गर्ल्स हॉस्टल में ब्लैक बोर्ड को शायरी क्यों सुनाने जाते थे मजाज़ | Majaz Lakhnawi | Naami Giraami

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  • Опубліковано 2 лис 2024
  • मजाज़ लखनवी वो शायर जिसे ज़िंदगी पसन्द नहीं थी, लेकिन ज़िंदगी को बेहतरीन तरीके से लिखा. कभी मुहब्बत लिखी तो कभी इंक़लाब. किसी ने उसको उर्दू शायरी का कीट्स कहा तो किसी ने उसे इंकलाबी शाइर. लेकिन मजाज़ की शाइरी कभी किसी ख़ास रंग तक नहीं सिमटी. ज़िंदगी की मुश्किलों को लिखा तो मुल्क की ज़रूरत भी गाई. ज़िंदगी की तमाम हक़ीक़त और ज़रूरत को ग़ज़ल ओ नज़्म में पिरोकर दुनिया के नाम कर देने वाले मजाज़ पर सुनिए ‘नामी-गिरामी’ का ये ख़ास एपिसोड, जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ.
    प्रोड्यूसर- रोहित अनिल त्रिपाठी
    साउंड मिक्सिंग- अमृत रेगी
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КОМЕНТАРІ • 7

  • @danishbashir0102
    @danishbashir0102 Рік тому

    Kya shayer the....

  • @Majajodil
    @Majajodil Рік тому +2

    Majaj lucknowi meer dono buland awaj hai

  • @mallickjaan
    @mallickjaan 8 днів тому +1

    V NICE SIR ,MALLICKJOHN AUSTRALIA

  • @samocorner
    @samocorner Рік тому

    بہت زبردست ❤️

  • @shankargupta4461
    @shankargupta4461 Рік тому

    एक मकबूल और मशहूर शायर की जिंदगी के पन्नों को थोड़े से समय में अच्छे से नुमाया किया आपने । दिल को बहुत सुकून मिला।

  • @AbubakarManzar
    @AbubakarManzar 9 місяців тому +1

    ❤❤❤