"Aur agar gayi na Chautala??? toh sirf uski nayi jaayegi. This rookie, sir will screw your happiness till the kingdom comes." The intensity is terrorizing.
I have a feeling that at some point it is gonna happen. Both are Disney+ products. Both are Friday Storytellers product. However, the freelancer is based on a book. So inorder to make a crossover of these two, the writers would have to do some severe re-writes which can hamper with the quality of story.
0:31 रामसखी कृत पद्य -७४- किया न किया जिन सदगुर चरणों से मेल किया, तिन और से मेल किया न किया;। जिन सदगुर स्वरूप से ध्यान किया, तिन और का ध्यान किया न किया॥१॥ सतगुर सत-बोध को धार लिया, अरु बोध विचार अखंड लखा । तब पिंड- ब्रह्माण्ड में एक रहा; तिन और विचार किया न किया॥२॥ ध्रुव निश्चय ये जब अटल हुआ, अनन्य रहा, तब अन्य कहाँ ?। सदगुर को शीश उतार दिया : । फिर भाल त्रिपुंड दिया न दिया॥३॥ निज वर्ण कर्म पहिचान लिया;। तब सुवर्ण कर्म आरूढ़ हुआ,। गौ, हाथी, घोड़ा दान दिया;। तिन सोना चाँदी दिया न दिया॥४॥ सत की सेवा में लीन हुआ, सदगुर स्वरूप सर्वत्र रहा,। ‘रामसखी’ सतलोक बसे,। फिर और उपाय किया न किया॥५॥ संक्षिप्त व्याख्या- इस पद्य में यह बताया है कि विश्वरूप परमात्मा का प्रत्यक्ष व यथार्थ दर्शन कर अनन्यभक्ति (विश्व सेवा) करने पर कुछ और करें या न करें कोई फर्क नहीं पड़ता। जिस मनुष्य ने तत्वदर्शी सदगुरु के चरणों (साकार और निराकार पद) से मेल कर लिया ( जान लिया ) उसे फिर किसी और से मेल करने (जानने) की जरूरत नहीं होती क्योंकि सदगुरु साकार और निराकार पद का पुरुषोत्तम पद में लय कर अभेद अनुभव लखा देते हैं (गी॰७-२)। जिसने सद्गुरू का स्वरूप विश्व ( विश्वरूप परमात्मा) का ध्यान कर लिया( यह विश्व ही सदगुरु का स्वरूप है , यह बुद्धि में दृढ़ निश्चय होकर सदैव अनन्य भक्ति रूप आचरण में आने लगा) तो फिर अन्य किसी के ध्यान की आवश्यकता नहीं रहती।॥१॥ जब सद्गुरु द्वारा दिये गये सत-बोध (विश्वरूप परमात्मा का प्रत्यक्ष व यथार्थ दर्शन) को धारण (बुद्धि में दृढ़ निश्चय ) कर लिया और इस बोध को मनन, अभ्यास कर अखंड अनवरत लख लिया तब पिंड-ब्रह्माण्ड की एकता का विचार ( अपनी अलग सत्ता की मानिंदी खतम होकर विश्व से अपनी अनन्यता का विचार ) ही रहने लगता है फिर कुछ भी अन्य विचार (मत, पंथाई आदि ) का कोई अर्थ ही नहीं रहता।॥२॥ ध्रुव के समान बुद्धि में जब यह अटल निश्चय कि आप सहित सब परमात्मा ही है अन्य कुछ है ही नहीं (गी॰ ७-७) ‘सर्वम् खल्विदं ब्रह्म’ है तब अनन्यता हो जाती है; अन्य कुछ रहता ही नहीं। इस प्रकार जब सदगुरु को अपना शीश ( व्यष्टि अहं रूप शीश) समर्पित कर दिया ( समष्टि स्वरूप सदगुरु में व्यष्टि अहं शीश लय हो गया) तो फिर माथे पर त्रिपुंड लगाये या न लगाये; कोई अर्थ नहीं रखता।॥३॥ फिर जब अपना स्वभावज वर्ण कर्म पहिचान में आ गया तब स्वकर्म में आरूढ़ हो जाता है (अपना प्रकृति दत्त वर्णधर्म कर्म दृढ़ता से करने लगता है)। ऐसा स्वकर्मी ने गौ यानी गाय (इंद्रियाँ ), हाथी (अहं शीश), घोड़ा (मन की विषय-भोगों में चंचलता) दान दे दिया ( इंद्रिय , मन, बुद्धि आदि में से तृष्णा क्षय हो गई ) उसे फिर सोना , चाँदी , धन-दौलत देने का कोई अर्थ दिखाई नहीं देता; देना व नहीं देना एक सा ही है अर्थात यदि किसी जरूरतमंद को देता है तो देने नहीं देने दोनों भावों से अतीत होकर देता है।॥४॥ उपर्युक्त वर्णित सत-सेवा में लीन ( अनन्यभक्ति करता) मनुष्य को सर्वत्र सदगुरु ही दिखाई देता है क्योंकि उसकी बुद्धि में अटल निश्चय आप सहित सब सदगुरु (परमात्मा) ही है; रहता है। रामसखी कहती है कि वह इसतरह सतलोक ( आस्तिक्य पद स्थिति ) में बसता (रहता) है, फिर उसे अपने कल्याण के लिये किसी और उपाय की जरूरत नहीं होती।॥५॥😊❤
It does happen in real life. When I was the Resident Medical Officer at a government hospital, my seniors never messed with me because I had a clean record. I collected all the evidence against those seniors, even the superintendent and more powerful people. In those two years of my job, I never let anyone earn black money under my nose. But yes, I faced a lot of pressure and stress. It's not easy to be honest.
