॥ नक्षत्रसूक्तम् पुनर्वसु ॥ ॥ NAKSHATRA SOOKTAM PUNARVASU॥ Pt R K Vyas Palji 9414849604

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  • Опубліковано 2 лис 2024
  • वनस्थ योगी श्री ६ श्री गुरु श्री शिवदत्त स्मारक गड्डी, जोधपुर
    पं राजेन्द्र कुमार व्यास “पालजी”
    Pt. Rajendra Kumar Vyas “Palji”
    9414849604
    ॥ नक्षत्रसूक्तम् ॥
    पुनर्वसु
    पुन॑र्नो दे॒व्यदि॑तिस्पृणोतु।
    पुन॑र्वसूनः॒ पुन॒रेतां᳚ य॒ज्ञम्।
    पुन॑र्नो दे॒वा अ॒भिय॑न्तु॒ सर्वे᳚।
    पुनः॑ पुनर्वो ह॒विषा॑ यजामः।
    ए॒वा न दे॒व्यदि॑तिरन॒र्वा।
    विश्व॑स्य भ॒र्त्री जग॑तः प्रति॒ष्ठा।
    पुन॑र्वसू ह॒विषा॑ व॒र्धय॑न्ती।
    प्रि॒यम् दे॒वाना॒मप्ये॑तु॒ पाथः॑॥५॥
    वनस्थ योगी श्री ६ श्री गुरु श्री शिवदत्त स्मारक गड्डी, जोधपुर
    पं राजेन्द्र कुमार व्यास “पालजी”
    Pt. Rajendra Kumar Vyas “Palji”
    9414849604

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