ढोल ग्वार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी।। अवधि भाषा प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं। मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं॥ ढोल गंवार सूद्र पसु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी॥ अवधि भाषा इस चौपाई का full from ढोल ताड़ना के अधिकारी। ग्वार ताड़ना के अधिकारी। शूद्र ताड़ना के अधिकारी। पशु ताड़ना के अधिकारी। नारी ताड़ना के अधिकारी। अर्थात प्रभु ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी (दंड दिया), किंतु मर्यादा (जीवों का स्वभाव) भी आपकी ही बनाई हुई है। ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और स्त्री ये सभी उद्धार/उत्थान के अधिकारी हैं। सूद्र अवधि भाषा में लिखा है जिसका हिन्दी शूद्र होगा। Remember यहां श्लेष अलंकार है। जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है किंतु उसको एक से अधिक अर्थ के संदर्भ में कहा जाता है, उसे श्लेष अलंकार कहते हैं। उदाहरण 1 सुबरन को खोजत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर। इसका Full From सुबरन को खोजत फिरत कवि, सुबरन को खोजत फिरत व्यभिचारी(बलात्कारी) सुबरन को खोजत फिरत चोर । अर्थ यहाँ सुबरन का प्रयोग एक बार किया गया है, किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं; कवि के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द, व्यभिचारी के सन्दर्भ में सुबरन अर्थ सुन्दर स्त्री/पुरुष, चोर के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ धन/सोना है। आप सभी को सुबरन का अर्थ सुंदर/अच्छा मिलेगा। किंतु इस वाक्य में अर्थ अलग अलग संदर्भ में किया गया है वैसे ही ताड़ना अवधि भाषा का हिंदी तारना होगा उसका अर्थ उद्धार/उत्थान अलग अलग संदर्भ में किया गया है। उदाहरण 2 पानी गये न ऊबरैँ, मोती मानुष चून।। इसका Full From पानी गये न उबारै मोती। पानी गये न उबारै मानुष। पानी गये न उबारै चून। अर्थ यहाँ पानी का प्रयोग एक बार किया गया है, किन्तु इस पंक्ति में प्रयुक्त पानी शब्द के तीन अर्थ हैं,मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ चमक या कान्ति, मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ इज्जत (सम्मान), चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ साधारण पानी(जल) है। ठीक उसी प्रकार ढ़ोल गवार सूद्र पशु नारी चौपाई का अर्थ होगा 1 ढोल के संदर्भ में उसे ठीक रस्सी कसना या बजाकर देखना की रस्सी ठीक से बंधी है क्या ? 2 ग्वार के संदर्भ में शिक्षा देना तभी उसका समाज में उद्धार/उत्थान होगा। 3 शूद्र के संदर्भ में उस समय समाज में शूद्र की हालत दयनीय स्थिति में थी दुखी, गरीब,अज्ञानी आदि इसलिए उनका उद्धार/उत्थान होना चाहिए। 4 पशु के संदर्भ में प्रशिक्षित/ट्रेनिंग करना जैसे बैल,घोड़ा आदि तभी बैल या घोड़ा ठीक मार्ग पर लेजा पायेगे। 5 स्त्री के संदर्भ में शिक्षा, सुरक्षा, सशक्तिकरण, आदि क्योंकि समय के साथ सभी उससे छीनते गए थे उसे सुरक्षित किया जा सके स्त्री की हालत गंभीर दयनीय स्थिति में थी। ताड़ना अवधि भाषा है जिसका हिंदी अर्थ तारना होगा उसका अर्थ उद्धार/उत्थान करना होता हैं। जय श्री राम । 🚩🚩🚩🚩🚩🚩
@The Universe धन्यवाद। आप भारत के लोगो का भ्रम दूर करे । इस कॉमेंट को शेयर करे सभी जगह फैलाए। आप चौपाई के व्याख्या के नीचे इसको भी जोड़ लेना। प्रभु(श्रीराम) ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी, किंतु मर्यादा (जीवों का स्वभाव) भी आपका ही बनाया हुआ है। ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और स्त्री सभी उद्धार/उत्थान के अधिकारी हैं। इसमें समुद्रदेव कह रहे है जैसे आपने(श्रीराम) मुझे सिख/शिक्षा दी है जिससे मेरा उद्धार/उत्थान हुआ उसी प्रकार ढोल गंवार शूद्र पशु स्त्री सभी उद्धार/उत्थान के अधिकारी हैं।
जे.एन.यू. ऐसा क्यों है आज पता चल गया।😑 धन्य हैं वे विद्यार्थी जो ऐसी जगहों से पढ़ने के बाद भी देश और अपने प्राचीन संस्कृति को बचाने के लिए कार्यरत हैं।🙏
@@ritikkhurana3350 abe oo bhimte, neo Buddhist, ram ji ki birth date ke sath vo jab janmai tab graho ki stiti kya thi ye tak mention hain, aur jab nasa se isse computerized karke dekha to sach mai uss time graho ki stiti vohi mojud thi, ram setu praman hai, ravan ka mahal aja bhi hain Sri Lanka mai, aur bohot se proof hain leken jo manana hi nahi chahata jo bas dusro ke bhavnao ko hurt karna chahata hain usse kyu na dikha sakata hain na samjha sakata hain
जिन्हे इंग्लिश नही आती, वो लोग शेक्सपीयर की रचनाओं की व्याख्या करना चाहते हैं ठीक उसी तरह जिन्हे हिन्दू धर्म से नफरत है वो लोग रामचरितमानस की व्याख्या करना चाहते हैं..... सुधांशु सर ने बिल्कुल सही कहा.
