      @nikita6995 Рік тому

      Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
      It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @Abhaykumar-hi4xk
    @Abhaykumar-hi4xk 5 років тому +11

    Aap ko bahut bahut dhanyvad ji

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому +1

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

    • @Abhaykumar-hi4xk
      @Abhaykumar-hi4xk 2 роки тому

      @@GovindKumar-cg2xm 🙏 मै केवल श्री महाराज जी को ही अपना गुरु मानता हूं, हा मै श्री महाराज जी का ये वीडियो मैंने नहीं देखा था, इसलिए मैंने धन्यवाद दिया,,,,,, 🙏🙏राधे राधे 🙏🙏🙂

  • @nishasirpaul
    @nishasirpaul 5 років тому +6

    Jai Shri Radhe 🌹

  • @soniyakaushik5890
    @soniyakaushik5890 3 роки тому +1

    Radhe Radhe Gurudev Pyaareee 🙏🙏
    Shrimad Sadgurudev Bhgwaan ki jai 🤗🙌🙌🤗

  • @smileyboy18
    @smileyboy18 5 років тому +6

    very nice share to all people

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @paarthasaarathi4277
    @paarthasaarathi4277 6 років тому +12

    JSHRI RAADHE KRISHN GURUVAR KI JAIHO

  • @krishnakumariyer260
    @krishnakumariyer260 5 років тому +5

    Thank you Maharajji!

  • @gopalsinghparmar9532
    @gopalsinghparmar9532 5 місяців тому

    Sri Maharaj ji ke charno me koti koti pranam.

  • @julisharma8108
    @julisharma8108 3 роки тому +1

    Hare Krishna sant sadgurudeo ke sadar charan kamlo me dandwat pranam

  • @maharajkrishanraina6222
    @maharajkrishanraina6222 5 років тому +12

    Thanks a lot.Radhey Radhey.

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

    • @nikita6995
      @nikita6995 Рік тому

      Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
      It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @kirpaludasi1932
    @kirpaludasi1932 2 роки тому +1

    Dhanya Dhanya mere satguru Sarkar 🙏🙏🙏

  • @tinkupattnaik8199
    @tinkupattnaik8199 5 років тому +6

    Jay shree radhey. ...

  • @ashwendrasingh481
    @ashwendrasingh481 4 роки тому +3

    Shri Guru sharanam. Shri Guru sharanam. Shri Guru sharanam. 🙏🙏🙏💖🌹🌹🌹

  • @Mamtatpsharma
    @Mamtatpsharma 3 роки тому +2

    श्रीमद् सद्गुरु सरकार की जय🙏🙏🙏🌹🌹🌹❤️❤️❤️

  • @nikita6995
    @nikita6995 Рік тому +3

    God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
    It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @kuldeepmalik1083
    @kuldeepmalik1083 5 років тому +3

    Jai ho guru ji ki Jai ho Jai ho Jai ho Radhey Radhey

  • @AkankshaSharma-zo7ew
    @AkankshaSharma-zo7ew 2 місяці тому

    सदगुरुदेव भगवान के जुगल चरणों मे प्रणाम 🙏🙏प्रभु 🙏

  • @kailash_Kumar86
    @kailash_Kumar86 3 роки тому

    सदगुरुदेव महाप्रभु के पावन चरणों में अनंत प्रणाम जय श्री गौरीशंकर जय श्री सीताराम, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, राधे कृष्ण राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे राधे श्याम राधे श्याम श्याम श्याम राधे राधे l

  • @AshaSharma-qd1kb
    @AshaSharma-qd1kb 20 годин тому

    राधे राधे श्री महाराज जी 🙏

  • @RadheRadhe-fm4jc
    @RadheRadhe-fm4jc 4 місяці тому

    राधे राधे श्री महाराज जी
    🙏🏻🌷🌹❣️🌹🌷🙏🏻

  • @bairagisecuritytrainer1679
    @bairagisecuritytrainer1679 5 років тому +8

    Radhe

  • @AkankshaSharma-zo7ew
    @AkankshaSharma-zo7ew 6 місяців тому

    हमारे प्यारे महाराज जु के जुगल चरणों मे प्रणाम 🙏🙏🙏राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे 🙏🙏🙇‍♀️🙇‍♀️🙇‍♀️🙇‍♀️

  • @ashishkumarstrugglingboy1565
    @ashishkumarstrugglingboy1565 4 роки тому +1

    Jai guru Dev and Jai shri Radhe krishn.

