मंदिर की मूर्तियाँ जड़ है या चेतन ? By स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज
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- Опубліковано 29 вер 2024
- स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज
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श्रद्धेय स्वामी जी, सादर प्रणाम 🌹🌹🌹🌹🌹☂️
हमारे परम श्रद्धेय साधु संत अपने अपने प्रवचनों में एक दूसरे के मत का खंडन करते रहते हैं जिससे धर्म भीरु जनता भ्रमित होकर अपने शास्त्रों पर ही अविश्वास कर दूसरे धर्मों को श्रेष्ठ मानने लगती है कुछ ऐसा प्रयास किया जाए कि अपने धर्म पर श्रद्धा बढ़े
Sunder bichar😊
Namste ji
गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि नमन हम मूर्ति पूजक हे और रहेंगे भगवान सर्वत्र हे और मूर्ति से हमे अपने आराध्य पर ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती हे 🕉️🇮🇳🙏🚩 जय श्री राम जय आर्यावर्त 🙏🇮🇳🕉️🚩
You are the only Arya samaji who strongly condems idol worship as swami Dayanand used to. You are doing a great service to sanatan.
OM
Jay shree ram
एक बात का उत्तर जरूर देना
परमात्मा सर्वत्र है फिर मंदिर मे क्यों
हाँ परमात्मा सर्वत्र है
वायु भी इस खुले ब्रह्माण्ड मे सर्वत्र है पर ज़ब ध्यान दीजिये
टायर मे हवा भराते है तो टायर की टोटी खोल देते है और हवा भर जाती है ये सत्य है
फिर उसे हवा भरवाने क्यों जाना पड़ता है
जय सनातन 🙏
कोई जरूरत नहीं हवा भरवाने की, जाना इसलिये पड्ता है की हमारी चेतना सुप्त अवस्था में है, जरुरत है उसे जागृत करनें की, अगर जागृत हो जाये तो ना साईकिल की या गाड़ी की जरूरत है ना तैल,गैस या हवा की, ये भ्रम जाल है, और हमारी चेतना सुप्त है इसलिये भ्रम जाल में फसे हुए हैं, ये बात बिल्कुल सही है की वास्तविक मंदिर मन ही है, और हमारे शरीर के भीतर ही सम्पुर्ण श्रष्टी है, हमें कहीं जानें की जरूरत नहीं, बस जरूरत है खुद को जागृत करनें की।🙏🙏
वेदों की ओर लौटना पड़ेगा... प्रणाम गुरुदेव... आपके जैसे क्रन्तिकारी संत की आवश्यकता है... स्वामी विवेकानंद जैसी ओजस्विता है आपकी वाणी में
Jai shree Ram bhai i i i
Bhai guriuji sri yati narsinghand ji maharaj dasna Devi mandir ghaziabad ka sath do dhanywaad i i i i
Bhai aapke Circle mein jitne bhi hindu log unse boleiye jyada bache paida kare tabhi humlog bachege nahi to humlog bharat se bhi khatam ho jayega ii
Bhai Arya samaj ko support karo
Bhai inki khooni kitab Kuran Hadis padh lo sab samaj aa jayega iii
Bahut Sundar Guruji aapke charanon mein कोटि-कोटि Naman 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌺🌹🌺🌹🌹🌹🌹🌷🌹🌹
Swami ji ko kotti kotti Naman
❤
Praan Pratishta !
' Praan tattwa ' - granth
...Swami Vishnu Tirth
Narayan kuti Sanyas ashram ,
Devas , M.P.
We expect discussion on above subject .
We expect discussion on
Spiritual Science and Philosophy
of
Ramlal ji Siyag siddhayoga .
Towards the Truth .
❤
Adhbhut pravachan yase hi gurookul ki bevastha bharat me honi chahiye .dhanyavad
गुरु जी यदि मनुष्य के द्वारा बनाई मंदिरों में भगवान नहीं है और भगवान मन मंदिर में ही रहते हैं। तो मंदिर का जरुरत नहीं है।
जब भगवान के द्वारा बनाई मुंह,तन और पैर है तो ध्वनि विस्तारक यंत्र,कपड़ा और यात्रा के लिए वाहनों की क्यों आवश्यकता है?
