judge ने मां बाप की सेवा न करने पर बहु को लगाई लताड़ | The court scolded the daughter-in-law

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  • Опубліковано 21 лис 2024

КОМЕНТАРІ • 4 тис.

  • @MsSudershan
    @MsSudershan Рік тому +3073

    सास ससुर की सेवा नहीं करके अलग रहना है, फिर उनसे ही सब कुछ लेना है। कमाल है।

    • @preetijoshi3046
      @preetijoshi3046 11 місяців тому +124

      To yar betiyon ko b to sewa krni chahie agr unhone parents se makaan bnwaya h ya parents ne apni icchha se b bnaya h tb b,I m not agree with judge arguiment

    • @pankajjeena6462
      @pankajjeena6462 11 місяців тому +93

      ​@@preetijoshi3046saas sasur ko khana bna ke Dena nhi akela rhna h vo aurat apne bacche ko dekh rhi h vo maa baap ne bhi kamaya apne bache ko to denge sab me baat de kya

    • @MsSudershan
      @MsSudershan 11 місяців тому

      @@preetijoshi3046 ससुर से भी हिस्सा, पति से भी हिस्सा, मां बाप से भी हिस्सा, भाई से भी हिस्सा, बेटे से भी हिस्सा...भारत में औरत कुछ काम ना करके हिस्सा लेने वाली ही बन रही हैं। विदेशों में एक उम्र के बाद खुद कमाओ खुद खाओ का सिस्टम है। नॉर्थ ईस्ट में भी शादी के बाद खुद ही देखना पड़ता है। वोट बैंक के चक्कर में भारत में अधिकारों के नाम पर अराजकता फैल रखी है।

    • @anjitapandey3513
      @anjitapandey3513 11 місяців тому +28

      Its because law is biased based on caste, gender and religon.

    • @anjitapandey3513
      @anjitapandey3513 11 місяців тому +94

      एक लड़की कुछ भी आरोप लगा दे तो सब उसके साथ हो जाते हैं

  • @bkya1135
    @bkya1135 11 місяців тому +1014

    ऐसा न्यायाधीश हर कोर्ट में होना चाहिए हर जिला में होना चाहिए जज साहब को कोटि कोटि सादर प्रणाम

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @कैलाशपांचालपांचालपरिवार

    ऐसे न्यायधीश महोदय को नमन करता हूं ये ज्ञानी पुरुष पढ़ें लिखे विद्वान मेहनत करके नोकरी कर रहे धन्यवाद सर जी

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @kamalkishorprashar6317
    @kamalkishorprashar6317 4 місяці тому +21

    बैरी गुड न्यायाधीश हों तो ऐसे हो जिन्होंने बहूत अच्छे से बहु को समझाया सलूट है सर आपके न्याय को

  • @phirasti
    @phirasti 10 місяців тому +737

    किसी ने यह देखा क्या अंत में पोता दादी के पैर छू कर आशीर्वाद ले रहा हे.
    दिल को छू गया.

    • @pikuset9177
      @pikuset9177 9 місяців тому +29

      ji mene dekha , judg sahab yahi baat bole h ki dono k bich ka gussa khatam ho jayega to dono sath me beth k khana khayenge 😊

    • @Crazyanythig
      @Crazyanythig 8 місяців тому +9

      Kyaa bhai bahut dhyan sa dakh rhe the

    • @anikeshyadav5406
      @anikeshyadav5406 8 місяців тому +11

      Belkul Maine bhee puri vedio ko Dyan se dekha or suna nati ne last time me apni dadi Ke pair chuye or dadi ne aashirbad bhee diya apne nati ko

    • @NabiKaCartoonBanao
      @NabiKaCartoonBanao 7 місяців тому +12

      Nautanki executed by that lady to impress judge. Old parents should not fall to such gimmicks.

    • @kinnugujjar9370
      @kinnugujjar9370 7 місяців тому

      नाती। नानी के होते पोता पोती दादी के​@@anikeshyadav5406

  • @BhaskarBorse-d8m
    @BhaskarBorse-d8m 8 місяців тому +1100

    ऐसा न्यायाधीश हर कोर्ट में होना चाहिए कोटी कोटी नमन

    • @jivanchalke1460
      @jivanchalke1460 5 місяців тому +5

      ❤❤❤

    • @hariompandey8341
      @hariompandey8341 5 місяців тому +5

      ❤❤❤❤❤❤

    • @lalityadav5276
      @lalityadav5276 4 місяці тому +4

      kisi ko koi bhi pareshan nhi karega agar aise judge Ho

    • @MatangPatel-wp2oi
      @MatangPatel-wp2oi 4 місяці тому +6

      Dusra vakeel toh free mae jeet gya

    • @LuciferDevill
      @LuciferDevill 4 місяці тому +8

      ​@@MatangPatel-wp2oi bhai isliye jeet gya ladki ka vakeel bhi janta h ladki galat kr rhi h 😂

  • @snsas
    @snsas Рік тому +710

    इनसे अच्छा न्यायाधीश जीवन में नहीं देखा. नहीं सुना. Great judge ❤

    • @newonetruth7263
      @newonetruth7263 Рік тому +11

      Judge h ya PAGAL

    • @snsas
      @snsas Рік тому +13

      ​@@newonetruth7263 judge him when u r perfect. 450 men ar liking. Some other may be biased.

    • @Jebumiavlog
      @Jebumiavlog 11 місяців тому +1

      Judge sahab kh rhe h mahine k kuch de Dena jbki vo pensioner h mahila se ye to khte ki kaam kro. Gjb h

    • @Blackg783
      @Blackg783 11 місяців тому +8

      ​@@newonetruth7263dharti ka bojh kuch bhi bhok rahe ho

    • @sumitdogra577
      @sumitdogra577 11 місяців тому +1

      Lagta hai daily court mai jata hai judge ko sunne

  • @paawanindolia
    @paawanindolia 5 місяців тому +120

    मेरा कोर्ट से विनती h कि जो बेटा बहू उनकी अंतिम सांस तक सेवा न करें उनकी देखभाल न करें तो उनको हिस्सेदारी न मिले तभी समाज सुधरेगा 🙏🙏

    • @pushpamahant5020
      @pushpamahant5020 Місяць тому +1

      Lekin Aise Sas Sasur Ko Bhi Sja Mile,Jo4 Bar Khana Khakar Bete Ke Kan Bhrte Hain Ki Bahu Ne To Khana Diya Hi Nhi Our Pados Me Jakar Chugli Karte Hain.

