🙏 Dr गिरिजा प्रसाद जी आपके द्वारा सामवेद के मंत्रो का गायन सुनकर आत्मा तृप्त हो गई। आपके और हम सबके ऊपर उस महान परमपिता का आशीर्वाद बना रहे और हम सब अनंत काल तक सामवेद के मंत्रो का सस्वर गायन सुनते रहे।
@@jitendralohar7773 यह सामवेद के कौथुम शाखा अन्तर्गत है। यह दक्षिणभारत मे है। द्रविडपाठ के नाम से भी कहा जाता है। कौथुम शाखा मे कई पाठ है जैसे की गुर्जर पाठ, काशीपाठ,द्रविडपाठ आदि, प्रान्त के भेद से कई पाठभेद दिखाइ देता है। कौन जाने यह पाठ परम्परा का भेद को देखने पर सामवेद मे सहस्र शाखा होने का याद जरुर होता है।
@@DrGirijaprasadShadangi प्रभु! मैं भी सामवेदी हूँ। संध्या भी करता हूँ। कृपया कोई वीडियो बनाएं जिससे हम इस पाठ को सीख सकें। तथा कौथुमी आदि शाखाओं के पाठ में क्या भेद होता है?
To those wanting to know the meaning - "Even hundreds of skies, hundreds of earths could be yours O Indra, And a thousand suns don't reach your manifestation, O Vajri, nor both realms" The mantra is basically Rigveda 8.70.5, seen by Puruhanman Angirasa, dedicated to the great Indra. Speaks about the manifestation of Indra, as the Will, the spontaneous and impulsive, mysterious force who drives the universe forward. His manifestation cannot be matched by hundreds of skies, hundreds of skies, thousands of suns. In the Saman, the "huve" repeated not just creates an aesthetic effect but also adds to the fact that we are invoking (huve = "I invoke") Indra repeatedly, the effort from us being our best although it can never match His Greatness.
@Kiron Krishnan Thankyou very much. If all the works of Dr Girijaprasad can be translated into English and published, it will preserve our ancient knowledge. Or else Time and circumstance will take it all away if we are unworthy
Most of the hymns of the Sama Veda are basically just Rig Veda verses. These Rigveda verses are taken and then modified and altered by adding syllables and lullabies between them to fit some sort of a musical metre and melody. So as such these syllables such as "Hāovā" "aihoi" etc do not mean anything but they are inserted to fit the melodic metre. It gives us a peek into what melodies were existing in 1000 BC India.
@@raju1950 indra is name of supreme God in vedas, the indra you see in TV is not the indra of veda, he is indra of puranas. puran followers like vaishanava and shaiva people insulted indra in their secterian puranas. hence indra is seen as bad guy and vihsnu and shiva are seen good guys
सामवेद संगीत का जननी है। यह आज का आधुनिक संगीत नहीँ है। परन्तु यहाँ पर सभी सप्त स्वरों का नाम, वर्ण, जाति, गुण, स्थान आदि का प्रप्रथम रूप से वर्णन और विनियोग है। इन स्वरों का विनियोग से गाया गया मन्त्रो को साम गान कहते है। यह गान चार प्रकार मे विभक्त है। ग्रामगेय गान, आरण्यक गान, ऊह गान और रहस्य गान है। गावोँ मे गाने जाने को ग्रामगेय , अरण्य मे गाये जाने को आरण्यक कहा जाता है। आज हम संगीत को गाँव के परिभाषा मे देखे तो यह सामगान के बहुत करीब है मिलते है। आधुनिक संगीत , शास्त्राीय संगीत , पारम्परिक संगीत के रुपसे यह समयानुकुल अभिवृद्धि को प्राप्त किया है।