सुधांशु जी ने जो नीतिगत श्लोक सुनाया वो इस मूर्ख प्रोफेसर पे पूरी तरह ठीक बैठता है। इसके सामने इतना जानकारी दी पर उसका गुस्सा और अंधेरा नहीं जा रहा है।😇
@@iffuiffy8126 बात किसी शिक्षक या राजनीतिज्ञ की नहीं। बात है वाद विवाद में आए हुए जानकर लोगो का। बात मूर्खता की है। जो ये समझना की जो मैं सोच रहा हूं वही सही है बाकी दूसरे जो भी सोचे वो गलत है। जंहा तक मेरे शिक्षक की बात है कुछ अच्छे थे कुछ मेरे लिए अच्छे नहीं थे। पर एक भी ऐसा चू.... नहीं था। जो हर बात पे गुस्सा हो जाए। किसी भी विषय पे बोलने से पहले उसके बारे में जानकारी तो होनी चाहिए। वो तो ट्यूशन पढ़ाने लायक भी नहीं लगता। प्रोफेसर तो दूर की बात है।
@@iffuiffy8126 शिक्षकों मतलब जो हमें कई तरह के चीजों को सिखाएं, वो किसी के लिए कोई भी हो सकता है। वो सिर्फ विद्यालय या विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाला नहीं हो सकता है। वो शिक्षक ही कैसे हो सकता है जबतक उसमे खुद धैर्य, सरलता, शीतलता नहीं। अगर नहीं है तो वो सिखाने के बजाए ज्यादा डरा ही सकता है। ऐसे भी विद्या ग्रहण करने का एक कारण ये भी है हम विचारवान हो सके, हम हर स्थिति, परिस्थिति और समय के अनुकूल विचार कर सही निर्णय ले और अच्छे विचारों को आगे आनेवाले पीढ़ी में दे। पढ़ने से क्या फायदा अगर हम उसका उपयोग अच्छे के लिए न करे। ये मैं सोचता हूं।😇
@@iffuiffy8126 जबतक कोई शिक्षक के कर्तव्य को पूरा न करे वो शिक्षक नहीं वैसे ही जबतक गुरु होने के कर्तव्य को पूरा न करे वो गुरु नहीं। जन्हा तक सम्मान की बात है। इसपे मुझे कबीर का एक दोहा याद आ गया। यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान | शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान || पर पहले ये जानना जरूरी है गुरु किसे कहते है। ऐसे कुछ के लिए मौलाना भी शिक्षक ही है और वो अंधा होकर उनका सम्मान करते है। और कन्ही भी जाकर फट जाते है।
Abe agyani vha bethe professor ko ye bhi pta nhi ki ye Ramayan ke kis khand se hai or kis bhasha mai or shatrarth karne chale phle uske bare mai to pde.....jane...bus ek shabd shudra shudra....
ढोल गंवार शुद्र पशु नारी, सकल तारणा के अधिकारी (कृपया पोस्ट को पूरा पढ़ें ) १. ढोल (वाद्य यंत्र)- ढोल को हमारे सनातन संस्कृति में उत्साह का प्रतीक माना गया है इसके थाप से हमें नयी ऊर्जा मिलती है. इससे जीवन स्फूर्तिमय, उत्साहमय हो जाता है. आज भी विभिन्न अवसरों पर ढोलक बजाया जाता है. इसे शुभ माना जाता है. २. गंवार {गांव के रहने वाले लोग )- गाँव के लोग छल-प्रपंच से दूर अत्यंत ही सरल स्वभाव के होते हैं. गाँव के लोग अत्यधिक परिश्रमी होते है जो अपने परिश्रम से धरती माता की कोख अन्न इत्यादि पैदा कर संसार में सबका भूख मिटाते हैं. आदि-अनादि काल से ही अनेकों देवी-देवता और संत महर्षि गण गाँव में ही उत्पन्न होते रहे हैं. सरलता में ही ईश्वर का वास होता है. ३. शुद्र (जो अपने कर्म व सेवाभाव से इस लोक की दरिद्रता को दूर करे)- सेवा व कर्म से ही हमारे जीवन व दूसरों के जीवन का भी उद्धार होता है और जो इस सेवा व कर्म भाव से लोक का कल्याण करे वही ईश्वर का प्रिय पात्र होता है. कर्म ही पूजा है. ४. पशु (जो एक निश्चित पाश में रहकर हमारे लिए उपयोगी हो) - प्राचीन काल और आज भी हम अपने दैनिक जीवन में भी पशुओं से उपकृत होते रहे हैं. पहले तो वाहन और कृषि कार्य में भी पशुओं का उपयोग किया जाता था. आज भी हम दूध, दही. घी विभिन्न प्रकार के मिष्ठान्न इत्यादि के लिए हम पशुओं पर ही निर्भर हैं. पशुओ के बिना हमारे जीवन का कोई औचित्य ही नहीं. वर्षों पहले जिसके पास जितना पशु होता था उसे उतना ही समृद्ध माना जाता था. सनातन में पशुओं को प्रतीक मानकर पूजा जाता है. ५. नारी ( जगत -जननी, आदि-शक्ति, मातृ-शक्ति )- नारी के बिना इस चराचर जगत की कल्पना ही मिथ्या है नारी का हमारे जीवन में माँ, बहन बेटी इत्यादि के रूप में बहुत बड़ा योगदान है. नारी के ममत्व से ही हम हम अपने जीवन को भली-भाँती सुगमता से व्यतीत कर पाते हैं. विशेष परिस्थिति में नारी पुरुष जैसा कठिन कार्य भी करने से पीछे नहीं हटती है. जब जब हमारे ऊपर घोर विपत्तियाँ आती है तो नारी दुर्गा, काली, लक्ष्मीबाई बनकर हमारा कल्याण करती है. इसलिए सनातन संस्कृति में नारी को पुरुषों से अधिक महत्त्व प्राप्त है. सकल तारणा के अधिकारी से यह तात्पर्य है- १. सकल= सबका २. तारणा= उद्धार करना ३. अधिकारी = अधिकार रखना उपरोक्त सभी से हमारे जीवन का उद्धार होता है इसलिए इसे उद्धार करने का अधिकारी कहा गया है. अब यदि कोई व्यक्ति या समुदाय विधर्मियों या पाखंडियों के कहने पर अपने ही सनातन को माध्यम बनाकर. उसे गलत बताकर अपना स्वार्थ सिद्ध करता है तो ऐसे विकृत मानसिकता वालों को भगवान् सद्बुद्धि दे, तथा सनातन पर चलने की प्ररेणा दे. ज्ञात रहे सनातन सबके लिए कल्याणकारी था कल्याणकारी है और सदा कल्याणकारी ही रहेगा. सनातन सरल है इसे सरलता से समझे कुतर्क पर न चले. अपने पूर्वजों पर सदेह करना महापाप है. इसलिए जो भी रामचरितमानस सुन्दरकाण्ड के चौपाई का अर्थ गलत समझाए तो उसे इसका अर्थ जरूर समझाए और अपने धर्म की रक्षा करे.
He's not a professor. That tharkhi leftist is a terrorist.. we should have never allowed them to exist in India post independence.. should have thrown them out with the british
True 👍.Sudhanshu rightly answered and break propoganda of these Librandoos . Actually these Librandoos are students of most evil and stupid person Karl Marks . He was a evil followed by all evils of this 🌎 . So we should ban Karl Marks hypothesis through out the glove 🔥
अगर 1812में एजुकेशन 90%होता तो भारत में जातिवाद पाखंडवाद का खात्मा हो गया होता दुबे जी का रामचरित्रमानस में कई चौपाई भारतीय समाज को जातिवाद पाखंडवाद मनुवाद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
जाति से कोई गंवार नही होता अपनी चाल से होता है जैसे की ये प्रोफ़ेसर साहब और रही जाति की बात तो सब चाहते हैं की सब बराबर हों लेकिन खुद जाके गाओगे की दलित हूं मैं और सवर्ण बुरे हैं तो फिर कोई कानून किसी की सोच नही बदल पाएगा ।
विडम्बना यह है कि हमारे देश में जिन लोगों को धर्म एवं सनातन संस्कृति की गहनता व व्यापकता के बारे में न्यूनतम जानकारी रही है,वे ही उनको लेकर सबसे ज्यादा हो-हल्ला मचाने वालों में शामिल रहे हैं ...
