अवतारवाद Mythological है ? | क्या सच में कल्कि आयेंगे ? | ft. Kalki 2898 AD |

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  • Опубліковано 28 лис 2024

КОМЕНТАРІ • 1,1 тис.

  • @HyperQuest
    @HyperQuest  5 місяців тому +86

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    • @JattSikhKing
      @JattSikhKing 5 місяців тому

      Hindu religion is a myth in itself, not a real religion 👍

    • @itsmedimpy3625
      @itsmedimpy3625 5 місяців тому +6

      सोंचा था Comment नहीं करूंगा, पर आपके एक तर्क के जवाब के लिए खुद को रोक नहीं पाया l
      जब प्रकृति का नियम ही है जहाँ Positive शक्ति होता है वहाँ उसके विपरीत Negative Energy होना चाहिए फ़िर Negative प्रवृति वाले लोगों को मारने की क्या जरूरत हो गई l

    • @InfinitudeDharma
      @InfinitudeDharma 5 місяців тому +2

      हमे पता है के आम के पत्ते पेड़ से तोड़ने के बाद भी ऑक्सीजन रिलीज करते हैं इसिलिए ये पूजा में द्वार पर बंधे जाते है।
      तो मेरा प्रश्न ये है एक आम के पत्ते पेड़ से अलग होने के बाद भी ऑक्सीजन रिलीज करते हैं इसका प्रमाण हमारे सनातन धर्म के ग्रंथो या वेदों में कहा मिलता है ?
      कृपा करके इस प्रश्न का उत्तर दिजिए।

    • @Bheeva_Studio
      @Bheeva_Studio 5 місяців тому +1

      Prabhas plays कर्ण character जिसकी ye बुराई karta hai abb bol 😅 कर्ण Rocks🎉

    • @MiLAN_0000
      @MiLAN_0000 5 місяців тому +2

      6:30
      According to me
      Ishwar take avatar to kill adharam and teach lesson to all people

  • @riteshkumarprajapati7498
    @riteshkumarprajapati7498 5 місяців тому +433

    अवतारवाद को मानने की सबसे बड़ी हानि मुझे यह दिखती है कि इससे व्यक्ति स्वयं कुछ करना छोड़ के किसी के आने और सब कुछ ठीक करने की आशा में बैठा रहता है। जबकि होना यह चाहिए कि जो मार्ग श्रीराम और श्रीकृष्ण अपने जीवन के माध्यम से हमें दिखा के गए हैं उस पर चलने का प्रयास करना चाहिए।

    • @thenationalist8845
      @thenationalist8845 5 місяців тому +29

      Ha aap ki baat sahi hai
      Hame ise positive way me Lena hoga
      Jab Dharma khatam hone ke kagaar pe hoga tabhi Bhagwan Avatar lenge

    • @NitishKumar_999
      @NitishKumar_999 5 місяців тому +13

      कितना percent पालन करते हो

    • @orionstar2945
      @orionstar2945 5 місяців тому +41

      तुम लोग तो आज कल जातिवाद में अंधे होकर भीमटावाद का अनुसरण कर रहे हो। तुमलोग तो मानोगे नहीं ही।
      हम तो अवतार सिद्धांत को मानते हैं, लेकिन मेहनत भी करते हैं।

    • @urmilapandey9579
      @urmilapandey9579 5 місяців тому +9

      Lekin ye to humari galti hai na jise sudhara ja skta h. Kyunki avatar ne v khud avtar lekar karm krne ko hi shreshth btaya h aur khud v karm kiye hain.

    • @Dharm411
      @Dharm411 5 місяців тому +2

      Issliye nitishastra padhna chahiye..jisne chankyaniti, kanikniti,nitisatakam,vidur niti padh liya wo Jan geya..daya aur dan humesha sathpatro mein karna chahiye..naki yehre gehre pe.
      Mera yehsa vichar hay pathhar pujan kare na kare gun pujan karna chahiye Hanuman ji,Arjun ji ke tarah

  • @rishidangi7554
    @rishidangi7554 5 місяців тому +137

    ये तो बहुत सरल और सोचने वाली बात है... की जो नियम बनाता है.. वो खुद क्यों अपने बनाये नियम को तोड़ेगा...... और इन्ही खुद के बनाये नियम के अनुसार ही ईश्वर अपनी माया को अपने अधीन करके खुदको रचता है.. और एक आदर्श जीवन जीकर एक उदाहरण रखते है 🌼

    • @themodernsage108
      @themodernsage108 5 місяців тому +3

      अगर ईश्वर अपने ही नियमों को नहीं तोड़ सकता तो वह सिमित हुआ और अपने ही कार्य को करने में बाधित हुआ |

    • @rishidangi7554
      @rishidangi7554 5 місяців тому +14

      @@themodernsage108 यहाँ नियम से मतलब प्रकृति के नियम की बात हो रही है.... जैसे मे अभी हु... कुछ सालों बाद नहीं होऊंगा..... और ये सत्य अटल है...... और ये नियम कभी बदल नहीं सकता..... ठीक ऐसे ही ईश्वर जब प्रकृति को अपने अधीन करके आता है.. तब वो भी अपने बनाये सभी नियमो का पालन करता है....... हमारी बुद्धि absolute को नहीं समझ सकती... इसलिए ईश्वर सीमित होकर हमारे बीच आता है... जिसे हमारी बुद्धि समझ पाए 🌼...... तत्व रूप से तो उसपर कोई नियम लागू नहीं होता है.. 🌼

    • @BALIDAN3305
      @BALIDAN3305 5 місяців тому +6

      ​@@themodernsage108अपने बनाये नियम को तोड़ने वाला उद्दंड और स्वच्छंद कहलाता है।वह नियम तोड़ नहीं सकता इसका मतलब उसमे तोड़ने के शक्ति नहीं ऐसा मान रहे हैं आप। इससे सीमित नहीं होता बल्कि तोड़ने से अन्यायकारी सिद्ध होगा ।नियंता स्वयं कभी नियम नहीं तोड़ता यही उसकी श्रेष्ठता है।

    • @wanderer123-u7t
      @wanderer123-u7t 5 місяців тому

      Iswar apne niyam ke adhin nahi hain. Niyam bante Hain unke liye. Par niyam todne ka parinam bhi hain. Agar ishwar apne Shakti directly prayog kare, to prithvi bachega kya? Agar koi avtar 'last avatar' hain to iska matlab iske baad koi avtar bhejne ki zarurat nahi hain. Good or bad aap sochiye

    • @tiwarianupam007
      @tiwarianupam007 5 місяців тому

      अपने ही बनाये नियम को तोड़ने की आवश्यकता उन्हें​ होती है जो सर्वशक्तिमान नहीं हैं , जिनका परिस्थितियों पर पूर्ण नियंत्रण नहीं है, जैसे हम मनुष्य।
      जो सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी, सर्वग्य हो वह अपने बनाये नियमों में स्वयं को बाँधकर भी,नियमों को तोड़े बिना भी अपने सभी उद्देश्य पूर्ण कर सकते हैं।
      नियमों का पालन करते हुए जीवन जीकर दिखाना ही असीमित होने का प्रमाण है।@@themodernsage108

  • @rishidangi7554
    @rishidangi7554 5 місяців тому +95

    ईश्वर नियम से नहीं बंधा.... बल्कि ये कहना उचित होगा की ईश्वर खुद ही एक नियम है 🌼

    • @Ram47988
      @Ram47988 5 місяців тому +7

      ईश्वर नियमो के साथ है। नियम है अर्थात ईश्वर है नियम है अर्थात जीवात्माए है नियम है अर्थात् प्रकृति जड़ तत्व है।

    • @Seeker-ii6ml
      @Seeker-ii6ml 5 місяців тому +3

      Ishwar ka koi niyam nahi kesi baat karte ho Ishwar Islam ke Al LaH jesa nahi hai

    • @orionstar2945
      @orionstar2945 5 місяців тому

      @@Ram47988 नियम, प्रकृति और विज्ञान सब ईश्वर की ही देन हैं। तनिक
      भागवत गीता का अध्याय 11 पढ़ लो , ये भ्रम दूर हो जाएगा ।

    • @arjunsharma2506
      @arjunsharma2506 5 місяців тому

      @@Seeker-ii6ml whats wrong in ALLAH?