बहुत अच्छा। वेदानां सामवेदोस्मि । सामवेद के पढाई सोला भागवत विद्यापीठ अहमदावाद गुजरात मे पुराने समय से हो रहा है। आप धन्य हो। सामवेद से सम्बन्धित गान,ब्राह्मण, लक्षण, प्रातिशाख्य, भाष्य, प्रयोग, गृह्यसूत्र,श्रौतसूत्र और धर्मसूत्रो का सभाष्य अध्ययन करके बहुत सारे ज्ञान प्राप्त कर सकते है। मेरा शुभकामना है।
हर साम का 5 या 7 भक्ति होते है। जैसे की - प्रस्ताव, उद्गीथ, प्रतिहार, उपद्रव और निधन इस प्रकार पाँच। हिम् ओर ओम् हो तो सात होता है। यज्ञ मे साम का आरम्भ भाग को प्रस्तोता गाने के कारण प्रस्तावभक्ति, उसका अगला भाग उद्गाता गाने पर उद्गीथ भक्ति इस प्रकार अन्तिम भाग को गाने पर निधनभक्ति कहा जाता है। सर्वेर्निधनम्। निधन भक्ति को सभी तीनो ऋत्विज मिलकर गाते है। इसका सही विधान आप श्रौत यागों मे देख सकते है। पुस्तक मे इसको जानने केलिये पर्व के बीच दो लिटि दिया जाता है। जिससे यह भक्ति सरल से समझ मे आ जाये।
@@DrGirijaprasadShadangi नमस्ते। मुझे इसी तरह के व्हिडिओ का इंतजार है। जो मैं देखना चाहता हूं। इससे समाज का खुद की संस्कृति के बारे में ज्ञान अवश्य बढ़ेगा।
Namaskaaram - i can relate the richas from Taitreeya Aarnakyakam 1st prashnam ( Surya namaskaaram ) how this relates to Lakshmi sukta and why its termed as pushyam vairoopam - please tell me ji - thank you very much
Shaashtaanga namaskarams - iam really interested in learning the Sama vedam - however am an yajur vedin and my adhyayanam is going on and on 🙏 - really liked your impeccable rendition 🙏🙏🙏 can you take the basics of maatraas and sas swaram intricacies involved in Sama vedam pleeeeeeez
A great seva for Sama veda.can you send vinayaka sooktham all the 10 Verses with audio ? U can start an online patasala ! Love and Blessings. I am doing my best for yajur. Sai Premi
साष्टांग प्रणाम स्वीकार करे पूज्य सामवेदाचार्यश्री। गोभिलगोत्र सामवेदी ब्राह्मण हूँ, मुझे सामवेद अभ्यास करना है, कृपया मुझे सामवेद अध्ययन हेतु आपका सानिध्य कैसें प्राप्त हो यथासम्भव कोई मार्ग बताएं... पुनः सादर प्रणाम।
सामवेद भगवान आपके आशा पूरण करें ऐसी मेरी कामना है। आपके नजदीक कोई सामवेद के विद्वान गुरुजी है तो उनसे जरुर संपर्क करें। और हम यहाँ पर शुरु से सामगान के विडियो बनाकर भेज रहे है। उसका श्रवण करे।
Sir very beautiful recitation...kindly explain about the swaras used in sama veda...it will be useful for the beginners....we find difficult to follow the swaras....🙏
श्रीधर जी नमस्ते, सामवेद के बारे मे मेरे पुस्तक सामवेदीय प्रकृतिगानम् प्रकाशित है जो की अमेजन पर उपलब्ध है, आप कभी उसको देखे आपके जिज्ञासा जरुर शान्त होगा। कभी ज्यादा जानने का इच्छा हो तो मै आप लोगों का सेवा हेतु उपस्थित हुँ। email- gpshadangi@gmail.com
Beautifull, it also need to be noted that the quran recitation come from the same sound of the 1st veda...many recorded historical proof available that the pre Islamic Arab worshipped hindu gods & lingual & culture as well proofs the same..