@@aiimsmedhubclasses9758 और तू सच बोल रहा है 😂😂😂 त्रिपिटक ,,बौद्ध ग्रंथ पर क्यों चर्चा नही हो रही । उसमे तो बहुत खराब बात लिखी है महिलाओं ,और दलितों के लिए । Sanatan samiksha,, ने पूरी पोल खोली है ,बौद्धों की जाकर सनातन समीक्षा की ,वीडियो देखो ।
हिंदू धर्म में जाति व्यवस्था। आज भी पूरी तरह से हाबी है हिंदू को बाटने का काम हिंदू धर्म ने जाति बनाकर कर दिया और शुद्र और नारी का आज भी शोषण किया जाता हैं
रानी लक्ष्मी बाई जब छोटी थी तब उनके माँ बाप राजा नही थे।तब भी शिक्षा ली थी।भारतीय वामपंथी भी चिढ रहे है,वोट कैसे मिलेगा।मोदी कैसे हारेगे,काजू की बर्फी कैसे मिलेगी।
Vhi toh mujhe bhi smjh nhi aata kon kehta hai mahilao ko adhikar nhi the... Bhai aap saari raanio k baare me pdhna unki daasio k baare me pdhna sbhi rajniti me aur geography me nipun thi..sath he vo shastriya Vidya me bhi nipun thi.. unhone hathiyar utha k rajya ki raksha tak ki hai.. Kon kehta hai mahilaye vanchit thi... Rani lakshmi bai Rani chenamma Bai Rani avantibai lodhi Rani nayaki devi Rani karnavati from garwal ... Aur bhut bhut lmbi line they all were well versed in shastra aur inhone mughlo k chhakke chudaye the... Jai shree ram🚩🙏 Jai maa bhawani
Sath he inhe koi btaye Vedic kaal me metraiyi ka naam suna hai vo woman scholar thi uss time pe jisne Kai debates me rishio ka prahast kiya tha apni knowledge the..
सुधांशु त्रिवेदी पर गर्व करता हूं कि इन सभी हिन्दू धर्म के गद्दारो को मुंह तोड जवाब दिया। बनारस में मां शीतला माता जी के मंदिर का पुजारी मल्लाह है। हम सब गर्व से इस पुजारी जी का सम्मान करते हैं । यहीं हिन्दू सनातन धर्म संस्कृति की पहचान है ।
@gopalsingh:: सुधांशु त्रिवेदी बेहया है, पूरे कांफिडेंस के साथ झूठ बोलता हैं। मूर्खराज, शीतला माता कौन है ? काशी विश्वनाथ मंदिर, श्रीराम मंदिर, तिरुपति बालाजी मंदिर, कोणार्क मंदिर, में ब्राह्मण के अलावा अन्य किसी भी जाति का विद्वान व्यक्ति नहीं है। प्रमुख मंदिरों के गेट पर लिखा रहता है शूद्रों का प्रवेश वर्जित। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद अपनी पत्नी के साथ कोणार्क सूर्य मंदिर गए, उनकी पत्नी जो ब्रह्मण है, के साथ सेवकों ने बदसलूकी किया, धक्का-मुक्की किया, गर्भ-गृह में नहीं जाने दिया। भाजपा के किसी भी नेता ने इस घटना पर एक शब्द नहीं बोला। वहां के शंकराचार्य ने कहा कि उनको मंदिर में आना ही नहीं चाहिए, गेट पर ही लिखा है शूद्रों का प्रवेश वर्जित। सेवकों ने कोई ग़लती नहीं किया।
कमाल तो ये है कि दलित विचारक लोग अधम शब्द गवार नीच को खुद से ही जोड़ लेते हैं . इन्होने शब्दों की व्याख्या अपने हिसाब से कर डालते हैं . कनक , कनक ते सौ गुनी, मदकता अधिकाय , वा खाये बौराय , या खाये...
@@ajnabeeraj8594वैसे महोदय जिस राम ने शबरी के जूठे बेर खाये , केवट को मित्र कहा . लंका विजय भी वनवासी गिरीवासियों को साथ लेकर लड़ी . लेकिन सब भूलकर आप कहाँ से व्याख्या कर डालते हो .???
Thank you jii 🙏 prr aap Muslim hokr indian culture ko. Support krr rhi ho i mean acchi baat hai Prr yeah islam ke khilaaf hai khi Aapko islam se nikaal n de
@@suryasingh9121 don't worry Dear🤗🙏 I don't reveal my personal Identity , I'm already Left Islam Religion ( my self kick out Islam Saudi Arabia jihadi Terrorist Islam )
Amazing reply by Sudhanshu Ji. These other so called professor are the reason we have so many people with wrong knowledge and need refresher training from Sudhanshu ji
अब समय आ गया है कि इतने सालों से जिन बातों पर विवाद खड़ा करके भ्रम फैलाया गया उन सब बातों को सही अर्थों के साथ पेश किया जाए ताकि सभी है जान सके कि भारतीय धर्म में धर्म ग्रंथों में बातों के पीछे का सही अर्थ क्या है?
