🎉 वेदों का ज्ञान किसी को भी नहीं है। सब अंधकार को ही परमात्मा समझ रहे हैं। 🎉 वेद ज्ञान-जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। 🎉 यजुर्वेद कामंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है। 🎉 सारे शास्त्रों को कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक ने खोला है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है उसे जाने।🎉🎉 प्रणाम जी
🎉 वेदों का ज्ञान किसी को भी नहीं है। सब अंधकार को ही परमात्मा समझ रहे हैं।
🎉 वेद ज्ञान-जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं।
🎉 यजुर्वेद कामंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।
🎉 सारे शास्त्रों को कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक ने खोला है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है उसे जाने।🎉🎉 प्रणाम जी