वाद्य यंत्र कहा और किसके सामने बजा रहे उसका अंतर है। देव शास्त्र गुरु के अभिवादन स्वागत के लिए बजाना आराधना है और अपनी गृहस्थी के कार्य के लिए बजाना गलत। जैसे महिलाओ को पराये पुरुषो के सामने नही नाचना चाहिए लेकिन जिनदेव की आरती के समय नृत्य करना भक्ति है
सार्वजनिक सभा में कैसी वाणी होनी चाहिए.आप बोलते है मैने आचार्य विद्यासागर महाराज के दर्शन किए और उन्हीसे खूप सिख लिया.मै जीवनभर आचार्य श्री के उपकार को नहीं भुलुंगा.आचार्यश्री ने अपने जीवन में किसी को भी एकभी शब्द गलत नहीं बोला.
मुनि श्री आप अनेकांत धर्म को नहीं समझ रहे धार्मिक कार्यक्रम में कोई महिला अभद्र पोशाक में नहीं बजाती धर्म प्रभावना के लिए 12.5करोड़ देव देवियां बाद्य बजाते हैं
@@vinitajain136 अनेकांत के नाम पर जैनत्व का रायता बना दिया है, सबका अपना अपना काम करना चाहिए, कलेक्टर चपडासी का काम नहीं किया जा सकता हैं कदाचित झाडू लगाने और आगंतुकों को जल पिलाने लगें तो कलेक्टर नहीं चपडासी कहलायेगा।
एक बात प्रसन्नसागर और इनके संघ के सहजसागर दोनों महाराज अपनी मर्यादा को लांघ चुके है बोलने में। कभी अपने को नहीं देखा इन्होंने, बस दूसरे संघों की खासकर आचार्य श्री विद्यासागर जी गुरुदेव की बुराई करने का काम है पुष्पदंतसागर के पूरे संघ का।
Wah kya gyaan h samosaran me karodo vadya Yantra kon bajata h dev log ya musalman aapke hisab se to maharaj wo dev log bhi bhahwan ke liye vadya Yantra na bajaye bus kuch sadhu ko Gali Dena aur samaj ko bhadkana ye hi kaam bacha h😢
आपको तो बस निंदा आलोचना के हेतु चाहिए आप को तो ईरिया समिति से अगवानी में जाना चाहिए महिलाओं को इतने गहराई से देखना और क्या वह बजाते हुए विदेशी नृत्य करते हुए जा रही थी
एकदम सही बात आचार्य श्री ने कही है।
महिलाओं ने यह काम नहीं करने चाहिए।
और जैन समाज की महिलाओं ने तो कतई नहीं करना चाहिए।
महिलाएं घर की लक्ष्मी है।
अति सुन्दर विवेचन समझदारों क़े लिये
Namostu Gurudev,apne bilkul sahi kaha hai,kadva jarur hai per ye batana samaj ko samjhana gurudev ka hi kaam hai
ऐसे प्रवचन सोशल मीडिया चैनल पर नहीं होने चाहिए किसी भी समाज के बारे में
@@AtulJain-v4x सबके सामने नृत्य तो किया जा सकता हैं जैन समाज की भद्र महिलाओं द्वारा।
आचार्य जी बात तो 100% सही है पर भाषा ठीक-ठीक नही लगी है
बात बहुत विचारणीय है?
महाराज जी को महिलाओं की भक्ति करने से भी परेशानी हो रही है, प्री वेडिंग की मना करो तो भी चलेगा।
Jey Jay gurudev Sahi baat Hai or sabhi guru Ji o ka Pravesh ke samaan hona chahiye
वाद्य यंत्र कहा और किसके सामने बजा रहे उसका अंतर है। देव शास्त्र गुरु के अभिवादन स्वागत के लिए बजाना आराधना है और अपनी गृहस्थी के कार्य के लिए बजाना गलत। जैसे महिलाओ को पराये पुरुषो के सामने नही नाचना चाहिए लेकिन जिनदेव की आरती के समय नृत्य करना भक्ति है
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Please delete this vedio this is not in public intrest
❤❤❤
Jai ho gurudev 🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
सार्वजनिक सभा में कैसी वाणी होनी चाहिए.आप बोलते है मैने आचार्य विद्यासागर महाराज के दर्शन किए और उन्हीसे खूप सिख लिया.मै जीवनभर आचार्य श्री के उपकार को नहीं भुलुंगा.आचार्यश्री ने अपने जीवन में किसी को भी एकभी शब्द गलत नहीं बोला.
