Kota parvchan 1 समयसार गाथा 6 आत्मानुभूति के बिना सम्यक दर्शन होता है ?

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  • Опубліковано 21 сер 2024

КОМЕНТАРІ • 21

  • @sandeepbhandari8433
    @sandeepbhandari8433 Місяць тому +1

    अपनी आत्मा की सच्ची श्रध्दा से ही धर्म होता है🙏

  • @vijayashah8856
    @vijayashah8856 Місяць тому +1

    Jai jinendra dahod

  • @vandanajain7810
    @vandanajain7810 Місяць тому +1

    जय जिनेन्द्र पंडित जी

  • @prakashhekkad2310
    @prakashhekkad2310 Місяць тому +1

    Mumbai - 🙏🙏🙏🙏🙏- JAI JINANDRA🙏

  • @sandeepbhandari8433
    @sandeepbhandari8433 Місяць тому +1

    मौन वंदना🙏🙏🙏

  • @raginishah9992
    @raginishah9992 Місяць тому +1

    🙏🙏🙏

  • @sadhanajain7527
    @sadhanajain7527 Місяць тому +1

    Jai jinendra bhai 🙏🙏🙏

  • @bhanwarlalsanghvi
    @bhanwarlalsanghvi Місяць тому +1

    👏👏👏

  • @pallavishah4691
    @pallavishah4691 Місяць тому +1

    👌🙏🙏🙏

  • @artipatni5156
    @artipatni5156 Місяць тому

    अज्ञानता का फैलाव सही समझाया👌👌🙏

  • @BaljitSingh084
    @BaljitSingh084 Місяць тому +2

    Sardar ji Punjab

  • @KantilalJain-pj8gx
    @KantilalJain-pj8gx Місяць тому

    सेमारी उदयपुर तत्व का निर्णय कराया बहुत बहुत आभार

  • @sandeepbhandari8433
    @sandeepbhandari8433 Місяць тому +1

    आत्मानुभूति होने के बाद आत्मा अनुभूति नहीं रहती तो भी सम्यक दर्शन बना रह ता है🙏

  • @IconicAnime352
    @IconicAnime352 Місяць тому

    सभी साधर्मी मुमुक्षु जीवों को सादर जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏

  • @lavijain6611
    @lavijain6611 Місяць тому

    लवी जैन.........बिल्कुल सही भैया जी 🙏
    सोच समझ ले ओ रे चेतन क्यु भ्रम से तू भूला है?
    आत्मदृष्टि से देख रे चेतन अभी समय तेरा चेला है!
    फिर क्या होगा ओ रे चेतन क्यु उसमें तू उलझा है?
    एक बार तू आत्म में टिक रे चेतन अभी सारा दुख छूटा है

  • @user-dj7sq2il9g
    @user-dj7sq2il9g Місяць тому +5

    साधना जैन,,,, मोह की महिमा देखो क्या तेरे मन में samai तूने अपनी ही महिमा भुलाई,,, तुझे अपनी ही महिमा ना आई,,,, काहे अरिहंतो के कुल को lagaya,,, काहे जिनवाणी मां का कहना ना माना,,, काहे गुरुवार की सीख ना मानी,,, सिद्ध सामान शक्ति,,, हरकत बचकानी,,, अपने ही हाथों अपने घर में ही आग lagai,,, तुझे अपनी ही महिमा ना आई😊,🙏🙏🙏

  • @mahendrasiroya7241
    @mahendrasiroya7241 Місяць тому +1

    सादर जयजिनेन्द्र,सरजी... 🙏🏻🕉️🙏🏻🕉️

  • @surendrajain1287
    @surendrajain1287 Місяць тому +2

    न तो पांडित्य का मायाजाल ना ही कोई भरम जाल।सीधे तौर पर गाथा 6 का मर्म बताया गया है।धन्यवाद। शाम को तत्व निर्णय के साथ तत्व विचार का भी खुलासा करना।

  • @reenajain6006
    @reenajain6006 Місяць тому +4

    Thank you very very much Dr. VIVEK JI . Aap ke Gyaan ki bahut bahut anumodna . 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 .

  • @drvinodjain3186
    @drvinodjain3186 Місяць тому +1

    Jai jinendra

  • @deshnabadkul4886
    @deshnabadkul4886 Місяць тому +1

    🙏🙏🙏