Will bollywood ever have the gutts for role reversal? Jaha SI ABDUL HO aur rookie CHAUTALA?? 🔔 🔔 🔔....My nation is destroyed thnx to the appeasement...mark my words...INDIA WILL BE ISLAMIC NATION DECALARED IN AIGUST...By 2040 Save ur kids..send them to a safer nation
@@ravihirani4182 The moderate muslims are the grass in which extremist snakes hide. When have you seen these so called peaceful and moderate muslims going up against their clan?
"Aur agar gayi na Chautala??? toh sirf uski nayi jaayegi. This rookie, sir will screw your happiness till the kingdom comes." The intensity is terrorizing.
Waiting for season 2 ..hopefully it will come this year it self 🙏
Season 2 aa chuka h bhai season 3 ka wait kro
Season 2 aa chuka h bhai season 3 ka wait kro
@@AmanSharma-vq2zm bhai woh 1.5 season tha
@@sandeepchavan7128 ohh accha haa sorry bhai👍🏼
😂@@sandeepchavan7128
"This Rockie sir will screw your happiness, till Kingdom comes" .... Meaning - Teri Keh ke Lunga 😂
rookie*
Teri lete rahunga😂🤣
Senior khade rahe accha nahi lagta .
Maza aa gaya😅
Director of Friday Story teller are the best ❤ keep it up, whenever I see your brand logo i try to watch full series
Always ❤
Kk Menon should have been given Sam Bahadur ' s role
100% agreed 👍🏻
Apt.... very true
Who wants special ops and freelancer series crossover
No one 😂
Me✋
I have a feeling that at some point it is gonna happen. Both are Disney+ products. Both are Friday Storytellers product. However, the freelancer is based on a book. So inorder to make a crossover of these two, the writers would have to do some severe re-writes which can hamper with the quality of story.
Waiting for season 3.. One of the best.. Jai Hind...
Isay kehte hein saamne wale ko uski aukaat dikha dena....😂😂😂
Legend Kay Kay Menon ✨♥️💥💥💥
Freelancer,
Special ops ❤ new seasons please
सूखी लेली चौटाला की।😂😂😂
फिर बैठने के लिए भी कह दिया।😅
0:31 रामसखी कृत पद्य
-७४-
किया न किया
जिन सदगुर चरणों से मेल किया,
तिन और से मेल किया न किया;।
जिन सदगुर स्वरूप से ध्यान किया,
तिन और का ध्यान किया न किया॥१॥
सतगुर सत-बोध को धार लिया,
अरु बोध विचार अखंड लखा ।
तब पिंड- ब्रह्माण्ड में एक रहा;
तिन और विचार किया न किया॥२॥
ध्रुव निश्चय ये जब अटल हुआ,
अनन्य रहा, तब अन्य कहाँ ?।
सदगुर को शीश उतार दिया : ।
फिर भाल त्रिपुंड दिया न दिया॥३॥
निज वर्ण कर्म पहिचान लिया;।
तब सुवर्ण कर्म आरूढ़ हुआ,।
गौ, हाथी, घोड़ा दान दिया;।
तिन सोना चाँदी दिया न दिया॥४॥
सत की सेवा में लीन हुआ,
सदगुर स्वरूप सर्वत्र रहा,।
‘रामसखी’ सतलोक बसे,।
फिर और उपाय किया न किया॥५॥
संक्षिप्त व्याख्या-
इस पद्य में यह बताया है कि विश्वरूप परमात्मा का प्रत्यक्ष व यथार्थ दर्शन कर अनन्यभक्ति (विश्व सेवा) करने पर कुछ और करें या न करें कोई फर्क नहीं पड़ता।
जिस मनुष्य ने तत्वदर्शी सदगुरु के चरणों (साकार और निराकार पद) से मेल कर लिया ( जान लिया ) उसे फिर किसी और से मेल करने (जानने) की जरूरत नहीं होती क्योंकि सदगुरु साकार और निराकार पद का पुरुषोत्तम पद में लय कर अभेद अनुभव लखा देते हैं (गी॰७-२)। जिसने सद्गुरू का स्वरूप विश्व ( विश्वरूप परमात्मा) का ध्यान कर लिया( यह विश्व ही सदगुरु का स्वरूप है , यह बुद्धि में दृढ़ निश्चय होकर सदैव अनन्य भक्ति रूप आचरण में आने लगा) तो फिर अन्य किसी के ध्यान की आवश्यकता नहीं रहती।॥१॥
