साधना जैन,,, मेरा मानना है कि पूरे विश्व में,, मैं ही मैं हूं मेरे अलावा और कुछ है ही नहीं,,,, । ईस्ट संयोग में राज क्यों कर रहा,,, बोकारो में सुख की सुगंधि नहीं,,, शुद्ध निश्चय से तू ही है परमात्मा,, अपनी महिमा को क्यों जानता नहीं,,, हर जगह है मेरे अलावा कुछ है ही नहीं ☺️🙏☺️
श्रीवीर प्रभु की जय हो, निरोध का अर्थ उत्पन्न ही न होना । अतः वहा अर्थ है कि इक्छाओ का उत्पन्न ही न होना परम तप है, क्योंकि इच्छा ही संसार के प्रमुख कारणों में से एक है ।
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Sardar ji Punjab
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जिस की वजह से संसार भृमण हो रहा ऐसे मिथयातव का परिचय ही नही तो इस संबंधी भूल कैसे दूर हो।🤔
गजब सरल भेद ज्ञान की विधि🙏
Kolhapur 🙏
सभी साधर्मी मुमुक्षु जीवों को सादर जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏
जय जिनेन्द्र पंडित जी एकदम सही बात 👌👌👌🙏🙏🙏
मौन वंदना🙏🙏🙏
जय जिनेन्द्र पंडित जी, बिलकुल सही
शब्दो में कर्तत्व रहे लेकिन भावना में कर्तत्व नही होना चाहिए🙏
Mumbai - JAI JINANDRA
जय जिनेंद्र सर जी, आप मुझे मेरे पापा की याद दिला देते हो
सादर जयजिनेन्द्र,सरजी... 🙏🏻🕉️🙏🏻🕉️
Jai jinendra bhai 🙏🙏🙏
Jai jinendra dahod
साधना जैन,,, मेरा मानना है कि पूरे विश्व में,, मैं ही मैं हूं मेरे अलावा और कुछ है ही नहीं,,,, । ईस्ट संयोग में राज क्यों कर रहा,,, बोकारो में सुख की सुगंधि नहीं,,, शुद्ध निश्चय से तू ही है परमात्मा,, अपनी महिमा को क्यों जानता नहीं,,, हर जगह है मेरे अलावा कुछ है ही नहीं ☺️🙏☺️
Thank you very very much Dr. VIVEK JI. Aap ke Gyaan ki bahut bahut anumodna . 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 .
दुबारा नहीं उगता चावल
Jay jinendre Dolly kothari dahod 🙏🙏
हमारा सारा जोर, सारा चिंतन मनन पर्द्रव्य में है इसीलिए भेद ज्ञान मे मन नहीं लगता
Husband se gir jai glass
श्रीवीर प्रभु की जय हो, निरोध का अर्थ उत्पन्न ही न होना । अतः वहा अर्थ है कि इक्छाओ का उत्पन्न ही न होना परम तप है, क्योंकि इच्छा ही संसार के प्रमुख कारणों में से एक है ।
पर भाई एक बात btayiye चावल जरूरी है क्या चढ़ाना
अरे स्वाध्याय ही नहीं होता
🙏🙏🙏