जैसे सांसारिक वस्तुओं को जीवन में आवश्यकता होती है वैसे ही भगवान और मंदिरों कि भी आवश्यकता होती है।
🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
जय स्वामी दयानंद सरस्वती जी
परमात्मा सब जगह रहता है । सूर्य का प्रकाश सब जगह होता है लेकिन सूर्य का प्रकाश गंदा नही होता है ऐसे ही ईश्वर गंदे नही होते है सूर्य का प्रकाश मरे हुए जानवर पर पडता है तो प्रकाश गंदा नही होता है इसीलिए हमारे भाव से प्रत्येक मूर्ति मे ईश्वर होते है । ईश्वर जड नही है मूर्ति जड है । मन का भाव ईश्वर मे विलीन होता है । ईश्वर देवताओ की मूर्ति मे होते है ।
मन में भी भगवान की काल्पनिक मूरत होती है
Sahi
नमस्ते जी
यह जानने के लिए हमें अपने बच्चों को गुरुकुल में पढ़ाना चाहिए। धन्यवाद
क्या लोगो को मंदिर नहीं जाना चाहिए।हर व्यक्ति इतना ज्ञानी नहीं होता की मन में भगवान को देखे।मंदिर एक स्थान हैं जहा सामान्य व्यक्ति जाकर कुछ पल भगवान को याद करता हैं।वो इतना पंहुचा हुआ तो हैं नहीं की मन में देखे।
केसेट जडहे तो उसमें हमारा आवाज के से इसटोल होजाता है
Hindu sanatan dharm ke logo ko sangthit karne ke uddeshya se tatha murtiyo dwara bhagvan ke avtaro tatha mahapurusho ki yad avam unke bataye margdarshan par chalane ki prerna dene ke uddeshya se mandiro avam murti sthapna ki parampara chalai gai atah yah bhi thik hai yah pahli class ka gyan hai iske baad ander ka gyan . Chakravarti swami shivram das ji udaseen sant dwara apni pustak murti puja nirnaya mae is baat ka varnan kiya gaya tha unka sthan bahadurgarh mae hai hamare purva rishiyo dwara jo bhi bataya gaya hai sabka koi vaigyanik karan hai geeta mae krishna bhagvan ne kaha hai ki jiski jisme shraddha hai uski shraddha ko kharab nahi karna hai Hari om tatsat .
Vivekanandjijabkalimakemandirmeggayetounkomurtimehimakalikedarshaehuyethe🎉🎉🎉jai❤❤❤mata🎉🎉🎉🎉de
Parmatma ki satta sab jagah hain
.
Swami Ji Ishwar jad aur Chetan Mein nivas karta yadi jad Mein nivas karta hai to ham sag sabji khate Hain to humko paap lagta hai yah bhi to jad hai
कोई बताएग की भागवान किसने देखा है। अगर किसी ने देखा था। वो इस धरती पर क्यों नहीं रहा। तुरंत शरीर को त्याग क्यों दीया। जैसे तुलसी दास जी गोशवमी, और मीरा माँ।।
🎉 मुर्ति जड पदार्थ है। संसार के पांच तत्व जड पदार्थ है। इनसे बात नहीं हो सकती।जड में परमात्मा नहीं है।
🎉 लेकिन भाव में परमात्मा है। जहां भक्त बुलाएगा वहां परमात्मा को हाजिर होना पड़ेगा। तभी कहा है कि
भगवान भक्त के वश में।
Moorti Puja sabse nimn level ki Puja hai.