Me khud ek adhyapak hu. Dalit hu. Lekin ap jaise teacher agar bacho ko mil jaye to ho gaya samaj ka kalyan. Aap ek adhyapak ho ke khud ki soch badal nahi sake
Sudhanshu Ji Gyan ke bhandar hai jai ho This man I can see clearly as a prime minister lovr you Sudhanshu Ji aap ke Gyan ke samne sab baklak hai.) 👏👏👏❤️
आदरणीय श्री सुधांशु जी को शत् शत् नमन! हमें हमारे विद्वानों पर गर्व है।
ua-cam.com/video/z06UoSu1x_M/v-deo.html
ढोल ग्वार शूद्र पशु नारी,
सकल ताड़ना के अधिकारी।। अवधि भाषा
प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं।
मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं॥
ढोल गंवार सूद्र पसु नारी।
सकल ताड़ना के अधिकारी॥ अवधि भाषा
इस चौपाई का full from
ढोल ताड़ना के अधिकारी।
ग्वार ताड़ना के अधिकारी।
शूद्र ताड़ना के अधिकारी।
पशु ताड़ना के अधिकारी।
नारी ताड़ना के अधिकारी।
अर्थात
प्रभु ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी (दंड दिया), किंतु मर्यादा (जीवों का स्वभाव) भी आपकी ही बनाई हुई है। ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और स्त्री ये सभी उद्धार/उत्थान के अधिकारी हैं।
सूद्र अवधि भाषा में लिखा है जिसका हिन्दी शूद्र होगा।
Remember यहां श्लेष अलंकार है।
जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है किंतु उसको एक से अधिक अर्थ के संदर्भ में कहा जाता है, उसे श्लेष अलंकार कहते हैं।
उदाहरण 1
सुबरन को खोजत फिरत,
कवि, व्यभिचारी, चोर।
इसका Full From
सुबरन को खोजत फिरत कवि,
सुबरन को खोजत फिरत व्यभिचारी(बलात्कारी)
सुबरन को खोजत फिरत चोर ।
अर्थ
यहाँ सुबरन का प्रयोग एक बार किया गया है, किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं; कवि के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द, व्यभिचारी के सन्दर्भ में सुबरन अर्थ सुन्दर स्त्री/पुरुष, चोर के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ धन/सोना है।
आप सभी को सुबरन का अर्थ सुंदर/अच्छा मिलेगा। किंतु इस वाक्य में अर्थ अलग अलग संदर्भ में किया गया है वैसे ही ताड़ना अवधि भाषा का हिंदी तारना होगा उसका अर्थ उद्धार/उत्थान अलग अलग संदर्भ में किया गया है।
उदाहरण 2
पानी गये न ऊबरैँ,
मोती मानुष चून।।
इसका Full From
पानी गये न उबारै मोती।
पानी गये न उबारै मानुष।
पानी गये न उबारै चून।
अर्थ
यहाँ पानी का प्रयोग एक बार किया गया है, किन्तु इस पंक्ति में प्रयुक्त पानी शब्द के तीन अर्थ हैं,मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ चमक या कान्ति, मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ इज्जत (सम्मान), चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ साधारण पानी(जल) है।
ठीक उसी प्रकार ढ़ोल गवार सूद्र पशु नारी चौपाई का अर्थ होगा
1 ढोल के संदर्भ में उसे ठीक रस्सी कसना या बजाकर देखना की रस्सी ठीक से बंधी है क्या ?
2 ग्वार के संदर्भ में शिक्षा देना तभी उसका समाज में उद्धार/उत्थान होगा।
3 शूद्र के संदर्भ में उस समय समाज में शूद्र की हालत दयनीय स्थिति में थी दुखी, गरीब,अज्ञानी आदि इसलिए उनका उद्धार/उत्थान होना चाहिए।
4 पशु के संदर्भ में प्रशिक्षित/ट्रेनिंग करना जैसे बैल,घोड़ा आदि तभी बैल या घोड़ा ठीक मार्ग पर लेजा पायेगे।
5 स्त्री के संदर्भ में शिक्षा, सुरक्षा, सशक्तिकरण, आदि क्योंकि समय के साथ सभी उससे छीनते गए थे उसे सुरक्षित किया जा सके स्त्री की हालत गंभीर दयनीय स्थिति में थी।
ताड़ना अवधि भाषा है जिसका हिंदी अर्थ तारना होगा उसका अर्थ उद्धार/उत्थान करना होता हैं।
जय श्री राम । 🚩🚩🚩🚩🚩🚩
ताडना और तारना में बहुत फरक हैं
हमारे गाव मे स्कूल नहीं थी और हमने कभी पडा भी नहीं की,१८१३
@The Universe धन्यवाद।
आप भारत के लोगो का भ्रम दूर करे ।
इस कॉमेंट को शेयर करे सभी जगह फैलाए।
आप चौपाई के व्याख्या के नीचे इसको भी जोड़ लेना।
प्रभु(श्रीराम) ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी, किंतु मर्यादा (जीवों का स्वभाव) भी आपका ही बनाया हुआ है।
ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और स्त्री सभी उद्धार/उत्थान के अधिकारी हैं।
इसमें समुद्रदेव कह रहे है जैसे आपने(श्रीराम) मुझे सिख/शिक्षा दी है जिससे मेरा उद्धार/उत्थान हुआ उसी प्रकार ढोल गंवार शूद्र पशु स्त्री सभी उद्धार/उत्थान के अधिकारी हैं।
मान गए गुरु सुधांशु त्रिवेदी जी। आपने जो धर्म को परिभाषित किया है जो हमारा ज्ञान बढ़ाता है।
बहुत सुंदर चर्चा ऐसे ही चर्चा दूसरे धर्मों के ग्रंथों पर भी खुल कर चर्चा करने की हिम्मत दिखाइए
लोगों का ज्ञान वर्धन होगा।
भारतीय राजनीति के सबसे विद्वान प्रवक्ता सुधांशु जी। हर विषयवस्तु पर जबरदस्त पकड़, जबरदस्त ज्ञान।
#नमन आपकी विद्वता को 🌺 अकेले ही सबको परास्त कर दिया 👍
सुधांशु त्रिवेदी ने सत्य बात बताई
जय श्रीराम
धर्म शब्द को क्या बेहतरीन ढंग से सुंधांसु जी ने प्रस्तुत किया है।।
जे.एन.यू. ऐसा क्यों है आज पता चल गया।😑
धन्य हैं वे विद्यार्थी जो ऐसी जगहों से पढ़ने के बाद भी देश और अपने प्राचीन संस्कृति को बचाने के लिए कार्यरत हैं।🙏
Sudhanshu Ji is great and intelligent person 👏👏👏
Lulll person
सुधांशु जी का ज्ञान अद्वितीय की ओर अग्रसर है🙏
Sudhanshu ji is the encyclopedia of
Sanatan Dharm. 🚩🌷🕉️🌷🚩🙏
ua-cam.com/video/y9_Yf2_AMh0/v-deo.html
whatsapap university
@Adarsh Sharma tuhare kalpanik ram ka ek proof to mila nhi abhi tak
adarsh sharma tadan ke adhikari
@@ritikkhurana3350 abe oo bhimte, neo Buddhist, ram ji ki birth date ke sath vo jab janmai tab graho ki stiti kya thi ye tak mention hain, aur jab nasa se isse computerized karke dekha to sach mai uss time graho ki stiti vohi mojud thi, ram setu praman hai, ravan ka mahal aja bhi hain Sri Lanka mai, aur bohot se proof hain leken jo manana hi nahi chahata jo bas dusro ke bhavnao ko hurt karna chahata hain usse kyu na dikha sakata hain na samjha sakata hain
जात पात पूछे नही कोई , हरि को भजे सो हरि का होई।
Is charcha ki sabse acchi line thi ye aur sath hi puri charcha ka nishkarsh bhi
But hota iska ulta hai yaha to Sab jaat hi poochte hain kaon jaat ke ho
जो पूछते है वो गलत है @@mathbpsingh120
जिन्हे इंग्लिश नही आती, वो लोग शेक्सपीयर की रचनाओं की व्याख्या करना चाहते हैं ठीक उसी तरह जिन्हे हिन्दू धर्म से नफरत है वो लोग रामचरितमानस की व्याख्या करना चाहते हैं..... सुधांशु सर ने बिल्कुल सही कहा.
