Maheshwar Fort (Ahilya Fort) | Maheshwar | Madhya Pradesh
Вставка
- Опубліковано 21 жов 2024
- Yahan hoti hai Bollywood movies ki shooting | Padman | Manikarnika | Dabaang 3
महेश्वर क़िला, मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक नगर महेश्वर में स्थित है। यह क़िला होल्कर क़िला के रूप में भी प्रसिद्ध है। यह क़िला आज भी पूरी तरह से सुरक्षित है तथा बहुत ही सुन्दर तरीक़े से बनाया गया है। यह बड़ी मजबूती के साथ नर्मदा नदी के किनारे पर सदियों से डटा हुआ है। इस किले का निर्माण 18वीं सदी में हुवा था।
महेश्वर प्रसिद्ध नगरों में से एक रहा है। निमाड़ एवं महेश्वर का इतिहास लगभग 4500 वर्ष पुराना है। रामायण काल में महेश्वर को ‘माहिष्मती’ के नाम से जाना जाता था। 18वीं सदी में निर्मित महेश्वर अथवा होल्कर क़िला नर्मदा नदी के सुन्दर तट पर स्थित है। महेश्वर क़िला मालवा की तत्कालीन रानी अहिल्याबाई होल्कर का निवास था। इसीलिए इसे “अहिल्या क़िला” भी कहा जाता है।
क़िला परिसर के अन्दर पर्यटक विभिन्न छतरियों और आसनों को देख सकते हैं जिन पर रानी क़िले में आने पर बैठती थीं। इस प्राचीन इमारत में भगवान शिव के विभिन्न अवतारों को समर्पित कई मन्दिर हैं। यह क़िला रानी अहिल्याबाई होल्कर के शक्तिशाली शासक होने और अपने साम्राज्य की सुरक्षा के प्रति किये गये उपायों का प्रत्यक्ष गवाह है।
क़िले के अन्दर प्रवेश के बाद राजराजेश्वर मंदिर एवं रेवा सोसाइटी के बाद आता है एक बड़ा हॉल, जहाँ एक ओर देवी अहिल्याबाई का राज दरबार है तथा उनकी राजगद्दी है, जिस पर उनकी सुन्दर प्रतिमा रखी गई है। यह दृश्य इतना सजीव लगता है कि ऐसा प्रतीत होता है कि देवी अहिल्याबाई सचमुच अपनी राजगद्दी पर बैठकर आज भी महेश्वर का शासन चला रही हैं।
क़िले में स्थित एक छोटे से मंदिर से आज भी दशहरे के उत्सव की शुरुआत की जाती है, जैसे वर्षों पहले यहाँ होल्कर शासन काल में हुआ करता था। क़िले से ढलवां रास्ते से नीचे जाते ही शहर बसा हुआ है। यहीं पर एक सुन्दर सी पालकी भी रखी है, जिसमें बैठकर देवी अहिल्याबाई नगर भ्रमण के लिए जाती थीं।
महेश्वर क़िले में प्रवेश के लिए अहिल्या घाट के पास से ही एक चौड़ा घेरा लिए बहुत सारी सीढ़ियाँ बनी हुई हैं। यह क़िला जितना सुन्दर बाहर से है, उससे भी ज्यादा सुन्दर तथा आकर्षक अन्दर से लगता है। इतनी सुन्दर कारीगरी, इतनी सुन्दर शिल्पकारी, इतना सुन्दर एवं मजबूत निर्माण की आज भी यह क़िला नया जैसा लगता है। अन्दर जाकर एक तरफ़ राजराजेश्वर शिव मंदिर है तथा दूसरी तरफ़ एक अन्य स्मारक है।
क़िले के अन्दर कुछ क़दमों की दूरी पर ही प्राचीन राजराजेश्वर शैव मंदिर दिखाई देता है। यह एक विशाल शिव मंदिर है, जिसका निर्माण क़िले के अन्दर ही अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। यह मंदिर भी क़िले की ही तरह पूर्णतः सुरक्षित है एवं कहीं से भी खंडित नहीं हुआ है। आज भी यहाँ दोनों समय साफ़-सफाई, पूजा-पाठ तथा जल अभिषेक वगैरह अनवरत जारी है। देवी अहिल्याबाई इसी मंदिर में रोजाना सुबह-शाम पूजा-पाठ किया करती थीं।
How to reach Maheshwar?
Here is how to reach Maheshwar.
Nearest airport is the Devi Ahilyabai Holkar International Airport. The nearest airport is at Indore; located about 91 km from Maheshwar. The airport is well connected by flights to cities like Mumbai, Delhi and Bhopal. From the airport, visitors can hire a taxi to reach Maheshwar.
Shoot from : Go pro Hero 9
Social Media Handles
Follow us on:
Instagram : / vikram.dev.sharma
UA-cam Channel : / @lovlifeofvicky
Nice
Very beautiful
Nice place
What a view 👍👍
Our heritage must visit place
Yes
Wow
Thanks for watching
❤❤❤❤
Nice 👍
Thanks for watching
Great day
Thanks for watching