    • @Luckycharm-e3z
      @Luckycharm-e3z 20 днів тому

      Toh sas sasurko bhi sudharna chahiye na…maid banake rakh dete hai

    • @utkarshkumarsrivastava4300
      @utkarshkumarsrivastava4300 2 дні тому

      Bhai toh kaam husband krr rha h pqise kamane k liye toh wife kya sirf ghr m baith k khayegi kaam toh karna hi padega na yrr chshe job karle wife yn chahe ghr ka kaam ​@@Luckycharm-e3z

    • @neetusinghkushwaha1744
      @neetusinghkushwaha1744 День тому

      Bilkul Aisa hi hona chahiye kyn ki aj k samay me beta beti or Bahu sb unko ghr se bhr kr dete h

  • @oceanapps3994
    @oceanapps3994 7 місяців тому +268

    ये न्यायालय को यूट्यूब पे दिखाना एक सराहनीय कदम है। इस से आम लोगो में न्यायालय और कानून के प्रति जागृत्तता बढ़ेगी और जो लोगो के मन में न्यायव्यवस्था के प्रति गलत धारणाए खत्म होंगी 🙏✅

  • @myinspirationmovies1670
    @myinspirationmovies1670 11 місяців тому +210

    पहले बार मैंने कोई पुरी जजमेंट सनी है बहुत अच्छा लगा जज साहब आपने बहुत अच्छी बात करी

  • @narenderratusaria1175
    @narenderratusaria1175 Рік тому +279

    कितना प्यार से समझा रहें है जज साहब। इस प्रकार का तरीका सब को अपनाना चाहिए। साधुवाद।

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @tiloksoni4679
    @tiloksoni4679 4 місяці тому +99

    जज साहब के आगे पुरा मामला किलीयर है,,कानुनन बहु अपने पति के नाम की संपति अकेले नही रख सकती,,अगर मां ने मांग की तो मकान के दो हिस्से होंगे,आधा पत्नी के नाम और आधा मां के नाम,,ईस मामले मे बहू को मामला बाहर निपटा देना चाहीये,थोङा झुककर,,नही तो कानुनन फोल्ट ही होगी,,जज साब को नमन है,,सर ऐसे वीडीयो से समाज मे बहोत अच्छा संदेस जाता है,,और ऐसे वीडीयो देखकर लोग कोर्ट के बाहर ही आपस मे निपटारा कर लेते है,,क्योकी वीडीयो देखकर जजमेंट किलीयर समझ मे आ जाता है लोगो के,,धन्यवाद जज साब का ,जिन्होने फैसले आनलाईन कर दिये,,🙏🙏🙏

    • @bablujain7524
      @bablujain7524 3 місяці тому +2

      भाईसाब पर लड़के के लड़को का दादा जी की संपत्ति पूरा हक बनता है आज अगर इन्हें घर मिलता है तो कल बच्चे बड़े होकर दादाजी को संपति अपना हक ले सकते है

    • @bablujain7524
      @bablujain7524 3 місяці тому +1

      और आज के कानून हिसाब से पित्रक संपति बच्चो का पूरा है है

    • @avnishshahi9761
      @avnishshahi9761 3 місяці тому +3

      @@bablujain7524 Nahin hai agar wo hereditary property nahin hain. Aur dusra dada ko poora haq hai ki woh saari property beech kar paisa kisi ko bhi dede ya poora kharch kar de.

    • @sm_lupus
      @sm_lupus 2 місяці тому

      ​@@bablujain7524 dada dadi ke marne k baad milegi bhai

    • @ShashigulatiGulati
      @ShashigulatiGulati 2 місяці тому

      Bahoot badia

  • @KISHANMITAN824
    @KISHANMITAN824 7 місяців тому +397

    मजिस्ट्रेट महोदय जी सुन्दर डिसीजन सुनाया है भगवान आपको लंबी उम्र दे धन्यवाद सर ।

  • @sealion70
    @sealion70 Рік тому +512

    ऐसे judge's भारत में हैं क्या... वाह salute from Indian army

    • @sabihasiddiqui7374
      @sabihasiddiqui7374 11 місяців тому +2

      Great judgement bhai

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @anshrajsinghjhala4982
      @anshrajsinghjhala4982 10 місяців тому +1

      ​@@sabihasiddiqui7374😂😂 han

    • @upresins
      @upresins 8 місяців тому +1

      Sir, bahut saare hain. Bahut saare.

  • @raghunandanmahto7543
    @raghunandanmahto7543 Рік тому +213

    इनसे अच्छा न्यायधीश नहीं कोई होगा ना था कितना समझा रहे हैं सर धन्यवाद सर

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @kanhaiyasingh4551
    @kanhaiyasingh4551 4 місяці тому +44

    मै न्यायधीश महोदय को ह्रदय से धन्यवाद 🙏
    सास ससुर का सेवा करे नहीं तो अपना जीवन यापन खुद करें

  • @prashantsahay500
    @prashantsahay500 10 місяців тому +435

    ये जज बहुत ज्ञानी पुरुष हैं। इनसे गलत फैसले होने की संभावनाएँ कहीं कम हैं

    • @gauraveshwar
      @gauraveshwar 6 місяців тому +2

      Wife should throw kids out and start her new journey

    • @VikasSayni
      @VikasSayni 5 місяців тому

      Judge sir ne Bahut hi acha werdic diya

    • @MoneyMuscleMastery38
      @MoneyMuscleMastery38 5 місяців тому

      Why,???​@@gauraveshwar

    • @emperorlaw8013
      @emperorlaw8013 4 місяці тому

      Sahi bat bhai hame bhi yahi lage hai ghar gha rke kisse kahani dekh kar judge shab ko pram gyan ki prapti ho chuki hai