ऋचा के ऊपर लिखा हुआ 1 उदात्तस्वर, 2 स्वरित स्वर, 3 अनुदात्त स्वर है। 0 दीर्घस्वर के प्रतीक है। क - कम्पस्वर, उ- उत्स्वरित स्वर होता है। सामगान में कृ अथवा 11 को कृष्टस्वर, 1- प्रथम स्वर, 2 द्वितीय स्वर, 3 तृतीय स्वर, 4 चतुर्थ स्वर, 5 मन्द्र स्वर, 6 अतिस्वार्य स्वर कहते है। इसके अलावा वि - विनत स्वर, न- नमत स्वर, प्रेंख स्वर, सम्प्रसारण स्वर, कर्षणादि अवान्तर स्वर होते है। हो सके तो सामवेदीय प्रकृतिगानम् पुस्तक देखने पर यह सब विस्तार से जान पायेंगे।
@@DrGirijaprasadShadangiनमस्कार गुरुवर्य, Aranyakam 192 के साम ऋक् का शीर्षक रात्री सुक्त है, जो हमारे गुरु जी ने हमें सिखाया है, आप्रागाद्भद्रायुवतिः से शुरू होता है और वइष्वस्यजगतओ रआत्रीः। यह मुझे अभी मिला
सामवेद के ऋचा मे 1 - उदात्त, 2- स्वरित 3 अनुदात्त , 0 या "र" को दीर्घ , 'क' को कम्प, 'वि' को विनत, 'अ' को अभिगीत, प्र को प्रणत कहते है। इसके अलवा कृष्ट, 1 प्रथमस्वर, 2 द्वितीयस्वर, 3 तृतीय स्वर, 4 चतुर्थ स्वर, 5 मन्द्रस्वर, 6 को अतिस्वार स्वर कहते है। इस प्रकार से ऋचा और सामगान मे स्वर होते है। और विस्तार से जानना है तो सामवेद का प्रकृतिगानम् या नारदीयशिक्षा पुस्तक मे विस्तार से वर्णन है देख सकते है।
No, it doesn't sound like Azaan. Azaan has a ghoulish feel to it and doesn't have much variations in pitch. Sama Veda is melodious and is the bedrock of classical Indian music.
वेद आपके धरोहर है। उसको जानना, आचरण मे लाना, प्रचार प्रसार करना, हमारा परम कर्तव्य है। भारत भूमि मे मनुष्य जन्म प्राप्त करके जिज्ञासा को पूरा न कर पाने का दुख रह जायेगा। वेद प्रभु ंसंहिता कहलाता है। उसमे जो कहा है सब कुछ त्रिकाल सत्य है। जानने की माध्यम मे सुनना, पढना आता है। मै आप लोगो को इस हेतु प्रचोदना केलिये यह काम कर रहा हुँ। योग क्षेमो न कल्पन्ताम्।
श्रीमान् सामावेदाचार्य जी!आप के द्वारा लिखित्"प्रकृतिगानम् सामवेद"यह पुस्तक Amazon पे प्राप्त नही हों पा रहा हैं।कृपया काहा से प्राप्त करें यह पुस्तक? यह अवगत करायें!ईश्वर आप कों स्वास्थमय जीवन ओंर अनन्त शक्ति प्रदान करें।🙏🙏🙏
Kindly help confirm, is this the book for samveda kauthuma ganam? PRAKRUTIGANA OF SAMAVEDA सामवेदीय प्रकृतिगानम् www.amazon.in/dp/935382768X/ref=cm_sw_r_apan_glt_fabc_WKQZKCV9WQC1FMWT8NZH
🙏 Dr गिरिजा प्रसाद जी
आपके द्वारा सामवेद के मंत्रो का गायन सुनकर आत्मा तृप्त हो गई।
आपके और हम सबके ऊपर उस महान परमपिता का आशीर्वाद बना रहे और हम सब अनंत काल तक सामवेद के मंत्रो का सस्वर गायन सुनते रहे।
सामवेद की प्रचार प्रसार मे आपने अपना खुशी जताकर मुझे उत्साहित करने हेतु आपको बहुत बहुत धन्यवाद
Sir can I get your number.