    • @Seeker-ii6ml
      @Seeker-ii6ml 5 місяців тому

      @@arjunsharma2506 nothing is wrong? 😂

  • @AyushKumar-xb5or
    @AyushKumar-xb5or 5 місяців тому +108

    वास्तव में भगवान श्री कृष्ण भगवान श्री राम केवल एक व्यक्तित्व नहीं है बल्कि वह परिपूर्णतम , परातपर ,परमात्मा परमेश्वर ,सर्वेश्वर ,सर्वांतर्यामी परब्रह्म ,सर्वगर्भा, सर्वकारणकारण,
    सर्व नियंता, स्वयंभ,ू जगतपिता ,
    परम तत्व और ब्रह्म तत्व है।

    • @planetearth1507
      @planetearth1507 5 місяців тому +7

      Right 👍🏻

    • @kistories5619
      @kistories5619 5 місяців тому +6

      Jai shree Krishna

    • @Powerofknowledge-j8f
      @Powerofknowledge-j8f 5 місяців тому +7

      Jai shree Ram ❤❤

    • @BALIDAN3305
      @BALIDAN3305 5 місяців тому +2

      द्वापर और त्रेता से पूर्व भी सृष्टि थी इश्वर था सनातन था । राजा हरीशचंद्र ने वैदिक धर्म अर्थात सत्य का अनुशरण सतयुग मैं किया था।राम और कृष्ण को भगवान कह सकते हैं इश्वर नहीं । एक राम दशरथ का बेटा,एक राम घट घट मैं लेटा एक राम ने जगत पसारा,एक राम इस जग से न्यारा। दशरथ का बेटा और जगत के नियंता दोनों मैं भेद है।

    • @Say_My_Name--
      @Say_My_Name-- 5 місяців тому +2

      Exactly 💯 Avtar toh Leela karne ke liye example set karne ke liye lete h Prabhu🤷🏻‍♂️

  • @surrenderbohara2164
    @surrenderbohara2164 5 місяців тому +109

    First time I can see Hollywood level indian (south) movie🔥🥵😎

    • @naineshrana
      @naineshrana 5 місяців тому +6

      RRR was way above Hollywood even. Whole Western world was amazed with its representation. Kalki is more like copy paste.

    • @gloriousloki4064
      @gloriousloki4064 5 місяців тому +8

      ​@@naineshranastory toh original h

    • @musiclover-kw2ls
      @musiclover-kw2ls 5 місяців тому +3

      ​@@naineshrana bhai storytalling sabki bas ki baat nahi hoti future + mythology history pe banaya hain kalki movie jitna v boldo

    • @niteshsahani7409
      @niteshsahani7409 5 місяців тому +7

      ​@@naineshrana
      Story original
      Sare Hollywood hamre mythology se copy karte hai

    • @musiclover-kw2ls
      @musiclover-kw2ls 5 місяців тому +4

      @@niteshsahani7409 exactly or yelog unko nahi bolte Issiliye essa haal hain wo log humare character stories se inspired hote h or but koi marvel dc wale indian superhero banane ka kavi sochta v nahi or jab hum khud bana rahe h toh copy ka tag chipka rahe h why

  • @prava8756
    @prava8756 5 місяців тому +28

    कृष्ण जी ने गीता में कहा है।
    श्री मदभगवद गीता || अध्याय 7. श्लोक 12 ||
    संसार के सारे भौतिक कार्यकलाप प्रकृति के तीन गुणों के अधीन सम्पन्न होते हैं। यद्यपि प्रकृति के तीन गुण परमेश्वर कृष्ण से उद्भूत है, फिर भी भगवान् कृष्ण उनके अधीन नहीं होते हैं
    इसका मतलब ईश्वर किसी नियम से बंधे नहीं है

    • @semicolon6499
      @semicolon6499 5 місяців тому

      सगुण भक्त केलिए बोला है की इस प्रकृति का निर्माण ईश्वर ने किया है , ओर निर्गुण केलिए बोला है की ईश्वर कोई कर्म नहीं करता नहीं । ये आपके स्थल पे निर्भर करती है , जब आप आध्यामिक जीवन में आगे आगे भड़ेंगे तब आपके केलिए ईश्वर जेस चीज हट जाएगी और आप खुद को जानोगे , ओर निर्गुण में स्थित होंगे।

    • @keshavmishra07
      @keshavmishra07 5 місяців тому +1

      ये तो ठीक है पर मूवी में कर्ण को कलयुग में क्यू दिखाया?🤔

    • @saket8359
      @saket8359 5 місяців тому

      @@keshavmishra07 bhai keval qualities hongi Karn jaisi,
      karn khud ni honge, aur abhi wait krte h next part ka usme dekhna padega ab toh......

    • @sgofficial9220
      @sgofficial9220 5 місяців тому

      Beta ishwar nhi bna lekin jo janma wo toh bndha hua hai. Krishna ko v karm Bandhan or shrap lga tha.
      Ishwar ajanma hai. Ishwar ek hai or sarvatra hai. Iswar nirakar Nirguna hai.

  • @Bhavbhuti
    @Bhavbhuti 5 місяців тому +10

    जिसमे से आकार निकलते है। और जिसमे आकर अंततः विलीन हो जाते है। वही सच्चिदानंद स्वरुप वस्तुतः परम ईश्वर है।
    जिसमें समस्त जीव समेत प्रकृति निवास करती है

  • @ashokdivate5761
    @ashokdivate5761 5 місяців тому +7

    किती भाग्यवान आहे रे तुझी आई तुझ्यासारख्या मुलांची खरंच गरज आहे करोडो फॉलॉवर होतील रे तुझे खूपच सुंदर खूपच सुंदर अप्रतिम श्रीहरी विठ्ठल❤❤❤❤❤

  • @royalman1354
    @royalman1354 5 місяців тому +126

    मेरे मरने के बाद भी ईश्वर, जगत, मनुष्य, आत्मा, मन , बुद्धि, नींद, मृत्यु और सपने सब के सब रहस्य ही रहेंगे, ❤❤

    • @ajaysen117
      @ajaysen117 5 місяців тому +10

      Bilkul, Agar inke rahasya ki khoj nahi ki gayi to. magar aap jaanna chahe to ishwar bhi milte h.... Santo, bhakto, or yogiyo ko uttar mile h

    • @royalman1354
      @royalman1354 5 місяців тому +3

      @@ajaysen117 अरे भाई किसी को भी साक्षात्कार होने बाद वो हमारे सामने साक्षात्कार नहीं करता है, सब के सब गुरु बन जाते हैं, दोस्त नहीं बनता है जो बता दें आखिर क्या हुआ 😢😂😂

    • @BhavikSolanki-nh9hb
      @BhavikSolanki-nh9hb 5 місяців тому +4

      Acharya prashant ko sune

    • @radheshyamverma5027
      @radheshyamverma5027 5 місяців тому

      ऐसे गुरू की कमी है जो आत्मसाक्षात्कार करा दे
      मिल भी सकता हैं

    • @royalman1354
      @royalman1354 5 місяців тому +5

      @@BhavikSolanki-nh9hb वो भाई साहब और बातों को घूमाता है, वो एक तरफ कहता सब झूठ है और एक तरफ कहता कि इनसे प्रेरणा लो, सब पकी हुई बातें हैं, कितने बड़े कोई तुरमखान क्यों ना बदलाव कोई नहीं ला सकता है

  • @hometeriorconstructions8736
    @hometeriorconstructions8736 5 місяців тому +24

    चौरसिया जी आप अद्भुत काम और बहुत बड़ा काम कर रहे हैं..आपको कोटि-कोटि नमन🙏

  • @gloriousloki4064
    @gloriousloki4064 5 місяців тому +11

    Dharm se related ye channel best h....apki bhot rigid batein nahi karte h

  • @Sagittarius8228
    @Sagittarius8228 5 місяців тому +22

    My personal opinion:-
    Suppose Karo ki aap ISHWAR ho, apke pass infinite Shakti hai . Apne ek esa duniya banai jaha n koi niyam na ho. Sab aamar ho . Sab Shakti shali ho ..na dukh ho ( similarly sukh bhi nahi hoga. Kyun ki dukh ka abhav sukh hai).
    To agar apke duniya mein na negative ho na positive ho , to aap duniya ki rachana hi nahi kar sakte . Hence aapki Jo kalpana thi duniya rachne ki jahan sab kuch ho Wo sab fail ho jaega

    • @Sagittarius8228
      @Sagittarius8228 5 місяців тому +10

      Aaur ye bhi ho sakta hai ki har insaan ishwar ka hi avatar ho.. bas yeh hai ki wo is baat is avagat nahi hai..maya ki wajah se....
      Achi aaur burai to ek coin ke do pehlu hai...(Ishwar ke do roop hai) Kyunki good and evil are both best friends. They need each other...
      Evil rahega tabhi achai pata chalega..and vice versa

    • @Say_My_Name--
      @Say_My_Name-- 5 місяців тому +2

      ​@@Sagittarius8228ho sakta hai nahi, Esaa hi hai, bss har insaan avtar nahi h, Har jeev ishvar ka hi ansh hai 🤷🏻‍♂️ esaa mne samjha h . जय श्री राम ❤️🙏🏻

    • @bluegaming2884
      @bluegaming2884 5 місяців тому

      ​@@Sagittarius8228इस पृथ्वी पर हमारा जन्म हुआ है और हम आगे के सफर को नाही अभी जान सकते है और बदल सकते है. तो फिर आज जो हो रहा है और कल जो होने वाला है उसके बारेमे सोच कर जिंदगी को क्यूँ दुःख देना. सभी के साथ दुःख और सुख दोनो भी है मगर वो समझ ने मे पुरी जिंदगी चली जाती है बस 🙏