    • @shubhambaba5818
      @shubhambaba5818 2 місяці тому

      प्रणाम है ऐसे जज को ।

  • @yetandjtendukona3335
    @yetandjtendukona3335 11 місяців тому +861

    ऐसे ही अनपढ़ वकील के कारण बूढ़े मां बाप को दुःख हो रहा है,,,
    जज साहब आपको कोटि कोटि प्रणाम 😢🙏🙏🙏🙏

    • @uttamx2016
      @uttamx2016 11 місяців тому +7

      kuch pattah nahi es lawyer ko

    • @sujk671
      @sujk671 11 місяців тому

      Gadha hai ye lawyer

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @SangramSinghChaudhary
      @SangramSinghChaudhary 11 місяців тому +2

      Wah judge Sahab aap ko koti koti Naman ❤❤❤

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @prabheshkumar9401
    @prabheshkumar9401 11 місяців тому +227

    बहुत ही बारीकी से आपने दोनों पक्षों को सुनने तथा सुनाने का काम किया, इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई माननीय न्यायधीश महोदय जी।

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @tarikamram7899
    @tarikamram7899 4 місяці тому +60

    न्याय धिस महोदय को कोटि कोटि नमन आखीर एसे में वकील बुढ़े मां बाप के बारे मे नही सोचकर अपनी फिस के लिए वकील गलत का साथ दे रहे है

  • @shakeelPatel-g8z
    @shakeelPatel-g8z 9 місяців тому +45

    सर आपके फेसले को दिल से सलाम हमारे देश में हर कोर्ट में ऐसे न्यायाधीश होना चाहिए बहुत खुबसूरत सोच और बहीत ही प्यारा न्याय

  • @DAANISH_KHAN_
    @DAANISH_KHAN_ 11 місяців тому +603

    बहु को सिर्फ़ अधिकार है क़ानून में, लेकिन ज़िम्मेदारी कुछ नहीं । कलियुग बहु, सास की सेवा नहीं करनी, लेकिन संपत्ति चाहिए ।

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @saketkumar8112
      @saketkumar8112 11 місяців тому +47

      किसी लड़की को विवाह करके अपने घर मे लाने के बाद सास-ससुर का भी यह कर्तव्य बनता है कि वो अपनी विधवा बहु का ख्याल/पालन-पोषण अपनी बेटी की तरह करें। ये न हो कि अगर बेटा मर जाये तो सारी संपत्ति अपनी बेटियों को देना चालू कर देवे...

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      @@saketkumar8112 bahu bhi ye na kare ki pati ke Marne ke bad ma bap ke Ghar se unko hi bhaga de, or unse mar pit kare

    • @namitsati5091
      @namitsati5091 11 місяців тому

      abe tu bhi us aurat ki tarah kah raha hai wo de to rahe hain ek makan par bahu to buddhe ki se paise ki bhi manga kar rahi hai@@saketkumar8112

  • @अंतर्राष्ट्रीयकथाप्रवक्ताकृष्ण

    पहली बार किसी जज साहब को इतना अच्छी तरह किसी केस को इतने दिल से सुनते देखा है 🙏🙏

  • @balbirswarupshastri8248
    @balbirswarupshastri8248 4 місяці тому +5

    जज साहब का सराहनीय प्रयास है।
    दादागीरी की बजाय प्रेम से मिल सकता है। दादा -दादी का पौत्र के प्रति अथाह प्रेम होता है।
    सराहनीय प्रस्तुति।

  • @bindubiswas3298
    @bindubiswas3298 Рік тому +222

    Sabse best line boli judge sahab ne "Jabardasti kuch nai milta pyar se seva se sab mil jata hai "

    • @susyvarghese8436
      @susyvarghese8436 Рік тому +1

      🙏

    • @rameshchandra8569
      @rameshchandra8569 11 місяців тому +2

      Agar kisi ki bahu ko property bhi chahiye aur saas sasur ki help bhi nahi karni aur unse kharcha bhi chahiye to aisi bahu ki help Kaun karna chahega Agar bahu ka vyavhaar thik nahi to kyaa karenge

    • @Craftime2016
      @Craftime2016 11 місяців тому +5

      Bhaiya bahu aur saas ka chakar nahi hai
      Putri prem adhik hai edhar
      Ye dono dampati ko samaj me nahi aa raha ki potta potti bhi inhi ka hai
      Aur ye judge sahab beaten achhi karte hai ek sabhya aur samzdar lagte hai lekin dudgement sahi nahi laga
      Bujurg ki beti vidhwa hai to uske paresani dik rahi hai
      Bahu bidhwa ho gayi uski bhi shadi kara do agar itne acche ho

    • @bindubiswas3298
      @bindubiswas3298 11 місяців тому +4

      @@Craftime2016 To Bahu ko agar saas sasur se chahiye to unke sath jakar reh kar unki seva kare.
      Pota poti bhi budhe maa baap ke hai to pota poti sath me rahe.
      Aur ye maa baap agar apni vidhva beti ko kar rahe hai to dikkat kya hai Bahu ke maa baap bhi honge wo bhi kar sakte hai bahu ke liye.

    • @AM-nx2iw
      @AM-nx2iw 11 місяців тому

      ​@@bindubiswas3298vidhawa beti apne sasural se bhi le skti hain
      or is baat ki bhi koi guarantee nhi Hain ki ye seva karwa kar hi Bahu ke naam krwa denge property
      I have seen this a lot in Indian society ki in-laws sewa to chahte Hain but izzat Dena nhi Bahu ko majority cases mein
      agar property bachcho mein equally divide ki Hain to responsibility bhi unki equally hogi sabhi bachchon par
      ye to nhi ho skta ki seva ek kre free mein meva dusra khae

  • @RehanshMahlawat-bv3je
    @RehanshMahlawat-bv3je 7 місяців тому +45

    Aap jaise hi judges chahyw sir........jinhone bechare bhoode maa baap ko samjha ....❤

  • @alltheopinions
    @alltheopinions 11 місяців тому +471

    ऐसा कोई कानून नही है की पती के मरने के बाद आप सास ससुर को बरबाद कर सकते है. Epic dialogue.

    • @amazingdude9042
      @amazingdude9042 11 місяців тому +7

      There is also no law which forces her to serve her ln laws. She can leave them and take everything which her husband owns. Law is that she can't get anything which has other co partner.

