जाति से जुड़े हर सवाल का जवाब यहां जानिए | Dalit Dastak
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- Опубліковано 10 лют 2025
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Dalit Dastak
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Published on OCT 16, 2018
Story By- Dalit Dastak
Report- Ashok Das
Editor- Karan Kumar
Camera- Virendra Kumar
#ShantiSwaroopBauddh
#caste
आपकी बातों से विद्वान होने का पता चला कि अपने इतिहास धर्म पड़ा है और उसका व्यक्तिगत रूप से विशेषण किया है बहुत सुंदर
धन्य है आप शान्तिस्वरूप जी आप हमारे समाज को प्रेरणादायक बनाने के लिये आपने जीवन संघर्ष किया आप भी हमारे महामानव ही है मेने आपको देखा था इटावा मे जब आप यशवंत राव भीमराव अंबेडकर के साथ आये थे डाक्टर बलवीर के यहां मैरिज होम में बुद्ध मूर्ति के स्थापना में तो मुझे आज गर्व महसूस होता है कि हमने आपको देखा ओर हम आपके योगदान को अपने आने बाली पीडियों को समाज मे बतायेंगे जय भीम जय भारत रतन बौद्ध जयवन्त नगर इटावा
बहुत बहुत धन्यवाद शुभ वक्त है विचार शुद्ध है यें होना जरुरी है एक पुरोगामी विचार से समाजमे बदलाव जरूरी है वही होने जा रहा है धन्यवाद
अगर बाबा साहेब, महात्मा ज्योतिबा फुले, पेरियार साहब जैसे महापुरुष ना होते...तो हमारी स्थिति कहीं ज्यादा बद्तर होती...इसीलिए अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए किसी भी कष्ट को उठाने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए...अच्छी शिक्षा प्राप्त करके ही हम तार्किक, वैज्ञानिक और मानवतावादी सोच विकसित कर सकते हैं...जय संविधान जय विज्ञान
Jai Aarakshan...
आपका बहुत बहुत धन्यवाद अपने जाति व्यवस्था का वर्णन बहुत सटीक और अच्छी तरह से बताया है ये जाति पाती के चक्कर में इस देश का और यहां के लोगों का बहुत नुकसान हुआ है हम सब एक है और सबसे पहले एक अच्छे इंसान बने सब एक समान अधिकार कर्तव्य, और सम्मान के पात्र हैं यही इस देश के लोगो की मूल भावना होनी चाहिए
Very nice sir ji thanks 🙏🏻
Jay Bheem Jay Bharat namo buddhay bahut badhiya itihaas bahut badhiya Gyan Mila
Me is bat see bahot Khush hu ki jaise me sochti hu jati ke vishay me waise ap bhi soche hai aur jb me apne Ghar ya bahar ke logo ko batati hu to wo muze bolte hi ki abhi Aisa nhi rha gya pr abhi jati ka savrup badal gya hi abhi alg tarike see cast discrimination hota hi .
*शांति स्वरूप बौद्ध जी को सुनते ही नई ताकत पैदा हो जाती है।* Thank you Dalit Dastak
Aw
🙏🙏🙏🙏🙏
सर को जय भीम नमो बुद्धाय।
jai bheem nam0 budhay sir.
अच्छा चूस के ओर ताकत मिलेगी लोड़े साला सुनने से ताकत मिलती है चुडियापे चूतियी
शांति स्वरूप बौद्ध साहब आज मैंने आपको नजदीक से देखा और सुना आपकी लिखी हुई माता रमाबाई की पुस्तक मैं पड़ी है तब से मैं आपको जानती हूं जो आपकी पत्नी प्रेमलता बहुत को अपना अर्पित की है धन्य है आप आपके लिए मुझे बहुत मान सम्मान है मेरे हृदय में आपको सलाम है आप सच्चे बुध है सच्चे बहुत बड़ी है सच्चे अंबेडकरवादी है आपको लख लख सलाम
बहुत ही सुंदर विश्लेषण किया है और समझाया है। आपका शुक्रिया
जाति भेद एक खतरनाक षडयंत्र है शासकों और व्यापारियों का
कर्म की जगह भाग्यवाद भी एक कुटिल षड्यन्त्र है. कर्म प्रधान विश्व रचि राखा..