Brajesh bhai apna thought comment me dalo like jata milega
भाई ऐसे लोग की अम्मी कभी अंग्रेजो के साथ सोइ होगी तभी तो हिन्दी और हिन्दू से फटती है।
Chal hut be gavaar andhbhakt,padhai kar le
Sudhanshu ji is great
@@divya_pratap_singhलेकिन सुधांशु ने गांधी को महात्मा कहा।😮😮😮
बहूत बढ़िया से समझाया हैं सुधांशु जी ने जय श्रीराम
सुधांशु जी की बात सत्य है कुछ ऐसे भी प्रोफेसर भी बैठे हैं जिन्होंने कभी भी रामचरित ग्रंथ पढ़ा ही नहीं है
हमारे राजस्थान में अनेक भैरव, माता जी, शिव जी के मंदिर है जिनकी पूजा आदिवासी समाज, OBC समाज के लोग करते हैं ।
समय बदल रहा है S C . S T . O B C वाले के बच्चे पड़ लिखकर प्रतिवाद करने लगा तो अधिकार मिलने लगा । इनके बाप दादा लोग मन्दिर के पास भी भटक नहीं पाते थे ।
अगर छोटी जाति को ज्ञान प्राप्त करने का अधिकार नहीं था तो क्या बाल्मीकि जी ने रामायण विना ज्ञान के लिखे थे।
@@kimmjongun9664 Rishi or sadhu dono different hai
Absolutely
Very beautiful question sir. Salute.
वो शूद्र नही थे यदि वे शूद्र थे तो कितने शूद्रो के पाठशाला खोले थे वाल्मीकि ने
@@comedyvines5519 शुद्र जैसा कुछ नही है ।यह हिंदुओ को बरबाद करने के लिए बनाया गया है ।
जात पात पूछे नही कोई, हरि को भजे सो हरि का होई।🕉️🚩🕉️
Yes
The entire discussion is over with this single sentence. Dont understand what these idiots are discussing for so long and for what!!
Yes bro Aaj education kya le liya inhone apni sanskriti ko bhool gaye
Ye tu Lund Puj shudra ka fir 🤣
जमीनी स्तर पर ऐसा कुछ भी नहीं है
सुधांशु जी बहुत बढ़िया बात कहे
90% साक्षरता तो आज भी नहीं है जी
सुधांशु जी ने जो नीतिगत श्लोक सुनाया वो इस मूर्ख प्रोफेसर पे पूरी तरह ठीक बैठता है।
इसके सामने इतना जानकारी दी पर उसका गुस्सा और अंधेरा नहीं जा रहा है।😇
@@iffuiffy8126 बात किसी शिक्षक या राजनीतिज्ञ की नहीं। बात है वाद विवाद में आए हुए जानकर लोगो का।
बात मूर्खता की है। जो ये समझना की जो मैं सोच रहा हूं वही सही है बाकी दूसरे जो भी सोचे वो गलत है।
जंहा तक मेरे शिक्षक की बात है कुछ अच्छे थे कुछ मेरे लिए अच्छे नहीं थे। पर एक भी ऐसा चू.... नहीं था। जो हर बात पे गुस्सा हो जाए।
किसी भी विषय पे बोलने से पहले उसके बारे में जानकारी तो होनी चाहिए। वो तो ट्यूशन पढ़ाने लायक भी नहीं लगता। प्रोफेसर तो दूर की बात है।
@@iffuiffy8126 are wo teacher nahi ek gadha hai
@@iffuiffy8126 शिक्षकों मतलब जो हमें कई तरह के चीजों को सिखाएं, वो किसी के लिए कोई भी हो सकता है। वो सिर्फ विद्यालय या विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाला नहीं हो सकता है।
वो शिक्षक ही कैसे हो सकता है जबतक उसमे खुद धैर्य, सरलता, शीतलता नहीं। अगर नहीं है तो वो सिखाने के बजाए ज्यादा डरा ही सकता है।
ऐसे भी विद्या ग्रहण करने का एक कारण ये भी है हम विचारवान हो सके, हम हर स्थिति, परिस्थिति और समय के अनुकूल विचार कर सही निर्णय ले और अच्छे विचारों को आगे आनेवाले पीढ़ी में दे।
पढ़ने से क्या फायदा अगर हम उसका उपयोग अच्छे के लिए न करे।
ये मैं सोचता हूं।😇
@@iffuiffy8126 जबतक कोई शिक्षक के कर्तव्य को पूरा न करे वो शिक्षक नहीं वैसे ही जबतक गुरु होने के कर्तव्य को पूरा न करे वो गुरु नहीं। जन्हा तक सम्मान की बात है।
इसपे मुझे कबीर का एक दोहा याद आ गया।
यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान |
शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान ||
पर पहले ये जानना जरूरी है गुरु किसे कहते है।
ऐसे कुछ के लिए मौलाना भी शिक्षक ही है और वो अंधा होकर उनका सम्मान करते है। और कन्ही भी जाकर फट जाते है।
Bhai sahab
अधम जाती मैं है या अधम जाती में
Ye bhi to chek kar lo
वन मैन आर्मी सुधांशु त्रिवेदी जी को सादर प्रणाम 🙏🚩 जय श्री राम
सुधांशू महान व बुद्धिमान व्यक्ति है जो सही अर्थ निकालता है
Budhiman nhi bulke ghumana kahte hai isse , defend karna nhi aata bas badi badi baat bolte hai
Jo usse puchha gya uska to jabab diya nhi.Baki bahot jabab de diya. 🤣🤣
Abe agyani vha bethe professor ko ye bhi pta nhi ki ye Ramayan ke kis khand se hai or kis bhasha mai or shatrarth karne chale phle uske bare mai to pde.....jane...bus ek shabd shudra shudra....
@@Princeyadav-ux6cv tum ho gadha to tumko thodi samajh ayega...?