भगवान ऋषभदेव ने शिल्प कर्म भी बताया है
मुनि श्री आप अनेकांत धर्म को नहीं समझ रहे धार्मिक कार्यक्रम में कोई महिला अभद्र पोशाक में नहीं बजाती धर्म प्रभावना के लिए 12.5करोड़ देव देवियां बाद्य बजाते हैं
I agree
अनेकांत यही समझना चाहिए और भी जगह समझो पहले आप
@@vinitajain136 अनेकांत के नाम पर जैनत्व का रायता बना दिया है, सबका अपना अपना काम करना चाहिए, कलेक्टर चपडासी का काम नहीं किया जा सकता हैं कदाचित झाडू लगाने और आगंतुकों को जल पिलाने लगें तो कलेक्टर नहीं चपडासी कहलायेगा।
ढोल बजाने से ओर वीणा बजाने में फर्क है ढोल बजाने से हिंसा होती है और हम अहिंसक प्रजाति के लोग है
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धर्म के काम में ढोल बजाने से धर्म का घाटा नहीं होता है अपितु जैन दर्शन में अहिंसा का मार्ग बताया गया है और ढोल बजाने से हिंसा होती है
गुरुदेव इसे जैन समाज का बैंड नहीं दिव्य घोष का ग्रुप कहते है ।
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु ,,,
शिखरजी में आपके भी दो दो अंतर मन निवास स्थल अच्छी लगे महाराज जी ।काफी पैसा जोड़ लिया है आपने इसलिए अधिक ज्ञान बांट रहे हैं।
एक बात प्रसन्नसागर और इनके संघ के सहजसागर दोनों महाराज अपनी मर्यादा को लांघ चुके है बोलने में। कभी अपने को नहीं देखा इन्होंने, बस दूसरे संघों की खासकर आचार्य श्री विद्यासागर जी गुरुदेव की बुराई करने का काम है पुष्पदंतसागर के पूरे संघ का।
नमोस्तु गुरुदेव ऋतु का नमोस्तु स्वीकार कीजिए रांची से 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नमोस्तु आचार्य श्री नमोस्तु आचार्य श्री नमोस्तु आचार्य श्री
बकवास समय के साथ परिर्वतन जरुर होता है रूढ़िवादी विचारधारा नहीं थोपना चाहिए आज के समय में सभी समझदार हैं।।।।।।।
100%write
गुरुदेव ने सही कहा है
Gurdev ne shi kha
Ye guru ji kaha par hai abhi kis Shahar me
छतरपुर में
Wah kya gyaan h samosaran me karodo vadya Yantra kon bajata h dev log ya musalman aapke hisab se to maharaj wo dev log bhi bhahwan ke liye vadya Yantra na bajaye bus kuch sadhu ko Gali Dena aur samaj ko bhadkana ye hi kaam bacha h😢
Maharaj shir me apse sehmat nahi hun ki unhe dhol ni bajane chahiye..par isse jarur sehmat hun ki kya kapde pehne hai iska dhyaan jarur rakhna chahiye
आपको तो बस निंदा आलोचना के हेतु चाहिए आप को तो ईरिया समिति से अगवानी में जाना चाहिए महिलाओं को इतने गहराई से देखना और क्या वह बजाते हुए विदेशी नृत्य करते हुए जा रही थी
महाराज श्री, अपना आत्म कल्याण में ध्यान लगाए, धर्म और समाज के ठेकेदार मत बनिए
इसको जयघोष कहा जाता है
Ye to dharm prbhavna me bhi aata h
गुरुदेव ने सही कहा है
Namostu Gurudev,apne bilkul sahi kaha hai,kadva jarur hai per ye batana samaj ko samjhana gurudev ka hi kaam hai
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