सब एक ग्रह के वासी हैं मनुष्य हैं बस इतना काफी है
W
जाति एक बीमारी है जो कि ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही है जाति खत्म करने के लिए नेता लोग सबसे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं भारत में जनता अपने नेताओं की बातें आंखें बंद करके मानते हैं जब नेता जाति खत्म करेंगे जनता खुद जातियों को समाप्त कर देगी जय भीम नमो बुद्धाय।
Good job sir Jai bhim nmo bhuday santiswroop ji
Please conduct such programmes very frequently. Sir explained it in a very simple and effective way. 👏
Excellent
जाति बनाने और जातिवाद को बढ़ावा देने में समस्त जातियों का पूरा पूरा योगदान है चाहे वह कोई भी हो
u r Great sir
एक ना एक दिन जाति विहीन समाज बने और हमारा देश भारत देश तरक्की की दिशा में अग्रसर हो इसलिए जहां तक संभव हो जातियों को तोड़कर बाहर निकलो और रिश्ता बेटी रोटी का संबंध किसी भी समाज से जो आपके हिसाब से उचित तथा योग्य हो वहां पर करें व्यक्ति जाति के आधार पर नहीं बल्कि कर्म के आधार पर पहचाना जाएऔर हम सभी काल्पनिक बातों को छोड़कर सत्य राह पर अग्रसर हो धन्यवाद
बेहतरीन प्रस्तुति मुबारकबाद
संस्कार बुद्ध। बुद्ध केहेते है। मानव मनाब एक समान। सर नमस्कार आप बिल्कुल सही कहा है
Very very good news
Guru ji, jeev hi Hum sabak jati hai, or ek hi bap ke bete hain sab, shudra yoni se sab aye, isliye sab sudra jati ke hi manav hote hain, Jai ho manav dharm ki. Super dharm manav dharm. Thankyou
Very nice video jay arjak jay bhim namo budhya
मैं सुनील कुमार, आपकी चर्चा बहुत ही अच्छी लगी। हम सब (बौद्ध, जैन, हिन्दू) भारत के मूल निवासी यानि एक हैं। हम सब आपस में सभी प्रकार के सम्बन्ध रख सकते हैं। लेकिन मुसलमान और ईसाई ये दोनों विदेशी हैं।
Jai bheem jai bharat namo buddhay 💐💐💐💐
शांति स्वरूप बौद्ध साहब प्रणाम ,यूं तो मैं आर्य विचारधारधारा का व्यक्ति हूं क्यूँ कि मैं आर्यों को अलग नहीं मानता हूं।
खैर आपसे काफी कुछ जानने को मिला, धन्यवाद।
आज के जो भी पटेल हैं।वह पहले के कुर्मी होते थे। कुर्मी लोग महाभारत काल में कुरु वनसिय छतरी होते थे। इनके पूर्वज उधिष्ठीर भीम अर्जुन जैसे प्रतापी राजा हुए हैं।
Bahut hi etihasik jankari
जाति केे िविषय पर ऐतिहासिक पक्ष रखने के िलिए माननीय शान्तिस्वरुप बौद्ध्ा एवं दलित दस्तक को को बहुत बहुत साधुवाद
jai bheem nmo buddy sir
अच्छा समझाए हैं।
शान्ति स्वरुप जी , हम मूलनिवासी भारतीय बहूजन समाज ही नहीं समस्त मानव समाज के लिए धरोहर हैं उनकें विद्वता का कोई सानी नहीं है। नमामि....🙏जयभीम...नमो बुद्धाय
दलित दस्तक द्वारा अनछुयें पहलुओं को पूज्य शान्ति स्वरूप बौद्ध जी के तर्क संस्मरणो को आम जनसाधारण तक पँहुचाने के लिए जो कि निहायत जरूरी था । बहुत बहुत आभार, धन्यवाद,
🙏जयभीम....नमो बुद्धाय जयभारत।