आर्य समाज अमर रहेगा।🙏🙏
Kya jad me ishwar nahi hai
ऐसा लगता है आपको परमात्मा का कॉपी राइट है सिर्फ अपने देखा है
आर्य समाज की स्थापना करने वाला भी कोई इंसान ही था तो इंसान के द्वारा स्थापित आर्य समाज को मानने की क्या जरूरत है जो लोग आर्य समाज का सम्मान करते थे आपके भड़काव भाषण को सुनने के बाद लोगों का आर्य समाज से मोहभंग हो गया है
Satya sanatan Vedic Dharma ko Janna hai to vedo shastro ko padna hoga,
Ar arya samaj us hi sanatani dharam ko spast krta hai
Jo Sri Ram ar Sri Krishna ka dharm hai
Logoko ye pagal banata hai.
Jisika surat na ho uska murat kahanse ayega, aur tumhara sarir na hota to tumhe kaun janta,
U are enty Veidik Varnaashramee enty Hindu. enty Modi .Enty Bhaaratv Varnaashramee Hindu Nation
Duplicate arya samaj
अमूर्त की कल्पनार् भी मूर्त होती है
Tumhare ghar me rahta hai
बच्चों के मन मैं तुम सनातन के विरुद्ध नफरत बोते हो.....तुम जैसे सनातनी अपने ही धर्म को नीचाँ दिखाते हैँ.... तुम्हारे दयानन्द तो कृष्ण और राम को सामान्य पुरुष कहता था... अगर हमारे धर्म पर ऊँगली उठाओगे तो तुम्हारे दयानन्द पर भी ऊँगली उठेगी...
Om
ॐ गुरूजी आपके चरणों कमलों मे सादर प्रणाम सनातन धर्म को बचाना हैं तो युद्ध स्तर पर गुरुकुल खोलना पड़ेगा और अपने बच्चो को गुरुकुल की शिक्षा अनिवार्य कर देनी चाहिए
Sahi baat hai guru ji 🕉️🚩
जय श्री राम ❤
अगर आर्य समाज वाले इस धरती पर और होंगे तो भगवान को सारी जगह से छुप जाएंगे ऐसे लोगों का ज्ञान सुनकर
श्रद्धा स्वामी जी प्रणाम आपकी बात बिल्कुल सही है
में तो मानता हूं आज आर्य समाज में स्वामी सच्चिदानंद जैसा निर्भीक व्यक्तित्व और कोई नहीं
स्वामी जी धन्यवाद आपका आपने मेरी आंखें खोल दी यूपी बहराइच
सादर नमस्ते जी
फिर तो लोगों के मंदिर में कोई आस्था नहीं रही हो और सारे मंदिर बंद हो जाएंगे आप जैसे लोगों के प्रवचन सुनकर
जब आप भगवान को नहीं मानते तो हमारे राम की फोटो क्यों दिखा रहे हो आप अपने भगवान की क्यों नहीं दिख रहे हो आगे तो हमारे राम ही है जिनके हम तस्वीर देख रहे हैं हमारे ईश्वर है
गुरु जी हर गांव शहर में छोटी छोटी शाखाएं खोली जायें हम बहुत ही पीछे रह गए हैं पांखड बहुत आगे ऊं शान्ति ऊं
Fir to school bhe na jao ..kitab le kr ghar Beth jao ... Mandir atmosphere bhe deta hai dhyan lagane ke liye .... bhagwan prem ce milta hu gyanio ko nahe milta...prem ka path cahe Mandir ce seekho ya Ghar ce ..