@@DrGirijaprasadShadangi क्या आप यह बता सकते है कि किस शाखा के अंतरगत यह उच्चारण है। भारत में यह कहाँ है। धन्यवाद
@@jitendralohar7773 यह सामवेद के कौथुम शाखा अन्तर्गत है। यह दक्षिणभारत मे है। द्रविडपाठ के नाम से भी कहा जाता है।
कौथुम शाखा मे कई पाठ है जैसे की गुर्जर पाठ, काशीपाठ,द्रविडपाठ आदि, प्रान्त के भेद से कई पाठभेद दिखाइ देता है।
कौन जाने यह पाठ परम्परा का भेद को देखने पर सामवेद मे सहस्र शाखा होने का याद जरुर होता है।
@@DrGirijaprasadShadangi प्रभु! मैं भी सामवेदी हूँ। संध्या भी करता हूँ। कृपया कोई वीडियो बनाएं जिससे हम इस पाठ को सीख सकें। तथा कौथुमी आदि शाखाओं के पाठ में क्या भेद होता है?
To those wanting to know the meaning -
"Even hundreds of skies, hundreds of earths could be yours O Indra,
And a thousand suns don't reach your manifestation, O Vajri, nor both realms"
The mantra is basically Rigveda 8.70.5, seen by Puruhanman Angirasa, dedicated to the great Indra. Speaks about the manifestation of Indra, as the Will, the spontaneous and impulsive, mysterious force who drives the universe forward. His manifestation cannot be matched by hundreds of skies, hundreds of skies, thousands of suns.
In the Saman, the "huve" repeated not just creates an aesthetic effect but also adds to the fact that we are invoking (huve = "I invoke") Indra repeatedly, the effort from us being our best although it can never match His Greatness.
@Kiron Krishnan Thankyou very much. If all the works of Dr Girijaprasad can be translated into English and published, it will preserve our ancient knowledge. Or else Time and circumstance will take it all away if we are unworthy
Most of the hymns of the Sama Veda are basically just Rig Veda verses. These Rigveda verses are taken and then modified and altered by adding syllables and lullabies between them to fit some sort of a musical metre and melody. So as such these syllables such as "Hāovā" "aihoi" etc do not mean anything but they are inserted to fit the melodic metre.
It gives us a peek into what melodies were existing in 1000 BC India.
Why indra is praised so much when there us some negativity about him
@@raju1950 This is from Vedas. There's no negativity.
@@raju1950 indra is name of supreme God in vedas, the indra you see in TV is not the indra of veda, he is indra of puranas. puran followers like vaishanava and shaiva people insulted indra in their secterian puranas. hence indra is seen as bad guy and vihsnu and shiva are seen good guys
Saam ved is of all essence of our whole music
सामवेद संगीत का जननी है। यह आज का आधुनिक संगीत नहीँ है। परन्तु यहाँ पर सभी सप्त स्वरों का नाम, वर्ण, जाति, गुण, स्थान आदि का प्रप्रथम रूप से वर्णन और विनियोग है। इन स्वरों का विनियोग से गाया गया मन्त्रो को साम गान कहते है। यह गान चार प्रकार मे विभक्त है। ग्रामगेय गान, आरण्यक गान, ऊह गान और रहस्य गान है। गावोँ मे गाने जाने को ग्रामगेय , अरण्य मे गाये जाने को आरण्यक कहा जाता है। आज हम संगीत को गाँव के परिभाषा मे देखे तो यह सामगान के बहुत करीब है मिलते है। आधुनिक संगीत , शास्त्राीय संगीत , पारम्परिक संगीत के रुपसे यह समयानुकुल अभिवृद्धि को प्राप्त किया है।
सादर प्रणाम करता हूं गुरुदेव आपके मुख में सरस्वती जी का वास है ।
मैं आर्य समाज से हूं ,आपका सस्वर सामवेद पाठ सुनकर बहुत प्रसन्नता हुयी । परमपिता परमात्मा आपको दीर्घायु करे ।
Mai vi Aryasamaj se
मैं भी आर्य समाज से हूं
@@aryaanikdas7591 দাদা 😍🥰🥰🥰 এখানেও দেখা হয়ে গেল
में किसी आर्य समाज से नही हूँ
मैं भी आर्य 🙏
प्रणमामि 🙏🙏🙏
नमो नमः
ऊँ श्रियं श्रियै नमः 🌺💞❣️💞🌺
👁️🙏👁️🚩🚩🚩🚩माँ🚩🚩🚩🚩👁️🙏👁️
Tear in my eyes 🙏🙏🔥 this voice touches my heart 💓
Bahut aanad hua. Dhanyavad.