जानकारी मिली इसके लिए धन्यवाद नई जानकारी मिली
भाई जयभीम आप ने अच्छी ओर सचची बात कही भाई आप लोगों को ऐसे ही जागरूक करते रहें जयभीम जयभारत नमोबुधाय।
जाति पर आपके विचार अच्छे है और आप और प्रयास करिये और लोगो तक।पहुचाये
जय भीम नमो बुद्धाय माननीय अशोक दासजी एवं दलित दस्तक चैनल परिवार को मेरा प्रणाम वा जय भीम साथियों मैं रामसजीवन गौतम उत्तर प्रदेश सिद्धार्थ नगर थाना डुमरिया गंज क्षेत्र अंदूआ जमाल जोत का मूलनिवासी चमार हूं l
जाति भारत का कोढ़ है किसी दिन ये ठीक
होगा ठग ज्यादा समय तक ठगी नही कर पायेंगे
किसी दिन भारत स्वच्छ होगा पाखंड दूर होगा
दूनियाँ मै सव सै वड़ा ठग विदैशी कै संगठन थै ओर है।।जाति तो सिफ्र इक समाजिक संगठन है अगर इस सै वाडिया कूछ आऐ गा जाति आपनै आप टूट जाऐ गा
@@bhupindersinghkanwar5681 abe jativad ke chamche chup jai bhim
अब जाति वयवस्था नही है जमाना बदल गया है पुरानी बातो को चॆचा लाने से अचछा आगे बढो
बहुत अच्छी जानकारी दी है बौद्ध जी ने 👏
Jai bhim namo budhay sir aap jaisa sabhi manaw ko rasta apnaye
"जाती" भारतीय समाज के सारे मान्य पंथ पर कोड की तरह का दाग है.जाति में मूलभावना उच्च-नीच के आधार पर भेद-भाव है.जाति का निर्माण , अक्षर व् लिपि का ज्ञान जिनके पास था उन महा स्वार्थी,( बिना मेहनत के उदर भरण अपने आप हो जाए की व्यवस्था) कर्मकांड,पाखंड के द्वारा भारतीय समाज को बांटने की विधि है.
Jai Bhim namo budhhaye Sir bahut badiya vishleshan
Right sir.
jathi ki malai ka rhe ho bhasr de rhe ho.
जाति मानव समाज का कोढ है इससे बाहर निकलना बहुत ही आवश्यक है।
" जाती " ==> " जाति "
Koti-2 Naman.
बहुत ही सुंदर विश्लेषण. बहुत बहुत बधाई दलित दस्तक.
Jay Bheem namo Buddha bahut achcha achcha itihaas sunaya
अगर सभी जातियों को समान मान लिया जाय तो जातियाँ जो एक दूसरे से टूट कर बनी हैं निकट आ कर आपस में मिल सकती हैं।इसके साथ जातिगत हीनता और आपसी ईर्ष्या द्वेष भी खत्म हो जाएगा।
Jation ka tootna rashtra ki maang hai anyatha desh wikhar jayega....
बहुत ही सुन्दर ढंग से समझा
नमौ बुद्धाय जय भीम
isme aarkshan milna chahiye
महोदय बाबा साहब के बाद मान्यवर काशीराम जी ने जाति तोड़ी समाज जोड़ो कैनाम से कई सभा और सेमीनार किया और sclstoBC को बहुजन समाज नाम दिये और बोले थे कि आप सब बहुजन समाज बन जाओ और पूरे जाति तोड़ दो और एक समाज बहुजन समाज नाम दिये। तो आदोलन चलाया गया है मान्यवर काशीराम साहब ने खुब चलाये थे।
शांति स्वरूप बौद्ध जी!... आपके बारे में सुना और पड़ा बहुत ही अच्छा लगा! आप लेखख होने के साथ - साथ एक अच्छे परवक्ता भी हो! मे आपको अपने बुद्धि विवेक से आपको 90% सही मानता हूँ! परंतु आपने भी और की तरह! एक ही बात का ध्यान किया! आज के इस अपिसोड में हम कैसे मान ले की बुद्ध ही बौद्ध हैं! जीवन और जीवनशैली के लिए!