महाराज जी यह भी सोचती जो आज बोलने की ताकत सिर्फ परमात्मा ने दी है आपको और हम सभी को सुनने की
जय आर्य समाज, जय देव दयानंद सरस्वती जी, जय सनातन धर्म।
जय आर्य श्रेष्ठ योगिराज श्री कृष्ण चंद्र जी महाराज।।
आप मूर्ति पूजा और भगवान के विरोधी संस्था वाले लोग हो
Jay shree Siya Ram ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
जय।श्री राम
Guru ji bachho ko ye bhi bato ki prmatma kaise milta hai please 🕉️🚩🚩
Arya samaj jindabad Jai sri Ram ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
बहुत सही स्वामी जी, नमस्ते ji
❤अगर आपकी बुद्धि अतिसुक्ष्म है तो हर परमाणु चेतन हैं तो मूर्ति भी चेतन हैं जिसे कोई ब्रह्म कहे, कोई उसे अउम कहे कोई उसे निरंकार कहे।अगर आपकी बुद्धि जड़ है तो परमाणु भी उसे जड़ दिखेगा तो मूर्ति में कभी परमात्मा नहीं देख पाएंगे। कसूर निगाह की है।❤
तुम लोगों ने अभी तक क्या किया कितने लोगों को दर्शन करवा दिए भगवान के
आपको कोटि कोटि नमन
भक्ति चाहे सगुण करो या निर्गुण करो करना जरूरी है भगवान दया के महासागर है दया कर ही देंगे ईश्वर हमारे भाव के भूखे है की हम किस भाव से उनको भजते बाकी तो मनुष्य जन्म दुर्लभ है मिल चुका ईश्वर दया से तो फायदा उठाओ ।
भक्ति करो खूब करो भक्ति से ही मुक्ति संभव है जब तक सच्चा गुरु नही मिलता तब तक सगुण भक्ति करो पूजा पाठ करो जो मर्जी करो लेकिन करो जरूर भक्ति खाली नही जाती फल जरूर मिलेगा एक दिन आएगा आपकी प्रेम भक्ति चाहे सगुण रूप में क्यों ना करी हो ईश्वर दया करके पूर्ण सतगुरु से मिला ही देंगे आपकी तड़प सच्ची होगी तो सब कुछ मिल जायेगा ।
ईश्वर आप सभी को पूर्ण सतगुरु महात्मा जी की प्राप्ति करवा देवे ऐसी प्रार्थना करता हु प्रभु जी के आगे अगर पूर्ण संत महात्मा मिल चुके है तो बस उनकी आज्ञा का पालन करो बेड़ा पार हो जायेगा
जय सच्चिदानन्द स्वामी की जय। जय हिन्दु वन्दे मातरम् ॐ
Sahi baat hai ❤
Satya Sanatan vedic dharm ki jai
परमात्मा सब जगह पर मौजूद हैं।
हवा सबजगह है तो टायरमे हवाभरवानेकेलिये कोमपरेसेके पास क्यो जाना पडता है
Namaste Swamiji ATI sundar katha
ये सम्पूर्ण श्रष्टि ही परमात्मा मय है, परमपिता परमात्मा सर्वज्ञ सर्वब्यापी है, ॐ ॐ 🎉🎉
परमात्मा एक है, सर्वत्र व्यापक है
मंदिर से आस्था कम कर रहे हो लोगोकी मन मंदिर सही है, लेकिन मंदिर समाज बनाता है संस्कार बनाता है 🙏🏻
Agar jhooth me astha km ho rahi hai toh achhi baat hai .. mandhir sirf andhvishvas pakhand smaj bnata hai jo hindu already bna hua hai
आपका उत्तर गलत है परमात्मा एक स्थान पर विराजमान है हमारे वेद बताते हैं सभी लोको के ऊपर परमात्मा बैठा हुआ है
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
परमात्मा को सब जगह धुंडना बहुत कठीण है...उसको पहिले मंदिर में हि पा सकते हो... निराकार भगवान अंतिम सिडी है...ऊसको साकार रुप में हि पहले देखना पडता है...ईसलीए महर्षी पतंजली योगसूत्र लिखते है...वितर्कविचारानंदास्मितानुगमात संप्रज्ञातः ...वितर्क याने मूर्ती पर पहिले ध्यान करो...