so divine.. dhanyavad pandidji🙏
आपको नमन वंदन वेद पुरुष भगवान की जय❤❤😊😊
आपको वेदभगवान का आशीर्वाद बने रहे
Tear in my eyes 🎉 this voice touches my heart 💗
अद्भुत प्रस्तुति। मे सामवेद की कौथुमशाखा पढा हुआ हु।
Wonderful ,it takes my mind to infinite world of celestial glory. Thank you 🙏
धन्यवाद
I learned samved Sola bhagvat vidhyapith ahmedabad Gujarat.
बहुत अच्छा। वेदानां सामवेदोस्मि । सामवेद के पढाई सोला भागवत विद्यापीठ अहमदावाद गुजरात मे पुराने समय से हो रहा है। आप धन्य हो। सामवेद से सम्बन्धित गान,ब्राह्मण, लक्षण, प्रातिशाख्य, भाष्य, प्रयोग, गृह्यसूत्र,श्रौतसूत्र और धर्मसूत्रो का सभाष्य अध्ययन करके बहुत सारे ज्ञान प्राप्त कर सकते है। मेरा शुभकामना है।
चरण स्पर्श गुरुजी
I bow to Shri, your voice it so powerful, the power of Bhakti. Thank you for sharing your voice.
धन्यवाद महोदय
Our ancestors on the bank of Saraswati.
I want to learn this now.
Ur great guruji...plz continue downloading other vdos too...my saastanga pranaam to you dearest swamy garu
बहुत सारे विडियो भेजा जा रहा है। आप इन सवसे लाभ प्राप्त करते होंगे।
जय हो गुरूजी
प्रस्तोता, उद्गाता, प्रतिहर्ता और
३ - ६ तक उपगाताओं का भी सामगान के अंतर्गत चयन किया जाता रहा है।
इन सबका एक समगान है सुनना चाहता हूं ।
हर साम का 5 या 7 भक्ति होते है। जैसे की - प्रस्ताव, उद्गीथ, प्रतिहार, उपद्रव और निधन इस प्रकार पाँच। हिम् ओर ओम् हो तो सात होता है। यज्ञ मे साम का आरम्भ भाग को प्रस्तोता गाने के कारण प्रस्तावभक्ति, उसका अगला भाग उद्गाता गाने पर उद्गीथ भक्ति इस प्रकार अन्तिम भाग को गाने पर निधनभक्ति कहा जाता है। सर्वेर्निधनम्। निधन भक्ति को सभी तीनो ऋत्विज मिलकर गाते है। इसका सही विधान आप श्रौत यागों मे देख सकते है। पुस्तक मे इसको जानने केलिये पर्व के बीच दो लिटि दिया जाता है। जिससे यह भक्ति सरल से समझ मे आ जाये।
@@DrGirijaprasadShadangi नमस्ते। मुझे इसी तरह के व्हिडिओ का इंतजार है। जो मैं देखना चाहता हूं।
इससे समाज का खुद की संस्कृति के बारे में ज्ञान अवश्य बढ़ेगा।
Very gud sir .can u help me i need a sama mantra need to learn it will tell u which mantra can u give sama for that
Namaskaaram - i can relate the richas from Taitreeya Aarnakyakam 1st prashnam ( Surya namaskaaram ) how this relates to Lakshmi sukta and why its termed as pushyam vairoopam - please tell me ji - thank you very much
अतीव सौंदर्य।
धन्यवाद
में भी सामवेदी कश्यप गोत्री हु. मुझे ये पुस्तक कहाँ मिलेगी सामवेद ऋचा गान की. इसका नाम बतावे.
