इस संसार में बुद्ध औ की कोई कमी नहीं है। पक्षपात के शिकार परमात्मा को नहीं जान सकते। कोई भी महापुरुष सृष्टि कर्ता ईश्वर नहीं होता और यदि कोई नहीं मानै एक लालटेन बनाकर दिखाऔ जो बिना तेल दिन रात जलती हो जैसे सूर्य संसार को अनादि काल से प्रकाशित कर रहा है। धन्यवाद।। जय सत्य सनातन वैदिक धर्म।।
🎉 ईश्वर जीव प्रकृति पांच तत्वतीन गुना यह सब जड़ संसार के अंदर आता है। 🎉 परमात्मा संसार में नहीं है संसार से अलग है। संसार में उसकी सट्टा कम कर रही है। जी वेद भी साक्षी दे रहे हैं जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं।
🎉 वेद शास्त्र को कोई नहीं जानता कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक ने समाजशास्त्र को खोल है उसे जान
वेद ईश्वरीय ज्ञान है तो जैसे ईसाई अपणे बायबल कि दुनिया की सभी भाषाओंमे छपकर सभी के लिए, समझने के लिए पढणे के लिए लोगोंपर प्रसार प्रचार करते है, वैसे ही कुराण का है ! वेद मे अगर कुछ आच्छा है तो वे पढणे के लिए कमसे कम भारतीय भाषाओं मे तो सब के लिए भाषांतर कर देते. प्रचार प्रसार करणे के बजाय ब्राह्मण के शिवाय किसी को पढणे कि अनुमती भी नही है!!! ऐसा क्यों ❓
प्रणाम आचार्य जी
Om namaskar t
इस संसार में बुद्ध औ की कोई कमी नहीं है। पक्षपात के शिकार परमात्मा को नहीं जान सकते। कोई भी महापुरुष सृष्टि कर्ता ईश्वर नहीं होता और यदि कोई नहीं मानै एक लालटेन बनाकर दिखाऔ जो बिना तेल दिन रात जलती हो जैसे सूर्य संसार को अनादि काल से प्रकाशित कर रहा है। धन्यवाद।। जय सत्य सनातन वैदिक धर्म।।
Pls start and end with ved mantra
बुद्ध क्या सृष्टि कर्ता ईश्वर है?
🎉 ईश्वर जीव प्रकृति पांच तत्वतीन गुना यह सब जड़ संसार के अंदर आता है।
🎉 परमात्मा संसार में नहीं है संसार से अलग है। संसार में उसकी सट्टा कम कर रही है। जी वेद भी साक्षी दे रहे हैं जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं।
Om ❤❤
वेदो का ज्ञान माँवीय ज्ञान कोई ईश्वर बीश्वर का नहीं मानव प्राणी से अन्य कोई ईश्वर परमात्मा नहीं आत्मा ही परमात्मा है
🎉 वेद शास्त्र को कोई नहीं जानता कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक ने समाजशास्त्र को खोल है उसे जान
वेद ईश्वरीय ज्ञान है तो
जैसे ईसाई अपणे बायबल कि दुनिया की सभी भाषाओंमे छपकर सभी के लिए, समझने के लिए पढणे के लिए
लोगोंपर प्रसार प्रचार करते है, वैसे ही कुराण का है !
वेद मे अगर कुछ आच्छा है तो वे पढणे के लिए कमसे कम भारतीय भाषाओं मे तो सब के लिए भाषांतर कर देते.
प्रचार प्रसार करणे के बजाय ब्राह्मण के शिवाय किसी को पढणे कि अनुमती भी नही है!!! ऐसा क्यों ❓
Ved ishvariye Gyan hai parantu aap to aryasamaaj ke manch se rss ke fake history ko batate ho