    • @ganpatsinghrathore7723
      @ganpatsinghrathore7723 11 місяців тому +21

      ​@@amazingdude9042no she gets 50% of the property of her husband if parents of the husband want part of property because parents also have rights over their sons property so if parents want property of their son and wife claiming it because that property belongs to her husband both parties will get 50% right over that property

    • @ankittripathi908
      @ankittripathi908 11 місяців тому +11

      ​@@amazingdude9042as per recent judgement of supreme court for parents from 2020
      If parent transfer property to son and son don't care of his parent then judgement say by legal action all property can be taken back to parents.
      If father has Will to transfer property as per his wish he can do now . Now it is not necessary to divide 50-50
      Note---- As you said she can take anything just try in court and see the outcome... in laws have moral right not enforceable right....
      So your thinking is stinking from old laws but just read few recent Supreme court decision then no other decision will matter ..

    • @Rp0308
      @Rp0308 11 місяців тому +5

      Aaj ke time me to log aatmhatya ki dhamki dekar saas sasur se sb le le rhe hai

    • @VinodGupta-rm4wr
      @VinodGupta-rm4wr 11 місяців тому

  • @Ameliatherobloxfairy
    @Ameliatherobloxfairy 4 місяці тому +12

    आज की बहू सास ससुर को तो परिवार का सदस्य मानती ही नहीं । सिर्फ़ उन्हीं की अर्जित सम्पति पर अधिकार चाहती है वो भी सास ससुर के जीते हुए ताकि उन्हें धक्के देकर बाहर करे । वाह री कलयूगी बहू।
    जज साहब ईश्वर का स्वरूप नज़र आ रहे हैं - कोटि कोटि नमन

  • @presidentsharma
    @presidentsharma Рік тому +395

    The judge is so polite and always tries to settle the matter.

    • @onlynationalist
      @onlynationalist 11 місяців тому +5

      Jab Saas Sasur pe Beta (Pati of Bahu) ke zindaa rehtey bhi bahu+bachcho ko paalney ka koi majboori (kaanooni farz) nahi hai, to Saas Sasur pe Beta (pati of bahu) ke marney ke baad bahu bachcho kaa kharchaa uthaanaa kaun se Kanoon se farz (legally binding) ho jaataa hai? Yahaa to Bahu kaa galat logic hai ki Saas Sasur pati ke marney ke baad bachcho ko paalney kaa kharchaa nahi detey! Kyu de, Zabardasti? Ho saktaa hai, Saas Sasur ke paas aukaat (financial capacity) nahi hai, yaa deney ka man nahi hai. Bahu bachcho kaa kharchaa Saas Saasur uthaaye, aisaa kuchh legally binding nahi hotaa hai.
      Baaki sab aapas ki understanding hai, kaun kiskaa khayaal rakhnaa chahtaa hai. Daada+daadi ko pota+poti ka sahaaraa chaahiye aur pota+poti ko daada+daadi ka love and care chaahiye! Baaki ladki ke maaykey waaley uski help kar saktey hain, yaa unhoney ladki ko bihaaney (marriage) ke baad paraayaa kar diyaa hai?? 🤔🇮🇳

    • @presidentsharma
      @presidentsharma 11 місяців тому +3

      @@onlynationalist bhai uske liye aapko Hindu law padhna hoga. Hindu adoption and maintenance act me section 19 se 24 Tak inhi sabhi chizo ke baare me likha hai. Wahi aapke doubts clear honge.

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @MunnaSingh-fn3qk
    @MunnaSingh-fn3qk 9 місяців тому +67

    आपके जैसे न्यायाधीश की हिन्दुस्तान में बहुत कमी है सर जी, इस न्याय के सिन्हासन पर आपको न्याय करते देखकर सर गर्व से ऊंचा हो गया... आपको कोटि कोटि प्रणाम अभिनंदन वंदन सर जी जय हिन्द जय श्री राम जी की

  • @jpshukla4150
    @jpshukla4150 9 місяців тому +41

    जज साहब आपने यथा नामे तथा गुने प्रमाणित कर दिया।
    आप महान हो

  • @abhisoni2907
    @abhisoni2907 4 місяці тому +8

    सही फैसला दिल छू लिया जज के निर्णय ने
    ये जज नहीं न्याय के भगवान है , दिल से धन्यवाद सर आपको ❤

  • @AD13D
    @AD13D 10 місяців тому +93

    पुरुष आयोग बनाये जाने के लिए सख्त निर्देश देना चाहिए माननीय कोर्ट को...
    ये हर किसी के हित में है...

  • @Deepoficial8
    @Deepoficial8 7 місяців тому +36

    🤔🤔🙏🙏जज साहब महान हैं सभी के हितों का ख्याल रखा

  • @BlootX
    @BlootX 11 місяців тому +40

    माननीय न्यायाधीश महोदय को सादर नमस्कार
    बहुत ही सुलझे, विवेकशील, शांत गुणों से भरपूर
    दोनो पक्षों को समझे और समझाया भी
    बहुत ही उत्तम स्वभाव
    सर्वश्रेष्ठ न्यायाधीश महोदय
    देश को आवश्यकता है आप जैसे न्यायाधीश महोदय की धन्यवाद

  • @manojkumarbairwa2466
    @manojkumarbairwa2466 17 днів тому +3

    आदरणीय जज साहब कानून के पूरे ज्ञाता है , ऐसे जज को नमन

  • @rajchaitanyyadavsevasamiti6858
    @rajchaitanyyadavsevasamiti6858 11 місяців тому +54

    बहुत बहुत धन्यवाद सर आप जैसे लोग अगर वास्तविक जज होना तो बहुत अच्छा फैसला सुनाया आपने अगर आप जैसे सारे जज हो जाए तो क्या बात है

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @krishanchandar5237
    @krishanchandar5237 Рік тому +33

    मैं जज साहब को दिल से सैलुट करता हूँ जज साहब जिसका एक बेटा हो वो गुजर जाए तो बहु सब कुछ बेच कर भाग जाती है ये बेटेकीबहुअअगर सास ससुर की सेवा करे तो सब कुछ ईसी का है आजकल की बहु सास ससुर कोहि घर , से निकल देती है ये बहु अपने सास ससुर की सेवा कर अचछे से रह सब कुछ तुमहारा ही है

  • @RajveerSingh-wh4gv
    @RajveerSingh-wh4gv 9 місяців тому +53

    जज साहब ने बहुत ही अच्छे से फैसला किया है भगवान आप को बहुत ही तरक्की दें

  • @MithunKumar-cb5qm
    @MithunKumar-cb5qm 5 місяців тому +16

    सीधी बात है भाई
    खराब औरत को गंदगी फैलाने का छूट
    हमारा कानून ही देता है।
    कानून मे अत्यंत ही बदलाव की अवश्यकता है।

  • @AT-gk7ib
    @AT-gk7ib Рік тому +198

    Judge was very polite and understood the intricacies of family structure and disputes that may arise. Very good judge!