Dr Girijaprasad Shadangi Tirupati
Mo 9951051209
Amazon per bhi mil jayegi Dr Girijaprasad Shadangi books karke search karenge to
@@DrGirijaprasadShadangi धन्यवाद जी बहोत बहोत
@@DrGirijaprasadShadangi धन्यवाद जी
This is really so beautiful
आप अब काम पर लगे हैं महात्मन
Jay mata laxmi
Wow😮So mesmerizing…
Pranam guruji
Namaste Sir, Please post more such videos
Namaste, will soon
Pranam vprothhama 🙏, please bless me
Shaashtaanga namaskarams - iam really interested in learning the Sama vedam - however am an yajur vedin and my adhyayanam is going on and on 🙏 - really liked your impeccable rendition 🙏🙏🙏 can you take the basics of maatraas and sas swaram intricacies involved in Sama vedam pleeeeeeez
सामवेद के बहुत सारे विडियो भेजा जा रहा है। ध्यान से सुनिये, सामवेद के ज्ञान जरुर प्राप्त होगी। आपके जिज्ञासा हेतु धन्यवाद।
🙏🙏🙏🙏
A Godly Heritage.
A great seva for Sama veda.can you send vinayaka sooktham all the 10
Verses with audio ?
U can start an online patasala !
Love and Blessings.
I am doing my best for yajur.
Sai Premi
Mera swasthaya thik ho jane ke bad karenge
This is so beautiful
साष्टांग प्रणाम स्वीकार करे पूज्य सामवेदाचार्यश्री।
गोभिलगोत्र सामवेदी ब्राह्मण हूँ, मुझे सामवेद अभ्यास करना है, कृपया मुझे सामवेद अध्ययन हेतु आपका सानिध्य कैसें प्राप्त हो यथासम्भव कोई मार्ग बताएं... पुनः सादर प्रणाम।
सामवेद भगवान आपके आशा पूरण करें ऐसी मेरी कामना है। आपके नजदीक कोई सामवेद के विद्वान गुरुजी है तो उनसे जरुर संपर्क करें। और हम यहाँ पर शुरु से सामगान के विडियो बनाकर भेज रहे है। उसका श्रवण करे।
Dr pls perform rudra suktam
सारे विडियो शुरु से भेजे जा रहे है।थोडे दिन मे यह भी आप को प्राप्त होगी। सामवेद के आरण्यक मे यह रुद्र सुक्तम् है।
Sir very beautiful recitation...kindly explain about the swaras used in sama veda...it will be useful for the beginners....we find difficult to follow the swaras....🙏
श्रीधर जी नमस्ते, सामवेद के बारे मे मेरे पुस्तक सामवेदीय प्रकृतिगानम् प्रकाशित है जो की अमेजन पर उपलब्ध है, आप कभी उसको देखे आपके जिज्ञासा जरुर शान्त होगा। कभी ज्यादा जानने का इच्छा हो तो मै आप लोगों का सेवा हेतु उपस्थित हुँ। email- gpshadangi@gmail.com
Vprothhama 🙏, please can u give manyusuktham vedio
मन्युसूक्त सामवेद मे उपलब्ध नहीँ है। यह ऋग्वेद से संबन्धित है। आप कोई ऋग्वेदी विद्वान से संपर्क करके प्राप्त कर सकते है।
Beautifull, it also need to be noted that the quran recitation come from the same sound of the 1st veda...many recorded historical proof available that the pre Islamic Arab worshipped hindu gods & lingual & culture as well proofs the same..
🙏🙏🌹🌹
Thanks for posting some excellent Sama Vedam content. Please post more of this🙏
खुब शीघ्र सामवेद से सम्बन्धित विडियो भेजुँगा, धन्यवाद महोदय
🙏
Very refined content Sir! Respect!! Kindly keep it up and post frequently!!