अशोक दास जी किसी भी व्यक्ति से बात करने से पहले उसका परिचय ले लिया करे इससे पता चलता है किस व्यक्ति से बात कर रहे है उनका नाम परिचय ले लिया करे इसासे जानकरी होती है जय महाराजा सुहेलदेव पासी जय भीम बहुजन एकता जिंदाबाद नमो बुधाय 🇮🇳🇮🇳💪💪💪
आदरणीय शांति स्वरूप बौध्द जी , जातियों की उत्तपत्ति पर अपने विस्तृत विचार रखे ,कोटिशः सादर अभिवादन, जयभीम।इसी तरह ज्ञान देकर समाज का अंधकार हरण करने के महाप्रन के लिए आपको नमन।
बहुत अच्छी जानकारी सर जी
धन्यवाद
दलित दस्तक मेरे तरफ से सलाम
Nice video
Jaybhim
जाति एक कलंक है भारत का
Kya baat hai.. Nice sir ji🙏🙏
Dalit Dastak is a ocean of knowledge
I like it very much
I would like to be a life time member of Dalit Dastak
आज की जातो तो अंबेडकर की दी हुई है जिसने सार्टिफिकेट भी दिया है आर्यो की जाती की व्य्वस्था तो गरुकुल ही करता था ओर वो कर्म के ही आधार पर होती थी
Brahmano aur sawarn samaj k logo SE kaho ki bo apni betiyo ki shadi SC/St/obc SE kre , samanta bhi aayegi aur unki betiyo ko reservation ka labh bhi milega
Aur tume mandiro me aaraakshan he.
गुरुकुल में दलितों की शिक्षा का प्रावधान नहीं। जब कर्ण को सूत पुत्र कहा गया तो उस युग को अंबेडकर संचालित कर रहे थे क्या?
सर ! भाषा विज्ञानिको के विचार से भाषा का जब विकास हुआ, तब हिंदू पंडितों ने अपने कथित प्राचीन ऋग्वेद ग्रंथ की रचना भी तो सन 1464 ईस्वी के लगभग की है | अतः इस आधार पर जाति विभिन्नता का सिद्धांत भी 1464 ईस्वी के बाद ही किया गया होगा | अतः आप के
तर्कसंगत विश्लेषण
सटीक जान पड़ता है | जय भीम महान ❤❤❤
Jai buddha,,, jai ashoka,, jai bhim,, jai phule,,, jai periyaar,,, jai ravidas,, jai kabeer....
ashish kumar Jai Bharat Bhi bol deta
@@rishabhmishra7395 jai Bharat..
@Executive Chef ye to tum keh rhe ho.... Unhone apne ko khud Hindu nhi mana...
@Executive Chef Gautam Buddha never hindu .Buddha taught humanity not hindusim.
बहुजन गोंड समुदाय से संबंधित हैं।पता करें।
दलित दस्तक आप का कार्य समस्त बहुजन समाज में प्रबोधन के कार्य के खातीर बहुमूल्य हैं l आपके कार्य को मेरा नमन तथा मेरा आपसे एक अनुरोध हैं कि कृपया आप "दलित दस्तक" इस चॅनल का नाम बदल कर उसे "बहुजन दस्तक" कर देl क्योंकी दलित यह इक गाली हैंl
अगर कोई ओर व्यक्ती हमे दलित कहे तो हमे क्रोध आता हैं तो फिर, हम खुद ही अपने आपको दलित कैसे कहे?
जय भारत, नामोबुध्दाय 🙏
शान्ति स्वरूप जी ने अच्छा
विश्लेषण किया
बहुत पुराना वीडियो हैं।अभी महामना शांति स्वरूप बौद्ध आज हमारे बीच नही है। जय भीम नमो बुद्ध
Excellent piece of information, thanks a lot sir
बहुत बहुत आभार अशोक दास जी
शान्ति शरूप क बिचार सुनकर हमारे तरफ से नमो बुधाय
Jaybheem
सभी लोगों को समझना चाहिए कि निजी स्वार्थ के लिए जाती बनाई गई ख़ास कर के दलित और पिछड़ी जाति को जागरूक हो और जिन्हें कहते हैं शुद्ध और अछूत समझे भाई साहब नहीं समझे तो पैर छुते रहो और इनकी सेवा करते रहो
JAy SC ST OBC Bahujan mulniwasi Jay Bharat Jay Bheem Jay savidhan namo buddhay Jay vigyan 👪👪👪🇮🇳✍️📘☸️🖋️📱💡🩺🔬💉🔭🪐🌍🌒🙏🙏🙏💐
यह सही है कि सारी जातियों का निर्माण ब्राह्मण ने नहीं किया ।ब्राह्मण ने केवल हायरार्की बनाई।इस हायरार्की को जातिगत हीनता व कुंठा से मुक्ति के उपाय के रूप में इस्तेमाल किया।हम कथित नीचता से मुक्त होने और उच्चता ग्रहण करने के कई जातियों में स्वतः विभाजित होते गए।
Very nice sir. Thanks.