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @logarhlandu2538
      @logarhlandu2538 10 місяців тому +1

      kaash saare judge ese hote. desh chorh kar koi videsh na jaata

  • @neerarani304
    @neerarani304 11 місяців тому +149

    आप जैसे ही जज होने चाहिए आपको भगवान लंबी उम्र 🙏🙏

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @puneetbhardwaj7276
    @puneetbhardwaj7276 11 місяців тому +68

    Sensible analysis + Knowledge, compassion and complete justice. Glad to see people like him in our judiciary

  • @YogeshDharDwivedi
    @YogeshDharDwivedi 17 днів тому +5

    अभी नैतिक शिक्षा समाप्त करदी गयी है जिस दिन नैतिक शिक्षा पुनः पढ़ाई जाने लगेगी उस दिन आपसी समस्या स्वतः समाप्त हो जाएगी !

    • @j.vRaj1
      @j.vRaj1 8 днів тому

      Is kalyug me aisa na ho isiliye education system ko sirf din pratidin aur kharab kia ja rha hai.

  • @huwaibat5962
    @huwaibat5962 11 місяців тому +171

    रोना तो इस बात का सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ता है सारे मां बाप बेचारे जिंदा भी नही रह पाते 😢

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @IamSoangelic
      @IamSoangelic 8 місяців тому

      Ye MP high court hai 😂😂

    • @bhaskarmishra6765
      @bhaskarmishra6765 8 місяців тому

      सही कहा भाई😢

    • @SasukeUchihaa06
      @SasukeUchihaa06 8 місяців тому

      But bro uska pati mar gya aur uske maa baap ne apni sampati apni beti ko de diya aur jaha ye rah rahi to vo bhi pahle adha de rhe the isko aur tumhe kya lagta hai unlogo ne dahej nhi liya hoga bhai dono pahlu se socho

    • @muk9862
      @muk9862 7 місяців тому

      Property k matter me maa baap aur aulad k jivit rahte batwara ho jana chahiye bhale control baad me mile .....warna baad k jhagada khandan barbad kar deta hai

  • @bestuvre
    @bestuvre Рік тому +85

    जज साहब ने दिल जीत लिया

  • @GajendraSingh-jk7jz
    @GajendraSingh-jk7jz 11 місяців тому +51

    जज साहब का गज़ब का फैसला अगर सभी जज साहब ऐसे हों तो दिक्कत कहां है लेकिन दिक्कत वहां है जब जज साहब पैसों के लिए इमान इमानदारी वफादारी कानून सब बिक जाता है

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @abdulrafiq6626
    @abdulrafiq6626 5 місяців тому +21

    Bharat desh k maa baap ka salam hai aise sacchey aur imandar judge's ko ❤..jai hind jai bharat 🇮🇳

  • @alkankitamotivational9531
    @alkankitamotivational9531 8 місяців тому +17

    बहुत सुंदर फैसला
    जज साहब को कोटि कोटि नमन
    अनुकरणीय उदाहरण

  • @ramanujsharma8124
    @ramanujsharma8124 11 місяців тому +90

    माननीय जज साहब को धन्यवाद। ऐसे जज हों तो शान्ति समाज में मौजूद रहेगी।

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @pratapdas8756
    @pratapdas8756 8 місяців тому +15

    Wow, Judge Saab,
    My regards and respect to you, and your best guidance.

  • @vishayaa..
    @vishayaa.. 3 місяці тому +10

    आज कल लड़किया सिर्फ अकेले रहना चाहती है मां बाप उनको पसंद ही नही तो अपने सास ससुर की संपति पे हक क्यों जताती है आप बहुत अच्छा फैसला कर रहे है काश आप जैसा हर कोई न्याय करे तो इस तरह कोई मां बाप ना बर्बाद हो 🙏

    • @Luckycharm-e3z
      @Luckycharm-e3z 20 днів тому

      Pehle maid rahi hongi na….ishliye hissa mang rahi hai…..judge sahib khud bahu hote to samajhte

  • @sumitvikram1237
    @sumitvikram1237 8 місяців тому +13

    जज साहब को 🙏 बहुत प्यार से समझाया और जज की हैसियत से नहीं ऐसा लग रहा जैसे घर का बड़ा perents समझा रहे

  • @RekhaSharma-eg6cb
    @RekhaSharma-eg6cb 6 місяців тому +168

    बहु को सब कुछ चाहिए
    मगर बहु ये नहीं बोल रही की साथ रह कर सेवा भी करेगी
    क्योंकि जब बहु मेंटीनेंस की अधिकारी हे तो वृद्ध सास ससुर भी सेवा देखभाल के अधिकारी हे

    • @jyotirmayeemeher4103
      @jyotirmayeemeher4103 4 місяці тому +4

      Lekin unke juban pe tala kese Lagaya jaye jo bolte hai bete ko kha gayi.
      Mere ek bua hai unke sath yesa hi hota hai
      Pati 17 18 saal mar jaye toh bhi ladki zimmedar ha??tese sas sasur ki seva chodo khana dene layak nehi

    • @Premjain-ys8hq
      @Premjain-ys8hq 4 місяці тому

      Puri duniya y bolti h saas galat h uska ky. Hmesha sasural Wale galat h y bolte h duniya wale. Uska ky. ""Hr ladki ki saas khrab h. But uski real maa shi h. " ​ Apni soch change kro ladiyo. Shrm kro. Tumri real maa bi kisi ki saas h @@jyotirmayeemeher4103

    • @AmitRanaaaaa
      @AmitRanaaaaa 3 місяці тому +2

      ​@@jyotirmayeemeher4103 mai nai tau sab apne maa bap ka naam kar diya agar aaj mar jao ek chawanni na du apne wife ko ..... Ye dekh kar laga mai sahi hu

    • @BakSur-mg6us
      @BakSur-mg6us 3 місяці тому +2

      Mai to apni maa baap ke liye apni kamini bibi ko chhod diya.