  • @asmagablaziken1733
    @asmagablaziken1733 5 місяців тому +46

    Jai shree Krishna 🦚🦚💕 everyone ❤

  • @orionstar2945
    @orionstar2945 5 місяців тому +34

    श्रीमदभागवत गीता का अध्याय 11 प्रमाण है कि ईश्वर सृष्टि के किसी भी नियमों से बँधा नहीं । क्योंकि नियम , प्रकृति और विज्ञान ईश्वर की ही देन हैं।
    श्रीकृष्णजी कहते हैं
    कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्तः । ऋतेऽपि त्वां न भविष्यन्ति सर्वे येऽवस्थिताः प्रत्यनीकेषु योधाः ॥॥ (11.32)
    भावार्थ: “मैं प्रलय का मूल कारण और महाकाल हूँ जो जगत का संहार करने के लिए प्रवृत्त हुआ हूँ।
    जय श्रीमन्नारायण 🙏🙏🙏

    • @veda-vaani_aacharya-vijay
      @veda-vaani_aacharya-vijay 3 місяці тому

      नियम ईश्वर की देन हैं, यह ठीक है, जो कि वह सृष्टि की उत्पत्ति, पालन और संहार के लिए बनाता है और वेदों के द्वारा अपने नियमों को मानव मात्र के लिये प्रदान करता है। जैसे वह अच्छे का अच्छा फल देता है और बुरे का बुरा। इस प्रकार वह मानव के उपकार के लिए सृष्टि में सूर्य, चंद्रमा पृथ्वी आदि का निर्माण करता है और वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी और आकाश तत्वों को भी देता है। वह यह भी चाहता है कि जैसे मैं जगत में प्राणियों का उपकार करता हूं, ऐसे ही प्राणी भी एक-दूसरे का उपकार करें, किसी का अनैतिक अहित न करें, सज्जनों की रक्षा करें और दुष्टों का विनाश करें। परंतु यदि ईश्वर ही इन नियमों को तोड़ दे और जगत् में सज्जनों को सुख देने के स्थान पर मारने लगे और दुःख देने लगे; और दुष्टों को दुःख देने के स्थान पर सुख देने लगे, तो यह अपने ही बनाए गए नियमों के विपरीत आचरण हुआ। परंतु ईश्वर सत्यस्वरूप है, इसलिए वह अपने बनाए हुए नैतिक नियमों के विपरीत नहीं चलता है और आदर्श के लिए स्वयं भी उसका पालन करता है, अब इसको अपने बनाये नियमों में ही बंधना कहा जाए, तो कोई त्रुटि नहीं होगी।
      इसके अतिरिक्त प्रकृति, जीवात्मा और परमात्मा के कुछ निश्चित् गुण, कर्म और स्वभाव हैं, जिनका परमात्मा ने वेदों के माध्यम से भी ज्ञान दिया हैं और ऋषियों ने भी इन्हीं बातों का अपने लिखे ग्रन्थों में भी विस्तार किया है। इनमें से तीनों के कुछ गुण समान हैं और बहुत से गुण असमान भी है। जैसे मूल प्रकृति, जीवात्मा और परमात्मा तीनों ही अजन्मा और अनादि है। यह स्वरूप से न तो कभी जन्म लेते हैं और न कभी मरते हैं। गीता में भी यही बताया की जीवात्मा शाश्वत और पुराण है और कभी नहीं मरता। केवल यह शरीर रूपी वस्त्र को धारण करता है और उसके पुराने हो जाने पर उसको त्याग देता है, यही जीवात्मा का शरीर धारण रूपी जन्म है और उसके शरीर छोड़ने को मृत्यु कहते है।
      श्वेताश्वतर उपनिषद के अनुसार परमात्मा क्योंकि बिना शरीर के सब कार्य करने में समर्थ है, इसलिए उसे सृष्टि का निर्माण, पालन और सहन करने के लिए शरीर धारण करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, इसके साथ योगदर्शन भी बताता है कि वह (अविद्यादि) क्लेश, (मानवीय पुण्य-पाप) कर्म और सुख-दुःख रूप उनके विपाक/कर्मफल और सांसारिक इच्छाओं से भी पृथक् पुरुषों में विशेष ईश्वर है। यदि ईश्वर का सांसारिक जन्म माना जाएगा, तो वह भी इन चीजों से युक्त होगा। इसलिए भी मानव रूप से ईश्वर का शारीरिक जन्म नहीं होता है। फिर जितने भी ईश्वर के अवतार माने जाते हैं, उनके जीवन में भी सुख और दुःख देखे गए हैं, इसलिए स्पष्ट है कि वह ईश्वर नहीं थे। साथ ही योगदर्शन के इसी सूत्र पर महर्षि व्यास ने भाष्य करते हुए कहा है कि ईश्वर सदामुक्त है, वह कारण, सूक्ष्म‌ और स्थूल शरीर के बंधन में नहीं आता है। फिर जो ईश्वर स्वयं शरीर और उसकी भूख-प्यास इत्यादि आवश्यकताओं से बन्धा हो, वह दूसरों को कैसे बंधन से मुक्त करेगा, यह भी प्रश्न उठता है।
      जिस वस्तु का जो स्थायी गुण, कर्म और स्वभाव है, वह वैसा ही रहता है। जैसे जीवात्मा, परमात्मा और प्रकृति अनादि हैं, शाश्वत हैं, नित्य हैं, यह कभी नहीं मारते; परंतु यदि कोई कहने लगे कि यह मरते हैं, तो यह उसकी अज्ञान है। इसी प्रकार वेदों में कहा गया कि ईश्वर अपापविद्ध है, वह कभी पाप नहीं करता है। अब कोई कहने लगे कि ईश्वर अपने इस गुण को छोड़कर पाप करने लगता है, तो यह भी उसकी अज्ञान है।
      ईश्वर के सर्वशक्तिमान् गुण पर लोगों को भ्रांति है कि इसका अर्थ यह है कि ईश्वर कुछ भी कर सकता है। यदि इसका अर्थ यह लिया जाएगा, तो तात्पर्य यह भी निकलेगा कि ईश्वर अपने को मार भी सकता है (क्योंकि यह भी सब कुछ में आता है), जबकि ईश्वर के गुणों के अनुसार वह अमर है, अविनाशी है। एक इसका अर्थ यह भी निकल सकता है कि ईश्वर दुष्ट बनकर, बिना अच्छे और बुरे लोगों का विचार किये, सभी लोगों को मार सकता है, क्योंकि यह भी सब कुछ में आता है। इसलिए ऐसे अनर्थों से बचना चाहिए।🙏

    • @veda-vaani_aacharya-vijay
      @veda-vaani_aacharya-vijay 3 місяці тому

      सर्वशक्तिमान् गुण का स्वामी दयानंद ने ठीक अर्थ किया है कि ईश्वर अपने कार्य बिना किसी दूसरे की सहायता के करता है। इस अर्थ की दृष्टि से यदि अवतार माने जाने वाले लोगों के जीवन को देखा जाए, तो उनके बहुत से कार्य दूसरों की सहायता से ही होते थे। इसलिए उन्हें वेदोक्त सर्वशक्तिमान् ईश्वर नहीं कहा जा सकता।
      कुछ लोग सर्वशक्तिमान् शब्द से यह अर्थ भी निकालते हैं कि ईश्वर शरीर धारण भी कर सकता है, परंतु प्रश्न यह उठता है कि जब उसके गुण में बिना शरीर के ही सब सृष्टि का निर्माण पालन और संहार आदि कार्य करने का सामर्थ्य है, तो उसको शरीर धारण करने की आवश्यकता क्या है? फिर जिस ईश्वर ने सर्वव्यापक होकर संपूर्ण सृष्टि को धारण किया हुआ है, शरीर रूपी जन्म को धारण करके उसे एकमात्र एक स्थान पर व्यापक मानना भी ठीक नहीं रहेगा, क्योंकि इससे ईश्वर का सर्वव्यापकता गुण ही खंडित हो जाएगा। फिर जो ईश्वर सर्वव्यापक होकर बिना शरीर के सर्वत्र कार्य करने के लिए समर्थ था, वह एकदेशी होकर केवल दो हाथ-पैर इत्यादि इंद्रियों से एक ही स्थान पर और दूसरों की सहायता से ही कार्य कर पाएगा। इस प्रकार अनेक स्वगुणों वा शक्तियों का स्वामी, वह सर्वशक्तिमान् न होकर, अल्पशक्ति वाला हो जाएगा। इसलिए ईश्वर को अवतार लेकर शरीरधारी होकर कार्य करने वाला मानने से उसके स्वयं के ही नित्य गुण-कर्म और स्वभाव नष्ट हो जाएंगे। फिर हमारे वेदों और ऋषि-मुनि के बने ग्रन्थों में जो ब्रह्म, जीव और प्रकृति के गुण, कर्म और स्वभाव दिए हैं, उनको बताने का प्रयोजन भी नहीं रहेगा, यदि वह स्थायी और निश्चित् ही नहीं होंगे।
      साधारणता लोगों में ईश्वर को किसी भी प्रकार के नियमों का रचयिता और पालन न करने वाला मानने का प्रयोजन यही होता है, कि वह ईश्वर को अपने मतानुसार बता सके और उसको अपने अनुसार नचा सकें। जबकि सत्यता यह है कि ईश्वर संसार के उपकार के लिए उत्तम नियम बनाता हैं, स्वयं भी उनका पालन करता है अथवा उनसे बन्धा रहता है; दूसरों से भी उनका पालन करवाता है और जो पालन नहीं करता है, उसे वह दंडित भी करता है। 🙏

