मुझमें ही थी कमियां सारी.. @Man बांवरा ☺️
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- Опубліковано 20 вер 2024
- हेलो दोस्तों जय श्री कृष्णा
मैं रुचि
दोस्तों आज की कविता का विषय है मुझ में ही थी कमियां सारी.....
दोस्तों हमारी जिंदगी पल-पल करके बीत जाती है और हम यह समझ नहीं पाते हैं कि क्या जो हम कर रहे हैं वह सही है या गलत है फिर जिंदगी में ऐसा पड़ाव भी आता है जहां पर हमें ऐसा लगता है कि शायद कमियां सब हमें ही है तो बस इसी ख्याल ने इस कविता को रचित कर दिया यह किसी के ऊपर आरोप नहीं है बस मां की व्यथा है जो शब्दों का सहारा लेकर बाहर निकल आयी...
अगर आपको यह ख्याल पसंद आए तो मेरी कविता को लाइक और मेरे चैनल को सब्सक्राइब करें जल्दी मिलती हूं आपसे एक और नए ख्याल के साथ तब तक अपना ध्यान रखें जय श्री कृष्णा🙏
You are right ❤
Too good
हालो ओकेगुडमेडम आईलवीयु हरसुकपटेलगुजरात सेअ गुडमोरनीग ❤❤❤
हालो ओकेगुडमेडम आईलवीयु हरसुकपटेलगुजरात सेअ गुडमोरनीग मेरीउ55हेउ5-3ईघरजमाई चाहीईऐ है
nice