    • @jyotirmayeemeher4103
      @jyotirmayeemeher4103 3 місяці тому +1

      @@BakSur-mg6us Budhape mae samajh ayega aur tu pachtayega.(Wife ka agar kisi dusre mard ke sath galat rista nehi hai phir chodna bebkufi hai)
      Baki chote mote jhagde har ghar me hota hai.Tumhe yeh bhi dekhna tha Tumhare pith piche wife ke sath maabaap kese baat karte hai.
      Jo Maa baap bohu bete ka ghar tod de woh kabhi ache ho hi nehi sakte
      Dusri wife sirf paise ke liye ati hai.warna koi ladki Shadishuda admi ke sath koi kyon shadi karna chahegi.

  • @madhuvangoswamigoswami
    @madhuvangoswamigoswami 7 місяців тому +49

    बेटा एक ही‌ था वो भी मर गया मकान भी चाहिए और मेंटनेंस भी चाहिए
    और बुड़े मां-बाप की सेवा भी नहीं करना

  • @DineshKumar-om1bl
    @DineshKumar-om1bl Місяць тому +1

    Is trah ke judge ki pure india ko need hai .... Proud of you Sir 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @Dollysingh_111
    @Dollysingh_111 11 місяців тому +76

    आप जैसे न्यायधीश महोदय को नमन करती हूं सर ईश्वर से प्रार्थना करती हूं आप जैसे न्यायधीश हर कोट में हो🙏

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @girjakaul
    @girjakaul 8 місяців тому +32

    आज कल की बहूएं सांस सुसर को सड़क पर रहने की पुरी कोशिश करती है , सरकार को सख्त कानून लगाना चाहिए इन बहूं पर,

  • @saketbongale312
    @saketbongale312 Рік тому +118

    Greedy lawyers catching greedy clients and harrassing senior citizens and wasting years and putting strain on judiciary. A very good judge, we need more such sensible judges who also act as counsilors.

    • @aaku-gt1it
      @aaku-gt1it 11 місяців тому +10

      yahi to game hai Sara wakil chahate hi nahi case jaldi khatam ho

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @experimenting_life
      @experimenting_life 11 місяців тому +9

      Ladki ka waqil kitna lalchi hain, usne hi bola hoga ladki ko ki tumhe to main sab kuch dilwa dunga.

  • @anuragrauth5532
    @anuragrauth5532 3 місяці тому +2

    Best judge morally and thoroughly 👌🏼🔥

  • @gyanwatisharma1400
    @gyanwatisharma1400 11 місяців тому +57

    , बहुत सुंदर न्याय है ऐसे न्यायाधीश को नमन है

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @raiku2470
    @raiku2470 Рік тому +267

    I think it's high time for parents to understand the importance of educating their daughters and women must stand on their feet. Nothing is more important than being financially independent.

    • @SachinGupta-hn3bj
      @SachinGupta-hn3bj Рік тому +56

      I have seen cases where educated divorced wife re sue their husband for maintenance of their pet dog.
      Educated log air jyada aisa karte h

    • @pragatibhushan8697
      @pragatibhushan8697 Рік тому +5

      ​@@SachinGupta-hn3bjone case against lakhs of cases.

    • @Anonymous-tz3gw
      @Anonymous-tz3gw 11 місяців тому

      पढ़े लिखे लोगो के चोंचले बहुत ज्यादा होते हैं, नाक में दम कर देगी सास ससुर के पति मरने के बाद, ऐसे ही वृद्धाश्रम बहुओं के कारनामों से गुलज़ार है😹

    • @undisclosedcommonman7895
      @undisclosedcommonman7895 11 місяців тому +27

      Financial Independant women are first to break the home.

    • @darkXvader
      @darkXvader 11 місяців тому +10

      ​@@SachinGupta-hn3bjtruee..... independent women are just in imagination 😂😂

  • @saketkumar8112
    @saketkumar8112 11 місяців тому +37

    Judge Dwarika Dhish Bansal Ji is doing commendable job.. He is very Kind...My humble Pranaam to you Sir..🙏🙏

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @AjayYadav-kh4tz
    @AjayYadav-kh4tz 2 місяці тому +4

    बहुत सुंदर विचार हैं जज साहब के

    • @ratanlalmehta8806
      @ratanlalmehta8806 2 місяці тому

      betiya hi jhgde krvati hai sas or bahu ke bich😢😢😢😢😢

  • @Anitamaurya-v3i
    @Anitamaurya-v3i Рік тому +63

    बिल्कुल सही जज साहब आजकल की बहुएं सब पति पति रट कर बूढ़े मां-बाप। को भीख मांगने पर मजबूर कर देते हैं 😢😢😢 जज साहब को न्याय करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद ❤❤❤ जय संविधान जय भारत ❤❤

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @writerbhartichaudhary2071
      @writerbhartichaudhary2071 11 місяців тому +3

      कहीं बहुएं परेशान करती हैं तो कहीं सास ससुर नंनद परेशान करते है

    • @greenocean9039
      @greenocean9039 6 місяців тому

      ​@@writerbhartichaudhary2071mere ghar me to bahu log hi pareshan kr rhi hai. Bahu se zyada chugalkhor aur aag lagane wale aaj tak nhi dekhi hu me. Kaam kuch krna nhi hai bigg boss dekho instagram dekho khana saas naand bnakar dengi aut bahar jaakar chugli kro. 90 percent bahu lpg harami hoti hai unke aane k basd acche khase ghar ko narak bna deti hai. 10 eprcent acchi hoti jinka naam ye 90 percent ghatiya bahu kharab kr deti hai.