  • @Amitmishra-ql9qy
    @Amitmishra-ql9qy 5 місяців тому +28

    Jay Sri Ram 🕉️ 🚩

  • @Gem-x7l
    @Gem-x7l 5 місяців тому +30

    Kalki 🔥🔥🔥

  • @mohanprajapati6309
    @mohanprajapati6309 5 місяців тому +27

    Jai Shre Kalki Bhagwaan ji 🙏🌹

    • @Say_My_Name--
      @Say_My_Name-- 5 місяців тому +1

      जय श्री कल्कि भगवान जी 🙏🏻❤️

  • @bharatभारत8130
    @bharatभारत8130 5 місяців тому +30

    🙏🕉️🙏 दोस्त आजकल ऐसे बहुत से नए यूट्यूब चैनल आ गए हैं जो सनातन धर्म पर पूरा प्रहार कर रहे हैं और सनातन को गलत बता रहे हैं ! वह अपने चैनल पर बहस का खुला चैलेंज देते हैं ! कल ही मैंने देखा (human with science) वाले कह रहे थे कि वैदिक गणित बिल्कुल बकवास बात है !! आप जैसे विद्वानों को यह चैलेंज स्वीकार करना चाहिए और सनातन की रक्षा में आगे आना चाहिए !!

    • @thinkgood6440
      @thinkgood6440 5 місяців тому

      Haa bhai vedic mathematics naam ki kitab jo hai vo vedic kaal ki nhi hai balki vo abhi hi kuch saal phele likhi gayi thi vo ek fraud hai bass

    • @kalyankari5743
      @kalyankari5743 5 місяців тому +2

      वह लोग झुठे हे ओर वामपंथी है

    • @BALIDAN3305
      @BALIDAN3305 5 місяців тому

      ओ भाई जो वेदों को पढ़ते हैं वे जानते हैं की वैदिक गणित जैसा कोई कांसेप्ट वेदों मैं है ही नहीं ये सारा बखेडा पौराणिकौं का किया धरा है जिसका जवाब ये धर्म के ठेकेदार दे नहीं पाते जलेबी बनाते हैं यदि कोई सही बात कहे भी तो उसे ही उल्टा विधर्मी घोषित कर देते हैं सारे मिलके इन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता की कितने हिन्दू युवा इन प्रश्नो की वजह से धर्म विमुख हो रहे इन्हे सिर्फ अपनी मूर्तिपूजा की दुकान चलानी है क्युंकि इसी से आमदनी होती है फिर चाहे अवतारवाद,रासलीला ,वैदिक गणित ,फल ज्योतिष कुछ भी जोड़ना पड़े झट से पुराण मैं ढूंढकर दिखा देंगे सिवाय मूल प्रश्न के उत्तर के जब वेद मैं वैदिक गणित नहीं,अवतारवाद नहीं,मूर्तिपूजा नहीं तो वेद के नाम से ये पाखंड क्यूँ?

    • @rajneeshyadav5139
      @rajneeshyadav5139 5 місяців тому +1

      Mene bhi wo video dekha bhai.. pr wo baat to logic ki kr rhe the... Net pr bhi bahut saara search kiya mene.. unke btaye sb research sahi the.... Samjh nhi aa rha bhai.. kya sahi manu.. . Vishal ji ko iss pr video bnayi chahiye 🎉

  • @motiv44लक्की
    @motiv44लक्की 5 місяців тому +31

    अवतारवाद का महत्व है।और सत्य है।क्योंकि आत्मा अमर है और अमर होने पर पुनः जन्म होगा ही ।इसलिए कभी कोई देवता या महापुरुष जन्म लेगा ही फिर उनके पास जाकर अपना और समाज का भला करना चाहिए। अवतारवाद से भगतो का हौंसला बना रहता है वो धर्म पर अडिग रहते हैं।

    • @veda-vaani_aacharya-vijay
      @veda-vaani_aacharya-vijay 3 місяці тому

      महापुरुष और देव अर्थात विद्वान् जगत् की भलाई के लिए शरीर धारण करके नीचे पृथ्वी पर अवतरित होते रहते हैं, परंतु सर्वव्यापी परमात्मा को शरीर धारण करके नीचे अवतार लेने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह पहले ही सर्वत्र व्यापक होकर नीचे भी विद्यमान है और बिना शरीर के ही सृष्टि की रचना, पालन और संहार करने में समर्थ है।🙏

  • @amitsahu3357
    @amitsahu3357 5 місяців тому +20

    ईश्वर और भगवान तत्व को समझना मुश्किल है! मेरी आस्था भगवान को लेकर है पिछले तीन वर्षो से मैं प्रतिदिन राम जी और हनुमान की भक्ति करता हू हर मंगलवार फलाहार रहता हू! दो बार श्रीमद्भागवत गीता और एक बार श्रीरामचरितमानस भी पढ़ा है और तो और आपकी कई सारी videos देखता रहता हू और समझने और सीखने की कोशिश करता हू, इसके बावजूद भी मेरे चेतना मे प्रश्न उठता है कि अगर हम सभी का अस्तित्व नहीं होता हमारा पृथ्वी अस्तित्व मे नहीं होता तो ब्रह्मांड का कुछ नहीं बिगड़ता, और अभी अस्तित्व मे है फिर भी कुछ नहीं बिगड़ रहा! तो अस्तित्व मे रहने का अर्थ क्या जब सभी का उद्देश्य मोक्ष पाना ही है या ब्रह्म मे विलीन हो जाना ही है तो इस जीवन की आवश्यकता ही क्या..? कहने का मतलब जब ये जीवन दुखों का भंडार है और सभी को मुक्ति चाहिए तो फंसाया ही क्यु गया या जीवन की शुरुआत ही क्यु हुई ! कृपया उत्तर दे

    • @mishkasfanclub8705
      @mishkasfanclub8705 5 місяців тому

      ब्रह्म ने अपनी इक्षा प्रकट की है जीवन की ,इक्षा ही हर एक चीज का कारण है ,

    • @VishnuSharma-ct5me
      @VishnuSharma-ct5me 5 місяців тому +1

      If .... else .....
      Sach to yahi hai ki jitna hum is vishya pr jyada sochte h utna hi jyada fansate h.

    • @amitsahu3357
      @amitsahu3357 5 місяців тому +5

      @@mishkasfanclub8705 ब्रह्म तो निर्गुण निराकार अव्यक्त अचिन्त्य है तो ईच्छा कैसे प्रकट कर सकता है! अगर मान भी लिया जाए कि ईच्छा प्रकट किए तो उसी के कारण सृष्टि का सृजन हुआ.. क्युकी सभी का उद्देश्य या कर्तव्य मुक्ति है तो कभी तो एक समय आना चाहिए जब सभी लोग मोक्ष पा जाएंगे और फिर क्या बचेगा कुछ नहीं! फिर अंत मे प्रश्न तो वहीं जाकर रुक जाता है भाई? मुझे पता है ज्ञान को जितना अर्जित करो वो उतना गहरा चला जाता है असीम है अनंत है.. तो फिर भगवान ने बुद्धि को सीमित क्यु बनाया वास्तविक सत्य क्या है जीवन का??

    • @Bheeva_Studio
      @Bheeva_Studio 5 місяців тому

      ​@@amitsahu3357 ye मोक्ष के चक्कर में टाइम खराब मत कर भाई बहुत कुछ है करने को ऐसी जगह है देश में जहां बच्चों को education नहीं मिल रही कही साफ पानी नहीं है महापुरषों का अपना आदर्श बना ओर मानव सभ्यता और धरती के लिए कुछ काम कर जैसे महापुरषों ने किया कोई भी बैठ के कोई secret नहीं ढूंढ रहा था मोक्ष मिलने का ।
      जैसी मेरी philosophy धरती को स्वर्ग बनाने की है 🎉

    • @MOONMOON-og2dx
      @MOONMOON-og2dx 5 місяців тому +2

      VERY GOOD Question
      Par is question ka answer kisi k pass nehi hai..kitne saal ho gaye hai iska answer dhunte huye par aj tak nehi mila..
      Jivan ka udhesya hai life n death k cycle se nikal ke moksh prapt karna fir jivan mrityu k khel ko create hi kyun kiya gaya ye mujhe aj tak samajhme nehi aya..