जाति ❌जाति ❌ जाति ❌जाति ❌
*बुद्ध खेतीय या क्षत्रिय???*
पाली में लिखित यह वाक्य पढें👇:-
*अस्सेसु खो पिप्पलिवानिया मोरिया-”भगवा किर कुसिनाराकं परिनिब्बुतो’ति ।अथ खो पिप्पलिवानिया मोरिया कुसिनारकान मल्लनं दूत पहेसूं - भगवापि खत्तियो मायम्पि खत्तिया। भगवा अम्हाकं ञातिसेट्टो। “*
महापरिनिब्बानसुत्त-डॉ भिक्खु धर्मरक्षित (पृष्ट स०-१९६)
ऊपर लिखे वाक्य में भगवान बुद्ध को *खत्तीय यानी खतीय अर्थात खेतीय लिखी है* जिसका साफ अर्थ खेतों का मालिक या खेती करने वाला है। भगवान बुद्ध का कुल भी शाक्य अर्थात साकीय (पाली) था। *पाली भाषा मे क्ष , त्र, ज्ञ, और श , ष,अक्षर ही नही होते।* सँस्कृत भाषा में वणहुगुप्त मौर्य को बदलकर विष्णु गुप्त मौर्य(चाणक्य) और उनकी माता धम्म मोरया को धर्म मौर्या लिखा गया है । अगर हम मौर्य और शाक्य वंश को क्षत्रीय स्वीकार कर लें तो क्या हम इससे आप ब्राह्मणों के जाल में नही फंस रहें हैं। भगवान बुध्द के पिता गणपति होने के बाद भी खेती किया करते थे। यह उन्हें श्रमण (श्रम और कर्म में विश्वास रखने वाले) परम्परा से जोड़ती है। इसी गुण के कारण ये सभी खतीय या खेतीय कहलाये।
*अगर हम यह कहें कि खेतीय को सँस्कृत में क्षत्रिय कहा गया तो यह तभी संभव है जब दोनों शब्दों का मूल अर्थ समान रहे। परन्तु क्षत्रिय शब्द में वर्ण और जाति का भाव साफ देख जा सकता है। जबकि खतीय या खेतीय में मेहनत और श्रम की महक आती है और किसी प्रकार का वर्गीकरण नही। खेतीय शब्द जोड़ता है क्योंकि लगभग हर व्यक्ति खेती के कार्य से किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ था। जबकि क्षत्रिय शब्द एक वर्ग विशेष में बाँटता है।* और उच्चता का भाव पैदा करता है। जब स्वयं में उच्चता का भाव पैदा होता है तो हम दूसरे व्यक्ति को स्पष्ट रूप से हीन मानने लगते हैं। और हम ब्राह्मण जाल में फंस जाते हैं। और बुध्द के बताये मूल समता मूलक समाज की पराकाष्ठा को भूल जाते हैं।
एक और शब्द लेते हैं सम्राट अशोक ने स्वयं को शिलालेखों में पियदसी(प्रकृत भाषा) अशोक लिखा है जिसे सँस्कृत में प्रियदर्शी लिखा गया । परन्तु सँस्कृत में इसका अर्थ मुर्ख के अर्थ में होता है। भला कोई महान सम्राट स्वयं को मूर्ख लिख सकता है।
*दूसरी तरफ रही बात वर्ण और जाति की तो बौद्ध काल में वर्ण और जाति व्यवस्था थी ही नही। इसका प्रमाण पाली बौद्ध ग्रंथों में साफ तौर पर मिलता है। उपाली शाक्य कुल के होने पर भी नाई का कार्य किया करते थे। सुकिति विपस्सना की भंग अवस्था को प्राप्त करके भंगी कहलाये। न कि मैला ढोने के कारण। अगर हम हड़प्पा सभ्यता की बात करे तो इस सभ्यता में विश्व का पहला बहतरीन भीमगत टॉयलेट सिस्टम था। खुले में शौच के लिए जाना मनु स्मृति आने के बाद शुरू हुआ। खुले में शौच के लिए मनु स्मृति में साफ तौर पर लिखा ।*