@@balajimahraj369 teri bhi jali na 😂🤣
ढोल गंवार शुद्र पशु नारी, सकल तारणा के अधिकारी (कृपया पोस्ट को पूरा पढ़ें )
१. ढोल (वाद्य यंत्र)- ढोल को हमारे सनातन संस्कृति में उत्साह का प्रतीक माना गया है इसके थाप से हमें नयी ऊर्जा मिलती है. इससे जीवन स्फूर्तिमय, उत्साहमय हो जाता है. आज भी विभिन्न अवसरों पर ढोलक बजाया जाता है. इसे शुभ माना जाता है.
२. गंवार {गांव के रहने वाले लोग )- गाँव के लोग छल-प्रपंच से दूर अत्यंत ही सरल स्वभाव के होते हैं. गाँव के लोग अत्यधिक परिश्रमी होते है जो अपने परिश्रम से धरती माता की कोख अन्न इत्यादि पैदा कर संसार में सबका भूख मिटाते हैं. आदि-अनादि काल से ही अनेकों देवी-देवता और संत महर्षि गण गाँव में ही उत्पन्न होते रहे हैं. सरलता में ही ईश्वर का वास होता है.
३. शुद्र (जो अपने कर्म व सेवाभाव से इस लोक की दरिद्रता को दूर करे)- सेवा व कर्म से ही हमारे जीवन व दूसरों के जीवन का भी उद्धार होता है और जो इस सेवा व कर्म भाव से लोक का कल्याण करे वही ईश्वर का प्रिय पात्र होता है. कर्म ही पूजा है.
४. पशु (जो एक निश्चित पाश में रहकर हमारे लिए उपयोगी हो) - प्राचीन काल और आज भी हम अपने दैनिक जीवन में भी पशुओं से उपकृत होते रहे हैं. पहले तो वाहन और कृषि कार्य में भी पशुओं का उपयोग किया जाता था. आज भी हम दूध, दही. घी विभिन्न प्रकार के मिष्ठान्न इत्यादि के लिए हम पशुओं पर ही निर्भर हैं. पशुओ के बिना हमारे जीवन का कोई औचित्य ही नहीं. वर्षों पहले जिसके पास जितना पशु होता था उसे उतना ही समृद्ध माना जाता था. सनातन में पशुओं को प्रतीक मानकर पूजा जाता है.
५. नारी ( जगत -जननी, आदि-शक्ति, मातृ-शक्ति )- नारी के बिना इस चराचर जगत की कल्पना ही मिथ्या है नारी का हमारे जीवन में माँ, बहन बेटी इत्यादि के रूप में बहुत बड़ा योगदान है. नारी के ममत्व से ही हम हम अपने जीवन को भली-भाँती सुगमता से व्यतीत कर पाते हैं. विशेष परिस्थिति में नारी पुरुष जैसा कठिन कार्य भी करने से पीछे नहीं हटती है. जब जब हमारे ऊपर घोर विपत्तियाँ आती है तो नारी दुर्गा, काली, लक्ष्मीबाई बनकर हमारा कल्याण करती है. इसलिए सनातन संस्कृति में नारी को पुरुषों से अधिक महत्त्व प्राप्त है.
सकल तारणा के अधिकारी से यह तात्पर्य है-
१. सकल= सबका
२. तारणा= उद्धार करना
३. अधिकारी = अधिकार रखना
उपरोक्त सभी से हमारे जीवन का उद्धार होता है इसलिए इसे उद्धार करने का अधिकारी कहा गया है.
अब यदि कोई व्यक्ति या समुदाय विधर्मियों या पाखंडियों के कहने पर अपने ही सनातन को माध्यम बनाकर. उसे गलत बताकर अपना स्वार्थ सिद्ध करता है तो ऐसे विकृत मानसिकता वालों को भगवान् सद्बुद्धि दे, तथा सनातन पर चलने की प्ररेणा दे. ज्ञात रहे सनातन सबके लिए कल्याणकारी था कल्याणकारी है और सदा कल्याणकारी ही रहेगा. सनातन सरल है इसे सरलता से समझे कुतर्क पर न चले. अपने पूर्वजों पर सदेह करना महापाप है.
इसलिए जो भी रामचरितमानस सुन्दरकाण्ड के चौपाई का अर्थ गलत समझाए तो उसे इसका अर्थ जरूर समझाए और अपने धर्म की रक्षा करे.
exactly
Bilkul sahi🙏
Gazab
🚩🚩🚩🙏🙏
Great
🙏🙏 जय हो सुधांशु त्रिवेदी जी की 🙏🙏
बहुत ही बढ़िया और सराहनीय व्याख्या धर्म की । अंत संदर्भ गुरु जी ने पूरा कर दिया। जय श्री राम जय जय हरि
सुधांशु जी ने बिल्कुल सही अर्थ बताया है
Ye fack encounter hai...
Indu ji indu bhul kya kahe apko satta k nashe me bhul gyi kya baap ko 🤣
This debate proves that Sudhansu Tribedi is the best. The so called professor appears to be a student before Sudhansu ji.
He's not a professor. That tharkhi leftist is a terrorist.. we should have never allowed them to exist in India post independence.. should have thrown them out with the british
True 👍.Sudhanshu rightly answered and break propoganda of these Librandoos . Actually these Librandoos are students of most evil and stupid person Karl Marks . He was a evil followed by all evils of this 🌎 . So we should ban Karl Marks hypothesis through out the glove 🔥
सात पंडित बैठकर हमारी बाते कर रहे हैं।
जय हिन्द
पासवान जी सही कह रहे है
Sudhanshu Ji ka presence of mind 🙏 great
Sudhunasu trivedi is a genius man
Sudhanshu trivedi ji is a genius and intelligent person
Jha@nt
चौहान साहब ऊँची जातियो की कम आबादी है फिर भी देश पर शासन है दिमाग है छल है तभी तो शासन कर रहे है धार्मिक ग्रंथो का समयानुसार व्याख्यान कर देते है
In 1812 literacy rate was 90 % so mughal did wonderful in education ,can we interpret this also ,in 1812 mughl and Muslim were ruler
Sudhanshu Trivedi is only a political agent of bjp nothing else than
Pm narendra modi obc category se aate hai , bhai kuch bolne se pehle theek se padh Lia karo 😁
सुधांशु जी को साधुवाद आपको बहुत ज्ञान है
Jay shiree Ram 🙏🙏🙏🚩🚩🚩
Jai shree ram.. Sudhanshu trivedi you are genius
सुधांशु त्रिवेदी जी बहुत बड़े ज्ञानी प्रवक्ता हैं।
Complete knowledge man Dr Sudhanshu ji great person
अगर 1812में एजुकेशन 90%होता तो भारत में जातिवाद पाखंडवाद का खात्मा हो गया होता दुबे जी का रामचरित्रमानस में कई चौपाई भारतीय समाज को जातिवाद पाखंडवाद मनुवाद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
सुधांशु जी सपने में बोल रहे हैं। हमारे गांव में आजादी के बाद भी पांच लोग पढ़े लिखे नही थे। जबकि गांव की जनसंख्या हजारों थीं।
सुधांशु त्रिवेदी जी की व्याख्या शास्त्र सम्मत है, और सत्य है।।सत्यम् शिवम् सुंदरम्
😂😂
Dr Sudhanshu Trivedi - a knowledge bank , perfect communicator of facts & logical; and instant encyclopedia.