  • @royalman1354
    @royalman1354 5 місяців тому +37

    मोक्ष का अर्थ ही है मौन और क्षमा ❤❤

    • @orionstar2945
      @orionstar2945 5 місяців тому +14

      कुछ भी ??😂😂😂
      मोक्ष का मतलब जीवन मरन के चक्र से मुक्त होकर देवत्व की प्राप्ति ।
      भ्रमित ना करो लोगों को

    • @abhinavrawat7999
      @abhinavrawat7999 5 місяців тому

      ​@@orionstar2945Vo prapt karne kai liye bta rha h

    • @Kamal_5_5
      @Kamal_5_5 5 місяців тому

      Mon aur kshama se ye prapt ho sakte h bhai​@@orionstar2945

    • @saajanstudio3113
      @saajanstudio3113 5 місяців тому +1

      मोक्ष का अर्थ है मोह का नाश जो जरूरी नहीं मृत्यु के बाद है जीते जी भी है

    • @Kidz_masti
      @Kidz_masti 5 місяців тому +3

      मोक्ष का अर्थ है जन्म और मरण के चक्र से मुक्ति

  • @dharmesh77777
    @dharmesh77777 5 місяців тому +2

    Bhagavan Shrikrishn: Me hi iswar hu ,me hi parbraham hu jispar koi bandhan nahi meri hi ichya se apki upasthiti hai aur mere hi icya se aap karya kar rahe aur aapki mrutu bhi mere adhin hai .HARE KRISHNA HARE KRISHNA KRISHNA KRISHNA HARE HARE.

  • @manishramnani627
    @manishramnani627 5 місяців тому +13

    मेरा विश्वास है कि अपने भक्तों के प्रति वात्सल्य और एक उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए भगवान् नियमों में बंधते हैं और अवतार लेते हैं। ईश्वर भी समय काल और परिस्थिति से अविकारित होते हुए भी अलग रूप लेकर हमें भी सदा बदलाव और संतुलन के प्रति तत्पर रहने का संदेश देते हैं।

    • @Utkala_Chandra
      @Utkala_Chandra 4 місяці тому

      Haa bhai bilkul bhagban bahat dayalu aur kripalu hote hain wo neutral nehi hain wo bhi insaano se divine lila karte hain

    • @veda-vaani_aacharya-vijay
      @veda-vaani_aacharya-vijay 3 місяці тому

      👉 जब ईश्वर बिना शरीर के ही सृष्टि का निर्माण, पालन और संहार कर सकता है, तो उसको अपने लिए शरीर को रचने और धारण करने की आवश्यकता क्या है? लोगों को अच्छा जीवन जीने का उदाहरण देने के लिए उसके पास बहुत से उत्तम जीवात्मा वा महापुरुष है, जिन्हें वह जन्म दे सकता है। अतः इसमें भी ईश्वर को शरीर रूपी जन्म धारण करने की आवश्यकता नहीं है।
      👉 गीता में कुछ वचन श्रीकृष्ण जैसे जीवात्मा और महापुरुष ने अपने लिए बोले हैं और कुछ परमात्मा की ओर से बोले हैं। जो उन्होंने शरीर धारण करके जन्म लेने की बात की है, वह उन्होंने अपने लिए कही है, परमात्मा के लिए नहीं -
      *🌺 अजोऽपि सन्नव्ययात्मा भूतानामीश्वरोऽपि सन्। प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय संभवाम्यात्ममायया॥* - गीता ४।६
      *भ्रान्त अर्थ* - सर्वशक्तिमान, सच्चिदानन्दन परमात्मा अज, अविनाशी और सर्वभूतों के परम गति तथा परम आश्रय हैं, वे केवल धर्म को स्थापन करने और संसार का उद्धार करने के लिए ही अपनी योगमाया से सगुणरूप होकर प्रकट होते हैं।
      वास्तव में यह श्रीकृष्ण जैसे महापुरुष जीवात्मा का कथन है, क्योंकि जीवात्मा ही शरीर को धारण करता है, परमात्मा नहीं।
      *सही अर्थ* - श्रीकृष्ण जी कहते हैं कि मैं जीवात्मा (अज) अजन्मा हूँ अर्थात् शरीर का जन्म हुआ है, मुझ जीवात्मा का नहीं। और मेरा आत्मा (अव्ययात्मा) अविनाशी है, अर्थात् शरीर का नाश होता है, मैं अविनाशी हूँ। (भूतानामीश्वरोऽपि सन्) और भूतों का ईश्वर अर्थात् पंचमहाभूतों का स्वामी हूं। मेरे अधीन पंचभौतिक शरीर चलता फिरता है। (स्वाम् प्रकृतिं अधिष्ठाय) अपनी प्रकृति का अधिष्ठाता होकर अर्थात् प्रकृति से बने हुए शरीर का स्वामी होकर (आत्ममायया संभवामि) अपनी प्रकृति के साथ जन्म लेता हूं‌ अर्थात् प्रकृति से बने हुए शरीर और जीवात्मा से मिलकर मेरा जन्म कहाता है। सो कृष्णचन्द्र ज्ञानी होने से, यह भेद जानते थे कि जीव अमर है। शरीर जन्मते-मरते हैं। इसमें परमेश्वर का कुछ भी वर्णन नहीं। श्रीकृष्ण को परमेश्वर जगत्कर्ता मानना, अज्ञान और अप्रमाण है; वेदोक्त अजन्मे ईश्वर के गुण-कर्म और स्वभाव के विपरीत है।
      👉 श्रीकृष्ण तो स्वयं प्रातः और स्वयं ईश्वर की उपासना करते थे। एक स्थान पर युद्ध के बाद अर्जुन के साथ उनके द्वारा संध्योपासना अर्थात् ईश्वर का ध्यान और जप करने का वर्णन है -
      *ततः सन्ध्यामुपास्यैव वीरौ वीरावसादने। कथयन्तौ रणे वृत्तं प्रयातौ रथमास्थितौ॥८॥*
      - महाभारत गीताप्रेस, द्रोणपर्व, अध्याय ७२
      - संजय कहते हैं - राजन् ! तदनन्तर वे श्रीकृष्ण और अर्जुन दोनों वीर उस वीरसंहारक रणभूमि में सन्ध्योपासना करके पुनः रथ पर बैठकर युद्धसम्बन्धी बातें करते हुए आगे बढ़े।
      इससे ही सिद्ध हो जाता है कि श्रीकृष्ण ईश्वर नहीं, परंतु ईश्वरोपासक थे।

  • @bharat77770
    @bharat77770 5 місяців тому +9

    अवतार होते हैं या यही अंतिम सत्य है..जय श्री राम.जय बाला जी

  • @royalman1354
    @royalman1354 5 місяців тому +11

    जैसे आप एक माध्यम हो❤❤

  • @sahilrai3492
    @sahilrai3492 3 місяці тому +3

    श्री राम परम है ईश्वर है सत्य सनातन है | जय श्री सीता राम

  • @bhragusinghrajput6518
    @bhragusinghrajput6518 5 місяців тому +7

    Bahut badhiya video 🙏 ap sach me hoshiar hae ♥️🙏

  • @Prabhat-oh3je
    @Prabhat-oh3je 5 місяців тому +10

    My only problem with the movie was the overglorification of karna...the chariot scene shown in the end has no mention in any Mahabharata manuscript. Its only folklore..it made arjun look arrogant and karna like the ultimate hero..but in reality Krishna never spoke such words for karna...you can read gitapress authentic Mahabharata.i am not lying.

    • @SudarshansMusicalworld
      @SudarshansMusicalworld 5 місяців тому +3

      What can't expect from them,they already from lot's of years making fool to audience. Everyone makes Karna,Eklavya hero and Arjun and Shri Krishna as villain. We can't expect anything from these directors.

    • @percyweasley9301
      @percyweasley9301 5 місяців тому +1

      Exactly 👺👺💔 People should talk more about this..

    • @manushukla5755
      @manushukla5755 5 місяців тому +2

      ​@@SudarshansMusicalworldyeh in reality Karna was no where in comparison to Arjuna.
      Even in the Virata war, we can see how Arjuna single-handedly defeated Duryodhana ,karna , dushasana,bhisma ,drona and all others powerful warriors and Karan fled from there in the middle of the war.

    • @Sodomedium
      @Sodomedium 4 місяці тому +1

      Hmm karn made a derogatory comment for Draupadi. He was definitely not a hero.

  • @Pramodgoswami
    @Pramodgoswami 5 місяців тому +7

    चौरसिया जी आप एक अच्छा कार्य कर रहे हैं पर आपका अपना मत देना किसी की बुद्धि को अपने पक्ष में मोड़ने जैसा है
    आप दोनोंपक्षों को बताने के बाद लोगोंपर ही छोड़ दे कि वो कहा पहुचना चाहते है 📈

  • @shriharekrishna995
    @shriharekrishna995 5 місяців тому +1

    आपके विचार बहुत ही सुंदर हैं बहुत अलग हैं बहुत ज्ञान मिलता है बहुत अच्छा लगा फिर से धन्यवाद आपका विशाल जी🌻🌻🌻🎉🎉

  • @nothing-f4e
    @nothing-f4e 5 місяців тому +10

    Jai shri ram HyperQuest, I think there is a little misunderstanding in the book of maharishi dayanand saraswati ji, bhagwan avatar issliye lete hai kyunki shayad woh hame samjhana chahte hain ki mere kiye gaye karyo se sikh lekar tum sab bhi apne mann par niyantran karke sukh-dukh jesi chizon me na bhatak kar stheer reh kar shanti prapt karlo.
    Bhagwan khud dukh seh kar yeh bhi toh hame samjha sakte hain ki chahe kuch bhi hojaye tumhe haarna nahi chahiye aur aapne dharm ka palan karte rehna chahiye.
    Agar aap yeh padhle toh kripya mujhe reply kariya, dhanyavad ❣️ jai shri ram 🚩

    • @Seeker-ii6ml
      @Seeker-ii6ml 5 місяців тому +1

      Ek baar phadhlo Puri wo book tab decide karna Ek Baar Puri Padhne Me To Shayad Swami shraddanand ji ko bhi ache se samaj nahi aayi to to hum kya chiz hai

  • @YogeshMate-c9n
    @YogeshMate-c9n 5 місяців тому +1

    🕉️ जय श्री गणेशाय नमः

  • @welcomealways7730
    @welcomealways7730 4 місяці тому +14

    इस अवतारवाद वाले विषय में मुझे विपक्ष वालों (जैसे- स्वामी दयानन्द सरस्वती जी , आदि लोगों ) का तर्क मजबूत दिखाई देता है, हालांकि मेरा मन अवतारवाद के पक्ष को भी नकार नहीं पा रहा शायद ये मेरे भगवान के प्रति श्रद्धा के कारण हो सकता है...!