ईश्वर सर्वव्यापक है।
मंदिर में बहुत से लोग ध्यान भी करते हैं , जिससे वहाँ दिव्य उर्जा ( positive energy)का संचार अधिक होता है, और जब हम मंदिर में ध्यान करते हैं तो हमारी उर्जा का सतर उपर उठनें में वहाँ मौजूद उर्जा सहायक होती है, भगवान कण कण में है, संसार में ना कुछ जड़ है ना चेतन, यहाँ सिर्फ और सिर्फ ईश्वर यानी प्रकृति ही है, इसके अलावा कुछ नहीं, जिसको मानवीय भाषा में जड़ पदार्थ कहा जाता है, उसमें भी प्राकर्तिक चेतना होती है, उर्जा होती है, इसलिये संसार की किसी भी वस्तु (चाहे वो चल हो या अचल) को चेतना से मुक्त नहीं किया जा सकता । और एक बात और की हिन्दू , मुस्लिम, सिख, इसाई, यहूदी या जितनी भी धरती पर विचाधाराएं हैं, ये सिर्फ अलग -अलग विचारधारा ही हैं, इनमें से कोई भी पुर्ण रूप से धर्म नहीँ है, हाँ सभी में धर्म का थोड़ा -थोड़ा सा अंश हो सकता है । धर्म एक ही है प्रकृति को अपने वास्तविक रूप में देखना समझना और बहनें देना । खुद को प्रज्ञा और बुद्धि के स्तर पर पूर्ण रूप से होश में रखते हुए, कर्म करते हुए यात्रा को सफल बनाना।कर्म करते हुए भी दृष्टा भाव में रहना🙏🙏
आप प्रेम आनंद जी से मिलकर शास्त्रार्थ करने की कृपा करें।
Right Ram ram 🙏🙏🙏🙏
❤🙏🙏🚩सत्य वचन जी,जिस प्रकार छोटे बच्चो को अ अनार,आ आम पढाकर स्कूल मे शिक्षा दी जाती है , न वहां आम मे मिठास है ,लेकिन जब बच्चा पढकर अपने अनुभव से या नौकरी से बड़ा व्यक्ती बन जाता है तो पता चलता है कि आम व अनार का क्या मतलब निकलता है ठीक इसी तरह मंदिर को मनुष्य शरीर की नकल बनाकर एक नाम दिया गया था,लेकिन लोग अपने मन +अंदर जाने की बजाय ईंट व गारे पर आसरा रखने लगे व खुद के अन्दर जाना भूल गए,मंदिर भी एक स्कूल है लेकिन न पढने वाला यदि स्कूल को मत्था टेके तो पास कैसे होगा,
प्रणाम स्वामीजी।
बहुत सुंदर। मेरे एक प्रश्न है आपसे की जब ईश्वर सर्वत्र है तो क्या फिर क्या ईश्वर मंदिर में नही है। ईश्वर सृष्टि के हर कण में है तो फिर क्या मूर्ति में ईश्वर कैसे नही है।
जब हवा हर जगह है हवा में ऑक्सीजन हर जगह है तो फिर बीमार आदमी को ऑक्सीजन सिलेंडर से ऑक्सीजन क्यों देते है । बीमा सिलेंडर के ही ऑक्सीजन क्यों नही ले लेते। परमात्मा भीतर बाहर सब जगह है। प्राप्त करने की विधियां अलग अलग है। यह सनातन है । अपने अपने भाव होते है
ईश्वर सर्वत्र है तो सर्वत्र ही उसका भाव करना चाहिए ना कि एक जगह पर उसका भाव करना।
हवा का उदाहरण गलत क्योकि हवा अचेतन है जड़ है और ईश्वर चेतन है।
आप ईश्वर के साकारवाद को सिद्ध करने के लिए जड़ साधन प्रकृति का उदाहरण क्यो दे रहे है
@@Ram47988 ईश्वर सिर्फ निराकर है यह कहना उसकी विराटता को सीमित करना होगा। और ईश्वर मंदिर में नही यह कहना उसकी सर्वव्यापक्ता को सीमित कर देता है। में तो आपकी बात को भी मानता हु ईश्वर हृदय में परमात्मा के रूप में विद्यमान। क्या आप यह मानते है की ईश्वर मंदिर में नही है। आप इतना बता दीजिए की ईश्वर मंदिर में है या नही।