🤣🤣🤣🤣
@@sahilchandrikapure3311 👍
Sudhanshu Ji is on completely different state of knowledge
प्रोफेसर गलत व्याख्या कर रहे हैं।। वे अपनी छोटी सोच से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।
Hindu unity jindabad 💓❤️😍💓
हर हर महादेव सुधांशु जी।
जो सुख, समृद्धि और साधन हम अपने लिए चाहते हैं, वही दूसरों के लिए चाहना ही धर्म है।
Sudhanshu Trivedi is gift of God....
No one can compare with his knowledge....
Truly genius
No one can beat Sudhanshu ji 😊
हे राम,इस लोगो को बुद्धि ठीक हो ने के लिए कृपा करे नाथ।।
जाति से कोई गंवार नही होता अपनी चाल से होता है जैसे की ये प्रोफ़ेसर साहब और रही जाति की बात तो सब चाहते हैं की सब बराबर हों लेकिन खुद जाके गाओगे की दलित हूं मैं और सवर्ण बुरे हैं तो फिर कोई कानून किसी की सोच नही बदल पाएगा ।
Me Sabhi dalit bhaio se vinti karta hoo ki vo sabse pahle khood ko dalit na bole vo khood ko sanatni hindu kahe Jay hind
ये प्रोफेसर भी बाषनेय ब्राह्मण ही है।जो उद्दंड आचरण कर रहे हैं
Very nice sudhansu g k alawa wha itna shi jwab koi nhi de sakta
प्रोफेसर से मै सहमत हूं
प्रोफेसर ने तो झंडुओ की धोती खोल दी 😊😊😊😊😊
विडम्बना यह है कि हमारे देश में जिन लोगों को धर्म एवं सनातन संस्कृति की गहनता व व्यापकता के बारे में न्यूनतम जानकारी रही है,वे ही उनको लेकर सबसे ज्यादा हो-हल्ला मचाने वालों में शामिल रहे हैं ...
सुधांशु जी ग्रेट है सुधांशु जी को बहुत नॉलेज है जो जान सुधांशु जी दे रहे हैं वह ज्ञान प्रवचन देने वाले लोगों को भी देना चाहिए
सुधांशु जी आप सच में एक विद्वान है 🙏🙏🙏
Abe ye jhooth bol Raha hai...
@@aiimsmedhubclasses9758 जात पात पूछे नही कोई, हरि को भजे सो हरि का होई।🕉️🚩🕉️
@@aiimsmedhubclasses9758 और तू सच बोल रहा है 😂😂😂
त्रिपिटक ,,बौद्ध ग्रंथ पर क्यों चर्चा नही हो रही ।
उसमे तो बहुत खराब बात लिखी है महिलाओं ,और दलितों के लिए ।
Sanatan samiksha,, ने पूरी पोल खोली है ,बौद्धों की जाकर सनातन समीक्षा की ,वीडियो देखो ।
हिंदू धर्म में जाति व्यवस्था। आज भी पूरी तरह से हाबी है हिंदू को बाटने का काम हिंदू धर्म ने जाति बनाकर कर दिया और शुद्र और नारी का आज भी शोषण किया जाता हैं
Sudhanshu Ji Tum Dharm ke liye ladte ho Dharm tumhara andar sare Gyan bhar Diya❤❤❤
वामपंथियों तो कहीं नहीं बचे बर्बादी है ये चीन तक मे नही है राजा राज्य है 🤣🤣🤣🤣🤣🤣
रानी लक्ष्मी बाई जब छोटी थी तब उनके माँ बाप राजा नही थे।तब भी शिक्षा ली थी।भारतीय वामपंथी भी चिढ रहे है,वोट कैसे मिलेगा।मोदी कैसे हारेगे,काजू की बर्फी कैसे मिलेगी।
Vhi toh mujhe bhi smjh nhi aata kon kehta hai mahilao ko adhikar nhi the...
Bhai aap saari raanio k baare me pdhna unki daasio k baare me pdhna sbhi rajniti me aur geography me nipun thi..sath he vo shastriya Vidya me bhi nipun thi.. unhone hathiyar utha k rajya ki raksha tak ki hai..
Kon kehta hai mahilaye vanchit thi...
Rani lakshmi bai
Rani chenamma Bai
Rani avantibai lodhi
Rani nayaki devi
Rani karnavati from garwal ...
Aur bhut bhut lmbi line they all were well versed in shastra aur inhone mughlo k chhakke chudaye the...
Jai shree ram🚩🙏
Jai maa bhawani
Sath he inhe koi btaye Vedic kaal me metraiyi ka naam suna hai vo woman scholar thi uss time pe jisne Kai debates me rishio ka prahast kiya tha apni knowledge the..
To tum hinduo ko chahiye ki ham dalito ko alag kar do...
Nahi chahiye tum hinduo ka dharm
@@SANJEEVKUMAR-bu3yk bhai aap alag ku hoge aap humara he hissa ho yrr..hdd hai... Hume maanlo shudra... Hum th nhi keh rhe ki swaran maano...
@@patriotism_369 mazaak achchha kar lete ho tum hindu....
Kya baat h sudhanshu ji maan gye apka knowledge
सुधांशु त्रिवेदी पर गर्व करता हूं कि इन सभी हिन्दू धर्म के गद्दारो को मुंह तोड जवाब दिया। बनारस में मां शीतला माता जी के मंदिर का पुजारी मल्लाह है। हम सब गर्व से इस पुजारी जी का सम्मान करते हैं । यहीं हिन्दू सनातन धर्म संस्कृति की पहचान है ।
@gopalsingh:: सुधांशु त्रिवेदी बेहया है, पूरे कांफिडेंस के साथ झूठ बोलता हैं। मूर्खराज, शीतला माता कौन है ? काशी विश्वनाथ मंदिर, श्रीराम मंदिर, तिरुपति बालाजी मंदिर, कोणार्क मंदिर, में ब्राह्मण के अलावा अन्य किसी भी जाति का विद्वान व्यक्ति नहीं है। प्रमुख मंदिरों के गेट पर लिखा रहता है शूद्रों का प्रवेश वर्जित। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद अपनी पत्नी के साथ
कोणार्क सूर्य मंदिर गए, उनकी पत्नी जो ब्रह्मण है, के साथ सेवकों ने बदसलूकी किया, धक्का-मुक्की किया, गर्भ-गृह में नहीं जाने दिया। भाजपा के किसी भी नेता ने इस घटना पर एक शब्द
नहीं बोला। वहां के शंकराचार्य ने कहा कि उनको मंदिर में आना ही नहीं चाहिए, गेट पर ही लिखा है शूद्रों का प्रवेश वर्जित। सेवकों ने कोई ग़लती नहीं किया।
अरे इस चर्चा कि देश को पहिले भी जरूरत नहीं, बेरोजगारी, महागाई, नौकरी इसपर चर्चा होनी चाहिए.