    • @UtkarshSrivastava-mk5pc
      @UtkarshSrivastava-mk5pc 4 місяці тому

      Aisa bhi to ho sakta ke avtar ha maine reason adharm ho nast karna nhi adhrm ho kaise nast karna hai yai manav ko batana ho aur yeh sekhana ho gee dekho mai bhagvan ho kar bhi karm kar raha hu aur hme jivan jinne ka sahi tareeka batana ho
      Ex ke liye yai dek lo jaise ke police ka kam apradh khatam karna hota hai apradhi nhi

    • @BALIDAN3305
      @BALIDAN3305 3 місяці тому

      @@UtkarshSrivastava-mk5pc अवतार का मेन reason मूर्तिपूजा करा कर मन्दिरों से धन अर्जित करना है यदि अवतारवाद को न मानेंगे तो मूर्ती किसकी बनेगी? निराकार की उपासना तो योग से होती है उसमें दान धन का कोई स्थान ही नहीं वहाँ अस्तेय अर्थात त्याग है। मठाधीसों के सिंहासन हिल जायेंगे मूर्तिपूजा बन्द हुई तो।

  • @dangarharsh7055
    @dangarharsh7055 5 місяців тому

    बहोत सुंदर भाई।🙏
    आज की पीढ़ी को इस प्रकार के ज्ञान की बहोत जरूरत है
    आपको बहोट बहोट धन्यवाद 🙏 प्रभु आपको स्वस्थ रखे और इसी प्रकार के वीडियो साझा करते रहे । 🙏❤️

  • @aryans6565
    @aryans6565 5 місяців тому +8

    Jo main sochta hu achanak dekhta hu ki usi topic par video ban gyi

  • @amarkumar1250
    @amarkumar1250 5 місяців тому +1

    जन्म अवतार में बहुत फर्क है❤

  • @PowerfulMindMastery
    @PowerfulMindMastery 5 місяців тому +3

    Osho mahan philosophare ❤❤❤

  • @arane304
    @arane304 4 місяці тому

    सद गुरु जी को चरण स्पर्श,सत साहेब, सत साहेब, सत साहेब, साहेब बंदगी।🙏🙏🌹🌹💐🌹🌹🙏🙏

  • @InsightGrid620
    @InsightGrid620 5 місяців тому +17

    answer of the question raised in title of video
    yes, avatarism is mythology, and understand the term mythology. it doesn't used for fake things. basically its translations "maanyata"
    Mythology refers to a collection of traditional stories, beliefs, and teachings often rooted in ancient cultures or religions. It may involve gods, heroes, supernatural beings, and explanations for natural phenomena. Mythology can serve various purposes, such as providing cultural insights, moral lessons, or explanations for the world around us.

    • @rodramudra
      @rodramudra 5 місяців тому +2

      myth = mistry rahasya🎉

    • @paulomi9351
      @paulomi9351 5 місяців тому +2

      ​@@rodramudramyth means mithya or falsehood

    • @paulomi9351
      @paulomi9351 5 місяців тому +1

      ​@@rodramudra
      Myth means mithya
      The word myth derives from the Greek mythos, which has a range of meanings from “word,” through “saying” and “story,” to “fiction”; the unquestioned validity of mythos can be contrasted with logos, the word whose validity or truth can be argued and demonstrated.

    • @FuturisticNeel
      @FuturisticNeel 5 місяців тому +1

      ​​​​@@paulomi9351Myth isn't meaning of fake or mithiya but historical events,traditional story and cultural practices etc... and logy has meaning which is related to study or knowledge.. Mythology is about some activities of story that had happened in distance past but it's culturally still exists..So Our puran story mixture of Fairy tales and Mythological.. Fairy tales means mithya or fake.. So, Mythology and fairytales aren't the same.. 🙏

    • @paulomi9351
      @paulomi9351 5 місяців тому +1

      @@FuturisticNeel jee nahi
      Our puranas are not fairy tales or mithiya
      It had complete geographic reference and cosmic reference
      When we refer to sankalp mantra like
      Jambudweepey bharatkshetrey bharatkhundey bharatvarshey..
      We actually refer to a geographic reference and we have cosmic reference to existence of higher realms of existence in universe which we call devlokas and levels of narklok
      There are other lokas of existence in universe and lot of details mentioned in our scriptures. There was nothing called fairy tales in our scriptures

  • @gauravpal5372
    @gauravpal5372 4 місяці тому

    ❤जय श्री राधे श्याम

  • @satishmaurya2089
    @satishmaurya2089 5 місяців тому +62

    भाई सिख कोई दूसरा धर्म नही है, वो हिन्दू धर्म ही है। जय श्री राम 🙏🙏

    • @Jay-kf5hw
      @Jay-kf5hw 5 місяців тому +13

      Wo khud ko hindu nhi maante toh ham kyu maane....

    • @thenationalist8845
      @thenationalist8845 5 місяців тому +11

      ​@@Jay-kf5hwbhai jo aisa maante hai vo khud hi Sikh nhi hai
      Aadhe to b christian ban chuke hai
      To hame Sanatani sikho se achhe sambandh rakhne chahiye
      Unke aur books me likha hai
      Ki Vedic Dharma ko bachane ke liye Khalasa ko banaya gaya hai

    • @KIM_JONG_UN_MOTA_BHAI1008
      @KIM_JONG_UN_MOTA_BHAI1008 5 місяців тому +6

      Bhai wo log khud nahi mante ajj kal maximum sikh yahi mante hae ki himduo alag hae or wo.l9g hinduo se nafrat kerte hae

    • @JattSikhKing
      @JattSikhKing 5 місяців тому +1

      chal be gaumutra , we are different ok.

    • @JattSikhKing
      @JattSikhKing 5 місяців тому

      @@thenationalist8845 reality me jee saale

  • @rAJsHaw5177
    @rAJsHaw5177 5 місяців тому +1

    Bhaai tm kya smjhaye ho yrr ....
    Bhaai ...mtlb ....
    ❤❤❤❤
    Modi ji ka jo example hai tha ki wo shaktishaali waykti hai lekin niyam se bndhee hai ...taki ussi system ko chlaa skee ....
    I mean to this quite and fabulous understanding
    Mai kitna tmhara samman kroon mai btaa ni paa rha apne shabdon se😊😊❤

  • @suryanshpandeyofficial
    @suryanshpandeyofficial 5 місяців тому +3

    Har Har Mahadev 🙏 🔱

  • @AmanGupta-cz8ph
    @AmanGupta-cz8ph 5 місяців тому +2

    🙏🕉️जय श्री राम जय श्री कृष्णा हर हर महादेव 🕉️जय श्री कल्कि भगवान 🕉️

  • @mitalisarkar8249
    @mitalisarkar8249 5 місяців тому +3

    जय मा तारा जय श्री कृष्ण जय कल्की

  • @Pranto26
    @Pranto26 5 місяців тому +2

    Bohot acca explain kartee hoo vaii... Love form Bangladesh... ❤❤❤

  • @Xyzzzz10
    @Xyzzzz10 5 місяців тому +3

    Bhagwad geeta is the only solution for all the questions...We have to accept like arjuna then we understand mind,sense,soul,supesoul,God,time and nature...🙏

  • @BuNNY_GAMING-o5b
    @BuNNY_GAMING-o5b 4 місяці тому +1

    ईश्वर एक मध्यम है जो विद्वानों द्वारा ईश्वर के मध्यम अपने बातो को लोगो तक पेश करते है ।

  • @akg421
    @akg421 5 місяців тому +5

    i think, story of these 7 chiranjivi is to establish dharma and its 7 piller, like Ved Vyash - Ultimate knowledge, Hanumaan - Ultimate Bhakti, Parshuram - Ultimate warrior, so want to ask you what could be the properties of 4 other chiranjivi. pls respond

  • @MadPhilosopher13
    @MadPhilosopher13 5 місяців тому +1

    Sir, If you upload a video with deep questioning, analysis, and verification on the topic "Why we can't connect to God without being a Vegan, in today's time", it would help a mass of people to choose The Red Pill, The Truth, and walk on the ethical and compassionate, humane path. Thank you for your attention to this matter.

