मिताक्षरा, दायभाग, सहदायिकी क्‍या है, सहदायिकी में कौन कौन आते हैं। उत्‍तराधिकार एवं उत्‍तरजीविता

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  • Опубліковано 20 січ 2025
  • मिताक्षरा और दायभाग के बीच मुख्य मुख्य बातों का भेद नीचे दिखाया जाता हैः
    (१) मिताक्षरा के अनुसार पैतृक (पूर्वजों के) धन पर पुत्रादि का सामान्य स्वत्व उनके जन्म ही के साथ उत्पन्न हो जाता है, पर दायभाग पूर्वस्वामी के स्वत्वविनाश के उपरांत उत्तराधिकारियों के स्वत्व की उत्पत्ति मानता है।
    (२) मिताक्षरा के अनुसार विभाग (बाँट) के पहले प्रत्येक सम्मिलित प्राणी (पिता, पुत्र, भ्राता इत्यादि) का सामान्य स्वत्व सारी संपत्ति पर होता है, चाहे वह अंश बाँट न होने के कारण अव्यक्त या अनिश्चित हो।
    (३) मिताक्षरा के अनुसार कोई हिस्सेदार कुटुंब संपत्ति को अपने निज के काम के लिये बै या रेहन नहीं कर सकता पर दायभाग के अनुसार वह अपने अनिश्चित अंश को बँटवारे के पहले भी बेच सकता है।
    (४) मिताक्षरा के अनुसार जो धन कई प्राणियों का सामान्य धन हो, उसके किसी देश या अंश में किसी एक स्वामी के पृथक् स्वत्व का स्थापन विभाग (बटवारा) है। दायभाग के अनुसार विभाग पृथक् स्वत्व का व्यंजन मात्र है।
    (५) मिताक्षरा के अनुसार पुत्र पिता से पैतृक संपत्ति को बाँट देने के लिये कह सकता है, पर दायभगा के अनुसार पुत्र को ऐसा अधिकार नहीं है।
    (६) मिताक्षरा के अनुसार स्त्री अपने मृत पति की उत्तराधिकारिणी तभी हो सकती है जब उसका पति भाई आदि कुटुंबियों से अलग हो। पर दायभाग में, चाहे पति अलग हो या शामिल, स्त्री उत्तराधिकारिणी होती है।
    (७) दायभाग के अनुसार कन्या यदि विधवा, वंध्या या अपुत्रवती हो तो वह उत्तराधिकारिणी नहीं हो सकती। मिताक्षरा में ऐसा प्रतिबंध नहीं है। याज्ञवल्क्य, नारद आदि के अनुसार पैतृक धन का विभाग इन अवसरों पर होना चाहिए- पिता जब चाहे तब, माता की रजोनिवृत्ति और पिता की विषयनिवृति होने पर, पिता के मृत, पतित या संन्यासी होने पर।
    Mitakshara School
    Dayabhaga School
    Mithakshara School
    This school owes its name to Vijnanaeshwara’s commentary on the Yajnavalkya smriti by the name of ‘Mitakshara.’ This school prevails in the whole of India except Assam and Bengal.[2] This inspite of being a running commentary is also a digest of practically all the leading Smritis and the deals with all the titles of Hindu law. The date of composition is placed by Kane from A.D. 1100-1200. The word Mitakshara literally means a ‘brief compendium’.
    The mitakshara School follows the law of inheritance based on the Principle of Propinquity i.e. on the nearness of blood relationship. However, full effect to this was not given. The Hindu Succession Act 1956 has given full effect to the same principle.

КОМЕНТАРІ • 26

  • @AnamikaNigam-p7h
    @AnamikaNigam-p7h 11 місяців тому

    Thanks sir

  • @ASmaz-ol1dw
    @ASmaz-ol1dw 3 роки тому

    Danyabad...