बौद्ध काल मे केवल वंश और कुल थे। मौर्य शाक्य कुल के थे। साम्राट अशोक ने लघु शिला लेख में स्वयं को शाक्य कुल का बताया है।
*ब्राह्मण व्यवस्था ने इस देश को कुछ इस तरह बांटा है कि हर व्यक्ति स्वयं को श्रेष्ठ बताने में लग जाता है। यही हमारी मानसिक गुलामी है जिसके कारण हम एक नही हो पाते।*
जाति छोड़े और धम्म अपनाये
और एक हो जायें।
*शेयर करे*
*जाति मुक्त भारत के लिए।*
Anil Gautam bahut badhiya
सब मूल में गोंड थे।
अपनी राय बताएं।
Stupendous explanation....Jai Bheem
मनुस्मृति में वर्ण व्यवस्था है जाति व्यवस्था नहीं बाबा रामदेव जी के अनुसार
Chutiya logic
ધન્યવાદ જાતિને ઉજાગર કરનાર લેખકો ને બ્રાહ્મણોનાં ગાલ પર તમાચા બરાબર જય જોહાર
साथियों ज्यादा शेयर करें और चैनल को 300k तक पहुंचाए.
Dalit Dastak kam Main Dil Se Samman karta hun Shukriya bahut bahut Shukriya aapka
जब जब जिसके पास सत्ता आती है वह खुद ही मनुवादी हो जाता है ..यह तथाकथित दलित नेता जब दूसरो को गालिया दे कर ,दूसरो को नीचा दिखा कर अपना मनुवाद ही तो प्रदर्शित क्र रहे है ............हर धनी मनुवादी बन जाता है और हर गरीब दलित बन जाता है .इस सत्य को कोई नहीं टाल सकता
Thanks a lot .🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️
ज्योतिष शास्त्र से स्पष्ट है कि वर्ण गुणों से निर्धारित होते हैं जन्म से नहीं..
To fir lagu q ni hua aaj tk
Budha bakvas karha hei
Hindu dharma me to itne granth hai, har jagah kuchh contradictory mile.iss liye yahan har vichey ki explanation person to person and granth to granth different ho jati.
Abe lagu karo na
@GAURAV ARORA theoretically may be right, practically does it exit in society in the same sense what u r saying.
Very nice
ब्राह्मण ने अपनी जाति को श्रेष्ठ और उच्च बताया तो अपने से भिन्न जातियों में हीनता व कुंठा भर दी।...इसके लिए उसने हायरार्की बनाई।जातिगत हीनता व कुंठा से मुक्त रखने के लिए जातियाँ इस हायरार्की के आधार पर अनेक उपजातियों में बंटती गयीं।
Brahman sabhi varno ke guru the isliye samman diya. Jese muslomo me sayyado ko samman diya jata he.
Jese kisi teacher ne hme padaya to usko samman dege mere ek teacher cheers he jab vo mile he me unke character sparsh karta hu vo mna karte he ki me brahmno se charan sparsh nhi krvata lekin me unka student hu isliye me uneh Panama krta hu.
Kisi ko samman dene se insan chota nhi ho jata abhimani vyati ko ishvar bhi passed nhi krta.
Wow....... What research and depth of knowledge........ Wish everyone in our Indian society learns this and stops all forms of caste based discrimination.....
Very very very nice .
