ऋषि दयानंद नहीं होते तो हम नहीं होते //by// प्रकाश आर्य

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  • Опубліковано 18 бер 2024

КОМЕНТАРІ • 1

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb 3 місяці тому

    🎉 वेदों का ज्ञान किसी को भी नहीं है। सब अंधकार को ही परमात्मा समझ रहे हैं।
    🎉 वेद ज्ञान-जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं।
    🎉 यजुर्वेद कामंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।
    🎉 सारे शास्त्रों को कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक ने खोला है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है उसे जाने।🎉🎉 प्रणाम जी