दिव्या माथुर की कहानी-टकराव | Divya Mathur ki kahani | हिन्दी ऑडियोबुक | हिन्दी कहानी
Вставка
- Опубліковано 9 лют 2025
- दिव्या माथुर की कहानी-टकराव
Divya Mathur ki kahani
हिन्दीऑडियोबुक
हिन्दी कहानी
स्वर-सीमा सिंह
दिव्या माथुर ब्रिटेन मे बसी भारतीय मूल की हिंदी लेखिका है। कविता एवं कहानी समान रूप से लिखती रही हैं। उनके कहानी संग्रह `आक्रोश' के लिए उन्हें वर्ष 2001 का पद्मानंद साहित्य सम्मान प्राप्त हो चुका है। उनकी कविताओं में जहां तीखा क्षोभ है, वहीं मार्मिकता भी है, संवेदनशील बुनावट है तो भावात्मक कसावट भी है। उनके कहानी संग्रह में संग्रहित अधिकतर रिश्तों और स्थितियों में पिस रही औरत की कहानियां हैं। उनके रचना संसार में सास और पति आमतौर पर ज़ुल्म का प्रतीक बनकर उभरते हैं। उनकी कहानियों का अनुवाद कई भाषाओं में हुआ है। उनकी कहानियों एवं कविताओं को भी कई संकलनों में शामिल किया गया है। उनके अब तक चार कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। भारत में उनके रचना संसार पर एम. फिल. भी की जा चुकी है। साहित्य रचने के अतिरिक्त दिव्या माथुर `वातायन' संस्था की अध्यक्षा, `यू॰के॰ हिन्दी समिति' की उपाध्यक्षा एवं `नेहरू केन्द्र' की कार्यक्रम अधिकारी हैं।
Nice story ☀️☀️
अच्छी कहानी, अंत तो आश्चर्यजनक था, आपका वाचन भावपूर्ण 🙏
Very very nice story ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Pata nahi qu sar dard ho gaya 😢. Haan end accha laga
Achhi kahani hai donon duniya ke sanskaaron ke takraav ki 👌🏻
very touching story
ऐसे व्यक्ति पर कैसे विश्वास किया जा सकता है कि वह भविष्य में भी उसके प्रति वफादार बना रहेगा।
महाभारत अपने बच्चों का कभी गलत नहीं सोचते ना गलत चला देते है।
प्रेम के दीवानों के लिए एक शिक्षाप्रद कहानी।❤😢😮😅
❤❤
Bekar