  • @pgl2154
    @pgl2154 3 роки тому +2

    Bht ache s explain Kiya apn

  • @keertitiwari4846
    @keertitiwari4846 2 роки тому +2

    thank u so much sir

  • @Lawinspirationmaa
    @Lawinspirationmaa Рік тому +1

    बहुत अच्छा पढाया है, और भी विडियो बना दो

  • @sudhansuranjan6238
    @sudhansuranjan6238 4 роки тому +3

    शुभकामनाएं

  • @MajidKhan-gw2xu
    @MajidKhan-gw2xu 3 роки тому +3

    सर जी बड़े आसान तरीके से अपने समझाने का प्रयत्न किया है। 🇨🇮👌💐💐💐

  • @Ranistudyvlogs2525
    @Ranistudyvlogs2525 Рік тому

    Hmare India m kya ye dono chalte h..??

  • @rajendrasinghsolanki2341
    @rajendrasinghsolanki2341 4 роки тому

    हमारी शुभकामनाएं आपके साथ।

  • @MamtaKumari-b1r1d
    @MamtaKumari-b1r1d 4 місяці тому

    Sir but kha jata h ki mitakahara kanoon asam aur bangal ko chorkar pure bharat me lagu hota h???? please reply me sir

  • @kutubali8788
    @kutubali8788 Рік тому

    Sar mujhe apna juniar bana Li jiye

  • @dineshvishwakarma2741
    @dineshvishwakarma2741 4 роки тому +3

    Very nice sir, bahut easily smjhaya aapne

  • @cyclekepanchi7222
    @cyclekepanchi7222 Рік тому +3

    A एक पिता है जिसका x पुत्र हैं y पुत्री हैं, y का विवाह हो चुका है a की सम्पत्ति में y पुत्री का हक होगा, अगर a की मृत्यु हो गई है और y पुत्री की संतान नहीं है ओर वह मर जाए तब क्या होगा पति को हिस्सा मिलेगा दूसरी परिस्थिति अगर y की संतान हैं तब y के कोन वारिस होंगे? क्या y का पति हकदार होगा 😢

  • @guruprasadganguly10
    @guruprasadganguly10 10 місяців тому

    Mitaksara koun likhe our daybhaga kaun likhe

  • @krishnakantshukla3676
    @krishnakantshukla3676 Рік тому

    V nice sir
    Ak dout hai plz uska solution dijiye
    Yadi hum mitachhra ko dekhe
    To kya hum pita k rahene upraant hi hum unki paitrik sampati ki khetewni me mutation to unka hi rahega
    To hum
    Bina khetewni (jisme mera naam nahi hai ) to hum up revenue code 2006 section 116 ko sdm k samchh plaint file kar sajta hu

  • @amitabhmishra2961
    @amitabhmishra2961 3 роки тому +3

    सर मिताक्षरा विधि मे किस परिस्थिति मे दानपत्र लिखा जा सकता है

  • @ADITYAKUMAR-jj1sf
    @ADITYAKUMAR-jj1sf 2 роки тому

    Sir abhi bhi mitakshra lagu hai
    .

  • @atharvjain7578
    @atharvjain7578 2 роки тому

    App meri Hindu law me marriage act me help karege

  • @vk123_4
    @vk123_4 6 місяців тому

    Sir likh kr btaya kray asay nhi accha lgta hy

  • @avinashmishra5782
    @avinashmishra5782 2 роки тому

    यूपी में कोई पर्शन अपनी पैतृक सम्पत्ति को बेचता है तो क्या उसका लड़का उसको रोक सकता है है की नहीं सर 🙏🙏

  • @mitakshracharan
    @mitakshracharan 3 роки тому +2

    Actually my name is mitakshra 😅😅

  • @rohitgupta-nt4gb
    @rohitgupta-nt4gb 4 роки тому +1

    वकील साहब अपने क्लियर ही नही किया कि प्रपौत्र के साथ प्रपौत्री भी सहदायिक है या नही, यह भी गलत बताया कि पूर्वजो से प्राप्त सम्पति बटवारे के बाद निजी हो जाती है जबकि पूर्वजो से प्राप्त सम्पति में प्राप्त व्यक्ति के पुत्रो का भी अधिकार होता है अर्थात वह उसकी निजी नही है और उसका वह वसीयत नही कर सकता,self earned property पर व्यक्ति का निजी अधिकार होता है।

    • @avinashsahu5484
      @avinashsahu5484 3 роки тому

      नही सर बताया प्रपौत्र परपोत्री के बारे में