सामवेद के प्रशंसा करने हेतु आपको बहुत बहुत धन्यवाद
आदरणीय शुक्ल जीआप से स्वस्तिवाचन सुनना चाहते हैं
सामवेद मे स्वस्तवाचन हेतु गायन नहीँ है। स्वस्ति का मन्त्र 21 वा अध्याय मे विद्यमान है। स्वस्ति हेतु भद्रोनः सा के गायन किया जाता है।
I want participate in yganm by my name n gothram at sankalpa , can u give chance
So good
Great work
ये मेरे गुरुजी है जो श्री वेंकटेश्वर वेद विश्व विद्यालय तिरुपति म् सामवेद रानायनिय में प्रोफेसर है
Namaste Dr Girijaprasad ji, I would like to learn Saama chanting. Would you teach online ?
9951051209
🙏🙏🙏
Please upload more videos to learn and chant or recite samved mantras for beginners.
I am a bhramin and love to learn vedas..
Please help 🙏🙏
आप के लिये शुरु से सारे सामगान के विडियो बनाकर भेजा जा रहा है। यह आपकेलिये लाभदायक हो। मै आशा करता हुँ की आप इसका लाभ प्राप्त करते होंगे। धन्यवाद
Would you please tell something regarding the numbers used over each sound?
And may I know which portion of Saama Veda is this?
ऋचा के ऊपर लिखा हुआ 1 उदात्तस्वर, 2 स्वरित स्वर, 3 अनुदात्त स्वर है। 0 दीर्घस्वर के प्रतीक है। क - कम्पस्वर, उ- उत्स्वरित स्वर होता है। सामगान में कृ अथवा 11 को कृष्टस्वर, 1- प्रथम स्वर, 2 द्वितीय स्वर, 3 तृतीय स्वर, 4 चतुर्थ स्वर, 5 मन्द्र स्वर, 6 अतिस्वार्य स्वर कहते है। इसके अलावा वि - विनत स्वर, न- नमत स्वर, प्रेंख स्वर, सम्प्रसारण स्वर, कर्षणादि अवान्तर स्वर होते है। हो सके तो सामवेदीय प्रकृतिगानम् पुस्तक देखने पर यह सब विस्तार से जान पायेंगे।
@@DrGirijaprasadShadangi उत्तर देने के लिए बहुत धन्यवाद आपको
🙏
Charanvndan ❤😊
आशीर्वाद
सुंदर
Very very nice
🙏🌹🙏
🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️
Can please name the book displayed in your video 🙏🙏
SIR PLEASE TEACH US SIR!!!!!!!!!!!!!!!!!
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम गुरूदेव, रात्री सुक्त सामवेद के किस क्रम आरण्यक अथवा ग्राम गान आता है
आपका कृपाभिलाषी
गिरीधर
सामवेद मे यह नहीँ आता है।
@@DrGirijaprasadShadangiनमस्कार गुरुवर्य, Aranyakam 192 के साम ऋक् का शीर्षक रात्री सुक्त है, जो हमारे गुरु जी ने हमें सिखाया है, आप्रागाद्भद्रायुवतिः से शुरू होता है और वइष्वस्यजगतओ रआत्रीः। यह मुझे अभी मिला
श्री सामवेद के अंदर जो नंबरिंग की जाती है उसका क्या मतलब है जैसे की 1 2 3
सामवेद के ऋचा मे 1 - उदात्त, 2- स्वरित 3 अनुदात्त , 0 या "र" को दीर्घ , 'क' को कम्प, 'वि' को विनत, 'अ' को अभिगीत, प्र को प्रणत कहते है। इसके अलवा कृष्ट, 1 प्रथमस्वर, 2 द्वितीयस्वर, 3 तृतीय स्वर, 4 चतुर्थ स्वर, 5 मन्द्रस्वर, 6 को अतिस्वार स्वर कहते है। इस प्रकार से ऋचा और सामगान मे स्वर होते है। और विस्तार से जानना है तो सामवेद का प्रकृतिगानम् या नारदीयशिक्षा पुस्तक मे विस्तार से वर्णन है देख सकते है।
समवेद
मैं पत्रकार हुँ, News 24 से।
आपसे मिलने के इच्छुक हूं,
आपसे कैसे मिल सकता हूं बताएं
कृपा करें।
मै तिरुपति वैदिक विश्वविद्यालय मे कार्यरत हुँ। आप कभी तिरुपति आये तो हमलोग मिल सकते है।
9951051209
@@DrGirijaprasadShadangi❤❤❤ Jay ho
Agar koi or shakha ka hoga to description me likh dijiyega
I am also studying sama veda kauthum shakha
Sounds like Azaan
Never Knew that we should pronounce like this!!!
