सम्हालो जोश-भरा चोला||भजन मंडळ जुनी दहेली-2||भजन स्पर्धा सुबई||
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- Опубліковано 8 жов 2024
- समझ -समझकर बढना प्यारे ! यह गांधी बोला ।
सम्हालो जोश-भरा चोला ।।टेक।।
अहंकार में फँस जाओगे । बुरा नतीजा कर पाओगे ।
मानव -जीवन बिगडाओगे । जो प्रभु से तोला ।।१।।
जात एक मानव की होती । जो जाने सो पावे मोती ।
छल से बुझे कीर्ति की ज्योती । जो है अनमोला ।।२।।
सही धर्म है सच्चा रहना ! पर-उपकार हमेशा करना ।
कहता तुकड्या प्रभू सुमरना । अनुभवि ही डोला।।३।।
भजन स्पर्धा सुबई
bhajan spardha subai