जब सद्गुरु द्वारा दिये गये सत-बोध (विश्वरूप परमात्मा का प्रत्यक्ष व यथार्थ दर्शन) को धारण (बुद्धि में दृढ़ निश्चय ) कर लिया और इस बोध को मनन, अभ्यास कर अखंड अनवरत लख लिया तब पिंड-ब्रह्माण्ड की एकता का विचार ( अपनी अलग सत्ता की मानिंदी खतम होकर विश्व से अपनी अनन्यता का विचार ) ही रहने लगता है फिर कुछ भी अन्य विचार (मत, पंथाई आदि ) का कोई अर्थ ही नहीं रहता।॥२॥
ध्रुव के समान बुद्धि में जब यह अटल निश्चय कि आप सहित सब परमात्मा ही है अन्य कुछ है ही नहीं (गी॰ ७-७) ‘सर्वम् खल्विदं ब्रह्म’ है तब अनन्यता हो जाती है; अन्य कुछ रहता ही नहीं। इस प्रकार जब सदगुरु को अपना शीश ( व्यष्टि अहं रूप शीश) समर्पित कर दिया ( समष्टि स्वरूप सदगुरु में व्यष्टि अहं शीश लय हो गया) तो फिर माथे पर त्रिपुंड लगाये या न लगाये; कोई अर्थ नहीं रखता।॥३॥
फिर जब अपना स्वभावज वर्ण कर्म पहिचान में आ गया तब स्वकर्म में आरूढ़ हो जाता है (अपना प्रकृति दत्त वर्णधर्म कर्म दृढ़ता से करने लगता है)। ऐसा स्वकर्मी ने गौ यानी गाय (इंद्रियाँ ), हाथी (अहं शीश), घोड़ा (मन की विषय-भोगों में चंचलता) दान दे दिया ( इंद्रिय , मन, बुद्धि आदि में से तृष्णा क्षय हो गई ) उसे फिर सोना , चाँदी , धन-दौलत देने का कोई अर्थ दिखाई नहीं देता; देना व नहीं देना एक सा ही है अर्थात यदि किसी जरूरतमंद को देता है तो देने नहीं देने दोनों भावों से अतीत होकर देता है।॥४॥
उपर्युक्त वर्णित सत-सेवा में लीन ( अनन्यभक्ति करता) मनुष्य को सर्वत्र सदगुरु ही दिखाई देता है क्योंकि उसकी बुद्धि में अटल निश्चय आप सहित सब सदगुरु (परमात्मा) ही है; रहता है। रामसखी कहती है कि वह इसतरह सतलोक ( आस्तिक्य पद स्थिति ) में बसता (रहता) है, फिर उसे अपने कल्याण के लिये किसी और उपाय की जरूरत नहीं होती।॥५॥😊❤
Bhai tu thik hai n?
Kya likh Raha hai Bhai?
One of the best series
Waiting for season 3
Kas reality me bhi 2-3% department wala honest aur loyal hota..
Reality mein hai esliye desh chal hai 😂😂😂
Masterpiece ❤
should it be "Column" or "Row" 😁
it depends if headers are verticle aligned or horizontal
wait for special ops 3
iam witing for Special Ops 3
Second portion best
Excellent performance by kay kay menon
Release special ops 2 soon
Dukh ki baat ye hai ki ye sab bas filmon mai hota hai
It does happen in real life. When I was the Resident Medical Officer at a government hospital, my seniors never messed with me because I had a clean record. I collected all the evidence against those seniors, even the superintendent and more powerful people. In those two years of my job, I never let anyone earn black money under my nose. But yes, I faced a lot of pressure and stress. It's not easy to be honest.
Any chances for new season ?
Special ops 2
Next season release date?
baaki sab theek hai next season agle janam takk aa jayega 😂😂
Will bollywood ever have the gutts for role reversal? Jaha SI ABDUL HO aur rookie CHAUTALA?? 🔔 🔔 🔔....My nation is destroyed thnx to the appeasement...mark my words...INDIA WILL BE
ISLAMIC NATION DECALARED IN AIGUST...By 2040
Save ur kids..send them to a safer nation
And where on earth do you think we have a safer place for Hindus??
Let's not drag all muslims in the same category. 10% still are patriots towards the nation.
@@ravihirani4182 The moderate muslims are the grass in which extremist snakes hide. When have you seen these so called peaceful and moderate muslims going up against their clan?
Chautala jaise bahut hai system mein
Andhbhakt spotted
Waiting for season 3
Special ops 2