  • @kuldeepverma2618
    @kuldeepverma2618 11 місяців тому +56

    🎉 ऐसे न्यायाधीश दुनिया में बहुत होने चाहिए

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @PradeepmohanSaxena
    @PradeepmohanSaxena 5 місяців тому +33

    जज साहब बहुत ही सही ढंग से पूंछ करके उचित कार्यवाही करके निर्णय कर रहे है ।

  • @Kritos09
    @Kritos09 5 місяців тому +4

    Kya hi judge sahab hai yr😂😂
    Ek dum rockstar❤

  • @mdsajidind
    @mdsajidind 8 місяців тому +8

    Bahut hi umda. Judge aise hi hone chahiye. Jo case ko behtareen tarike se hal karte hain.

  • @shribalajilaserart
    @shribalajilaserart 11 місяців тому +84

    जज की कुर्सी न्याय का घर होता है जहां पर मजलूम को सही न्याय मिले तो दुआएं निकलती है कोटि कोटि नमन ऐसे जज साहब के चरणों में जिन्होंने सही न्याय किया. मेरे मां बाप के साथ भी ऐसे ही हुआ मेरी सगी बहन ने उनका सब कुछ छीन लिया आज उनके पास कोर्ट केस के लिए भी पैसे नहीं है पर मुझे भी ऊपर वाले पर विश्वास है कि वह न्याय ही करेगा .

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @Rehan-v4q4b
    @Rehan-v4q4b 8 місяців тому +11

    Jass Sahab ne Dil Ko chhu liya salute se sham ko❤❤❤🎉🎉🎉

  • @MithunKumar-cb5qm
    @MithunKumar-cb5qm 5 місяців тому +6

    👉सीधी बात है भाई
    खराब औरत को गंदगी फैलाने का छूट
    हमारा कानून ही देता है।
    कानून मे अत्यंत ही बदलाव की अवश्यकता है।

  • @pramodkumarrai_0868
    @pramodkumarrai_0868 Рік тому +75

    Hats off to the Respected Judge. This is the case of merit. Totally Speechless Judgement.

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @ravivardhan605
    @ravivardhan605 11 місяців тому +20

    बहुत अच्छा कहा जज साहब ने जिस दिन तनाव खत्म सब सही हो जायेगा।

  • @sumitbhati3343
    @sumitbhati3343 8 місяців тому +7

    Mene bhout judge ka video dekhi h online Par bhai ye Best judge tha ab tak
    Kya smjhaya h dono ko
    Kya decision liya h Best bhai
    Judge shaab Best ek dum
    Dusra wakeel bss jhuuti ummed ko lekar case ko khichra hai

  • @ushabaswal6562
    @ushabaswal6562 5 місяців тому +4

    Sar aapko Dil se Salah mein bahut achcha nyaay kara aapane aise hi nyayadhish ki jarurat hai Hindustan ko❤❤❤❤❤❤

  • @balkishanjajra7639
    @balkishanjajra7639 11 місяців тому +8

    माननीय श्रीमान जज साहब महोदय आप जैसे वीर पुत्र देने वाली माता जी मैं पूरे भारतवर्ष की तरफ से उनको प्रणाम करता हूं जिन्होंने आप जैसे महापुरुष पुत्र को जन्म दिया आप जैसे मां जज साहब हिंदुस्तान के हर कोर्ट में होना चाहिए उसे दिन पूरा हिंदुस्तान एक बार भारतवर्ष की आजादी जेसन मनाएंगे जय भारत पुत्र भारत रत्न आपकी सदाई जय हो हमारा आपको प्रणाम हमसे अगर पत्र गलती हो अपना पुत्र समझ के माफ कर देना

  • @narayandattpokhariya5180
    @narayandattpokhariya5180 6 місяців тому +13

    इसी लिए जज साहब भगवान के रूप मैं इंसान है थैंक्यू यू जज साहब ma bap se bhi achchha samjha sir thank sir

  • @renubhendwal5220
    @renubhendwal5220 5 місяців тому +47

    पता नहीं कहाँ होते हैं ऐसे जज, दिल्ली में जज इतने दयालु नहीं होते हैं

    • @mairoshanhu
      @mairoshanhu 2 місяці тому

      Judge sahab is great.❤

  • @VikramChopra-x5i
    @VikramChopra-x5i 12 днів тому

    सर आपका फैसला बहुत ही सारणी है ऐसे ही ज्यादा होने चाहिए सभी भारत में

  • @harshitkumar-xz9bz
    @harshitkumar-xz9bz Рік тому +49

    What a great Judge.
    He really wants to help them. Working hard to convince them

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @aayushisinghsengar
    @aayushisinghsengar 6 місяців тому +15

    I totally agree with honourable judge. Kitna badhiya se samjha rahe hain sab kuchh.. Nicely done ❣️❣️
    but why
    No one is listening to her saying about them harming her. 😢...

    • @UNKNOWN_69_ALWAYS
      @UNKNOWN_69_ALWAYS 4 місяці тому

      Ha bas yahi ajeeb laga 😢

    • @CurvyPrincess-wj7tl
      @CurvyPrincess-wj7tl 4 місяці тому +2

      Where is the proof? Anyone can claim someone physically harm them just to get a upper hand when losing an argument in court

    • @aayushisinghsengar
      @aayushisinghsengar 4 місяці тому

      @@CurvyPrincess-wj7tl yes I agree 👍, but at least before assuming that she is falsely claiming, they should have addressed it.

    • @cyogian
      @cyogian 2 місяці тому +1

      He told her advocate that any such issue of Domestic Violence doesn't come in the scope of this case, because it will become Criminal Case, Right now it is a Civil matter. She is the typical Bollywood influenced person who believes that claiming Domestic Violence will help her case and get her more alimony.

  • @dipu72506
    @dipu72506 Рік тому +165

    सास ससुर की सेवा करती और प्रेम से रहती तो सब कुछ इसी को तो मिलता..

