Class259 Bhgavad Geeta2/45 Shankar Bhashyam भगवद्गीता2/45 शंकर भाष्यम्।मायावी प्रीति योग्य,माया नहीं
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- Опубліковано 19 вер 2024
- राम जी की पावन आज्ञा और देख-रेख में श्रीमद् भगवद्गीता जी पर प्रतिदिन एक वीडियो कक्षा बनाई जा रही है श्री शंकराचार्य जी के भाष्य के अनुसार।
यह श्रृंखला की 259 वीं कक्षा है।
विषय : अध्याय 2 श्लोक 45
संसार का अच्छा और बुरा में विभाजन करना दोष युक्त है।
यह संसार माया पारायण और मायावी पारायण है।
इति सर्वं शिवम्।।
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Swami Nityanand Saraswati Ji.
Pranamam Gurudev 🙏🙏🙏♥️♥️♥️🙏♥️🙏♥️♥️🙏♥️♥️🙏♥️♥️
3:09🪷
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" विषय विषाचा पड़ीपाडु । गोड परमार्थ लागे कडू। कडू विषय तो गोडू । जीवासी जाहला ।।"🪷
प्रणाम गुरुजी 🪷🙏☺️
👣 विषयान् विषवत् त्यज।
@@SwamiNityanand 🪷🙏☺️