  • @Sam3290-s9l
    @Sam3290-s9l 5 місяців тому +4

    Your explanation is always interesting sir 😍😍 Jay jagannath 🙏😍

  • @Ytuser5627
    @Ytuser5627 5 місяців тому +2

    Jai Shri Ram 🙏🏻🚩

  • @motiv44लक्की
    @motiv44लक्की 5 місяців тому +4

    भाई आँखे होते हुए आँखो पर पट्टी बांध कर लुका छिपी खेलते हैं तो ठोकरे लगती है चाहे बच्चे हो या उनका पिता हो।लुका छिपी का खेल ठोकरो वाला दुख वाला खेल है फिर भी लोग यह खेल खेलते हैं। इसलिए ईश्वर अवतार लेता है। आत्मा और परमात्मा दोनों अंनंत शक्तिशाली है। आत्माए खिलाड़ी है और परमात्मा केवल अंपायर है।कोच का या गुरु का भी अत्यधिक महत्व है। किसी अच्छे खिलाड़ी या आत्मा को गुरु बनाना चाहिए।

  • @themodernsage108
    @themodernsage108 4 місяці тому

    तया विलसितेष्वेषु गुणेषु गुणवानिव ।
    अन्त:प्रविष्ट आभाति विज्ञानेन विजृम्भित: ॥
    Meaning :- After creating the material substance, the Lord [Vāsudeva] expands Himself and enters into it. And although He is within the material modes of nature and appears to be one of the created beings, He is always fully enlightened in His transcendental position.
    ( Srimad Bhagavata Mahapurana 1.2.31 )
    Even Sripad Adi Shankaracharya ji also accepted this position of lord in his Gita Bhashya. Then how you can say that he remained quiet on 'avtarvaada' ?

  • @Learner630
    @Learner630 4 місяці тому +3

    Merae bhi kuch sawal hai jaise agar bhagwan niyamo se bandhe hai to chiranjeevi to nahi hone chahiye kyoki , koi bhi apni age ko itna push nahi kar sakta, to yaha pe to unke vachan hi niyam ban gaye kyoki koi kitna bhi bada gyani ho lekin Geeta ke Gyan ko nahi jhuthla sakta aur Mahabharat me aswathama ji ko Ramayan me vibhishan ji , Hanuman ji jaise logo ko to is yug ke ant tak rahne ka vardaan Mila hai isse to yahi sabit hota hai na unke vachan hi niyam hai 🤔🤔🤔🤔

    • @editroom212
      @editroom212 4 місяці тому

      Bro I think those are just stories or might be philosophy. Kyuki almighty god kabhi janm nahi leta na uska koi rang,roop aur shape hai. Almighty god(🕉️,)is beyond our imagination and its eternal. So uko koi jarurat nahi hai yaha aane ka par ye ho sakta hai ki jo person yaha earth pe janm leta hai wo kuch bada kaam jo mamuli logo ka bass ka nahi hai wo chiz karke wo maha purush wa bhagwan ban sakta hai. Bhagwan here simple means tho who attained samadhi and got moksha. Soo I think ram ji,shree krishna ji etc were just humans as us but due to their some out of stage and good work we can consider them a good person but not almighty god. Soo unhe pujna thoda galat hai .

  • @pranjalsoni21
    @pranjalsoni21 4 місяці тому

    सतयुग में लोग ईश्वर का ध्यान करने मात्र से ही ईश्वर को प्राप्त कर लेते थे ।
    पर युगो के घटते क्रम में ईश्वर का ध्यान करना दुर्लभ हो गया तो ईश्वर ने अपने भक्तों के लिए यह प्राकृत लीला की है।
    जिसकी भृकुटी तेडी होने से सृष्टि का विलय हो जाए उसे अवतार लेने की कोई आवश्यकता नहीं किंतु उनके भक्त उनका गुण गाना गाकर भव से पार हो सके इसलिए ईश्वर ने यह है प्राकृत लीला की है मनुष्य जैसी
    तुलसीदास जी ने इसका बहुत अच्छा निरूपण किया है।❤❤

  • @MontyRao662
    @MontyRao662 5 місяців тому +4

    भगवान आयेंगे, हमारी रक्षा करेंगे।
    बस यही मानसिकता इस देश को बरबाद करते आ रही है।

  • @Together.we.grow.better
    @Together.we.grow.better 5 місяців тому +2

    19:23 Yes, bhaiya what you said is right. You understood right but God also give free will according to prarabdh.

  • @aumpatel2195
    @aumpatel2195 4 місяці тому +8

    I believe you are envious of Krishna and Ram, which is why you choose your own path instead of trusting Indian scriptures. With a little knowledge and some respect from others, you've become an egoistic person who thinks he can research whatever he wants. But that's not true, my friend. Your vision is focused on money right now, and while that's not necessarily a bad thing, you're feeding your ego with this respect and knowledge. I am strongly disappointed with your video and your so-called facts because they are not entirely accurate. You have manipulated this video to satisfy your own ego.

  • @geetaquransimilaritiesbydr4074
    @geetaquransimilaritiesbydr4074 8 днів тому

    नमस्ते,
    बहुत खूब

  • @shyambihari3615
    @shyambihari3615 5 місяців тому +3

    😢Prakratim svamadhishthay sambhavamyatm mayaya

  • @digvijayjayakar8397
    @digvijayjayakar8397 5 місяців тому

    What mind bending logical deductions you have made ! Bravo !

  • @Anubhavsengupta1902
    @Anubhavsengupta1902 5 місяців тому +13

    Sir you should make a video on the horrible Cast system in Buddheism that sadly 99%of Hindus still don't know!,that video is needed specially for all the Neo Buddheists in Bharat who only wants to blame and disrespect Hinduism,just because our modern day Hindus have a dangerous virus on them named Sickulerism that's why 99%of them always talk about Islam only but I strongly belive that Buddheism should also be exposed!🔱🕉️

    • @Dave_en
      @Dave_en 5 місяців тому

      His objective is to educate Hindus about different philosophies existing in Hinduism or Sanatan Dharma. If you want to see the exposing of Buddhism then you can watch sanatan samiksha.

    • @Anubhavsengupta1902
      @Anubhavsengupta1902 5 місяців тому +4

      @@Dave_en Ha lakin phir bhi mai chahunga hi Hyper Quest sir uss topic par ek video banai,kyuki Navbodh bohat irritating hota hai!,aur unka irada kuch Janna ya samajhna nahi hota woh sir sirf Hindu dharm ka prati jahar ugalta rahta hai,aur apna khudka hi grantho ko parkar nahi dakhnta ki unma kya kya acchi-acchi bata likhi hui hai!

    • @thinkgood6440
      @thinkgood6440 5 місяців тому +1

      Bhai khud ka tu thik karlu yaar

    • @Anubhavsengupta1902
      @Anubhavsengupta1902 5 місяців тому +3

      @@thinkgood6440 Kuch samajh mai nahi aya!😑

    • @Dave_en
      @Dave_en 5 місяців тому +1

      @@Anubhavsengupta1902 jo log jaan kar bhi anjaan bante hain unka kuchh nhi kiya jaa sakta. Aap unke khilaaf video banwaoge, aapke khilaaf wo video banayenge. Nateeja zero niklega.

  • @Xyzzzz10
    @Xyzzzz10 5 місяців тому

    Bhagwaan purna shaktiman hai aur yaha pe apne sudhh bhakto se reciprocate krne ke liye bhi aate hai..
    Radhe shyam 💗

  • @SuyashKrishnaDas108
    @SuyashKrishnaDas108 5 місяців тому +1

    According to Achintya Bhedabhed philosophy, God creates the world for His pleasure, maintains the world for His pleasure, and comes here for His own pleasure.
    Krishna says in Bhagavad Gita: Janma Karma Cha Me DIvyam Evam Yo Veti Tatvatah.
    He says His appearance and actions are inconceivable.
    So He can appear in the world while taking complete care of every single inch at the same time.