भाई साहब ये सुधांशू जी है भाई सबको एकेले ज़बाब देने हिम्मत है और सिर्फ हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म के नाम पर बांटते हैं जय हिन्द जय भारत
कमाल तो ये है कि दलित विचारक लोग अधम शब्द गवार नीच को खुद से ही जोड़ लेते हैं . इन्होने शब्दों की व्याख्या अपने हिसाब से कर डालते हैं .
कनक , कनक ते सौ गुनी, मदकता अधिकाय , वा खाये बौराय , या खाये...
कौन है आप देवी इतने नेक विचार कहा से लाती है आपकी पराकाष्ठा को देख कर लगता है कि आप ही इस भारत देश को सुपर पावर (study , job, health etc.) बनाएंगी
@@ajnabeeraj8594वैसे महोदय जिस राम ने शबरी के जूठे बेर खाये , केवट को मित्र कहा . लंका विजय भी वनवासी गिरीवासियों को साथ लेकर लड़ी . लेकिन सब भूलकर आप कहाँ से व्याख्या कर डालते हो .???
I always Support Hindu people I Love you All my Sanatani People ❤😊❤ I like Hindu Culture 🙏❤🙏
Thank you jii 🙏 prr aap Muslim hokr indian culture ko. Support krr rhi ho i mean acchi baat hai
Prr yeah islam ke khilaaf hai khi Aapko islam se nikaal n de
@@suryasingh9121 don't worry Dear🤗🙏
I don't reveal my personal Identity , I'm already Left Islam Religion ( my self kick out Islam Saudi Arabia jihadi Terrorist Islam )
@@Ayesnakhan Hey can I get your Instagram 🥰
Thank you so much sister
Jai ho Sundhandhu Trivedi Jee Kee. He knows better than the other speakers present in the debate.
धर्म की शिक्षा तो आज भी सभी को नही, कर्मकांड की शिक्षा बहुजन को आज भी मिलती है? नही. शुद्रो की तो बात छोडिए, मंत्र सुनने का भी हकदार नही.
Sudhanshu ji ko shat shat Pranam 🙏🙏🙏
Sudhanshu ji great person
Sudhanshu Ji ne to pura dho hi daala.. Dil ko araam mil gaya bhai.🥰😍
shabash sudhanshu ji..you are one of the best very high knowledge rs of indian s sanskruti.......we all are proud of you..God bless you
सुधांशु त्रिवेदी जी आपको सत सत नमन
Great Sudhanshu
Sudhangshuji is a gem.
Amazing reply by Sudhanshu Ji. These other so called professor are the reason we have so many people with wrong knowledge and need refresher training from Sudhanshu ji
वा वा सुदांसु जि
नमन ❤❤❤
बौद्ध साहित्य को शायद सुधांश जी नही पढ़ा है महायान शाखा ही ब्राह्मण धर्म है
जात न पुछो, साधु की । पूछ लीजियो ज्ञान,।।
मोल करो तलवार का, पड़ी रहन दो म्यान ।। -
बोहुत खूब सुधांशु जी 🚩🚩🚩🚩
ua-cam.com/video/y9_Yf2_AMh0/v-deo.html
जिसकी रही भावना जैसी तिन देखी प्रभु सूरत तैसी..
Sudhanshu ji ka tark bahut sateek hai aur logical hai
Sudhanshu is true Dharmik hain jo jeete hain
सुधांशु जी तथ्य के साथ बात करते हैं जय श्री राम 🚩🚩🙏🙏🙏
अब समय आ गया है कि इतने सालों से जिन बातों पर विवाद खड़ा करके भ्रम फैलाया गया उन सब बातों को सही अर्थों के साथ पेश किया जाए ताकि सभी है जान सके कि भारतीय धर्म में धर्म ग्रंथों में बातों के पीछे का सही अर्थ क्या है?
Sudhanshu Ji is the well known historian as well as religious man
Very intelligent guy
I pay respect 🙏🙏
Tum log jitna marji Jor Laga Lo Na Sanatan ko Mita paoge na Suna to unko bhula paoge
Sanatan Sara jindagi bhar Amar rahega❤❤❤❤❤❤
TRIVEDI JI IS SIMPLY GR8
Sudhanshu ji ka koi tod nehi
Gyan ka Adhar hai
Gyan ka Bhandar hai
आज अगर घर घर में राम चरित के जगह रामायण का पाठ होता तो बहस का मुद्दा ही नही बन पाता।
Sudhanshu sir very very intelligent.i love so much sir
Me khud ek adhyapak hu. Dalit hu.
Lekin ap jaise teacher agar bacho ko mil jaye to ho gaya samaj ka kalyan. Aap ek adhyapak ho ke khud ki soch badal nahi sake
माननीय सुधांशु जी को सत सत नमन l
Sudhanshu Ji Gyan ke bhandar hai jai ho
This man I can see clearly as a prime minister lovr you Sudhanshu Ji aap ke Gyan ke samne sab baklak hai.)
👏👏👏❤️
सुधांशु जी आपको भगवान ने विषेश रूप से बनाया है।
वामपंथियों के खेमे में अकेला ही खलबली मचा दी।
जय श्री राम
🚩🚩🚩🚩🚩
Sudhanshu tirvedi is extremely genius orator and expresser 👍👍👍👍
Sudhanshu sir .... with fact💖🚩🇮🇳
आजकल ऐसे ऐसे लोग धर्म पर ज्ञान देते है,,,जिनको धर्म की कोई जानकारी nhi हैं।
जय श्री राम 🚩🚩🚩🙏
एंकर की मक्कारी 😡😡😡प्रोफेसर को बार बार काउंटर कर रहा है लेकिन सुधांशु को जी कह रहा है, और एक बार भी काउंटर नहीं कर रहा।😡😡😡
आपकी सारी बातें सुनने योग्य रहती है शुधांशू जी🙏