साहेब हम में साहेब तुम में जैसे प्राना बीज में मत कर बंदा गुमान दिल में खोज देख ले तन में कोटि सूर जहँ करते झिलमिल नील सिध सोहै गगन में सब ताप मिट जाएँ देही कै निर्मल होय बैठी जगा में अनहद घंटा बजै मृदंंगा तन सुख लेहि पियार में बिन पानी लागी जहँ वर्षा मोती देख नदीन में एक प्रेम ब्रह्मांड छाय रहो है समझ बिरले पूरा अंध भेदी कहा समझैगे ज्ञान के घरतैं दूरा बड़े भाग अलमस्त रंग में 'कबीरा' बोलै घट में हंस उबारन दुःख निवारन वावा गमन न मिटै छन में
गायन देखूँ... की वाणी का चयन.......हत्प्रभ हूँ.....जेसे कबीर अमर हैं......आपकी गायकी भी अमर है....🎉🎉🎉🎉🎉
साहेब हम में साहेब तुम में जैसे प्राना बीज में
मत कर बंदा गुमान दिल में खोज देख ले तन में
कोटि सूर जहँ करते झिलमिल नील सिध सोहै गगन में
सब ताप मिट जाएँ देही कै निर्मल होय बैठी जगा में
अनहद घंटा बजै मृदंंगा तन सुख लेहि पियार में
बिन पानी लागी जहँ वर्षा मोती देख नदीन में
एक प्रेम ब्रह्मांड छाय रहो है समझ बिरले पूरा
अंध भेदी कहा समझैगे ज्ञान के घरतैं दूरा
बड़े भाग अलमस्त रंग में 'कबीरा' बोलै घट में
हंस उबारन दुःख निवारन वावा गमन न मिटै छन में
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