मित्र निस्संदेह इश्वर मंदिर मे भी है और पत्थर की मूर्ति मे भी क्योंकि इश्वर निराकार है पर मै आपसे पूछता हूं कि क्या आपको कभी मंदिर मे भगवान मिले या आप जिस मूर्ति या तस्वीर को भगवान समझकर पूजा कर रहे हैं, उस ने कभी आपको आशीर्वाद दिया या आपसे बात की या आपकी कोई इच्छा पूरी की हो या कोई वरदान दिया हो तो गम्भीरता से सोचें मित्र, इश्वर ने आपको भी बुद्धि दी है।
मेरी एक बात का जवाब दें कि यदि आप बेजान पत्थर की मूर्ति को भगवान समझ रहे ह़ो और तर्क दे रहे हो कि मूर्ति मे भी भगवान है जो कि सही तर्क है तो इस तर्क के हिसाब से तो कीड़े मे भी इश्वर है, कुत्ते मे भी इश्वर है, सुअर मे भी इश्वर है, तो क्या आप कीड़े, कुत्ते या सुअर को इश्वर मानकर पूजा कर सकते हैं, अगर नहीं तो बेजान मूर्ति को भगवान मानकर क्यों पूज रहे हो।
@@harshhuria8788 जी बिलकुल सभी प्राणियों में ईश्वर परमात्मा के रूप में है। जब ईश्वर आपके हृदय में है तो चींटी के हृदय में भी ईश्वर है। मैने कभी नही कहा की ईश्वर केवल ओर केवल मूर्ति है है। मैने तो यह कहा की जब ईश्वर सब जगह तो तो मूर्ति में भी है। आप ही कह रहे थे मूर्ति में ईश्वर नही होता।आप में है मुझ में है चींटी में भी है। अब रही बात पूजने की तो जिसकी जैसा श्रद्धा और भाव उसको पूज ले। किसी और की श्रद्धा में में अपना मत क्यों दू की तुम गलत हो और में सही ही। में तो सिर्फ इतना ही कह रहा हु जब ईश्वर सब जगह है तो मंदिर में क्यों नहीं हो सकते। और अपने मान भी लिया की मूर्ति में भी ईश्वर है। जिसके जैसे भाव और श्रद्धा होगी उसे वैसे ही नजर आएंगे
आचार्य जी, भगवान में ध्यान लगाते हुए अगर उसकी कोई काल्पनिक छवि मन के मन्दिर में बना ली जाए तो इसमें हरज ही क्या है,बिना किसी छवि के तो ध्यान लगाना कठिन हो जाएगा, एकलव्य ने भी तो गुरु द्रोणाचार्य मूर्ति बनाकर सफलता हासिल की थी।
भगवान श्रीकृष्ण ही ईश्वर है क्योंकि स्वयं आप भी उनको भगवान ही कह रहे हो की भगवान श्रीकृष्ण ने गीताजी में कहा की मैं सर्वव्यापक हुं स्वयं भगवान श्रीकृष्ण गीताजी में कहते हैं की अर्जुन मेरे जन्म और कर्म दिव्य है उसको तु नहीं जानता मैं जानता हूं।।
Swamiji sacchai hai😊
🙏🇮🇳
Bhagwan Ram ki Murti ke vicharon ko Ham Pranam Karte Hain,
Mahapurushon ki Murti ke vicharon ko Ham Pranam Karte Hain, inke vicharon ki aagya ka Palan Karte Hain,
हम मानते हैं कि परमात्मा की कोई मूर्ति नहीं लेकिन आप तो बहुत ज्ञानी हो गुरुजी आप तो बहुत शास्त्रों का ध्यान रखते लेकिन आप एक बार सबको दिखा दो कि परमात्मा ऐसे है सभी लोग मान जाएंगे आपके प्रवचन सुनकर
Bilkul sahi kaha aapne 🙏