Namo buddhay
Jai Shri RAM
सब कुछ बौद्धकाल से नही आया| उनसे पहले भी कुछ था|
बहुत सुन्दर कास ये बाते बचपन में पता चल गया होता या हरएक युवा पीढ़ी को पता लग जाय आज कमाल हो सकता है देश में
भारत में जातियों की विविधता है तो भारत के बाहर नस्लों और वर्गों की व्यवस्था है।
बहुत ही अच्छी जानकारी प्राप्त हुई मैं आपको कोटि कोटि धन्यवाद देता हूँ
बुद्धम् चरणम् गच्छामी
Bhut शानदार विश्लेषण,,,, समाज में जागरूकता बहुत जरूरी है
सनातन धर्म में कुछ कुरितिया थी जैसे जाती परथा सती प्रथा विधवा कि दुबारा शादी नहीं करना समाज सुधारको ने नये नियम व नये धर्म बनाये
असली समस्या जाति नहीं,जाति व्यवस्था को लेकर है।यानी हायरार्की की है।जातियों को लेकर समस्या वहाँ आती है जब हम इनको संगठित कर जातिवादी व्यवस्था के खिलाफ कोई मोर्चा बनाना चाहते हैं।
Gajab
Jaiybhimjaiybhartmata
आप त्यागी पुरुष बनकर दिखाओ आरक्षण त्यागो खानपान सुधारो जाति का झगड़ा खुद ही समाप्त हो जायेगा ।जब तक आरक्षण रहेगा तब तक जातीय भेद समाप्त नहीं होगा ।
IS OONCH NEECH KO KHATAM KARNA BAHUT ZARORI HAI . SAARE INSAAN EK HI HAIYN
Dhanywad बौद्धाचार्य जी ।बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी देने के लिए।दलित दस्तक को बधाई।
एक निजी स्वार्थ के लिए जाती बनाई सबसे बड़ी जात ब्राह्मण और क्षत्रिय इनके निचे वाले को समझना बहुत जरूरी है इन लोगों को पैर छुए और झुक कर नमस्कार करें आखिर कब तक चलेगा आप लोग कब सुधरेंगे कुछ तो शर्म करो और सधार लाये चाचा जी और भाई साहब आप दोनों को दिल से धन्यवाद एवं आभार प्रकट करता हूं
Pair chune ke liye koi jabarjasti thode hi kr rha he mere shikshak harijan he me brahman me unke per chuta hu vo mna krte he lekin mere sanskar he guru ke per chuna usme me neecha nhi ho. Rha hu thakur log gariv brahmano kr chute he isme koi burai thode he valki namrta jahir hoti he
Ashok Das ji Jai Bhim Namo Budhay
Good evening sir aapke channel se bhut kuchh sikhne ko mil rha h aap lge rho bhut avhha asar padta h samaj sunega aur sikhega im Ashok kumar Bhoia sonipat HR. Se i belong to chamar community
Jai Hind Jai Savidhaan ki❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Jai Bhim
ईश्वर सब मे है जाति वाद मिटाना ही जरूरी है
Very very nice sir ji
बहुत बहुत धन्यवाद सर जाति पर आपने बहुत महत्वपूर्ण व्याख्या की है ।
भीमराव अंबेडकर को यूरोप और इंग्लैंड अमेरिका जैसे देशों में भेज करके पढ़ाने वाला भी एक ब्राह्मण ही था जिसने अपने घर में रखा पाला पोसा पढ़ाया लिखाया इतना काबिल इंसान बनाया एक ब्राह्मण का एहसानमंद भीमराव अंबेडकर
Badoda maharaja ne padhaya h . kyu jhut bol rhe ho shi jankari de.khtirye (rajput ) ne hamesa satye ka shath diya h . mahatma budh bhi rajput the.
Thank youvery much sir
Sir Superb
Aap log jitne post likhe hai wo sahi hai pr kisi v aage aane ki bat nhi ki hai humare pariwar k log 80 sal se isme lge hai pr abhi tak kisi ne v sath nhi diya mere pariwar sabhi jati k log hai ummid hai aage v mera sath koi nhi dega
जय st sc obc jay मूलनिवासी
Jo Hindu bodh sikh jain he vohi moolnivasi he. Iran se lekar varma tak akhand bharat ke log moolnivasi he 100000 saal paahle ke gade murde ukhadne me samay or buddi kharch krne se kya fayada samay badal rha he jb tak tum moolnivasi theory pe naam kroge tb tak moolnivasi hi khatM ho jayege grahyudh hone vala he.