  • @ganeshkc9873
    @ganeshkc9873 2 роки тому +1

    Radha rani herself is giving the power full and divine speech radhe radhe

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @hiitusharma6306
    @hiitusharma6306 5 років тому +4

    Hari bol

  • @alokmohanty6611
    @alokmohanty6611 2 роки тому +2

    Most powerful speech ever ❤️

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

    • @nikita6995
      @nikita6995 Рік тому

      God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
      It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @mamtasinghmamtasingh8522
    @mamtasinghmamtasingh8522 6 років тому +10

    radhe radhe guru ji.

  • @shivanitrivedi5469
    @shivanitrivedi5469 3 роки тому +1

    Radhe Radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe 🙏🌹🙏

  • @jaganathyadav8713
    @jaganathyadav8713 4 роки тому +1

    हमारे प्यारे प्यारे श्री महाराज जी की जय।
    अलबेली सरकार की जय।
    जय जय श्री राधे
    जय जय श्री राधे।

  • @jiyacartoonworld8410
    @jiyacartoonworld8410 5 років тому +1

    Radhe Radhe 🙌🙌🙌🙌
    Shri satguru sarkar ki jai
    Radhe Radhe 🙌🙌🙌🙌

    • @rajendrachauhan981
      @rajendrachauhan981 4 роки тому

      Joohi Shrivastav जगतगुर मह।र।ज र।धे र।धे नम

  • @sunitysingh2541
    @sunitysingh2541 5 років тому +9

    Thanks a lot

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @geetasharma5899
    @geetasharma5899 6 років тому +6

    Radhey Radhey bhiya ji..

  • @anjalidash1217
    @anjalidash1217 2 роки тому +1

    Jayashree radhe radhe 🙏

  • @SpreadMagic
    @SpreadMagic 3 роки тому +1

    Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey

  • @JaiShreeRam_1985
    @JaiShreeRam_1985 Рік тому

    Jai Shree sdguru bhgwan ki jay ho guru gowind bhgwan ke charn kamlo me koti koti prnam prbhu radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey

  • @harekrishna6258
    @harekrishna6258 5 років тому +6

    Radhey radhey

  • @gobindodas9582
    @gobindodas9582 4 роки тому +2

    Radhey radhey sadguru sarkar ki jay🙏🙏🙏🙏🙏

  • @jaatboykeshavchaudhary2675
    @jaatboykeshavchaudhary2675 5 років тому +3

    Radhe radhe Maharajji

  • @brijeshmishra4751
    @brijeshmishra4751 3 роки тому

    Jai jai Shri pyare pyare Maharaj ji param pujay mere pyare pyare

  • @satishthakur8464
    @satishthakur8464 4 роки тому

    Mare guru dave prabhu app ke shri cherno main shat shat naman 🙏🙏🙏

  • @arunsaini5365
    @arunsaini5365 4 дні тому

    आभार गुरु जी राधे राधे कृष्णा कृष्णा

  • @ashwendrasingh481
    @ashwendrasingh481 4 роки тому +2

    Jay ho mere Shyama Shyam 🙏🙏💖🌹🌹

  • @umeshrathod5707
    @umeshrathod5707 4 роки тому +1

    advaiy gyan tatva , paratpar par tatva , Bhagvad Swaroop Shri Maharaj ki Jay ho

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

    • @nikita6995
      @nikita6995 Рік тому

      Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
      It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @ganeshpathak4687
    @ganeshpathak4687 5 місяців тому