Great Finding 🙏
This is pure, traditional Samaganam.
Discovered by our great sages, we are just following them and this is our tradition to follow and respect them.
i apologies but i dont know how to do azaan is there any matruka rules for that i am curious about that please instruct me for that
@@DrGirijaprasadShadangi i am really curious when u will upload whole samved
No, it doesn't sound like Azaan. Azaan has a ghoulish feel to it and doesn't have much variations in pitch. Sama Veda is melodious and is the bedrock of classical Indian music.
वेद आपके धरोहर है। उसको जानना, आचरण मे लाना, प्रचार प्रसार करना, हमारा परम कर्तव्य है। भारत भूमि मे मनुष्य जन्म प्राप्त करके जिज्ञासा को पूरा न कर पाने का दुख रह जायेगा। वेद प्रभु ंसंहिता कहलाता है। उसमे जो कहा है सब कुछ त्रिकाल सत्य है। जानने की माध्यम मे सुनना, पढना आता है। मै आप लोगो को इस हेतु प्रचोदना केलिये यह काम कर रहा हुँ। योग क्षेमो न कल्पन्ताम्।
Sounds like indo european chant
श्रीमान् सामावेदाचार्य जी!आप के द्वारा लिखित्"प्रकृतिगानम् सामवेद"यह पुस्तक Amazon पे प्राप्त नही हों पा रहा हैं।कृपया काहा से प्राप्त करें यह पुस्तक? यह अवगत करायें!ईश्वर आप कों स्वास्थमय जीवन ओंर अनन्त शक्ति प्रदान करें।🙏🙏🙏
आपको अमेजन पर पुस्तक नहीँ प्राप्त होने पर , सीधी संपर्क करके पोष्टाल के माध्यम से मँगवा सकते है। पुस्तके भेज दी जायेगी। संपर्क संख्या 9951051209
Respected,
I need it.
Kindly share the link to download in pdf.
ओ३म्
If u want book it is available in Amazon. Search Dr Girijaprasad Shadangi,
@@DrGirijaprasadShadangi
Humble request to you Please share the link to purchase book online.
Kindly help confirm, is this the book for samveda kauthuma ganam?
PRAKRUTIGANA OF SAMAVEDA सामवेदीय प्रकृतिगानम् www.amazon.in/dp/935382768X/ref=cm_sw_r_apan_glt_fabc_WKQZKCV9WQC1FMWT8NZH
Yes This is Kouthum sakha
Sadngi ji aapne meri pratham varsh ki exam li thi.
Aap charodi me the?? I think so...
Ha
@@DrGirijaprasadShadangi 🙏🙏🙏🙏🙏
Sola bhagvat vidhyapith ahmedabad Gujarat
Ayushman Bhava
नमो नमः
गुरदेव प्रणाम
कृपया सामवेद में शांतिपाठ मंत्रो का उच्चारण बतावे
Ye jo bhi aap present kar rahe hain yah sab kouthum shakha ka hi hai na
Ji ha
Sir how can I learn saam ved at home.
I have some good students u may contact them. They will teach u.
@@DrGirijaprasadShadangi how can I contact them sir. Did they charge fees for it???
Namste apka no chahie
9951051209
अद्भुत अतिसुंदर शोभनम् श्री वेदपुरूषाय नमः
Resembles like Mosque shoting in speaker
Are you insane by birth or did a course?
🙏🙏🌹🌹
💐🙏🙏🙏💐
नमोनमः
9951051209