  • @MiLAN_0000
    @MiLAN_0000 5 місяців тому +6

    6:30
    According to me
    Ishwar take avatar to kill adharam and teach lesson to all people

  • @Moh-maya-2wt7t
    @Moh-maya-2wt7t 5 місяців тому +1

    भगवान इस संसार के सृष्टिकर्ता हैं। इस आधार पर पश्चिमी शिक्षा प्रणाली के अनुसार मैं कह सकता हूँ कि यदि कोई नई खोज होती है, तो उसके सृजनकर्ता को आकर उसका प्रदर्शन करना चाहिए और उसे उपयोग करने के सभी गुण सिखाने चाहिए।
    इसी प्रकार भगवान ने अवतार लिया ताकि हमें सिखा सकें कि उनके द्वारा रचित इस धरती पर कैसे जीना है, ताकि हम सभी दुःख और कष्टों के बीच अधिक शांति से रह सकें।

  • @Mr.Aman_bhaiya
    @Mr.Aman_bhaiya 5 місяців тому +3

    #Ramcharitmanas ❤

  • @RiteshKumar-xm6lr
    @RiteshKumar-xm6lr 5 місяців тому

    ❤❤Main bhi yahi manta hu ki koi apne consciousness ke saath purn ho jaaye to use pass itna sakti hoti hai ki dharm sansthapna kr sake......GAUTAM BUDDHA ne bhi to dharm sansthapna kiye lekin wo to sabhi kucch to thukra dete hai...❤❤❤

  • @InfinitudeDharma
    @InfinitudeDharma 5 місяців тому +3

    हमे पता है के आम के पत्ते पेड़ से तोड़ने के बाद भी ऑक्सीजन रिलीज करते हैं इसिलिए ये पूजा में द्वार पर बंधे जाते है।
    तो मेरा प्रश्न ये है एक आम के पत्ते पेड़ से अलग होने के बाद भी ऑक्सीजन रिलीज करते हैं इसका प्रमाण हमारे सनातन धर्म के ग्रंथो या वेदों में कहा मिलता है ?
    कृपा करके इस प्रश्न का उत्तर दिजिए।

  • @rameshtiwari6457
    @rameshtiwari6457 2 місяці тому

    वैदिक दर्शन ही सत्य है !

  • @rishabhyadav3006
    @rishabhyadav3006 5 місяців тому +3

    भारतीय टीम औऱ पुरे भारतवर्ष को T20 विश्वकप मेँ जीत की हार्दिक बधाई ❤️

  • @RumaAdak-z1q
    @RumaAdak-z1q 4 місяці тому +1

    Full support Kalki ❤

  • @pranjalchhajer71328
    @pranjalchhajer71328 4 місяці тому +1

    मेरे ख्याल से नियमोें से बंधे होने का कारण उचित हैं। ये नियम वरदान, वचन या श्राप हो सकते हैं। जैसे राधा जी को श्राप मिला था कि वे 100 वर्षों तक कृष्ण जी को भूल जायेंगी और मृत्यु लोक में जायेंगी।
    साथ ही भगवान इसलिए भी अवतार लेते हैं और सीधा सब कुछ नहीं बदलते ताकि मनुष्य जाति को समझा सके। अधर्म का नाश किये बिना धर्म की स्थापना कैसे कर सकते हैं ।
    जय जय श्री राधे कृष्ण🙏🙏

  • @crazyprob
    @crazyprob 4 місяці тому +1

    मेरे भाई, ईश्वर में कोई कमी नहीं है। वो बाहर रहकर ही सब कर सकते है। परंतु ईश्वर जन्म लेते अपने भक्तों के प्रार्थना पर। जब तक उनका कोई भक्त उन्हें अवतारित होने के लिए प्रार्थना नहीं करते तब तक वो नहीं आते। आपकी जानकारी बहुत ही संकीर्ण है क्योंकि आप ख़ुद नुराकारवादी है। आदि शंक़राचार्य अपना जीवन नुराकरवाद से प्रारंभ किए परन्तु आकारवाद पर संपन्न किए।

  • @unknowngrip
    @unknowngrip 5 місяців тому +1

    Radhe Radhe❤❤❤

  • @AmitBhatt9221
    @AmitBhatt9221 5 місяців тому +1

    A very interesting video main to isme kho hi gaya tha. ❤❤❤❤❤

  • @AyushKumar-xb5or
    @AyushKumar-xb5or 5 місяців тому +2

    मनुष्य ईश्वर की खोज आदिकाल से कर रहा है और इसके लिए वह अनंत संभावना को भी सत्य मानता है । मेरा विश्वास है कि विज्ञान ईश्वर की सत्ता को अवश्य स्वीकार करेगा। क्योंकि जो ईश्वर की सत्ता को स्वीकार नहीं करते वह स्वयं ही निराधार हो जाते हैं ।

  • @Rohit-Tirkey123
    @Rohit-Tirkey123 5 місяців тому

    Hari om hare Krishna 🚩🙏🚩

  • @VedicYaduvanshi
    @VedicYaduvanshi 5 місяців тому +1

    Vedant Darshan me bhi , Avtar ka Support hai 😮😮😊😊

  • @Simon_786
    @Simon_786 Місяць тому

    Hare ram hare Krishn ✨

  • @anuragmallick6788
    @anuragmallick6788 5 місяців тому +1

    जय सनातन वैदिक धर्म की॥ 🕉❤🙏🏻

  • @thekerlastory7312
    @thekerlastory7312 5 місяців тому +1

    Bahut achhi channel h ye log jud rahe h different angle se sawal puch rahe 🎉this is Hinduism koi blashpher me nii kisi ka gala mahi kata jayega

  • @YogeshMate-c9n
    @YogeshMate-c9n 5 місяців тому

    हरी 🕉️ तत्सत्

  • @tanishdey7582
    @tanishdey7582 5 місяців тому +2

    हम जानना चाहते हैं कि हिंदू धर्मग्रंथ शाकाहारी भोजन और मांसाहारी भोजन के बारे में क्या कहते हैं...... Please vaiya make a video on this topic..... Love from West Bengal❤❤

    • @mayankindian3750
      @mayankindian3750 5 місяців тому

      I think usme kary ke hisaab se hai tamsik sattvik rajsik 😊

  • @musickartik
    @musickartik 5 місяців тому +1

    Very thought provoking 👍🏼👏🏼 great work

  • @kunalkar8315
    @kunalkar8315 5 місяців тому +1

    Bohot khatarnaak sabit hone wala hai kalyug ki anth 😮

  • @Bharat2339-n1m
    @Bharat2339-n1m 4 місяці тому

    थोड़ा बहुत पढा लिखा तो मैं भी हूँ, थोडा बहुत मगर आप से कम समझदार तो मैं भी हूँ। पर अब अच्छा लग रहा हैं की आप से कम समझदार हूँ। हानिकारक होता हैं ये

  • @ankurbhatnagar87
    @ankurbhatnagar87 5 місяців тому

    जब जब होई, धर्म की हानि,
    तब तब प्रभु, मानुज तन धरिया....

  • @RohitYadav-ld8xr
    @RohitYadav-ld8xr 4 місяці тому

    बेटा अद्भुत❤

  • @Amita_Yadav108
    @Amita_Yadav108 4 місяці тому +2

    अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण और भगवान श्री राम कोकोटि कोटि नमन❤❤❤❤

  • @dharmendrasoni2860
    @dharmendrasoni2860 5 місяців тому +1

    प्रत्येक जीव भगवान का अवतार है।जब जब धर्म हारता है तब हम में से ही कोई खड़ा हो जाता है।अन्यथा ईश्वर ही तो इस चराचर जगत के रूप में व्यक्त हुआ है। ना तो ईश्वर कहीं गया है ना कहीं से आकर अवतार लेता है।सम्पूर्ण चराचर जगत शिवशक्ति का ही व्यक्त रूप है।
    नमः शिवाय

  • @NatkhatKaanha
    @NatkhatKaanha 4 місяці тому +1

    Ishwar ne niyam banaye hain jinko khud ishwar bhi tod sakte kewal unme kuch badlaaw kar sakte hain....aur ishwar khud bhi un niyami se bandhe hote hain 🙏

    • @fushhiii
      @fushhiii 4 місяці тому

      Mtlab tum idiot ho phir andhbiswas

  • @RupeshBansal-q3t
    @RupeshBansal-q3t 5 місяців тому +2

    Bahut bahut dhanyawad aur sadhuwad 🎉 kripya ayurved ki scientific analysis ka video bhejo

  • @gayatrirajput7821
    @gayatrirajput7821 5 місяців тому +2

    Thank you 🙏🙏🙏

  • @RajendraKumar-dj8yu
    @RajendraKumar-dj8yu 5 місяців тому

    जय श्री शिव शंकर भोलेनाथ महादेव शिव शंकर शिव शिवा माता पार्वती पारवती देवी माता श्री कार्तिकेय श्री गणेश ईश्वर भगवान 🙏

  • @vijaygawali7426
    @vijaygawali7426 4 місяці тому

    Gajab ka explanation diya bhai .. super

  • @B-सत्संग
    @B-सत्संग 4 місяці тому

    आपका ज्ञान बहुत अच्छा लगा धन्यवाद

  • @harekrishna2291
    @harekrishna2291 5 місяців тому +1

    श्लोक 9.11 copy
    अवजानन्ति मां मूढा मानुषीं तनुमाश्रितम् ।
    परं भावमजानन्तो मम भूतमहेश्वरम् ॥ ११ ॥
    शब्दार्थ
    अवजानन्ति-उपहास करते हैं; माम्-मुझको; मूढा:-मूर्ख व्यक्ति; मानुषीम्-मनुष्य रूप में; तनुम्-शरीर; आश्रितम्-मानते हुए; परम्-दिव्य; भावम्-स्वभाव को; अजानन्त:-न जानते हुए; मम-मेरा; भूत-प्रत्येक वस्तु का; महा-ईश्वरम्-परम स्वामी ।.
    अनुवाद
    play_arrowpause जब मैं मनुष्य रूप में अवतरित होता हूँ, तो मूर्ख मेरा उपहास करते हैं। वे मुझ परमेश्वर के दिव्य स्वभाव को नहीं जानते।