    • @reshamtyagi6437
      @reshamtyagi6437 11 місяців тому +19

      Tum ye kaise kh sakte ho ki usne rhna na chaha ho ..jb tk dono side na suno kuch nhi kh sakte

    • @dipu72506
      @dipu72506 11 місяців тому

      @@reshamtyagi6437 सभी कुछ बेटे का ही तो अपने आप हों जाता है.. नाम पे पहले करने की क्या जरूरत पड़ी पहले.. अगर बेटी सेवा करेगी तो उसी को भी पूरी जायजाद दे सकते हैं माँ बाप..

    • @jaysinghjohri9221
      @jaysinghjohri9221 11 місяців тому

      Ye haramjadi hai

    • @TheDeadDonDie
      @TheDeadDonDie 11 місяців тому

      ​@@reshamtyagi6437uski marzi jo marzi bole. Tum Kaun ho rokne waale

    • @avthegamer8736
      @avthegamer8736 11 місяців тому

      ​@@reshamtyagi6437ek aurat to aurat ka hi saath degi

  • @jineshkumar4706
    @jineshkumar4706 Місяць тому

    A very considerate judge who can see things of both sides and present and future and advise accordingly.
    In the end tears rolled down my eyes.

  • @brijeshsingh4499
    @brijeshsingh4499 11 місяців тому +34

    परम ज्ञानी न्यायाधीश महोदय को नमन🚩🙏
    अपने ज्ञान से तुरन्त फैसले ऐसे होते हैं🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Linger On वाली कई निचली कोर्ट्स के लिए ये एक उदाहरण है🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @guddasharma9019
    @guddasharma9019 Рік тому +39

    जज साहब आप भगवान का दूसरा रूप है सर

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @yamanjain
    @yamanjain Рік тому +81

    What a great judge. Understanding the delicateness and being so polite !!!

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @arvindahirwar5616
    @arvindahirwar5616 2 місяці тому +1

    माननीय न्यायाधीश जी मैं जो बात कही बहुत ही अच्छी बात 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @chiefasifsabiri5409
    @chiefasifsabiri5409 10 місяців тому +38

    क्या बात हैँ जज साहब आपने दिल जीत लिया आप जैसे... लोगो की आज देश को जरुरत हैँ... अल्लाह आपको खुश रखे... 👍

    • @BhagwaBharat108
      @BhagwaBharat108 9 місяців тому

      Kaafiro ko Alah khush rakhta hai ??? Kya wo Jannat Jayega ?? Mene quran hadith padhi waha toh kaafiro ko maarke unki aurat se rape karne ko kaha hai....par aap kaafir ko salamat ki baat kar rahe hai😂😂😂 aisa mat kaho warna tum islam se kaarij ho jaoge....
      Musalman bano...insan mat bano...hum Insan banke khush hai aap musalman banke khush rahe...

  • @deepnarayangautam2586
    @deepnarayangautam2586 11 місяців тому +27

    जैसा नाम वैसा गुण, माननीय न्यायमूर्ति श्री द्वारिकाधीश बंसल साहब।

  • @captain4270
    @captain4270 10 місяців тому +14

    Amazed by the honourable Judge. In the world of radical feminism, Judge sahab has stood for right cause. Salute to Judge sahab

  • @parulgoyal34
    @parulgoyal34 3 місяці тому +2

    Bhot badiya judges sahab...🎉🎉🎉🎉 how he is smart🎉🎉🎉

  • @learntoskill2023
    @learntoskill2023 7 місяців тому +20

    Judge sir... jindabad.....case ko solution best Kiya h...

  • @theuttutv
    @theuttutv 11 місяців тому +30

    न्यायमूर्ति को नमन आप जैसे लोगों की बहुत जरूरत है देश को जो उचित न्याय दें!

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 50,000 (50 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 55,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @varshaamarvansi8647
      @varshaamarvansi8647 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

  • @Blogsunty
    @Blogsunty 10 місяців тому +7

    आपको धन्यवाद है जज साहब जो आपने इस जमाने मे बूढ़े मा बाप को न्याय दिलाया 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @ErSKGupta-ez2yv
    @ErSKGupta-ez2yv Рік тому +13

    Nice Judgement, Very good suggestion by Honble Judge.

  • @digvijaysingchavan890
    @digvijaysingchavan890 11 місяців тому +21

    जस्टीस बन्सल sir आपको शतशः नमन 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @kapil5294
    @kapil5294 Рік тому +98

    पत्नी की प्रॉपर्टी मे पति का हिस्सा कब सुनिश्चित होगा या ये एक तरफा ही कानून चलता रहेगा।

    • @ลาวา-ข3ช
      @ลาวา-ข3ช 11 місяців тому +7

      Bilkul sahi sawal bhai

    • @RG-iw4c
      @RG-iw4c 11 місяців тому +1

      Agle jnm me sayd ho jaye

    • @Creativetanu3126
      @Creativetanu3126 11 місяців тому +1

      Right

    • @Sanchitanag-k8e
      @Sanchitanag-k8e 11 місяців тому

      26 दिसंबर 2023 को अंतिम आदेश पारित किया गया कि बूढ़े दादा को 5000/- प्रति माह का भुगतान करना होगा और शेष 25,000 (25 हजार) रुपये उन्हें 20 दिसंबर को अपनी बहू को देना होगा।दरअसल, बहू ने अपने ससुर के घर से अपना मालिकाना हक हटाने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब बुजुर्ग लोगों को अपने किराए के मकान में रहना होगा
      वृद्ध लोग पहले से ही कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि वे दोनों प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं अब उनके पास अपने खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है उन्हें 30,000/- रुपये और भरण-पोषण के लिए 5000/- रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। निचली अदालत द्वारा यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि वे राशि नहीं देंगे तो बुजुर्ग व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सचमुच एक तरफा फैसला है. वृद्धजनों के अधिकारों का हनन होता है।

    • @shaliniRnj
      @shaliniRnj 10 місяців тому +3

      In this case they are abled since she mentioned they constructed two new houses for their daughter s…so unfair law

  • @deepshikha504
    @deepshikha504 3 дні тому

    The judge's judgement is so accurate and thanks for understanding their grievance.

  • @shubhankarsinha6928
    @shubhankarsinha6928 Рік тому +13

    Sir jaise judge hon to bharat bilkul swarg banjae ga, sir your smile and way of handling dispute is awesome,