भाई परमात्मा की जब कोई मूर्त नही तो दो दिखा कैसे सकते हैं उसको महसूस किया जा सकता है जैसे प्रकाश की कोई मूर्त देखी / हवा की कोई मूर्त देखी उसको महसूस कर सकते उनका कोई आकार नहीं है प्रणायाम करो बौद्धिक विकास करो जय सनातनॐ
और परमात्मा को कोई बाहरी आँखो से कोई नहीं देख सकता क्योंकि इनसे वो ही दिख सकती है जो नाशवर है लेकिन परमात्मा नाश्वर नहीं है
मुझे समझ नही आता कि क्यूं आर्य समाज वेद की अन्य शिक्षाओं को छोड़कर केवल मूर्ति पूजा के पीछे पड़े हुए हैं,
परमात्मा की प्रतीक उपासना के बाद लोग अपने आप उनके निराकार, निर्गुण सचिदानंद स्वरूप की ओर लग जायेंगे
लेकिन भ्रमित कर दिए जाने पर कुछ नहीं करेंगे
आप और स्वामी प्रसाद मौर्य एक ही हो वो भी हिंदू धर्म सनातन देवी देवताओं और मूर्ति विरोधी है और आप भी भगवान के विरोधी लोग हो
Mahant Shri Aap Sahi Kah Rahe Mandir Dhyan Lagane Ka Kendra Tha Aaj Money Banane Ka Kendra Ban Gaya Hai Isliye Humare Desh Ke Khand Khand Ho Gaye Aaj Bhi Log Aapne Aarya Dharma Ka Palan Nahi Kar Rahe Hum Jese Logo Jyan Dene Ke Liye Aap Ka Abhar Jai Maa Bharti
आप मूर्ति पूजा और भगवान की निंदा करते हो आप भगवान हिंदू देवी देवताओं की और हिंदू धर्म संस्कृति इतिहास सनातन धर्माचार्यों की घोर निन्दा करने वाले जिहादी मानसिकता वाले बन चुके हो आपको सच्चा हिंदू सनातनी कभी नही सुनेगा, जय श्री राधे कृष्णा, जय श्री राम, हर हर महादेव
मंदिर अब कमाई का जरिया बन गए है।
आप जैसे संत की वजह से सनातन के आडंबरों से बच गया हूं
Ankur Arya murtipujaake birudha nehibolatehe aap swamiji badehi gyani banechale sabhipe kamiyaa nikaalateho
मूर्ति में सीमित करना परमात्मा का अपमान है, परमात्मा का ध्यान करना भी विराट परमात्मा का अपमान है।
जब तुम्हारे मन में मन्दिर है तो तुम्हें फांसी कैसे चढ़ती है तुम्हें क्यों नहीं बचाता अरे भगवान के नाम पर दुनिया को क्यों मूर्ख बना रहे हैं हो खुद पता नहीं तो जनता को क्यों भरमा तेहो
जय श्री राम जी ❤🙏🙏🌹🌹🚩 हिन्दू राष्ट्र बनाओ देश बचाओ 🌞🪴🌹🌹🚩
We live at jila Bahrach UP. Sir sattyarth prkash book hamne kahn se milege
आर्य समाज मंदिर क्यों बनायें आयें
यह बताओ प्रथम वार किसने और कब बनाया गया आर्य समाज मंदिर ?
Bhkti bhi do prkar ki rhi sgun sakar aur nirgun nirakar ,sgun sakar ki bhkti aasan nirgun nirakar ki bhkti kthin wo phuche huye bhkt keliye srvmany hai jha tk sbki phuch se baher hai to any bhkti ke vgair rh jave , ka vrnu kshvi aajukee bhle viraju nath tulsi mstk tb nve jb dhnush van liye hath , hm me aap me khdg khnbh me sb me vyapt ram .
❤❤mandir me Bhagwan nahi milte
Insan me Bhagwan milta hai phir Ram mandir kyon bna pure desh me Ghar Ghar me mandir kyon jhuthe parchar me lage hain maharaj ji our ye kis dharam ko parchar kar raha hai. Sanaatan virodhi hai khali bakwash kar raha hai