    Radhey Radhey kripa barsane wali Radhey Radhey

  • @shrutitripathi3532
    @shrutitripathi3532 5 років тому +4

    राधे राधे

  • @abhishekpastor1979
    @abhishekpastor1979 5 років тому +3

    jai shree radhe krishna sarkar

  • @renutanwar628
    @renutanwar628 4 роки тому +3

    radhey radhey 🙏❤️

  • @sumithakur1610
    @sumithakur1610 4 роки тому

    Maharaj ji ki jai ho Radhey Radhey 😘😘😘😘🌹🌹🌹❤️❤️❤️😊😊

  • @ItzJustFizzy_Gang
    @ItzJustFizzy_Gang 5 років тому +5

    U r back 😊😊😊😊😊omg....😁😁😁 bhaiyaji ..... Aap ne ek Punjabi bhog geet upload kiya tha Braj parikari Devi ji ki voice mein भैया जी वह मुझे चाहिए प्लीज अपलोड कीजिए thank you so much🙏🙏🙏

    • @Instadjae
      @Instadjae 5 років тому +1

      I will upload it, i have it.

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @PranavMishra-ze2jq
    @PranavMishra-ze2jq 3 роки тому +2

    Radhe Radhe 🙏🏽

  • @hemsaurabhsingh553
    @hemsaurabhsingh553 5 років тому +1

    Jay jay shree guru var kripaluji mahaprabhu

  • @shambhati2701
    @shambhati2701 5 років тому +3

    radhe radhe

  • @sujatamallick9716
    @sujatamallick9716 4 роки тому

    Maharaj Ji Radhe Radhe 🌹🙏🌹 Ananta pranaam aapki pabitra charano mein 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏......🙏🙏🙏...👌👌👌

  • @gautam642
    @gautam642 12 днів тому

    Jaanki Prasad Bhaiya Ji Thank You So Much ❤❤

  • @sushmasharma8749
    @sushmasharma8749 6 років тому +6

    राधे राधे भेया

    • @sushmasharma8749
      @sushmasharma8749 6 років тому +2

      राधे राधे भेया
      नए साधको के लिए बहुत जरूरी वीडियो है यह

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @anuradhashukla8330
    @anuradhashukla8330 5 років тому +3

    Dhnaybad

  • @govindkushwaha2507
    @govindkushwaha2507 5 років тому +1

    Radhey radhey....hari bol...

  • @anujpattanayak5141
    @anujpattanayak5141 4 роки тому

    Radhe Radhe ! Shree Maharajji sabka aankh khol diye .iska koi tulna nahin hein. Aparampar !!

    • @GovindKumar-cg2xm
      @GovindKumar-cg2xm 2 роки тому

      इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
      2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
      3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
      इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
      ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
      4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
      आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
      5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
      6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।

  • @smileyboy18
    @smileyboy18 2 роки тому

    Thank you bhaiya for sharing the divine words of maharaji .Please keep on posting Maharajji philosophy no matter

  • @ashaparthsarthi4323
    @ashaparthsarthi4323 3 роки тому

    Radhey Radhey Maharaj Ji Guruji for guidance , Kripa Kariye ga Guru ji 🙏🙏🌹🌹❤️🌹🌹❤️

    • @nikita6995
      @nikita6995 Рік тому

      Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
      It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏

  • @sukhabhullar2137
    @sukhabhullar2137 4 роки тому +1

    Jai ho

  • @Kishoriju84
    @Kishoriju84 Рік тому

    Radhe Radhe mere pyare sadguru sarkarjii❤❤❤🙏

  • @sabitadey2125
    @sabitadey2125 4 роки тому +2

    Radheyyyyyyyyyyyyy 🌺🌹🌺🌹🌺🙏

  • @naveensolanki2565
    @naveensolanki2565 3 роки тому

    🙏🙏🙏💙💚❤️Jai ho Shri Maharaj ji ki ❤️💚❤️Shri💙💚❤️ radhe ❤️💙❤️ radhe ❤️💚❤️🙏🙏🙏